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सीएम पेमा खांडू ने मंत्रियों में बांटे विभाग, उप-मुख्यमंत्री को मिली बड़ी जिम्मेदारी

ईटानगर: लोकसभा चुनाव के साथ अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी हुए। अरुणाचल में जहां एक तरफ कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन रहा तो दूसरी तरफ भाजपा ने जीत हासिल की। पेमा खांडू को एक बार अरुणाचल का मुख्यमंत्री बनाया गया। 13 जून को पेमा खांडू कैबिनेट के मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया। भाजपा नेता चाउना मीन को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है।

पेमा खांडू कैबिनेट में डिप्टी सीएम चाउना मीन को वित्त, योजना और निवेश, कर और उत्पाद शुल्क, राज्य लॉटरी, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी, बिजली और गैर-पारंपरिक ऊर्जा संसाधन जैसी जिम्मेदारियां दी गई हैं।

सीएम खांडू ने दिया कैबिनेट का विवरण
सीएम पेमा खांडू ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंत्रियों के नामों के साथ उनके विभागों का विवरण दिया। अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, “यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सभी मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद मेरे सभी सहयोगियों को विभाग आवंटित कर दिया गया है। यह टीम अरुणाचल को प्रगति की ऊंचाई पर ले जाने के लिए उत्साह, समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी। यह टीम अनुभवी और युवा मंत्रियों का मिश्रण है, जो लोगों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अपने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नई ऊर्जा के साथ मिलकर काम करें। सभी को बधाई और शुभकामनाएं।”

बता दें कि अरुणाचल की 60 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 46 पर जीत हासिल की। वहीं एनपीईपी को पांच, एनसीपी को तीन, पीपीए को दो, कांग्रेस को एक और निर्दलीय को तीन सीटों पर जीत मिलीं। अरुणाचल के अलावा सिक्किम में भी विधानसभा चुनाव हुए थे। यहां 32 विधानसभा सीटों पर एसकेएम ने 31 पर जीत हासिल की, जबकि एसडीएफ को एक सीट पर जीत मिली।

प्रिक्स वर्सेल्स पुरस्कार के लिए चुने गए सात सबसे खूबसूरत संग्रहालय; इसमें भुज का स्मृतिवन स्मारक भी

अहमदाबाद:  यूनेस्को ने प्रतिष्ठित प्रिक्स वर्सेल्स पुरस्कार के लिए सात खुबसूरत संग्रहालयों को चुना है। इसमें गुजरात के भुज के स्मृतिवन भूकंप स्मारक संग्रहालय का नाम भी शामिल है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।

सीएम भूपेंद्र पटेल ने जताई खुशी
सीएम भूपेंद्र पटेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “भारत और गुजरात के लिए गर्व का समय। भुज में स्मृतिवन भूकंप स्मारक संग्रहालय को प्रतिष्ठित प्रिक्स वर्सेल्स पुरस्कार के तहत दुनिया के सात सबसे खूबसूरत संग्रहालयों में सूचीबद्ध किया गया है।” उन्होंने अपने पोस्ट में आगे कहा, “यह गुजरात के लिए गर्व करने का समय है कि पहली बार भारतीय संग्रहालय को उसके स्थानीय संस्कृति और प्राकृतिक संरक्षण के लिए विश्व स्तरीय मान्यता मिली।”

पीएम मोदी को दिया श्रेय
सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि यह गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण था। उन्होंने 2001 में भूकंप के शिकार हुए लोगों की याद में संग्रहालय बनवाया। कच्छ की पटरी पर लौटने की प्रतिबद्धता को नमन। इसी के आधार पर भुज में स्मृतिवन का निर्माण किया गया। इस संग्रहालय को भुजिया पहाड़ी हजारों पेड़ों के बीच बनाया गया है। इसका डिजाइन उल्लेखनीय है।

यूनेस्को के प्रिक्स वर्सेल्स ने एक विज्ञप्ति में कहा, “इतिहास में पहली बार प्रिक्स वर्सेल्स ने 2024 के लिए विश्व के सबसे खूबसूरत संग्रहालयों की सूची जारी की है। इस साल प्रिक्स वर्सेल्स अपनी दसवीं वर्षगांठ मना रहा है।” विज्ञप्ति में आगे कहा गया कि ये सभी तीन विश्व खिताब 2024 – प्रिक्स वर्सेल्स, इंटीरियर और एक्सटीरियर के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे। विजेताओं की घोषणा नवंबर के अंत तक यूनेस्को मुख्यालय में की जाएगी। प्रिक्स वर्सेल्स के महासचिव जेरोम गौडैन ने खुशी जताते हुए कहा कि अब संग्रहालय भवनों को बेहतर पहचान मिलेगी।

‘एनडीए सरकार गलती से बनी, ज्यादा दिन नहीं चलेगी’, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बड़ा दावा

बंगलूरू: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का दावा है कि एनडीए सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी और ये कभी भी गिर सकती है। खरगे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को अपने सहयोगियों को एकजुट रखने में काफी परेशानी हो रही है।

खरगे बोले-कभी भी गिर सकती है ये सरकार
बंगलूरू में मीडिया से बात करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘एनडीए सरकार गलती से बनी। मोदी जी के पास जनादेश नहीं है, यह अल्पमत की सरकार है। यह सरकार कभी भी गिर सकती है। उन्होंने कहा, ‘हम चाहते हैं कि यह जारी रहे, यह देश के लिए अच्छा हो, हमें देश को मजबूत बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।’

उल्लेखनीय है कि 543 सदस्यों वाली लोकसभा में बहुमत का आंकड़ा 272 है, लेकिन भाजपा बहुमत के आंकड़े से काफी पीछे रही और 240 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी। ऐसे में सरकार बनाने के लिए भाजपा एनडीए गठबंधन के सहयोगियों पर निर्भर है। जिनमें 16 सीटें जीतने वाली तेदेपा, 12 सीटें जीतने वाली जदयू और एकनाथ शिंदे की शिवसेना (7) और लोजपा (5) प्रमुख हैं।

खरगे के बयान पर एनडीए का पलटवार
खरगे के बयान पर जदयू ने पलटवार किया है और उनसे पूछा कि जब कांग्रेस ने गठबंधन की सरकार बनाई थी, तब उनके प्रधानमंत्री का स्कोर कार्ड क्या थे? बता दें कि साल 1991 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने भी इतनी ही सीटें जीतीं थी, जितनी भाजपा ने 2024 में जीती हैं। बिना किसी स्पष्ट बहुमत के कांग्रेस ने पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में अल्पमत की सरकार बनाई थी। हालांकि पीवी नरसिम्हा राव ने छोटी पार्टियों को तोड़कर अपनी अल्पमत की सरकार को दो साल में ही बहुमत की सरकार बना लिया था।

इटली में प्रधानमंत्री मोदी और मेलोनी की सेल्फी, एक-दूसरे को किया नमस्ते; बाइडन और पोप को लगाया गले

नई दिल्ली : जी7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच नेशन’ सत्र में दुनिया भर के नेताओं ने एक साथ फोटो खिंचवाई। जी7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक नेताओं से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने सभी देशों के साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी की सेल्फी और नमस्ते सबसे ज्यादा चर्चा में रहा।

प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इंसियो लूला दा सिल्वा, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान और यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने यूएई के राष्ट्रपति को गले लगा लिया।

इटली में G7 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री किशिदा से मुलाकात की। पीएम मोदी ने कहा कि शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत के लिए भारत और जापान के बीच मजबूत संबंध महत्वपूर्ण हैं। हम बुनियादी ढांचे और सांस्कृतिक संबंधों को भी औरआगे बढ़ाना चाहते हैं।

जी-7 सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्रीय के सचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने गर्मजोशी के साथ एक दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया।

जी 7 के मौके पर पीएम मोदी ने पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। इस मौके पर पीएम मोदी ने लोगों की सेवा करने के लिए पोप की तारीफ की। साथ ही पोप को भारत आने का निमंत्रण भी दिया।

इटली में प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषिसुनक से मुलाकात की। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिटेन के पीएम मे मिलकर खुशी हुई। मैंने भारत-ब्रिटेन के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई है। दोनों देशों के बीच सेमीकंडक्टर, प्रौद्योगिकी और व्यापार जैसे क्षेत्रों में संबंधों को गहरा करने की काफी गुंजाइश है।

‘भारत जलवायु के मुद्दे पर और बड़ी भूमिका निभा सकता है, 2028 में COP की मेजबानी करे’, सुनीता नारायण बोलीं

नई दिल्ली:  प्रमुख पर्यावरणविद् सुनीता नारायण ने कहा कि भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बनकर और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को सामने रखकर जलवायु वार्ता में और भी बड़ी भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2028 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की योजना बना रहे हैं।

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की महानिदेशक नारायण ने कहा कि जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र रूपरेखा संधि के तहत पार्टियों का सम्मेलन एकमात्र ऐसा मंच है, जहां जलवायु परिवर्तन से पैदा हुईं चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय निर्णय लिए जा सकते हैं।

हमारे सामने चुनौतियां हैं
उन्होंने कहा, ‘दक्षिण के देशों के लिए खड़े होने वाले देश के रूप में हम और भी बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। हमारे सामने चुनौतियां हैं। हम अपनी चुनौतियों के बारे में बात कर सकते हैं, उन्हें दबा नहीं सकते। हम दुनिया को आगे बढ़ने का बेहतर रास्ता खोजने में मदद कर सकते हैं। हम नेतृत्व की भूमिका निभा सकते हैं।

पीएम मोदी ने दुबई में पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी-28) में अपने संबोधन में 2028 में भारत में जलवायु सम्मेलन की मेजबानी करने की पेशकश की थी। सीओपी की अध्यक्षता बारी-बारी से सभी देश करेंगे। भारत के लिए अगला अवसर 2028 में होगा, जब एशिया को अपनी बारी मिलेगी। उस समूह के सभी देशों को मोदी की दावेदारी पर सर्वसम्मति से सहमत होना होगा, तभी इसकी पुष्टि होगी।

हमें सीओपी की मेजबानी करनी चाहिए
नारायण ने कहा कि हमें सीओपी की मेजबानी करनी चाहिए और बिल्कुल हमें बात करनी चाहिए। देखिए, जलवायु परिवर्तन दुनिया की एक बड़ी समस्या है। इसका द्विपक्षीय स्तर पर समाधान नहीं किया जा सकता है। यह एक बहुपक्षीय मुद्दा है। उन्होंने आगे कहा कि जलवायु परिवर्तन समाजवाद को पुनः सीखने का एक तरीका है, क्योंकि यह एक साझा वातावरण के बारे में है, जहां देशों को एक साथ रहना सीखना होगा, चाहे वे इसे पसंद करें या नहीं।

इटली के जी-7 शिखर सम्मेलन से वापस लौटे पीएम मोदी, बोले- विश्व मंच पर प्रस्तुत किया भारत का दृष्टिकोण

इटली में G7 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। इसमें भारत को बतौर आउटरीच सत्र में प्रतिभाग किया। इस सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ ही यूरोपीय यूनियन शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इटली की पीएम मेलोनी के निमंत्रण पर मैं 14 जून को जी-7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के जाउंगा।उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है। आउटरीच सत्र में चर्चा के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, उर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर फोकस किया गया।

शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन जी-7 में शामिल मेजबान इटली के साथ अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान और कनाडा ने चीन के खिलाफ दो संकल्पों को मंजूरी दी। इनमें उन संस्थाओं के खिलाफ भी प्रतिबंध लगाने का वादा किया है, जिन्होंने धोखाधड़ी से तेल की ढुलाई करके रूस को प्रतिबंधों से बचने में मदद की है।

पीएम मोदी के अलावा ये भी रहे आमंत्रित
जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के अलावा मेलनी ने अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देलमदजीद तेब्बौने, केन्याई राष्ट्रपति विलियम रुटो और ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सईद को आमंत्रित किया है। अन्य अतिथियों में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और तुर्किये के राष्ट्रपति रेचप तैयब अर्दोआन शामिल रहे।

दक्षिण चीन सागर में ड्रैगन की हरकतों का विरोध
मसौदा बयान में कहा गया, हम दक्षिण चीन सागर में चीन के सैन्य बल और समुद्री मिलिशिया के खतरनाक इस्तेमाल और देशों की गहरे समुद्रों में नौवहन की स्वतंत्रता में बार-बार बाधा डालने, बलपूर्वक एवं धमकाने वाली गतिविधियों का विरोध करना जारी रखेंगे।

पीएम मोदी ने इनसे की मुलाकात
जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिडिसि एयरपोर्ट से भारत के लिए रवाना हो गए। इटली में उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और पोप फ्रांसिस सहित कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। वहीं, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात काफी चर्चा में रही।

चर्चा में रही फोटो और नमस्ते
इस सम्मेलन की एक फैमिली फोटो काफी चर्चाओं में आ गई है, जिससे साफ जाहिर होता है कि जी7 का सदस्य न होते हुए भी भारत का दबदबा कायम है। दुनिया भर के नेताओं ने शुक्रवार रात जी-7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच राष्ट्र’ सत्र में एक फैमिली तस्वीर खिंचवाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर यह तस्वीर साझा की। उन्होंने लिखा ‘इटली में जी7 शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं के साथ।’ इस तस्वीर में पीएम मोदी मंच पर बीचोंबीच खड़े हुए दिखाई दिए, जबकि इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी खुद नीचे वाली लाइन में खड़ी थीं। यहां तक कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी नीचे खड़े हुए नजर आए। उनके साथ अन्य देशों के प्रमुख भी दाएं-बाएं खड़े दिखे।

पीएम मोदी साथ राष्ट्रपति मेलोनी की रही चर्चा
‘आउटरीच नेशन’ सत्र में दुनिया भर के नेताओं ने एक साथ फोटो खिंचवाई। जी7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री ने सभी देशों के साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी की सेल्फी भी ली। उन्होंने फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा #सीआपी 28 में अच्छे दोस्त, #मेलाडी।

भारत के इन आश्रमों में रहने के लिए पैसों की जरूरत नहीं, खाना भी मिलता है मुफ्त

भारत में घूमने की कई जगहें हैं और यात्रा का शौक रखने वाले साल में कई बार इन जगहों की सैर के लिए जाते हैं। पर्यटक घूमने के साथ ही अच्छी जगहों पर ठहरना भी पसंद करते हैं। हालांकि इस चक्कर में उनकी जेब पर काफी बोझ पड़ जाता है। सफर के लिए सस्ती परिवहन सेवा का चयन करके आने जाने का खर्च तो काबू में किया जा सकता है, जैसे फ्लाइट की जगह ट्रेन या बस से यात्रा, लेकिन ठहरने के लिए अच्छी और सस्ती जगह पर समझौता हो पाना मुश्किल होता है। पर्यटकों के लिए इस लेख में कुछ ऐसे आश्रमों के बारे में बताया जा रहा है, जहां ठहरने लिए बिल्कुल पैसा व्यय नहीं करना पड़ता है। यह आश्रम ठहरने के लिए सुविधाजनक हैं और यहां पैसे नहीं देने पड़ते, बल्कि मुफ्त में रहने के साथ ही खाने पीने को भी मिलता है।

ऋषिकेश में मुफ्त ठहरने की जगह

पूरे साल उत्तराखंड के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल ऋषिकेश में पर्यटकों की भीड़ रहती है। यहां दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। इस आध्यात्मिक शहर ऋषिकेश में ठहरने के लिए कई छोटे बड़े होटल मिल जाएंगे लेकिन बिना पैसे खर्च किए रहना चाहते हैं तो भारत हेरिटेज सर्विसेज जरूर जाएं। ऋषिकेश के इस आश्रम में मुफ्त में ठहर सकते हैं। यहां रुकने और खाने पीने के लिए पैसे नहीं देने होते हैं। यहां सारी सुविधाएं मुफ्त है , बदले में आपको कुछ वालंटियर का काम करना होगा।
तमिलनाडु में मुफ्त ठहरने का आश्रम

तमिलनाडु में तिरुवन्नामलई की पहाड़ियां पर्यटको के लिए आकर्षण का केंद्र है। अगर आप भी तिरुवन्नामलई की पहाड़ियों को घूमने की योजना बना रहे हैं तो रामनाश्रामम में ठहर सकते हैं। यहां मुफ्त में ठहने को मिलेा। यह आश्रम श्री भगवान मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। कहते हैं जो भक्त यहां ठहरते हैं वो श्री भगवान मंदिर के दर्शन के लिए आते हैं। इसलिए भक्तों से कोई भी पैसा नहीं लिया जाता।

हिमाचल में मुफ्त ठहरने की जगह

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हर रोज हजारों पर्यटक बड़ी संख्या में घूमने के लिए आते हैं। हिमाचल प्रदेश के मणिकर्ण नाम की जगह पर मुफ्त में ठहरने के लिए जगह मिल जाएगी। यहां मणिकर्ण साहिब नान के आश्रम में फ्री में ठहर सकते हैं। यहां ठहरने या खाने पीने के लिए कोई पैसा नहीं देना पड़ता है।

युवाओं में इन दो वजहों से बढ़ रही हैं किडनी की बीमारियां, कहीं आप भी तो नहीं हैं शिकार?

किडनी की बीमारियों पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इसके जानलेवा दुष्प्रभाव हो सकते हैं। युवा आबादी में किडनी से संबंधित बीमारियों का खतरा काफी तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण वैसे तो संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर होता है पर ये कम उम्र के लोगों में किडनी से संबंधित जानलेवा दुष्प्रभावों को बढ़ाने वाली मानी जा रही है।

हार्वर्ड हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में अनुमानित 37 मिलियन (3.7 करोड़) लोग क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) से पीड़ित हैं। इनमें से बड़ी संख्या 30 साल से कम आयु के लोगों की है। शुरुआती चरणों के दौरान, 10 में से नौ लोगों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें यह बीमारी है। अगर किडनी की बीमारी का समय रहते पता चल जाए और उसका सही तरीके से इलाज हो जाए, तो गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।

किडनी की समस्याओं पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो ये जानलेवा भी हो सकती है।

क्यों बढ़ रही हैं किडनी की बीमारी?

दिनचर्या की कई गड़बड़ आदतों को किडनी की बीमारियों को बढ़ाने वाला माना जाता रहा है। उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हाई कोलेस्ट्रॉल के शिकार लोगों में क्रोनिक किडनी डिजीज होने का खतरा अधिक हो सकता है। जहां तक बात कम उम्र या युवा आबादी में किडनी के बीमारियों के बढ़ने की है तो इसके लिए मुख्यरूप से दो स्थितियों को जिम्मेदार माना जा रहा है- धूम्रपान और बढ़ा हुआ रक्तचाप। अगर जीवन के शुरुआती चरणों में किडनी की बीमारी हो जाती है तो इसके कारण जीवन की गुणवत्ता पर भी नकारात्मक असर होने का जोखिम रहता है।

धूम्रपान की आदत खतरनाक

धूम्रपान का नकारात्मक असर संपूर्ण स्वास्थ्य पर हो सकता है, पर इस आदत के कारण किडनी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचने का खतरा हो सकता है। धूम्रपान आपके दिल और रक्त वाहिकाओं (कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम) को नुकसान पहुंचती है, जिससे किडनी में रक्त का प्रवाह बाधित हो सकता है। रक्त प्रवाह में होने वाली समस्याओं का जोखिम किडनी की सेहत के लिए भी बहुत हानिकारक माना जाता है। किडनी सहित संपूर्ण सेहत को ठीक रखने के लिए धूम्रपान से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जाती है।

उच्च रक्तचाप के भी नुकसान

कई अध्ययनों में इस बात को लेकर चिंता जताई जाती रही है कि युवा आबादी में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ती जा रही है। समय के साथ उच्च रक्तचाप आपके पूरे शरीर में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है, इससे किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है। उच्च रक्तचाप के कारण आपकी किडनी में मौजूद छोटी फिल्टरिंग इकाइयां भी क्षतिग्रस्त होने लग जाती हैं जिससे किडनी का सामान्य कार्य बाधित होने लगता है। रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ निकालने में होने वाली समस्या संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

गर्मियों में ये लक्षण भी शुगर बढ़ने का हो सकते हैं संकेत, न करें इन्हें अनदेखा

हाई ब्लड शुगर की समस्या को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। गर्मी के दिनों में ब्लड शुगर बढ़ने और इसके कारण होने वाली दिक्कतों का जोखिम और भी अधिक हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, जिन लोगों के शुगर का स्तर अक्सर सामान्य से अधिक बना रहता है उनमें हृदय रोग, तंत्रिकाओं, आंखों से संबंधित कई तरह की दिक्कतों का जोखिम रहता है। इसे नियंत्रित रखने के लिए आहार और पाचन को ठीक रखना जरूरी हो जाता है।

डॉक्टर बताते हैं, उच्च तापमान की स्थिति शुगर को बढ़ा सकती है। ऐसे में जिन लोगों को पहले से डायबिटीज की समस्या रही है उन्हें धूप के संपर्क में आने से बचने, खूब पानी पीते रहने की सलाह दी जाती है। गर्मियों में शुगर बढ़ने के कारण आपको कई प्रकार के अप्रत्याशित लक्षणों का भी अनुभव भी हो सकता है जिनपर समय रहते ध्यान देना जरूरी हो जाता है। आइए इस बारे में जानते हैं।

गर्मियों में शुगर लेवल बढ़ने की समस्या

वेबएमडी में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी के दिनों की असामान्य परिस्थितियां शुगर के स्तर में बढ़ोतरी का कारण बन सकती हैं। इन दिनों में निर्जलीकरण का जोखिम अधिक होता है जो सीधे तौर पर रक्त शर्करा को बढ़ा सकती है। इसके अलावा उच्च तापमान के कारण रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं, जिससे इंसुलिन का अवशोषण बढ़ सकता है। ये स्थितियां भी शुगर के स्तर में असामान्य रूप से परिवर्तन का कारण बन सकती हैं। गर्मियों में शुगर लेवल बढ़ने के इन लक्षणों को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहना जरूरी है।

बहुत अधिक प्यास लगना

गर्मियों में प्यास लगना सामान्य है, हालांकि पानी पीते रहने के बावजूद अगर आपको प्यास लगी रहती है तो इसे उच्च रक्त शर्करा का संकेत माना जा सकता है। शुगर बढ़ने के कारण किडनी को अतिरिक्त ग्लूकोज को छानने और अवशोषित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इससे मूत्र उत्पादन और शरीर में द्रव की कमी बढ़ जाती है। ये स्थितियां प्यास को बढ़ाने वाली मानी जाती हैं। अगर आपको बहुत अधिक प्यास लगी रहती है तो एक बार शुगर की जांच जरूर कर लें।

बार-बार पेशाब आना

रक्तप्रवाह में अतिरिक्त ग्लूकोज की मात्रा के कारण मूत्र उत्पादन बढ़ जाता है। यह शरीर द्वारा अतिरिक्त शर्करा को निकालने के लिए किया जाने वाला प्रयास है। अगर आपको बार-बार पेशाब जाने की जरूरत महसूस होती है, एक घंट में दो बार से अधिक पेशाब जाना पड़ता है तो सावधान हो जाइए। इन स्थितियों में नियमित रूप से रक्त शर्करा के स्तर की जांच करें और शुगर के उचित प्रबंधन के लिए डॉक्टर की सलाह लें।

थकान-कमजोरी जैसे लक्षण

शुगर का स्तर बढ़ने पर ऊर्जा के लिए ग्लूकोज का उपयोग करने की शरीर की क्षमता भी बाधित हो जाती है जिसके कारण आपको थकान और सुस्ती की दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा निर्जलीकरण के कारण मुंह और त्वचा अक्सर सूखा हुआ रहा है। गर्मियों में शरीर को स्वस्थ बनाए रखने और शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए संतुलित आहार का सेवन, नियमित शारीरिक गतिविधि और उचित नींद लेना सुनिश्चित करें। रक्त शर्करा के स्तर की नियमित रूप से जांच करते रहना बहुत जरूरी माना जाता है।

आ सकता है ‘कल्कि 2898 एडी’ का अगला भाग? सीक्वेल को लेकर वायरल हुआ नाग अश्विन का यह जवाब

नाग अश्विन के निर्देशन में बनी फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ इस साल की बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक है। फिल्म में कई बड़े सितारों का जमावड़ा देखने को मिलने वाला है। कई बड़े सितारों से सजी इस फिल्म को लेकर दर्शक देश-विदेश में बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। फिल्म में भारतीय पौराणिक कथाओं और साइंस-फिक्शन का मिश्रण देखने को मिलने वाला है। फिल्म की रिलीज डेट 27 जून, 2024 निर्धारित की गई है। बीते सोमवार की शाम ही फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया था, जिसे दर्शकों ने काफी पसंद किया है। अब फिल्म के सीक्वेल को लेकर खबरें सामने आ रही है।

फिल्म के सीक्वल पर निर्देशक ने टाला सवाल
इस साल की सबसे बहुप्रतीक्षित फिल्मों में से एक ‘कल्कि 2898 एडी’ बहुत जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म का प्रचार प्रसार भी तेजी से शुरू हो चुका है। इस दौरान टीम कई इंटरव्यू भी दे रही है, जिसमें फिल्म को लेकर कई तरह सवाल-जवाब किए जा रहे हैं। इस बीच एक मशहूर फिल्म समीक्षक के साथ निर्देशक नाग अश्विन का एक इंटरव्यू तेजी से वायरल हो रहा है। इस दौरान उनसे फिल्म के सीक्वेल को लेकर पूछा गया, जिस पर बहुत शांत तरीके से बात करते हुए उन्होंने सवाल को टाल दिया।

सीक्वेल को लेकर लगाई जा रही हैं अटकलें
‘कल्कि 2898 एडी’ को लेकर ये अटकलें लगाई जा रही हैं कि फिल्म के अन्य भाग भी आएंगे। हालांकि, निर्देशक ने इस पर कुछ आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन उनकी चुप्पी ने इतना जाहिर तो कर दिया है कि फिल्म का एक और भाग आ सकता है। फिल्म के ट्रेलर से भी अनुमान लगाया जा रहा है कि इस भाग में कल्कि को जन्म लेते ही दिखाया जाएगा। इसके अगले भाग में वो बुराई से लड़ते दिखाए जा सकते हैं। गौरतलब है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार कल्कि भगवान विष्णु के दसवें अवतार होंगे, जो बुराई को समाप्त कर नए युग की शुरुआत करेंगे और इस फिल्म के ट्रेलर में दीपिका के किरदार को गर्भवती दिखाया गया है, जिससे फैंस अनुमान लगा रहे हैं कि फिल्म का अगला भाग भी आएगा, जिसमें कल्कि बुराई से लड़ते दिखाए जाएंगे।

भारत की सबसे महंगी फिल्मों से एक है ‘कल्कि 2898 एडी’
बता दें कि ‘कल्कि 2898 एडी’ भारत की सबसे महंगी फिल्मों में से एक बतायी जा रही है। फिल्म का बजट 425 करोड़ रुपये बताया गया है। इस फिल्म में देश भर से कई बड़े सितारे एक साथ नजर आने वाले हैं। फिल्म में सपरस्टार प्रभास, अमिताभ बच्चन, कमल हासन, दीपिका पादुकोण, दिशा पटानी, बह्मानंद, शोभना, राजेंद्र प्रसाद, पाशुपति आदि कलाकार दिखाई देंगे। फिल्म का निर्देशन नाग अश्विन कर रहे हैं। वहीं, फिल्म का निर्माण वैजंयती मूवीज द्वारा किया जा रहा है।