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आईआरएस अधिकारी ने दस्तावेजों में नाम और लिंग परिवर्तन का किया अनुरोध, केंद्र सरकार ने दी अनुमति

हैदराबाद: हैदराबाद में आईआरएस अधिकारी के नाम और लिंग परिवर्तन की एप्लीकेशन को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब वे एम अनुसूया की जगह एम अनुकाथिर सूर्या के नाम से पहचानी जाएंगी। हैदराबाद में इससे पहले भी कई अनोखे फैसले लिए जा चुके हैं। जो कि देशभर के लिए मिसाल होते हैं।

एम अनुसूया जो कि वर्तमान में हैदराबाद में सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के मुख्य आयुक्त के कार्यालय में बतौर संयुक्त आयुक्त के पद पर तैनात हैं। पिछले दिनों अनुसूया ने अपना नाम और लिंग परिवर्तन करने के लिए सरकार से अनुरोध किया था। एम अनुसूया अपना नाम बदलकर एम अनुकाथिर सूर्या और लिंग को महिला से पुरुष में परिवर्तित करवाना चाहती थीं।

इस मामले पर विचार करने के बाद वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अवर सचिव ने आदेश जारी किया। जिसमें उन्होंने अनुसूया के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। उन्होंने आदेश में कहा कि अधिकारी को अब से सभी आधिकारिक दस्तावेजों में श्री एम अनुकाथिर सूर्या करने की अनुमति दे दी है।

पहले भी इन मामलों में हैदराबाद बन चुका मिसाल
हैदराबाद ने इन मामलो में पहले भी मिसाल कायम कर चुका है। जून 2015 में नेशनल अकादमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के बीए एलएलबी छात्र ने अनुरोध किया था कि स्नातक सर्टिफिकेट में लिंग की पहचान नहीं होनी चाहिए। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने नाम के साथ ‘Ms’ की जगह ‘Mx’ लिखने का छात्र का अनुरोध स्वीकार किया। इस आदेश के बाद छात्र ने कहा कि यह एक पहला सकारात्मक कदम है।

वहीं 2022 में विश्वविद्यालय ने समलैंगिक छात्रों को समायोजित करने के लिए एक छात्रावास तल नामित किया। इसके बाद पिछले साल हैदराबाद अस्पताल में एमडी इमरजेंसी मेडिसिन प्रोग्राम में स्थान प्राप्त करने के बाद डॉ. रूथ पॉल जॉन देश में स्नातकोत्तर के बाद पहली ट्रांसजेंडर डॉक्टर बन गई।

इसके बाद पिछले साल जुलाई में तेलंगाना सरकार ने उस्मानिया जनरल अस्पताल में पहला ट्रांसजेंडर क्लीनिक स्थापित किया औश्र वहां तैनात डॉक्टरों को संवेदीकरण प्रशिक्षण दिया गया।

मुदा मामले में CM सिद्धारमैया की बढ़ीं मुश्किलें, पत्नी-साले समेत नौ के खिलाफ शिकायत दर्ज

बंगलूरू:  कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) घोटाले के सिलसिले में उनके और नौ अन्य के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है।

सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने यह शिकायत मैसूर के विजयनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है। उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल, मुख्य सचिव और राजस्व विभाग के प्रधान सचिव को भी पत्र लिखकर विवाद की जांच की मांग की है। कृष्णा ने आरोप लगाया है कि मैसूर जिला कलेक्टर और अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती, उनके साल मल्लिकार्जुन, उपायुक्त, तहसीलदार, उप रजिस्ट्रार और मुदा के कुछ अधिकारी भूमि आवंटन घोटाले में शामिल हैं।

शिकायत में यह आरोप लगाए
स्नेहमयी ने शिकायत में कहा कि सिद्धारमैया के साले मल्लिकार्जुन ने अन्य सरकारी और राजस्व विभाग के अधिकारियों की मदद से 2004 में अवैध रूप से जमीन खरीदी और जाली दस्तावेजों के आधार पर इसकी रजिस्ट्री कराई। उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्वती, मल्लिकार्जुन और एक अन्य व्यक्ति ने इन दस्तावेजों का इस्तेमाल मुदा से जुड़े करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए किया।

सीबीआई को सौंपें जांच: जोशी
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने को कहा।

कोई घोटाला नहीं हुआ: शिवकुमार
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बुधवार को मुदा में किसी भी घोटाले के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि राज्य में कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान कोई घोटाला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘राज्य में जितने भी घोटाले हुए हैं, वे सभी भाजपा के कार्यकाल के दौरान हुए हैं। हम सत्र के दौरान सभी आरोपों का जवाब देंगे।’

मुख्यमंत्री ने कही ये बात
सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) की जमीनों के आवंटन में कोई घोटाला हुआ है या नहीं। प्लॉट आवंटन में शामिल लोगों का तबादला कर दिया गया है और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जांच में लगे हुए हैं। रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

क्या है मामला?
कर्नाटक में भूमि आवंटन घोटाला सुर्खियों में रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री की पत्नी 2021 में भाजपा के कार्यकाल के दौरान मुदा की लाभार्थी थीं। उस समय मैसूर के प्रमुख स्थानों में 38,284 वर्ग फुट भूमि उन्हें उनकी 3.16 एकड़ जमीन के कथित अवैध अधिग्रहण के मुआवजे के रूप में आवंटित की गई थी। मैसूर के केसारे गांव में उनकी 3.16 एकड़ जमीन उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें उपहार में दी थी। मुआवजे के तौर पर दक्षिण मैसूर में एक प्रमुख इलाके में उन्हें जमीन दी गई। आरोप है कि केसर गांव की जमीन की तुलना में इसकी कीमत काफी अधिक है। इसके कारण मुआवजे की निष्पक्षता पर सवाल उठाए गए हैं।

यूं ही नहीं राहुल ने लगाया चुनावों के बाद भी मणिपुर पर दांव, यह है कांग्रेस का ‘प्लान’

राहुल गांधी के मणिपुर दौरे के बाद कांग्रेस ने सियासी तौर पर अपनी अगली रणनीति की तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव के बाद भी मणिपुर के मुद्दे को छोड़ने वाली नहीं है। कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि मणिपुर के मामले पर चुनावों के बाद भी उनके नेता मणिपुर की आवाज उठाते हैं, तो इसका एक बहुत सधा हुआ सकारात्मक नैरेटिव सेट होगा। राजनीतिक जानकार भी मानते हैं कि राहुल गांधी का चुनाव के बाद भी मणिपुर जाना यह बताता है कि पार्टी कितनी सधी हुई रणनीति के मुताबिक काम कर रही है। पार्टी से जुड़े रणनीतिकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में भी उनकी पार्टी लगातार इस मुद्दे को आगे उठाती रहेगी। इसके लिए कांग्रेस पार्टी ने अपने रणनीतिकारों को कुछ महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां के लिए एक टास्क भी दिया है। इस संबंध में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक भी हुई।

राहुल गांधी मंगलवार को रायबरेली में थे। कहने को तो राहुल गांधी बीते एक महीने में दूसरी बार रायबरेली पहुंचे हैं। लेकिन रायबरेली से ज्यादा चर्चा राहुल गांधी की मणिपुर यात्रा को लेकर हुई है। कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को कुछ महत्वपूर्ण नेताओं के साथ मणिपुर मामले में राहुल गांधी की ओर से किए गए वादे और आश्वासन को लेकर रणनीति बनाई गई। सूत्रों के मुताबिक इस रणनीति के तहत मणिपुर के लोगों को कांग्रेस लगातार ऐसे ही समर्थन करती रहेगी। कहा यह भी जा रहा है कि मानसून सत्र में कांग्रेस एक बार फिर से मणिपुर के मुद्दे पर बड़ी तैयारी के साथ संसद पहुंचने वाली है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया कहते हैं कि राहुल गांधी ने चुनावों के बाद मणिपुर जाकर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि उनकी पार्टी और उनके नेता कोई सियासत नहीं कर रहे हैं। वह हकीकत में मणिपुर के दुख दर्द को महसूस कर रहे हैं और उनकी आवाज बनकर उनके लिए न्याय मांग रहे हैं।

हालांकि सियासी रणनीतिकार इसको एक अलग नजरिए से देखते हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने बहुत ही सधे तरीके से मणिपुर को अपने सियासी तरकश में सजाने की तैयारी की है। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार डीपी सिंह कहते हैं कि चुनाव के दौरान जब राजनीतिक दल कोई गर्म मुद्दा उठाते हैं, तो उसके सियासी मायने निकाले जाते हैं। क्योंकि इस वक्त चुनाव खत्म हो चुके हैं। ऐसे में राहुल गांधी का मणिपुर जाना और वहां के लोगों से मिलना सियासी नजरिए से बहुत दूरदृष्टि जैसा दिख रहा है। सिंह कहते हैं कि जनता के बीच में एक नैरेटिव सेट करना भी सियासी पार्टियों के लिए बड़ा टास्क होता है। राहुल गांधी मणिपुर जाकर इस वक्त जो काम कर रहे हैं वह एक नैरेटिव सेट करने जैसा ही है। उनका मानना है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से मणिपुर जाना और वहां के लोगों की समस्याओं को सामने लाकर वह न सिर्फ नॉर्थ-ईस्ट और मणिपुर में कोई संदेश देना चाहते हैं, बल्कि दक्षिण से लेकर उत्तर और पूर्व से लेकर पश्चिम तक वह सियासी संदेश देने की पिच तैयार कर रहे हैं। डीपी सिंह कहते हैं मणिपुर को लेकर लगातार देश के लोगों में अलग अलग तरह की चर्चाएं होती रहती हैं। ऐसे में देश के अलग-अलग हिस्सों में भावनात्मक तौर पर मणिपुर से जुड़े हुए लोगों का समर्थन कांग्रेस पार्टी लेने की फिराक में भी है। सियासी जानकारों का मानना है कि राहुल गांधी का मणिपुर दौरा उसी भावनात्मक समर्थन को बूस्टर के तौर पर देखते हुए आगे की सियासी पिच तैयार कर रही है।

जिस बार में गया था आरोपी उसके अवैध हिस्से को तोड़ा गया; जानें पूरा मामला

मुंबई:  मुंबई के बीएमडब्ल्यू हिट एंड रन मामले में हर दिन नई कार्रवाई हो रही है। आबकारी विभाग के बाद अब मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बड़ा कदम उठाया है। एक दिन पहले जहां जुहू स्थित वाइस ग्लोबल तापस बार को सील कर दिया था। वहीं अब इसके अवैध हिस्से को तोड़ा जा रहा है। बता दें, आरोपी मिहिर शाह दुर्घटना से पहले इसी बार में गया था।

बीएमसी ने यह फैसला दुर्घटना के बाद बार पर छापा मारने के बाद लिया है। गौरतलब है, मुंबई में वर्ली हिट-एंड-रन मामले के मुख्य आरोपी और शिवसेना नेता राजेश शाह के 24 साल के बेटे को मंगलवार शाम को गिरफ्तार कर लिया गया। वह तीन दिनों से लापता था।

नगर निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि बीएमसी के के-वेस्ट वार्ड कार्यालय की टीम आज सुबह वाइस ग्लोबल तापस बार पहुंची और उसके अवैध हिस्से को तोड़ना शुरू कर दिया। इससे पहले विभाग ने यह पता लगाने के लिए बार का निरीक्षण किया था कि कोई अनधिकृत बदलाव तो नहीं किए गए।

सौंपा गया था नोटिस
उन्होंने कहा कि बार को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले उसे नोटिस दिया गया था। इससे पहले, आबकारी विभाग ने जुहू स्थित वाइस ग्लोबल तापस बार को सील कर दिया था।

पुलिस की जांच में खुलासा
आपको बता दें कि तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने मुंबई के वर्ली इलाके में कावेरी नखवा नामक महिला को कुचल दिया था। कार ने महिला को करीब दो किलोमीटर तक घसीटा था। इस हादसे में उनके पति प्रदीप नखवा भी घायल हो गए थे। दुर्घटना के बाद, मिहिर दो दिनों से अधिक समय तक लापता था। वह उसी बीएमडब्ल्यू कार से बांद्रा के कला नगर इलाके में गया था।

यह है पूरा मामला
पुलिस ने मिहिर के ड्राइवर राजरिशी बिदावत को भी गिरफ्तार कर लिया था, जो कार में सवारी के दौरान उसके साथ था। बाद में, मिहिर ने अपने पिता राजेश शाह को फोन किया और घटना के बारे में बताया। इसके बाद, राजेश ने अपने बेटे को शहर छोड़ने को कहा और उससे कहा कि राजरिशी दुर्घटना की जिम्मेदारी ले लेगा। अपने पिता से बातचीत के बाद मिहिर इधर-उधर छिपने लगा।

इस पूरे हादसे पहले, शनिवार रात मिहिर शाह और उसके दोस्त बार गए थे। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने पहले बताया था कि बार के कर्मचारियों ने मिहिर को शराब दी थी।

मध्य प्रदेश के चड्ढी-बनियान गैंग ने कर्नाटक में मचाया आतंक, पुलिसकर्मियों पर किया हमला, दो घायल

बंगलूरू: मध्य प्रदेश का चड्ढी-बनियान गैंग कर्नाटक में आतंक मचा रहा है। इस गैंग ने मंगलूरू के मुल्की में पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। मंगलवार को हासन के सक्लेश्पुर में चड्ढी बनियान गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। उन्हें सक्लेश्पुर से मुल्की लाया गया, जहां से ये चारों फरार हो गए। मुल्की में नकद और ज्वेलरी लूटने के बाद ये चारों बंगलूरू की तरफ भाग गए। लूटपात में उन्होंने एक बुजुर्ग दंपती को घायल कर दिया।

इस घटना के बाद मंगलूरू पुलिस ने उन्हें पांच घंटे के भीतर पकड़ लिया। पुलिस के अनुसार, अपराधी भागने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस की टीम ने अपराधियों पर गोली चला दी। आरोपियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया। घायल पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक आरोपी को पैर में गोली भी लगी। उसे सरकारी वेनलॉक अस्पताल के पुलिस वॉर्ड में रखा गया है।

सोमवार की सुबह चड्ढी-बनियान गैंग के सदस्यों ने कोटेकानी क्षेत्र में एक घर में तोड़फोड़ भी की। घर में मौजूद बुजुर्ग दंपती को डराने-धमकाने के साथ उनके पास से सोने के गहने और नकद लेकर भाग निकले। उन्होंने कुल 15 लाख रुपये की लूटपाट की। इसके अलावा एक कार भी अपने साथ ले गए थे। चड्ढी-बनियान गैंग के ये सभी अपराधी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं।

कांग्रेस-उद्धव शिवसेना ने शिंदे सरकार को घेरा, आरोपी को बचाने-केस को दबाने का लगाया आरोप

मुंबई: महाराष्ट्र में पुणे के वर्ली में हिट एंड रन मामले में कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को घेरा। उन्होंने राज्य सरकार और पुलिस पर इस मामले को दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता के अलावा शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी। संजय राउत ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले में आरोपी को बचाया जा रहा है। इस मामले में शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने पीड़ित महिला कावेरी नखवा के पति प्रदीप नखवा से मुलाकात की।

वर्ली में हिट एंड रन मामले में कांग्रेस ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, “सरकार और पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। उसे (मुख्य आरोपी मिहिर शाह) गिरफ्तार नहीं किया गया, क्योंकि वह नशे में था और इसका खुलासा जांच के दौरान हो जाता। मैं कहूंगा कि पुलिस आरोपी को छिपा रही है। जब दो बार उसका टेस्ट किया गया और उसके खून के नमूने में शराब नहीं पाया गया, तब उसे पुलिस के सामने पेश किया गया। मैं इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग करता हूं।”

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने भी इस मामले में राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा, “यह कोई मामूली केस नहीं है। सरकार आरोपी को बचाने की कोशिश कर रही है। आप आरोपी के पिता का आपराधिक रिकॉर्ड देख सकते हैं। मुंबई पुलिस को अब अंडरवर्ल्ड गिरोह के साथ उसके संबंधों की जांच करनी होगी। उन्हें यह जांच करनी होगी कि वह (आरोपी के पिता) अपनी संपत्तियों और ऐसी फैंसी कारों को कैसे खरीद पा रहा है। वह मुख्यमंत्री का करीबी कैसे बना, इसकी भी जांच होनी चाहिए। आरोपी नशे में था और यह मेडिकल रिपोर्ट में न आ जाए इस बात को छिपाने के लिए वह छिप रहा था। वह तीन दिन से कहीं छिपा हुआ था। जिस तरह से उसने एक निर्दोष महिला को कुचल कर मार डाला वह अमानवीय है। ऐसे लोगों को जेल से रिहा नहीं करना चाहिए।”

क्या है मामला
मुंबई के वर्ली इलाके में रविवार को एक तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने एक स्कूटर को टक्कर मार दी थी। इस घटना में एक महिला की मौत हो गई। कार मिहिर शाह चला रहा था। पुलिस को शक है कि मिहिर घटना के समय नशे में था। आरोपी अभी फरार है। उसे ढूंढने के लिए लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया है।

पुलिस ने बताया कि मिहिर शाह ने घटना वाली रात जुहू के एक बार में शराब पी थी। घर जाते समय उसने चालक से उसे लॉन्ग ड्राइव पर ले जाने को कहा। कार वर्ली आई तो मिहिर ने जोर देकर कहा कि वाहन को वह चलाएगा। इसके बाद तेज रफ्तार कार ने कुछ देर बाद एक दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी। दोपहिया वाहन पर कावेरी नखवा और उनके पति प्रदीप नखवा सवार थे। जो वर्ली के कोलीवाड़ा इलाके के निवासी थे।

दंपती मछुआरा समुदाय से थे। सुबह जब वे दोपहिया वाहन से काम पर जा रहे थे, तभी बीएमडब्ल्यू कार उनके वाहन से टकरा गई। इसके बाद दोनों हवा में उछल गए। कार का बोनट क्षतिग्रस्त हुआ। इसके बाद कार ने कावेरी को कुचल दिया। फिर आरोपी मौके से फरार हो गए। महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उनके पति प्रदीप को मामूली चोटें आईं।

अमरावती मंडल में पिछले छह महीने में 557 किसानों ने की आत्महत्या, सरकारी रिपोर्ट से हुआ खुलासा

महाराष्ट्र में खेती में हो रहे नुकसान को किसान सहन नहीं कर पा रहे हैं और आर्थिक तंगी से जूझते हुए मौत को गले लगा रहे हैं। सरकार की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ अमरावती मंडल में इस साल जनवरी से लेकर जून तक कुल 557 किसानों ने आत्महत्या कर ली है। जानकारी के मुताबिक अमरावती मंडल के पांच जिले अमरावती, अकोला, बुलढाणा, वाशिम और यवतमाल जिलों में 557 किसानों ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली है।

किस जिले में कितने किसानों ने की आत्महत्याएं?
अमरावती संभागीय आयुक्त कार्यालय की तरफ से तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में जनवरी से जून के बीच संभाग में कुल 557 किसानों ने आत्महत्या की है। इनमें से सबसे अधिक 170 आत्महत्याएं अमरावती जिले में दर्ज की गईं, इसके बाद यवतमाल में 150, बुलढाणा में 111, अकोला में 92 और वाशिम में 34 आत्महत्याएं दर्ज की गईं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने 53 मामलों में मृतकों के परिवारों को सहायता प्रदान की है, जबकि 284 मामले जांच के लिए लंबित हैं।

कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार से की मांग
सरकारी रिपोर्ट में दर्शाए गए आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देते हुए अमरावती लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता बलवंत वानखड़े ने कहा कि महाराष्ट्र उन राज्यों में से एक है, जहां किसानों की आत्महत्याओं की संख्या सबसे अधिक है और इस मामले में अमरावती राज्य में सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा, कि फसल का नुकसान, पर्याप्त बारिश की कमी, मौजूदा कर्ज का बोझ और समय पर कृषि ऋण का अभाव कुछ प्रमुख कारण हैं, जो किसानों को यह कदम उठाने के लिए मजबूर करते हैं। सरकार को किसानों की आय दोगुनी करने के अपने आश्वासन को पूरा करना चाहिए और उन्हें सहायता प्रदान करनी चाहिए।

किसानों की आत्महत्या गंभीर मुद्दा- नीलेश पाटिल
वहीं राज्य सरकार के वसंतराव नाइक शेतकरी स्वावलंबी मिशन के अध्यक्ष नीलेश हेलोंडे-पाटिल ने कहा कि किसानों की आत्महत्या एक गंभीर मुद्दा है और ऐसी मौतों को रोकने के लिए मिशन समाधान खोजने के प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, स्थानीय प्रशासन ग्राम पंचायत स्तर पर किसानों तक कई सरकारी योजनाओं के माध्यम से पहुंच रहा है, ताकि उनकी आय में बढ़ोत्तरी हो सके, इसके साथ ही उनके बच्चों की शिक्षा और परिवार के सदस्यों के चिकित्सा खर्च में भी मदद मिल सके।

‘कल्याण चौबे ने उपचुनाव में समर्थन के लिए रिश्वत की पेशकश की’, टीएमसी नेता का भाजपा प्रत्याशी पर आरोप

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता कुणाल घोष ने विधानसभा उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार कल्याण चौबे पर चुनाव जीतने में उनका समर्थन लेने के लिए रिश्वत की पेशकश करने का आरोप लगाया है। हालांकि, उपचुनाव से पहले भाजपा उम्मीदवार ने घोष के इस आरोप को निराधार बताया है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल की चार विधानसभा सीटों पर आज उपचुनाव होना है। इनमें रायगंज, रानाघाट दक्षिण, बागदा और मानिकतला शामिल हैं। कोलकाता के मानकितला से भाजपा उम्मीदवार कल्याण चौबे मैदान में हैं। चुनाव से पहले टीएमसी नेता घोष ने चौबे पर रिश्वत की पेशकश करने का गंभीर आरोप लगाया है। घोष ने कहा, प्रचार समाप्त हो चुका है। भाजपा उम्मीदवार चौबे समझ गए हैं कि वह चुनाव हारने वाले हैं। सात जुलाई की रात साढ़े 11 बजे भाजपा उम्मीदवार ने फोन कॉल कर मुझसे समर्थन मांगा, यह अच्छी तरह जानते हुए भी कि मैं मानिकतला उपचुनाव के लिए सीएम द्वारा गठित कोर कमेटी का संयोजक हूं। घोष ने आरोप लगाया कि समर्थन के बदले अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष चौबे ने कहा कि वह मुझे राज्य या राष्ट्रीय स्तरीय खेल संगठन में शामिल कराने का प्रयायस करेंगे। टीएमसी नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि कल्याण चौबे अपने राजनीतिक लाभ के लिए एआईएफएफ अध्यक्ष के आधिकारिक पद का दुरुपयोग कर रहे हैं।

हालांकि, कल्याण चौबे ने टीएमसी नेता के इन आरोपों को निराधार बताया। चौबे ने आरोपों की सफाई में कहा कि उन्होंने घोष को उम्मीदवार के रूप में वोट मांगने के लिए फोन किया था। उन्होंने अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए कहा, “यह सिर्फ एक शिष्टाचार कॉल था और बातचीत को रिकॉर्ड करना और संपादित संस्करण जारी करना अपराध है। उन्होंने खुद पहले भाजपा में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की थी। मैंने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग नहीं किया है। उन्होंने ऑडियो क्लिप को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है।

भीषण भिड़ंत में पांच फीट उछली बाइकें…फिर लगी आग, बदहवास बेटे को पुकारती रही मां, पढ़ें महोबा हादसे की कहानी

महोबा: महोबा जिले में श्रीनगर-बेलाताल मार्ग पर हुए झकझोर देने वाले इस हादसे से सभी की आखें नम हो गईं। भिड़ंत इतनी भीषण थी कि टक्कर होते ही बाइकें पांच फीट ऊंचे उछलीं और दोनों बाइकों की टंकियां फट गईं, इससे आग लग गई। हादसा होते ही चीख-पुकार मच गई। उधर, नशा व तेज रफ्तार इस हादसे का कारण बना। दोनों बाइकें करीब 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही थीं।

पीरा गांव निवासी ललितेश मप्र के छतरपुर जिले के कस्बा गढ़ीमलहरा निवासी अपने मामा कमला की बेटी दीपिका की शादी में बाइक से अपनी बहन नेहा उर्फ केसर, भांजे देवेंद्र और राज के साथ जा रहा था। तभी थाना श्रीनगर के चितइयन गांव के पास सामने से आ रही जिस बाइक से टक्कर हुई, वह भी करीब 100 किमी की रफ्तार से थे। बताया जा रहा है कि ललतेश नशे की हालत में बाइक चला रहा था। इससे हादसा हुआ। जांच के दौरान जली बाइक की डिकी से पुलिस को 10 क्वार्टर शराब भी मिली।

डेढ़ घंटे तक नहीं पहुंची एंबुलेंस
श्रीनगर क्षेत्र के चितइयन गांव के पास हुए हादसे के बाद ग्रामीणों की मौके पर भीड़ जुट गई। घटना की सूचना पुलिस व एंबुलेंस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची। एंबुलेंस डेढ़ घंटे तक नहीं आई। तब पुलिस वाहनों की मदद से घायलों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। इससे लोगों में आक्रोश दिखा।

शादी के घर में पसरा मातम
घटना के बाद से मृतक ललतेश के मामा के घर में चल रही शादी समारोह की खुशियां मातम में बदल गईं। शादीघर में हर कोई वैवाहिक रस्मों की तैयारियां कर रहा था। जैसे ही गढ़ीमलहरा निवासी ललतेश के मामा कमला के घर पर घटना की जानकारी पहुंची तो सभी लोगों की आंखें नम हो गईं और वह घटनास्थल व अस्पताल के लिए दौड़ पड़े।

पुलिस ने जान की बाजी लगाकर बचाईं दो जानें
बाइकों की भिड़ंत के बाद आग लगने की सूचना पर थाना श्रीनगर पुलिस मौके पर पहुंची। आग से जल रहे चार लोगों में से दो लोगों को पुलिस ने जान की बाजी लगाकर बाहर निकाला, जबकि मामा-भांजे के सिर्फ कंकाल ही बचे। पुलिस की सक्रियता से केसर व भांजे देवेंद्र की जान बच गई। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो आग से जल रहा ललतेश मदद के लिए चीखता रहा। कुछ देर बाद उसकी आवाज आना बंद हो गई।

हेलमेट पहने होते ,तो दो की बच जाती जान
बाइकों की भिड़ंत के भीषण सड़क हादसे में एक भी बाइक सवार हेलमेट नहीं लगाए था। टक्कर के उछलकर दूर गिरे दूसरी बाइक में सवार चंद्रभान व उसके मौसेरे भाई सुनील राही के सिर पर गंभीर चोटें आईं। इससे उनकी जान चली गई। यदि मौसेरे भाई हेलमेट लगाए होते तो उनकी जान बच जाती जबकि पहली बाइक में सवार चार लोग आग की चपेट में आ गए। इससे मामा-भांजे की मौत हो गई।
दहाड़े मारकर बेटे को पुकारती रही मां
बाइकों की भिड़ंत में मासूम राज की मौत होने के बाद जिला अस्पताल पहुंचीं मां लाड़कुंवर दहाड़े मारकर बेटे को पुकारती रहीं। मेरा रज्जू कहां गया इसके अलावा उसकी मुंह से कोई शब्द नहीं निकला। लाड़कुंवर परिवार के लोगों की पीछे आ रही दूसरी बाइक में सवार थी जबकि उसका बेटा आगे जा रही बाइक में मामा व मौसी के साथ बैठा था। परिजन लाड़कुंवर को ढांढ़स बंधाते रहे लेकिन वह कई बार अचेत होकर गिर गईं।

मामा-भांजे समेत चार की मौत
बेलाताल-श्रीनगर मार्ग पर चितइयन गांव के पास तेज रफ्तार बाइकों की आमने-सामने भिड़ंत हो गई। जोरदार भिड़ंत में गाड़ियों की टंकी फटने से आग लग गई। हादसे में एक बाइक पर सवार मामा-भांजे जिंदा जल गए, जबकि दूसरी बाइक पर सवार मौसेरे भाइयों की गंभीर चोटें आने पर मौत हो गई। उधर, मासूम समेत दो लोग झुलस गए। घायलों को जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज बांदा रेफर किया गया है।

शादी में शामिल होने जा रहे थे सभी
डीएम व एसपी ने घटनास्थल पहुंच जांच की और अस्पताल में घायलों का हालचाल लेते हुए बेहतर इलाज के निर्देश दिए। मध्यप्रदेश के जनपद छतरपुर के पीरा गांव निवासी ललतेश अहिरवार (22) अपनी बहनों के यहां कोतवाली कुलपहाड़ के मुढ़ारी गांव आया था। मंगलवार की शाम करीब चार बजे वह अपनी बहन केसर (20), भांजे देवेंद्र (07) और राज (10) के साथ बाइक से अपने मामा गढ़ीमलहरा निवासी कमला अहिरवार की बेटी दीपिका की शादी में शामिल होने जा रहा था।ग

शादी में शामिल होने जा रहे थे सभी
डीएम व एसपी ने घटनास्थल पहुंच जांच की और अस्पताल में घायलों का हालचाल लेते हुए बेहतर इलाज के निर्देश दिए। मध्यप्रदेश के जनपद छतरपुर के पीरा गांव निवासी ललतेश अहिरवार (22) अपनी बहनों के यहां कोतवाली कुलपहाड़ के मुढ़ारी गांव आया था। मंगलवार की शाम करीब चार बजे वह अपनी बहन केसर (20), भांजे देवेंद्र (07) और राज (10) के साथ बाइक से अपने मामा गढ़ीमलहरा निवासी कमला अहिरवार की बेटी दीपिका की शादी में शामिल होने जा रहा था।

बहन केसर व दूसरा भांजा देवेंद्र बुरी तरह झुलसे
रास्ते में चितइयन गांव के पास सामने से आ रही तेज रफ्तार बाइक से उनकी भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि दोनों बाइकों की टंकियां फट गईं और आग लग गई। दूसरी बाइक पर सवार थाना श्रीनगर के बरा गांव निवासी चंद्रभान राही (30) व उसका मौसेरा भाई सुनील राही (25) उछलकर दूर जा गिरे। इससे उनकी मौके पर मौत हो गई जबकि पहली बाइक पर सवार चारों लोग आग की चपेट में आ गए। इससे ललतेश और उसके भांजे राज की जलकर मौत हो गई। वहीं, बहन केसर व दूसरा भांजा देवेंद्र बुरी तरह झुलस गए।

सड़क पर मच गई थी चीख-पुकार
सूचना पर पहुंची पुलिस ने झुलसे लोगों को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां से उन्हें रेफर किया गया। सूचना मिलते ही डीएम मृदुल चौधरी, एसपी अपर्णा गुप्ता, अपर एसपी सत्यम, एसडीएम जितेंद्र कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने प्रत्यक्षदर्शियों से घटना की जानकारी ली। भीषण सड़क हादसे में चार लोगों की मौत होने और सड़क पर चीख-पुकार मचने की घटना ने सभी को झकझोर दिया। मृतक मौसेरे भाई शादी में बैंड-बाजा बजाने का काम करते थे। वह बुकिंग में ननौरा गांव जा रहे थे लेकिन रास्ते में हादसा हो गया।

जब सत्संग गए तो गले में था मंगलसूत्र और जेवर, शव वापस पहुंचे तो सब कुछ था गायब

हाथरस: सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी में सत्संग के बाद मची भगदड़ के कुछ और सच सामने आ रहे हैं। इस भगदड़ में जान गंवाने वाली महिलाएं घरों से मंगलसूत्र व अन्य जेवर पहनकर सत्संग में गई थीं, लेकिन जब इनके शव अस्पताल और घरों पर पहुंचे तो मंगलसूत्र, कान के कुंडल, हाथ की चूड़ी सहित अन्य जेवर गायब थे। पीड़ितों का कहना है कि भगदड़ के दौरान इस तरह के कृत्य ने मानवता को तार-तार कर दिया है।

हादसे के आठवें दिन सत्संग स्थल का नजारा कुछ बदला हुआ था। घटनास्थल आज भी भयावह मंजर को बयां कर रहा था। यहां जगह-जगह पानी भरा हुआ था। भगदड़ के निशान थे। जगह-जगह लोगों की चप्पलें, कपडे़, बर्तन, बैग आदि सामान फैले हुए थे। इस सामान को एकत्रित कर मंच के निकट रख दिया गया है। यह वही मंच है, जहां बाबा ने सत्संग किया था।

सिकंदराराऊ ब्लॉक में मृत्यु प्रमाण पत्र लेने पहुंचे परिजन बाद में घटनास्थल पर पहुंचे। यहां उन्होंने अपने परिजनों के खोये हुए सामानों को तलाशा। जिसमें बैग व अन्य कुछ सामान मिला। परिजनों ने बताया कि घर से महिलाएं मंगलसूत्र, कानों में कुंडल, चूड़ियां पहनकर आईं थीं, लेकिन जब उन्हें शव मिले तो सारे जेवर गायब थे। भगदड़ के दौरान इस तरह के कृत्य ने उनके जेहन में कई सवाल खड़े कर रहा है आखिर यह किसने किया।

अस्पताल से शव मिला तो कुंडल नहीं थे
मृतक आशा देवी के पुत्र हरिकांत ने बताया कि अस्पताल से शव मिला था। सिकंदाराराऊ में मृत्यु प्रमाण पत्र लेने आए थे। मम्मी के मोबाइल, कुंडल किसी भी सामान का कोई पता नहीं चला है। इसके बाद उन्होंने घटनास्थल से ही अपने घर पर फोन किया। परिजनों को बताया कि मम्मी बैग में टिफिन, दवा लेकर गईं थीं, सब मिल गया है। बैग और टिफिन लेकर आता हूं। मम्मी पर फोन था, क्या। उनकी चप्पल तो दिख न रही है। लोग खेत के पार हादसा होना बता रहे हैं। पता नहीं वहां हादसा कैसे हुआ, यह तो समझ नहीं आ रहा है।

मां का मंगलसूत्र और जेवर नहीं मिले
कासगंज के पटियाली निवासी ब्रजेश ने बताया कि उनकी मां का सत्संग में निधन हो गया। अब वह घटनास्थल पर यह जानने आए हैं कि हादसा कैसे हुआ, क्या हुआ था। मां का खोया हुआ सामान भी तलाशने आए थे। उनके कुंडल, मंगलसूत्र, नाक की बाली, पायल, चूड़ियां लेने के लिए आए हैं, क्योंकि जब उन्हें शव मिला तो कोई गहना नहीं था। मां के घायल होने की सूचना मिली थी, एटा पहुंचे तो उनकी मौत हो चुकी थी। एटा में पोस्टमार्टम रिपोर्ट व मृत्यु प्रमाण पत्र लेने गए थे, लेकिन वहां से सिकंदाराराऊ भेज दिया गया, जबकि पोस्टमार्टम एटा में हुआ था।

मां की जंजीर, बाली, कुंडल नहीं मिले
कासंगज के पटियाली निवासी जयवीर ने बताया कि मां की पोस्टमार्टम रिपोर्ट व मृत्यु प्रमाण पत्र लेने के लिए एटा गए थे। वहां कह दिया गया कि सिकंदराराऊ जाइए। इसलिए यहां आए हैं। रास्ते में सत्संग स्थल मिला तो आ गए हैं। मां के गले की जंजीर, नाक की बाली, कुंडल नहीं मिले हैं। सब कहां गए पता नहीं चल रहा है।

घर से निकाल दी भोले बाबा की तस्वीर
पीड़ित ब्रजेश कहते हैं कि बाबा को पता था कि 80 हजार लोगों की अनुमति मांगी गई है और भीड़ अधिक हो रही है तो उसी हिसाब से व्यवस्था करनी चाहिए। बाबा को मंच से यह बोलना चाहिए था कि आराम-आराम से निकलें। सेवादारों को व्यवस्था बनाने के लिए कहना चाहिए था। दुखी मन से कहा कि अब बाबा को उनका परिवार नहीं मानेगा। मां ही उनसे जुड़ीं थीं। जिस दिन यह घटना हुई उसी दिन से भोले बाबा का फोटो तक हटा दिया है।