Thursday , October 24 2024

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इसरो का एक और कीर्तिमान, दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाले विमान की तकनीक का तीसरा परीक्षण भी सफल

बंगलूरू:  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को बताया कि उसने अपनी रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक (प्रक्षेपण यान को दोबारा इस्तेमाल इस्तेमाल करने की तकनीक ) का तीसरी बार सफल परीक्षण किया। इसरो ने बताया कि इस बार ज्यादा चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में प्रक्षेपण यान का परीक्षण किया और वह सभी मानकों पर खरा उतरा। इस परीक्षण में इसरो ने लैंडिंग इंटरफेस और तेज गति में विमान की लैंडिंग की स्थितियों की जांच की। इस परीक्षण के साथ ही इसरो ने आज के समय की सबसे अहम तकनीक में से एक को हासिल करने की तरफ मजबूती से कदम बढ़ा दिया है।

इसरो ने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल का तीसरा और अंतिम परीक्षण कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में रविवार सुबह 7.10 बजे किया गया। इससे पहले इसरो रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल के दो सफल परीक्षण कर चुका है। तीसरे परीक्षण में प्रक्षेपण यान को ज्यादा ऊंचाई से छोड़ा गया और इस दौरान तेज हवाएं भी चल रहीं थी, इसके बावजूद प्रक्षेपण यान ‘पुष्पक’ ने पूरी सटीकता के साथ रनवे पर सुरक्षित लैंडिंग की।

परीक्षण के दौरान वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से प्रक्षेपण यान पुष्पक को साढ़े चार किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया। इसके बाद प्रक्षेपण यान पुष्पक ने स्वायत तरीके से रनवे पर सफल लैंडिंग की। लैंडिंग के दौरान यान की गति करीब 320 किलोमीटर प्रतिघंटे थी। बता दें कि एक कमर्शियल विमान की लैंडिंग के वक्त स्पीड 260 किलोमीटर प्रतिघंटे और एक लड़ाकू विमान की गति करीब 280 किलोमीटर प्रतिघंटे होती है। लैंडिंग के वक्त पहले ब्रेक पैराशूट की मदद से प्रक्षेपण यान की गति को घटाकर 100 किलोमीटर प्रतिघंटे पर लाया गया और फिर लैंडिंग गीयर ब्रेक की मदद से रनवे पर विमान को रोका गया।

परीक्षण के दौरान यान के रूडर और नोज व्हील स्टीयरिंग सिस्टम की भी कार्यक्षमता की जांच की गई। भविष्य में प्रक्षेपण यान को अंतरिक्ष में भेजने और उसे वापस सुरक्षित धरती पर उतारकर फिर से अंतरिक्ष में भेजने के लिहाज से यह तकनीक बेहद अहम है। इस तकनीक की मदद से इसरो की लागत में काफी कमी आएगी क्योंकि किसी भी अंतरिक्ष मिशन में प्रक्षेपण यान की लागत काफी ज्यादा होती है और अभी एक बार इस्तेमाल होने के बाद यान को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता। अब रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक की मदद से अंतरिक्ष में बढ़ रहे कचरे की समस्या से भी निपटा जा सकेगा।

योगी सरकार का बड़ा फैसला, प्रदेश में होगी 42 हजार होम गार्ड की भर्ती, सीएम ने दिए आदेश

लखनऊ:  सरकार की ओर से प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के मुहिम के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लेते हुए 42000 होमगार्ड स्वयंसेवकों की भर्ती के आदेश दिए हैं। उन्होंने जल्द हजारों होमगार्ड्स के सेवानिवृत्त होने के दृष्टिगत जल्द भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने को कहा। साथ ही, होमगार्ड्स को आपदा मित्र के रूप में तैनात करने के लिए नियमावली बनाने का निर्देश भी दिया।

मुख्यमंत्री ने यह निर्देश शनिवार को यहां होमगार्ड के विभाग की समीक्षा के दौरान दिए हैं। क़ानून-व्यवस्था और आपदाकाल की स्थिति में होमगार्ड के स्वयंसेवकों की भूमिका की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्यों में भी उत्तर प्रदेश के होमगार्ड स्वयंसेवकों ने उत्कृष्ट कार्य किया है। इसलिए उन्हें बेहतर सुविधाएं भी मिली चाहिए। सीएम ने फिटनेस के मद्देनजर साप्ताहिक ड्रिल कराने को कहा। वर्तमान में सेवारत होमगार्ड्स को आपदा मित्र का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था शुरू करने का निर्देश दिया।

हर साल सेवानिवृत्त हो रहे 4 हजार
बता दें कि वर्तमान में प्रदेश में 76 हजार से अधिक पूर्णकालिक होमगार्ड स्वयंसेवक हैं। लगभग 75 हजार ड्यूटी पॉइंट पर तैनात हैं। इनमें से प्रति वर्ष लगभग 4 हजार होमगार्ड सेवानिवृत्त हो रहे हैं। अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2033 तक 42 हजार से अधिक होमगार्ड सेवानिवृत्त हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने नई नियुक्ति की प्रक्रिया समय से पूरी करने का निर्देश देते हुए कहा कि दो चरणों मे 21-21 हजार होमगार्ड स्वयंसेवकों की भर्ती करने का लक्ष्य लेकर कार्यवाही आगे बढ़ाएं।

मैनपावर का करें सदुपयोग

योगी ने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से तैनात आपदा मित्र के रूप में हमारे पास पहले से ही दक्ष मैनपॉवर है। हमें इनका सदुपयोग करना चाहिए। आपदा मित्रों का प्रशिक्षण करावाकर उन्हें होमगार्ड स्वयंसेवक के रूप में सेवा देने का अवसर दिया जाना चाहिए। इस संबंध में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से समन्वय स्थापित करते हुए विधिक परामर्श प्राप्त कर नियमावली तैयार करवाएं।

वंदे भारत एक्सप्रेस से मवेशी टकराया, प्रेशर पाइप में तकनीकी खामी आने से 50 मिनट रुकी ट्रेन

इटावा:  कानपुर से दिल्ली की तरफ जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस के इंजन से मवेशी टकरा गया। जिससे प्रेशर पाइप में तकनीकी खामी आने पर ट्रेन करीब 50 मिनट तक स्टेशन के पूर्वी आउटर पर खड़ी रही। सूचना पर रेल टेक्नीशियन खामी को दुरुस्त करने पहुंच गए। इससे यातायात प्रभावित रहा। शनिवार शाम करीब आठ बजे कानपुर से दिल्ली जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन से मवेशी टकरा गया। तभी इंजन से मवेशी टकरा गया।

तेज आवाज के साथ मवेशी के चीथड़े उड़ गए और मांस के टुकड़े इंजन में फंस गए। पायलट ने आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका। ट्रेन में मौजूद टीएक्सआर स्टाफ ने इंजन से मांस के लोथड़े निकाले। प्रेशर पाइप में खामी आने की सूचना पर रेल टेक्नीशियन की टीम आनन-फानन में मौके पर पहुंच गई। करीब 50 मिनट बाद तकनीकी खामी को दुरुस्त करने के बाद ट्रेन को रवाना किया गया।

वाराणसी मंडल को और हरा-भरा करेगी योगी सरकार, लगाए जाएंगे 1.71 करोड़ पौधे; इनको मिली महाभियान की जिम्मेदारी

वाराणसी: पौधरोपण अभियान के तहत योगी सरकार 1.71 करोड़ पौधे लगाकर वाराणसी मंडल को और हरा-भरा करेगी। पिछले कुछ दिनों में आसमान से बरसती आग के कारण आमजन का हाल काफी बुरा हो गया था। लोग घरों में कैद हो गए थे। सड़कों पर सन्नाटा पसर गया था।

हर वर्ष की तरह योगी सरकार पौधरोपण पर फिर तेजी से काम कर रही है। सरकार इस वर्ष फिर पौधरोपण महाभियान चलाने जा रही है। इसके तहत वाराणसी मंडल में इस बार 1.71 करोड़ से अधिक पौधे लगाने की तैयारी चल रही है। वाराणसी जनपद में 16.97 लाख से अधिक पौधे रोपित किये जाने की योजना है।

महाभियान में 27 सरकारी विभाग के अफसर शामिल होकर पौधे लगाएंगे। जुलाई से इसकी शुरुआत होगी।पूर्वांचल में विकास की आंधी के साथ योगी सरकार यहां की आबोहवा को सुधारने का भी काम कर रही है। सरकार पूर्वांचल में वृक्षारोपण का महाभियान चलाने जा रही है।

इससे वायुमंडल में ऑक्सीजन की शुद्ध मात्रा को बढ़ाने व वातावरण को संरक्षित करने में मदद मिलेगी। वन संरक्षक डॉ. रवि कुमार सिंह ने बताया कि वाराणसी सर्किल के तीन जिलों (वाराणसी, गाज़ीपुर, जौनपुर) के अलावा चंदौली में मिलाकर कुल चारों जिलों में 1 करोड़, 71 लाख, 18520 पौधे रोपित करने की योजना है।

चार जिले में 27 विभागों द्वारा प्रस्तावित पौधरोपण

  • वाराणसी- 1697520
  • गाज़ीपुर- 4014100
  • जौनपुर- 5197980
  • चंदौली- 6208920

बरेली में गोलियां बरसाने वाला एनकाउंटर में घायल, अब तक 12 आरोपी गिरफ्तार, तीन लग्जरी कारें जब्त

बरेली: बरेली में पीलीभीत बाईपास के किनारे प्लॉट पर कब्जे को लेकर शनिवार की सुबह पुलिस के सामने खुलेआम फायरिंग, तोड़फोड़ और आगजनी की घटना हुई। दबंगों के दो गुटों में हुए संघर्ष में सौ राउंड गोलियां चलीं, जिससे पूरे शहर में दहशत फैल गई थी। बाईपास पर एक घंटे तक दबंगों का कब्जा रहा। इस गोलीकांड की गूंज लखनऊ तक पहुंची। मुख्यमंत्री कार्यालय व डीजीपी ने घटना की रिपोर्ट तलब की है। इधर, देर रात तक पुलिस ने 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गोलियां बरसाने वाला ललित सक्सेना मुठभेड़ में पकड़ा गया। उसके पैर में गोली लगी है। मामले में 12 नामजद और 150 अज्ञात हमलावरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।

सीओ तृतीय अनीता चौहान के नेतृत्व में पुलिस टीम ने रात में राजीव राणा व उसके करीबियों के घर दबिश दी। देर रात तक पुलिस ने राजीव राणा के चौपुला निवासी शिवकुमार, मुड़िया अहमद नगर निवासी रविंद्र व सनोज, सैनिक कॉलोनी निवासी संदेश, कृष्णानगर कॉलोनी निवासी पंकज गुप्ता, जोगी नवादा के ओमकार राठौर को गिरफ्तार कर लिया।

घायलों में शामिल में राजेंद्रनगर निवासी रोहित कुमार, संजयनगर का रोहित ठाकुर और इंदिरा नगर का संजय उर्फ संजू पुलिस की निगरानी में है। इनके चेहरों का भी सीसीटीवी व वीडियो फुटेज से मिलान कर लिया गया है, जिसमें वे मौके पर बवाल करते नजर आ रहे हैं। तीन लग्जरी कारें भी जब्त की गई है।

वहीं दूसरे पक्ष के आदित्य उपाध्याय व उसके बेटे अविरल उपाध्याय की गिरफ्तारी दिखाई गई है। आईजी रेंज डॉ. राकेश सिंह ने एसएसपी को जांच के निर्देश दिया है। आईजी ने बताया कि और भी पुलिसकर्मी या अधिकारी दोषी मिले तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि घटना के बाद एसएसपी ने लापरवाही बरतने पर इंस्पेक्टर और दरोगा समेत छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था।

बवाल के बाद देर रात 2.15 बजे दबिश के दौरान कलापुर नहर के पास हुई मुठभेड़ में आरोपी ललित सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया गया। इज्जतनगर क्षेत्र के मठ लक्ष्मीपुर निवासी ललित राजीव राणा गुट का सदस्य है। सीओ तृतीय अनीता ने कहा कि आरोपी के पैर में गोली लगी है। इलाज के लिए उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सुबह हुए बवाल में वह भी शामिल था। उसने फायरिंग भी की थी।

फायरिंग कांड का मुख्य आरोपी माना जा रहा कृष्णपाल यादव उर्फ केपी यादव कस्बा रिठौरा के मोहल्ला खाता से लगातार दूसरी बार सभासद है। गोलीकांड में नामजद होने के बाद शनिवार को एसओजी दिनभर उसकी तलाश करती रही, लेकिन वह हाथ नहीं आया। देर रात पुलिस ने आरोपी की कार को लाकर हाफिजगंज थाने में खड़ा करा दिया।

पार्टनर की बातों पर है शक तो ऐसे लगाएं सच और झूठ का पता, मिनटों में खुल जाएगी पोल

आज के समय में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जो हर बात में सच बोलता हो। कभी किसी की भलाई के लिए तो कभी झगड़े से बचने के लिए लोग अक्सर झूठ का सहारा लेते हैं। अगर किसी की भलाई के लिए झूठ बोला गया हो, तो उसमें कोई बुराई तो नहीं है, लेकिन परेशानी तब खड़ी होती है, जब रिश्ता बचाने के नाम पर कोई बार-बार झूठ बोलता हो।दरअसल, आए दिन ऐसा देखा जाता है कि लोग अपना रिश्ता बचाने के नाम पर झूठ बोल देते हैं। उन्हें लगता है, कि ऐसा करने से उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं होगी।

खासतौर पर जब आपका पार्टनर आप पर भरोसा करता हो, तब तो झूठ बोलने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन एक समय आता है, जब ज्यादा झूठ बोलने से रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है। अगर आपको भी लगता है कि आपका पार्टनर आपसे झूठ बोलता है, तो आप कुछ हाव-भाव से उनका झूठ पकड़ सकते हैं।

चेहरे का रंग उड़ना

अक्सर कोई व्यक्ति जब झूठ बोलता है, तो उसके चेहरे का रंग उड़ जाता है। या तो चेहरा सफेद पड़ जाएगा, या फिर सामने वाले का चेहरा आत्मग्लानि की वजह से लाल हो जाएगा। ऐसे में आप पता कर सकते हैं, कि सामने वाला सच बोल रहा है या झूठ।

होंठों को चबाना

अगर आप अपने पार्टनर से सवाल कर रहे हों, और वो लगातार अपने होंठों को चबाए तो मतलब की वो झूठ बोल रहा है। दरअसल, झूठ बोलते वक्त ज्यादातर लोगों के होंठों के बीच वाइब्रेशन होने लगती है। इसे नोटिस करके आप झूठ को पकड़ सकते हैं।

आवाज में बदलाव

अगर सवालों का जबाव देते वक्त आपके पार्टनर की आवाज में किसी तरह का बदलाव देखने को मिल रहा है, तो मतलब साफ है कि वो झूठ बोल रहे हैं। झूठ बोलने पर ज्यादातर लोगों की आवाज लड़खड़ाने लगती है।

आंखें ना मिलाना

हर कोई अपने पार्टनर से बात करते वक्त आंखें मिलाता है, लेकिन अगर सामने वाला आपसे नजरें छिपाकर सवालों का जवाब दे रहा है, तो मतलब साफ है कि वो झूठ बोल रहा है।

बेटी की शादी में सबसे खास दिखेंगी दुल्हन की मां, बस तैयार होते वक्त अपनाएं ये फैशन टिप्स

शादी की तारीख तय होते ही लोग तैयारियों में जुट जाते हैं। खास तौर पर लोगों का पूरा ध्यान दूल्हा और दुल्हन को सजाने पर लगा होता है और हो भी क्यों ना, शादी में हर किसी की नजर दूल्हा और दुल्हन पर ही तो होती है। दूल्हा और दुल्हन के बाद उनके भाई-बहन, और अन्य रिश्तेदार भी काफी अच्छे से तैयार होते हैं।

दूल्हे की मां भी बेटे की शादी में खूबसूरत दिखती हैं लेकिन इन सभी तैयारियों के बीच हम दुल्हन की मां को भूल जाते हैं। जबकि बेटी की शादी की रात उनके लिए भी काफी खास होती है। चाहे मेहंदी की रस्म हो यो फिर हल्दी या कन्यादान, हर जगह पर दुल्हन की मां का बेहद अहम योगदान होता है। इन सभी रस्मों में दुल्हन की मां शामिल होती हैं।

ऐसे में उनका खूबसूरत दिखना भी बेहद जरूरी होता है लेकिन जल्दबाजी के चलते किसी को ये समझ नहीं आता कि दुल्हन की मां का गेटअप कैसा होना चाहिए। आज के लेख में हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं। ताकि आपकी मां भी आपकी शादी मे जलवा दिखा सकें।

सिल्क की साड़ी है बेहतर ऑप्शन

अक्सर फिल्मों में और टीवी सीरियलों में दुल्हनों की मां को हैवी साड़ी पहने देखा जाता है, जबकि असल लाइफ में ये संभव नहीं है। दुल्हन की मां के पास कई ऐसे काम होते हैं, जिसमें हैवी साड़ी पहनकर इधर-उधर घूमना मुश्किल होता है। ऐसे में आप अपनी मां के लिए सिल्क की साड़ी का चयन कर सकती हैं। ये देखने में काफी एलिगेंट होती है और इसे पहनकर वो बेहद खूबसूरत दिखेंगी।

पहनें लंबा नेकपीस

दुल्हन की मां को कभी सिर्फ चोकर नहीं पहनना चाहिए। गले में लंबा नेकपीस उनकी खूबसूरती को बढ़ाएगा। अगर ये सोने का है, तब तो और भी अच्छा लेकिन अगर सोने का नहीं है तब भी आप कोई गोल्ड प्लेटेड नेकपीस कैरी कर सकती हैं।

हाथों में मैचिंग चूड़ी

दुल्हन की मां को कई काम होते हैं। ऐसे में वो अपने हाथों से चूड़ियां बदलना भूल जाती हैं। जबकि उनके लुक में चूड़ियां का बेहद अहम योगदान होता है। ऐसे में आपकी मम्मी जिस रंग की साड़ी पहन रहीं हों, उन्हें उसी के मैचिंग की चूड़ियां पहले से तैयार करके दें। ताकि वो बस जल्दी से चूड़ियों को बदल लें।

ना पहनें ज्यादा हील्स

सारी रस्मों की जिम्मेदारी दुल्हन की मां पर ही होती है। ऐसे में अगर वो पेंसिल हील्स पहनेंगी तो उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसी के चलते आप पहले से उनके लिए ब्लॉक हील्स या जिसमें उन्हें आराम मिलता हो वैसी हील्स का चयन कर सकती हैं।

हाथ में रखें बड़ा बैग

दुल्हन के जेवरों से लेकर शगुन के लिफाफों तक की जिम्मेदारी दुल्हन की मां के पास ही होती है। ऐसे में उनके पास बड़ा बैग होना बेहद जरूरी है। इससे वो अपना सारा समान उसमें रखकर बेफ्रिक हो सकती हैं।

टाइगर के अभिनय का बचाव करते दिखे अहमद खान, बोले- वह सुपरस्टारडम से महज एक फिल्म हैं दूर

बॉक्स ऑफिस पर छाए रहने वाले टाइगर श्रॉफ के सितारे इन दिनों गर्दिश में चल रहे हैं। उनकी लगातार तीन बड़े बजट की फिल्में हीरोपंती 2 , गणपत और बड़े मियां छोटे मियां को लोगों ने नकार दिया, जिसकी वजह से अभिनेता मुश्किल भरे दौर से गुजर रहे हैं। हालांकि, निर्देशक अहमद खान का मानना है कि टाइगर को घबराने की कोई जरूरत नहींं है। निर्देशक के मताबिक वह महज एक फिल्म से सुपरस्टार बनने की राह पर दोबारा लौट आएंगे।

एक बातचीत में जब अहमद से टाइगर को लेकर सवाल किया गया कि टाइगर के मौजूदा करियर संघर्षों को देखते हुए क्या उन्हें बड़े बदलाव करने की ज़रूरत है? इस बारे में अहमद ने कहा कि दर्शकों की निराशा जायज है। हालांकि, उन्होंने टाइगर के समर्पण और काम करने की तरीके की जमकर प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, “आमतौर पर लोग कहते हैं, ‘आपको कड़ी मेहनत करनी होगी, लेकिन टाइगर के लिए आपको कहना पड़ता है कि और मेहनत मत करो… उसे क्या ही सलाह दी जा सकती है? वह समय पर आता है, उसे सेट पर कोई परेशानी नहीं है, वह जो भी कहता है वह करता है। एक अभिनेता को क्या चाहिए? उसके पास अच्छा शरीर है। वह डांस कर सकता है। वह एक्शन कर सकता है और अभिनय की बात करें तो उसको कौन सी अर्ध सत्य करनी या गरम मसाला जैसी आर्ट फिल्में करनी है।”

फिल्म निर्माता ने आगे कहा, “वह कमर्शियल फिल्में करता है। इसे ही सीखना कहते हैं। हर हीरो इस यात्रा से गुजरा है, और हर कोई इसी तरह सीखता है। वह अगले साल वापसी करेगा, क्योंकि यह एक ऐसा दौर है, जिससे हर अभिनेता गुजरता है, घबराने की कोई बात नहीं है। टाइगर श्रॉफ बस एक कदम दूर हैं।

वर्क फ्रंट की बात करें तो अहमद खान बतौर निर्देशक वेलकम टू द जंगल पर काम कर रहे हैं। इस फिल्म में अक्षय कुमार समेत कई बड़े सितारे नजर आने वाले हैं। वहीं, टाइगर की बात करें तो वह सिंघम अगेन में दिखने वाले हैं। फिल्म को दिवाली के आसपास रिलीज करने की तैयारी है।

इश्क विश्क रिबाउंड के कलेक्शन में मामूली सुधार, चंदू चैंपियन-मुंजा ने कमाए इतने करोड़

सिनेमाघरों में हाल ही इश्क विश्क रिबाउंड रिलीज हुई है। हालांकि, फिल्म को लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। इसके अलावा टिकट खिड़की पर चंदू चैंपियन भी कमाई के लिए लगातार संघर्ष कर रही है। यह फिल्म अब तक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकी है। वहीं, बॉक्स ऑफिस पर मुंजा अब भी मजबूती से टिकी हुई है। आइए जानते हैं कि शनिवार को कौन सी फिल्म ने कैसा कारोबार किया।

इश्क विश्क रिबाउंड
पश्मीना रोशन, रोहित सराफ और जिब्रान खान अभिनीत इश्क विश्क रिबाउंड की चर्चा लंबे समय से चल रही थी। फिल्म का निर्देशन निपुण अविनाश धर्माधिकारी ने किया है। यह फिल्म दर्शकों पर अपना जादू चलाने में नाकाम साबित हुई है। फिल्म के पहले दिन का कलेक्शन काफी कम था। शुक्रवार को फिल्म ने 85 लाख रुपये का कलेक्शन किया था। ताजा आंकड़ों के मुताबिक शनिवार को फिल्म ने एक करोड़ 15 लाख रुपये का कलेक्शन किया है। इसके साथ ही फिल्म की कुल कमाई दो करोड़ 15 लाख रुपये हो गई है।

चंदू चैंपियन
कार्तिक आर्यन की फिल्म चंदू चैंपियन भी टिकट खिड़की पर अपना दम नहीं दिखा सकी है। यह फिल्म पहले दिन से ही उम्मीद के मुताबिक कमाई नहीं कर सकी है। बड़े बजट में बनकर तैयार हुई इस फिल्म का अब अपनी लागत भी वसूल करना काफी मुश्किल नजर आ रहा है।

स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर की जीवनी पर आधारित इस फिल्म में कार्तिक आर्यन की अदाकारी दर्शकों के दिलों को छू रही है, लेकिन कबीर खान एक बार फिर निर्देशक के तौर पर चूक गए हैं। पहले हफ्ते में इस फिल्म ने 35.25 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था। ताजा आंकड़ों के मुताबिक नौवें दिन फिल्म की कमाई में थोड़ा सुधार नजर आया है। इस फिल्म ने दूसरे शनिवार को चार करोड़ 85 लाख रुपये का कलेक्शन किया है। इसके साथ ही फिल्म की कुल कमाई 42.75 करोड़ रुपये हो गई है।

मुंजा
फिल्म मुंजा टिकट खिड़की पर अपना जादू चलाने में सफल रही है। टिकट खिड़की पर फिल्म की पकड़ लगातार बरकरार है। पहले हफ्ते में इस फिल्म ने 35.3 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया था। वहीं, दूसरे हफ्ते में इस फिल्म ने 32.65 करोड़ रुपये बटोरे थे। ताजा आंकड़ों के मुताबिक 16वें दिन इस फिल्म ने पांच करोड़ 50 लाख रुपये का कलेक्शन किया है। इसके साथ ही फिल्म की कुल कमाई 76.45 करोड़ रुपये हो गई है।

जान-बुझ कर ‘गुल्लक 4’ से पहले लिया था हेली ने ब्रेक, बोलीं- लगातार काम करके मैं जीना भूल गई थी

हेली शाह ने हाल ही में ‘गुल्लक सीजन 4’ में नजर आईं। हेली ने इस शो के जरिए के साथ अपना ओटीटी डेब्यू किया है। दर्शकों को इस शो में उनका किरदार काफी पसंद आया। इस शो से पहले वे आखिरी बार सीरियल ‘इश्क में मरजावां 2’ में नजर आई थीं। इस सीरियल के बाद उन्होंने लगभग तीन साल लंबा ब्रेक लिया था। पिछले दिनों एक इंटरव्यू के दौरान वे अपने इस ब्रेक के विषय में खुलकर बातें करती नजर आईं।

लगातार काम करके मैं थक गई थी
हेली शाह ने काफी कम उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था। अभिनेत्री कहती हैं, ‘मैं काफी लंबे समय से काम कर रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं जीना भूल गई हूं। मुझे ब्रेक चाहिए ही था। मैं मानसिक रूप से मैं बहुत मजबूत हूं, लेकिन फिर भी यह कठिन था। मैं खुद से सवाल करने लगी थी कि मैं सही कर रही हूं या नहीं। मैंने जान बुझ कर लंबा ब्रेक लिया और इस दौरान मैंने खुद को समझा और जाना’।

आर्थिक तंगी का किया सामना

हेली शाह अपनी बात जारी रखते हुए कहती हैं, ‘जिन दिनों मैं ब्रेक पर थी लोग मुझसे सवाल करते थे कि मैं काम क्यों नहीं कर रही हूं। मेरी मां को भी आश्चर्य होता था, लेकिन मुझे अपने लिए समय चाहिए था। मैंने इस दौरान काफी नई चीजें सीखीं और उससे भी जरुरी एक चीज जो मैंने इतने सालों में सीखा और मेरे किसी काम का नहीं था उसे मैंने छोड़ने की कोशिश की। मैं एक इंसान के तौर पर लगातार काम करके खालीपन महसूस करने लगी थी। हां इस ब्रेक की वजह से मुझे आर्थिक तंगी जरूर महसूस हुई, लेकिन मुझे इस बात से कोई शिकायत नहीं है’।

कान में प्रतिभाशाली लोगों को जाना चाहिए
इस साल कान फिल्म फेस्टिवल में कई टीवी स्टार्स और सोशल मीडिया के कई इन्फ्लुएंसर भी देखे गए। इस विषय पर बात करते हुए हेली कहती हैं, ‘जो प्रतिभाशाली लोग हैं उन्हें कान में जाने का मौका मिलना ही चाहिए, लेकिन इस साल बहुत सारे लोग कान में देखे गए। मुझे यह भी लगता है कि इस तरह भीड़ के बढ़ने से कान फिल्म फेस्टिवल की विशिष्टता थोड़ी कम हो गई है’।