Thursday , October 24 2024

Editor

रणवीर सिंह-वीर पहाड़िया ने किया नागिन डांस, यूजर बोले- जान्हवी के देवर को ज्यादा पैसे दिए हैं

रील लाइफ हो या रियल, दोनों में ही रणवीर सिंह का डांस देखने लायक होता है। रणवीर को अक्सर जोरदार ढंग से नाचते हुए देखा जाता है। हाल ही में हुई अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी में रणवीर सिंह को फिर से नाचने का मौका मिला तो वो बिल्कुल नहीं चूके। उनके डांस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

नागिन बने रणवीर सिंह
रणवीर सिंह और वीर पहाड़िया का साथ में डांस करते हुए का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वीर को जमीन पर लेटकर और रणवीर सिंह को नागिन डांस करते हुए देखा जा सकता है। दोनों पूरे मजे से नाच रहे हैं और खूब आनंद ले रहे हैं।

यूजर्स ने किए मजेदार कमेंट
किसी कलाकार की कोई वीडियो वायरल हो और सोशल मीडिया यूजर्स उस पर कमेंट ना करें, ऐसा होता ही नहीं है। इस वीडियो पर भी यूजर्स की मजेदार टिप्पणियां पढ़ने को मिली। एक यूजर ने लिखा कि जान्हवी कपूर के देवर को कुछ ज्यादा ही पैसे दिए गए हैं। वे लोग जो इस कमेंट का संदर्भ नहीं जान पाए उन्हें बता दें कि इन दिनों बी-टाउन में जान्हवी कपूर के वीर पहाड़िया के बड़े भाई शिखर पहाड़िया को डेट करने की चर्चाएं जोरों पर चल रही है।

रणवीर को नागमणि चाहिए क्या?
एक यूजर ने लिखा कि रणवीर को नागमणि चाहिए क्या? इतना उछल रहा है। वहीं, एक दूसरे यूजर ने लिखा कि एक घड़ी के लिए क्या-क्या करना पड़ रहा है। इस कमेंट का संदर्भ भी आपको बता देते हैं। अनंत अंबानी ने अपने 25 साथियों को दो करोड़ रुपये की घड़ियां तोहफे में दी हैं।

‘छेनू’ का किरदार, ‘खामोश’ डायलॉग, शत्रुघ्न ने यूनिट को दी थी अपनी एक महीने की सैलरी

शत्रुघ्न सिन्हा आज अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनके जन्म दिन के अवसर पर आपको बताते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प और अनोखी कहानी। फैंस शॉटगन यानी शत्रुघ्न सिन्हा की फिल्मों को देखना आज भी पसंद करते हैं। ‘काला पत्थर’ उनके फिल्मी करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई थी। यह फिल्म शत्रुघ्न सिन्हा के करियर के लिए किसी वरदान से कम नही थी। अपने दौर के बेहतरीन अभिनेताओं में शुमार रहे शत्रुघ्न ने हीरो के अलावा विलेन के रोल में भी बखूबी निभाए हैं। पर्दे पर जब भी शत्रुघ्न आते तो थिएटर में ऑडियंस उनके लिए सीटियां बजाती थीं।

15 जुलाई, 1946 को बिहार के पटना में जन्में शत्रुघ्न सिन्हा का नाम भगवान राम के नाम पर रखा गया था। इसके पीछे एक रोचक और अनोखी कहानी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शत्रुघ्न सिन्हा के माता-पिता बेऔलाद थे। संतान प्राप्ति के लिए पिता भुवनेश्वरी प्रसाद सिन्हा और मां श्यामा देवी ने राम रमापति बैंक से ‘राम’ नाम का कर्ज लिया था। उसी कर्ज के आशीर्वाद से उन्हें चार पुत्र हुए, जिसमें से शत्रुघ्न सबसे छोटे बेटे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘एनिथिंग बट खामोश’ में इसका जिक्र किया है। मान्यता है कि इस अनोखे बैंक में मन्नत मांगने वाले को 1.25 लाख बार राम के नाम का लिखना होता है। यह एक साल तक करना होता है। इसके लिए बैंक में अकाउंट भी खुलवाया जाता है।

जब भुवनेश्वरी प्रसाद सिन्हा का पहला बच्चा पैदा हुआ, तो उसका नाम राम रखा गया। इसी तरह दूसरे, तीसरे और चौथे बच्चे का नाम लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न रखा। मन्नत राम नाम के आशीर्वाद से पूरी हुई थी, इसलिए बच्चों का नाम भगवान राम और उनके भाइयों के नाम पर रखा गया। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने बेटों का नाम भी ‘रामायण’ के पात्रों पर ही रखा है। उनके जुड़वा बेटों का नाम भगवान राम के बेटों लव और कुश पर ही आधारित है। यही नहीं बल्कि शत्रुघ्न सिन्हा के बगले का नाम ‘रामायण’ है।

‘जली तो आग कहते हैं, बुझे तो राख कहते हैं, जिस राख से बारूद बने उसे विश्वनाथ कहते हैं।’ शत्रुघ्न सिन्हा द्वारा बोला गया ये डायलॉग आज भी लोगों के बीच बेहद प्रसिद्ध है। 1969 में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने वाले शत्रुघ्न सिन्हा राजनीति में आने से पहले फिल्मों में खूब नाम कमा चुके हैं। एक्टिंग को लेकर उनका पैशन ही था, जिस कारण खुद में कॉन्फिडेंस न होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और बॉलीवुड में धाक जमाने के लिए लग गए कमर तोड़ मेहनत की।

शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने फिल्मी करियर में बेहतरीन फिल्में की हैं। जिनमें ‘मेरे अपने’, ‘कालीचरण’, ‘विश्वनाथ’, ‘दोस्ताना’, ‘शान’, ‘क्रांति’, ‘नसीब’, ‘काला पत्थर’, ‘लोहा’ जैसी एक से बढ़कर एक फिल्में शामिल हैं। शत्रुघ्न सिन्हा पटना साइंस कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद पुणे के ‘फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ से पढ़े। एफटीआईआई में आज भी शत्रुघ्न के नाम पर डिप्लोमा कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप दी जाती है। पुणे से शत्रुघ्न सिन्हा मुंबई आ गए. उन्होंने देव आनंद की फिल्म ‘प्रेम पुजारी’ में एक पाकिस्तानी मिलिट्री अफसर का किरदार निभाकर अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी।

शत्रुघ्न सिन्हा ने गुलजार की फिल्म ‘मेरे अपने’ में ‘छेनू’ का किरदार निभाया था, जो काफी प्रसिद्ध हुआ था। ‘कालीचरण’ फिल्म में काम करके शत्रुघ्न बॉलीवुड की लाइमलाइट में आए थे। ‘कालीचरण’ रिलीज होने के बाद 24 घंटे में शत्रुघ्न ने यूनिट मेंबर्स को अपनी एक महीने की सैलरी को बोनस के रूप में देने का ऐलान कर दिया था।

आज का राशिफल: 15 जुलाई 2024

मेष राशि: 
आज आप उन्नति की राह पर आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे। पारिवारिक जीवन में खुशियां बनी रहेंगी। साझेदारी में किसी काम को करना आपके लिए अच्छा रहेगा। आपका कोई मित्र आपसे किसी बात के लिए नाराज हो सकता है। जमीन जायदाद से जुड़े मुद्दे आपको परेशान करेंगे। माता-पिता के आशीर्वाद से आप किसी नए बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं। आप परिवार के सदस्यों के साथ किसी पिकनिक आदि पर जाने की योजना बनाएंगे।
वृष राशिः 
आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहने वाला है। सरकारी क्षेत्र पर आप पूरा ध्यान देंगे। आपको विरोधियों से आपको सावधान रहने की आवश्यकता है। आप किसी से धन उधार ना लें। आपका अपने किसी काम के पूरा होने से आपका मन प्रसन्न रहेगा। प्रेम जीवन जी रहे लोगों के विवाह में आ रही समस्याएं दूर होगी। आपको अपनी किसी पुरानी गलती से सबक लेना होगा। आप तरक्की की राह पर आगे बढ़ेंगे। विद्यार्थियों के उच्च शिक्षा के मार्ग प्रशस्त होंगे।
मिथुन राशि : 
आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहने वाला है। प्रॉपर्टी डीलिंग का काम कर रहे लोगों को कोई बड़ी डील हाथ लग सकती है। आप अपने बिजनेस में कोई बदलाव करने की योजना बनाएंगे, जो आपके लिए अच्छी रहेगी। आप अपने घर को रेनोवेट कराने पर भी अच्छा खासा धन खर्च करेंगे। आपकी यदि किसी काम को लेकर समस्या चल रही थी, तो वह दूर होती दिख रही है। घूमने फिरने के दौरान कोई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।
कर्क राशि:
आज का दिन आपके लिए प्रभाव व प्रताप में वृद्धि लेकर आने वाला है। आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। आपको किसी काम को लेकर योजना बनाकर आगे बढ़ना होगा। आपका अपनी भौतिक सुविधाओं पर पूरा ध्यान रहेगा। जो जातक सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे हैं, उन्हें अपनी मेहनत में कोई असर नहीं छोड़ती है। आप किसी से धन उधार ना लें, नहीं तो आपको उसे उतारने में समस्या आएगी। आप अपने अपने किसी मित्र के लिए कुछ रुपयों का इंतजाम करना पड़ सकता है।
सिंह राशि: 
आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहने वाला है। आपको अपनी वाणी व व्यवहार पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता है। आपके किसी मित्र की सेहत की आपको चिंता सता सकती है। आपको अपने खर्चो के कारण समस्या आएगी, जिन पर आपको कंट्रोल करना होगा। आप यदि किसी नए काम में निवेश करेंगे, तो आपके लिए अच्छा रहेगा। आपके पिताजी किसी चीज की फरमाइश कर सकते हैं। आप अपनी व्यवहार में अहंकार न लाएं।
कन्या राशि: 
आज आपको सोच समझकर काम करना होगा। संतान पक्ष की ओर से आपको कोई खुशखबरी मिलने से माहौल खुशनुमा रहेगा। परिवार में किसी सदस्य के करियर की आपको चिंता सता सकती है। आपको किसी पुरानी गलती से सबक लेना होगा। गृहस्थ जीवन में चल रही समस्याओं से काफी हद तक राहत मिलेगी। आपको अपने सहयोगियों से अपने मन की बात को कहने का मौका मिलेगा। आपका कोई धन से संबंधित मामला यदि लंबे समय से परेशान कर रहा था, तो वह सुलझेगा।
तुला राशिः 
आज का दिन राजनीतिक क्षेत्र में कार्यरत लोगों के लिए अच्छा रहने वाला है। आपकी पद व प्रतिष्ठा बढ़ेगी। आप उन्नति के राह पर आगे बढ़ेंगे। किसी काम को लेकर आपको योजना बनाकर आगे बढ़ना होगा। पारिवारिक जीवन में सुख शांति बनी रहेगी। आप किसी धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। आपकी कुछ रसूखदार लोगों से मुलाकात होगी। आप अपने बिजनेस को लेकर सतर्क रहें और किसी से बिना मांगे कोई सलाह न दें। आप कोई बड़ा निर्णय ना लें।
वृश्चिक राशिः 
आज आप कोई भी काम सोच समझ कर करें। नौकरी को लेकर आपके प्रयास अच्छे रहेंगे। वैवाहिक जीवन में चल रही समस्याओं से आपको छुटकारा मिलेगा। साझेदारी में आपको किसी काम को करना अच्छा रहेगा। आप किसी सरकारी योजना का पूरा लाभ उठाएंगे। आपके रहन-सहन के स्तर में सुधार आएगा। आप अपने खर्चों पर ध्यान लगाए और आप अपनी सुख सुविधाओ की वस्तुओं की खरीददारी पर अच्छा धन खर्च करेंगे।
धनु राशिः 
आज का दिन रोजगार की तलाश कर रहे लोगों के लिए अच्छा रहने वाला है। प्रेम जीवन जी रहे लोग अपने साथी के साथ रोमांटिक मूड में रहेंगे, जिससे चिंता नहीं रहेगी। आप अपने बिजनेस को लेकर कुछ प्लानिंग करके आगे बढ़ें , नहीं तो आपसे कुछ गड़बड़ी हो सकती है। आपकी किसी नए काम के प्रति रुचि जागृत हो सकती है। आपको किसी काम में परिवार के सदस्यों का पूरा सहयोग मिलेगा। परिवार में किसी मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है।
मकर राशिः 
आज का दिन आपके लिए खर्च भरा रहने वाला है। आपके विरोधी आपको परेशान करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। आप किसी को भी बिना मांगे कोई सलाह ना दें। आपके खर्च बढ़ने से आपकी आर्थिक स्थिति कमजोर रह सकती हैं। आपको अपने काम को लेकर योजना बनाकर आगे बढ़ना होगा। विद्यार्थियों का मन आज इधर-उधर के कामों में लगेगा।आप तरक्की की राह पर आगे बढ़ेंगे। आपको जीवनसाथी की ओर से कोई उपहार मिल सकता है।
कुंभ राशिः 
आज का दिन आपके लिए आनंदमय रहने वाला है। आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ कुछ समय मौज मस्ती करने में व्यतीत करेंगे। आर्थिक मामलो में आपको सावधान रहने की आवश्यकता है और भविष्य को लेकर आप कुछ संचय करने की योजना बनाएंगे। आपको अपनी योजना पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता है। माता-पिता के आशीर्वाद से आपके काम में पूरा होगा। मित्रों का साथ व सहयोग आप अपने लंबे समय से रुके हुए कामों को पूरा कर पाएंगे।
मीन राशिः 
आज का दिन आपके लिए मिश्रित रुप से फलदायक रहने वाला है। आपको अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां पर पूरा ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यक्षेत्र में आप अपने काम को समय से पूरा करने में सफल रहेंगे, जिसमें आपको अपने जूनियर्स का पूरा साथ मिलेगा। कोई पैतृक संपत्ति संबंधित विवाद आपको लंबे समय से परेशान कर रहा था, तो उसमें आपको जीत मिलती दिख रही है। आप किसी नए काम की शुरुआत जीवनसाथी के लिए कर सकते हैं।

आम बजट से पहले कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेरा; कॉरपोरेट टैक्स कटौती को लेकर सुनाई खरी-खोटी

नई दिल्ली: कॉरपोरेट टैक्स में की गई कटौती को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार का घेराव किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि टैक्स में कटौती से अरबपतियों की जेब में दो लाख करोड़ रुपये चले गए। जबकि मिडिल क्लास आज भी कर और महंगाई के बोझ से दबा हुआ है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के एक दिन बाद कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला।

कांग्रेस की ओर से कहा गया कि सीबीडीटी की रिपोर्ट में 11 जुलाई 2024 तक कुल टैक्स कलेक्शन 5,74,357 करोड़ रुपये दिखाया गया है। इसमें रिफंड निकालने के बाद कॉरपोरेट टैक्स 2,10,274 करोड़ रुपये और पर्सनल आयकर के रूप में 3,46,036 करोड़ रुपये सरकार को मिले हैं। कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 23 जुलाई को बजट आना है। इस दौरान टैक्स कलेक्शन का डाटा जारी किया गया है। इसके मुताबिक एक अप्रैल से एक जुलाई 2024 तक व्यक्तिगत आयकर 3.61 लाख करोड़ रुपये और कॉरपोरेट कर संग्रह 2.65 लाख करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि टैक्स कलेक्शन में पर्सनल इनकम टैक्स की हिस्सेदारी 28 फीसदी हो गई है।

जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र सरकार ने 20 सितंबर 2019 को कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करते हुए दावा किया था कि इससे निवेश में इजाफा होगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके बजाया निवेश यूपीए के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में जीडीपी के 35 फीसदी से घटकर 2014-24 तक 29 फीसदी से भी नीचे आ गया है। बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट पेश करेंगी।

टैक्स कलेक्शन 21.99 लाख करोड़ रहने का अनुमान
कांग्रेस के आरोपों के बीच केंद्र सरकार इनकम टैक्स कलेक्शन में इस साल खासे उछाल की उम्मीद है। सरकार ने पूरे वित्त वर्ष के लिए अंतरिम बजट में प्रत्यक्ष कर संग्रह 21.99 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है। अब तक टैक्स कलेक्शन 5,74,357 करोड़ रुपये पहुंच गया है। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 4,80,458 करोड़ रुपये था।

‘बारामती से फोन आने के बाद आरक्षण की बैठक में नहीं आए एमवीए नेता’, भुजबल का शरद पवार पर हमला

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान एनसीपी एसपी चीफ शरद पवार पर तीखा हमला बोला। भुजबल ने दावा किया कि आरक्षण को लेकर होने वाली बैठक में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के नेता इसलिए नहीं आए थे, क्योंकि उन्हें बारामती से फोन आ गया था। बता दें कि बारामती लोकसभा सीट शरद पवार का गढ़ मानी जाती है। ऐसे में छगन भुजबल के बयान को शरद पवार पर हमला माना जा रहा है।

भुजबल का आरोप- जानबूझकर बैठक का एमवीए ने किया बहिष्कार
एनसीपी प्रमुख अजित पवार के साथ बारामती में एक रैली को संबोधित करते हुए छगन भुजबल ने कहा कि ‘जब सामाजिक मुद्दों की बात आती है तो शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता से उम्मीद की जाती है कि वह बैठक में शामिल होंगे और अपने सुझाव देंगे। लेकिन जानबूझकर बैठक का बहिष्कार करना और फिर सलाह देने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है।’ दरअसल बीती 9 जुलाई को सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। भुजबल ने बताया कि उन्होंने नेता विपक्ष विजय वडेट्टिवार और एनसीपी एसपी के नेता जितेंद्र अव्हाण को बैठक में आने के लिए कहा था और अव्हाण को शरद पवार को भी बैठक में लाने को कहा था।

सत्ता पक्ष का आरोप- अपने राजनीतिक फायदे के लिए जातीय तनाव बढ़ा रहा विपक्ष
भुजबल ने आरोप लगाया कि विपक्ष मराठा, धनगर और ओबीसी समुदाय के हितों की अनदेखी कर रहा है। भुजबल के अनुसार, ‘बारामती के मराठा, माली, धनगर और ओबीसी समुदाय ने भले ही किसी को वोट दिया हो, लेकिन आप हमसे नाराज हो सकते हैं, लेकिन लोगों को अधर में छोड़ना गलत है। क्या लोगों के हितों की रक्षा करना आपकी जिम्मेदारी नहीं है।’ मराठा आरक्षण के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा सर्वदलीय बैठक का बायकॉट करने पर विधानसभा में खूब हंगामा हुआ और सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर अपने फायदे के लिए राज्य में जातीय तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। सत्ता पक्ष का कहना है कि विपक्ष आरक्षण मुद्दे का हल निकालने के लिए गंभीर नहीं है।

KCR की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, बिजली क्षेत्र की अनियमितताओं से जुड़ा है मामला

सर्वोच्च न्यायालय कल बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव की याचिका पर सुनवाई करेगा। राव ने तेलंगाना उच्च न्यायालय के एक फैसले को चुनौती है। उच्च न्यायालय ने उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान बिजली क्षेत्र में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए आयोग के गठन को अवैध घोषित करने की मांग को खारिज कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ राव की याचिका पर सुनवाई करेगी।

पूरा मामला क्या है
दरअसल, राव के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान बिजली वितरण कंपनियों द्वारा छत्तीसगढ़ से बिजली की खरीद और मुनुगुरु में भद्राद्री ताप विद्युत संयंत्र व टीएसजीईएनसीओ द्वारा दामरचेरला में यादाद्री ताप विद्युत संयंत्र के निर्माण के फैसले लिए गए थे। तेलंगाना सरकार ने इन फैसले को शुद्धता और औचित्य की जांच करने के लिए एक जांच आयोग गठित करने का आदेश दिया है। राव ने इस आदेश को अवैध घोषित करने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया था। लेकिन उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद राव ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया।

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से हार गई थी बीआरएस
टीएसजीईएनसीओ तेलंगाना राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड का संक्षिप्त नाम है। राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) 2023 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से हार गई थी।

उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में क्या कहा
उच्च न्यायालय के एक जुलाई के फैसले के खिलाफ अपनी याचिका में राव ने पक्षपात का आरोप लगाया है। उन्होंने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एल. नरसिम्हा रेड्डी को आयोग के प्रमुख के रूप में जारी न रखने की मांग की। इसके बाद उच्च न्यायालय ने अपने 22 पन्नों के फैसले में कहा था कि राव की ओर से अदालत में पेश की गई सामग्री से ऐसा संकेत नहीं मिलता है कि प्रतिवादी नंबर तीन (एल. नरसिम्हा रेड्डी) ने उनके समक्ष लंबित मुद्दों पर पहले से फैसला किया है। उच्च न्यायालय ने कहा था कि वह इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि प्रतिवादी मुख्य न्यायाधीश के संवैधानिक पद पर रहे हैं।

ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की ऑडी कार जब्त, पहले भी तोड़ चुकी हैं ट्रैफिक रूल्स, 21 बार हो चुका चालान

पुणे:भारतीय प्रशासिनक सेवा की प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की ऑडी कार को जब्त कर लिया है। पूजा ने इसी कार पर बिना अनुमति लाल बत्ती लगवाई थी और महाराष्ट्र सरकार लिखवाया था। पुणे आरटीओ के मुताबिक ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर पहले भी यातायात नियमों का उल्लघंन कर चुकी हैं। कार का 21 बार चालान हो चुका है। अधिकारी कार को जब्त करने के बाद दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।

2023 बैच की आईएएस अधिकारी हाल ही में अपनी निजी ऑडी कार पर बिना अनुमति लाल-नीली बत्ती लगाने को लेकर चर्चा में आईं थीं। पूजा पर पुणे में बतौर प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी रहते हुए शक्तियों के दुरुपयोग का भी आरोप है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पूजा ने अपनी नियुक्ति के बाद ही तरह-तरह की सुविधाएं मांगनी शुरू कर दीं की, जो प्रशिक्षु अधिकारियों को नहीं मिलती हैं। विवाद के बाद उन्हें प्रशिक्षण पूरा होने से पहले पुणे से वाशिम जिले में स्थानांतरित कर दिया गया था।

पुणे आरटीओ ने गुरुवार को निजी कंपनी को नोटिस जारी किया था। अधिकारियों के मुताबिक कार पुणे के हवेली तालुका के शिवाने गांव के पते पर पंजीकृत है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि खेडकर ने जिस निजी कार का इस्तेमाल किया था, उसे जब्त कर लिया गया है। कार पर जैमर और उसके चारों ओर बैरिकेड लगाए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि 27 जून 2012 को पुणे आरटीओ में पंजीकृत कार का यातायात नियम तोड़ने पर अब तक 21 बार चालान हो चुका है। साथ ही 27 हजार रुपये जुर्माना लगाया जा चुका है। हालांकि जुर्माना जमा कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि कार के दस्तावेजों की जांच की जा रही है।

घर के बाहर पुलिस ने चस्पा किया नोटिस
बंदूक लहराकर किसान को धमकाने के मामले में पुलिस ने पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इस नोटिस को पूजा के घर के बाहर चस्पा किया गया। पुणे पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बताया कि नोटिस लेने के लिए कोई नहीं पहुंचा। इसके लिए नोटिस को घर के बार चिपका दिया गया है। मनोरमा खेडकर को 10 दिन में जवाब देना होगा। बता दें पुणे पुलिस ने किसान की शिकायत पर मनोरमा के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।

प्राथमिकता में है गठबंधन, बात नहीं बनी तो महाराष्ट्र में लड़ेंगे अकेले चुनाव, 12 सीटों की है मांग

लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुंबई प्रवास के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव इंडिया गठबंधन के तहत लड़ना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता में है। अगर बात नहीं बनी तो अकेले ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने राज्य में संगठन मजबूत बनाने पर जोर दिया।

सपा अध्यक्ष ने शनिवार को मुंबई में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि अगर मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तरह मुंबई में सपा को नजरअंदाज किया गया तो सपा अकेले ही चुनाव लड़ेगी। यहां बता दें कि सपा ने महाराष्ट्र में 12 विधानसभा सीटें मांगी हैं। अभी वहां उसके दो विधायक हैं।

9 को मालेगांव में जनसभा करेंगे अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 9 अगस्त को महाराष्ट्र के मालेगांव में जनसभा करेंगे। महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष अबू आसिम आजमी ने बताया मालेगांव में सपा के 12 नगर सेवक (पार्षद)चुनकर आए थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरे राज्य में पार्टी को मजबूत करने पर फोकस कर रहे हैं।

विधानसभा उपचुनावों में भी नफरती राजनीति की हार हुई: माले
भाकपा (माले) ने कहा है कि सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा की नफरती राजनीति की हार और इंडिया गठबंधन के दलों की जीत हुई है। पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि भाजपा को लोकसभा चुनाव से शिकस्त मिलने का सिलसिला विधानसभा उपचुनावों में भी जारी है।बयान जारी कर सुधाकर यादव ने कहा कि इंडिया गठबंधन के दलों को 13 में से 10 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा समेत एनडीए के उसके सहयोगी दल को दो सीट, जबकि निर्दलीय को एक सीट मिली है। एनडीए को दो सीटों का नुकसान हुआ है। सबसे बड़ी हार पश्चिम बंगाल में मिली है। कुल मिलाकर यह दिखाता है कि इंडिया गठबंधन द्वारा उठाये गए मुद्दों को जनता का समर्थन है। भाजपा को सरकार चलाने के तौर-तरीकों को बदलने का लगातार जनादेश मिल रहा है, जिसे समझने की जरुरत है।

गोमती का कहर, चार से पांच फीट गहरे पानी से होकर गुजर रहे लोग, प्रशासन की बेरूखी ने बढ़ाया दर्द

लखनऊ: इटौंजा क्षेत्र के गांवों में गोमती नदी का जलस्तर कम होने के बाद भी ग्रामीणों को प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों को मवेशियों के लिए चार से पांच फिट गहरे पानी में जाकर चारा लाना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों और बाहर काम करने वाले लोगों को भी पानी से होकर आवागमन करना पड़ रहा है।

लासा गांव निवासी देवी ने बताया कि उनका गांव गोमती नदी से महज दो सौ मीटर की दूरी पर बसा है। सबसे पहले गोमती का पानी गांव को चारों तरफ से घेर लेता है। पूरा गांव एक टापू बन जाता है। शौचालय से लेकर रास्ते तक सब जगह पानी है। लासा गांव में पंद्रह ग्रामीणों के घरों और मवेशियों के भूसाघरों में पानी भरा है। आधा दर्जन से अधिक बाढ ग्रस्त गांवों में ग्रामीणों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन है। दूध का उत्पादन के लिए ग्रामीण भैसों को पालते हैं। पालतू मवेशियों को बांधने की जगह भी नहीं बची है। बाढ़ प्रभावित गांव सुल्तानपुर, बहादुरपुर, लासा, इकड़रिया खुर्द, इकड़रिया कला, हरदा, दुघरा, जमखनवा में महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी हो रही है। गांव में अभी तक कोई स्वास्थ की टीम भी नहीं भेजी गई है।

कहीं उफना रहा पानी, कहीं नलकूप खराब
बीकेटी क्षेत्र में कहीं गोमती उफना रहा है तो कई इलाके ऐसे हैं जहां किसान अपनी फसल बचाने के लिए सरकारी नलकूप सही करवाने के लिए चक्कर काट रहा है। किसानों का कहना है कि बिजली लाइन सही करवाने के लिए कई की फरियाद की गई है ताकि नलकूप चल सके। सिंहामऊ राजकीय नलकूप संख्या 88 पिछले काफी दिनों से खराब है, जिससे लगभग तीन सौ एकड़ धान की रोपाई प्रभावित हो रही है। यहां के किसान ब्रजेश सिंह, रमेश कुमार रावत, सुंदर लाल, मोहन गुप्ता व अन्य अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। महोना में राजकीय नलकूप संख्या 157 भी पिछले 6 माह से से बंद पड़ा है। नगर पंचायत महोना के गोविंदपुरी हार में स्थित राजकीय नलकूप संख्या 157 बिजली का खंभा टूटने के कारण बंद है। किसानों का कहना है उनके फसलें बर्बाद हो गई हैं। अब उन्हें धान की बुवाई की चिंता सता रही है।

नुकसान का आकलन करने नहीं पहुंची टीम, नाराजगी
गोमती नदी का बढ़ा जलस्तर कम होने लगा है। पानी कम होने से किसानों ने राहत की सांस ली है। यह क्रम जारी रहा तो तीन माह में किसान रबी फसल की बुवाई आसानी से कर सकेंगे। दो दिन से ग्रामीण राजस्व टीम का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन शनिवार को वहां कोई नहीं पहुंचा। किसानों का कहना है कि अगर नुकसान का आकलन हो जाएगा तो उन्हें कुछ राहत मिलेगी। उधर, सपा के पूर्व विधायक गोमती यादव ने प्रभावित गांवों में जाकर किसानों से मुलाकात की।

बच्चे का अकेले खेलना है फायदेमंद, माता-पिता को परवरिश में लाने होंगे ये बदलाव

आजकल परवरिश के तरीके में सिटरवाइजिंग स्टाइल काफी प्रचलित हो रहा है, क्योंकि इससे माता-पिता को बच्चों के साथ रिश्ता मजबूत बनाने का मौका मिलता है। आमतौर पर माता-पिता बच्चों पर रोक-टोक करते रहते हैं और उन पर नजर रखने के लिए हर समय उनके आगे-पीछे घूमते रहते हैं, लेकिन सिटरवाइजिंग पैरेंटिंग में ऐसा नहीं है। इसमें माता-पिता बच्चे के पीछे-पीछे भागने के बजाय उस के खेलते समय एक जगह बैठकर उस पर नजर रखते हैं और जरूरत पड़ने पर ही उसे दूर से ही दिशा-निर्देश देते हैं।

अगर आप भी नए-नए माता-पिता बने हैं तो आपको भी इस नई प्रचलित पैरेंटिंग स्टाइल के बारे में जरूर जानना चाहिए, क्योंकि नए माता-पिता बच्चे की परवरिश को लेकर काफी चिंतित रहते हैं और हमेशा बच्चे के आस-पास रहने की कोशिश करते हैं। ऐसा वे इसलिए करते हैं, क्योंकि वे चाहते हैं कि बच्चे को कभी कोई परेशानी न हो, लेकिन बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए उसे कुछ समय अकेला भी छोड़ना चाहिए।

दोनों के लिए फायदेमंद

सिटरवाइजिंग पैरेंटिंग में माता-पिता बच्चे को दूर से खेलते हुए देखकर उनकी मॉनिटरिंग करते हैं और केवल जरूरत पड़ने पर ही उन्हें गाइड करते हैं। ऐसा करने से माता-पिता को तनाव कम करने में मदद मिलती है, साथ ही इसमें बच्चों को भी स्वतंत्र रूप से खेलने, दोस्त बनाने और अपने हिसाब से गेम को खेलने का पूरा मौका मिलता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें जनरेशन गैप कम करने और उनके बीच बॉन्डिंग बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है। इससे आपसी प्यार, दोस्ती और भरोसा बढ़ता है।

आत्मनिर्भरता का भाव

इस परवरिश से बच्चे आत्मनिर्भर बनते हैं और अपने आस-पास के माहौल को ज्यादा बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। उन्हें समझ आता है कि उन्हें खुद अपनी परेशानियों को हल कैसे निकालना है। अगर वे इस दौरान गिर भी जाते हैं तो अपने आप खड़े होकर दोबारा खेलने लगते हैं। ऐसे में वे कठिन परिस्थितियों में भी खुद को संभालकर आगे बढ़ना और अपना निर्णय खुद लेना जैसे महत्वपूर्ण सबक सीखते हैं।

माता-पिता के साथ बच्चे

जब माता-पिता बच्चों के खेल में शामिल हो जाते हैं तो उनका खेल का तरीका बदल जाता है और बच्चे तुरंत सारी जिम्मेदारी माता-पिता पर छोड़ देते हैं। इससे उन्हें अन्य बच्चों के साथ घुलने-मिलने के अवसर भी कम मिलते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उनके साथ न खेलें, मगर कभी-कभी दूर बैठकर उन्हें अपने तरीके से खेलने दें। ऐसा करने से माता-पिता की उपस्थिति बच्चों में आत्मविश्वास को बढ़ाएगी, साथ ही वे खुद ही अपनी समस्याओं को हल करने की कोशिश करेंगे और जरूरत पड़ने पर ही आपकी सहायता लेंगे।

उलझेंगे तो खुद ही सुलझेंगे

बाल मनोवैज्ञानिक गार्गी बताती हैं, ऐसा अक्सर देखा गया है कि माता-पिता बच्चों को अकेला बिल्कुल नहीं छोड़ते हैं और खेलते हुए भी उन्हें रोकते-टोकते रहते हैं। ऐसा करने से भले ही माता-पिता बच्चों को गलतियां करने से रोक लें, लेकिन यह बच्चों के विकास के लिए ठीक नहीं होता है। ऐसा करते रहने से बच्चे कठिन परिस्थितियों में समस्याओं का समाधान खुद नहीं निकाल पाते हैं, क्योंकि वे पूरी तरह माता-पिता पर निर्भर हो जाते हैं।