Wednesday , October 23 2024

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‘कन्नड़ झंडा फहराना अनिवार्य’, कर्नाटक सरकार ने राज्य स्थापना दिवस के लिए जारी किया फरमान

देश:  एक नवंबर को कर्नाटक राज्य की स्थापना दिवस है। इसके मद्देनजर इस बार राज्य सरकार ने राज्य के शिक्षण संस्थानों, कारोबारी समेत सभी लोगों से एक अपील की है कि सभी को 50वें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर पूरे प्रदेश भर में कन्नड़ झंडा फहराना अनिवार्य है।

डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार की अपील
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राज्य स्थापना दिवस को लेकर कहा कि राज्य के स्थापना दिवस एक नवंबर को बेंगलुरू में सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाली सभी शिक्षण संस्थाओं, व्यवसायों और कारखानों में कन्नड़ ध्वज फहराना अनिवार्य है। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि बेंगलुरु शहरी जिले में रहने वाले लगभग 50 प्रतिशत लोग दूसरे राज्यों से आए हैं और उन्हें भी कन्नड़ भाषा सीखने की प्राथमिकता देनी चाहिए। हम मैसूर राज्य का नाम बदलकर कर्नाटक किए जाने के 50 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। एक नवंबर कन्नड़ लोगों के लिए जश्न का दिन है, बेंगलुरू के प्रभारी मंत्री के तौर पर मैंने एक नया कार्यक्रम तैयार किया है जिसके तहत सभी स्कूलों और कॉलेजों, कारखानों, आईटी-बीटी क्षेत्र समेत सभी व्यवसायों में कन्नड़ ध्वज अनिवार्य रूप से फहराया जाना चाहिए।

डिप्टी सीएम ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में एक आदेश जारी किया जाएगा। जिसके आधार पर सभी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, कारखानों, व्यवसायों और अन्य को अनिवार्य रूप से कन्नड़ ध्वज फहराना जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि राज्योत्सव का सरकारी समारोह एक जगह पर आयोजित किया जाएगा, लेकिन निजी और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में भी समारोह अनिवार्य रूप से आयोजित किए जाने चाहिए।

‘कन्नड़ सीखना कर्नाटक वासियों का कर्तव्य’
वहीं एक सवाल का जवाब देते हुए डिप्टी सीएम डीके शिवकुरमार ने कहा कि मैं सभी को बताना चाहता हूं कि इस कन्नड़ भूमि पर रहने वाले सभी लोगों को कन्नड़ भाषा सीखना उनका कर्तव्य है, हमने स्कूलों में कन्नड़ को एक विषय के रूप में अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि सभी को यह महसूस होना चाहिए कि कन्नड़ जाने बिना कर्नाटक में रहना संभव नहीं है। स्कूलों और कॉलेजों को एक नवंबर को कन्नड़ ध्वज फहराने के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करने चाहिए, जैसे स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

पुलिस हिरासत से भागा शख्स, फिर मिला शव और अब 14 साल बाद निकला जिंदा; जानें क्या अजीबोगरीब मामला

नई दिल्ली:एक मरा हुआ शख्स जिंदा मिला है। दिलचस्प बात यह है कि यह किसी बॉलीवुड फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा परीक्षण (examine) किए जा रहे मामले का हिस्सा है।

साल 2005 का मामला
मामला साल 2005 का है, जब पंजाब पुलिस ने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस) के प्रावधानों के तहत एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। बाद में दावा किया था कि वह हिरासत से भाग गया है। उसके पिता ने बंदी प्रत्यक्षीकरण (बंदी प्रत्यक्षीकरण) दायर किया। इसके कुछ दिनों बाद एक शव मिला, जिसे मान लिया गया था कि वो हिरासत से भागे आरोपी का है। हालांकि, 14 साल बाद शख्स जिंदा मिला।

पिता की अपील पर सुनवाई
अब शीर्ष अदालत 2005 में पुलिस हिरासत से लापता हुए व्यक्ति के पिता नागिंदर सिंह द्वारा दायर अपील पर सुनवाई कर रही है। यह मामला न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ के समक्ष चार अक्तूबर को सूचीबद्ध किया गया था। इस मामले की सुनवाई अब अगले साल 14 फरवरी को होगी।

नागिंदर सिंह ने अपनी विशेष अनुमति याचिका में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के 12 जनवरी, 2021 के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनकी विरोध याचिका और पुलिस अधिकारियों को तलब करने के 12 दिसंबर, 2017 के ट्रायल कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया गया था। पंजाब पुलिस ने अपील का विरोध किया है।

नागिंदर सिंह की ओर से पेश अधिवक्ता पल्लवी प्रताप, प्रशांत प्रताप और अमजद मकबूल ने अपनी याचिका में कहा कि उनके बेटे हरदीप सिंह को पुलिस ने एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों के तहत लुधियाना के देहलों से 24 अगस्त 2005 को गिरफ्तार किया था। अगले दिन उन्हें पता चला कि उनका बेटा पुलिस हिरासत से भाग गया है। दो प्रथम सूचना रिपोर्टें दर्ज कराई गई थीं। हरदीप सिंह के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 की धारा 15 और 25 के तहत था।

पुलिस का क्या कहना था?
पंजाब पुलिस ने कहा था कि जब पुलिस हरदीप सिंह राजू को संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने के लिए सरकारी वाहन में ले जा रही थी, तो वह पुलिस हिरासत से भाग गया। उसके खिलाफ 25 अगस्त, 2005 को आईपीसी की धारा 224 के तहत एक और प्राथमिकी दर्ज की गई।

कपड़ों को लेकर कर्मचारी ने दी महिला पर तेजाब फेंकने की धमकी, कंपनी ने जॉब से निकाला

बंगलूरू:  बंगलूरू से एक अजीबोगरीब खबर सामने आ रही है। जहां एक कर्मचारी ने अपने सह कर्मचारी की पत्नी पर तेजाब फेंकने की धमकी दी थी। जिसके बाद अंसार नाम के दूसरे कर्मचारी ने इसकी शिकायत पुलिस और कंपनी के कार्यकारिणी सदस्यों से की। इस मामले में कंपनी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए धमकी भरे संदेश के आधार पर आरोपी कर्मचारी को कंपनी से निकाल दिया। जानकारी के मुताबिक आरोपी कर्मचारी की पहचान निकित शेट्टी के रूप में हुई है।

बता दें एक बिजनेस डेवलपमेंट प्रोफेशनल निकित शेट्टी ने अंसार नाम के शख्स को धमकी दी थी कि वह अपनी पत्नी के पहनावे को लेकर उस पर तेजाब फेंकने धमकी दी थी। इस घटना के बाद कंपनी ने सतर्कता बरतते हुए आरोपी शख्स को कंपनी से निकाल दिया है। इसके साथ ही पुलिस ने भी धमकी देने वाले शख्स निकित शेट्टी के खिलाफ जांच भी शुरू कर दी है।

संदेश भेजकर दी थी धमकी
जानकारी के अनुसार निकित शेट्टी ने बीते 9 अक्तूबर को एक निजी संदेश में अंसार को कथित तौर पर कहा कि कृपया अपनी पत्नी को अच्छे कपड़े पहनने के लिए कहें, खासकर कर्नाटक में, वरना मैं उसके चेहरे पर तेजाब फेंक सकता हूं। जिसके बाद अंसार ने ये सूचना तुरंत पुलिस को दी और उस संदेश का स्क्रीनशॉट भी साझा किया।

इसके साथ ही अंसार ने एक ऑनलाइन पोस्ट में कर्नाटक के डीजीपी और मुख्यमंत्री के साथ-साथ डिप्टी सीएम को टैग करते हुए लिखा, कि यह गंभीर मामला है। एक व्यक्ति मेरी पत्नी के पहनावे को लेकर उसके चेहरे पर तेजाब फेंकने की धमकी दे रहा है। कृपया इस व्यक्ति के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करें, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। पीड़ित शख्स ने ये भी कहा- मुझे नहीं लगता कि इस संस्थान में महिलाएं सुरक्षित हैं।

अंसार ने कंपनी का धन्यवाद किया
संदेश में निकित शेट्टी की तरफ से दी गई धमकी के बाद कंपनी ने संज्ञान लेने के बाद उसे कंपनी से निकाल दिया, जिसके बाद अंसार ने कंपनी को धन्यवाद कहा और लिखा कि जिस आदमी ने मेरी पत्नी पर एसिड अटैक की धमकी दी थी, उसकी नौकरी चली गई। कंपनी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे नौकरी से निकाल दिया। मेरी मदद करने के लिए सभी लोगों का शुक्रिया।

सीएम योगी ने कन्याओं के पांव धोकर मातृ शक्ति की आराधना की, तस्वीरों में मुख्यमंत्री का कन्या पूजन

गोरखपुर: शुक्रवार को शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर गोरखनाथ मंदिर में आयोजित कन्या पूजन अनुष्ठान में सीएम योगी ने नौ दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के पांव धोए, उनका विधि विधान से पूजन किया, चुनरी ओढाई, आरती उतारी, श्रद्धापूर्वक भोजन कराया, दक्षिणा और उपहार देकर उनका आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने परंपरा का निर्वहन करते हुए बटुक पूजन भी किया।

शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंदिर स्थित अपने आवास परिसर के प्रथम तल पर परंपरागत रूप से पीतल के परात में जल से सभी नौ कन्याओं के बारी-बारी पांव धोये। उनके माथे पर रोली, चंदन, दही, अक्षत और शक्तिपीठ की वेदी पर उगाई गई जई का तिलक लगाया। माला पहनाकर, चुनरी ओढ़ाकर, उपहार एवं दक्षिणा प्रदान कर आशीर्वाद लिया।

पूजन के बाद इन कन्याओं को मंदिर की रसोई में पकाया गया ताजा भोजन प्रसाद सीएम योगी ने अपने हाथों से परोसा। इन नौ कन्याओं के अतिरिक्त बड़ी संख्या में पहुंची बालिकाओं और बटुकों को भी पूजनोपरांत श्रद्धापूर्वक भोजन कराकर उपहार व दक्षिणा दिया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्यार-दुलार पाकर नन्हीं बालिकाओं व बटुकों की प्रसन्नता देखते ही बन रही थी। सत्कार और स्नेह के भाव से मुख्यमंत्री ने एक-एक कर नौ कन्याओं व बटुक भैरव के पांव पखारे और पूजन किया। इस दौरान सीएम योगी के हाथों दक्षिणा मिलने से सभी बालिकाएं काफी प्रफुल्लित दिखीं।

पूजन के बाद भोजन परोसते समय सीएम निरंतर संवाद भी करते रहे। यह भी ख्याल रखते रहे कि किसी भी बालक-बालिका की थाली में प्रसाद की कोई कमी न रहे। इसे लेकर वह मंदिर की व्यवस्था से जुड़े लोगों को निर्देशित करते रहे।

अखिलेश बोले- जब बैरिकेडिंग हटेगी तब अंदर जाएंगे, पुलिस कब तक रहेगी, हम अंदर जाएंगे ही

लखनऊ:  जेपीएनआईसी सेंटर पर अखिलेश को भीतर न घुसने देने का मामला एक बार फिर गरमा गया है। इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि जयप्रकाश नारायण की जयंती के दिन सपा कार्यकर्ता उनके म्यूजियम में जयंती मनाते हैं। लेकिन हमें दो बार से माल्यार्पण करने से रोका जा रहा है।अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार इस सेंटर को बेचना चाहती है। उन्होंने कहा कि ये बैरिकेडिंग सपा के कार्यकर्ताओं को रोक नहीं पाएगी। पुलिस कब तक यहां रहेगी। जब पुलिस वहां से हटेगी तब हम वहां माल्यार्पण करेंगे।

कब तक रहेगी पुलिस

अखिलेश यादव ने कहा कि हम माल्यार्पण यहीं पर करेंगे। अभी यहां पर पुलिस की बैरिकेडिंग है। यह बैरीकेटिंग कब तक रहेगी। जब पुलिस हटेगी तब हम वहां जाएंगे।

ये विनाशकारी लोग हैं
अखिलेश ने कहा कि यह सरकार ही विनाशकारी है। सरकार भेड़िए को पकड़ने की ताकत नहीं जुटा पा रही है। वह इन चीजों में अपनी ऊर्जा खर्च कर रही है।

सरकार कुछ छिपाना चाहती है

अखिलेश यादव ने कहा कि अंदर कुछ गड़बड़ चल रहा है। कुछ ऐसा है जो सरकार छिपाना चाह रही है। हमें अंदर कुछ वजहों से नहीं आने दिया जा रहा है। हम इसकी हकीकत मालूम करके रहेंगे।

किसानों की मासिक घरेलू आय 57.6% बढ़ी, पर पांच साल में एक तिहाई घट गई खेती की जमीन

नई दिल्ली:  किसानों की मासिक घरेलू आय बढ़ रही है, लेकिन चिंताजनक यह है देश में किसानों के पास खेती की जमीन घट रही है। 2016-17 में जहां औसत खेती के लिए भूमि जोत 1.08 हेक्टेयर थी अब यह 2021-22 में घटकर 0.74 हेक्टेयर ही रह गई है। इसमें 31% यानी एक तिहाई की कमी आई है।

नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) के ताजा सर्वे अखिल भारतीय ग्रामीण वित्तीय समावेशन सर्वेक्षण (एनएएफआईएस) 2021-22 में यह जानकारी सामने आई है। सर्वे के अनुसार 2016-17 में किसानों की औसत मासिक घरेलू आय 8,059 रुपये थी जो 2021-22 में 57.6% बढ़कर 12,698 रुपये तक हो गई है। 2016-17 में ग्रामीण परिवार महीने में 6,646 औसतन खर्च कर रहे थे यह अब बढ़कर 11,262 रुपए हो गए हैं।

कर्ज लेने वाले परिवारों में 4.6% का इजाफा
सर्वेक्षण के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण लेने वाले परिवारों की संख्या 47.4 प्रतिशत से बढ़कर 52 फीसदी हो गई है। इन पांच वर्षों में बकाया कर्ज वाले परिवारों का औसत बढ़ा है। इससे पता चलता है कि अब ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी आरामदेह जिंदगी के संसाधनों पर ज्यादा खर्च करने लगे हैं।

वित्तीय बचत में बढ़ोतरी
ग्रामीण परिवारों ने वित्तीय बचत की दिशा में भी सकारात्मक कदम उठाया है। यह बचत 9,104 रुपये से बढ़कर 13,209 रुपये हो गई है। करीब 66 फीसदी ग्रामीण परिवारों ने 2021-22 में बचत की। 2016-17 में यह संख्या 50.6 फीसदी थी।

किसान क्रेडिट कार्ड योजना का 33.6% विस्तार
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना का प्रभावशाली तरीके से विस्तार हुआ है। केसीसी की कवरेज 10.5 फीसदी से बढ़कर 44.1 फीसदी हो गई है। यानी इसमें 33.6 फीसदी की वृद्धि हुई है। यह किसानों के बीच वित्तीय समावेशन में सुधार की दिशा में सकारात्मक प्रयासों को इंगित करता है।

भारत के 14 राज्यों में बाल विवाह बढ़ने की खबर; यूपी में पांच लाख बच्चों ने किया विरोध

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने बृहस्पतिवार को खुलासा किया है कि देश में 11.4 लाख से अधिक बच्चों पर बाल विवाह का खतरा मंडरा रहा है। एनसीपीसीआर के मुताबिक, उसने 2023-24 में इन बच्चों की मदद के लिए परिवारों से बात करने, बच्चों को स्कूल लौटाने में मदद करने, और पुलिस के साथ मिलकर उनकी सुरक्षा करने जैसे कदम उठाए।

बाल विवाह उन्मूलन के लिए जिला-स्तरीय रणनीति
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में मुख्य सचिवों से इस मुद्दे को थमिकता देने और बाल विवाह उन्मूलन के लिए जिला-स्तरीय रणनीतियों को लागू करना जारी रखने की अपील की।

यूपी में पांच लाख बच्चों ने किया विरोध
एनसीपीसीआर बाल विवाह निषेध अधिनियम (पीसीएमए), 2006 के तहत 1.2 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचा। आयोग के मुताबिक, इसमें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई में अच्छा काम किया। उत्तर प्रदेश में 500,000 से अधिक बच्चों ने बाल विवाह का पुरजोर विरोध किया।

जागरूकता बढ़ाने के लिए सामुदायिक प्रयास
इसके बाद मध्य प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्य रहे। कर्नाटक और असम जैसे राज्यों में जागरूकता बढ़ाने के लिए धार्मिक नेताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं नेे स्थानीय लोगों के साथ 40,000 से अधिक बैठकें कीं।

राष्ट्रीय स्तर पर लड़कों का बाल विवाह भी
1993 में बाल विवाह की शिकार लड़कियों की संख्या 49 फीसदी थी। 28 साल के बाद यानी 2021 में यह 22 प्रतिशत हो चुकी है। राष्ट्रीय स्तर पर लड़कों का बाल विवाह भी काफी कम हुआ है। 2006 में सात फीसदी बालकों की शादियां हो रही थीं, जो 2021 में घटकर दो फीसदी रह गई है। हालांकि, शोध टीम ने इस बात पर चिंता जाहिर की और कहा, 2016 से 2021 के दौरान बाल विवाह को खत्म करने की प्रगति रूक गई है। 2006 से 2016 के दौरान बाल विवाह में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई।

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर IMA का CM ममता को पत्र, कहा- सुरक्षा कोई विलासिता नहीं…

कोलकाता:कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई भयावह घटना को लेकर आज भी देशभर में गुस्सा है। न्याय और कार्यस्थल की सुरक्षा की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर सड़कों पर हैं। यह लोग अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए कई दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। ऐसे में अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। उसने भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया।

आईएमए ने कहा, ‘युवा डॉक्टरों को भूख हड़ताल शुरू किए हुए करीब एक सप्ताह हो गया है और उनकी मांग पर ‘तत्काल ध्यान’ दिए जाने की जरूरत है। हम उनकी जायज मांगों का समर्थन करते हैं।’

‘शांतिपूर्ण माहौल और सुरक्षा कोई विलासिता नहीं’
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आगे कहा, ‘सरकार सभी मांगों को पूरा करने में पूरी तरह सक्षम है। शांतिपूर्ण माहौल और सुरक्षा कोई विलासिता नहीं है। यह एक जरूरी चीज है। हम आपसे अपील करते हैं कि आप सरकार की मुखिया होने के नाते युवा पीढ़ी के चिकित्सकों की समस्याओं को सुलझाएं। भारत की पूरी चिकित्सा बिरादरी परेशान है। मगर, भरोसा है कि आप उनकी जान बचाने में सक्षम होंगे। अगर आईएमए कोई भी मदद कर सकता है तो खुशी से करेंगे।’

पहले हो चुकी हैं बैठक
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अपनी एक सहकर्मी से कथित दुष्कर्म और उसकी हत्या की हालिया घटना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल को एक सप्ताह होने जा रहा है। इससे पहले, पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों ने डॉक्टरों की हड़ताल खत्म कराने के लिए उनके साथ बुधवार देर रात बैठक की थी। हालांकि, ये बैठक बेनतीजा रही और कोई हल नहीं निकल सका। देर रात दो घंटे तक चली बैठक के बाद प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने आरोप लगाया था कि उन्हें राज्य सरकार से मौखिक आश्वासन के अलावा कुछ भी ठोस नहीं मिला। राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की ‘संपूर्ण सफाई’ सुनिश्चित करने और मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा बढ़ाने की मांगों पर लिखित निर्देश देने से इनकार कर दिया।

करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं अमिताभ बच्चन, जानें मुंबई में हैं कितने घर और गाड़ियां

बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन आज 11 अक्तूबर को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। अमिताभ बच्चन इन दिनों टीवी शो केबीसी में नजर आ रहे हैं। अमिताभ फिल्म ‘वेट्टैयन’ में भी नजर आ रहे हैं। फिल्म बिग बी के जन्मदिन के एक दिन पहले यानी 10 अक्तूबर को रिलीज हुई थी। अमिताभ बच्चन की जिंदगी से जुड़ी कई सारी बातें प्रशंसक जानते हैं और अधिक जानने की इच्छा भी रखते हैं। इस उम्र में भी बिग बी वाकई शहंशाह की तरह जिंदगी बिताते हैं। आइए आपको बताते हैं, बिग बी की नेट वर्थ के बारे में।

करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं अमिताभ बच्चन
खबरों की मानें तो अभिनेता अमिताभ बच्चन के पास लगभग 3190 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। अमिताभ बच्चन के पास रोल्स रॉयस फैंटम, पोर्श केमैन एस और मर्सिडीज मेबैक एस560 जैसी महंगी गाड़ियां भी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वह अपनी जिंदगी में शहंशाह के ठाठ के साथ रहते हैं। बिग बी ब्रांड एंडोर्समेंट और रियल एस्टेट निवेश से भी कमाई करते हैं।

अमिताभ के पास हैं कई घर
अमिताभ बच्चन के पास बहुत सारे घर हैं। उनकी इस लिस्ट में प्रतीक्षा, जनक, वत्सा और जलसा के पीछे एक और घर शामिल हैं। खबरों की मानें तो वत्सा को सिटीबैंक इंडिया को पट्टे पर दिया गया है। इसके साथ ही बिग बी ने मुंबई में सी फेसिंग अपार्टमेंट की 31 वीं मंजिल पर घर खरीदा है।

अमिताभ बच्चन फिल्मों के लिए लेते हैं इतनी फीस
खबरों की मानें तो बिग बी अपनी फिल्मों के लिए लगभग 6 करोड़ रुपये चार्ज करते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बिग बी ने ब्रह्मास्त्र में काम करने के लिए 8-10 करोड़ रुपये कमाए थे। बिग बी फिल्म ‘वेट्टैयन’ में भी नजर आ रहे हैं। प्रशंसकों के साथ बॉलीवुड सितारों की ओर से भी इस फिल्म की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।

कार्तिक सुब्बाराज ने पहले ही दिन देख डाली वेट्टैयन, रजनीकांत और बिग बी की तारीफ में कही ये बड़ी बात

फिल्म वेट्टैयन लंबे इंतजार के बाद आखिरकार सिनेमाघरों तक पहुंच गई है। इस फिल्म ने पहले दिन ठीक ठाक प्रदर्शन किया है। हालांकि, कमाई के मामले में यह फिल्म जेलर से काफी पीछे नजर आई। दर्शकों से मिली जुली प्रतिक्रिया के बीच मशहूर निर्देशक कार्तिक सुब्बाराज ने चेन्नई में इस फिल्म को देखा और सोशल मीडिया पर इसकी समीक्षा की।

फिल्म की तारीफ करते हुए कार्तिक ने एक्स पर लिखा, “वेट्टैयान एक गहन सामाजिक ड्रामा फिल्म है, जिसमें न्यायपालिका के बारे में मजबूत बयान दिए गए हैं, यह शानदार थलाइवर क्षणों से भरपूर फिल्म है…..थलाइवर पहले फ्रेम से ही छा गए थे…. थलाइवर और अमिताभ बच्चन सर को स्क्रीन पर देखना एक ट्रीट था…. फहद फाजिल बैटरी के रूप में मजेदार थे।”

उन्होंने निर्देशक टीजे ज्ञानवेल और संगीत निर्देशक अनिरुद्ध रविचंदर की तारीफ करते हुए कहा, “अनिरुद्ध ने हमेशा की तरह कमाल कर दिया। टीजे ज्ञानवेल, लाइका प्रोडक्शंस और पूरी कास्ट और क्रू को इतनी गहन, शानदार थलाइवर फिल्म देने के लिए बधाई….।”
कार्तिक सुब्बाराज और सुपरस्टार रजनीकांत ने 2019 की फिल्म ‘पेट्टा’ में साथ काम किया था। वेट्टैयन में रजनीकांत और अमिताभ बच्चन ने साल 1991 की हिंदी फिल्म ‘हम’ के 33 साल बाद एक साथ बड़े पर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

वर्क फ्रंट की बात करें तो कार्तिक ने हाल ही में सूर्या 44 नाम की एक फिल्म की शूटिंग पूरी की है। फिल्म में तमिल सुपरस्टार सूर्या मुख्य भूमिका में हैं। रजनीकांत की आगामी फिल्मों की बात करें तो वह लोकेश कनगराज की ‘कुली में दिखाई देंगे इसमें नागार्जुन अक्किनेनी, सौबिन शाहिर, श्रुति हासन, सत्यराज और निम्मा उपेंद्र भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं।