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सात लोकल रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित, अब बदलेंगे अंग्रेजों के जमाने के नाम

मुंबई:  आप कभी मुंबई गए हो, तो वहां आपने कई स्टेशनों के नाम सुने हैं। शायद अंग्रेजी में रखे गए स्टेशनों के नाम जैसे मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन, करी रोड स्टेशन, या सैडहस्ट रोड स्टेशन भी सुने होंगे। मगर कभी आपने सोचा था कि इतने सालों बाद इन स्टेशनों के नाम भी बदल दिए जाएंगे। जी हां, महाराष्ट्र विधान परिषद ने मंगलवार को सर्वसम्मति से ब्रिटिश काल में रखे गए मुंबई के सात रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया।

नामों की मंजूरी केंद्र के पास जाएगी
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी वाली महायुति सरकार अब नए नामों को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को सौंपेगी। राज्य के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है।

मुंबई लोकल ट्रेन के अधिकांश स्टेशनों के नाम अंग्रेजी में हैं। यह तर्क दिया गया है कि वे एक औपनिवेशिक विरासत को दर्शाते हैं।

इन स्टेशनों का बदलेगा नाम
प्रस्ताव के अनुसार, करी रोड स्टेशन का नाम बदलकर लालबाग, सैंडहर्स्ट रोड का नाम डोंगरी, मरीन लाइन्स का नाम मुंबादेवी और चर्नी रोड का नाम गिरगांव रखा जाएगा। सैंडहर्स्ट रोड का नाम बदलना सेंट्रल लाइन के साथ-साथ हार्बर लाइन पर भी लागू होगा। अन्य स्टेशनों में कॉटन ग्रीन स्टेशन का नाम बदलकर कालाचौकी, डॉकयार्ड रोड का नाम मझगांव और किंग्स सर्कल का नाम तीर्थंकर पार्श्वनाथ रखा जाएगा।

पहले भी बदल चुके हैं नाम
ऐसा पहली बार नहीं है, जब मुंबई में किसी स्टेशन का नाम बदला गया है। इससे पहले विक्टोरिया टर्मिनस (वीटी) जैसे प्रतिष्ठित स्टेशनों का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और एलफिंस्टन रोड से प्रभादेवी कर दिया गया था। इससे सार्वजनिक स्थानों के लिए सांस्कृतिक रूप से गूंजने वाले नामकरण को अपनाने की गति को बढ़ावा मिला।

हवाई अड्डे का नाम बदलने को लेकर उठाया सवाल
इस बीच, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने छत्रपति संभाजीनगर शहर में हवाई अड्डे का नाम बदलने के संबंध में एक सवाल उठाया, जिसे वर्तमान में औरंगाबाद हवाई अड्डा कहा जाता है। हालांकि, दानवे की इस मांग पर चर्चा की मांग को उपसभापति नीलम गोरहे ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि संबंधित मंत्री बाद में उनके सवाल का जवाब दे सकते हैं।

टीएमसी नेता ने पैर खींचे और सहयोगी ने व्यक्ति को डंडे से पीटा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने साझा किया

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जहां लोगों को सार्वजनिक रूप से बेरहमी से पीटा गया। इसे लेकर राज्य की टीएमसी सरकार भी बैकफुट पर दिख रही है। अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने एक ताजा वीडियो साझा किया है। इस वीडियो में टीएमसी का कद्दावर नेता जयंत सिंह और उसके कई सहयोगी एक व्यक्ति को बेरहमी से पीटते नजर आ रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि जयंत सिंह और उसके सहयोगियों ने व्यक्ति के हाथ और पैर पकड़े हुए हैं, वहीं दो लोग जानवरों की तरह पीड़ित व्यक्ति को डंडों से पीट रहे हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने साझा किया वीडियो
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया है कि वीडियो में जिसे पीटा जा रहा है, वह एक महिला है। सुकांत मजूमदार ने सोशल मीडिया पर वीडियो को साझा करते हुए लिखा कि ‘कमरहाटी में तलतला क्लब से सामने आए एक वीडियो से मैं स्तब्ध हूं। इसमें टीएमसी विधायक मदन मित्रा का करीबी सहयोगी जयंत सिंह बेरमही से एक लड़की को पीटते नजर आ रहा है। यह वीभत्स घटना उस सरकार में हो रही है, जो खुद को महिला अधिकारों की चैंपियन बताती है।’ अमर उजाला इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि यह वीडियो मार्च 2021 का हो सकता है। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है।

अरियादहा मामले में भी मुख्य आरोपी है जयंत
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले भी अरियादहा मामले में भी टीएमसी नेता जयंत सिंह मुख्य आरोपी है। अरियादहा में एक कॉलेज छात्र सयांदीप पांजा और उसकी मां के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई थी। इस मामले में जयंत सिंह आरोपी है और बीते दिनों जयंत ने आत्मसमर्पण कर दिया था। पुलिस ने अरियादहा मामले में जयंत सिंह के साथ ही नौ अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है।

अमित मालवीय ने भी लगाए गंभीर आरोप
भाजपा नेता और बंगाल के सह-पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने भी इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा किया है। इसके साथ मालवीय ने लिखा कि ‘चोपड़ा में ममता बनर्जी के लोगों द्वारा सार्वजनिक रूप से कोड़े मारकर न्याय करने की बंगाल की एकमात्र घटना नहीं थी। टीएमसी विधायक मदन मित्रा का सहयोगी जयंत सिंह और उसके सहयोगी नियमित रूप से महिलाओं को सार्वजनिक रूप से पीटते हैं।’

‘हाल ही में दमदम के कमरहाटी नगर पालिका के अरियादहा में एक महिला और उसकी बेटी को बुरी तरह पीटा गया। यह एक भयावह वीडियो है, जिसमें टीएमसी के लोग तलतला क्लब में अपनी इंसाफ सभा में एक असहाय लड़की के साथ क्रूरता कर रहे हैं। यह कोई सुदूर इलाका नहीं है बल्कि ग्रेटर कोलकाता का इलाका है। जो महिलाएं प्रस्तावों को ठुकरा देती हैं, उन्हें टीएमसी के लोगों द्वारा निशाना बनाया जाता है। ममता बनर्जी ही यह बता सकती हैं कि उनके विश्वासपात्र मदन मित्रा के लोग महिलाओं को इतनी बेरहमी से क्यों पीट रहे हैं। बंगाल में अराजकता, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों और संवैधानिक ढांचे के पूर्ण पतन पर ध्यान देना चाहिए।’

‘खुली अदालत में नहीं होगी समलैंगिक विवाह के फैसले की समीक्षा’, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- चैंबर में होगी सुनवाई

नई दिल्ली:  समलैंगिक विवाह को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत ने एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, अदालत ने पिछले वर्ष इस मामले में सुनवाई की थी। अदालत ने उस दौरान समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था। अब अदालत का कहना है कि इस मामले में याचिकाओं पर खुले मंच पर सुनवाई नहीं होगी।

अलग चैंबर में होगी मामले की सुनवाई
इससे पहले मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षा में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने 17 अक्तूबर को समलैंगिक विवाह को कानूनी तौर पर वैधता देने से इनकार कर दिया था। पांच न्यायाधीशों की पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति हिमा कोहली, न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल थे। शीर्ष अदालत में 10 जुलाई को एक अलग चैंबर में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने से इनकार करने वाले फैसले की समीक्षा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होगी।

‘विधायी मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकती अदालत’
वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी और एनके कौल ने अदालत में इस मामले पर जोर डालते हुए अनुरोध किया था कि मुख्य न्यायाधीश को खुले मंच पर याचिकाओं की समीक्षा करनी चाहिए। इसके जवाब में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में संविधान पीठ द्वारा समीक्षा की जाएगी और इसे चैंबर में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है। पीठ ने कहा कि समलैंगिकों के पास वैधानिक प्रावधानों के तहत विवाह करने का हक है। अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह की अनुमति सिर्फ कानून के जरिए ही दी जा सकती है और कोर्ट द्वारा विधायी मामलों में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।

मामले से जुड़ी 21 याचिकाओं पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में पांच न्यायाधीशों की पीठ ने समलैंगिक मामलों से जुड़ी 21 याचिकाओं पर सुनवाई की। पीठ ने समलैंगिक विवाह को विशेष विवाह अधिनियम में शामिल करने से इनकार किया है। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि ऐसे मामलों में कानून में बदलाव लाना, संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है। प्रधान न्यायाधीश ने केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि समलैंगिक समुदाय के साथ भेदभाव नहीं किया जाए।

रिश्वत के आरोपों को सीएम विजयन ने किया खारिज, कहा- कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई

केरल में लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की अनियमितताओं की चर्चा के बीच केरल मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अब तक सरकार के संज्ञान में ऐसी कोई अनियमितता नहीं आई है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले की गंभीरता से जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया के रिपोर्ट के हिसाब से ऐसा हुआ है।

सोमवार को लोक निर्माण मंत्री रियास ने रिश्वत विवाद में अपने खिलाफ लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए आरोप लगाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। रियास ने कहा कि निहित स्वार्थों के कारण उनका नाम लगातार विवादों में घसीटा जा रहा है, उन्होंने कहा कि हर कोई इस तरह के कदमों के पीछे की असली मंशा जानता है।

इसके बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मंगलवार को कहा कि राज्य पीएससी एक भर्ती एजेंसी है। यह अपने तरीके से काम करती है। इसलिए यह तथ्य स्वीकार किया जा सकता है कि इसकी नियुक्तियों ने किसी प्रकार का कोई बाहरी हस्तक्षेप नहीं हुआ। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा में बताया कि सरकार इन आरोपों की गंभीरता से जांच कराने के लिए भी तैयार है। बता दें कि कोझिकोड में एक सीपीआई-एम नेता के खिलाफ आरोप लगाया गया था कि पीएससी सदस्य के रूप में पद हासिल करने का वादा करके एक डॉक्टर से रिश्वत ली। विपक्षी नेता वी डी सतीशन द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि इसके अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति भी पारदर्शी तरीके से की जाती है। उन्होंने संवैधानिक संस्था की प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाले आरोपों को दुखद बताया। उन्होंने यह भी कहा कि “मीडिया में आई कुछ खबरों को छोड़कर पीएससी सदस्यों की नियुक्ति के संबंध में अब तक कोई अनियमितता सरकार के संज्ञान में नहीं आई है।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि नियुक्तियां अनिवार्य आवश्यकताओं के बाद की जा रही है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि वामपंथी सरकार संवैधानिक संस्था में केवल योग्य लोगों को ही नियुक्त करती है। उन्होंने दावे के साथ कहा कि यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि पीएससी सदस्यों की नियुक्ति में कोई भ्रष्टाचार नहीं होगा। सरकार आरोपों की किसी भी गंभीर जांच के लिए तैयार है। हम किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करेंगे।

एक युवा कांग्रेस कार्यकर्ता ने ईमेल से भेजी है शिकायत
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विपक्ष के नेता पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस को आज सुबह एक युवा कांग्रेस कार्यकर्ता से ईमेल के माध्यम से एक शिकायत मिली है। जिसे भी विधानसभा में सतीशन द्वारा उठाए जा रहे मुद्दे का समर्थन करने के लिए भेजा गया था। वहीं विपक्ष के नेता ने कथित रिश्वतखोरी के मुद्दे पर सत्तारूढ़ माकपा और सरकार पर तीखा हमला किया। सतीशन ने कहा कि पीएससी के पद के लिए नीलामी हुई है। अब इसकी विश्वसनीयता क्या है? यह सत्तारूढ़ माकपा का आंतरिक मामला नहीं है।

केटीआर ने राहुल गांधी पर कसा तंज, कहा- संविधान की रक्षा के लिए ऑस्कर स्तर का कर रहे अभिनय

नई दिल्ली: पिछले दिनों बीआरएस के कई नेता कांग्रेस में शामिल हो गए। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वह “संविधान की रक्षा के लिए ऑस्कर स्तर की कार्रवाई कर रहे हैं”। वहीं बीआरएस अध्यक्ष ने घोषणा की कि वे दलबदलू सदस्यों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे हैं।

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने कहा कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) अपने दलबदलू सदस्यों के खिलाफ कानूनी लड़ाई के लिए कमर कस रही है। उन्होंने घोषणा की कि वे सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की योजना बना चुके हैं। दरअसल, पिछले दिनों दलबदल की लहर उठी, जिसमें बीआरएस के सात विधायक, छह एमएलसी और एक राज्यसभा सांसद ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली। इस बात से खफा बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे केटीआर ने मंगलवार को कहा, “हम उन सभी लोगों से मिलेंगे जो संविधान के संरक्षक हैं।”

उन्होंने चुनाव आयोग, राष्ट्रपति, राज्यसभा के अध्यक्ष और लोकसभा अध्यक्ष से संपर्क करने की पार्टी की मंशा को रेखांकित किया। केटीआर ने कांग्रेस की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि 2023 के चुनावों में दलबदल को रोकने के लिए 10वीं अनुसूची में संशोधन करने का वादा किया गया था। बावजूद पार्टी संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन कर रही है। केटीआर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ राहुल गांधी संविधान की प्रति दिखा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी इसका अपमान कर रही है। वह संविधान की रक्षा के लिए ऑस्कर स्तर का अभिनय कर रहे हैं। आप खरगोश के साथ नहीं दौड़ सकते और शिकारी कुत्तों के साथ शिकार नहीं कर सकते। केटीआर ने भाजपा और कांग्रेस के सभी पीड़ितों से दलबदल के खिलाफ लड़ने के लिए एक साथ आने का आग्रह किया।

देर रात होटल राज में लगी भीषण आग, शीशा तोड़कर अंदर घुसे दमकलकर्मी, 30 लोगों को किया गया रेस्क्यू

लखनऊ:  बर्लिंगटन चौराहे के पास स्थित राज होटल में सोमवार देर रात आग लग गई। होटल के भीतर करीब तीस लोग फंस गए। सूचना पर पहुंची दमकल की टीम ने सभी को सुरक्षित निकाला। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया। किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। एफएसओ हजरतगंज राम कुमार रावत ने बताया कि देर रात करीब साढ़े बारह बजे होटल राज के बेसमेंट में आग लगी। कुछ ही देर में आग ऊपर तक फैलने लगी। साथ ही पूरी बिल्डिंग में धुआं भर गया। एकाएक होटल के कर्मचारी और कमरों में रुपये गेस्ट की नींद खुली। चीखना चिल्लाना शुरू हो गया। तब तक दमकल की टीम मौके पर पहुंची। टीम ने पूरे होटल को खाली कराया। एक एक कमरा चेक किया। होटल में बरेली के महेश चंद , बदायूं के मनोज समेत अन्य करीब तीस लोगों की जान बच सकी।

दहशत में आ गए लोग, तबीयत बिगड़ी
आग लगने के बाद होटल में भगदड़ मच गई। बाहर भागने की कोशिश करने लगे। जिसमें तीन चार लोगों की तबीयत बिगड़ गई। कुछ लोग दहशत में आ गए। इनको पुलिस ने अस्पताल पहुंचाया। हालांकि डॉक्टरों ने खतरे से बाहर बताया है।

खिड़की से बाहर निकलने की कोशिश
कमरों में रुके तीन चार लोग खिड़की से बाहर निकलने की जद्दोजहद में जुट गए। इन लोगों को दमकल की टीम ने सीढ़ी से नीचे सुरक्षित उतारा। शीशे तोड़कर दमकलकर्मी भीतर गए। बाद में एक एक कर लगभग सभी शीशे तोड़ दिए, जिससे भीतर भरा धुआं निकल सके। कई बुजुर्ग भी भीतर फंसे थे, सभी को बाहर निकाल लिया गया।

होगी जांच
होटल के अग्निशमन यंत्र काम नहीं कर रहे थे। दमकल विभाग आग लगने की वजह की वजह पता कर रहा है। साथ ही होटल मालिक से एनओसी आदि की मांग की है। मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। फिलहाट शॉर्ट सर्किट से आग लगने की बात सामने आ रही है।

मुंबई रूट की 10 ट्रेनें हुईं निरस्त, आज से 24 तक प्रभावित होगा संचालन, कई ट्रेनें रोककर चलाई जाएंगी

लखनऊ: मध्य रेलवे के भुसावल खंडवा रेलखंड पर खंडवा यार्ड में रिमॉडलिंग और नॉन इंटरलॉकिंग के कार्य के चलते लखनऊ के रास्ते मुंबई जाने वाली 20 ट्रेनों का संचालन नौ से 24 जुलाई तक अलग-अलग तारीखों में प्रभावित रहेगा। इसमें 10 ट्रेनें कैंसिल की गई हैं, जबकि सात रोककर चलाई जाएंगी। तीन ट्रेनें अपने नियत स्टेशन से एक से तीन घंटे देरी से चलेंगी।

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा ने बताया कि 12168 बनारस-मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस सुपरफास्ट एक्सप्रेस 16 व 23 जुलाई को, 12167 मुंबई लोकमान्यतिलक टर्मिनस-बनारस सुपरफास्ट एक्सप्रेस 14 व 21 जुलाई को, 15065 गोरखपुर पनवेल एक्सप्रेस 14, 15, 16, 18, 19, 20 व 21 जुलाई को निरस्त रहेगी। वहीं, 01028 गोरखपुर दादर सेंट्रल स्पेशल 16, 18, 20, 22 व 23 जुलाई को, 05326 मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस गोरखपुर विशेष गाड़ी 19 को, 15066 पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस 15, 16, 17, 19, 20, 21 व 22 जुलाई को, 15067 गोरखपुर बांद्रा टर्मिनस साप्ताहिक 17 को कैंसिल रहेगी। इसी तरह 15068 बांद्रा टर्मिनस गोरखपुर वीकली 19 को, 01025 दादर सेंट्रल बलिया स्पेशल 15, 17, 19 व 22 जुलाई एवं 01026 बलिया दादर सेंट्रल स्पेशल ट्रेन 17, 19, 21 व 24 जुलाई को कैंसिल रहेगी।

ये ट्रेनें रोककर चलाई जाएंगी
07651 जालना छपरा दस जुलाई को 2.45 घंटे, 12166 गोरखपुर मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस सुपरफास्ट 12 जुलाई को 40 मिनट, 12533 पुष्पक एक्सप्रेस लखनऊ जं-छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस 12 जुलाई को 15 मिनट, 22130 तुलसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस अयोध्या कैंट जं.-लोकमान्य तिलक टर्मिनस आठ व दस जुलाई को आधे घंटे रोककर चलाई जाएगी। वहीं, 22177 महानगरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस वाराणसी जं. नौ जुलाई को ढाई घंटे, 22177 महानगरी सुपरफास्ट एक्सप्रेस छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस-वाराणसी जं. 11 जुलाई को दो घंटे, 22538 कुशीनगर एक्सप्रेस लोकमान्य तिलक टर्मिनस गोरखपुर जं. नौ व 11 जुलाई को डेढ़ घंटे रोककर चलाई जाएंगी।

स्टेशन से देरी से चलेंगी ये ट्रेनें
ट्रेन नंबर 11055 गोदान एक्सप्रेस लोकमान्य तिलक टर्मिनस-गोरखपुर जं. 22 जुलाई को तय समय से तीन घंटे देरी से, 11061 पवन एक्सप्रेस लोकमान्य तिलक टर्मिनस-जयनगर 22 जुलाई को तय समय एक घंटे व 15182 मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनस-मऊ साप्ताहिक एक्सप्रेस 22 जुलाई को तय समय से दो घंटे देरी से चलाई जाएगी।

एसबीआई और गोल्डमैन सैश ने अलग-अलग रिपोर्ट के जरिये बजट के लिए दी सलाह, जमा पर कर व्यवस्था में बदलाव जरूरी

मोदी 3.0 के पहले बजट में पेंशन योजनाओं में सुधार लाने के साथ जमा पर कर व्यवस्था में बदलाव देखने को मिल सकता है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और रोजगार सृजन के लिए भी कुछ घोषणाएं हो सकती हैं। 23 जुलाई, 2024 को पेश होने वाले पूर्ण बजट के लिए एसबीआई रिसर्च और गोल्डमैन सैश ने अलग-अलग रिपोर्ट के जरिये सरकार को कई मोर्चे पर सलाह दी है।

एसबीआई रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा, बजट में सरकार को बैंक जमा पर अन्य परिसंपत्ति वर्गों की तरह कर लगाने, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) व अन्य पेंशन उत्पादों में सुधार लाने और ग्राहक निवारण प्रणाली को बेहतर बनाने पर गौर करना चाहिए। पेंशन प्रणाली के मोर्चे पर बजट में निवेश विकल्पों में लचीलापन लाने के साथ महंगाई संरक्षित एन्युटी उत्पादों की शुरुआत की जा सकती है।

एसबीआई के मुख्य आर्थिक सलाहकार और रिपोर्ट के लेखक सौम्यकांति घोष ने कहा, घरेलू बचत को बढ़ाने के लिए सरकार को बैंक जमा पर मिलने वाले ब्याज पर म्यूचुअल फंड/इक्विटी बाजारों की तरह मैच्योरिटी पर समान कर लगाने की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा, 2022-23 में शुद्ध घरेलू वित्तीय बचत घटकर जीडीपी का 5.3 फीसदी रह गई। 2023-24 में इसके 5.4 फीसदी रहने का अनुमान है। अगर हम म्यूचुअल फंड के अनुरूप जमा दरों को आकर्षक बनाते हैं, तो घरेलू वित्तीय बचत को बढ़ावा मिल सकता है। लोग अतिरिक्त खर्च करेंगे, जिससे सरकार को अधिक जीएसटी राजस्व मिलेगा। गोल्डमैन सैश ने अपनी रिपोर्ट में कहा, सरकार विनिर्माण व एमएसएमई के लिए सुलभ कर्ज उपलब्ध कराने, वैश्विक क्षमता केंद्रों का विस्तार कर सेवाओं के निर्यात और घरेलू खाद्य आपूर्ति शृंखला पर जोर देकर रोजगार सृजन को बढ़ावा दे सकती है।

अस्पतालों को प्रदूषण से बचाने को पर्यावरण प्रबंधन योजना जारी, ज्यादा प्रदूषित शहरों में होगी लागू

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेषज्ञ समिति की सलाह पर पर्यावरण प्रबंधन योजना तैयार की है। इसमें मंत्रालय ने कहा है कि पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ाने में अस्पतालों का भी योगदान है, जबकि यह खुद प्रदूषण की चपेट में आ रहे हैं। इसके खिलाफ सख्ती से निपटा जाए।

मंत्रालय ने हिदायत दी है कि हर उपकरण परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) से पंजीकृत होना चाहिए। अस्पतालों में विकिरण सुरक्षा अधिकारी की नियुक्ति की जाए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि यह पर्यावरण प्रबंधन योजना अस्पताल और वहां आने वाले मरीजों दोनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार की है।

दिल्ली-एनसीआर में सभी एजेंसियां करेंगी कार्य

केंद्र ने दिल्ली और एनसीआर के अस्पतालों में पर्यावरण प्रबंधन योजना लागू करने के लिए सभी एजेंसियों को मिलकर कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपी है। उदाहरण के तौर पर दिल्ली के अस्पतालों में दिल्ली पुलिस, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम, डीडीए और स्वास्थ्य विभाग मिलकर कार्य करेंगे।

एक मरीज, एक तीमारदार का नियम

सरकार ने भीड़ पर नियंत्रण के लिए एक मरीज, एक तीमारदार का नियम भी अनिवार्य किया है। ओपीडी काउंटर की संख्या बढ़ाएं और ऑनलाइन पंजीयन अनिवार्य करें। वरिष्ठ नागरिकों, विकलांगों, गर्भवती महिलाओं, कैंसर मरीजों के लिए अलग से काउंटर होने चाहिए। वहीं शाम को भी ओपीडी संचालित कर सकते हैं। सामान्य मरीजों को घर बैठे इलाज के लिए ई संजीवनी योजना पर भी काम करें।

मरकरी वाले थर्मामीटर का इस्तेमाल नहीं
र्यावरण प्रबंधन योजना के तहत सरकार ने सभी अस्पतालों में मरकरी यानी पारा आधारित थर्मामीटर और रक्तचापमापी उपकरणों पर प्रतिबंध लगाया है। मरकरी आधारित उपकरणों के इस्तेमाल से बचना है। अस्पतालों के आसपास तंबाकू का उपयोग और बिक्री पर प्रतिबंध है।

आज मौसी के घर जाएंगे भगवान जगन्नाथ, जयकारों के साथ गुंडिचा मंदिर पहुंचा रथ

पुरी:  ओडिशा के पुरी में सोमवार सुबह मंगला आरती और भोग के बाद भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा यात्रा दोबारा शुरू हुई। हरि बोल और जय जगन्नाथ की जयकार के साथ भक्तों ने दोगुने उत्साह से रथों की रस्सियां खींचीं। ढोल की थाप और मंजीरों की ताल से ताल मिलाते हुए भक्त दोपहर बाद सबसे पहले भगवान बलभद्र के रथ तालध्वज साथ देवी गुंडिचा के मंदिर पहुंचे।

कुछ देर में उनकी बहन देवी सुभद्रा का रथ दर्पदलन भी अपनी मौसी के मंदिर पहुंचा। आखिर में भगवान जगन्नाथ जी भी रथारूढ़ होकर भक्तों के साथ पहुंच गए। अब मंगलवार सुबह तक वे रथों में ही सवार रहेंगे और पूजा के बाद मंदिर में प्रवेश करेंगे। 53 साल बाद इस बार पुरी में रथयात्रा दो दिनों की है। रविवार को यात्रा का पहला दिन था, जिसे सूर्यास्त के ही साथ रोक दिया गया था।

ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले में रथयात्रा के दौरान एक श्रद्धालु श्याम सुंदर किशन (45) की रथ के पहिये के नीचे आने से मौत हो गई। यह हादसा रविवार को कुकुजंघा गांव में जगन्नाथ मंदिर के रथ को खींचने के दौरान हुआ।

पुरी में 130 लोग घायल
उधर, पुरी में रथयात्रा के दौरान रविवार को कुछ पुलिसकर्मियों समेत लगभग 130 लोग घायल हुए हैं, जिनमें से आधे लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि 40 लोगों का इलाज चल रहा है।