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खुफिया इनपुट के बाद राहुल गांधी के आवास की सुरक्षा बढ़ी, बयान पर हिंदूवादी संगठनों के हमले का खतरा

नई दिल्ली :  संसद में हिंदुओं को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान पर अच्छा-खासा विवाद पैदा हो गया है। इस सबके बीच दिल्ली पुलिस को खुफिया विभाग से इनपुट मिला हैं कि हिंदू संगठनों से जुड़े लोग कांग्रेस नेता पर हमला कर सकते हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने गृहमंत्रालय के आदेश के बाद राहुल गांधी व उनके आवास की सुरक्षा बढ़ा दी है। आवास पर अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई है। साथ ही इलाके में रहने वाले कांंग्रेस नेताओं पर नजर रखी जा रही है। नई दिल्ली में खुफिया तंत्र को अलर्ट कर दिया गया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को हिंदुओं को लेकर बयान दिया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस को देर रात इनपुट मिले कि हिंदू संगठनों से नेता राहुल गांधी पर हमला कर सकते हैं। इन संगठनों के लोग नई दिल्ली इलाके में पोस्टर व बैनर आदि लगा सकते हैं। राहुल गांधी के आवास पर दो प्लाटून फोर्स तैनात की गई है। एक प्लाटून में 16 से 18 पुलिसकर्मी होते हैं। इसके अलावा तुगलक रोड थाने से आठ से 20 अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। नई दिल्ली जिले के बार्डर सील कर दिए हैं। चेकिंग के बाद ही लोगों को नई दिल्ली में प्रवेश करने दिया जा रहा है। नई दिल्ली इलाके में पेट्रोलिंग भी बढ़ा दी गई है।

नई दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त देवेश महला ने सोमवार रात जिले में तैनात सभी एसीपी व थानाध्यक्षों को मैसेज देकर अपने इलाके में सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दे दिए थे। सभी थानाध्यक्षों को अपने अपने खुफिया तंत्र को मजबूत करने को कहा गया है। साथ ही हिंदू संगठनों पर कड़ी नजर रखने के अलावा उनकी आगामी रणनीति का पता लगाने का आदेश दिया है। नई दिल्ली इलाके में रहने वाले कांग्रेस नेताओं की गतिविधियों पर भी नजर रखने को कहा गया है। पुलिस उपायुक्त ने स्पष्ट कहा है कि गांधी के आवास के पास या अन्य जगहों पर किसी तरह का पोस्टर व बैनर न लगने पाए।

तीन मिनट की भगदड़ में मौत का तांडव, सरकारी अमला समझ ही नहीं पाया कितना बड़ा है हादसा

हाथरस:साकार विश्वहरि भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने आने वाले अनुयायियों को तनिक भी भान न था कि ऐसा भी होगा। पिछले कई दिन से चल रही तैयारियों के बीच तीन मिनट की भगदड़ ने मौत का ऐसा तांडव मचाया कि जिसने भी सुना उसके हाथ पांव फूल गए। पुलिस प्रशासनिक अमला तो यह ही नहीं समझ पाया कि आखिर हादसा कितना बड़ा है और क्या करना है। बस जिसको जहां जैसे जगह मिली, उसने शवों व घायलों को अस्पतालों की ओर भिजवाना शुरू कर दिया।

इसके बाद मौके पर जो हालात थे, वह वाकई रौंगटे खड़े कर देने वाले थे। एक तो वहां लोग बिलखते हुए अपनों को तलाश रहे थे। दूसरा पुलिस प्रशासन की ओर से वहां ऐसे कोई इंतजाम नहीं थे, जिससे उन्हें उनके अपनों तक पहुंचाया जा सके या मिलवाया जा सके। देर शाम तक अव्यवस्थाओं का आलम था और लोग अपनों की तलाश में भटक रहे थे।

जिस वक्त यह हादसा हुआ, उस समय बस यातायात प्रबंधन के लिए नेशनल हाईवे यानि पुराने जीटी रोड पर सिकंदराराऊ पुलिस की ड्यूटी थी। भीड़ निकलने के दौरान सड़क पर किसी के साथ कोई हादसा न हो, इसके लिए यह ड्यूटी लगाई थी। इसके चलते कानपुर की ओर से आने वाले यातायात को रोक कर रखा गया था। मंच स्थल से हाईवे तक बाबा के काफिले को निकालने के लिए एक बाईपास आयोजकों ने बनाया था। भीड़ सड़क पर दोनों ओर जमा थी। प्रयास था कि बाबा का काफिला जब निकलेगा तो वे उन्हें एक झलक देखकर नतमस्तक हो सकेंगे और फिर काफिले की चरण धूल ले सकेंगे। उन्हें सेवादारों द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था। जैसे ही काफिला निकला। अचानक भीड़ अनियंत्रित हुई। वहीं भगदड़ मच गई। इसके बाद जो हालात बने। वे किसी से छिपे नहीं हैं।

आसपास के जिलों में भेजे गए घायल
पुलिस ने एटा मेडिकल कॉलेज, ट्रामा सेंटर सिकंदराराऊ, जिला मुख्यालय हाथरस व मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ भिजवाया। उस समय तो स्थिति यह थी कि जो हाथ लग जाए या नजर आ जाए, उसे एंबुलेंस या वाहन में लादकर भिजवाया जा रहा था। वहां न उसकी पहचान पूछी जा रही थी और उसके किसी परिचित का इंतजार किया जा रहा था। वाकई बेहद दुखद या कष्टप्रद था कि दोपहर लगभग दो बजे हुई घटना के बाद शाम पांच से छह बजे तक भी प्रशासन ने मौके पर कोई राहत या आपदा कैंप नहीं बनवाया गया था। न कोई ऐसा प्रतिनिधि बैठाया गया था, जो वहां अपनों को खोज रहे लोगों को संतुष्ट कर सके। ये बता सके कि आपका रिश्तेदार फलां अस्पताल में है। सभी अपने हाल पर बिलख रहे थे। जैसे जो जानकारी मिल रही थी। वहां दौड़े चले जा रहे थे।

ट्रॉमा सेंटर में न ऑक्सीजन न बिजली और न स्टाफ
हादसे के लिए सिकंदराराऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर तैयार नहीं था। यहां चिकित्सक, स्टाफ और ऑक्सीजन तक नहीं थी। कराहते हुए घायल पहुंचते रहे और उपचार न मिलने से दम तोड़ते रहे। टॉमा सेंटर पर करीब 2.45 बजे शवों और घायलों को लाना शुरू हुआ। हालात ऐसे थे कि न मौके पर चिकित्सक थे और न ही पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद था। बिजली तक नहीं थी। बदहवास हालत में पहुंचे घायलों को ऑक्सीजन की जरूरत थी, लेकिन वह भी नहीं मिली। बिजली न होने के कारण कमरों में पंखे बंद पड़े थे। कमरों में अंधेरा छाया था। एंबुलेंस से आए घायलों को ऑक्सीजन के लिए सत्संग स्थल से साथ में आए परिजन व अन्य लोग अंदर कक्षों तक लेकर पहुंचे, लेकिन यहां तत्काल उपचार नहीं मिलने के कारण कई घायलों ने दम तोड़ दिया।

आज हाथरस जा सकते हैं सीएम योगी, हादसे से जुड़ी पल-पल की जानकारी ले रहे हैं मुख्यमंत्री

लखनऊ: हाथरस हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज इलाके का दौरा कर सकते हैं। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ऐसा संकेत दिया है। घटना में अब तक 116 लोगों की जान जा चुकी है।

मुख्यमंत्री योगी ने हाथरस के हादसे मारे गए लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया है। उन्होंने पीड़ित परजिनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों के शीध्र स्वस्थ्य होने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने हादसे के मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का एलान करते हुए पीड़ित परिवारों को तत्कार राहत राशि मुहैया कराने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन को घायलों का बेहतर उपचार करने को कहा है। घटना की खबर मिलने के ततत्काल बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार मौके के लिए रवाना हो गए। वहीं, मुख्यमंत्री ने घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ के नेतृत्व में जांच टीम का गठन कर 24 घंटे में रिपोर्ट देने और कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ एफआईआर कराने के भी निर्देश दिए हैं।

घटना की सूचना मिलने के बाद से मुख्यमंत्री खुद अधिकारियों से हर पल की रिपोर्ट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया एक्स पर घटना के मृतकों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ है। संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दें और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।

तीन मंत्रियों को भी मौके पर भेजा
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और डीजीपी के अलावा दो मंत्रियों को भी तत्काल मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए। इस पर गन्ना विकास मंत्री मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह भी तत्काल हाथरस के लिए रवाना हो गए। दोनों मंत्रियों को मौके पर ही रहकर राहत कार्य कराने के साथ ही घायलों के उपचार की व्यवस्था पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद देने को भी कहा गया है। वहीं बुधवार को मुख्यमंत्री खुद भी घटनास्थल का दौरा कर सकते हैं।

सीएम ने अधिकारियों संग की बैठक
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक करके राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने मौके पर गए मंत्रियों और अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि घटना के लिए जो लोग भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। कोई दोषी बचने न पाए।

डेंगू के साथ जीका संक्रमण के भी बढ़े मामले, जानिए कौन सा ज्यादा खतरनाक और कैसे करें अंतर?

मानसून की शुरुआत होते ही देश के कई राज्यों में मच्छर जनित रोगों के मामले बढ़ने लगे हैं। पिछले 15-20 दिनों में महाराष्ट्र और इसके आसपास के कई शहरों में डेंगू के केस के बढ़ोतरी की जानकारी मिली है। इस बीच हालिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि पुणे शहर में जीका वायरस का खतरा भी बढ़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुणे में जीका वायरस संक्रमण के सात मामले सामने आए हैं। मरीजों में दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं।

एक अधिकारी ने बताया, 28 वर्षीय गर्भवती में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया। शुक्रवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 12 सप्ताह की गर्भवती एक अन्य महिला को भी सोमवार को संक्रमित पाया गया। मंगलवार को पुणे में एक 55 वर्षीय महिला को भी जीका से संक्रमित पाया गया है। जीका का संक्रमण कुछ स्थितियों में गंभीर और जानलेवा भी हो सकता है, जिसको लेकर सभी लोगों को निरंतर सावधानी बरतते रहने की सलाह दी गई है। गर्भवती महिलाओं में जीका संक्रमण के कारण भ्रूण में माइक्रोसेफेली (असामान्य मस्तिष्क विकास के कारण सिर काफी छोटा हो जाता है) तक का भी खतरा हो सकता है।आइए जानते हैं कि डेंगू और जीका में कैसे अंतर किया जा सकता है और इनसे बचाव के लिए क्या प्रयास किए जाने जरूरी हैं?

महाराष्ट्र में डेंगू का खतरा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल मानसून से पहले ही महाराष्ट्र और आसपास के कई शहरों में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। मानसून की शुरुआत से पहले ही इस साल मई तक महाराष्ट्र में करीब 1800 लोगों में डेंगू का निदान किया गया है। अस्पतालों में भी संक्रमितों की भीड़ बढ़ती देखी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि बरसात के दौरान डेंगू के मामले और भी बढ़ सकते हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को अभी से सावधान हो जाने की आवश्यकता है।

चूंकि दोनों ही मच्छर जनित रोग हैं और संक्रमण के लक्षण लगभग एक जैस होते है तो इसमें अंतर कैसे करें?

जीका का संक्रमण

जीका संक्रमण एडीज मच्छरों द्वारा फैलता है। अगर कोई गर्भवती महिला जीका संक्रमित है, तो इससे भ्रूण में भी संक्रमण होने का जोखिम रहता है। जीका वायरस संक्रमण के बाद कुछ हफ्तों से लेकर कई महीनों तक वीर्य जैसे शरीर के तरल पदार्थों में वायरस रह सकता है, भले ही आपको कभी लक्षण न हों। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति से संभोग के द्वारा भी जीका वायरस के प्रसार का खतरा रहता है। जीका से पीड़ित 5 में से केवल 1 व्यक्ति में ही लक्षण दिखाई देते हैं। इसमें बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, कंजंक्टिवाइटिस, त्वाचा में लालिमा या खुजली जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं।

डेंगू के मामले

डेंगू बुखार भी संक्रमित मच्छरों द्वारा फैलने वाली बीमारी है। डेंगू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। डेंगू के मच्छर दिन के समय में अधिक संक्रिय रहते हैं इसलिए मच्छरों को काटने से बचाव के उपाय करते रहना सबसे जरूरी माना जाता है। डेंगू वायरस से संक्रमित हर व्यक्ति में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इसमें बुखार के साथ-साथ मतली, उल्टी, शरीर पर चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द या सिरदर्द की समस्या हो सकती है। गंभीर स्थितियों में डेंगू के कारण आंतरिक रक्तस्राव होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।

डेंगू और जीका में कैसे करें अंतर?

डेंगू और जीका दोनों ही मच्छरों के कारण होने वाली संक्रामक बीमारी है। जीका वायरस, डेंगू और चिकनगुनिया की तुलना में अधिक संक्रामक है। जीका वायरस के अधिकांश मामले आमतौर पर बच्चों और गर्भवती महिलाओं में देखे जाते हैं। लक्षणों के आधार पर इसमें अंतर कर पाना कठिन है लेकिन कुछ बातें इन्हें अलग बनाती हैं। जीका का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में हो सकता है हालांकि डेंगू का संक्रमण इस तरह से नहीं फैलता है। लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान देते रहना और समय पर इलाज कराना सबसे जरूरी है।

4 हजार घंटों में बना है कियारा आडवाणी का ये खास लहंगा, इसमें जड़े हैं 98 हजार क्रिस्टल

बॉलीवुड के पॉवर कपल सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी की जोड़ी को देखकर हर किसी का शादी करने का मन कर जाएगा। इन दोनों ने पिछले साल 7 फरवरी 2023 को जैसलमेर के सूर्यगढ़ पैलेस में अपने रिश्तेदारों और करीबियों के बीच सात फेरे लिए। सिड और कियारा को न सिर्फ लोग उनकी फिल्मों की वजह से, बल्कि उनके लुक्स की वजह से भी काफी पसंद करते हैं। हर किसी को उनका अंदाज काफी पसंद आता है।

खासतौर पर अगर बात करें कियारा आडवाणी के लुक्स की, तो उनके फैंस तो उनकी एक झलक पाने को बेताब रहते हैं। कियारा के पास एक से बढ़कर एक खूबसूरत आउटफिट हैं, जिसे पहनकर वो हमेशा जलवा बिखेरती हैं। वैसे तो कियारा का हर आउटफिट ही कमाल का होता है, लेकिन उनके पास एक ऐसा लहंगा भी है, जिसे तैयार होने में 4 हजार से भी ज्यादा घंटे लगे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि एक्ट्रेस का ये लहंगा काफी खास है।

संगीत में किया था कैरी

कियारा के इस गोल्डन लहंगे को मनीष मल्होत्रा ने तैयार किया था, जिसे उन्होंने अपने संगीत में पहना था। उनके इस लहंगे पर 98000 स्पार्कलिंग स्वारोवस्की क्रिस्टल जड़े थे, जिसकी वजह से इस लहंगे का लुक और भी ज्यादा खूबसूरत लग रहा था। डिजाइनर ने खुद ये बताया था कि एक्ट्रेस के इस लहंगे को तैयार होने में 4 हजार घंटों से भी ज्यादा का वक्त लगा था।

ज्वेलरी भी थी खास

एक्ट्रेस ने अपने संगीत लुक को रूबी पेंडेंट, डायमंड रिंग और डायमंड नेकलेस से कंप्लीट किया था। खासतौर पर उनके इस लुक में गले का नेकपीस काफी खूबसूरत लग रहा है।

कैसा था मेकअप

अपने इस लुक में चार चांद लगाने के लिए कियारा ने अपने बालों को ने साइड-पार्ट में स्टाइल किया था। इसके अलावा शिमरी आई शैडो, विंग्ड आईलाइनर, न्यूड लिप शेड और ब्लश्ड चीक्स की वजह से उनकी खूबसूरती में कई गुना बढ़ गई थी।

सिड का लुक भी था अलग

अपने संगीत समारोह में सिद्धार्थ ने ब्लैक शेरवानी को और लॉन्ग हैवी एम्ब्रॉएडर्ड जैकेट के साथ कैरी किया था। वो इस लुक में काफी हैंडसम लग रहे थे। सिद्धार्थ के आउटफिट को भी बॉलीवुड के मशहूर डिजाइन मनीष मल्होत्रा ने ही तैयार किया था।

थाली में स्वाद का तड़का लगाने के लिए आसान तरह से तैयार करें 6 प्रकार की चटनी

जब भी बात भारतीय पकवानों की होती है तो मुंह में पानी आना तो स्वाभाविक है। भारत का खाना ऐसा है कि विदेशों से भी लोग यहां का स्वाद चखने के लिए भारत खिंचे चले आते हैं। यहां हर राज्य के खाने की अपनी अलग पहचान और खासियत है। खासतौर पर जब बात आती है भारतीय थाली की, तो उसमें चटनी का जिक्र होना सबसे अहम है। हम भारतीय खाने से लेकर नाश्ते तक के साथ चटनी का सेवन करते हैं।

अगर भोजन सादा भी हो, तो चटनी उसके स्वाद को कई गुना बढ़ा सकती है। एक समय था जब लोग हाथ से सिलबट्टे पर पीसकर चटनी बनाते थे। आज के समय में तो मिक्सी का इस्तेमाल करके कुछ मिनटों में भी चटनी बनाई जा सकती है। आज हम आपको 6 ऐसी चटनियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आप थाली में परोसकर अपने खाने का स्वाद बढ़ा सकते हैं।

धनिया चटनी

इस मौसम में हरे धनिया की पत्तियां काफी आसानी से बाजार में मिल जाती हैं। ऐसे में आप घर पर ही धनिया पत्ती, हरी मिर्च, अदरक, नमक और नींबू के रस की मदद से इस चटनी को तैयार कर सकते हैं। यह चटनी काफी तीखी होती है।

पुदीने की चटनी

गर्मी में बाजार में पुदीना मिलता है, जो स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है। पुदीने की पत्तियों की चटनी बनाने के लिए आपको धनिया पत्ती, हरी मिर्च, और दही की भी जरूरत पड़ेगी। ये चटनी ताजगी का एहसास दिलाती है।

टमाटर की चटनी

खाने के साथ अगर आप टमाटर की चटनी परोसेंगे तो भोजन का स्वाद बढ़ जाएगा। ये चटनी टमाटर, प्याज, लहसुन, और मसालों से बनाई जाती है। यह चटनी खट्टी-मीठी होती है और विभिन्न प्रकार के स्नैक्स के साथ परोसी जाती है।

नारियल और मूंगफली की चटनी

इसे ज्यादातर दक्षिण भारत के पकवानों के साथ खाया जाता है। इसे मूंगफली, नारियल, हरी मिर्च, नमक और दही से तैयार किया जाता है। ये ज्यादा तीखी नहीं होती, जिस वजह से इसे बच्चे भी खाना पसंद करते है।

इमली की चटनी

इमली और गुड़ की ये चटनी खाने में खट्टी-मीठी होती है। इसे ज्यादातर चाट के साथ परोसा जाता है। आलू की टिक्की, दही बताशे, राज कचौड़ी और पकौड़ों के साथ भी इसे परोसा जाता है।

सीने में दर्द होना हर बार हृदय की समस्या नहीं, ये भी हो सकते हैं कारण

हृदय रोगों का खतरा वैश्विक स्तर पर बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। कुछ दशकों पहले तक हृदय रोगों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या के रूप में जाना जाता था, हालांकि अब कम आयु के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं। हृदय रोग और इसके कारणों पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इसके कारण हार्ट अटैक जैसी गंभीर और जानलेवा समस्याएं भी हो सकती हैं।

हृदय की दिक्कतों में आमतौर पर छाती में दर्द होना प्रमुख कारण माना जाता है, पर हर बार ये लक्षण हृदय की दिक्कतों से ही संबंधित हो, ये जरूरी नहीं है। डॉक्टरों ने बताया छाती में दर्द और जलन के पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जिसकी समय रहते पहचान जरूरी है। अपच, हार्ट बर्न, संक्रमण और कुछ स्थितियों में मानसिक समस्याओं के कारण भी सीने में दर्द की समस्या देखी जाती रही है।

आइए जानते हैं कि किन-किन वजहों से सीने में जलन-दर्द हो सकती है जिसपर ध्यान देते रहना जरूरी है।

हृदय की समस्याओं में होता है सीने में दर्द

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सीने में दर्द या दबाव की समस्या हृदय रोग से लेकर दिल के दौरे का क्लासिक संकेत है। हार्ट अटैक जैसी स्थिति में ये दर्द और भी गंभीर हो सकता है। हार्ट अटैक के कारण सीने में होने वाला दर्द बाएं हाथ, कंधे, गर्दन, जबड़े या पीठ तक जा सकता है।हालांकि यहां ध्यान देते रहना जरूरी है कि हार्ट बर्न, गैस और छाती में संक्रमण जैसी समस्याओं के कारण भी इसी से मिलते-जुलते लक्षण नजर आ सकते हैं। आइए जानते हैं कि छाती में दर्द की समस्या के और क्या-क्या कारण हो सकते हैं?

कहीं आपको पैनिक अटैक की समस्या तो नहीं?

छाती में होने वाले दर्द की समस्या सिर्फ शारीरिक ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भी हो सकती है। पैनिक अटैक के कारण छाती में दर्द होना सामान्य लक्षण माना जाता है। अत्यधिक चिंता और तनाव की अनियंत्रित स्थिति पैनिक अटैक का कारण बन सकती है। पैनिक अटैक की समस्या कई बार ऐसा महसूस हो सकता है जैसे कि आपको दिल के दौरा पड़ा हो।

पैनिक अटैक के अन्य लक्षणों पर भी गंभीरता से ध्यान देना जरूरी है। इसमें सीने में दर्द के साथ, चक्कर आने, मतली और उल्टी, दिल की धड़कन तेज होने, कंपकंपी और पसीना आने की समस्या भी हो सकती है।

अस्थमा में भी होते हैं ऐसे लक्षण

बार-बार सीने में दर्द होना अस्थमा का संकेत भी हो सकता है। अस्थमा आपके वायुमार्ग में संकीर्णता और अधिक बलगम बनने के कारण होती है। इसमें सांस लेने के दौरान घरघराहट और सांस लेने में कठिनाई होना सामान्य है। अस्थमा अटैक के दौरान कुछ लोगों को सीने में असहज जकड़न और दर्द भी महसूस हो सकती है। अस्थमा के जोखिमों के बारे में जानना और इससे ट्रिगर होने के खतरे से बचाव के लिए प्रयास करते रहना जरूरी है।

हार्टबर्न में होने वाली दिक्कत

हार्टबर्न में भी सीने में दर्द और जलन की समस्या होना सामान्य है। अपच-गैस के कारण सीने में दर्द और जलन की समस्या होती है। डॉक्टरों के अनुसार, अगर आपको हफ़्ते में एक से अधिक बार एसिड रिफ्लक्स या हार्ट बर्न की दिक्कत होती है, तो आपको गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, हार्ट बर्न की स्थिति में सीने में दर्द हो सकता है। इसकी पहचान के लिए अन्य लक्षणों पर भी ध्यान देते रहना जरूरी है।

‘वीर जारा’ में अपने किरदार को लेकर कंफ्यूज थीं दिव्या, बोलीं- हीरोइन की सहेली वाले टैग से डर…

दिव्या दत्ता इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं। वे ‘शर्मा जी बेटी’ में अहम भूमिका निभाती नजर आ रही हैं। दिव्या अपनी पिछली फिल्मों की तरह ही इस फिल्म में भी शानदार अभिनय आकृति नजर आ रही हैं। हाल ही में अभिनेत्री ने एक इंटरव्यू दिया जिसमें वे यश चोपड़ा की फिल्म ‘वीर जारा’ के बारे खुलकर बातें करती नजर आईं। इसके साथ ही उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के बारे में भी कई खुलासे किए।

टाइपकास्ट होने का डर था
दिव्या दत्ता जिस भी किरदार को निभाती हैं वह किरदार दर्शकों ने दिलों-दिमाग पर छा जाता है। अभिनेत्री ने बॉलीवुड की कई हिट फिल्मों में काम किया है। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, ‘जब मुझे ‘वीर जारा’ ऑफर किया गया था तब मैं थोड़ी कंफ्यूज थी। मुझे लग रहा था कि इस फिल्म में मैं मुख्य अभिनेत्री की सहेली की भूमिका निभाने जा रही हूं तो कहीं ऐसा न हो कि भविष्य में मुझे सिर्फ हीरोइन की सहेली की भूमिकाएं ही मिले। मैं टाइपकास्ट होने से डर रही थी’।

‘वीर जारा’ से मिली पहचान
दिव्या दत्ता अपनी बात जारी रखते हुए कहती हैं, ‘मैं अपनी मां के संग इस फिल्म को देखने गई थी। उन्होंने इस फिल्म को देखने के बाद मुझे गले से लगाते हुए कहा कि उन्हें मुझ पर गर्व है। फिल्म के खत्म होने के बाद मैं चुपचाप वहां से निकल जाना चाहती थी। मेरा सपना था कि मैं यश चोपड़ा के संग किसी फिल्म में काम करूं और मेरा वह सपना पूरा हुआ था। फिल्म के प्रीमियर के दौरान यश जी ने मुझे मंच पर बुलाया था। मैं बता नहीं सकती हूं कि मैं तब क्या महसूस कर रही थी’।

इरफान खान के साथ काम करने का मौका मिला
दिव्या दत्ता को ‘वीर जारा’ के बाद एक अलग पहचान मिली थी। पुराने दिनों को याद करते हुए अभिनेत्री कहती हैं, ‘मुझे अच्छी तरह से याद है यश जी के सामने किसी ने उनसे पूछा था आपको ये लड़की कहां से मिली। क्या कोई नई अभिनेत्री है।तब तक मुझे इंडस्ट्री में सात साल हो गए थे। इस फिल्म ने मुझे पहचान दिलाई थी। ‘वीर जारा’ के बाद मैंने ‘आजा नचले’ में काम किया था। इस फील में मेरे हीरो इरफान खान थे। उनके साथ काम करने के लिए ही ‘आजा नचले’ के लिए ही मैंने हां कहा था’।

फ्रेंचाइजी की अगली कड़ी के साथ वापसी करेंगे ये निर्देशक, फिल्मी पर्दे पर मचेगा धमाल

भारतीय सिनेप्रेमियों के लिए ये साल काफी शानदार रहा है। हाल में ही ‘कल्कि 2898 एडी’ जैसी बड़ी फिल्म रिलीज हई है और दर्शकों द्वारा इसे काफी पसंद भी किया जा रहा है। इस साल कई बड़ी फिल्में रिलीज हुई हैं और अभी कई बड़ी फिल्में सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली हैं। ऐसे में सिनेप्रेमियों के लिए ये साल किसी तोहफे से कम नहीं है। इसके अलावा इस साल दर्शकों को कई शानदार फ्रेंचाईजी की अगली कड़ी भी देखने को मिलेगी। इस साल कई सफल निर्देशक अपनी सफल फ्रेंचाइजी का अगला भाग लेकर आने वाले हैं। ऐसे में दर्शकों को काफी मजा आने वाला हैं, जिन फिल्मों के पहले भाग को उन्होंने पसंद किया है, उन फिल्मों का अगला भाग लेकर वही निर्देशक फिर से दर्शकों के बीच आने वाले हैं। ये सिनेप्रेमियों के लिए काफी खास होने वाला है। आज इस लेख में हम उन निर्देशकों की बात करेंगे, जो अपनी सुपरहिट फ्रेंचाइजी का अगला भाग लेकर वापस फिल्मी पर्दे पर नजर आने वाले हैं।

शंकर- ‘इंडियन 2’
इस कड़ी में सबसे पहला नाम आता है, साउथ के मशहूर निर्देशक शंकर का, जो बहुत जल्द अपनी सफल फिल्म ‘इंडियन’ का अगला भाग लेकर आने वाले हैं। ये फिल्म साल 1996 में रिलीज हुई थी, जिसे मशहूर निर्देश शंकर ने निर्देशित किया था। फिल्म में ‘कल्कि 2898 एडी’ अभिनेता कमल हासन, मनीषा कोईराला, उर्मिला मांतोडकर आदि कलाकार नजर आए थे। फिल्म में कमल हासन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते नजर आए थे, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया था। अब इस फिल्म को निर्माताओं द्वारा फ्रेंचाइजी में तब्दील कर दिया गया है और इसका अगला भाग 12 जुलाई 2024 को रिलीज होने वाला है। शंकर अपनी इस फिल्म के साथ बतौर निर्देशक फिर से धमाल मचाने वाले हैं।

पुरी जगन्नाथ- ‘डबल ईस्मार्ट’
पुरी जगन्नाथ जल्द ही फिल्म ‘डबल ईस्मार्ट’ के रूप में अपनी ‘ईस्मार्ट’ फ्रेंचाइजी का अगला भाग लेकर आने वाले हैं। ‘ईस्मार्ट शंकर’ फिल्म साल 2019 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में मशहूर अभिनेता राम पोथिनेनी मुख्य भूमिका में नजर आए थे। फिल्म का निर्देशन पुरी जगन्नाथ ने किया था। इस साइंस फिक्शन- एक्शन फिल्म को पुरी जगन्नाथ ने लिखा और निर्देशित किया था। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर काफी सफल साबित हुई थी। इस फिल्म से अभिनेता के फैंस काफी उत्साहित थे और फिल्म बड़े पैमाने पर दर्शक बटोर पाने में सफल रही थी। अब राम और पुरी जगन्नाथ ने एक बार फिर फिल्म ‘डबल इस्मार्ट’ फिल्म के लिए हाथ मिलाया है। फिल्म 15 अगस्त 20204 को रिलीज होने वाली है। हाल में ही फिल्म के पहले गाने स्टेपामार का प्रोमो भी जारी किया गया था।

रोहित शेट्टी- ‘सिंघम अगेन’
रोहित शेट्टी इस साल दिवाली के मौके पर अपनी सुपरहिट फ्रेंचाइजी ‘सिंघम’ की तीसरी कड़ी को रिलीज करने वाले हैं। ‘सिंघम’ फ्रेंचाइजी में बॉलीवुड सुपरस्टार अजय देवगन सिंघम की भूमिका में नजर आते हैं। इस फ्रेंचाइजी का पहला भाग साल 2011 में रिलीज हुआ था, जिसे दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया गया था। इसके बाद फिल्म का दूसरा भाग साल 2014 में रिलीज किया गया था। अब इस साल ‘सिंघम अगेन’ इस सीरीज की तीसरी फिल्म रिलीज होने वाली है। फिल्म में कई बड़े सितारे एक साथ नजर आने वाले हैं। अजय देवगन के अलावा फिल्म में रणवीर सिंह, अक्षय कुमार, करीना कपूर खान, टाइगर श्रॉफ, दीपिका पादुकोण और श्वेता तिवारी के साथ-साथ अर्जुन कपूर भी शामिल हैं। यह निर्देशक रोहित शेट्टी की कॉप यूनिवर्स की अगली कड़ी है। इस फिल्म को लेकर काफी उम्मीदें हैं। फिल्म 1 नवंबर 2024 को रिलीज होगी।

अनुराग बसु- ‘मेट्रो इन दिनों’
अनुराग बसु हिंदी फिल्मों के मशहूर निर्देशक हैं। उन्होंने कई शानदार फिल्में बनाई हैं, जिनमें ‘लाइफ इन ए मेट्रो’, ‘मर्डर’, ‘गैंग्सटर’, ‘बर्फी’ आदि शामिल हैं। ‘लाइफ इन ए मेट्रो’ साल 2007 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में धर्मेंद्र, शिल्पा शेट्टी, के के मेनन, इरफान खान, शाइनी आहूजा, कंगना रनौत, कोंकणा सेन शर्मा आदि कलाकार नजर आए थे। फिल्म में नौ लोगों की कहानी दिखाई गई थी, जिनकी जिंदगी एक दूसरे के संपर्क में आने के बाद बदल जाती है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित हुई थी। अब अनुराग इस फिल्म का अगला भाग ‘मेट्रो इन दिनों’ लेकर आ रहे हैं। फिल्म में अली फजल, पंकज त्रिपाठी, अनुपम खेर, सारा अली खान, आदित्य रॉय कपूर, के के मेनन, राहुल बोस, नीना गुप्ता आदि कलाकार नजर आने वाले हैं। फिल्म के इस साल नवंबर में रिलीज होने की संभावना जताई जा रही है।

अलग अलग गाड़ियों में ‘कल्कि 2898 एडी’ देखने पहुंचे दीपिका-रणवीर, बढ़ी हुई दाढ़ी के नये इशारे

नाग अश्विन की साइंस-फिक्शन डायस्टोपियन फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ ने 27 जून को सिनेमाघरों में दस्तक दी। फिल्म में प्रभास, दीपिका पादुकोण, अमिताभ बच्चन और कमल हासन जैसे सितारे मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म अपनी रिलीज के बाद से ही बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन करती नजर आ रही है। इसी बीच दीपिका पादुकोण अपनी फिल्म को देखने पीवीआर पहुंचीं। मूवी डेट पर उनके पति रणवीर सिंह भी उनके साथ दिखे। हालांकि, दोनों को अलग-अलग गाड़ियों से उतरते देखा गया। साथ ही रणवीर सिंह के लुक ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया।

‘कल्कि 2898 एडी’ में दीपिका एक मां की भूमिका निभा रही हैं और हर कोई उनके अभिनय की खूब तारीफ कर रहा है। असल जिंदगी में भी दीपिका जल्द ही मां बनने वाली हैं। ऐसे में फिल्म में भी उन्होंने अपने किरदार से सबका दिल जीत लिया है। विश्वभर में फिल्म की सफलता देखते ही बन रही है। इसी बीच अभिनेत्री अपनी मूवी का लुत्फ उठाने पीवीआर पहुंचीं। इस दौरान दीपिका ने व्हाइट ओवरसाइज्ड टीशर्ट के साथ ब्लू डेनिम जींस पहन रखी थी। साथ ही इसे ब्लैक चेक ब्लेजर के साथ पेयरअप किया था। खुले बाल और चश्मे ने दीपिका के लुक को और ज्यादा आकर्षक बना दिया। इतना ही नहीं दीपिका ने इस बार भी अपने बेबी बंप को बखूबी फ्लॉन्ट किया।

वहीं, रणवीर सिंह हमेशा की तरह इस बार भी अपने स्वैग से हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल रहे। अभिनेता ऑल ब्लैक अटायर में बेहद डैशिंग नजर आए। रणवीर सिंह की बढ़ी हुई दाढ़ी ने भी खूब लाइमलाइट बटोरी। इसे देख ऐसा मालूम हो रहा है कि सुपरस्टार जल्द ही कोई बड़ा एलान करने वाले हैं।

जानकारी हो कि दीपिका पादुकोण ने अपने करियर की शुरुआत साउथ सिनेमा से की थी। आगे चलकर अभिनेत्री ने बॉलीवुड का रुख किया और छा गईं। अब एक बार फिर सालों बाद दीपिका पादुकोण किसी साउथ इंडियन फिल्म में नजर आई हैं। हालांकि, यह पैन इंडिया फिल्म है, जो हिंदी समेत कई भाषाओं में रिलीज हुई है।

दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की निजी जिंदगी की बात करें तो दोनों नवंबर, 2018 में शादी के बंधन में बंधे थे। रणवीर और दीपिका ने दो रीति-रिवाजों के साथ इटली के लेक कोमो में शादी रचाई थी। शादी के छह साल बाद कपल माता-पिता बनने वाले हैं। दीपिका और रणवीर बी-टाउन की मशहूर जोड़ियों में से एक हैं। इस जोड़ी को ‘दीपवीर’ के नाम से जाना जाता है।