Thursday , October 24 2024

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मुदा घोटाले में मैसूरु के उपायुक्त केवी राजेंद्र का तबादला, जी. लक्ष्मीकांत रेड्डी ने संभाला पद

नई दिल्ली: मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुदा) में भूमि घोटाले पर विवाद के बीच कर्नाटक सरकार ने बड़ा फैसला लिया। उन्होंने मैसूरु के उपायुक्त केवी राजेंद्र का तबादला कर दिया। भाजपा के वरिष्ठ नेता आर. अशोक ने पहले आरोप लगाया था कि राजेंद्र ने मुदा को कई चिट्ठियां लिखी थी, जिसमें कहा गया था कि “50:50 अनुपात” योजना के तहत आवासीय लेआउट बनाने के लिए भूमि खोने वालों से प्राप्त भूमि के बदले में वैकल्पिक स्थलों का आवंटन अनुचित था। बता दें कि राजेंद्र उन 21 आईएएस अधिकारियों में शामिल थे जिन्हें सरकार ने नौकरशाही पेरबदल में स्थानांतरित कर दिया था। राजेंद्र की जगह जी लक्ष्मीकांत रेड्डी ने लिया। लक्ष्मीकांत रेड्डी वर्तमान में कर्नाटक शहरी बुनियादी ढांचा विकास और वित्त निगम बेंगलुरु के प्रबंध निदेशक हैं।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की भाजपा की मांग को गुरुवार को खारिज कर दिया। वहीं, विपक्षी पार्टी ने भूमि खोने वालों को धोखाधड़ी से जमीन आवंटित करने के खिलाफ अपना प्रदर्शन तेज कर दिया। भाजपा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर के एक पॉश इलाके में वैकल्पिक जमीन आवंटित की गई थी। इस जमीन का मूल्य उनकी भूमि के स्थान की तुलना में अधिक था, जिसे एमयूडीए द्वारा अधिग्रहित किया गया था। साथ ही विपक्ष ने सीएम से उनके इस्तीफे की मांग की।

क्या है आरोप
एमयूडीए ने पार्वती को तीन एकड़ से अधिक भूमि के बदले 50-50 अनुपात योजना के तहत जमीन आवंटित की थी, जिसे प्राधिकरण ने आवासीय लेआउट विकसित करने के लिए अधिग्रहित किया था। बता दें, विवादास्पद योजना के तहत लेआउट बनाने के लिए अधिग्रहित अविकसित भूमि के बदले में 50 प्रतिशत विकसित जमीन आवंटित करने की परिकल्पना की गई है।

भाजपा का आरोप है कि एमयूडीए द्वारा जमीन गंवाने वालों को भूमि देने में चार हजार करोड़ रुपये की अनियमितताएं हुई हैं। विपक्ष के एक नेता ने दावा किया नियमों का उल्लंघन करते हुए 4,500-5,000 भूमि आवंटित की गई है।

अमृतपाल सिंह और इंजीनियर राशिद ने लोकसभा सांसद के रूप में ली शपथ, पैरोल पर जेल से बाहर निकले थे

नई  दिल्ली: जेल की सजा काट रहे अमृतपाल सिंह और कश्मीरी नेता शेख अब्दुल राशिद ने लोकसभा सदस्य के तौर पर शपथ ली। दरअसल, पुलिस ने दोनों को लोकसभा में शपथ लेने के लिए जेल से छूट दी थी। इसके बाद शुक्रवार को दोनों नेताओं ने लोकसभा सांसद के रूप में शपथ ली। शेख अब्दुल राशिद को इंजीनियर राशिद के नाम से भी जाना जाता है। वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं। इसके अलावा अमृतपाल सिंह असम के डिब्रूगढ़ की जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत सजा काट रहे हैं। शुक्रवार की सुबह सुरक्षा कर्मचारियों के घेरे में दोनों नेताओं को संसद भवन लाया गया।

लोकसभा के एक कमरे में ली पद और गोपनीयता की शपथ
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों सांसदों को लोकसभा के एक कमरे में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। अमृतपाल सिंह ने हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में खदूर साहिब से जीत हासिल की थी। इसके अलावा इंजीनियर राशिद ने बारामुला लोकसभा सीट से जीत हासिल की है। दोनों ही सांसद 18वीं लोकसभा में 24 जून और 25 जून को शपथ नहीं ले पाई थे।

पुलिस ने दिए थे सख्त निर्देश
राशिद इंजीनियर को शपथ लेने के लिए पुलिस ने दो घंटे की छूट दी थी। इसमें तिहाड़ से संसद तक आने जाने का समय अलग से जोड़ा गया था। इसके अलावा अमृतपाल सिंह को असम से दिल्ली आने जाने और शपथ लेने के लिए चार दिन का समय दिया गया था। दोनों को सख्त निर्देश दिए गए थे कि इस समयावधि के दौरान मीडिया को संबोधित नहीं कर सकते। इसके अलावा यह भी निर्देश दिए गए थे कि दोनों के परिजन भी मीडिया में कोई बयान नहीं देंगे।

अमृतपाल सिंह को परिवार से मिलने की इजाजत
खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख हैं। उन्हें दिल्ली में अपने परिवार से मिलने की इजाजत दी गई थी। उधर, इंजीनियर राशिद के परिवार को उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की अनुमति दी गई थी।

‘प्लास्टिक फूलों के इस्तेमाल-बिक्री पर प्रतिबंध लगाने में बाधा नहीं’, HC ने सरकार से मांगा जवाब

मुंबई:  बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध को लेकर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध है। ऐसे प्लास्टिक के फूलों के इस्तेमाल, ब्रिक्री पर पाबंदी लगाने में कोई बाधा नहीं है। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की पीठ ने सजावट के लिए कृत्रिम फूलों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के अनुरोध वाली याचिका पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी नोटिस जारी किया है।

ग्रोवर्स फ्लावर्स काउंसिल ऑफ इंडिया (जीएफसीआई) द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया कि सजावट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक के फूलों की अधिकतम मोटाई 30 माइक्रोन होती है। अदालत ने कहा, इस चिंता को जल्द से जल्द दूर करने की जरूरत है, क्योंकि अगर 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाली अन्य वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, तो प्लास्टिक के फूलों पर भी प्रतिबंध लगाने में कोई बाधा नहीं दिखती है।

पीठ ने कहा, “याचिका में उठाए गए मुद्दों के महत्व और 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक के फूलों के पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को देखते हुए हम सभी संबंधित पक्षों से अपेक्षा करते हैं कि वे इस मामले को गंभीरता से लेंगे।” अदालत ने सभी प्रतिवादियों को चार सप्ताह के भीतर अपने अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया। अब अगस्त में मामले की सुनवाई होगी।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “लखनऊ में एक बाल गृह है, जहां बेसहारा बच्चे रहते हैं, जिनमें से कई सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित हैं। जब मैंने वहां टीम से बातचीत की, तो मुझे बताया गया कि वहां ऐसे बच्चे हैं जो खाने योग्य और न खाने योग्य चीजों में अंतर नहीं कर पाते हैं। इस वजह से कई बार उनके मलमूत्र में प्लास्टिक सामग्री पाई जाती थी। इसलिए हमें बहुत गंभीर होना होगा।”

जीएफसीआई की याचिका में कहा गया कि अधिसूचना में प्लास्टिक के फूलों का स्पष्ट रूप से जिक्र नहीं किया गया है। इसके साथ ही सरकार को 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक के फूलों के लिए भी आवश्यक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

महुआ मोइत्रा की अभद्र टिप्पणी पर भड़कीं महिला आयोग की प्रमुख, लोकसभा स्पीकर-दिल्ली पुलिस को लिखा पत्र

राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोरा को उनके हाथरस दौरे पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की कथित टिप्पणी पर पत्र लिखा है। बता दें कि इस वीडियो पर तृणमूल कांग्रेस सांसद ने लिखा था, वह अपने बॉस का पजामा संभालने में बहुत व्यस्त हैं।

भाजपा का तृणमूल कांग्रेस पर हमला
वहीं भाजपा ने भी राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा के बारे में टिप्पणी के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर निशाना साधते हुए उन्हें उनकी पार्टी से निकाले जाने की मांग की है। दरअसल तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने एक्स पर डाले गए एक वीडियो पर टिप्पणी की थी, जिसमें एनसीडब्ल्यू प्रमुख हाल ही में उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ मचने के बाद घटनास्थल पर आती हुई दिख रही हैं।

महुआ की टिप्पणी की भाजपा ने की आलोचना
इस वीडियो पर तृणमूल कांग्रेस सांसद ने लिखा था, वह अपने बॉस का पजामा संभालने में बहुत व्यस्त हैं। इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मोइत्रा की टिप्पणी को बेहद अभद्र, आपत्तिजनक और शर्मनाक करार दिया और कहा कि यही टीएमसी और विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया का असली चेहरा है। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया, संदेशखालि, चोपडा तालिबानी पिटाई मामले और स्वाति मालिवाल मामले पर चुप रहीं सांसद महुआ मोइत्रा अब एक महिला के बारे में अभद्र टिप्पणी कर रही हैं, वो भी राष्ट्रीय महिला आयोग प्रमुख पर।

भाजपा ने विपक्षी सहयोगियों पर साधा निशाना
एनसीडब्ल्यू प्रमुख के बारे में महुआ मोइत्रा की टिप्पणी की तस्वीर साझा करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने उन्हें टीएमसी से निष्कासित करने की मांग की। भाजपा प्रवक्ता ने टीएमसी सांसद की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) पर भी निशाना साधा और पूछा, कि क्या प्रियंका वाड्रा, राहुल गांधी, खरगे जी, सोनिया गांधी, प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी इस पर आवाज उठाएंगे? उन्होंने कहा, क्या ममता दीदी इस पर कार्रवाई करेंगी। नहीं, वह इसी तरह संदेशखालि और (पश्चिम बंगाल के) चोपडा (में दंपत्ति को कोड़े मारे जाने) पर चुप रही थीं।

विधानसभा स्पीकर ने दिलाई दो विधायकों को शपथ तो भड़के राज्यपाल बोस, राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखकर कहा कि विधानसभा के स्पीकर की तरफ से तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाना संविधान का उल्लंघन है। राजभवन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। राज्यपाल ने राष्ट्रपति को चिट्ठी ऐसे समय में लिखी है, जब बंगाल विधानसभा के स्पीकर बिमान बनर्जी ने टीएमसी के दो विधायकों को शपथ दिलाई, जबकि राज्यपाल ने इसके लिए विधानसभा के उपाध्यक्ष को अधिकृत किया था।

राजभवन की तरफ से कहा गया, ‘‘राज्यपाल ने स्पीकर के संवैधानिक रूप से अनुचित कदम के बारे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। राज्यपाल ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा अध्यक्ष की तरफ से राज्य विधानसभा में दो विधायकों को शपथ दिलाना संविधान का उल्लंघन है।’’

राजभवन और विधानसभा के बीच करीब एक महीने तक चले गतिरोध के बाद, स्पीकर ने दो विधायकों रयात हुसैन सरकार और सायंतिका बनर्जी को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान शपथ दिलाई। हुसैन सरकार मुर्शिदाबाद जिले के भगवानगोला से विधायक हैं। वहीं, सायंतिका बनर्जी कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके बरानगर से विधायक हैं।

क्या है विवाद?
गौरतलब है कि राज्यपाल ने हाल में हुए उपचुनाव में निर्वाचित दोनों विधायकों को राजभवन में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया था। हालांकि, दोनों विधायकों ने यह कहते हुए निमंत्रण ठुकरा दिया कि परंपरा के तहत उपचुनाव जीतने वाले उम्मीदवार के मामले में राज्यपाल शपथ दिलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को नियुक्त करते हैं।

इसके बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों के शपथग्रहण समारोह से संबंधित गतिरोध को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था।

‘कल्कि 2898 एडी’ की रिलीज के बाद कई फिल्में हैं पाइपलाइन में, ‘बाहूबली 3’-‘स्पिरिट’…

पूरे भारत में प्रभास की फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ की प्रशंसा हो रही है। फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ 27 जून को रिलीज हुई थी, तभी से फिल्म लगातार बॉक्स ऑफिस पर तगड़ी कमाई कर रही है। फिल्म को लेकर प्रशंसक लगातार सोशल मीडिया पर अपनी राय साझा कर रहे हैं। ‘कल्कि 2898 एडी’ की रिलीज के बाद से ही प्रभास के प्रशंसक उनकी आगामी फिल्मों की रिलीज का इंतजार करने लगे हैं। इस लिस्ट में ‘सलार 2’ से लेकर ‘स्पिरिट’, ‘द राजा साहब’, ‘बाहुबली 3’ और ‘कल्कि 2898 एडी 2’ तक शामिल हैं।

प्रभास की हर एक फिल्म की रिलीज का उनके प्रशंसक बेसब्री से इंतजार करते हैं। ‘कल्कि 2898 एडी’ की रिलीज के बाद से ही प्रशंसक ‘सलार 2’ की रिलीज का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस फिल्म की शूटिंग 10 अगस्त से शुरू होने जा रही है। हो सकता है कि प्रभास की यह फिल्म साल 2025 के आखिर में रिलीज हो। इस फिल्म में प्रभास के अलावा पृथ्वीराज सुकुमारन भी अलग अंदाज में नजर आएंगे। ‘सालार पार्ट 1: सीजफायर’ की शानदार सफलता के बाद, प्रभास के काल्पनिक शहर में स्थापित बहुप्रतीक्षित सीक्वल के लिए तैयार हैं। अपने दमदार एक्शन दृश्यों और मनोरंजक कहानी प्रशंसकों के लिए एक और एड्रेनालाईन से भरपूर रोमांच का वादा करती है।

‘स्पिरिट’ को ‘एनिमल’ फिल्म के निर्देशक संदीप रेड्डी निर्देशित करेंगे। इस फिल्म में प्रभास एक पुलिस अफसर का रोल निभाते नजर आएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिल्म ‘स्पिरिट’ की शूटिंग के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन फिल्म का बनना तय है। यह एक क्राइम थ्रिलर पर आधारित फिल्म होगी। फिल्म के प्री-प्रोडक्शन का काम चल रहा है।

निर्देशक हनु राघवपुडी की एक फिल्म आनी है, जिसका नाम अभी तय नहीं हुआ है। इस फिल्म में प्रभास लीड रोल में नजर आएंगे। निर्देशक हनु राघवपुडी के साथ एक रोमांचक सहयोग में, प्रभास ने इस फिल्म को हरी झंडी दे दी है, जो एक पीरियड रोमांस होने की उम्मीद है। हालांकि फिल्म के बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन प्रशंसकों में इस दिलचस्प परियोजना के बारे में अधिक जानकारी का बेसब्री से इंतजार है।

फिल्म ‘राजा साहब’ को निर्देशक मारुति लेकर आ रहे हैं। यह एक हॉरर-कॉमेडी फिल्म होगी। मारुति द्वारा निर्देशित यह फिल्म दर्शकों को एक शानदार ट्विस्ट देने का वादा करती है। वर्तमान में प्रोडक्शन में, प्रभास इस शानदार फिल्म से दर्शकों को लुभाने के लिए तैयार हैं। मालविका मोहनन, निधि अग्रवाल और रिद्धि कुमार के साथ मुख्य भूमिकाएं निभाते नजर आएंगे।

अक्षय कुमार की फिल्म सरफिरा को सेंसर बोर्ड ने दिया यू सर्टिफिकेट, जानें कितनी लंबी बनी कहानी

अक्षय कुमार की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सरफिरा’ की रिलीज का प्रशंसकों को बेसब्री से इंतजार है। बीते दिन निर्माताओं ने इसका दिलचस्प ट्रेलर जारी किया, जिसने खूब वाहवाहियां बटोरीं। वहीं, अब सेंसर बोर्ड की ओर से भी खिलाड़ी कुमार की फिल्म को हरी झंडी मिल गई है। मूवी को ‘यू’ सर्टिफिकेट के साथ पास कर दिया गया है।

यू सर्टिफिकेट के साथ पास हुई ‘सरफिरा’
फिल्म ‘सरफिरा’ में अक्षय कुमार नायक की भूमिका में हैं, जबकि राधिका मदान और परेश रावल भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। राधिका और परेश मूल फिल्म का भी हिस्सा थे। रिपोर्ट के अनुसार, ‘सरफिरा’ ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से ‘यू’ प्रमाणपत्र के साथ सेंसर औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है। तमिल ब्लॉकबस्टर ‘सोरारई पोटरू’ की इस रीमेक फिल्म को 2 घंटे और 35 मिनट (155 मिनट) का नाटकीय रन-टाइम दिया गया है। सूर्या फिल्म में एक विशेष भूमिका निभाएंगे।

सुधा-अक्षय का पहला सहयोग
फिल्म ‘सरफिरा’ अक्षय कुमार और प्रशंसित तमिल निर्देशक सुधा कोंगरा के बीच पहला सहयोग है, जिन्होंने मुख्य भूमिका में सूर्या के साथ मूल फिल्म का निर्देशन किया था। यह फिल्म एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के लिए किफायती एयरलाइंस उपलब्ध कराना चाहता है और रास्ते में कई बाधाओं का सामना करता है।

‘सरफिरा’ की कहानी, रिलीज डेट
‘सरफिरा’ की कहानी भारतीय कम लागत वाली एयरलाइन सिंपलीफ्लाई डेक्कन के संस्थापक जीआर गोपीनाथ के जीवन की घटनाओं पर आधारित है। ये फिल्म 12 जुलाई को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। वहीं बात करें अक्षय की आने वाली फिल्मों के बारे में तो वे ‘वेलकम टू द जंगल’, ‘हॉउसफुल’, ‘स्काई फोर्स’ और ‘खेल खेल में’ जैसी फिल्मों में नजर आएंगे।

मुश्किलों में घिरे राज तरुण, महिला ने तेलुगु अभिनेता पर लगाए गंभीर आरोप

तेलुगू अभिनेता राज तरुण मुश्किलों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी लिव-इन पार्टनर को धोखा दिया है।

महिला ने लगाए गंभीर आरोप
गुरुवार शाम (4 जुलाई) को नरसिंगी पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में महिला ने कहा कि उनके और राज तरुण के बीच 10 साल से संबंध है। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि अभिनेता ने किसी दूसरी महिला के साथ मिलकर उन्हें धोखा दिया है। शिकायतकर्ता ने राज तरुण के साथ रहने की इच्छा जताई है।

जांच में जुटी पुलिस
इस मामले में पुलिस ने कहा कि इस शिकायत की जांच की जा रही है। अगर शिकायतकर्ता की ओर से कोई सबूत पेश किए जाते हैं तो पुलिस उस आधार आगे की कार्रवाई करेगी।

राज तरुण ने दी प्रतिक्रिया
राज तरुण के फिल्मी करियर की बात करें तो वह ‘उय्याला जम्पला’, ‘कुमारी 21 एफ’ और ‘सिनेमा चुपिस्टा मावा’ जैसी फिल्मों में काम कर चुके है। वहीं, इस पूरे मामले पर अभिनेता की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि वह पुलिस में शिकायत करने सहित मामले में कानूनी रूप से भी आगे बढ़ेंगे। वर्क फ्रंट की बात करें तो वह जल्द ही तिरागबदरा सामी नाम की फिल्म में नजर आएंगे।

अंतिम दौर में पहुंची जांच… आज सौंपी जा सकती है शासन को रिपोर्ट, एसआईटी के घेरे में कई अफसर

अलीगढ़:  सिकंदराराऊ हादसे के मूल कारणों और लापरवाही को लेकर एसआईटी स्तर से हो रही जांच लगभग अंतिम दौर में है। बृहस्पतिवार को भी देर रात तक बयान दर्ज करने की प्रक्रिया जाारी रही। उम्मीद है कि यह जांच रिपोर्ट मध्य रात्रि तक पूर्ण कर शुक्रवार को शासन को भेज दी जाएगी। हालांकि अभी अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। मगर विश्वस्त सूत्र कई अधिकारियों पर गाज गिरना तय मान रहे हैं। जिनके खिलाफ बयानों के आधार पर इस रिपोर्ट में लापरवाही किए जाने का इशारा हो सकता है।

दो जुलाई की दोपहर हुए इस हादसे के बाद ही मुख्यमंत्री स्तर से एसआईटी जांच का आदेश जारी किया गया। एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ व मंडलायुक्त चैत्रा वी को एसआईटी का जिम्मा देते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की। जिसमें सबसे बड़ा सवाल हादसे के मूल कारण और लापरवाही व अनदेखियों को उजागर करना है। हालांकि यह रिपोर्ट बुधवार को ही देनी थी। मगर राहत व बचाव कार्य जारी रहने और बुधवार को मुख्यमंत्री के आने के कारण जांच पूरी नहीं हो सकी। अधिकारियों ने तीन दिन का समय मांग लिया। मुख्यमंत्री के जाने के बाद एसआईटी ने अपनी जांच तेज की और बयान दर्ज कराने के लिए लोगों को सूचीबद्ध व समयबद्ध क्रम में सूचित कर उन्हें बुलाया गया।

कुल 132 लोगों की सूची तैयार की गई। बुधवार को भी बयान हुए और बृहस्पतिवार को भी देर रात तक बयान दर्ज होने का क्रम जारी रहा। इसमें घटनास्थल पर तैनात एक एक पुलिस व अन्य सभी विभागों के कर्मचारी-अधिकारी, प्रारंभिक सूचना वाले कर्मी, एंबुलेंस कर्मी, डॉक्टर, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर, किसान, चश्मदीद, घायल, तहसील व जिला स्तर के अधिकारी, डीएम-एसपी आदि तमाम लोग शामिल हैं। इसके अलावा बाबा का नाम भी बयान दर्ज कराने वालों की सूची में शामिल है। साथ में फोर्स की तैनाती, कमी, एंबुलेंस की कमी, देरी से उपचार आदि सवालों पर जवाब लिए जा रहे हैं। इसके अलावा सेवादारों की भूमिका आदि को भी सवालों में शामिल किया जा रहा है। एसडीएम और सीओ के बृहस्पतिवार को दोबारा से बयान लिए गए।

पुलिस लाइन में बृहस्पतिवार को 75 से अधिक लोगों के बयान दर्ज हुए। मगर अधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहे। हां, विश्वस्त सूत्रों से इशारा मिला है कि जांच अंतिम दौर में है। आज रात तक बयानों की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। आगरा, अलीगढ़, एटा तक के डॉक्टर बयानों के लिए बुलाए गए हैं। संभव हुआ तो रात में ही या सुबह रिपोर्ट तैयार कर दिन में शासन को भेज दी जाएगी। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अब तक की जांच व बयानों में नीचे से लेकर जिला स्तर तक के कई अधिकारी व कर्मचारी निशाने पर आ सकते हैं। जिनके खिलाफ कार्रवाई की सीधी संस्तुति होगी या उन पर लापरवाही का आरोप तय होगा। यह रिपोर्ट में ही स्पष्ट होगा।

बाबा का पक्ष रखने आए अधिवक्ता एपी सिंह
अलीगढ़। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एपी सिंह बृहस्पतिवार को एसआईटी के समक्ष पहुंचे। उन्होंने वहां बाबा का पक्ष रखा। सूत्र बताते हैं कि एपी सिंह की ओर से कहा गया है कि वे हर जांच में सहयोग करने को तैयार हैं।

भोजन की आधी बर्बादी भी रुके तो 15 करोड़ का भरेगा पेट, उत्पादन का करीब एक तिहाई खाना हो रहा नष्ट

नई दिल्ली:  दुनिया भर में इंसानों के लिए पैदा किया जा रहा करीब एक तिहाई भोजन बर्बाद हो रहा है। अगर इस बर्बादी को 50 फीसदी भी रोका जाए तो करीब 15 करोड़ लोगों का पेट भर सकता है। इतना ही नहीं, जब भोजन बर्बाद होता है तो भूमि, पानी, ऊर्जा और अन्य इनपुट जो भोजन के उत्पादन, प्रसंस्करण, परिवहन, तैयारी, भंडारण और निपटान में उपयोग किए जाते हैं, वे भी बर्बाद हो जाते हैं। इसमें ग्रीनहाउस गैसों का भारी उत्सर्जन होता है, जो जलवायु परिवर्तन की वजह बन रहा है।

संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार भोजन की बर्बादी को आधा करने से कृषि क्षेत्र से हो रहे ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में चार फीसदी की कमी आ सकती है। यह रिपोर्ट कहती है कि हमें समझना होगा कि हम संसाधनों को यूं जाया नहीं कर सकते, क्योंकि हमारे द्वारा बर्बाद हर निवाला किसी दूसरे का पेट भरने में मदद कर सकता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकतर घरों में भोजन की बर्बादी ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक में हो रही है। कई बार तो यह ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा देखी जा रही है।

2030 तक 60 करोड़ लोग भुखमरी को होंगे मजबूर
खाद्य एवं कृषि संगठन का अनुमान है कि 2030 में करीब 60 करोड़ लोग भुखमरी का सामना करने को मजबूर होंगें। खाद्य पदार्थों की हो रही बर्बादी और नुकसान को कम करने से वैश्विक स्तर पर कहीं ज्यादा लोगों के लिए भोजन उपलब्ध होगा। इससे खाद्य उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतों में गिरावट आएगी।

सबसे ज्यादा फल और सब्जियां हो रहीं बर्बाद
रिपोर्ट के अनुसार 2021 से 2023 के बीच बर्बाद भोजन में करीब आधा हिस्सा फल और सब्जियों का था। करीब एक चौथाई हिस्सा अनाज का था। भारत में भी घरों में फल और सब्जियों का खराब होना बेहद आम है। संयुक्त राज्य अमेरिका में एक तिहाई भोजन बिना खाए ही रह जाता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में घरों में बर्बाद होने वाले भोजन का लगभग 96 फीसदी लैंडफिल, दहन सुविधाओं या सीवर सिस्टम में बह गया। शेष भोजन को खाद में बदल दिया गया।

10% तक बढ़ जाएगी भोजन की उपलब्धता 2030 तक खाद्य पदार्थों के होने वाले नुकसान को आधा करने से कमजोर देशों में आम लोगों के पास 10% अधिक भोजन उपलब्ध होगा। इसी तरह निम्न और मध्यम आय वाले देशों में 6% और उच्च मध्यम आय वाले देशों में भी लोगों के पास पहले से 4% अधिक भोजन होगा। संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक प्रति व्यक्ति बर्बाद हो रहे खाद्य पदार्थों में 50 फीसदी की कटौती करने का लक्ष्य तय किया है।