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100 बेड के तिब्बती हॉस्पिटल का उद्घाटन कर सकते हैं पीएम मोदी, ये मिलेंगी सुविधाएं

वाराणसी: युथोग सोवा रिग्पा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का उद्घाटन काशी के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। अगले दौरे पर वह इसका उद्घाटन भी कर सकते हैं। तीन हजार स्वायर मीटर में नौ मंजिला की 99 करोड़ की लागत से 100 बेड के अत्याधुनिक मेडिकल कॉलेज के पहले चरण का सिविल कार्य पूरा हो गया है।

मौजूदा स्थिति में चिकित्सीय उपकरण, फर्नीचर, इंटीरियर, बिजली के लिए फीडर का कुछ बाकी है। जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। सारनाथ में तिब्बती चिकित्सा पद्धति युथोग सोवा रिग्पा के लिए मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का निर्माण करा रही है। यहां सोवा रिग्पा पद्धति में इलाज के साथ शैक्षिक और रिसर्च का काम भी होगा।

मेडिकल कॉलेज के शुरू होने से उत्तर प्रदेश, कश्मीर, मुंबई, बिहार के अलावा भारत के सभी राज्यों में रहने वालों को भी चिकित्सीय लाभ मिलेगा। आयुर्वेद से मिलती-जुलती तिब्बती चिकित्सा पद्धति सोवा रिग्पा में भी असाध्य रोगों का इलाज है।
केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान सारनाथ की कुलसचिव डॉ. सुनीता चंद्रा ने बताया कि 37.95 करोड़ की लागत से जी प्लस 4 मंजिल के निर्माण का सिविल कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसके लिए 33 केवीए विद्युत आपूर्ति फीडर, मेडिकल उपकरण, फर्नीचर समेत अन्य आतंरिक काम बाकी हैं। इसे जल्द ही पूरा कराया जाएगा।

प्रथम चरण में 40 बेड के साथ अस्पताल शुरू करना प्रस्तावित है। इसमें ऑपरेशन थियेटर, ओपीडी, वार्ड, मोर्चरी, 500 लोगों की क्षमता के ऑडिटोरियम, पार्किंग की सुविधा होगी। कुल सचिव ने बताया कि संस्था में अभी छोटा हर्बल गार्डन है। सोवा रिग्पा पद्धति से इलाज के लिए संस्था औषधियां भी खुद बनाती है। वाराणसी में भी आगे चलकर हर्बल गार्डन बनाने की संभावना है। इससे रोजगार भी उपलब्ध होगा।

मेडिकल कॉलेज में ये मिलेंगी सुविधाएं
मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल में हेलिपैड प्रस्तावित है। सेमिनार, टीचिंग, रिसर्च और मरीजों का इलाज एक साथ करने वाला देश का यह बड़ा सेंटर होगा। ओपीडी, छह कंसल्टेंट रूम (ज्योतिष कंसल्टेंट भी होंगे), एक बड़ा वेटिंग हॉल ,अत्याधुनिक इमरजेंसी, इंटेंसिव केयर यूनिट, ऑपरेशन थियेटर, इंडोर पेशेंट, थेरेपी, फार्मेसी, क्लास रूम, लाइब्रेरी, म्यूजियम, लैब और नक्षत्र शाला होगी।
रिग्पा चिकित्सा पद्धति का इतिहास और महत्व

रिश्वत लेते नलकूप खंड का वरिष्ठ सहायक गिरफ्तार, पेंशन-ग्रेच्युटी के नाम पर मांगे थे 10 हजार रुपये

बरेली: बरेली में एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सोमवार को नलकूप खंड द्वितीय के वरिष्ठ सहायक निर्भय हिंद आजाद को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। एंटी करप्शन में फरीदपुर के निवासी राकेश कुमार सिंह ने शिकायत की थी कि उनसे पेंशन और ग्रेच्युटी के नाम पर 10 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं।

उनकी शिकायत पर जांच कराई गई। आरोप सही निकले। वरिष्ठ सहायक ने राकेश कुमार को बुलाया था। उन्होंने वहां जाने से पहले एंटी करप्शन को सूचित कर दिया। टीम ने आरोपी बाबू को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिय। आरोपी के खिलाफ कोतवाली में ही रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है।

अखिलेश ने किया था शिलान्यास, योगी ने उद्घाटन…फिर भी है बगैर संसाधन

अलीगढ़: अलीगढ़-कानपुर मार्ग (जीटी रोड) पर अकराबाद थाना क्षेत्र के गांव जसरथपुर में बने ट्रॉमा सेंटर का शिलान्यास 15 दिसंबर 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। जबकि 5 जून 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया। लेकिन फिर भी इस ट्रॉमा सेंटर पर संसाधन नहीं हैं। डॉक्टरों तक का टोटा है। यह केवल रेफरल सेंटर बनकर रह गया है। यहां पहुंचने वाले घायल भी भगवान भरोसे ही रहते हैं।

अलीगढ़ में जीटी रोड पर सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। दुर्घटना के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए गांव जसरथपुर में ट्रॉमा सेंटर खोला गया। यह ट्रॉमा सेंटर एटा, सिंकदराराऊ, कासगंज मार्ग पर होने वाले हादसों के घायलों को इलाज मुहैया कराने के लिए सबसे निकटतम सेंटर है। लेकिन यहां घायलों को इलाज मिल ही नहीं पा रहा है। न पर्याप्त डॉक्टर हैं और न ही दूसरे संसाधन। यह हालात तब हैं जब ट्रॉमा सेंटर के रिकार्ड के अनुसार, यहां रोजाना 20-30 घायल इलाज के लिए पहुंचते हैं।

पूरे स्टाफ की नहीं है तैनाती
इमरजेंसी डॉक्टर नरेंद्र तिवारी ने बताया कि हादसे में घायल मरीजों को प्राथमिक उपचार देकर उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया जाता है। अभी चिकित्सकों सहित नर्सिंग स्टाफ की पूरी तैनाती नहीं है। सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

नियुक्ति के लिए भेजा गया है प्रस्ताव
सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। शीघ्र ही चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाएगी। इसके बाद ट्रॉमा सेंटर उचित तरीके से क्रियाशील हो जाएगा। वर्तमान में दो डॉक्टरों की तैनाती है। एक डॉक्टर स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण छुट्टी पर चल रहे हैं।

मायावती बोलीं- जनता भाजपा की नीतियों से दुखी पर कांग्रेस भी समस्याओं का समाधान नहीं

लखनऊ:  बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उत्तराखंड में जनता भाजपा सरकार की गलत नीतियों व द्वेषपूर्ण कार्यशैली से लोग दुःखी हैं। हालांकि, कांग्रेस भी उनकी गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, असुरक्षा आदि से त्रस्त जीवन का समाधान नहीं है। वो उत्तराखंड के बसपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ समीक्षा बैठक में बोल रही थीं।

उन्होंने एक्स पर कहा कि उत्तराखण्ड में पार्टी संगठन के कार्यों, पार्टी के जनाधार को बढ़ाने तथा बसपा पार्टी व मूवमेन्ट से जुड़े खास मुद्दों के साथ ही राज्य में हाल में हुए विधानसभा उपचुनाव आदि पर पार्टी के वरिष्ठ व जिम्मेदार लोगों के साथ नई दिल्ली में सोमवार को आयोजित बैठक में गहन समीक्षा की गई।

कुल मिलाकर, उत्तराखंड में भाजपा सरकार की गलत नीतियों व द्वेषपूर्ण कार्यशैली से लोग दुःखी हैं, जिसको लेकर जनता को जागरुक करना है कि कांग्रेस भी उनकी गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, असुरक्षा आदि से त्रस्त जीवन का समाधान नहीं है बल्कि बहुजनों को खुद अपने पैरों पर खड़ा होना है।

बता दें कि उत्तराखंड में हुए उपचुनाव में भाजपा को दो सीटों पर हार मिली है। यहां की बद्रीनाथ सीट पर भी भाजपा की हार हुई है।

शाइन सिटी इंफ्रा के प्रेसीडेंट को पुलिस ने दबोचा, 60 हजार करोड़ के घोटाले में है आरोपी

लखनऊ:  किस्तों पर प्लाट देने की स्कीम बता कर लोगों से करोड़ों की ठगी के आरोपी शाइन सिटी इंफ्रा के प्रेसिडेंट को अलीगंज पुलिस ने सोमवार को रविंद्र गार्डन से गिरफ्तार कर लिया। उस पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था।डीसीपी उत्तरी अभिजीत आर शंकर के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी फैजाबाद का पूरा कलंदर निवासी ज्ञान प्रकाश उपाध्याय है। 60 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला करने वाले राशिद नसीम के साथ आरोपी भी जुड़ा हुआ था।

ज्ञान के खिलाफ गोमतीनगर थाने में ठगी के दो मामले दर्ज हैं। पूछताछ में ज्ञान ने बताया कि 2013 में राशिद ने भाई आसिफ के साथ शाइन सिटी इंफ्रा के नाम से फर्म रजिस्टर कराई थी। आरोपियों ने आसान किस्तों पर लोगों को प्लॉट देने की योजना बनाई थी।र्म से हजारों निवेशक जुड़ थे। इसके बाद जमीन के साथ क्रिप्टो करेंसी और पोंजी स्कीम भी शुरू की गईं। निवेशकों को मुनाफे का प्रलोभन देकर कंपनी ने उनके रुपये हड़प लिए थे।

तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नामंजूर, AIMPLB के समर्थन में उलमा

सहारनपुर: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजारा भत्ता दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नामंजूर कर दिया है। AIMPLB सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के विरोध में खुलकर सामने आ गया है।बोर्ड ने फैसले को मुस्लिम पर्सनल लॉ और मौलिक अधिकारों के खिलाफ बताते हुए पूरी तरह अस्वीकार्य करार दिया है। बोर्ड ने फैसले और उत्तराखंड में प्रस्तावित समान नागरिक संहिता यानी UCC के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर कानूनी जंग लड़ने की घोषणा की है। रविवार को हुई बोर्ड की बैठक में सभी 51 सदस्य मौजूद थे।

बोर्ड के प्रवक्ता सैयद कासिम रसूल इलियास ने बताया कि बैठक में मुस्लिम महिला गुजारा भत्ता और उत्तराखंड UCC पर लंबा विमर्श हुआ। इसके बाद, प्रस्ताव पारित कर गुजारा भत्ते से जुड़े फैसले को वापस कराने के लिए हरसंभव प्रयास का फैसला किया गया। बैठक में यूसीसी को भी मुस्लिम पर्सनल लॉ और शरिया के खिलाफ मानते हुए रोक लगाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने पर सहमति बनी।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला शरिया कानून से टकराव पैदा करने वाला है। जैसे हिंदुओं के लिए हिंदू कोड बिल है, उसी तरह मुसलमान शरिया कानून का पाबंद है। धर्म के तहत जिंदगी गुजारना मौलिक अधिकार है। औरतों की भलाई के नाम पर आए इस फैसले से औरतों का भला नहीं, नुकसान होगा।

बोर्ड के समर्थन में उतरे उलमा
तलाकशुदा महिलाओं को गुजारा भत्ता देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर AIMPLB ने अपना रुख साफ किया है। इस पर उलमा ने भी बोर्ड के रुख का समर्थन किया है।

तंजीम इत्तेहाद उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना मुफ्ती असद कासमी से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि मुसलमान शरीयत पर चलता है और कुरआन-ए-करीम की शिक्षा का पालन करते हैं और मोहम्मद साहब के बताए रास्ते पर चलते हैं।उन्होंने कहा कि तलाकशुदा महिलाओं को गुजारा भत्ता देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जो रुख ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का है। हम भी उनके रुख के साथ है। बोर्ड के हर फैसले पर हम उसके साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े हैं। कहा कि बोर्ड और मुल्क के उलमा का इस मुद्दे पर जो भी रुख है। तंजीम इत्तेहाद उलमा-ए-हिंद का भी वही रुख है।

शरद पवार पर निशाना साधने के बाद उनसे मिलने पहुंचे अजित गुट के छगन भुजबल, सियासी गलियारों में हलचल

मुंबई: महाराष्ट्र की राजनीति में सोमवार को एक अलग ही समीकरण देखने को मिला। एक दिन पहले जिस नेता को शरद पवार पर मराठा आरक्षण की बैठक में शामिल नहीं होने के लिए जमकर निशाना साधते देखा गया था, वहीं आज उन्हें उनसे मुलाकात करते देखा गया। जी हां, हम राज्य मंत्री छगन भुजबल की बात कर रहे हैं। दरअसल, पहले से ही ऐसी खबरें आ रही थीं कि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार गुट के कुछ नेता नाराज हैं और वो शरद पवार के साथ जा सकते हैं। इसी बीच, सोमवार को अचानक ही अजित गुट के दिग्गज नेता भुजबल शरद पवार से मुलाकात करने के लिए पहुंच गए।

एक दिन पहले किया था हमला
ये मुलाकात ऐसे वक्त पर हुई है, जब एक दिन पहले ही छगन भुजबल ने शरद पवार पर जोरदार हमला किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र में जिस तरह मराठा आरक्षण पर लोगों को भड़काया जा रहा है, उसके पीछे शरद पवार ही हैं और अब आज वह उनसे मिलने उनके घर ‘सिल्वर ओक’ पहुंच गए।

मुलाकात की वजह साफ नहीं
उन्होंने अभी तक मुलाकात की कोई वजह नहीं बताई है। खबरों की मानें तो शरद पवार और छगन भुजबल के बीच यह मुलाकात मराठा बनाम ओबीसी के बीच हो रही लड़ाई के चलते हुई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नौ जुलाई को ओबीसी के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें विपक्ष का कोई नेता शामिल नहीं हुआ था। इससे पहले रविवार को छगन भुजबल ने बारामती में शरद पवार का नाम लिए बिना उन पर दो समाज के बीच दरार डालने का आरोप लगाया था।

बारामती से फोन आने के बाद आरक्षण की बैठक में नहीं आए एमवीए नेता
भुजबल ने दावा किया था कि आरक्षण को लेकर होने वाली बैठक में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नेता इसलिए नहीं आए थे, क्योंकि उन्हें बारामती से फोन आ गया था। बता दें कि बारामती लोकसभा सीट शरद पवार का गढ़ मानी जाती है।

एनसीपी के अंदर दरार?
एनसीपी के सूत्रों का कहना है कि भुजबल को लग रहा था कि पार्टी में उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। वह अजित पवार के संगठन के साथ हैं, लेकिन पार्टी के भीतर राजनीतिक रूप से अलग-थलग पड़ गए हैं।

भुजबल की शरद पवार के साथ मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर राज्य के मंत्री और भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि महाराष्ट्र में यह परंपरा रही है कि राजनीतिक नेता वैचारिक मतभेदों से परे रहते हुए आपस में चर्चा करते हैं। दो नेताओं के बीच हर बातचीत की जांच करना और समय से पहले कुछ भी बोलना गलत है।

वाल्मिकी कॉरपोरेशन घोटाले पर हंगामा, भाजपा का आरोप- दिल्ली कांग्रेस का एटीएम बनी कर्नाटक सरकार

बंगलूरू: कर्नाटक में भाजपा ने सोमवार को महर्षि वाल्मिकी जनजातीय विकास निगम में हुए कथित घोटाले के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा नेताओं ने सरकार के खिलाफ विधानसभा तक विरोध मार्च निकाला। कर्नाटक में महर्षि वाल्मिकी जनजातीय विकास निगम में कथित तौर पर 180 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला हुआ है। एसआईटी द्वारा इसकी जांच की जा रही है।

भाजपा का आरोप- दलितों की रकम को लूटा गया
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि सिद्धारमैया सरकार में कई घोटाले और धांधली का खुलासा हुआ है। इस सरकार ने लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा किया था। सिद्धारमैया ने सीएम बनने से पहले दलितों और आदिवासियों की बेहतरी के लिए काम करने की बात कही थी, लेकिन ये सरकार पूरी तरह से असफल हुई है। भाजपा नेता सीटी रवि ने कहा कि ‘उन्होंने (कांग्रेस) महर्षि वाल्मिकी जनजातीय विकास निगम के पैसे को लूटा। कांग्रेस ने इस पैसे का इस्तेमाल चुनाव में किया। यह हमारा कर्तव्य है कि हम दलितों को न्याय दिलाएं। दलितों का पैसा लूटा गया है। हम इस पर चुप नहीं रह सकते। दूध, पेट्रोल समेत कई अन्य चीजों के दाम बढ़ा दिए गए हैं।’

कर्नाटक विधानसभा में नेता विपक्ष आर अशोक ने कहा कि 180 करोड़ का ये बड़ा घोटाला है। सरकार के पास पैसा नहीं बचा है और इसलिए वे हर चीज के दाम बढ़ा रहे हैं। दूध और पेट्रोल के दाम बढ़ ही चुके हैं। उन्हें आम आदमी की चिंता नहीं है। कर्नाटक कांग्रेस, दिल्ली कांग्रेस का एटीएम बन गई है

सरकार ने भाजपा पर लगाए आरोप
भाजपा पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि कोई घोटाला नहीं हुआ है। सभी घोटाले भाजपा द्वारा उनके कार्यकाल में किए गए। अब हम सबकुछ साफ करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे इसे पचा नहीं पा रहे क्योंकि इससे उन्हें उनके नामों का खुलासा होने का डर है। कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि एसआईटी का गठन कर दिया गया है। रिपोर्ट आने दीजिए, वो (भाजपा) इतनी चिंता क्यों कर रहे हैं। भाजपा मंत्रियों ने ही इसकी शुरुआत की थी। MUDA मुद्दे की जांच के लिए भी सिंगल जज पीठ का गठन कर दिया गया है। भाजपा की जो भी चिंता है, उसे पार्टी को विधानसभा में पूरे तथ्यों के साथ उठाना चाहिए।

कांग्रेस विधायक और वाल्मिकी कॉरपोरेशन बोर्ड के अध्यक्ष बासनगौड़ा दद्दाल ने कहा कि ‘वह विधानसभा सत्र में शामिल होने जा रहे हैं। उसके बाद ही वह इस मुद्दे पर कुछ बोलेंगे। मेरा मोबाइल ऑन है और मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा। ईडी के नोटिस की अभी तक मुझे कोई जानकारी नहीं है।’

‘भगवान जगन्नाथ ने बचाई डोनाल्ड ट्रंप की जान’, 1976 की घटना का जिक्र कर इस्कॉन ने किया बड़ा दावा

कोलकाता: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हाल ही में हुए हमले को लेकर दुनियाभर में चर्चाएं हो रही हैं। कोई ट्रंप की सुरक्षा में लगे कर्मचारियों पर सवाल खड़े कर रहा तो कोई हमलावर की उम्र पर बात कर रहा। इस बीच, इस्कॉन की तरफ से एक बड़ा दावा किया गया है। कहा जा रहा है कि ट्रंप की जान भगवान जगन्नाथ ने बचाई है।

1976 की रथयात्रा का किया जिक्र
इस्कॉन मंदिर कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक लंबा सा पोस्ट साझा किया है। उन्होंने कहा कि सच में ट्रंप की जान बचने के पीछे भगवान का हाथ है। ट्रंप को भगवान जगन्नाथ ने बचाया है। इसके लिए उन्होंने 1976 की रथयात्रा का जिक्र किया।

गौरतलब है कि रविवार सुबह-सुबह ये जानकारी सामने आई थी कि पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के ऊपर गोलियां चलाई गई थीं। हालांकि, वह बाल-बाल बच गए। इस घटना में उनके कान में चोट लगी थी।

ठीक 48 साल पहले…
इस्कॉन मंदिर के प्रवक्ता ने कहा, ‘ठीक 48 साल पहले डोनाल्ड ट्रंप ने जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव को बचाया था। अब उन्हीं की कृपा से ट्रंप की जान बची है। आज जब पूरी दुनिया जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, ऐसे में ट्रंप पर हमला किया गया। जगन्नाथ ने उनके सुकर्मों का फल दिया और ट्रंप की जान बच गई।’

राधारमण दास ने कहा कि जुलाई 1976 में डोनाल्ड ट्रंप ने रथों के निर्माण के लिए मुफ्त में अपना ट्रेन यार्ड देकर इस्कॉन भक्तों को रथयात्रा आयोजित करने में मदद की थी। आज जब दुनिया नौ दिवसीय जगन्नाथ रथयात्रा उत्सव मना रही है, तो वहीं उन पर यह भयानक हमला और उनका बाल-बाल बचना जगन्नाथ की ईश्वरीय करुणा को दर्शाता है।

संसद में धन विधेयक के सहारे कानून बनाने के खिलाफ SC में याचिका, CJI बोले- संविधान पीठ गठित होगी

नई दिल्ली आधार अधिनियम जैसे कानूनों को धन विधेयक के रूप में पारित करने की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं। अब सुप्रीम कोर्ट इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए एक पीठ गठित करने पर विचार कर रहा है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से अपील करते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिकाओं की सूचीबद्ध करने की जरूरत है ताकि उन पर सुनवाई हो सके।

याचिकाओं में सरकार पर लगाए गए आरोप
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ‘जब मैं संविधान पीठों का गठन करूंगा, तब इस पर फैसला लूंगा।’ दरअसल धन विधेयक को लेकर विवाद तब उठा जब सरकार ने आधार अधिनियम और धन शोधन निवारण अधिनियम में कई संशोधनों को धन विधेयक के रूप में पेश किया था। इसके चलते इन विधेयकों को राज्यसभा में पेश नहीं किया गया, जहां सरकार के पास बहुमत नहीं था। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की गईं। याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि सरकार ने राज्यसभा को दरकिनार करने के लिए ही कानूनों को धन विधेयक के रूप में पारित कराया।

सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएलए कानून की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा था, लेकिन इसने इस मुद्दे को खुला रखा कि क्या पीएमएलए में संशोधन को धन विधेयक के रूप में पारित किया जा सकता है। इस सवाल पर सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा विचार किया जाना था। सात जजों की पीठ पहले से ही धन विधेयक को परिभाषित करने के संवैधानिक प्रश्न और किसी विधेयक को धन विधेयक के रूप में प्रमाणित करने के लोकसभा स्पीकर के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र के दायरे पर विचार कर रही है।

क्या होता है धन विधेयक
गौरतलब है कि धन विधेयक एक ऐसा विशेष विधेयक है, जिसे केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है। और राज्यसभा उसमें संशोधन या अस्वीकृति नहीं कर सकती। उच्च सदन सिर्फ सिफारिशें कर सकता है और लोकसभा द्वारा उन सिफारिशों को माना भी जा सकता है और नहीं भी। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 110 के तहत परिभाषित मनी बिल, टैक्स, सार्वजनिक खर्च आदि जैसे वित्तीय मामलों से संबंधित है। राज्यसभा इस विधेयक में संशोधन या अस्वीकृति नहीं कर सकती।