Friday , October 25 2024

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हाईकोर्ट का आदेश एक भी राशन कार्ड धारक को नहीं दिया राशन तो डीलर पर होगा एक्सन

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि राशन वितरण में धांधली की शिकायत की विस्तृत जांच जरूरी नहीं है। यह संक्षिप्त विचारण प्रक्रिया है। कारण बताओ नोटिस के जवाब पर विचार कर दोषी डीलर का लाइसेंस निरस्त करने के आदेश पर अनुच्छेद 226 में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि एक भी राशन कार्ड धारक को राशन नहीं दिया गया तो डीलर पर कड़ी कार्रवाई जरूरी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति आरआर अग्रवाल ने नजाकत अली सहित दर्जनों की याचिकाओं पर दिया है। इस मामले में गवाहों की प्रति परीक्षा, विस्तृत जांच प्रक्रिया, जांच रिपोर्ट की प्रति देना, सुनवाई का मौका दिए जाने की विभागीय कार्यवाही की लंबी प्रक्रिया के तर्क स्वीकार्य नहीं हैं। कोर्ट ने कहा कि डीलर ने आंख बंद कर नहीं, खुली आंखों से करार किया है, जिसका पालन करना बाध्यकारी है। इन शर्तों के उल्लंघन पर लाइसेंस निलंबित या निरस्त किया जा सकता है। इसी के साथ कोर्ट ने राशन की दुकान का लाइसेंस निरस्त करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया है।कोर्ट ने कहा कि जीवन के अधिकार में भोजन का अधिकार भी शामिल हैं। केंद्र सरकार ने गरीबों व गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों को राशन कार्ड के जरिए सस्ते दाम पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। लोक स्वास्थ्य, पौष्टिक आहार‌ व गरिमामय जीवन के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत अन्त्योदय योजना,अन्न योजना लागू की है। राशन वितरण प्रणाली के तहत डीलर नियुक्त किए गए हैं, जो लाइसेंस की शर्तो के अनुसार राशन कार्ड धारकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राशन वितरण प्रणाली में लाइसेंस पाना किसी का अधिकार नहीं है।

डीलर लाइसेंस की शर्तो पर काम करने को बाध्य है। वह करार के विपरीत नहीं जा सकता। इसे आधार से जोड़ा गया है। कंट्रोल आर्डर 2016 में कार्यवाही की प्रक्रिया दी गई है। जो संक्षिप्त कार्यवाही प्रक्रिया है। विस्तृत जांच प्रक्रिया की मांग नहीं की जा सकती। याचियों का कहना था कि उन्हें जांच रिपोर्ट नहीं दी गई, गवाह पेश नहीं किए गए, उनसे जिरह का मौका नहीं दिया गया। दस्तावेज नहीं दिए गए। सुनवाई का मौका नहीं दिया गया। कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया और कहा कि करार की शर्तें बाध्यकारी हैं।

पुष्कर के इतिहास में पहली बार 14 लाख के रथ पर निकलेगी ब्रह्मा जी की यात्रा राजस्थान में हर साल लगता है मेला

इस बार का पुष्कर मेला अपने आप में काफी ऐतिहासिक होगा। इस बार यहां ब्रह्मा जी की रथयात्रा निकाली जाएगी। पुष्कर मेले के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब इस तरह की यात्रा आयोजित हो रही है। इस रथयात्रा के लिए खास रथ तैयार किया गया है, जिसकी लागत 14 लाख रुपए है।

18 नवंबर को निकलेगी यात्रा
राजस्थान में अजमेर के तीर्थराज पुष्कर में हर साल कार्तिक माह में पुष्कर मेले का आयोजन होता है। इस बार यहां 18 नवम्बर को ब्रह्म चौदस के दिन सृष्टि के रचयिता जगतपिता ब्रह्माजी एवं सावित्री की यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा 14 लाख की लागत वाले विशेष रथ पर निकाली जाएगी।  पुष्कर के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब प्रसिद्ध ओंकारेश्वर और जगन्नथपुरी की रथ यात्रा तर्ज पर कार्तिक मेले में उक्त रथ यात्रा आयोजित होगी।

 

मध्य प्रदेश में बनाया गया है रथ
रथयात्रा के लिए रथ का निर्माण मध्य प्रदेश के सत्यधाम आश्रम की ओर से किया गया है। इस पर कुल 14 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। सत्यधाम आश्रम के महाराज गोरेलाल शर्मा ने पुष्कर में बताया कि नर्मदा तट सत्यधाम महेश्वर से रथयात्रा 15 नवम्बर को प्रारंभ होकर 17 को पुष्कर पहुंचेगी। इसके बाद 18 नवंर को ब्रह्म चौदस के दिन इस विशेष रथ में ब्रह्मा जी-सावित्री की सवारी निकाली जायेगी। रथयात्रा के बाद इस विशेष रथ को पुष्कर के तीर्थ पुरोहित संघ को भेंट कर दिया जाएगा। ताकि पुष्करवासी व पुष्कर मेले में आनेवाले श्रद्धालुओं को हर साल ऐसी रथयात्रा देखने का मौका मिल सके।

राजस्थान के भरतपुर में बस खाई में पलटी युवती की मौत 24 से ज्यादा अभ्यर्थी घायल

 

राजस्थान के भरतपुर के बयाना में बड़ा सड़क हादसा हो गया। जानकारी के मुताबिक बयाना-हिंडोन स्टेट हाईवे पर एक निजी बस अनियंत्रित होकर पलट गई। इस बस में पटवार भर्ती परीक्षा के  अभ्यर्थी भी सवार थे। हादसे में हिंडोनसिटी निवासी 1 युवती की मौत हुई है,  जिनका नाम नेहा बताया जा रहा है। वहीं 24 से ज्यादा अभ्यर्थी घायल हो गए हैं।

घायलों को बयाना अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक यह बस बयाना की तरफ से हिंडौन की तरफ जा रही थी। इसी दौरान पुल को क्रॉस करते हुए बस गहरी खाई में जा गिरी। हादसे के बाद वहां अफरातफरी मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुट गई। तत्काल घायलों को निजी वाहनों की मदद से अस्पताल तक पहुंचाया गया। दर्दनाक हादसे में करीब दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी घायल हो गए हैं।

 

हादसे को लेकर प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि बस में करीब 50 से ज्यादा सवारियां थी जिनमें से 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। कहा जा रहा है कि क्षमता से ज्यादा सवारी बस में भरी हुई थी। घटना के बाद मौके से ड्राइवर और कंडक्टर फरार हो गए।

उधर भरतपुर कलेक्टर ने घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। जिसके बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बयाना से घायलों को भरतपुर अस्पताल में ले जाया गया। अब पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है कि हादसे के पीछे लापरवाही किस तरह की थी?

2 दिन तक सर्च करती रही बेटी को कैसे मारे फिर ले ली बच्ची की जान उज्जैन में कलयुगी मां ने दिया घटना को अंजाम

क्या कोई मां अपनी संतान की जान ले सकती है?  इस बात की कल्पना भी नहीं की जा सकती, लेकिन मध्य प्रदेश के उज्जैन में ऐसा ही एक चौंकाने वाला प्रकरण सामने आया है। यहां एक महिला ने अपनी तीन महीने की बच्ची की जान ले ली। हैरानी की बात यह है कि बच्ची को मारने का रास्ता तलाश करने के लिए महिला ने गूगल की मदद ली। पुलिस ने केस दर्जकर मां को हिरासत में ले लिया है।

सभी को था महिला पर शक
बताया जाता है कि हत्या से पहले दो दिन तक मां गूगल पर बच्ची की हत्या के तरीकों के बारे में सर्च करती रही। न्यूज 18 के मुताबिक इसके बाद 12 अक्टूबर को उसने अपनी योजना को अंजाम दे डाला। उसने अपनी बच्ची को पानी में डुबोकर उसकी जान ले ली। इससे पहले महिला के पति, सास और ससुर ने भी हत्या के लिए महिला पर ही शक जताया था। लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार करने से पहले ठोस सबूत ढूंढ रही थी। जैसे ही पुलिस के हाथ सबूत लगा, उसने महिला को अरेस्ट कर लिया।

 

सख्ती हुई तो बयां किया सच
उज्जैन के खाचरौद में स्टेशन रोड पर अर्पित रहते हैं। उनकी फरवरी 2019 में स्वाति से शादी हुई थी। कुछ दिन पहले ही उनके बच्ची पैदा हुई थी। घर में सभी राजी-खुशी रह रहे थे कि 12 अक्टूबर को उनकी तीन महीने की बच्ची गायब हो गई। इसके बाद उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसके बाद पुलिस ने मामले में छानबीन शुरू की। जांच में पता चला कि जिस दिन घटना हुई उस दिन घर में केवल स्वाती ही थी। बच्ची इतनी छोटी थी कि वह खुद से बाहर जा नहीं सकती थी। जब स्वाती से सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने सच बयां कर दिया। बच्ची का शव घर की तीसरी मंजिल पर टंकी से बरामद किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि 10 अक्टूबर को उसने मोबाइल पर बच्ची को मारने के उपाय के बारे में सर्च किया था।

महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचे अभिनेता अक्षय कुमार ओएमजी टू की उज्जैन में होगी शूटिंग

अक्षय कुमार की अगली फिल्म ओह माय गॉड-2 की शूटिंग उज्जैन में शुरू हो रही है। इससे पहले फिल्म अभिनेता अक्षय शनिवर को उज्जैन पहुंचे और महाकाल का दर्शन किया। ओह माय गॉड-2 की शूटिंग महाकाल मंदिर परिसर के आसपास ही की जाएगी। गौरतलब है कि यह फिल्म साल 2012 में आई ओह माय गॉड का सीक्वल है। वहीं फिल्म की शूटिंग के चलते महाकाल मंदिर में पहुंचे दर्शनार्थियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।

 

फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म ओह माय गॉड 2 की शूटिंग उज्जैन में हो रही है जिसके लिए आज अक्षय स्वयं उज्जैन पहुंचे हैं। फिल्म की शूटिंग उज्जैन में महाकाल मंदिर के आसपास ही ज्यादा होगी। पटनी बाजार, नीलगंगा क्षेत्र में नंदी के सामने, सतीगेट के पास और महाकाल मंदिर में फिल्म के सीन शूट किए जाएंगे। बताया जाता है कि अक्षय कुमार का मंदिर परिसर में एक सीन शूट होना है तथा उनका एक सीन रामघाट पर भी होगा। वे रामघाट पर बाइक चलाते हुए फिल्म में दिखाई दे सकते हैं।

 

मंदिर परिसर में कई जगह प्रवेश रोका
बताया जाता है कि ओह माय गॉड की शूटिंग के लिए महाकाल मंदिर में गणेश मंदिर, नवगृह मंदिर, औंकारेश्वर मंदिर और गोपाल साक्षी को पूरी तरह से दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया है। महाकाल विस्तारीकरण का काम पहले से ही चल रहा है जिससे कुछ प्रवेश द्वार बंद हैं और चार व पांच नंबर गेट से ही अभी प्रवेश हो पा रहा है। वहां भी शूटिंग के कारण आज जमकर धक्कामुक्की हुई। 250 रुपए के शुल्क वाला प्रवेश द्वार भी बंद रखा गया थाजिससे पुजारियों को भी आने-जाने में दिक्कत हुई। हालांकि कुछ घंटे बाद उसे खोल दिया गया।

आस्था के केंद्र को व्यवसाय का केंद्र बनाने का आरोप

अखाड़ा परिषद उज्जैन के पूर्व महामंत्री डॉ. अवधेश ने कहा कि ओह माय गॉड की शूटिंग की अनुमति देकर संवैधानिक अधिकारों को छीना है। महाकाल मंदिर में पंडे-पुजारियों को जाने से रोका जा रहा है। आस्था के केंद्र को व्यवसाय का केंद्र बना दिया गया है। नटराज के आंगन को इन नचनियों का आंगन, इन भांडों का आंगन नहीं बनने देंगे। अगर जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे।

ग्वालियर बेटे की चाह में युवती की बलि तांत्रिक के जाल में फंसा परिवार

ग्वालियर में एक परिवार की औलाद की चाह में एक तांत्रिक ने उन्हें अपने जाल में ऐसा फंसाया कि वे उसमें उलझ गए। तांत्रिक ने बच्चे के जन्म के लिए बलि देने की बात कही तो परिवार वह करने को तैयार हो गया और उसने मर्डर टू फिल्म के अंदाज में किसी कॉल गर्ल की हत्या की योजना बनाई। इसमें पति-पत्नी का साथ महिला की बहन और उसके बॉयफ्रेंड ने दिया लेकिन फिल्म में कहानी के अनुरूप जिस अंदाज में लाश को ठिकाने लगाया गया था, वह वे लोग नहीं कर पाए। बलि के बाद जब वे युवती की लाश को तांत्रिक के पास ले जा रहे थे तभी रास्ते में गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई और लाश गिर गई तो वे घबराकर भाग गए। हालांकि पुलिस सूराग लगाकर उन तक पहुंच गई और पांचों आरोपियों को पकड़ लिया है।

 

ग्वालियर में शुक्रवार को मुरैना रोड पर ट्रिपल आईटीएम के पास महिला का शव सड़क किनारे पड़े होने की सूचना मिली थी जिसकी मौत गला रेंतने व दबाकर मारे जाने से होने का संदेह था। उसकी पहचान आरती उर्फ लक्ष्मी मिश्रा के रूप में हुई। मगर उसका पति से 12 साल पहले तलाक हो चुका था। तलाक के बाद आरती एक ऑटो चालक से लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगी थी। जांच करने पर पता चला कि वह कॉल गर्ल के रूप में काम करती थी।

36 घंटे में अंधे कत्ल का पर्दाफाश

एसपी ग्वालियर अमित सांघी ने कहा कि 36 घंटे में अंधे कत्ल के मामले का पर्दाफाश कर लिया गया है जिसमें सभी आरोपी भी गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि तांत्रिक गिरवर यादव से एक दंपति ममता भदौरिया और बेटू भदौरिया औलाद नहीं होने की वजह से मिले थे। इस दंपति की शादी को 15 साल हो गए थे लेकिन बच्चे नहीं हो रहे थे। दंपति की औलाद की चाहत  पूरी करने गिरवर ने उनसे किसी की बलि देने को कहा था। ममता और बेटू ने बच्चे की चाह में तांत्रिक के कहे अनुसार बलि के लिए योजना बनाई। इसमें ममता की बहन मीरा राजवत व उसके दोस्त नीरज परमार को साथ लेकर मर्डर टू फिल्म की कहानी की तरह कॉल गर्ल को बलि के लिए लाने की प्लानिंग की।

10 हजार में कॉल गर्ल बुक की
फिल्म मर्डर टू में जिस तरह एक कॉल गर्ल को बुक कर हत्या की जाती है और उस लाश को एक गाड़ी में जीवित की तरह बैठाकर ठिकाने लगाया जाता है, उसी अंदाज में भदौरिया दंपति ने मीरा व नीरज ने प्लानिंग की। उन्होंने दस हजार रुपए में कॉल गर्ल बुक की। उसे घर बुलाकर बेटू भदौरिया व नीरज ने बलि देने के लिए गला दबाया और रेंत कर  मार डाला। बलि के बाद कॉल गर्ल की लाश को तांत्रिक गिरवर यादव के पास ले जाने के लिए दोनों ने मिलकर लाश को बाइक पर बीच में बैठा लिया। मगर रास्ते में उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई तो कॉल गर्ल की लाश सड़क पर गिर गई। दोनों घबरा गए और लाश को सड़क पर छोड़कर भाग गए। मगर कॉल गर्ल की शिनाख्त होने के बाद पुलिस की जांच के दौरान तांत्रिक व भदौरिया दंपति तक पुलिस पहुंच गई।

अपहरण के 5 साल बाद बच्ची बरामद पुलिस ने दो महिलाओं सहित तीन को दबोचा

हरियाणा के फरीदाबाद में कोतवाली थाना पुलिस ने पांच साल पहले हुई तीन माह की बच्ची के अपहरण की गुत्थी को सुलझा लिया है। पुलिस ने इस मामले में आरोपी ऑटो चालक और दो महिलाओं को गिरफ्तार कर अगवा हुई बच्ची को भी सकुशल बरामद लिया है। बरामद की गई बच्ची की अब उम्र साढ़े पांच साल है। बच्चा न होने पर आरोपियों में से एक महिला ने अपहरण का षडयंत्र रचा था।

पुलिस के मुताबिक, चार जून 2016 को ओल्ड फरीदाबाद निवासी महिला ने तीन माह की बच्ची के अपहरण की शिकायत कोतवाली थाना में दर्ज करवाई थी। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आरोपियों के संबंध में 20 अक्टूबर को मुखबिरों से जानकारी मिली थी। मामले की छानबीन के बाद बाद पुलिस ने आरोपी उधम सिंह को ऊंचा गांव से दबोच लिया गया। उसकी निशानदेही पर दिल्ली से दो महिलाओं को भी गिरफ्तार कर लिया।

 

पुलिस की पूछताछ में उधम सिंह ने बताया कि उसने रेखा और उसकी बहन कोमल के साथ मिलकर टाउन नंबर-एक से बच्ची का अपहरण किया था। बच्ची की मां ओल्ड रेलवे स्टेशन फरीदाबाद झुग्गी बस्ती में रहती थी। रेखा को शादी के 14 साल बाद भी बच्चा नहीं हुआ था। बच्चे की चाहत में उसने वारदात को अंजाम दिया था।

पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं ये लोग बच्चा चोरी करने वाले किसी गिरोह से तो नहीं जुड़े थे। इस मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।

अदालत पहुंचा मन में डर बैठाने का मामला कोर्ट की दिल्ली पुलिस को फटकार

दिल्ली में एक व्यक्ति को कथित तौर पर झूठे मामले में फंसाने और उसे गिरफ्तार करने की धमकी देकर डराने वाले कुछ पुलिस कर्मियों को एक अदालत ने फटकार लगाई है। अदालत ने पूछा है कि उक्त पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई क्यों न की जाए?

शिकायतकर्ता जाकिर का आरोप है कि दिल्ली के दयालपुर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने उसे और उसके पिता को परेशान किया और कथित तौर पर दर्ज की गई एक एफआईआर का ब्यौरा दिए बिना पूरे परिवार को गिरफ्तार करने की धमकी दी। पुलिस ने इस दावे का खंडन किया है।

जाकिर की ओर से दायर याचिका के जवाब में पुलिस ने अदालत में कहा कि जाकिर ने कोई संज्ञेय अपराध नहीं किया है और उसके विरुद्ध कोई एफआईआर दर्ज नहीं है। पुलिस की ओर से कहा गया कि जाकिर के पिता को परेशान नहीं किया गया बल्कि उसे शिकायत के बारे में बताया गया।

 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील चौधरी ने यह माना कि पुलिस ने सही प्रक्रिया नहीं अपनाई। उन्होंने कहा कि पुलिस थाने के अधिकारियों के आचरण से जाकिर के दिमाग में डर पैदा हो गया कि उसे गलत मामले में फंसाया जा सकता है और गिरफ्तार किया जा सकता है, इसलिए उसने अदालत का रुख किया। न्यायाधीश ने 22 अक्टूबर के आदेश में कहा कि इसलिए तथ्यों के आधार पर पुलिस थाना दयालपुर के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है कि उनके विरुद्ध कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए?

न्यायाधीश ने कहा कि कानून के तहत अगर एक शिकायत में संज्ञेय अपराध का उल्लेख है तो पुलिस को एफआईआर दर्ज करना और जांच करना अनिवार्य है, लेकिन पुलिस के जवाब के अनुसार, शिकायत में किसी संज्ञेय अपराध का जिक्र नहीं है। एएसजे चौधरी ने कहा, “… ऐसे मामले में अगर थाना प्रभारी को लगता है कि शिकायत पर जांच की जानी चाहिए तो उसे संबंधित अदालत से जांच की अनुमति लेनी चाहिए, लेकिन उसने ऐसी प्रक्रिया नहीं अपनाई।”

उल्लेखनीय है कि, जाकिर ने कहा था कि उसके पिता को दयालपुर पुलिस थाने से 14 अक्टूबर को एक कॉल आई और पुलिस थाने आने की धमकी दी गई और जब उसके पिता ने एफआईआर के बारे में पूछा तो पुलिस ने कुछ नहीं बताया।

शिकायतकर्ता ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि पुलिस अधिकारी ने उसे और उसके पिता को अनावश्यक परेशान किया और 15 अक्टूबर को कुछ पुलिस अधिकारी उसके घर आए और पूरे परिवार को गिरफ्तार करने की धमकी दी। पुलिस का कहना है कि 14 अक्टूबर को नईमुद्दीन नामक एक व्यक्ति ने जाकिर के खिलाफ झगड़े और मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई थी।

अभियोजक ने अदालत में कहा कि आवेदनकर्ता के पिता को परेशान नहीं किया गया और कोई धमकी नहीं गई बल्कि उसे उसके खिलाफ दर्ज शिकायत के बारे में बताया गया।

फेसबुक फ्रेंड से गुरुग्राम से नोएडा मिलने आई युवती के साथ होटल में रेप

एक युवक ने फेसबुक पर एक युवती से दोस्ती कर उसे अपने प्यार के जाल में फंसा लिया। इसके बाद उसने युवती के साथ दुष्कर्म कर अश्लील वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर 7 लाख रुपये भी वसूल लिए। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर शनिवार को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

गुरुग्राम की रहने वाली एक युवती ने नोएडा पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि वह एक निजी कंपनी में नौकरी करती है। युवती का कहना है कि कुछ समय पहले फेसबुक पर उसकी दोस्ती सागर सिंह नाम के युवक से हुई थी। दोनों के बीच बातचीत होने लगी। आरोपी ने शादी का झांसा देकर युवती को अपने प्यार के जाल में फंसा लिया।

 

आरोप है कि सागर ने 21 अक्टूबर को युवती को नोएडा सेक्टर-121 के एक होटल में मिलने बुलाया था, जहां पर उसने युवती के साथ दुष्कर्म किया। साथ ही उसने युवती की अश्लील वीडियो बना ली और कुछ अश्लील फोटो भी ले लिए। आरोप है कि सागर ने वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देकर युवती से 7 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए थे। बदनामी के डर से युवती ने पहले तो किसी को कुछ नहीं बताया। आरोपी ने कुछ दिन बाद ही युवती को दोबारा ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। इस पर युवती ने आरोपी के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म, रंगदारी मांगने, धोखाधड़ी व जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कर उसे गढ़ी गोल चक्कर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान गाजियाबाद के विजयनगर निवासी सागर सिंह के रूप में हुई है।

आरोपी ने सोशल मीडिया पर बनाई हैं कई आईडी

थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी ने सोशल मीडिया पर अलग-अलग नामों से कई आईडी बना रखी हैं। आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से बात करके युवतियों को अपने प्यार के जाल में फंसाता है। फिर उनकी अश्लील फोटो या वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर लाखों रुपये ऐंठता है। पुलिस ने सागर को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

घर से भागकर की थी शादी नौवें दिन ही पत्नी को चाकू से गोदा

राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में शुक्रवार को एक युवक ने शराब पीने पर डांटने से नाराज होकर अपनी पत्नी की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। दोनों ने बीते 14 अक्तूबर को ही घर से भाग कर शादी की थी। शनिवार सुबह युवती के परिजनों से घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस के अनुसार कीर्ति परिवार सहित मुकुंदपुर इलाके में रहती थी। वह अपनी मां गुड्डी के साथ मॉडल टाउन स्थित कोठियों में घरेलू काम करने के लिए जाती थी। इसी दौरान ग्रामीण सेवा चलाने वाले आजाद से दो साल पहले मुलाकात हुई और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे। लेकिन, कीर्ति का परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था। पुलिस ने बताया कि दोनों ने 14 अक्तूबर को घर से भागकर आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। फिर कड़कड़डूमा कोर्ट में भी विवाह कर लिया।

 

18 अक्तूबर को बुराड़ी के वेस्ट कमल विहार इलाके में किराए के मकान में आजाद और कीर्ति रहने के लिए आ गए। यहां आते ही दोनों में विवाद होने लगे। बताया जाता है कि आजाद शुक्रवार को शराब पीकर घर आया तो कीर्ति ने उसे डांट दिया। इसी गुस्से में उसने सब्जी काटने वाले चाकू से पत्नी पर ताबड़तोड़ कई वार कर दिए। फिर कमरा बाहर से बंद करके वह वारदात के बाद काफी देर तक गली में घूमता रहा। इसके बाद इलाके से फरार हो गया।

नेपाल भागने की फिराक में था आरोपी पति
पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे की फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर आजाद का पता लगाना शुरू किया। जांच में सामने आया कि आरोपी मुकुंदपुर इलाके में छिपा हुआ है। पुलिस ने करीब 12 बजे आरोपी को हिरासत में ले लिया। आरोपी ने बताया कि वह मुकरबा चौक से बस पकड़कर यमुनानगर और फिर अपने गांव बिजनौर से होते हुए नेपाल जाने की फिराक में था।

भाई को खून से लथपथ हालत में मिली बहन
डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि शनिवार सुबह गुड्डी देवी ने अपनी बेटी को फोन किया। लेकिन, उसने फोन नहीं उठाया तो अपने बेटे भोला को वेस्ट कमल विहार भेजा। उसने दरवाजे पर कुंडी लगी देखी और जब अंदर गया तो बहन को खून से लथपथ हालत में पाया। इसके बाद भोला ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रख दिया है।