Friday , October 25 2024

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इटावा की शिक्षिका से यमुना एक्सप्रेस वे पर नकदी सहित लाखों के जेवरात लूटे

यमुना एक्सप्रेसवे पर शनिवार को लिफ्ट देकर शिक्षिका और सास से पांच हजार रुपये और लाखों के जेवरात लेकर कार सवार चार बदमाश फरार हो गए। इस संबंध में पीड़ित ने फोन से पुलिस से मामले की शिकायत की है।

इटावा निवासी अनामिका भदौरिया दनकौर क्षेत्र में इंटर कॉलेज में टीचर हैं। उनका कहना है कि शनिवार सुबह वह सास के साथ राजस्थान में ससुराल के लिए जा रही थीं। दोनों गलगोटिया विश्वविद्यालय के पास यमुना एक्सप्रेसवे पर मथुरा जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रही थीं। तभी कार में चार लोग आए और दोनों को कार में बिठा लिया। आरोप है कि इस दौरान आरोपियों ने उनके बैग को अपनी सीट के नीचे रख लिया। इसके बाद आरोपियों ने उनके बैग में रखे करीब पांच हजार रुपये और लाखों रुपये के जेवरात उड़ा दिए।

 

पीड़ित का आरोप है कि जेवर से कुछ दूरी पर आरोपियों ने दोनों सास-बहू को यह कहकर कार से उतार दिया कि आगे आरटीओ चेकिंग कर रहे हैं। सवारिया ज्यादा हैं कार में इसलिए दोनों यहीं उतर जाएं। इसके बाद दोनों सास-बहू अपने बैग को लेकर वहीं उतर गईं। कार जाने के बाद जब उन्होंने अपने बैग को खोलना चाहा तो बैग की चेन को आरोपियों ने फेवीक्विक से चिपकाया हुई थी। काफी जद्दोजहद के बाद पीड़ित ने चेन को तोड़कर बैग खोला तो जेवरात और रुपये गायब थे।

पीड़ित ने उसके बाद डायल-112 पर कॉल करके अपने साथ हुई घटना की जानकारी पुलिस को दी। पीड़ित का कहना है कि वह रविवार को करवाचौथ होने से ससुराल के लिए दनकौर से ही जेवरात लेकर रही थीं। दनकौर पुलिस का कहना है कि इस संबंध में अभी कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। पुलिस शिकायत के आधार पर मामले में जांचकर कार्रवाई करने की बात कह रही है।

मुजफ्फरपुर कोरोना काल में भी कर दी 400 की नसबंदी 25 लाख का बिल माया

कोरोना की लहर में जब सबकुछ बंद था और लोग घरों में कैद थे, उसमें भी मुजफ्फरपुर के निजी अस्पतालों ने नसबंदी करने का बिल स्वास्थ्य विभाग को थमा दिया है। निजी अस्पतालों का दावा है कि कोरोना काल के दौरान इमरजेंसी में महिला व पुरुष नसबंदी की गई थी। इसके लिए पिछले डेढ़ वर्ष में निजी अस्पतालों ने करीब 400 ऑपरेशन के लिए 25 लाख रुपये का बिल विभाग को थमाया है। अब स्वास्थ्य विभाग इसकी जांच करने की तैयारी में जुट गया है।

वैसे निजी अस्पतालों के बिल पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो कोरोना के कहर के दौरान सबकुछ बंद था। लॉकडाउन के चलते लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे थे, तब ऑपरेशन कैसे हो गया। सरकारी अस्पतालों में भी इस दौरान ऑपरेशन बंद थे। सिर्फ इमरजेंसी ऑपरेशन किए जा रहे थे। सरकारी अस्पतालों में प्रसव की संख्या में गिरावट आयी थी। इसलिए स्वास्थ्य विभाग बिल की जांच के साथ जिन मरीजों की नसबंदी की गई थी, उनका भी सत्यापन कराएगा। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यदि मरीज के डाटा में गड़बड़ी मिलती है तो संबंधित अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी। प्रखंड स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की टीम नसबंदी कराने वालों का सत्यापन करेगी।

 

एक मरीज के लिए मिलते हैं 3500 रुपये
निजी अस्पतालों को एक मरीज की नसबंदी पर 3500 रुपये दिये जाते हैं। यह राशि सरकार की तरफ से मिलती है। इसके अलावा मरीजों को भी तीन हजार की राशि दी जाती है। मरीज को नसबंदी कराने के लिए अस्पताल तक लाने वाले परामर्शदाता या आशा को 600 रुपये दिये जाते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि नियम यह भी है कि अस्पतालों को 70 प्रतिशत तक भुगतान बिना जांच के भी किया जा सकता है। 30 प्रतिशत भुगतान जांच के बाद किया जाएगा।

पखवाड़े का बिल भुगतान भी रुका
निजी अस्पतालों में जुलाई 2020 से लेकर अगस्त 2021 तक आठ परिवार नियोजन पखवाड़ा दिखाया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस पखवाड़े का भी बिल भुगतान रोक दिया है। एसीएमओ का कहना है कि पखवाड़े में कितने लोगों की नसबंदी हुई, इसकी जांच होगी। इसके बाद बिल आगे बढ़ेगा। इस जांच के लिए भी डॉक्टरों की टीम बनाई जाएगी।

आंख का ऑपरेशन करने वाले अस्पताल भी घेरे में
परिवार नियोजन के साथ आंख का ऑपरेशन करने वाले अस्पताल भी जांच के घेरे में हैं। अंधापन निवारण योजना के तहत इन अस्पतालों में प्रत्येक मरीज के इलाज और ऑपरेशन पर दो हजार की राशि दी जाती है। एसीएमओ ने बताया कि कई अस्पतालों के बिल में गड़बड़ी की शिकायत मिली है। जबतक जांच नहीं होगी, भुगतान रोककर रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि जिले में अंधापन निवारण योजना पिछले दो वर्षों से ठप है। इस योजना के तहत मुफ्त में बच्चों और बुजुर्गों की आंखों की जांच की जाती है और चश्मा दिया जाता है, लेकिन 2019 से ही यह योजना जिले में नहीं चल रही है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरेाना के समय स्कूल बंद थे, इसलिए स्कूलों में बच्चों की जांच नहीं की गई।

जांच के लिए डॉक्टरों की कमेटी बनाई जाएगी। जबतक बिल की जांच रिपोर्ट नहीं आती, भुगतान नहीं किया जाएगा। डॉक्टरों की कमेटी इस रिपोर्ट का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट देगी। इसके बाद बिल सही पाए जाने पर भुगतान किया जाएगा। – डॉ. सुभाष प्रसाद सिंह, एसीएमओ

बेटी ने माकपा नेता पर बच्चे के अपहरण का आरोप लगाया न्याय नहीं मिला तो धरने पर बैठी

पिता पर अपने बच्चे के अपहरण का आरोप लगाने के बाद केरल माकपा नेता की बेटी ने शनिवार को केरल सचिवालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। अनुपमा माकपा की स्थानीय समिति के सदस्य की बेटी है, जिसके 3 दिन के बच्चे को उसके माता-पिता ने पिछले साल उसकी जानकारी के बिना गोद लेने के लिए दिया था। अनुपमा ने इस मामले में तिरुवनंतपुरम के स्थानीय थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

अनुपमा ने आरोप लगाया है कि चूंकि उसके पिता ने एक प्रभावशाली पद पद पर हैं, इसलिए उसे न्याय नहीं मिल रहा है। अनुपमा ने यह भी आरोप लगाया कि बच्चे को ढूंढने के लिए उसने स्थानीय पुलिस स्टेशन, डीजीपी, बाल कल्याण समिति और पार्टी नेताओं से गुहार लगाई लेकिन न्याय नहीं मिला।

 

अनुपमा के साथ उसके पति अजीत ने भी केरल सचिवालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया।

अनुपमा ने कहा, ‘मैं किसी राजनीतिक पार्टी के खिलाफ या किसी पार्टी के बैनर चले विरोध नहीं कर रही। मेरे पति और मैं यहां हमारे अधिकारों के लिए हैं। हमें स्थानीय पुलिस थाने, बाल कल्याण समिति या बाल कल्याण परिषद से सहयोग नहीं मिला इसलिए हम न्याय पाने के लिए यहां धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।’

मामले के तूल पकड़ते देख केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने ऐलान किया है कि केरल सरकार फैमिली कोर्ट को अनुपमा एस चंद्रण की मांग से अवगत कराएगी।

इटावा लेडी कैफे पर सुहागिनों के सजे हाथ करवा चौथ स्पेशल मेहंदी लगवाई

 

इटावा
शहर के ब्यूटी पार्लर में करवा चौथ की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है महिलाओं की भीड़ ब्यूटी पार्लर पर मेहंदी लगवाने के लिए लगी हुई है

 

सुहागिनों के त्यौहार पर लेडी कैफे ने महिलाएं करवा चौथ स्पेशल मेहंदी लगवाने के लिए सुबह से ही आने लगी प्रोपराइटर उर्मिला शाक्य ने बताया कि उनके कैफे में करवा चौथ के त्यौहार पर महिलाओं के लिए स्पेशल मेहंदी की डिजाइन लगाई जा रही है

अरेबिक ट्रेडिशनल तथा ट्रेंन्डी मेहंदी का चलन वर्तमान में है लेकिन त्यौहार की मेहंदी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है वही इस त्योहारी सीजन में उन्होंने कई ऑफर भी दे रखे हैं कोरोना काल के लंबे अंतराल के बाद शहर की महिलाएं भी त्यौहार को मनाने के लिए उत्साहित दिख रही है

शहर के अन्य ब्यूटी पार्लर में भी यही हाल रहा

केरल के बाद अब यूपी में जीका वायरस का खौफ कानपुर में मिला पहला मरीज

केरल के बाद कानपुर में जीका वायरस का पहला मरीज मिला है। यह 57 वर्षीय एयरफोर्स कर्मचारी है, जिसे डेंगू बुखार के लक्षण पर सेवेन एयरफोर्स अस्पताल में 19 अक्टूबर को भर्ती कराया गया था। इलाज से लाभ न मिलने पर दो दिन पूर्व सैंपल नेशनल इंस्टरट्यूट आफ वायरोलाजी, पुणे को सैंपल भेजा गया। जहां से जीका पॉजिटिव रिपोर्ट शनिवार को मिली है। जीका के पहले मरीज की सूचना पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प है। मरीज, उसके करीब रहे 22 लोगों व इलाज कर रहे स्टाफ को आइसोलेट कर दिया गया है। इन सभी का सैंपल भी जांच को केजीएमयू लखनऊ भेजा गया है।

पाजिटिव रिपोर्ट मिलने के बाद दिल्ली स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने स्थानीय टीम के साथ मरीज के घर पर का साथ दौरा किया है। मरीज पोखरपुर (चकेरी) का रहने वाला है। सीएमओ डा. नैपाल सिंह ने दो टीमें बनाई हैं। एक टीम एसीएमओ डा. सुबोध प्रकाश की अगुवाई में परदेवनपुर पोखरपुर गई, जहां परिवार में पत्नी और बेटे-बेटी के साथ ही सम्पर्क में आए 22 लोगों के सैम्पल लिए गए। एयरफोर्स कर्मचारी का एक बेटा पुणे तो बेटी बंगलुरू में रहती है। दूसरी टीम ने सेवेन एयरफोर्स हास्पिटल में निरीक्षण किया।

 

सीएमओ डॉ. नैपाल सिंह का कहना है कि एयरफोर्स कर्मचारी में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। मरीज के सम्पर्क में आए सभी लोगों के सैम्पल लिए गए हैं। उन्हें आइसोलेट कर दिया गया है। कानपुर के डीएम विशाख जी ने बताया जीका पाजिटिव पहले मरीज की पुष्टि के मद्देनजर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और नगर निगम की टीम की आपात बैठक बुलाई है। स्वच्छता पर विशेष अभियान चलेगा।

यूपी के शाहजहांपुर में कैबिनेट मंत्री के करीबी सेनेटरी व्यापारी की गोली मारकर हत्या

यूपी के शाहजहांपुर जिले के चौक कोतवाली क्षेत्र के केरूगंज में शनिवार रात साढ़े 10 बजे सेनेटरी और सीमेंट के बड़े व्यापारी ऋषि कपूर के छोटे भाई मनीष कपूर उर्फ टीटू की गोली मार कर हत्या कर दी गई। गंभीर हालत में मनीष को मेडिकल कालेज ले जाया गया था, जहां डाक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मनीष कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना की करीबी माने जाने वाले कपूर परिवार के सदस्य हैं।

मोहल्ला घूरनतलैया निवासी सूरज प्रसाद कपूर के छोटे बेटे मनीष कपूर सेनेटरी और सीमेंट व्यापारी थे। वर्तमान में मनीष ने हरदोई में साइट ले रखी थी। सीमेंट की रैक उतरने के चलते उनका हर रोज आना जाना होता था। शनिवार को रात करीब साढ़े 10 बजे केरूगंज में एक होटल पर मनीष को सीने में गोली मार दी गई। हमलावर गोली मारने के बाद फरार हो गए। पुलिस के पास सूचना पहुंचने पर हड़कंप मच गया। घटना के बाद एसपी ने मौका मुआयना किया है। इस हत्याकांड में सपा के एक नेता के पुत्र का नाम सामने आ रहा है।

आगरा पुलिस कस्टडी में मौत प्रकरण में कासगंज पुलिस करेगी जांच

आगरा में पुलिस अभिरक्षा में सफाई कर्मी अरुण वाल्मीकि की मौत के मामले में जांच अब कासगंज पुलिस करेगी। पुलिस उप महानिरीक्षक दीपक कुमार की ओर से कासगंज जिले को यह विवेचना आवंटित की है।

बता दें कि एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने आगरा में पुलिस कस्टडी में दम तोडने वाले सफाई कर्मी के मामले में मुकदमे की विवेचना अलीगढ़ रेंज से कराए जाने का निर्णय लिया था। ऐसा मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइन के अनुसार लिया गया है। गाइडलाइंस में कहा गया है कि किसी थाने या जिले की पुलिस पर अभिरक्षा में मौत के आरोप के मामले के मुकदमे की विवेचना उस थाने या जिले से बाहर कराई जानी चाहिए। एडीजी का यह आदेश शुक्रवार को अलीगढ़ रेंज पहुंच गया था। डीआईजी दीपक कुमार की ओर से जांच कासगंज जिले को सौपी गई है।

 

घटना की विवेचना कासगंज को आवंटित की गई है। एसपी कासगंज को निर्देशित किया गया है कि इंस्पेक्टर स्तर के किसी अधिकारी से यह विवेचना कराई जाए। इनमें सभी नियमों का भी ध्यान रखा जाए। – दीपक कुमार, डीआईजी, अलीगढ़ रेंज

बुलंदशहर में डेंगू के मरीज का कर दिया पेट का ऑपरेशन मौत अल्पसंख्यक आयोग ने लिया संज्ञान

बुलंदशरह के एक नर्सिंग होम में भर्ती हुए डेंगू के मरीज का पेट का ऑपरेशन कर दिया गया। उसके बाद उसकी मौत हो गयी। जबकि पेट का आपरेशन किसी और मरीज का होना था।  उ.प्र.राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने इस बारे में मीडिया में आयी खबरों का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण महानिदेशक को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में निर्देश दिये गये हैं कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए विशेषज्ञों की कमेटी गठित की जाए और जांच में आये तथ्यों के आधार पर उक्त नर्सिंग होम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही पीड़ित परिवार को समुचित मुआवजा दिलवाया जाए। आयोग ने इस पूरी कार्यवाही की रिपोर्ट अगले पन्द्रह दिनों में तलब की है।

 

यह जानकारी आयोग के चेयरमैन अशफाक सैफी ने दी है। उन्होंने बताया कि बुलंदशहर जिले की भूड रोड स्थित एक निजी नर्सिंग होम में बुलंदशहर के थाना नरसेवा के ग्राम करियाली निवासी सैफी बुखार का इलाज करवाने के लिए अपना उपचार करवाने गये। जहां डाक्टरों ने जांच के बाद डेंगू की पुष्टि करते हुए प्लेटलेट्स कम होने की बात कही।

डाक्टर द्वारा पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। बगैर कोई कारण बताए डाक्टर द्वारा पीड़ित के पेट का आपरेशन कर दिया गया जिसके बाद पीड़ित की मौत हो गयी। जब पीड़ित के परिवार वालों ने डाक्टर से आपरेशन के बारे में पूछा तो डाक्टर द्वारा कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक जब पीड़ित को बेड पर एनीस्थीसिया की डोज देकर आपरेशन कर दिया गया तभी आपरेशन कराने वाला असली मरीज पहुंच गया। नर्सिंग होम संचालक घटना के बाद से गायब चल रहे हैं।

चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में 300 आईएएस पीसीएस के तबादले

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले 300 से अधिक ब्यूरोक्रेट के तबादले किए गए हैं। इसमें 14 आईएएस, 60 से अधिक वरिष्ठ पीसीएस यानी एडीएम व विशेष सचिव स्तर के अधिकारी और 225 के करीब उपजिलाधिकारी हैं। प्रदेश के 10 जिलों में नए डीएम बनाए गए हैं। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने पहले की तरह इन तबादलों को भी सार्वजनिक नहीं किया है। ये वे अधिकारी हैं जिनके एक ही जिले में तीन साल पूरे हो गए हैं।

आईएएस अफसरों में अनुज कुमार झा डीएम अयोध्या से प्रतीक्षारत, नीतीश कुमार डीएम बरेली से डीएम अयोध्या, सत्येंद्र कुमार डीएम महोबा से डीएम महराजगंज, संजय कुमार सिंह विशेष सचिव नियुक्ति कार्मिक से डीएम फर्रुखाबाद बनाए गए हैं। उज्ज्वल कुमार डीएम महराजगंज से प्रतीक्षारत, मानवेंद्र सिंह डीएम फर्रुखाबाद से डीएम बरेली, रविंद्र कुमार डीएम बुलंदशहर से डीएम झांसी, चंद्र प्रकाश सिंह डीएम कासगंज से डीएम बुलंदशहर, हर्षिता माथुर उपाध्यक्ष विकास प्राधिकरण बुलंदशहर से डीएम कासगंज बनाई गई हैं।

 

मनोज कुमार विशेष सचिव पर्यटन से डीएम महोबा, नेहा प्रकाश विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा से डीएम श्रावस्ती, टीके शीबू डीएम श्रावस्ती से डीएम सोनभद्र, आंद्रा वामसी डीएम झांसी से प्रतीक्षारत, अभिषेक सिंह डीएम सोनभद्र से प्रतीक्षा में रखे गए हैं। इसके अलावा एडीएम और विशेष सचिव स्तर के 60 से अधिक पीसीएस और उप जिलाधिकारी स्तर के करीब 225 के करीब पीसीएस अफसरों को तबादले किए गए हैं। स्थानांतरित होने वाले अधिकारियों को 31 अक्तूबर से पहले नई तैनाती स्थल पर कार्यभार ग्रहण करना होगा। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग को देगा।

15 मार्च तक हो सकते हैं यूपी विधानसभा चुनाव चुनाव आयोग ने की समीक्षा

उत्तर प्रदेश में अगले साल 15 मार्च तक विधान सभा चुनाव करवाए जाने पर केन्द्रीय चुनाव आयोग गम्भीरता से विचार कर रहा है। बीते दो दिन आयोग ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों से वर्चुअल बैठकों में अब तक हुई चुनाव की तैयारी, आगामी पहली नवम्बर से शुरू होने वाले वोटर लिस्ट के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण के मुद्दों पर चर्चा की। इसके अलावा यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं, होली के त्योहार, फसल कटाई, कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर आदि तमाम मुद्दों पर आयोग ने जिलाधिकारियों से जानकारी हासिल की।

चुनाव आयोग के अधिकारियों का आंकलन है कि प्रदेश में 15 मार्च तक विधान सभा चुनाव सम्पन्न करवाए जा सकते हैं। इसके लिए इस साल दिसम्बर के अंत या अगले साल जनवरी की शुरुआत में चुनाव की अधिसूचना जारी की जा सकती है।

 

चूंकि चुनाव ड्यूटी में बड़ी तादाद में सरकारी शिक्षकों को भी तैनात किया जाना है और अधिकांशत: शिक्षण संस्थाओं में ही मतदान केन्द्र बनाए जाते हैं इस लिहाज से 15 मार्च तक विधान सभा चुनाव  करवाकर उसके बाद यूपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और अन्य शिक्षा बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं करवाने का प्रस्ताव है। इन अधिकारियों का तर्क है कि वर्ष 2012 में विधान सभा चुनाव के लिए 28 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की गयी थी और छह मार्च 2012 को मतगणना करवायी गयी थी।
जबकि 2017 के विस चुनाव के लिए उस साल सात जनवरी को अधिसूचना जारी हुई थी और 11 फरवरी से आठ मार्च के बीच सात चरणों में चुनाव सम्पन्न करवा लिये गये थे। वैसे मौजूदा विधान सभा का कार्यकाल 14 मई तक है, उससे पहले आयोग को हर हाल में चुनाव करवाने होंगे।