Thursday , October 24 2024

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कांग्रेस नेता जयराम रमेश का एनसीईआरटी पर बड़ा आरोप, कहा- आरएसएस के मिलकर संविधान पर कर रही हमला

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) ने पाठ्यपुस्तकों में कुछ बदलाव किया है। इसके बाद से ही वे लगातार विवादों में घिरे हुए हैं। एनसीईआरटी की नई किताबें बाजार में आई हैं। इनमें कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की किताब में बाबरी मस्जिद का जिक्र नहीं है और इसे तीन गुंबद ढांचा बताया गया है। साथ ही अयोध्या के बारे में जो पहले चार पेज का पाठ था, अब उसे घटाकर दो पेज का कर दिया गया है और कई जानकारियां हटा दी गई हैं। यह अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आधारित है, जिससे राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हुआ।

इसके बाद सोमवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि यह संस्थान 2014 से आरएसएस से संबद्ध संस्था के रूप में काम कर रही है और संविधान पर हमला कर रही है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने नीट 2024 में ‘ग्रेस मार्क्स’ की गड़बड़ी के लिए एनसीईआरटी को दोषी ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल एनटीए की अपनी विफलताओं से ध्यान हटा रहा है। “हालांकि यह सच है कि एनसीईआरटी अब एक पेशेवर संस्था नहीं रही। यह 2014 से आरएसएस से संबद्ध संस्था के रूप में काम कर रही है।

धर्म निरपेक्षता की आलोचना कर रही 11 वीं की राजनीति विज्ञान की किताब
कांग्रेस नेता ने कहा कि इसकी संशोधित कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक धर्मनिरपेक्षता के विचार की आलोचना करती है और साथ ही इस संबंध में राजनीतिक दलों की नीतियों की भी आलोचना करती है। कांग्रेस नेता ने कहा, “एनसीईआरटी का उद्देश्य पाठ्यपुस्तकें तैयार करना है, न कि राजनीतिक पर्चे और प्रचार करना।” “एनसीईआरटी हमारे देश के संविधान पर हमला कर रही है, जिसकी प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्षता स्पष्ट रूप से भारतीय गणतंत्र के आधारभूत स्तंभ के रूप में मौजूद है। उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न निर्णयों में स्पष्ट रूप से धर्मनिरपेक्षता को संविधान के मूल ढांचे का एक अनिवार्य हिस्सा माना गया है।”

एनसीईआरटी याद रखे अपना वजूद
जयराम रमेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि एनसीईआरटी को खुद को याद दिलाने की जरूरत है कि यह राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद है, “नागपुर या नरेंद्र शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नहीं।” उन्होंने आरोप लगाया कि “इसकी सभी पाठ्यपुस्तकों की गुणवत्ता संदिग्ध है।, जो स्कूल में मुझे आकार देने वाली पुस्तकों से बहुत अलग हैं।”

टीएमसी नेता ने भी साधा एनसीईआरटी पर निशाना
टीएमसी नेता साकेत गोखले ने भी एनसीईआरटी पर निशाना साधते हुए कहा, “बेशर्म एनडीए 1.0 सरकार” छात्रों से “असुविधाजनक तथ्य” छिपा रही है। उन्होंने कहा, ” यह तर्क दिया जा रहा है कि बच्चों को विश्व युद्ध जैसी अन्य ‘हिंसक निराशाजनक चीजों’ के बारे में क्यों पढ़ाया जाए?” क्या भाजपा और पीएम मोदी को अपराधियों और दंगाइयों के रूप में अपने इतिहास पर शर्म आती है? उन्होंने पूछा, “छात्रों से सच्चाई क्यों छिपाई जाए?”

एनसीईआरटी निदेशक ने खारिज किए थे आरोप
एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने कहा कि पाठ्यपुस्तकों में बदलाव वार्षिक संशोधन का हिस्सा हैं और इस पर शोर-शराबा नहीं होना चाहिए। संख्या पर लगाए जा रहे स्कूली पाठ्यक्रमों के भगवाकरण के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद विध्वंस के संदर्भों को स्कूली पाठ्यपुस्तकों में संशोधित किया गया है।

खराब सिग्नल को तेज गति से पार करने दिया गया या फिर लोको पायलट ने की अनदेखी? रेलवे ने कही यह बात

पश्चिम बंगाल:  पश्चिम बंगाल में सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस सोमवार को सुबह न्यू जलपाईगुड़ी के पास हादसे का शिकार हो गई। उसे एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। यह हादसा इतना भयानक था कि मालगाड़ी से टक्कर होने के बाद ट्रेनों की तीन बोगियां पटरी से उतर गईं। जबकि कई बोगियां हवा में लहरा गईं। वहीं 15 लोगों की मौत हो गई, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। आइए जानते हैं ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे की यादें ताजा करने वाली दुर्घटना कैसे हुई।

सुबह-सुबह खराब था सिग्नल सिस्टम
रेलवे सूत्रों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि रानीपात्रा रेलवे स्टेशन और पश्चिम बंगाल के छत्तर हाट जंक्शन के बीच सुबह साढ़े पांच बजे से ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम खराब पड़ा था।सूत्रों ने बताया कि ट्रेन नंबर 13174 (सियालदह कंचनजंगा एक्सप्रेस) रंगापानी स्टेशन से सुबह आठ बजकर 27 मिनट पर रवाना हुई थी और सुबह पांच बजकर 50 मिनट पर ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम खराब होने के चलते रानीपतरा रेलवे स्टेशन तथा छत्तर हाट के बीच रुकी रही।

क्या जारी किया गया टीए 912?
वहीं, एक अन्य रेलवे अधिकारी ने बताया कि जब ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम फेल हो जाता है, तो स्टेशन मास्टर टीए 912 नामक एक लिखित प्राधिकरण जारी करता है, जो चालक को खराबी के कारण सेक्शन में सभी लाल सिग्नलों को पार करने का अधिकार देता है।

उन्होंने कहा कि रानीपतरा के स्टेशन मास्टर ने ट्रेन संख्या 1374 (सियालदह कंचनजंगा एक्सप्रेस) के लिए टीए 912 जारी किया था।अधिकारी ने आगे कहा कि उसी समय एक मालगाड़ी जीएफसीजे सुबह आठ बजकर 42 मिनट पर रंगापानी से रवाना हुई और 13174 के पिछले हिस्से से टकरा गई। इससे गार्ड का डिब्बा, दो पार्सल डिब्बे और एक सामान्य सीटिंग डिब्बा पटरी से उतर गया।

चालक ने सिग्नल की अनदेखी की?
रेलवे बोर्ड ने अपने शुरुआती बयान में कहा था कि मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल की अनदेखी की थी। इस हादसे में मरने वालों की कुल संख्या आठ बताई जा रही है। हालांकि कुछ स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि यह संख्या 15 तक हो सकती है

यह है नियम
सूत्रों ने कहा कि जांच से ही पता चल सकेगा कि क्या मालगाड़ी को खराब सिग्नलों को तेज गति से पार करने के लिए टीए 912 दिया गया था या फिर यह लोको पायलट था, जिसने खराब सिग्नल के नियम का उल्लंघन किया था। अगर बाद वाला मामला है तो चालक को हर खराब सिग्नल पर एक मिनट के लिए ट्रेन रोकनी थी और 10 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ना था।

लोको पायलट के संगठन ने रेलवे के इस बयान पर सवाल उठाया है कि ड्राइवर ने लाल सिग्नल का उल्लंघन किया। भारतीय रेलवे लोको रनिंगमैन संगठन (आईआरएलआरओ) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने कहा, ‘लोको पायलट को हादसे का जिम्मेदार मानना बेहद आपत्तिजनक है। हादसे में उनकी भी जान गई है। वहीं सीआरएस जांच लंबित है।’

रेलवे बोर्ड ने किया चौंकाने वाला खुलासा
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि बचाव अभियान पूरा हो गया है। ट्रेन चला रहे चालक (लोको पायलट) ने सिग्नल की अनेदखी की थी, जिसकी वजह से हादसा हुआ। हालांकि, हादसे में उसकी भी मौत हो गई। वहीं, कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड ने भी अपनी जान गंवा दी है। उन्होंने रहा कि अगरतला-सियालदह मार्ग के सभी रेलवे स्टेशनों पर हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं।

महाराष्ट्र, हरियाणा समेत इन राज्यों में भाजपा ने नियुक्त किए चुनाव प्रभारी; शिवराज को इस राज्य का जिम्मा

नई दिल्ली:  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने दिग्गज नेताओं को अलग-अलग राज्यों के चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके साथ ही पार्टी ने पंजाब और पश्चिम बंगाल में होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम का एलान भी किया। पार्टी ने सोमवार को बताया कि केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को महाराष्ट्र का चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को सह-प्रभारी नियुक्त किया गया है। इसके अलावा केंद्रीय धर्मेंद्र प्रधान को हरियाणा का चुनाव प्रभारी और सांसद बिप्लब कुमार देव को सह-प्रभारी बनाया गया है। पार्टी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को झारखंड का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। उनके साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा को सह-प्रभारी बनाया गया है। पार्टी ने जी किशन रेड्डी को जम्मू और कश्मीर के लिए चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया।

इसके साथ ही पार्टी ने पंजाब और पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए भी नामों का एलान कर दिया है। भाजपा ने पंजाब की जालंधर पश्चिम (एससी) से शीतल अंगुराल को उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के रायगंज से मानस कुमार घोष, रानाघाट दक्षिण (एससी) से मनोज कुमार बिस्वास, बागदा (एससी) से बिनय कुमार बिस्वास और मानिकतला से कल्याण चौबे भट्टाचार्य को उम्मीदवार बनाया है।

रवींद्र वायकर मामले में आदित्य ठाकरे बोले- कोर्ट जाएंगे, राउत ने कहा- लोकसभा में सांसद की शपथ पर लगे रोक

मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से रविंद्र वायकर ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) से चुनाव लड़ा था। वे री-काउंटिंग में 48 वोटों से जीते थे। इस जीत के बाद से ही उनपर कई आरोप लगाए जा रहे हैं। शिवसेना शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने चुनाव आयोग को चेतावनी जारी की। उन्होंने चुनाव आयोग को आसानी समझौता करने वाला बताकर कहा कि हम अदालत जाएंगे। उन्होंने कहा, “हमारे प्रत्याशी ने अमोल कीर्तिकर ने सीट जीत ली है। हम अदालत जाएंगे। उन्होंने चुनावा आयोग पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अब चुनाव आयोग नहीं रहा, यह ‘आसानी से समझौता करने वाला’ बन गया है। आदित्य ठाकरे ने भाजपा पर वार करते हुए कहा कि अगर ईवीएम नहीं होती, तो भाजपा 40 सीटें भी नहीं जीत पाती।”

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने मांग की है कि शिवसेना नेता को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने से रोका जाना चाहिए। 4 जून को लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान गोरेगांव के एक मतगणना केंद्र पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के रविंद्र वायकर के रिश्तेदार के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने को लेकर उनकी 48 वोटों से जीत पर सवाल उठाए गए हैं।

अब सोमवार को शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि शिवसेना नेता रवींद्र वायकर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने से रोका जाना चाहिए। बता दें कि मुंबई के वनराई पुलिस ने वायकर के साले के खिलाफ मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन इस्तेमाल करने का मामला दर्ज किया है। संजय राउत ने कहा, “वायकर की चुनावी जीत संदेह के घेरे में है, और मुंबई के वनराई पुलिस स्टेशन में पहले ही शिकायत दर्ज की जा चुकी है। चुनाव परिणाम को लेकर चल रहे विवाद के कारण, वायकर को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने से रोका जाना चाहिए।” उन्होंने कहा, “अगर जांच पूरी होने तक उन्हें लोकसभा सदस्य बनने से रोक दिया जाए तो यह लोकतंत्र का सच्चा प्रदर्शन होगा।”

अमोल कीर्तिकर को जिताएं या फिर कोर्ट में करेंगे अपील- अनिल परब
शिवसेना (यूबीटी) नेता अनिल परब का कहना है, “अमोल कीर्तिकर के 19वें राउंड के बाद वोटों की गिनती में अनियमितता शुरू हुई। हर सांसद की सीट पर गिनती के लिए कुल 14 टेबल हैं। हर राउंड की गिनती के बाद हर एक ईवीएम काउंटिंग टेबल के पास एक एआरओ अधिकारी मौजूद रहता है। अंतिम जानकारी एआरओ को दी जाती है लेकिन 19 राउंड की गिनती के बाद एआरओ को जानकारी नहीं दी गई। वहीं चुनाव अधिकारी के फोन पर बार-बार कॉल आ रहे थे, जिसके कारण वह बार-बार वॉशरूम जा रहे थे। हमें पता है कि किसका कॉल आया था। अभी तक चुनाव आयोग ने हमें सीसीटीवी फुटेज नहीं दी है। हम चुनाव आयोग से मांग करते हैं कि इस पूरे मामले की जांच की जाए और अमोल कीर्तिकर को विजेता घोषित किया जाए। अगले 2-3 दिनों में हम कोर्ट में अपील दायर करेंगे।”

48 वोटों से शिवसेना (यूबीटी) के अमोल कीर्तिकर को हराया था
इस लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के उम्मीदवार रविंद्र वायकर ने 4 जून को उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) के अमोल कीर्तिकर को 48 वोटों से हराया। संजय राउत ने किसी का नाम लिए बिना दावा किया कि वायकर के एक रिश्तेदार ने मतगणना वाले दिन से पहले वनराई पुलिस स्टेशन का लगातार दौरा किया और इसका उद्देश्य जानना चाहा। उन्होंने कहा, “वह वहां क्यों गया? क्या वह कोई सौदा करने की कोशिश कर रहा था? विवरण का खुलासा किया जाना चाहिए, अन्यथा मैं उनका पर्दाफाश कर दूंगा।”

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद AIADMK में होगी शशिकला की एंट्री? समर्थकों के बीच खुद किया एलान

चेन्नई:  तमिलनाडु में हाल ही में लोकसभा चुनाव में अन्नाद्रमुक की हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की भरोसेमंद नेता वीके शशिकला ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह नहीं सोचा जा सकता है कि इस हार के बाद अन्नाद्रमुक का पूरी तरह से सफाया हो गया। उन्होंने कहा कि उनकी वापसी का बिगुल बज गया है। इसी के साथ उन्होंने 2026 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर जयललिता के शासन को आगे बढ़ाने की कसम भी खाई।

पलानीस्वामी पर साधा निशाना
शशिकला ने पलानीस्वामी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अन्नाद्रमुक के नेतृत्व करते हुए पलानीस्वामी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाए। शशिकला ने आगे कहा कि अगर पलानीस्वामी ने विपक्ष के नेता के तौर पर सही सवाल नहीं पूछे तो वह विपक्षी दल के रूप में सरकार से सवाल करेंगी। इतने वर्षों में पलानीस्वामी के नेतृत्व में शशिकला पार्टी में वापसी नहीं कर पाईं, लेकिन अब उन्होंने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए अपनी वापसी का एलान कर दिया है।

शशिकला ने कहा, “यही वह समय है, जब मैं आपसे कह रही हूं कि चिंता की कोई बात नहीं है। निश्चित रूप से तमिलनाडु के लोग मेरे साथ हैं। मैं बहुत मजबूत हूं। यह नहीं सोचा जा सकता है कि अन्नाद्रमुक का सफाया हो गया, क्योंकि अब फिर से मेरी एंट्री होने वाली है। कार्यकर्ताओं और लोगों के समर्थन से 2026 विधानसभा चुनाव जीतकर अम्मा (जयललिता) के शासन की शुरुआत की जाएगी।” उन्होंने बताया कि वह जल्द ही राज्य का दौरा करेंगी। वह सरकार से सवाल करेंगी, जिसका जवाब द्रमुक सरकार को देना होगा।

बिना किसी का नाम लिए शशिकला ने कहा कि जाति आधारित राजनीति की पार्टी में एंट्री हो चुकी है। अन्नाद्रमुक के संस्थापक एमजीआर और जयललिता द्वारा आगे बढ़ाने वाली इस पार्टी में जाति आधारित राजनीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वह 2017 में पलानीस्वामी को मुख्यमंत्री नहीं बनाती। उन्हें राज्य के पश्चिमी क्षेत्र के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री बनाया गया था। वह एमजीआर के दिनों से ही पार्टी के साथ खड़े थे।

पत्रकारों के सवालों का दिया जवाब
शशिकला ने कहा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी तीसरे और चौथे स्थान पर खिसक गई और कई क्षेत्रों में सीटें भी हार गई। पत्रकारों के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए विक्रवांडी उपचुनाव का बहिष्कार करना सही नहीं है। बता दें कि अन्नाद्रमुक और डीएमडीके ने 10 जुलाई को होने वाले उपचुनाव का बहिष्कार किया है।

बसों की खरीद समेत कई मुद्दों पर द्रमुक पर निशाना साधते हुए शशिकला ने कहा, “अगर विपक्ष के नेता (पलानीस्वामी) ऐसे सवाल नहीं पूछते हैं जो उन्हें पूछने चाहिए, तो मैं विपक्षी पार्टी हूं, मैं सवाल पूछ रही हूं।” इसी के साथ उन्होंने सभी को एकसाथ लाने, अन्नाद्रमुक को एकजुट करने और राज्य में फिर एक बार वापसी करने पर विश्वास जताया। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम और उनके समर्थकों को पलानीस्वामी ने निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद वे अन्नाद्रमुक के एकल नेता के रूप में उभरे।

एयर इंडिया की उड़ान में बड़ी लापरवाही, यात्री के खाने में मिली ब्लेड; एयरलाइन ने मानी गलती

नई दिल्ली:एयर इंडिया की बंगलूरू से सेन फ्रांसिस्को जाने वाली एक उड़ान में लापरवाही का मामला सामने आया है। उड़ान में यात्रा कर रहे एक यात्री के खाने में ब्लेड मिली है। एयरलान ने भी अपनी गलती मानी हैएयरलाइन के मुख्य ग्राहक अनुभव अधिकारी (चीफ कस्टमर एक्सपीरियंस ऑफिसर) राजेश डोगरा ने बताया कि एयर इंडिया ने पुष्टि की है कि हमारी एक उड़ान में सवार एक मेहमान के खाने में कोई बाहरी वस्तु पाई गई।

जांच के बाद पता चला है कि यह हमारे कैटरिंग पार्टनर की सुविधाओं में इस्तेमाल होने वाली वेजिटेबल प्रोसेसिंग मशीन से आई है। हमने अपने कैटरिंग पार्टनर के साथ मिलकर ऐसी किसी भी घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के उपायों को मजबूत करने के लिए काम किया है। जिसमें प्रोसेसर की ज्यादा बार जांच करना शामिल है, खासतौर पर किसी भी सब्जी को काटने के बाद।

‘नए आपराधिक कानूनों से सहमत नहीं थी संसद’, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने की रोक लगाने की मांग

नई दिल्ली:  भारत में एक जुलाई 2024 से तीन नए आपराधिक कानून ‘भारतीय न्याय संहिता’,’भारत सुरक्षा संहिता’ और ‘भारतीय साक्ष्य अधिनियम’ लागू होने जा रहे हैं। इसे लेकर विपक्ष ने कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का कहना है कि इन कानूनों से संसद पूर्ण रूप से सहमत नहीं थी और रिकॉर्ड 146 विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित करने के बाद इन्हें पारित किया गया था। तिवारी ने कहा कि ये नए कानून संसद के सामूहिक ज्ञान को प्रदर्शित नहीं करते।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी का केंद्रीय कानून मंत्री पर निशाना
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय कानून मंत्री सच को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया कि तीन कानूनों का कार्यान्वयन करना भारत की कानूनी प्रणाली को चोट पहुंचाने के समान होगा। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा ‘कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित करने के बाद संसद में तीन नए आपराधिक कानून मनमाने ढंग से पारित किए गए। ये तीन कानून संसद के सिर्फ एक वर्ग की इच्छा को दर्शाते हैं। ये कानून संसद के सामूहिक ज्ञान को प्रतिबिंबित नहीं करते।’

‘आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन भारत की कानूनी प्रणाली में बाधा डालने के समान’
मनीष तिवारी ने कहा कि गृह मामलों की स्थायी संसदीय समिति के विद्वान सदस्यों द्वारा इन कानूनों पर असहमति व्यक्त की गई थी। इसके बाद भी उनके विचारों पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि एक जुलाई से इन कानूनों का कार्यान्वयन भारत की कानूनी व्यवस्था में बाधा डालने के समान होगा। कांग्रेस नेता ने तीनों कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि इन कानूनों में शामिल कुछ प्रावधान नागरिक स्वतंत्रता पर हमले की तरह हैं।
बता दें कि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बीते रविवार को कहा था कि एक जुलाई 2024 से भारत में नए आपराधिक कानून लागू होंगे।

पूर्व सांसद केडी सिंह के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया दूसरा मुकदमा, जब्त हो चुकी है 30 करोड़ की संपत्ति

लखनऊ:तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद केडी सिंह समेत आठ लोगों के खिलाफ सीबीआई ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। राजधानी स्थित सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने यूपी सरकार की सिफारिश पर इस प्रकरण की जांच अपने हाथों में ली है। बता दें कि देशभर में निवेशकों की रकम हड़पने को लेकर केडी सिंह के खिलाफ सीबीआई पहले भी मुकदमे दर्ज कर चुकी है।

सीबीआई ने पूर्व सांसद से जुड़ी कंपनियों अलकेमिस्ट इंफ्रा रियल्टी लिमिटेड और अलकेमिस्ट टाउनशिप लिमिटेड द्वारा निवेशकों को लुभावनी स्कीम पर भूखंड और मकान देने का झांसा देकर गाढ़ी कमाई हड़पने के मामले की जांच शुरू कर दी है। सीबीआई द्वारा दर्ज मुकदमे में केडी सिंह के साथ बृजमोहन महाजन, सत्येंद्र कुमार सिंह, सुचित्रा खेमकर, नंद किशोर सिंह, जयश्री प्रकाश सिंह, छत्रपाल सिंह और नरेंद्र सिंह को नामजद किया है।

दरअसल, केडी सिंह और उनके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने 2009 में भदोही में कंपनियों का कार्यालय खोलने के बाद लुभावनी स्कीमों के जरिये निवेशकों से करीब दो करोड़ रुपये जमा कराए थे। बाद में निवेशकों को भूखंड नहीं दिए गए। निवेशकों द्वारा अपनी रकम वापस मांगने पर कंपनी के संचालक वर्ष 2018 में कार्यालय बंद करके भाग गए।

दो साल में दूसरा मुकदमा
बता दें कि केडी सिंह और उनकी कंपनियों के खिलाफ सीबीआई ने दो साल के भीतर दूसरा मुकदमा दर्ज किया है। इससे पहले प्रदेश सरकार की सिफारिश पर आजमगढ़ में दर्ज मुकदमे की जांच भी सीबीआई ने 26 जुलाई 2022 को टेकओवर की थी। करीब सौ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का यह मुकदमा निवेशक विजय कुमार चौहान ने दर्ज कराया था। सीबीआई ने तब केडी सिंह के 12 ठिकानों पर छापा भी मारा था। तत्पश्चात सीबीआई ने केडी सिंह को गिरफ्तार भी किया था।

ईडी ने जब्त की 30 करोड़ की संपत्ति
ईडी ने भी केडी सिंह के खिलाफ वर्ष 2016 में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था, जिसके बाद बीते मार्च माह में उनकी करीब 30 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया गया था। इसमें एयरक्राफ्ट, हिमाचल प्रदेश के शिमला में 250 बीघा भूमि और सिरमोर में 78 बीघा भूमि शामिल थी। इसके अलावा हरियाणा के पंचकुला में अलकेमिस्ट रियलिटी के 18 फ्लैट भी जब्त किए गए थे। ईडी की जांच मे सामने आया था कि केडी सिंह ने कंपनियों के जरिये कई राज्यों के निवेशकों के करीब 1900 करोड़ रुपये हड़पे हैं।

मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे गृह मंत्री अमित शाह, सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे शामिल

देश में तीसरी बार सत्ता में काबिज केंद्र सरकार देश के कई राज्यों में सुरक्षा की स्थिति को लेकर काफी सख्त नजर आ रही है। दरअसल कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने कई जगहों पर हमला किया था। जिसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक की थी। जिसमें सेना और सुरक्षाबलों के अधिकारियों को अहम निर्देश भी दिए गए थे। इसके बाद केंद्र सरकार अब अन्य राज्यों में सुरक्षा के स्थिति को लेकर समीक्षा करने वाली है।

राज्यों में सुरक्षा स्थिति को लेकर केंद्र सख्त
इस कड़ी में अब केंद्र सरकार हिंसा प्रभावित राज्यों में सुरक्षा स्थिति को लेकर सख्त हो गई है। गृह मंत्रालय के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी। जिसमें केंद्र, राज्य सरकार, सेना और सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में सुरक्षा की समीक्षा की जाएगी। बता दें कि मणिपुर में पिछले 10 दिनों में कई जगहों से हिंसक घटनाएं सामने आयी थी।

मुख्यमंत्री के काफिले पर हुआ था हमला
10 जून को कांगपोकपी जिले में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया था। जिसमें एक जवान के घायल होने की सूचना मिली थी। ये हमला तब हुआ था जब मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का काफिला हिंसा प्रभावित जिरीबाम इलाके की ओर जा रहा था। हालांकि इस मामले में कार्रवाई करते हुए मणिपुर पुलिस ने इंफाल-जिरीबाम सड़क के किनारे के सिनाम गांव में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के कब्जे वाले चार बंकरों को ध्वस्त किया था।

इंफाल में एक घर में फेंका गया था ग्रेनेड
वहीं राजधानी इंफाल में 11 जून को पोरोम्पैट में जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (जेएनआईएमएस अस्पताल) में न्यूरोसर्जन डॉ. एम अमित कुमार के घर पर हमलावरों मे ग्रेनेड से हमला किया था। हालांकि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ था। इस दौरान फेंके गए दो ग्रेनेड बमों में से एक ही फटा था, जिससे सिर्फ गाड़ी को नुकसान पहुंचा था। वहीं दूसरे ग्रेनेड को पुलिस ने निष्क्रिय कर दिया था।

सीआईडी के सामने पेश हुए कर्नाटक के पूर्व CM येदियुरप्पा, नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप

बंगलूरू:  कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा आज सीआईडी के समक्ष पेश हुए। दरअसल, उनपर एक नाबालिग के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया है। नाबालिग की मां ने पॉक्सो एक्ट के तहत उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले पर येदियुरप्पा ने कहा था कि वह 17 जून यानी की सोमवार को सीआईडी के सामने पेश होंगे। 11 जून को बंगलूरु की एक अदालत ने पॉस्को केस में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।

सीआईडी के समक्ष पेश होने से पहले येदियुरप्पा ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, “मैं सीआईडी के पास जा रहा हूं।” उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “राज्य के लोग कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं। महंगाई से जनता त्रस्त है। पेट्रोल और डीजल के दामों को बढ़ाने का राज्य सरकार का फैसला गलत है। यह एक क्राइम है। राज्य सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए।”

बता दें कि इससे पहले कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा था कि पूर्व सीएम के दिल्ली से लौटने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। गुरुवार को येदियुरप्पा के खिलाफ पॉस्को एक्ट के तहत गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने इसे षड़यंत्र बताया और कांग्रेस पर बी. नागेंद्र पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया।

क्या है पूरा मामला
पीड़िता की मां ने अपनी शिकायत में बताया कि घटना दो फरवरी को एक बैठक के दौरान हुई। येदियुरप्पा ने बताया कि कुछ दिन पहले एक महिला उनके घर आई थी। वह रोते हुए कह रही थी कि कुछ समस्या है। पूर्व सीएम ने आगे कहा, “मैंने उससे पूछा कि मामला क्या है और मैंने खुद पुलिस को फोन किया। कमिश्नर को मामले की जानकारी दी और उनसे उसकी मदद करने को कहा। बाद में महिला मेरे खिलाफ बोलने लगी। मैंने यह मामला पुलिस कमिश्नर के ध्यान में लाया है।” येदियुरप्पा ने इन आरोपों को नकार दिया।