Thursday , October 24 2024

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पीएम मोदी ने राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर दी शुभकामनाएं, खरगे ने भी डॉक्टर्स का जताया आभार

 नई दिल्ली: डॉक्टर्स-डे के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को बताया कि उनकी सरकार भारत में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देश में डॉक्टरों को वह सम्मान मिले, जिनके वे हकदार हैं। एक जुलाई को रष्ट्रीय चिकित्सक दिवस या नेशनल डॉक्टर्स-डे के तौर पर मनाया जाता है। डॉ. विधान चंद्र रॉय की याद में इस दिन को मनाया जाता है, जो एक प्रसिद्ध डॉक्टर थे। वह पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री भी थे। उनकी जन्म और मृत्यु तिथि इसी दिन पड़ती है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “डॉक्टर्स-डे की शुभकामनाएं। यह हमारे स्वास्थ्य सेवा नायकों के समर्पण और करुणा का सम्मान करने का दिन है। उन्होंने आगे कहा, हमारी सरकार देश में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार करने और डॉक्टरों को सम्मान सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है।”

चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की भी की सराहना
एक अन्य पोस्ट में पीएम मोदी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “चार्टर्ड अकाउंटेंट डे की भी शुभकामनाएं। सीए हमारे आर्थिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी विशेषज्ञता और रणनीतिक अंतर्दृष्टि व्यवसायों और व्यक्तियों के लिए समान रूप से फायजेमंद हैं। वे आर्थिक विकास और स्थिरता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”

खरगे ने भी डॉक्टर्स-डे की शुभकामनाएं दी
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने डॉक्टर्स-डे के मौके पर चिकित्सा समुदाय के प्रति आभार व्यक्त किया। एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, “डॉक्टर्स-डे के मौके पर हम स्वास्थ्य समुदाय- डॉक्टर, नर्स, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताएएनएम्स, आशा कार्यकर्ता और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के निस्वार्थ समर्पण के लिए उनकी सराहना करते हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “लोगों की जान बचाने के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता को हम सलाम करते हैं। कांग्रेस नेता ने इस मौके पर डॉ. विधान चंद्र रॉय को भी याद किया।” उन्होंने कहा, “हम चिकित्सक, शिक्षाविद् और स्वतंत्र सेनानी डॉ. विधान चंद्र रॉय का भी सम्मान करते हैं। वे पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री थे। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में भी योगदान दिया। उनके कार्य हमें प्ररित करते हैं।”

नए आपराधिक कानून को लेकर असम ने की व्यापक तैयारी, सीएम सरमा का सभी पक्षों से सहयोग करने की अपील

गुवाहटी:  श में आज से नए आपराधिक कानून लागू हो गए। नए कानून के लागू होने के बाद से कांग्रेस लगातार इसका विरोध कर रही है। इस कानून को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि राज्य (असम) ने इस दिन के लिए व्यापक तैयारी की है। इसी के साथ उन्होंने सभी पक्षों से इस प्रयास में सहयोग करने की अपील भी की। बता दें कि आज से इस नए कानून ने ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली।

असम सीएम ने की अपील
असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नए आपराधिक कानून को लेकर एक पोस्ट किया। उन्होंने कहा, “भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) ने ब्रिटिश काल के भारतीय दंड संहिता आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली।”

असम सीएम ने आगे कहा, “आज का दिन भारतीय आपराधिक प्रणाली में एक ऐतिहासिक क्षण है। इसी के साथ हमारा गणतंत्र अब आधुनिक तकनीक और नागरिक केंद्रित सेवाओं पर आधारित एक नई प्रणाली में प्रवेश कर चुका है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि नए कानून महिलाओं, बच्चों और वंचितों को प्राथमिकता देगा।

सीएम सरमा ने कहा, “पिछले कई महीनों से नए कानून को प्रभाव ढंग से लागू करने की दिशा में टीम असम ने व्यापक तैयारी की है।” हिमंत बिस्वा सरमा ने पुलिस, वकील, सिविल सेवक, नागरिकों समेत सभी हितधारकों से सरकार के साथ सहयोग करने की अपील की। बता दें कि सोमवार से अब सभी नई एफआईआर बीएनएस के तहत दर्ज की जाएंगी। हालांकि, इससे पहले दर्ज किए गए मामलो की सुनवाई पूराने नियम के तहत जारी रहेगी।

डीएमके ने नीट को बताया लाखों करोड़ कमाने वाला उद्योग, दावा- पर्दाफाश करने वाला तमिलनाडु पहला राज्य

चेन्नई:  तमिलनाडु की सत्तारूढ़ डीएमके ने सोमवार को नीट को एक उघोग बताया। उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ कमाने वाले कोचिंग सेंटर के कल्याण का उद्योग नीट है। यह भी कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख दल है जो कि नीट के खिलाफ आवाज उठाने वाला पहला राज्य है।

नीट यूजी में अनियमितताओं के संबंध में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई है। वहीं सीबीआई ने भी इस मामले में कई लोगों की तलाशी की है। डीएमके के तमिल मुखपत्र ‘मुरासोली’ ने इस ओर इशारा करते हुए कहा कि भाजपा की सहयोगी जदयू ने खुद ही अनियमितताओं पर एक प्रस्ताव पारित किया है। “भारत की प्रमुख पार्टियों ने नीट के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है।” डीएमके संसद के दोनों सदनों में नीट अनियमितताओं पर बहस के पक्ष में है। वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी कहा है कि नीट मुद्दे पर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए।

कुछ समय पहले ही तमिलनाडु विधानसभा में खेल और युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने द्रविड़ एल्गोरिथम पर बात की। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ने बहुत पहले समझ लिया था कि ‘नीट अच्छा है या बुरा।’ इसी तरह तमिल लोगों ने दूसरों से पहले समझ लिया कि हिंदी थोपने का विरोध क्यों किया जाना चाहिए।

1 जुलाई, 2024 को अपने संपादकीय में, तमिल दैनिक ने कहा: “यह तमिलनाडु ही था जिसने सबसे पहले कहा था कि नीट फर्जी है। अब पूरा देश इसका समर्थन कर रहा है। नीट कोचिंग सेंटरों के कल्याण के लिए बनाया गया एक उद्योग है जो लाखों करोड़ रुपये कमाता है। तमिलनाडु ऐसा राज्य है जो इस बात को इतने स्पष्ट तरीके से कह रहा है। अब धोखेबाजों के गिरोह पकड़े जा रहे हैं।”

वहीं 28 जून, 2024 को तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव का हवाला किया गया। इसमें राज्य को नीट से छूट देने और मेडिकल प्रवेश परीक्षा को पूरी तरह से खत्म करने का आग्रह किया गया था। डीएमके दैनिक ने कहा, “अब जाकर भारत को पूरी तरह से धोखाधड़ी में लिप्त नीट का एहसास हुआ है।” डीएमके ने बार-बार कहा है कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट सामाजिक न्याय के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह गरीब, ग्रामीण छात्रों के हितों के खिलाफ है। नीट केवल कोचिंग सेंटरों को फायदा पहुंचाती है। बता दें कि मुख्य विपक्षी दल एआईएडीएमके और राज्य की अधिकांश पार्टियां एनईईटी के विरोध में हैं।

लोकसभा में माइक बंद करने के विपक्ष के आरोपों पर भड़के ओम बिरला, तीखा वार कहा- आसन के पास…

नई दिल्ली:  कांग्रेस अक्सर ही ये आरोप लगाती रही है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जब सदन में बोलते हैं तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है। अभी शुक्रवार को हुई लोकसभा की पिछली कार्यवाही के दौरान भी गौरव गोगोई और दीपेंद्र हुड्डा ने यह मुद्दा उठाया था। हालांकि, कांग्रेस के इन आरोपों पर अब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारियों के पास सदन में मुद्दे उठाने वाले सदस्यों के माइक्रोफोन बंद करने के लिए कोई स्विच या रिमोट कंट्रोल नहीं है।

ऐसे आरोप चिंता का विषय
अध्यक्ष ने कहा कि सभापति द्वारा माइक्रोफोन बंद करने का आरोप चिंता का विषय है। वह चाहते हैं कि सदन इस मुद्दे पर चर्चा करे। पीठ केवल निर्णय/निर्देश देती है। जिस सदस्य का नाम पुकारा जाता है उसे सभा में बोलने का अवसर मिलता है। माइक को सभापीठ के निर्देशानुसार नियंत्रित किया जाता है। पीठासीन व्यक्ति के पास रिमोट कंट्रोल या माइक्रोफोन का स्विच नहीं है।

आपको कई साल हो गए और अनुभव हैं
ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से कहा, ‘बाहर आरोप लगाते हैं कि पीठासीन अधिकारी माइक बंद कर देते हैं। आपको कई साल हो गए और अनुभव है। आप पुराने सदन में थे और नए सदन में भी हैं। आपको पता होगा कि माइक का रिमोट आसन के पास नहीं होता है, चाहे किसी भी दल का सदस्य हो। इसलिए इस तरह का आरोप नहीं लगा सकते हैं।’

कांग्रेस सांसद के. सुरेश का किया जिक्र
स्पीकर ओम बिरला ने इसके बाद कांग्रेस सांसद के. सुरेश का भी जिक्र करते हुए कहा कि अध्यक्षों के पैनल में सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों का प्रतिनिधित्व होता है, जो अध्यक्ष की अनुपस्थिति में कार्यवाही की अध्यक्षता करते हैं। इसलिए सुरेश जी भी यहां बैठते हैं। उनसे कोई पूछे कि वहां कोई कंट्रोल है क्या? यह आसन की गरिमा का मामला है। कम से कम जो लोग पीठासीन हैं, उन्हें ऐसी आपत्तियां नहीं उठानी चाहिए।

स्पीकर के आसन के पास कोई बटन होता है क्या?
इसके बाद उन्होंने खुद उनसे पूछ लिया कि स्पीकर के आसन के पास कोई बटन होता है क्या? इस पर सुरेश ने मना किया तो फिर बिरला ने कहा, मेरे पास माइक्रोफोन बंद करने के लिए कोई बटन नहीं है। पहले भी इसी तरह का सेट-अप मौजूद था। देखो कोई बटन नहीं है। आसन से सिर्फ व्यवस्था दी जाती है। हम माइक बंद नहीं करते हैं।

दरअसल, इससे पहले कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया था कि लोकसभा में नीट पेपर लीक पर चर्चा की मांग को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का माइक बंद किया गया था।

21वीं सदी के अर्जुनों के लिए ‘मेगा यूथ फेस्ट’ का आयोजन; एक हजार से ज्यादा युवाओं ने लिया हिस्सा

नई दिल्ली: दिल्ली में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के पीस प्रोग्राम द्वारा रविवार को ‘मेगा यूथ फेस्ट’ का आयोजन किया गया। ‘उठ पार्थ, युद्ध कर’ नामक इस फेस्ट में स्टैंड-अप कॉमेडी, नृत्य-नाटकोंऔर प्रेरक वार्ताओं को लाईव देखने-सुनने के लिए लगभग एक हजार युवा मानेक शॉ ऑडिटोरियम में एकत्रित हुए। इसके साथ ही दिल्ली के कई शैक्षिक संस्थानों के उप-कुलपति, डीन, एच.ओ.डी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे और गेस्ट वक्ता के तौर पर अवध ओझा सर तथा जाह्नवी पंवर ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज की। फेस्ट के विभिन्न सत्रों का आयोजन आशुतोष महाराज की साध्वी शिष्याओं द्वारा किया गया।

पीसप्रोग्राम की सह-इन्चार्ज, साध्वी डॉ. निधि भारती ने बताया कि आज युवा करियर और नौकरी की दौड़ से मिलने वाली थकान वतनाव से छुटकारा पाने के लिए रील्स, वेबसीरीज और ऑनलाइनगेम्स का सहारा लेने लगा है। जो असल में उसके तनाव को कम करने की बजाय उसे अवसाद में ज्यादा डाल रही है। ऐसा इंस्टेंट मजा पाने के चक्कर में वह फिर इन्हीं रील्स एवं वेबसीरीज से प्रेरित होकर इंस्टेंट लव रिलेशन भी बनाने लग जाता है। युवाओं की इस ‘क्या फर्क पड़ता है’ वाली सोच को साध्वी ने ठोस तर्कों एवं वैज्ञानिक तथ्यों द्वारा सिरे से खारिज किया और यह सिद्ध किया की असल में इन सबसे युवा की मानसिकता और व्यक्तित्व पर ही नहीं, बल्कि उसकी पूरी जिंदगी पर गहरा फर्क पड़ता हैं।

कार्यक्रम के अगले सत्र में भारतीय इतिहास में दर्ज सच्ची प्रेम गाथाओं पर आधारित एक संगीतमय प्रस्तुति हुई। इस सत्र की मुख्य वक्ता साध्वी मणिमाला भारती ने कहा कि इंस्टेंट लव, हुक-अप्स और ब्रेकअप्स वाले रिश्तों का ट्रेंड पाश्चात्य जगत से अपनाया गया है, क्योंकि भारत की संस्कृति ने तो हमेशा से त्याग, समर्पण, विश्वास और पवित्रता जैसे मूल्यों पर आधारित सच्चे-प्रेम का पाठ ही विश्व को पढ़ाया है। साध्वी ने रानी पद्मावती और रतन सिंह की प्रेम कहानी को सुनाया।

प्रार्थना सभा से हुई शुरूआत, कुछ ऊंघते तो कुछ मस्ती करते नजर आए बच्चे, तस्वीरें

लखनऊ:  गर्मी की लंबी छुट्टियों के बाद सोमवार को सभी स्कूल खुल गए हैं। पहले दिन जब बच्चे स्कूल पहुंचे तो करीब एक महीने से खाली पड़े स्कूल परिसर फिर से गुलजार हो गए। कुछ बच्चे अपने अभिभावकों के साथ स्कूल पहुंचे। उन्हें अभिभावकों ने दुलार कर स्कूल के अंदर भेजा।

पहले दिन प्रार्थना सभा के साथ सत्र की शुरुआत हुई। प्रार्थना सभा में कुछ बच्चे ऊंघते तो कुछ मस्ती करते नजर आए। वहीं, कुछ बच्चे स्कूल पहुंचकर अपने दोस्तों से मिलकर काफी खुश नजर आए।बच्चों ने प्रभु को यादकर पहले दिन की शुरुआत की। हालांकि, इस दौरान अपने दोस्तों के साथ मिलकर बेहद खुश नजर आए।प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 28 जून से बच्चों का आना शुरू हो गया था। बच्चों ने समर कैंप में भाग लिया और आज से विधिवत पढ़ाई प्रारंभ हो गई।सत्र शुरू होने को लेकर स्कूलों में बीते कई दिनों से तैयारियां चल रही थीं।प्रार्थना सभा में बच्चों ने डांस भी किया…। इस दौरान वो काफी खुश नजर आए।

भारतीय न्याय संहिता के तहत बरेली में प्रदेश की दूसरी FIR, बच्चा चोरी के मामले में दर्ज हुई रिपोर्ट

बरेली: बरेली के बारादरी कोतवाली क्षेत्र में डोहरा मोड़ स्थित निजी अस्पताल से पीलीभीत के दंपती का 22 दिन का बच्चा चोरी हो गया है। इस मामले में बारादरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 97 के तहत जिले की पहली एफआईआर बताई जा रही है। जबकि नए कानून के तहत प्रदेश की दूसरी एफआईआर बताई गई है। इस मामले में पुलिस पीड़ित परिवार और अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ कर रही है।

जानकारी के मुताबिक पीलीभीत में गांधी स्टेडियम के पास रहने वाले सुशील कुमार ने बताया कि उनकी पत्नी कोमल ने 22 दिन पहले बेटे को जन्म दिया था। बच्चे की हालात में सुधार नहीं हो रहा था। इस पर उन्होंने बरेली के प्राइवेट अस्पताल में उसे बेबी वार्मर में रखवा दिया। चार दिन से बच्चा यहां भर्ती था और परिवार के लोग भी अस्पताल परिसर में ही रह रहे थे।

रविवार की रात तकरीबन दो बजे के बाद किसी समय बच्चा गायब हो गया। सोमवार की सुबह छह बजे परिवार को बच्चा गायब होने की जानकारी हो सकी। इस पर उन्होंने बच्चा चोरी होने का आरोप लगाकर अस्पताल में हंगामा किया। बारादरी थाना पुलिस पहुंची तो देखा कि पूरे अस्पताल में कहीं सीसीटीवी कैमरा ही नहीं लगा है।

सीसीटीवी फुटेज में दिखा संदिग्ध
पुलिस को पड़ोस की दुकान के एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में सफेद शर्ट पहनकर अस्पताल में आ जा रहे एक शख्स की फुटेज मिली है। बारादरी थाना पुलिस ने इस मामले मे नए कानून के तहत सुबह 10.17 बजे एफआईआर दर्ज कर ली है।

अमरोहा में दर्ज हुई पहली एफआईआर
अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश की पहली एफआईआर सुबह 9.51 बजे अमरोहा में दर्ज हुई। अमरोहा भी बरेली जोन की मुरादाबाद रेंज का जिला है। बरेली में 10.17 बजे बारादरी थाने में जो एफआईआर हुई वह जिले में पहली और प्रदेश में दूसरी है। प्रदेश की तीसरी एफआईआर सुबह 10.44 बजे आगरा जिले में दर्ज की गई है।

बच्चे कैसे रखें खुद को स्वच्छ, इन तरीकों से सिखाएं अभिभावक

माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों में साफ-सफाई की अच्छी आदतें डालें, क्योंकि ये उनकी सेहत और लाइफस्टाइल, दोनों से जुड़ी हैं। बच्चे कुछ बड़े क्या होते हैं कि खुद से नहाने की जिद करने लगते हैं। आप जब उन्हें नहलाती हैं तो उनकी साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखती हैं। लेकिन वे खुद से इस उम्र में सही तरह से नहीं नहा सकते, जिससे उन्हें कई तरह की बीमारियों का खतरा हो सकता है। इसी तरह बच्चों की इम्यूनिटी हमारे मुकाबले काफी कमजोर होती है और ऐसे में सेहत के प्रति बरती गई थोड़ी-सी लापरवाही भी उन्हें बीमार कर सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप बच्चों की हाइजीन का खास ख्याल रखें और उन्हें छोटी उम्र से ही बॉडी हाइजीन हैबिट्स सिखाएं।

हाथों की सफाई

सेहतमंद रहने के लिए हाथों की सफाई बहुत जरूरी है। हमारे हाथों पर कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस होते हैं। ये बैक्टीरिया और वायरस हमारे शरीर के भीतर सबसे आसानी से हाथों से ही पहुंचते हैं। इसलिए बच्चों को कम उम्र से ही अपने हाथों को साफ रखना जरूर सिखाएं। उनमें आदत डालें कि वे खाना खाने से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह साफ करें। वे खेलने, जानवरों को छूने, रोगियों से मिलने और बाहर से घर आने के बाद अच्छी तरह साबुन से अपने हाथों को साफ करें।

दांतों पर ध्यान

बच्चों के दांत आने के बाद आप उन्हें सही तरीके से उनकी सफाई करना सिखाएं। इसके अलावा कुछ भी खाने के बाद कुल्ला करना, सोने से पहले ब्रश करना और कोई भी ऐसी-वैसी चीज मुंह में लेने से मना करें। दांतों को साफ रखने की आदत उन्हें कैविटी से बचाएगी। साथ ही बच्चों में ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की आदत डालें। इससे उनके मुंह से बदबू नहीं आएगी और वे दिन भर हाइड्रेट भी रहेंगे।

वॉशरूम में

टॉयलेट भी ऐसी जगहों में से एक है, जहां से सबसे ज्यादा बीमारियां फैलती हैं। इसलिए आप बच्चों को छोटी उम्र से ही साफ तरीके से टॉयलेट यूज करना सिखाएं, ताकि उन्हें कोई बीमारी न लगे। आप उन्हें बताएं कि टॉयलेट को बिना गंदा किए इस्तेमाल करें, साथ ही टॉयलेट जाने के बाद खुद को कैसे साफ करें और हाथों को किस प्रकार अच्छी तरह से धोएं।

काटती रहें नाखून

एक उम्र के बाद बच्चे आपसे नहाने में शर्माने लगते हैं। इसलिए उनमें रोज नहाने की आदत डालें और इस दौरान उन्हें शरीर की साफ-सफाई, जैसे कि हाथ, पैर, बाल, और अन्य अंगों की सफाई किस तरह करनी चाहिए, यह जरूर सिखाएं। बच्चों के नाखूनों को समय-समय पर काटती रहें और उनमें नाखूनों को छोटे रखने की ही आदत डालें। इस आदत से खेलते या खाते समय उनके नाखूनों में गंदगी या बैक्टीरिया जमा नहीं हो सकेंगे। किशोरवय बच्चियों पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। उन्हें सेनेटरी नैपकिन के इस्तेमाल और सफाई के बारे में जरूर बताएं।

कम से कम 20 सेकंड तक

दिल्ली के जग प्रवेश चंद्र अस्पताल में बाल रोग विभाग की सीनियर रेजिडेंट डॉ. नौशीन सिद्दीकी बताती हैं, पर्सनल हाइजीन के लिए आपको बच्चों की साफ-सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए। हमारी त्वचा हमें कीटाणुओं से बचाने का काम करती है, जिसके लिए हमें हफ्ते में 2-3 बार जरूर नहाना चाहिए। कानों को पानी से साफ करने के बाद सूखे टॉवल से पोछना चाहिए। कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से लगातार हाथ धोने चाहिए। शरीर की दुर्गंध से बचने के लिए साफ-सुथरे कपड़े, मोजे और अंडरगारमेंट्स इस्तेमाल करें। शौच जाने के बाद अपनी साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए, ताकि इंफेक्शन न हो। हफ्ते में एक बार स्नान करने के बाद नाखून काटें। हाथों के नाखून गोलाई में और पैरों के नाखून सीधे कांटे, ताकि इनग्रोन नेल्स की परेशानी न हो।

गर्मियों में शरीर को आराम पहुंचाती है मैक्सी ड्रेस, खरीदने से पहले देखें इन अभिनेत्रियों के लुक्स

गर्मी के मौसम में स्टाइलिश दिखना बेहद मुश्किल होता है। इसके पीछे की वजह है कि इस मौसम में आप अपने मन से ही कुछ भी नहीं पहन सकते। अगर कपड़ों का चयन सही से न किया जाए तो ये गर्मी के मौसम में उलझन पैदा कर सकते हैं। पुरुषों का तो चल जाता है लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं के सामने आ खड़ी होती है कि वो कैसे कपड़े पहनें, जो आरामदायक भी हों और जिसे पहनकर उन्हें उलझन भी न हो।

अगर आप भी इस उलझन में है तो आप मैक्सी ड्रेस को अपने कलेक्शन में शामिल कर सकती हैं। मैक्सी ड्रेस काफी हल्की होती है और ये देखने में भी प्यारी लगती है। ऐसे में अगर आपको भी मैक्सी ड्रेस पहनना पसंद है तो आप गर्मी के मौसम में इसे खरीद सकती हैं। इसी के चलते आपको कुछ अभिनेत्रियों के मैक्सी लुक्स दिखाएंगे, ताकि आप उनसे टिप्स लेकर खरीदारी कर सकें।

रकुल प्रीत सिंह

अगर फ्लोरल प्रिंट से हटकर किसी अलग प्रिंट की ड्रेस खरीदने का सोच रही हैं तो रकुल प्रीत के जैसी ड्रेस का चुनाव आप कर सकती हैं। ये ड्रेस आप पिकनिक के साथ-साथ बीच पर भी कैरी करके जा सकती हैं।

दीया मिर्जा

अभिनेत्री दीया मिर्जा के पास मैक्सी ड्रेस का काफी खूबसूरत कलेक्शन है। ऐसे में आप इनके कलेक्शन पर नजर डालकर अपने लिए खरीदारी कर सकती हैं। फ्लोरल प्रिंट से लेकर रंग-बिंरगी मैक्सी ड्रेस तक इनके कलेक्शन में शामिल हैं।

दिशा पाटनी

ब्लू और व्हाइट रंग की ये ड्रेस गर्मी के मौसम में आपको काफी आराम पहुंचाएगी। इसके साथ आप व्हाइट रंग की ज्वेलरी कैरी कर सकती हैं। ये देखने में कमाल की लगेगी। ऐसी ड्रेस के साथ गले में हल्का सा पैंडेट जरूर कैरी करें।

जान्हवी कपूर

अगर डीपनेक मैक्सी ड्रेस कैरी करना चाहती हैं तो जान्हवी के इस आउटफिट से टिप्स ले सकती हैं। इस तरह की मैक्सी आप कहीं घूमने जा रही हैं तो कैरी कर सकती हैं।

शनाया कपूर

अगर काफी घेर वाले आउटफिट आपको पसंद आते हैं, तो आप शनाया कपूर के इस लुक से टिप्स ले सकती हैं। शनाया की ये घेर वाली मैक्सी ड्रेस आपकी खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करेगी। इसका रंग काफी चटक है, ऐसे में इसके साथ ज्वेलरी हल्की ही पहनें।

कियारा आडवाणी

अगर मैक्सी ड्रेस लेने का सोच रही हैं तो कियारा का ये लुक एक परफेक्ट विकल्प है। इस तरह की फ्लोरल प्रिंट की मैक्सी ड्रेस इस मौसम में लगती भी काफी प्यारी है। ऐसी ड्रेस के साथ अपने बालों को कर्ल करके खुला ही रखें।

एक सामान आएगा कई काम, भरा-भरा भी नहीं लगेगा आपका छोटा रसोई-घर

आपको सुविधाओं से लैस किचन पसंद है, लेकिन किचन का आकार छोटा है, जो तरह-तरह के सामान खरीदने की अनुमति नहीं देता। ऐसे में आपको किस तरह के सामान खरीदने चाहिए? रीमा की नई-नई शादी हुई है। वह अक्सर दोस्तों को और सोशल मीडिया पर नए-नए किचन एप्लायंसेज देख उन को खरीद लेती है, जिसे देख उसकी सासू मां भी हैरान हो जाती हैं। वह मन ही मन सोचती हैं कि यह काम तो सिल-बट्टे से भी हो जाता, यह तो मिक्सर भी कर देता है, इसके लिए इस सामान की क्या जरूरत थी। रसोई घर के छोटे आकार की वजह से आज वह इतना भर गया है कि उसका सामान घर के कमरों में भी फैलने लगा है। अगर आप भी देखा-देखी ऐसा करती हैं तो रुक जाएं और अपनी जरूरत, रसोई घर के आकार तथा अन्य बातों का ध्यान रखकर ही किचन के सामान का चुनाव करें, वरना आपको परेशानी हो सकती है।

इंडक्शन कुकटॉप

छोटे किचन, बड़ी जरूरत और ट्रेंडी एप्लायंस के हिसाब से इंडक्शन कुकटॉप आपके लिए बेस्ट है। यह बिजली से चलने वाली इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है, जो इको फ्रेंडली किचन एप्लायंस की श्रेणी में आती है। यह आमतौर पर 24 इंच का होता है, जिसे आप अपने छोटे रसोई घर में आसानी से फिट कर सकती हैं। इसकी सतह कांच से निर्मित होती है, जिस कारण सामान्य गैस चूल्हे के मुकाबले इसे साफ करना आसान है।

मल्टी कुकर

यह आपके लिए ऑल इन वन एप्लायंस साबित होगा, क्योंकि आप मल्टी कुकर को अलग-अलग तरीकों से उपयोग में ला सकती हैं। आप मल्टी कुकर का इस्तेमाल स्लो कुकर, प्रेशर कुकर और राइस कुकर के रूप में कर सकती हैं। इसके अलावा मल्टी कुकर इलेक्ट्रिक फ्राई पैन और स्टीमर की भी जगह ले सकता है। यह मल्टी कुकर रसोई में जगह भी कम घेरता है और आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाता है।

5 इन 1 चॉपर

सब्जियां काटने, चॉप करने से लेकर ग्रेट करने तक कितनी परेशानियां आती हैं और किचन कुछ ही देर में बिखरा हुआ दिखने लगता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसके लिए आपको चाकू, पिलर और चॉपिंग बोर्ड चाहिए होता है। इस स्थिति से बचने के लिए आप अपने किचन में 5 इन 1 वेजिटेबल चॉपर जरूर रखें। इसके इंटरचेंजेबल ब्लेड्स आपके काम को आसान बनाते हैं और मिनटों में आपकी जरूरतों को पूरा करते हैं। इसमें एडजस्टेबल डायलर होता है, जिसकी मदद से आप अपने हिसाब से सब्जियों को मोटा-पतला रख सकती हैं।

ब्लेंडर

मिक्सर, जूसर, ग्राइंडर आपके काम को भले ही आसान बनाते हों, लेकिन मिक्सर और उसके साथ आने वाले बड़े-बड़े जार को रसोई में रखना चुनौतीपूर्ण होता है। इसलिए इसकी जगह आप ब्लेंडर को चुनें, जिसे उपयोग करना आसान है। इसकी मदद से आप जूस, चटनी और स्मूदी बना सकती हैं। यह आपके समय और मेहनत को बचाते हैं और अधिक जगह की मांग भी नहीं करते।

कॉम्पैक्ट ओवन

अगर आप खाना पकाना पसंद करती हैं तो कॉम्पैक्ट ओवन को अपनी रसोई में जरूर शामिल करें। इसे खासतौर पर छोटे किचन के हिसाब से बनाया गया है, जिसमें आप बेकिंग, रोस्टिंग, ब्रोइलिंग और एयर फ्रायर कर सकती हैं। कॉम्पैक्ट ओवन लेने के बाद आपको इन सबके लिए अलग-अलग कुकिंग एप्लायंस खरीदने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि ये इन सभी सुविधाओं से लैस हैं।

स्लिम फिट फ्रिज

यह किचन में रखे जाने वाली सबसे अहम चीज है, मगर यही वह अप्लायंस है, जो सबसे ज्यादा जगह भी घेरता है। ऐसे में आपकी इसी मुश्किल को आसान बनाने के लिए बाजार में स्लिम फिट फ्रिज मौजूद हैं। ये कम से कम जगह में फिट हो जाते हैं, साथ ही आपकी जरूरत को भी पूरा करते हैं।