Thursday , October 24 2024

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भारत के सोजन जोसेफ बने ब्रिटेन में सांसद, कंजर्वेटिव दिग्गज नेता को दी मात; केरल के कोट्टायम में मना जश्न

ब्रिटेन के आम चुनाव में हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए चुने गए लेबर पार्टी के नए सांसद 49 वर्षीय सोजन जोसेफ केरल के रहने वाले हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा में मानसिक स्वास्थ्य नर्स के तौर पर काम करने वाले सोजन जोसेफ 22 साल पहले केरल से ब्रिटेन जाकर बस गए थे। जिन्होंने हालिया चुनाव में अपने निर्वाचन क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक बेहतक करने की अपने वादे के साथ मतदाताओं से संपर्क किया और दक्षिण-पूर्वी इंग्लैंड के केंट में एशफोर्ड के कंजर्वेटिव गढ़ में सेंध लगाने में सफल रहे।

पूर्व मंत्री डेमियन ग्रीन को दी मात
टोरी के दिग्गज और पूर्व मंत्री डेमियन ग्रीन को हराकर, जोसेफ ने एक सीट पर कंजर्वेटिव उम्मीदवारों के आव्रजन विरोधी बयानबाजी को भी झटका दिया। वहीं सोजन जोसेफ ने शुक्रवार को अपने स्वीकृति भाषण में कहा, आप सभी ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उससे मैं अभिभूत हूं और इसके साथ आने वाली जिम्मेदारियों से पूरी तरह वाकिफ हूं। मैं एशफोर्ड, हॉकिंग और गांवों में सभी के लिए कड़ी मेहनत करूंगा।

सोजन की पत्नी भी हैं नर्स
सोजन जोसेफ का एशफोर्ड के स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ाव है। सोजन जोसेफ के परिवार की बात की जाए तो उनकी पत्नी भी नर्स हैं, जबकि उनके तीन बच्चें हैं। सोजन जोसेफ की शुरुआती पढ़ाई कोट्टायम में हुई थी। उसके बाद उन्होंने बेंगलुरु में बी.आर. अंबेडकर मेडिकल कॉलेज में अपनी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी की। फिर यू.के. में, उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा में विविधता और समावेश पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वास्थ्य सेवा नेतृत्व में मास्टर डिग्री हासिल की।

चैरिटी के कई कार्यक्रमों में हो चुके हैं शामिल
चैरिटी के लिए कई अंतरराष्ट्रीय मैराथन में शामिल होने वाले सोजन जोसेफ ने कहा, मुझे एशफोर्ड और विल्सबोरो को अपना घर कहने में बहुत गर्व है। मैंने पिछले कुछ सालों में चैरिटी के धन संचय करने वाली गतिविधियों में हिस्सा लिया है, जिसमें कई चैरिटी के लिए मैराथन दौड़ना और स्थानीय अस्पताल चैरिटी के लिए ड्रैगन बोट रेस शामिल है। उन्होंने कहा, मैं एक समावेशी समाज में दृढ़ता से विश्वास करता हूं जो समुदाय के सभी व्यक्ति की पूरी क्षमता को हासिल करने की दिशा में काम करता है।

श्रीलंका में जुलाई के अंत में होगी राष्ट्रपति चुनाव की तारीखों की घोषणा, शुरू हुईं तैयारियां

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां शुरू हो गईं हैं। द्वीप राष्ट्र के चुनाव आयोग ने कहा है कि इस महीने के अंत में देश की राष्ट्रपति चुनाव की तारीख की घोषणा की जाएगी। चुनाव आयोग के अध्यक्ष आर एम ए एल रत्नायके ने बताया कि 17 जुलाई के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा की जा सकती है। इसके लिए चुनाव आयोग को कानूनी रूप से सभी शक्तियां दीं गईं हैं। इससे पहले मई में चुनाव आयोग ने कहा था कि 17 सितंबर से 16 अक्तूबर के बीच श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव हो सकते हैं।

17 करोड़ से अधिक लोग करेंगे मतदान
चुनाव आयोग के अध्यक्ष रत्नायके ने आगे बताया कि आयोग द्वारा फिलहाल 2024 के चुनावी रजिस्टर को अंतिम रूप दिया जा रहा है। चुनावी रजिस्टर ही चुनाव का आधार होगा। उनके अनुसार 17 करोड़ से अधिक लोग चुनाव में मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। आपको बता दें कि श्रीलंका में चुनाव को लेकर सोमवार को शीर्ष अदालत में सुनवाई होनी है। इससे ठीक एक दिन पहले चुनाव आयोग के अध्यक्ष का बयान सामने आया है। पिछले सप्ताह एक व्यक्ति ने अदालत में याचिका दायर की थी। याचिका में अदालत से चुनाव पर रोक लगाने की अपील की गई थी। कहा गया था कि जब तक संविधान में अनुच्छेद 30(2) और 82 के तहत राष्ट्रपति पद के कार्यकाल पर स्पष्टता नहीं दी जाती, तब तक चुनाव पर रोक लगाई जाए। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पांच न्यायाधीशों की पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी।

क्या है मामला?
श्रीलंका के संविधान के 19वें संशोधन में अनुच्छेद 30(2) के तहत राष्ट्रपति के कार्यकाल को छह से पांच साल तक के लिए सीमित कर दिया था। उधर, 82वें संशोधन के अनुसार, जनमत संग्रह के माध्यम से राष्ट्रपति का कार्यकाल छह साल तक बढ़ाया जा सकता है। इस वजह से याचिकाकर्ता ने राष्ट्रपति के कार्यकाल पर स्पष्टता की मांग की है। इस बीच, विपक्ष ने राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे पर आरोप लगाया है कि उन्हें हार के डर सता रहा है। इसलिए विक्रमसिंघे चुनाव टालने और राष्ट्रपति पद पर बने रहने की कोशिश कर रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले सप्ताह स्पष्ट कर दिया था कि पूर्व नियोजित योजना के अनुसार चुनाव कराए जाएंगे।

अब उल्टी दिशा में घूम रहा पृथ्वी का कोर, वैज्ञानिकों ने की पुष्टि; घट सकती है दिन की लंबाई

हमारी पृथ्वी मुख्य रूप से तीन परतों में बनी है। जिसमें सबसे ऊपरी परत क्रस्ट, जिस पर हम रहते हैं। इसके बाद मेंटल है और तीसरी और सबसे अंदर की परत को पृथ्वी का कोर कहा जाता है। ये दो हिस्सों आंतरिक और बाहरी में विभाजित है। लेकिन वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि पृथ्वी का आंतरिक कोर धीमा होकर अब उल्टी दिशा में घूम रहा है।

रहस्य बना हुआ है पृथ्वी का आंतरिक कोर
पृथ्वी का आंतरिक कोर पृथ्वी के बाहरी रूप के अपेक्षाकृत स्वतंत्र रूप से घूमता है। इसे ऐसे मान सकते हैं जैसे कि एक बड़ा लट्टू एक बड़े लट्टू के अंदर घूम रहा हो, ऐसा क्यों हैं ये अभी भी एक रहस्य है। साल 1936 में डेनिश भूकंपविज्ञानी इंगे लेहमैन की खोज के बाद से, आंतरिक कोर ने सभी शोधकर्ताओं को अपनी ओर आकर्षित किया है। जिसमें इसकी गति – जिसमें घूर्णन गति और दिशा शामिल है जो दशकों से चली आ रही बहस का विषय रही है। लेकिन हाल में ही मिले सबूत बताते हैं कि पिछले कुछ सालों में कोर का घूमना काफी बदल गया है, लेकिन वैज्ञानिकों की इस बात पर अलग-अलग मत हैं कि वास्तव में क्या हो रहा है और इसका क्या मतलब है।

ऐसे वैज्ञानिक जुटा रहे हैं आंकडे़
पृथ्वी के गहरे आंतरिक भाग का निरीक्षण या नमूना लेना तकरीबन असंभव है। जबकि अभी तक भूकंप विज्ञानियों ने इस क्षेत्र में आने वाले बड़े भूकंपों से तरंगों के व्यवहार की जांच करके पृथ्वी के आंतरिक कोर की गति के बारे में जानकारी जुटाई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अलग-अलग समय पर कोर से गुजरने वाली समान ताकत की तरंगों के बीच अंतर ने वैज्ञानिकों को आंतरिक कोर की स्थिति में परिवर्तन को मापने और इसके घूर्णन की गणना करने में मदद की है।

एक समय के लिए कोर और पृथ्वी गति हो गई थी समान
वहीं ऑस्ट्रेलिया के जेम्स कुक विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान की वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. लॉरेन वासजेक ने कहा, कि आंतरिक कोर के विभेदक घूर्णन को 1970 और 80 के दशक में एक घटना के रूप में प्रस्तावित किया गया था, लेकिन 90 के दशक तक भूकंपीय साक्ष्य प्रकाशित नहीं हुए थे। जबकि साल 2023 में प्रस्तावित मॉडल में एक आंतरिक कोर का वर्णन किया गया है जो पहले पृथ्वी से भी तेज घूमता था लेकिन अब धीमी गति से घूम रहा है। कुछ समय के लिए, आतंरिक कोर का घूमना पृथ्वी के घूमने से मेल खाता था। फिर, यह और भी धीमा हो गया, आखिरकार अपने आस-पास मौजूद की द्रव परतों के अनुरूप पीछे की ओर घूमने लगा।

हालांकि उस समय, कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि इसका शोध का समर्थन करने के लिए और अधिक आंकड़ों की जरूरत है। लेकिन अब, वैज्ञानिकों की एक अन्य टीम ने इस परिकल्पना के लिए नए सबूत पेश किए हैं। वहीं जर्नल नेचर में 12 जून को जारी नए शोध न केवल कोर के धीमे होने की पुष्टि की है और 2023 के पेश हुए प्रस्ताव का भी समर्थन किया है कि कोर की धीमी गति परिवर्तनों के दशकों पुराने पैटर्न का हिस्सा है।

सांप काटने से किसान की मौत, खेत गए थे… वहीं डस लिया, घर में मची चीख पुकार

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में शनिवार की शाम खेत पर गए एक किसान को सांप ने काट लिया। रविवार की सुबह जानकारी होने के बाद परिजन ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने वृद्ध का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा। परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है।

थाना क्षेत्र के गांव खिरिया निवासी सोबरन सिंह (70) शनिवार की देर शाम खाना खाने के बाद खेत पर गए थे। रात को वह घर वापस नहीं आए तो सुबह परिजन तलाश करते हुए खेत पर पहुंचे तो वृद्ध अचेत अवस्था में पडे़ हुए थे। परिजन आनन फानन अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

बताया कि सांप ने काटा है। संभवत: समय पर उपचार न मिलने की वजह से उनकी मौत हो गई। परिजन की सूचना पर थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। वृद्ध के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवाया गया। हादसे में वृद्ध की मौत के बाद परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। घर में चीख पुकार मची है।

ट्रांसपोर्ट नगर में तीन करोड़ से होंगे विकास कार्य, एडीए ने खींचा खाका, ये होंगे काम

अलीगढ़ विकास प्राधिकरण (एडीए) ने ट्रांसपोर्ट नगर के विकास का खाका तैयार कर लिया है। यहां तीन करोड़ से ज्यादा की राशि से विकास कार्य होंगे।

ट्रांसपोर्ट नगर के सेक्टर-5 के गड्ढों में 204.98 लाख रुपये से मिट्टी भराई होगी। 68.28 लाख रुपये से विभिन्न सड़कों पर पथ प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी। 40.76 लाख रुपये से ट्रांसपोर्ट नगर की मुख्य सड़कों पर छायादार पौधे लगाए जाएंगे। इनके रखरखाव के लिए आरसीसी के ट्री गार्ड लगाए जाएंगे।

15.68 लाख रुपये से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 45वीं पीएसी वाहिनी बौनेर में वन विभाग की ओर से 70 हजार पौधे लगाए जाएंगी। एक साल तक इसकी देखभाल संबंधित ठेकेदार की होगी। इस संबंध में एडीए की उपाध्यक्ष अपूर्वा दुबे ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर में 9 महीने में मिट्टी भराई कार्य होगा। छह महीने में सभी सड़कों पर पथ प्रकाश की व्यवस्था होगी।

फंदे पर लटका मिला गर्भवती महिला का शव, मायकेवाले बोले- ससुरालीजनों ने हत्या कर दी; पुलिस कर रही जांच

मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में शनिवार की देर शाम मोहल्ला भीम नगर में एक महिला का शव घर के कमरे में फंदे लटका मिला। सूचना मिलने के बाद पहुंची स्थानीय पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर शव फंदे से उतारा। मृतका पांच माह की गर्भवती थी। मायके पक्ष की ओर से दहेज हत्या का आरोप लगाया जा रहा है। वहीं मौत का कारण जानने के लिए रविवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया।

कुरावली थाना क्षेत्र के मोहल्ला भीम नगर निवासी प्रभात कुमार की पत्नी माला (25) शनिवार की शाम को अपने कमरे में थी। कुछ देर बाद शव फंदे पर लटका देख घर में अफरा तफरी मच गई। सूचना मिलने के बाद थाना पलिस मौके पर पहुंच गई। दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर महिला के शव को चादर के फंदे से नीचे उतारा।

ससुरालीजन ने खुदकुशी किए जाने की बात कही। लेकिन वजह को लेकर उनके पास कोई जबाव नहीं था। बताया कि मृतका पांच माह की गर्भवती भी थी। पुलिस ने जानकारी जुटाने के बाद मायके पक्ष के लोगों को हादसे की सूचना दी। कुछ देर बाद मायके पक्ष के लोग आ गए। ससुरालीजन पर प्रताड़ित करने व हत्या करने का आरोप लगाय। मौत का सही कारण जानने के लिए पुलिस ने रविवार को शव का पोस्टमार्टम कराया।

सीएम योगी ने अधिकारियों को बारिश में राहत कार्य संचालित करने के दिए सख्त निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तेज बारिश को देखते हुए संबंधित जनपदों के अधिकारियों को पूरी तत्परता से राहत कार्य संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्य पर नज़र रखें और प्रभावित लोगों को मदद प्रदान करें। उन्होने आपदा से हुई जनहानि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य राहत राशि अविलंब प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा अथवा पशु हानि हुई, ऐसे प्रभावितों को तत्काल अनुमन्य वित्तीय सहायता प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश भी दिए हैं कि फसलों को हुए नुकसान का आकलन कर शासन को आख्या उपलब्ध कराई जाए।

मल्टी एंड रीलिंग यूनिट्स से लैस होंगे महाराजगंज, बस्ती, सहारनपुर व औरैया; रेशम विभाग ने शुरू की प्रक्रिया

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश में योगी सरकार रेशम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बड़े स्तर पर कार्य कर रही है। सीएम योगी के विजन अनुसार प्रदेश में रेशम उद्योग को बढ़ाने के लिए विभिन्न क्लस्टरों में बड़े स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। इसी क्रम में, अब सीएम योगी की मंशा अनुसार महाराजगंज, बस्ती, सहारनपुर व औरैया को मल्टी एंड रीलिंग यूनिट्स से लैस करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन रीलिंग यूनिट्स के अंतर्गत 10 बेसिन यूनिट्स की क्रय प्रक्रिया रेशम विभाग ने शुरू कर दी है। इस क्रय प्रक्रिया को कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी द्वारा पूरा किया जाएगा, जिसे रेशम विभाग नियुक्त करेगा। कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी को कार्यावंटन के बाद 90 दिनों के भीतर इन सभी यूनिट्स को निर्धारित जिलों में डिलिवर व इंस्टॉल करना होगा। इस कार्य को पूरा करने के लिए रेशम विभाग द्वारा जो आवेदन मांगे गए हैं, उसमें मुख्यतः उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय व राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम से पंजीकृत कंपनियों को वरीयता दी जाएगी।

कई खूबियों से लैस होगा मल्टी एंड रीलिंग यूनिट के बेसिन यूनिट्स
मल्टी एंड रीलिंग यूनिट में विभिन्न मशीनरी कॉम्पोनेंट्स होते हैं जो बेसिन यूनिट्स के अंतर्गत आते हैं। कुल 10 बेसिन यूनिट्स की क्रय प्रक्रिया फिलहाल रेशम विभाग द्वारा पूरी की जा रही है। इन बेसिन यूनिट्स में 50 किलोग्राम कैपेसिटी वाला हॉट एयर ड्रायर, कोकून सॉर्टिंग टेबल, ब्रशिंग प्रक्रिया के लिए दो पैन टेबल्स, सर्कुलर प्रेशराइज्ड कोकून कुकिंग तथा वैक्यूम प्रीमिएशन प्री ट्रीटमेंट इक्विपमेंट से युक्त होगा। वहीं, बेसिन मल्टीएंड रीलिंग मशीन (10 एंड्स प्रति बेसिन), विंडो क्लोज्ड टाइम री-रीलिंग मशीन (5 एंड्स प्रति विंडो), स्मॉल रील पर्मिएशन सेंटर, 600 ग्राम कैपेसिटी व 0.01 ग्राम सेंसिटिविटी युक्त इलेक्ट्रॉनिक बैलेंस से भी युक्त होगा। जबकि, 7.5 केवीए कैपेसिटी युक्त जेनरेटर, 100 किलोग्राम स्टीम आउटपुट प्रति घंटे की कैपेसिटी युक्त तथा आईबीआर क्वॉलिटी युक्त ब्वॉयलर तथा 100 किलोग्राम रेजिन कैपेसिटी युक्त वाटर सॉफ्टनर जैसे कॉम्पोनेंट्स से युक्त होगा। इन सभी कॉम्पोनेंट्स के जरिए रेशम उत्पादन के लिए जरूरी कोकून एक्सट्रैशन, प्रोसेसिंग और रीलिंग प्रक्रिया को पूरा किया जा सकेगा।

90 दिन में यूनिट्स की डिलीवरी व इंस्टॉलेशन प्रक्रिया को किया जाएगा पूर्ण
सीएम योगी की मंशा अनुसार महाराजगंज, बस्ती, सहारनपुर व औरैया में जिन मल्टी एंड रीलिंग यूनिट्स के क्रय, स्थापना व संचालन की प्रक्रिया पूरी की जा रही है उसके लिए 180 दिन का वैलिडिटी पीरियड तय किया गया है। इन सभी यूनिट्स को कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी को कार्यावंटन के उपरांत 90 दिनों की कार्यावधि में डिलीवर व इंस्टॉल करना होगा। उल्लेखनीय है कि बतौर कॉन्ट्रैक्टर इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय व राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम से पंजीकृत कंपनियों को वरीयता दी जा रही है। उन्हें अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (ईएमडी) में भी रियायत दिए जाने का प्रावधान किया गया है।

तीन टीमें कर रही थीं देव प्रकाश मधुकर पर काम, दिल्ली में होने की ऐसे मिली जानकारी

अलीगढ़:  2 जुलाई को फुलरई-मुगलगढ़ी में साकार हरि के सत्संग उपरांत जैसे ही भगदड़ मची, वैसे ही मौत का मंजर देखकर कार्यक्रम का मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर हक्का-बक्का रह गया। उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया और वहां से भाग खड़ा हुआ। उसके परिवार वाले भी घर छोड़कर चले गए। उस पर एक लाख का इनाम रखा गया।

हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों को लगाया गया था, जिनमें से एक टीम दिल्ली में डेरा डाले थी। दूसरी गोरखपुर और एक मैनपुरी में थी। तीनों जगहों पर उसके छिपे होने का अंदेशा सर्विलांस माध्यमों से मिला था। इसी प्रयास में उसके दिल्ली में होने के इनपुट पर दबोचा गया।

बताया गया है कि देवप्रकाश की रिश्तेदारियों पर होमवर्क किया गया। जिसमें अलीगढ़ के मडराक, बुलंदशहर बॉर्डर, मैनपुरी व गोरखपुर में कुछ ऐसी रिश्तेदारियां जानकारी में आईं, जिन पर सर्विलांस के माध्यम से काम हुआ तो सुराग हाथ लगे। बाबा के खास लोगों में शामिल देवप्रकाश के कुछ रिश्तेदार ऐसे भी थे, जिनके संपर्क दिल्ली से जुड़ रहे थे। इसी प्रयास में वह दिल्ली में मिल गया।

15-16 लोगों ने भीड़ में खोल दिए थे जहराली गैस से भरे डिब्बे, जिससे दम घुटा

हाथरस : हाथरस हादसे में मौत की वजह को लेकर साकार हरि के वकील एपी सिंह ने नया दावा पेश किया है। उन्होंने डिब्बों से निकली जहरीली गैस को मौत की असली वजह बताया है।

साकार हरि बाबा के वकील एपी सिंह ने रविवार को बताया कि हाथरस में सत्संग के बाद हादसा बाबा की बढ़ती लोकप्रियता के खिलाफ एक साजिश है। हादसे के गवाहों ने उनसे संपर्क किया। गवाहों को कहना है कि 15-16 लोग जहरीली गैस के डिब्बे ले जा रहे थे, जिन्हें उन्होंने भीड़ में खोल दिया था। जिससे वहां भगदड़ मच गई। वकील एपी सिंह ने कहा कि मैंने मारे गए लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखी है और इससे पता चला है कि उनकी मौत दम घुटने से हुई है, न कि किसी अन्य कारण से।

भगदड़ के पीछे साजिश का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जहरीली गैस को छोड़ने वालों को भागने में मदद करने के लिए घटनास्थल पर वाहन खड़े थे। हमारे पास सबूत हैं और हम इसे देंगे। वकील एपी सिंह ने कहा कि जो गवाह उनके पास पहुंचे हैं, उन्होंने नाम न छापने का अनुरोध किया है। हम उनके लिए सुरक्षा की मांग करेंगे।

हाथरस में सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। भगदड़ के मामले में मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 6 जुलाई को, हाथरस पुलिस ने कहा कि वह एक राजनीतिक दल द्वारा संदिग्ध फंडिंग की भी जांच कर रही है। अधिकारियों ने कहा था कि मधुकर ‘सत्संग’ के मुख्य आयोजक और धन जुटाने वाले थे। स्थानीय सिकंदराराऊ पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में साकार हरि का उल्लेख आरोपी के रूप में नहीं किया गया।