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प्राथमिक शिक्षकों की आज से लगेगी डिजिटल अटेंडेंस, विरोध हुआ तेज; फैसला न बदलने पर आंदोलन की चेतावनी

लखनऊ: प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में सोमवार से शिक्षकों, कर्मचारियों की डिजिटल अटेंडेंस (टैबलेट पर चेहरा दिखाकर उपस्थिति) लगाने की व्यवस्था का व्यापक स्तर पर विरोध शुरू हो गया है। रविवार को विभिन्न शिक्षक संगठनों ने बैठक कर इस पर नाराजगी जताई। साथ ही सोमवार से काली पट्टी बांधकर काम करने, 15 जुलाई को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में डिजिटाइजेशन को काले कानून की संज्ञा दी गई। साथ ही इसके खिलाफ 8 से 14 जुलाई तक शिक्षकों के काली पट्टी बांधकर काम करने और 15 जुलाई को जिला मुख्यालय पर धरना देने का निर्णय लिया गया।

प्रदेश व जिला पदाधिकारियों की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा कि सभी ने एक स्वर से इस व्यवस्था का विरोध किया है। हम जिला स्तर पर प्रदर्शन कर सीएम को ज्ञापन भेजेंगे। साथ ही मांग करेंगे कि पहले शिक्षकों की ईएल, सीएल, हाफ डे जैसी मांग पूरी की जाए। बरसात की दिक्कत को देखते हुए फिलहाल डिजिटल अटेंडेंस स्थगित की जाए।

वहीं उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ की प्रांतीय कोर कमेटी की बैठक लखनऊ संघ कार्यालय पर हुई। प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षकों, शिक्षा मित्रो व अनुदेशकों के मांगो का बिना समाधन किए, शिक्षक संगठनों से समन्वय के बिना एकतरफा काला कानून (डिजिटल फेस अटेंडेंस) को थोपने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कल से 20 जुलाई तक शिक्षक काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य करेंगे। उसके बाद भी शासन की आंख नही खुलती हैं तो कार्य बहिस्कार का ऐलान किया जायेगा। विभाग पहले लंबित मुद्दों पर निर्णय ले, उसके बाद डिजिटल अटेंडेंस लागू करे।

उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य की अध्यक्षता में हुई बैठक में डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करने की मांग की गई। बेसिक शिक्षा मंत्री को भेजे ज्ञापन में संगठन ने शिक्षकों को ईएल, सीएल, हाफ डे, प्रतिकर अवकाश देने की मांग की। साथ ही 15, 20 मिनट देर होने पर किसी तरह की कार्य वाही न करने की मांग की है।

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता में लखनऊ स्थित कार्यालय में हुई जिला व प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में 11, 12 जुलाई को ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों से बैठक कर उनका मत जानने और उसके बाद आगे के आंदोलन की घोषणा करने का निर्णय लिया गया है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने इस निर्णय के पूर्ण बहिष्कार की घोषणा की है। इस मामले में सोमवार को डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन देने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (सुशील पांडेय गुट) ने भी इस निर्णय के बहिष्कार की घोषणा की है। काली पट्टी बांधकर काम करने और 11 जुलाई को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।

विभाग ने 30 मिनट दी राहत, 8.30 बजे तक लगेगी उपस्थिति
बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की मांग और दिक्कत को देखते हुए शिक्षकों, कर्मचारियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के निर्धारित समय सुबह 7:45 से 08 बजे तक में राहत दी है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से संबंधित अधिकारियों को सूचित किया है कि डिजिटल उपस्थिति पंजिका पर शिक्षक उपस्थिति अंकित करने के लिए 30 मिनट का अतिरिक्त समय यानी 8:30 बजे तक ( कारण सहित उल्लिखित करते हुए ) का समय दिया गया है । हालांकि शिक्षक इससे संतुष्ट नहीं है।

इन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकती हैं ये हरी पत्तियां, खाली पेट करिए सेवन फिर देखिए फायदे

शुगर-कोलेस्ट्रॉल दोनों ही समस्याएं तेजी से बढ़ती जा रही हैं। बढ़े हुए ब्लड शुगर का स्तर आंखों, तंत्रिकाओं से लेकर हृदय की समस्याओं को बढ़ाने वाला माना जाता है, वहीं हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण हृदय रोग-हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ जाता है। इसे कंट्रोल में रखना जरूरी है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया दैनिक आहार में तुलसी को शामिल करके इससे लाभ प्राप्त किया जा सकता है। तुलसी की चाय, इसकी पत्तियों या अर्क का सेवन करके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है।ब्लड शुगर को कंट्रोल रखना हो या कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकना हो खाली पेट तुलसी की पत्तियों का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसमें कई यौगिक और पोषक तत्वों की श्रृंखला होती है जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से आपको बचा सकती हैं।

तुलसी की पत्तियों के फायदे

अध्ययनों में तुलसी की पत्तियों और इसके अर्क को सेहत के लिए बहुत लाभप्रद पाया गया है। इसमें विटामिन-ए और सी के साथ कैल्शियम, जिंक, आयरन पाया जाता है जिसकी हमारे शरीर को नियमित आवश्यकता होती है। आपको फ्लू जैसे संक्रामक रोगों से बचाने से लेकर इम्युनिटी बढ़ाने तक के लिए इसे फायदेमंद पाया गया है।आइए जानते हैं कि तेजी से बढ़ती दो गंभीर और क्रोनिक स्वास्थ्य समस्याओं में तुलसी किस प्रकार से लाभकारी हो सकती है?

रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल रहता है कंट्रोल

अध्ययनों में पाया गया है कि जिन लोगों को हार्ट की समस्या है उन्हें नियमित रूप से तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से लाभ मिल सकता है।। तुलसी के पत्तियां उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में लाभकारी हो सकती हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि तुलसी में मौजूद तेल (यूजेनॉल) तनाव-प्रेरित कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। तुलसी के पत्ते का पाउडर खाने के बाद मधुमेह वाले और बिना मधुमेह वाले चूहों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आई।

डायबिटीज में भी मिलता है लाभ

रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल की ही तरह से डायबिटीज की समस्या से परेशान लोगों के लिए भी तुलसी फायदेमंद है। इसमें ऐसे औषधीय गुण होते हैं जो टाइप-2 डायबिटीज रोगियों को ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में मददगार हो सकते हैं। पशु और मानव दोनों पर किए गए अध्ययनों से पता चला है कि तुलसी मधुमेह के लक्षणों को रोकने में मददगार साबित हो सकती है। रक्त में अतिरिक्त इंसुलिन, उच्च कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज में होने वाली हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल रखने में भी तुलसी फायदेमंद हो सकती है।

अक्सर होती रहती है खुजली? कहीं ये लिवर की बीमारियों का संकेत तो नहीं

लिवर हमारे शरीर में भोजन को पचाने, स्वस्थ रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने, खून के थक्के को नियंत्रित करने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाता है। जब लिवर ठीक से काम नहीं करता तो शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं मसलन, पित्त जमा होना। पित्त वसा को पचाने में मदद करता है। जब लिवर ठीक से काम नहीं करता है तो यह पित्त को ठीक से नहीं बना पाता या निकाल नहीं पाता है, जिससे पित्त रक्त में जमा होने लगता है। यह पित्त त्वचा में खुजली पैदा करता है, खासकर रात के समय जब आप सो रहे होते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, खुजली होना क्रोनिक लिवर रोगों का एक आम लक्षण है। आइए जानते लिवर की बीमारियों में खुजली होने के क्या कारण हैं और इससे बचाव के लिए क्या किया जा सकता है?

लिवर में होने वाली समस्या

स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, लिवर में गड़बड़ी होने पर शरीर में कुछ खास संकेत नजर आने लगते हैं। इनमें सबसे प्रमुख है शरीर में खुजली होना। यह रात के समय में अधिक देखी जाती है, खासतौर पर पैरों में सबसे ज्यादा खुजली होती है। लोगों की लगातार बिगड़ती जीवनशैली का सबसे ज्यादा असर लिवर पर पड़ता है।

वैज्ञानिक अभी तक स्पष्ट नहीं हैं कि लिवर की बीमारी में खुजली होने के क्या कारण हैं? हालांकि इसके लिए कुछ कारकों को जिम्मेदार पाया गया है।

खुजली होने के क्या कारण हैं?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया यदि आपको लिवर की बीमारी है, तो त्वचा के नीचे पित्त लवण का उच्च स्तर जमा हो सकता है, जिससे खुजली हो सकती है। पित्त लवण के उच्च स्तर वाले सभी लोगों को खुजली महसूस हो ऐसा भी जरूरी नहीं होती है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान या हार्मोन्स में होने वाली समस्याओं के कारण भी खुजली की दिक्कत होने लगती है।

लिवर को कैसे स्वस्थ रखें?

डॉक्टर कहते हैं, लिवर की बीमारी के पीछे खराब खान-पान भी बड़ी वजह हो सकती है, इसलिए आहार में फल, सब्जियां एवं साबुत अनाज खाएं और वसा वाली चीजों से दूरी रखें। वजन को नियंत्रित रखें। धूम्रपान और शराब के सेवन से परहेज करें। सही समय पर लक्षणों की पहचान कर डॉक्टर की सलाह लें।

सितारों के संग आने वाली टीम की वजह से मंहगा हुआ फिल्म निर्माण, इन हस्तियों ने उठाई है आवाज

बीते कुछ समय से कई बॉलीवुड हस्तियों ने दावा किया है कि फिल्में बनाना उनके लिए अब काफी खर्चीला होता जा रहा है। फिल्में बनाने में निर्माताओं को मोटा पैसा खर्च करना पड़ रहा है और ये खर्चे फिल्म के ऊपर ना हो कर सितारों के संग आने वाली उनकी टीम के ऊपर हो रहा है। कई जानी-मानी फिल्मी हस्तियों ने दावा किया है कि आज कल फिल्मी सितारे अपने साथ अपनी लंबी-चौड़ी टीम साथ लेकर चलते हैं, जिनका खर्चा फिल्म निर्माताओं के जेब से भरा जाता है। ऐसे में जो पैसे फिल्म की बेहतरी और उसकी गुणवता पर खर्च होने थे, वो पैसे इन सितारों की टीम पर खर्च हो जाते हैं। अब इंडस्ट्री में इन खर्चों के विरोध में आवाजें उठने लगी हैं। आज इस लेख में हम चर्चा करेंगे उन फिल्मी हस्तियों की, जिन्होंने इस विषय पर बात की है।

फराह खान
फराह खान बॉलीवुड के दुनिया की एक मशहूर हस्ती हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत उन्होंने बतौर कोरियोग्राफर की थी। उन्होंने बतौर कोरियोग्राफर कई बड़े सितारों के साथ काम किया है और उन्हें अपने इशारों पर नचाया भी है। अपने करियर के अगले पड़ाव में उन्होंने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा। फिल्म ‘मैं हू्ं ना’ से उन्होंने बतौर निर्देशक अपनी नई पारी की शुरुआत की थी, जो काफी सफल भी रही थी। फराह ने बतौर निर्माता पांच फिल्में बनाई हैं, इसलिए बतौर निर्माता वो इन बातों से भली-भांति परिचित हैं।

उन्होंने भी कई मौकों पर अदाकारों के साथ चलती उनकी लंबी चौड़ी टीम को और उनके बढ़ते खर्चों पर बात की है। उन्होंने एक बार कहा था, ‘मैं इंडस्ट्री में एक बदलाव लाना चाहूंगी कि अभी सितारो के साथ उनकी टीम का खर्च काफी बढ़ गया है। एक अभिनेत्री नौ लोगों की टीम के साथ आती हैं। वहीं, एक अभिनेता अपने साथ आठ लोगों की टीम लेकर आता है। ये पैसे की बर्बादी है। इन पैसों का फिल्म मे कहीं से भी उपयोग नहीं हो पाता। इसे थोड़ा नियंत्रित करना काफी आवश्यक है। वो निर्माताओं पर काफी भारी पड़ता है’।

अनुराग कश्यप
अनुराग कश्यप हिंदी सिनेमा के मशहूर निर्देशक हैं। उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मों का निर्देशन किया है। उनकी फिल्मों की अपनी एक अलग शैली है, जिसके तहत वो फिल्में बनाते हैं। उन्होंने ने भी इस विषय पर अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा था कि बॉलीवुड में फालतू खर्च काफी होते हैं। फिल्में महंगी हो गईं हैं क्योंकि सितारों की मांग बहुत बढ़ गई है। उन्होंने कहा था, ‘लोगों को एक बात समझने की जरूरत है कि जब हम एक फिल्म बनाते हैं, तो हम काम कर रहे होते हैं, हम कुछ बना रहे होते हैं।

यह कोई पिकनिक नहीं है। फिल्म बनाने में बहुत सारा पैसा खर्च नहीं होता, लेकिन यह फालतू चीजों में चला जाता है। आप जंगल के बीच में शूटिंग कर रहे हैं, तो एक कार विशेष रूप से तीन घंटे दूर शहर में भेजी जाएगी, ताकि सितारों को वह फाइव स्टार बर्गर मिल सके जो वह चाहते हैं।’ॉ

कृति सैनन
कृति सैनन हिंदी सिनेमा की जानी मानी अभिनेत्री हैं। उन्होंने अपने करियर में कई शानदार फिल्में की हैं। उन्हें साल 2021 में रिलीज हुई फिल्म ‘मिमी’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। इस वक्त वह अपने करियर के सबसे बेहतरीन दौर में हैं। उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर लगातार सफल साबित होती जा रही हैं।

उन्होंने भी सितारों की टीम के अनावश्यक खर्चों के कारण लगातार महंगे होते जा रहे फिल्म निर्माण पर बात की थी। उन्होंने फिल्म के कंटेंट के महत्व पर बात करते कहा था, “फिल्म निर्माण के दौरान कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां बहुत अधिक अनावश्यक खर्च होता है। हालांकि, अंत में फिल्म का कंटेंट ही है, जो सबसे ज्यादा महत्व रखता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई अभिनेता को कितना भुगतान कर रहा है, यदि आप मुख्य चीजें जैसे कंटेंट, पर ध्यान नहीं दे रहे, तो मुझे नहीं लगता कि बाकी चीजें मायने रखती हैं।” उन्होंने कहा था कि सभी कलाकारों की जिम्मेदारी है कि सेट पर खर्चों को लेकर ध्यान दिया जाए।

इसी साल या अगले साल तक शर्तिया बदल जाएगा पूरा सिनेमा, ये एआई क्रांति का समय है..

चिकित्सकों के परिवार में जन्मे नाग अश्विन का मन डॉक्टरी की पढ़ाई में नहीं लगा तो घरवालों ने उन्हें सिनेमा सीखने अमेरिका भेज दिया। भारत लौटकर उन्होंने प्रख्यात निर्देशक शेकर कम्मुला की कुछ दिनों तक शागिर्दी की और फिर 2015 में अपनी पहली फिल्म बनाई ‘येवाडे सुब्रमण्यम’। नाग अश्विन ने अपनी पिछली फिल्म ‘महानटी’ (2018) में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता और और इन दिनों महाभारत की कहानी का नए जमाने से संगम कराने वाली फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ की मेकिंग को लेकर चर्चा में हैं। उनसे ये खास बातचीत की ‘अमर उजाला’ के सलाहकार संपादक पंकज शुक्ल ने।

बीते चार साल की मेहनत का नतीजा क्या एहसास दे रहा है?
एहसास तो बहुत संतोषजनक है। इसमें सिर्फ मेरी ही नहीं, बल्कि इसमें काम करने वालों की, कलाकारों की, निर्माताओं की सबकी मेहनत लगी है। और, इस मेहनत का फल हम सिर्फ बॉक्स ऑफिस कलेक्शन्स में नहीं देख रहे। हमें लोगों का प्यार मिल रहा है, वह सबसे बड़ी बात है। आमतौर पर लोग फिल्म की सफलता पर ‘बधाई हो’ जैसा बोलते हैं, लेकिन इस फिल्म को देखकर लोग हमें ‘थैंक यू’ बोल रहे हैं। कह रहे हैं, धन्यवाद, ये फिल्म बनाने के लिए।

अमिताभ बच्चन ने फिल्म में छह हजार साल की आयु वाला आठ फिट ऊंचा अश्वत्थामा का चरित्र निभाया है, कैसे मनाया उनको आपने इस चरित्र के लिए?
उनकी हां पाना आसान नहीं रहा। लेकिन इस चरित्र के लिए मेरी पहली पसंद बच्चन सर ही थे और उनकी न सुनने से पहले मैंने कोई दूसरा विकल्प भी इस चरित्र के लिए नहीं सोचा था। मैं दो-तीन बार गया उनके पास। कहानी सुनाई। फिल्म की परिकल्पना को लेकर जो मैंने तस्वीरे रची थीं, वे दिखाईं और चर्चा की इस पटकथा के बारे में। उन्होंने मुझ पर आखिरकार भरोसा किया और हम निकले पड़े अपनी यात्रा पर।

फिल्म के मुंबई में हुए कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन ने उन दिनों को याद किया और कहा कि मुझे लगा पता नहीं क्या ही फूंक कर आया है ये..
अमिताभ बच्चन को और कमल हासन को फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ में लाना चुनौतीपूर्ण तो था लेकिन जैसे जैसे ये कलाकार अपने किरदार स्वीकारते गए, ये चुनौतियां खत्म होती गईं। बच्चन सर, कमल हासन सर, प्रभास, दीपिका सबने अपने अपने चरित्रों के सामने शूटिंग के समय आत्मसमर्पण किया और अपना सौ फीसदी इन किरदारों के लिए दिया। ये सब देश के प्रमुख सितारे हैं और इनको भरोसा दिलाना वाकई मुश्किल काम रहा क्योंकि ये एक प्रयोगात्मक फिल्म भी है।

फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ की पहली कड़ी में अश्वत्थामा को आपने दिखा दिया, हनुमान भी अर्जुन के रथ पर दिख ही जाते हैं, कहानी कल्कि की है तो क्या बाकी पांच चिरंजीवी भी परदे पर दिखने वाले हैं, क्योंकि कथा तो यही है..
अभी के लिए तो नहीं सर। पर, कल्कि है तो ये आखिरी युग है। कलियुग है। इन सब चिरंजीवी का भी एक क्लाइमेक्स होना चाहिए। जैसा आपने कहा तो कहानी यही है कि जब कल्कि का अवतार होगा तो सभी चिरंजीवी दुनिया के सामने आ जाएंगे। यही आखिरी युग है तो इन लोगों की कथा का भी एक अंत तो होना ही चाहिए। ये फिल्म के अगले हिस्से में तो नहीं होने जा रहा लेकिन कभी तो होगा।

मुझे किसी भारतीय फिल्म में इतने सारे स्पेशल अपीयरेंसेंस नहीं याद आ रहे हैं जितने कि इस फिल्म में हैं। रामगोपाल वर्मा से लेकर एस एस राजामौली तक, सब ही तो हैं, इनका भी कोई खास मकसद रहा?
मतलब कहानी में भी एक नियमित अभिनेता रख सकते हैं ये सब करने के लिए और इन दृश्यों में कोई खास अंतर तब भी नहीं रहेगा। लेकिन, मेरा कहना है कि अगर विकल्प भी हो और उपलब्धता भी, तो थोड़ा दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए उनको उत्साहित करने के लिए ये सब भी करना चाहिए। बस यही इरादा था।

एआई और स्पेशल इफेक्ट्स का एक नया दौर हम देख रहे हैं ‘कल्कि 2898 एडी’ में। कुल कितनी कंपनियों ने इस पर काम किया है?
वीएफएक्स के बारे में तो 18 कंपनियों ने काम किया है और दुनिया भर से काम किया है। इन कंपनियों में हजारों लोग काम करते ही होंगे। हमारी टीम में तो शूटिंग पर ही करीब 200 लोग रहते थे। शूटिंग से पहले भी इसके प्रोडक्शन डिजाइनर नितिन जिहानी चौधरी ने इसके सेट और प्रॉप्स पर महीनों काम किया है। उनकी पिछली फिल्म ‘तुम्बाड’ थी और वह मुझे बहुत बढ़िया फिल्म लगी थी, खासतौर से फिल्म की प्रोडक्शन डिजाइन के मामले में। इस फिल्म में भी ये लुक और ये डिटेल जो आया उसमें उनका हाथ जरूर है।

18 कंपनियों को मैनेज करना अगर ये भारत में ही रही होंगी तो फिर भी ठीक है लेकिन अगर ये दुनिया भर में रही होंगी तो कैसे मैनेज करते होंगे उनको..
मतलब कि हम हैदराबाद में रहते हैं तो सबसे पहले कोई ताइवान में उठता है तो उसके साथ जूम काल फिर ऑस्ट्रेलिया में कोई उठता है तो उसके साथ बातचीत, फिर हैदराबाद में, बंबई में, उसके बाद कोई लंदन में उठेगा, उसके बाद न्यूयॉर्क और घड़ी पूरब से शुरू होकर पश्चिम में लॉस एंजिलिस तक जाएगी और जब तक लॉस एंजिलिस का कॉल पूरा होता है तब तक कोई फिर से ताइवान में उठ जाएगा।

इन सितारों को भरना पड़ा प्यार का जुर्माना, दांव पर लग गया था करियर

मनोरंजन जगत के सितारे अपनी प्रोफेशनल और पर्सनल दोनों जिंदगी को लेकर सुर्खियां बटोरते हैं। फैंस अपने पसंदीदा सितारे की हर एक एक्टिविटी पर नजरें गड़ाए रखते हैं। फिल्मों के साथ-साथ सेलेब्स के लिंकअप और ब्रेकअप की खबरें भी समय-समय पर हेडलाइंस का हिस्सा बनती हैं। हालांकि, कुछ सितारों को प्यार करना काफी भारी पड़ा है। मनोरंजन जगत की कुछ नामचीन हस्तियां ऐसी भी हैं, जिन्हें प्यार करने का बड़ा जुर्माना भरना पड़ा है। आइए इन सितारों की सूची पर एक नजर डाल लेते हैं-

सलमान खान और विवेक ओबेरॉय के बीच की तकरार आज भी लोगों को याद है। दोनों के बीच हुए विवाद की जड़ ऐश्वर्या राय थीं, जिनकी वजह से सलमान और विवेक आपस में भिड़ गए थे। यह बात है साल 1999 की, जब सलमान खान और ऐश्वर्या राय ‘हम दिल दे चुके सनम’ में साथ नजर आए थे। दोनों की केमिस्ट्री न सिर्फ फिल्म में बल्कि रियल लाइफ में भी काफी बढ़िया थी। फिल्म की शूटिंग के दौरान ही दोनों को प्यार हो गया, लेकिन यह रिश्ता ज्यादा दिन तक नहीं चल पाया और उनका ब्रेकअप हो गया।

उस दौरान ऐश्वर्या ने सलमान पर मारपीट करने का आरोप भी लगाया था। इतना ही नहीं कहा जाता है कि सलमान ने ऐश्वर्या की फिल्म के सेट पर पहुंचकर खूब बवाल भी किया था, जिसके बाद अभिनेत्री को फिल्म ही छोड़नी पड़ गई थी। सलमान से ब्रेकअप के बाद ऐश्वर्या की विवेक ओबेरॉय संग नजदीकियां बढ़ीं। ये बात सलमान को रास नहीं आई, और नतीजा यह रहा कि विवेक ओबेरॉय को काम मिलना बंद हो गया।

सूरज पंचोली भी प्यार कर पछता चुके हैं। अभिनेता पर गर्लफ्रेंड और अभिनेत्री जिया खान को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था। हालांकि, 10 साल बाद उनके ऊपर से यह इल्जाम हट गया। वहीं, इस इल्जाम की वजह से सूरज पंचोली को काम मिलना बंद हो गया था, जिस पर बात करते हुए सूरज और उनकी मां दोनों बेहद भावुक हो गए थे।

मोनिका बेदी कभी बॉलीवुड की बड़ी हीरोइन हुआ करती थीं। उनकी फिल्म ‘प्यार इश्क और मोहब्बत’ और ‘जोड़ी नंबर 1’ बड़ी हिट थीं। मोनिका ने कुछ टीवी शो में भी काम किया। साथ ही मोनिका ‘बिग बॉस 2’ में भी नजर आ चुकी हैं। मोनिका का करियर ऊंचाइयों पर था लेकिन तभी उनका नाम अंडर वर्ल्ड डॉन से जुड़ गया। मोनिका बेदी का नाम अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम से जुड़ा था। अबु सलेम 1993 के मुंबई में हुए बम ब्लास्ट का दोषी है। अबु सलेम से नाम जुड़ने के बाद मोनिका बेदी का फिल्मी करियर खत्म हो गया।

रिया चक्रवर्ती को भी प्यार करना भारी पड़ा। रिया के एक्स बॉयफ्रेंड और अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने साल 2020 में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अभिनेता के आत्महत्या करने के बाद अभिनेत्री पर कई गंभीर आरोप लगे। आरोपों के कारण रिया चक्रवर्ती को काम मिलना कम हो गया, और वह धीरे-धीरे पर्दे से गायब हो गईं।

आज का राशिफल: 08 जुलाई 2024

मेष राशि: 
आज का दिन आपके लिए सुख समृद्धि को बढ़ाने वाला रहेगा। ससुराल पक्ष से आपको धन लाभ मिलता दिख रहा है। आप अपने आसपास रह रहे लोगों का भरोसा आसानी से जीत पाएंगे। कोई प्रॉपर्टी संबंधित विवाद आपको परेशान कर सकता है, जिसमें आपको उसके चल व अचल पहलुओं को स्वाधीनता से जांचना होगा। पारिवारिक जीवन में चल रही समस्याओं से आपको निजात मिलेगी। आप किसी तरक्की की राह पर आगे बढ़ सकते हैं। आपने यदि किसी को धन उधार दिया था, तो वह आपको वापस मिल सकता है।
वृष राशिः 
आज का दिन आपकी कीर्ति को बढ़ाने वाला रहेगा। माता-पिता के आशीर्वाद से आपके रुके हुए काम पूरे होंगे। आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण बनाए रखने की आवश्यकता है, नहीं तो वह बढ़ सकते हैं। आप अपने सहयोगियों से अपने मन की बात को कहेंगे, तो जातक नौकरी की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं, उन्हे आज कोई शुभ सूचना सुनने को मिल सकती है। आपको अपने जीवनसाथी का सहयोग और सानिध्य भरपूर मात्रा में मिलेगा। मित्रों के साथ आप कुछ समय मौज मस्ती करने में व्यतीत करेंगे।
मिथुन राशि : 
आज का दिन आपके लिए धन संबंधित मामलों में सावधानी बरतने के लिए रहेगा। आपका कोर्ट कचहरी से संबंधित मामला यदि लंबे समय से विवादित चल रहा था, तो उसमें आपको जीत मिलेगी। कार्यक्षेत्र में आपके अधिकारी यदि आपको कोई बात समझाएं, तो आपको उसका ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो आपका कोई काम बिगड़ सकता है। यदि आप किसी से कोई लेनदेन करें, तो उसमें पूरी सावधानी बरतें, नहीं तो आपके साथ कोई धोखा हो सकता है।
कर्क राशि: 
आज का दिन आपके लिए उन्नति की राह पर आगे बढ़ने के लिए रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपको अच्छा लाभ मिलेगा। आपके जीवन स्तर में सुधार आएगा। आप अपने रहन सहन के स्तर पर पूरा ध्यान देंगे। यदि आपने किसी से कुछ कर्ज लिया था, आपसे वापस मांग सकते हैं। आपको अपने व्यवसाय के लिए योजना बनाने की आवश्यकता है। सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे हैं, उन्हें कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती हैं। विद्यार्थी अपनी पढ़ाई लिखाई में ढील बिल्कुल ना दे, नहीं तो आपकी समस्याएं बढे़गी और काम के व्यस्त रहने के कारण आप अपने जीवनसाथी को समय थोड़ा कम देंगे।
सिंह राशि:
आज का दिन आपके लिए सेहत के प्रति सचेत रहने के लिए रहेगा। आपको किसी काम के चलते अकस्मात यात्रा पर जाना पड़ सकता है। आप कार्यक्षेत्र में अपने कामों में कुछ बदलाव कर सकते हैं और अपने करियर को लेकर यदि आप परेशान चल रहे थे, तो आपकी वह चिंता भी दूर होगी, क्योंकि उन्हें कोई नई नौकरी से प्राप्त हो सकती हैं। आपकी संतान आपकी उम्मीदों पर खरी उतरेगी, जिसे देखकर आपको खुशी होगी।
कन्या राशि: 
आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। आप कोई फैसला बहुत ही जल्दबाजी में ना लें। आप परिवार में छोटे बच्चों के साथ कुछ समय मौज मस्ती करने में व्यतीत करेंगे। आपका कोई मित्र आपसे लंबे समय बाद मिलने आ सकता है। आपको अपनी किसी पुरानी गलती से सबक लेना होगा। आप किसी निवेश को बहुत ही सोच विचारकर करें। आपके कुछ नए सीखने के प्रयास आज कामयाब रहेंगे। आपकी सुख सुविधाओं में वृद्धि होगी।
तुला राशिः
आज का दिन आपके लिए किसी काम के मामले में सावधानी बरतने के लिए रहेगा। ससुराल पक्ष से आपको मान सम्मान मिलता दिख रहा है। कार्यक्षेत्र में आपको अपने कामों में सोच समझकर आगे बढ़ना होगा, नहीं तो आपकी समस्याएं बढ़ेंगी। आप परिवार में चल रही समस्याओं का नजरअंदाज ना करें, उनके बढ़ने से समस्या हो सकती है। आप अपनी वाणी और व्यवहार से लोगों का दिल जीतने में कामयाब रहेंगे। माता-पिता के आशीर्वाद से आपका कोई रुका हुआ काम पूरा होगा।
वृश्चिक राशिः 
आज का दिन आपके लिए मिलेजुले परिणाम लेकर आएगा। कार्यक्षेत्र में आपके अधिकारों में वृद्धि होगी, जिनसे आपको घबराने की आवश्यकता नहीं है। आपके लंबे समय से रुके हुए काम पूरे होने की संभावना है। बिजनेस में आप किसी को पार्टनर बनाने के लिए सोच विचार कर सकते हैं, जिसमें आप उनकी पूरी जांच पड़ताल करें, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ कुछ मौज मस्ती भरे पल व्यतीत करेंगे।
धनु राशिः 
आज का दिन आपका पद प्रतिष्ठा को बढ़ाने वाला रहेगा। आपको संतान के स्वास्थ्य की चिंता सताएगी। आप अपनी बिजनेस के कामों को लेकर कुछ सोच विचार करेंगे और आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। राजनीति में हाथ आजमां रहे लोगों को किसी बड़े पद की प्राप्ति हो सकती है। विद्यार्थियों को आज कुछ नया सीखने की कोशिश में लगे रहेंगे, जिस कारण आप किसी कोर्स में भी दाखिला ले सकते हैं। आपको अपने सहयोगियों से कामों को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी।
मकर राशिः 
आज का दिन आपके लिए खुशनुमा रहने वाला है। आप अपनी ऊर्जा को सही कामों में लगाएं, तो आपके लिए बेहतर रहेगा। आप अपने विवेक से काफी कुछ पा सकते हैं। किसी को बिना मांगे सलाह देने से बचें, नहीं तो आपकी समस्या बढ़ सकती है। आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिल बैठकर उनकी पारिवारिक समस्याओं को सुलझाएंगे। आपके पिताजी से आपकी किसी बात को लेकर कहासुनी हो सकती है।
कुंभ राशिः 
आज का दिन आपके लिए सामान्य रहने वाला है। कार्यक्षेत्र में आपको सोच समझकर आवश्यक कामों को लेना होगा, तभी आपके काफी काम पूरे होंगे। विद्यार्थियों को पढ़ाई लिखाई में कुछ समस्याएं आ रही थी, तो वह दूर हो सकती हैं। आपको किसी काम के चलते अक्समात यात्रा पर जाना पड़ सकता है। आपको अपने आसपास रह रहे विरोधियों को पहचान की आवश्यकता है। यदि आपने अपने कामों में लापरवाही बरती, तो आपका कोई काम बिगड़ सकता है।
मीन राशिः 
आज का दिन कारोबार कर रहे लोगों के लिए अच्छा रहने वाला है, क्योंकि आप अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर कोई महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे। यदि आपने कहीं पर कोई लोन अप्लाई किया था, तो आपके काम आसानी से बन जाएंगे। कार्यक्षेत्र में आपके बॉस आपके कामों में आपकी पूरी मदद करेंगे। आपको अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है, नहीं तो आपकी कोई पुरानी समस्या फिर से उभर सकती है। आप कोई लेन देन न करें।

हमास और इस्राइल बीते नौ महीने से जंग लड़ रहे हैं। इस्राइल द्वारा हमास को खत्म करने का संकल्प गाजा पट्टी के लोगों पर भारी पड़ रहा है। गाजा में पैदा हुई मानवीय परिस्थितियों को लेकर देशभर में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस बीच, हमास का रुख कुछ नरम होता दिख रहा है। वह किसी भी समझौते पर पहुंचने से पहले इस्राइल पर लगातार स्थायी युद्धविराम के लिए दबाव डालने की अपनी जिद पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार है।

अस्थायी युद्ध विराम पर बातचीत को तैयार
गाजा में युद्ध विराम तक पहुंचने के लिए चल रहे प्रयासों में यह बयान एक महत्वपूर्ण पल है। हमास लगातार कई मांगे रखता आ रहा है। हालांकि अब वह बिना किसी शर्त के एक अस्थायी युद्ध विराम पर बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है।

छह सप्ताह तक हो सकती है वार्ता
हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि संशोधित दृष्टिकोण से समझौते के प्रारंभिक चरण के दौरान स्थायी युद्धविराम पर बातचीत जारी रखने की अनुमति मिल जाएगी, जिसके छह सप्ताह तक चलने की उम्मीद है। महत्वपूर्ण बात यह है कि मध्यस्थ अस्थायी युद्धविराम के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेंगे, गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने में सुविधा प्रदान करेंगे, तथा वार्ता जारी रहने तक इस्राइली सैनिकों की वापसी की निगरानी करेंगे।

मसौदे में कहा गया है कि 16वें दिन से पहले, इस समझौते के दूसरे चरण के कार्यान्वयन की शर्तों को अंतिम रूप देने के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत शुरू हो जाएगी। पहले चरण के पांचवें सप्ताह के अंत से पहले यह बातचीत पूरी हो जानी चाहिए।

कतर में हो रहीं बैठक
हमास के रुख में यह बदलाव कतर में इस्राइल और हमास के प्रतिनिधियों के बीच फिर से शुरू हुई वार्ता के बीच आया है। बता दें, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की ओर से व्यापक समझौते पर मध्यस्थता के उद्देश्य से विस्तृत चर्चा करने की अनुमति मिलने के बाद यह बातचीत फिर से शुरू हुई।

एक रिपोर्ट के अनुसार, मोसाद के निदेशक डेविड बार्निया ने मध्यस्थों से मिलने तथा युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई को शामिल करते हुए संभावित नए समझौते की शर्तों पर चर्चा करने के लिए कतर की यात्रा की। वहीं एक इस्राइली मसौदा प्रस्ताव का विवरण स्थानीय मीडिया में सामने आया है। इसमें एक तय समय सीमा के भीतर बातचीत शुरू करने के प्रावधान शामिल हैं। हालांकि, इस्राइल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता की पुष्टि करने से परहेज किया है।

हमास और इस्राइल के बीच एक समझौते को सुरक्षित करने के प्रयासों को हाल के महीनों में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। नेतन्याहू पर इस्राइली बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए दक्षिणपंथी मंत्रियों और बंधकों के परिवारों सहित विभिन्न क्षेत्रों से दबाव है।

श्रीलंका ने विदेशी शोध जहाजों से प्रतिबंध हटाने का किया एलान, जानिए भारत-चीन से क्या है संबंध

श्रीलंका ने अगले साल से उनके देश में विदेशी शोध जहाजों के आने पर प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। दरअसल श्रीलंका में भारत और अमेरिका द्वारा हाई-टेक चीनी निगरानी जहाजों के बार-बार श्रीलंका के बंदरगाहों पर डॉक करने पर सुरक्षा संबंधी गंभीर चिंताओं के बाद विदेशी शोध जहाजों पर प्रतिबंध लगाया था। इसकी जानकारी जापान दौरे पर पहुंचे श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने दी।

भारत-अमेरिका ने किया था आग्रह
बता दें कि हिंद महासागर में चीनी शोध जहाजों की बढ़ती आवाजाही के को लेकर नई दिल्ली ने चिंता जताई थी और आशंका जताई थी कि चीनी जहाज जासूसी जहाज़ हो सकते हैं और कोलंबो से ऐसे जहाजों को अपने बंदरगाहों पर डॉक करने की अनुमति न देने का आग्रह किया था। भारत द्वारा चिंता जताए जाने के बाद श्रीलंका ने जनवरी में अपने बंदरगाह पर विदेशी शोध जहाजों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस साल की शुरुआत में, श्रीलंका ने एक चीनी जहाज़ को अपवाद के तहत मंजूरी दी थी, लेकिन प्रतिबंध जारी रखा था। श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अलग-अलग देशों के लिए अलग-अलग नियम नहीं रख सकती। उन्होंने कहा कि उनका देश दूसरों के बीच विवाद में किसी का पक्ष नहीं लेगा।

उल्लेखनीय है कि दो चीनी जासूसी जहाजों को नवंबर 2023 तक 14 महीने के भीतर श्रीलंका के बंदरगाहों में डॉक करने की अनुमति दी गई थी। चीनी शोध जहाज 6 अक्टूबर 2023 में श्रीलंका पहुंचा और उसने कोलंबो बंदरगाह पर डॉक किया। इस जहाज के डॉक करने का उद्देश्य समुद्री पर्यावरण पर रिसर्च थी। अमेरिका ने इस जहाज के आगमन को लेकर श्रीलंका के प्रति चिंता व्यक्त की थी।

चीनी जासूसी जहाजों को लेकर उठे थे सवाल
इससे पहले अगस्त 2022 में, चीनी नौसेना का जहाज युआन वांग 5 ने दक्षिणी श्रीलंका के हंबनटोटा में डॉक किया। नकदी की कमी से जूझ रहा श्रीलंका, वित्तीय मदद के लिए भारत और चीन, दोनों को समान रूप से महत्वपूर्ण भागीदार मानता है। इस बीच, सबरी ने सोनार से लैस जहाज उपलब्ध कराने की जापान की योजना के लिए भी आभार व्यक्त किया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि इससे श्रीलंका को ‘अपना स्वयं का सर्वेक्षण करने और अपना डेटा एकत्र करने और उसका व्यावसायिक रूप से दोहन करने का अवसर मिलेगा।’ जापानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि श्रीलंका के पास अप्रयुक्त समुद्री संसाधन हैं, इसलिए शोध आवश्यक है, लेकिन इसे पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए। बता दें कि हिंद महासागर में एक रणनीतिक बिंदु पर स्थित श्रीलंका दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया के बीच समुद्री यातायात के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जो वैश्विक व्यापार मार्ग का हिस्सा है।

‘शुरू हुआ इस्लामाबाद-बीजिंग सहयोग का नया युग’, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बांधे चीन के तारीफों के पु

नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर चीन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), संचार, खनन और उर्जा क्षेत्रों में इस्लामाबाद-बीजिंग सहयोग का एक नया युग शुरू हुआ है। शरीफ ने कहा, इससे आर्थिक विकास होगा और समय की कसौटी पर खरे उतरे द्विपक्षीय संबंध गहरे होंगे।

रेडियो पाकिस्तान की खबर के मुताबिक, शहबाज शरीफ ने यह टिप्पणी शनिवार को इस्लामाबाद में की, जहां उनके हालिया चीन दौरे के दौरान हुए समझौतों के क्रियान्वयन पर एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि इन क्षेत्रों में पाकिस्तान-चीन सहयोग को बढ़ावा देने से आर्थिक विकास, क्षेत्रीय संबंधों और दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करने में मदद मिलेगी।

पाकिस्तान-चीन दोस्ती का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चीन ने हमेशा मुश्किल वक्त में पाकिस्तान का साथ दिया है। उन्होंने कहा, चीन सबसे मजबूत आर्थिक शक्ति के रूप में उभर है और पाकिस्तान उसका अनुसरण कर सकता है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता ने कहा कि उनके चीन दौरे के दौरान हस्ताक्षरित समझौतों और समझौता ज्ञापनों (एमओयू) के क्रियान्वयन में कोई व्यवधान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने जूते बनाने वाली चीनी कंपनियों के एक प्रतिनिधिमंडल के बारे में भी जानकारी दी, जो हाल ही में पाकिस्तान में अपने विनिर्माण इकाइयों को स्थानांतरित करने के लिए पाकिस्तान आया था। इन चीनी कंपनियों के पास इस क्षेत्र में 5-8 अरब डॉलर का निवेश करने की क्षमता है। शरीफ ने बताया कि इस साल पाकिस्तान में होने वाले फूड एंड एग्री एक्सपो में चीन की 12 प्रमुख कंपनियां भाग लेंगी।उन्होंने कृषि क्षेत्र में उन्नत प्रशिक्षण के लिए सरकारी छात्रवृत्ति पर पाकिस्तान से एक हजार छात्रों को चीन भेजने के संबंध में प्रगति की भी समीक्षा की।

उन्होंने निर्देश दिए कि गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) सहित सभी चार प्रांतों के छात्रों को योग्यता के आधार पर चीन भेजा जाना चाहिए।