Thursday , October 24 2024

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हरिश्चंद्र घाट पर पहुंचे कमिश्नर, पुनर्विकास के कार्यों का किया निरीक्षण; दिया ये निर्देश

वाराणसी:  मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने हरिश्चंद्र घाट पर हो रहे पुनर्विकास के कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने प्रस्तावित मॉडल में कुछ परिवर्तनों को प्राथमिकता दी। कहा कि इससे काशी की जनता को सहूलियत होगी। उन्होंने गतिमान कार्यों को निर्धारित समयावधि के भीतर पूरा करने को भी निर्देशित किया।

इस प्रोजेक्ट का निर्माण जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन (जिंदल ग्रुप) द्वारा कराया जा रहा है, जिसकी कार्यदायी संस्था ब्रिजटेक इन्फ्राविजन है। मंडलायुक्त ने निरीक्षण के दौरान कहा कि कार्य की प्रगति में तेजी लाने के लिए दिन के समय ट्रांजिट मिक्सर वाहन और अन्य निर्माण वाहन पास की अनुमति शीघ्र जारी की जाएगी। मंडलायुक्त के अनुसार, आने वाले आगंतुकों के लिए परिसर के निर्माण के बाद 22 फीट का पहुंच मार्ग बनाया जाएगा। सभी ट्रांसफार्मर को भवन के प्रथम तल स्तर पर सड़क किनारे शिफ्ट किया जाएगा।

कहा कि सीवर पंपिंग स्टेशन डीजी, डीजी पैनल और पैनल रूम को पहले निर्धारित टॉयलेट एरिया के पास शिफ्ट किया जाएगा और टॉयलेट को पूर्व निर्धारित एसटीपी पंप पैनल रूम के पास शिफ्ट किया जाएगा। सीवर पंपिंग स्टेशन पैनल और डीजी रूम के लिए सड़क के किनारे से प्रवेश प्रदान किया जाए, ताकि सभी कार्य बाहर की तरफ से ही संचालित किए जा सकें।

पहली मंजिल के स्तर पर बाहरी तरफ (सड़क के किनारे) पैरापेट दीवार का निर्माण किया जाएगा जिसके पीछे ट्रांसफार्मर छत पर रखे जाएंगे। निरीक्षण के दौरान अपर नगर आयुक्त दुष्यंत मौर्या, कार्यदायी संस्था के अंबरीश मिश्रा, योगेंद्र श्रीवास्तव उपस्थित रहे।

बेखौफ छात्रों ने हिरासत में बना डाली रील, सोशल मीडिया में वायरल होने पर बैकफुट में आई पुलिस

हमीरपुर: हमीरपुर जिले में भरुआ सुमेरपुर थाने की हवालात में पहुंचते ही लोग थर्राने लगते थे। लेकिन मारपीट में पकड़े गए छात्रों ने हवालात में बैठकर रील बनाई और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। रील वायरल होने पर पुलिस हरकत में आई। हालांकि वायरल रील की अमर उजाला पुष्टि नहीं करता है।

मामला कस्बे के थाने की हवालात का है। गत तीन जून को दो विद्यालयों के कुछ छात्रों के बीच मारपीट हुई थी। इसमें तीन छात्रों को पुलिस पकड़ लाई और हवालात में बंद कर दिया। हवालात पहुंचे छात्रों ने आराम से रील बनाई और इसको सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। साथ ही थाने के अंदर अपना भौकाल दिखाते हुए रील में लिखा कि यह तो बहुत कम है अभी और बाकी है…।

उधर, इसके बाद छात्रों को हवालात से छोड़ दिया गया। वहीं, रील वायरल होने पर पुलिस बैकफुट में आ गई और छात्रों को हिरासत में लेने की बात कही है। मामले को लेकर लोगों का कहना है कि इसमें पुलिस की लापरवाही साफ नजर आ रही है। लड़के हवालात में रील बनाते रहे और उन्हें किसी ने नहीं टोका। उधर, थानाध्यक्ष राकेश कुमार का कहना है कि पकड़े गए युवक छात्र थे। इसलिए डांट-डपट कर छोड़ दिए गए थे।

अखिलेश यादव से मिले आप सांसद संजय सिंह, बोले- संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए मिलकर काम करेंगे

लखनऊ:  आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शुक्रवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से लखनऊ में मुलाकात की और इंडिया गठबंधन को यूपी में मिली जीत पर बधाई दी।उन्होंने कहा कि हम संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए आगे भी मिलकर काम करते रहेंगे।

उन्होंने एक्स पर मुलाकात की एक तस्वीर भी डाली।इंडिया गठबंधन ने यूपी में 43 सीटों पर जीत हासिल की। इस गठबंधन में सपा व कांग्रेस शामिल रही और आप ने बिना शर्त समर्थन किया।यूपी में भाजपा ने 33, सपा ने 37, कांग्रेस ने छह, रालोद ने दो, अपना दल एस व आजाद समाज पार्टी ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की।

600 रुपये में विदेशी श्रद्धालु भी कर सकेंगे सुगम दर्शन, वेबसाइट पर शुरू हुई नई व्यवस्था

वाराणसी: काशी विश्वनाथ धाम अब विदेशी श्रद्धालुओं के लिए भी सुगम हो गया है। मंदिर की ओर से विदेश से आने वाले सनातनी श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन की शुरुआत की गई है। मंदिर की वेबसाइट पर विदेशी श्रद्धालुओं के लिए दर्शन पूजन के इंतजाम की व्यवस्था को शुरू कर दिया गया है।

द्वादश ज्योतिर्लिंग में प्रधान बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए देश ही नहीं विदेश से भी सनातनी काशी पहुंच रहे हैं। विदेशी श्रद्धालुओं की भीड़ के दबाव को देखते हुए मंदिर न्यास ने विदेशी श्रद्धालुओं के लिए सुगम दर्शन की शुरुआत की है। इसके तहत विदेशी श्रद्धालु 600 रुपये शुल्क देकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन पूजन कर सकेंगे। इसके लिए विदेशी श्रद्धालुओं को ओरिजिनल पासपोर्ट लेकर आना आवश्यक होगा। मंदिर की ओर से दर्शन पूजन के साथ ही अंगवस्त्रम और प्रसाद भी प्रदान किया जाएगा।

खास बात यह है कि जो सनातनी हिंदू श्रद्धालु होंगे उनको ही गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति होगी, बाकि अन्य को बाहर से ही दर्शन की व्यवस्था है। श्रद्धालु मंदिर के हेल्पडेस्क काउंटर से अपना टिकट बुक करा सकते हैं। जल्द ही टिकट बुकिंग की इस व्यवस्था को ऑनलाइन भी कर दिया जाएगा। आंकड़ों की तो छह साल में 139 देशों के सनातनी श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई है। जनवरी 2023 से मई अप्रैल 2024 के बीच में विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या में पांच गुना से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है।

क्या बोले मंदिर न्यास के अधिकारी
विदेशी श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुगम दर्शन का इंतजाम किया गया है। इसमें शुल्क छह सौ रुपये रखा गया है। विश्वभूषण मिश्र, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास

विदेशी श्रद्धालुओं में अमेरिकी हैं नंबर एक
काशी विश्वनाथ धाम में बाबा विश्वनाथ के दर्शन पूजन के लिए विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं में अमेरिकी शिवभक्तों की संख्या सबसे अधिक है। दूसरे नंबर पर इटली, तीसरे नंबर पर रूस, चौथे नंबर पर मलेशिया और पांचवें नंबर पर स्पेन के भक्त हैं। मंदिर की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2019 से लेकर 31 मार्च 2024 तक 10.20 फीसदी अमेरिकी, 9.78 फीसदी इटली, 9.62 फीसदी रूस, 7.64 फीसदी मलेशिया और 7.18 फीसदी स्पेन के श्रद्धालुओं ने बाबा दरबार में हाजिरी लगाई। इसके अलावा फ्रांस के 6.86, जापान के 4.17 फीसदी और ब्रिटिश श्रद्धालुओं की संख्या 4.02 फीसदी रही। इसके अलावा आस्ट्रेलिया, ब्राजील, बांग्लादेश, बेल्जियम समेत कुल 139 देशों के श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम पहुंच रहे हैं।
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राहुल की तारीफ पर बोलीं सोनिया … क्योंकि मैं शेरनी हूं, पत्नी सहित गांधी परिवार से मिले किशोरी लाल शर्मा

लखनऊ:  लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों से कांग्रेस बेहद उत्साहित है। उत्तर प्रदेश में पार्टी ने न सिर्फ अमेठी व रायबरेली सहित छह सीटें जीतीं बल्कि सपा के साथ मिलकर 43 सीटों पर जीत दर्ज की और केंद्र में मोदी सरकार को एक बार फिर से पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने से रोकने में सफल रही।

कांग्रेस ने यूपी में अपनी परंपरागत सीट अमेठी और रायबरेली में बड़ी जीत दर्ज की है। रायबरेली में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने करीब चार लाख वोटों से जीत दर्ज की। वहीं, अमेठी में लंबे समय से गांधी परिवार से जुड़े रहे किशोरी लाल शर्मा ने भाजपा की कद्दावर नेता स्मृति ईरानी को एक लाख 67 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की है।

जीत के बाद किशोरी लाल शर्मा ने दिल्ली में गांधी परिवार से मुलाकात की जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस दौरान किशोरी लाल शर्मा के साथ उनकी पत्नी भी थीं। बातचीत में जब उनकी पत्नी ने राहुल गांधी की तारीफ में सोनिया गांधी से कहा कि आपने शेर बेटा पैदा किया है तो इस पर सोनिया ने बीच में ही कहा …क्योंकि मैं शेरनी हूं न। इस पर सभी हंस पड़े। सोनिया ने किशोरी लाल शर्मा को सीख देते हुए कहा कि जैसे हैं वैसे ही रहें और कभी जीत का घमंड न आने दें। वहीं, राहुल गांधी ने सांसद जी कहकर किशोरी लाल शर्मा का स्वागत किया। सभी एक साथ काफी खुश नजर आए। इस दौरान प्रियंका गांधी भी मौजूद रहीं।

लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने 240 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस 99 सीटें जीतने में सफल रही। समाजवादी पार्टी देश में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और 37 सीटों पर जीत हासिल की। अगर सिर्फ यूपी के नतीजों पर बात करें तो यहां सपा ने 37, भाजपा ने 33, कांग्रेस ने छह, राष्ट्रीय लोकदल ने दो, आजाद समाज पार्टी ने एक और अपना दल (एस) ने एक सीट पर जीत दर्ज की।

शपथ ग्रहण के लिए बुलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल में 10 वर्ष बाद चौधरी परिवार की वापसी

बागपत:  एनडीए सरकार में रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह का मंत्री बनना तय हो गया है। शपथ ग्रहण के लिए उनको बुलावा भी आया है। इस तरह चौधरी परिवार दस साल बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में दिखाई देगा। जयंत के मंत्री बनने से बागपत के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों को बड़ा फायदा होने की उम्मीद है।

भाजपा से गठबंधन के वक्त ही एनडीए की सरकार बनने पर रालोद को एक मंत्री पत्र दिए जाने की बात तय हुई थी। मगर पुराने संसद भवन में एनडीए की बैठक में रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के तीसरी पंक्ति में बैठने पर विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने सवाल उठाना शुरू कर दिया था कि रालोद को अब मंत्रीमंडल में शामिल किए जाने पर संशय है।

रालोद के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह से पहले दिन शनिवार को चौधरी जयंत सिंह के पास बुलावा आ गया है। उनको मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा, मगर यह साफ नहीं हो सका है कि उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा या राज्यमंत्री की शपथ दिलाई जाएगी। मगर यह जरूर है कि इससे रालोद के नेता व कार्यकर्ता काफी उत्साहित है और चौधरी परिवार की तीसरी पीढ़ी भी केंद्र में मंत्री बनेगी।

वर्ष 2014 तक मंत्री रहे अजित सिंह
चौधरी अजित सिंह वर्ष 2009 में भाजपा के साथ चुनाव लडक़र सांसद बने थे। वह वर्ष 2011 में भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस के साथ गए और चौधरी अजित सिंह नागरिक उड्डयन मंत्री बने जो 2014 में चुनाव होने तक मंत्री पद पर बने रहे। यह माना जाता है कि अजित सिंह के पैरोकारी करने पर ही चुनाव से पहले जाटों को केंद्र में आरक्षण दिया गया था।

बागपत समेत पश्चिम यूपी के अधिकतर जिलों को फायदा होगा
रालोद को मंत्री पद मिलने पर सबसे ज्यादा फायदा बागपत को होगा। क्योंकि बागपत जयंत का नोडल जिला है और यहां के सहारे ही अन्य जगह बजट भेजा जाता है। ऐसे में जयंत के मंत्री बनने से बागपत में विकास कार्य बेहतर हो सकते हैं। इससे केवल बागपत ही नहीं, बल्कि पश्चिम यूपी के अन्य जिलों को भी फायदा मिलने की उम्मीद है।

‘वीके पांडियन मेरे उत्तराधिकारी नहीं, इसका फैसला ओडिशा के लोग करेंगे’, नवीन पटनायक ने स्पष्ट किया रुख

ओडिशा:  लोकसभा चुनाव के नतीजों के साथ ओडिशा में विधानसभा चुनाव के नतीजे भी जारी हुए। ओडिशा की 147 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 78 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, बीजू जनता दल (बीजद) को 51 सीटों पर जीत मिली। विधानसभा चुनाव के नतीजों के साथ ही ओडिशा में बीजद के 24 साल का शासन भी खत्म हो गया। अब भाजपा राज्य में अपनी सरकार बनाएगी।

हालांकि, बीजद की हार के बाद ही नवीन पटनायक ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद अब ऐसी अफवाहें उड़ रही थीं कि पटनायक अब पार्टी की कमान बीजद नेता वीके पांडियन को सौंपने वाले हैं। पटनायक ने इन अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए अपना रुख स्पष्ट किया है। मीडिया से बात करते हुए पटनायक ने कहा, “मैंने हमेशा स्पष्ट रूप से यह बताया है कि जब भी मेरे उत्तराधिकारी के बारे में पूछा गया तो मैंने कहा कि वह निश्चित तौर पर वीके पांडियन नहीं हैं। मैं दोबारा कह रहा हूं कि ओडिशा के लोग मेरे उत्तराधिकारी का चयन करेंगे।’

उन्होंने आगे कहा, “वीके पांडियन की आलोचना हो रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। पांडियन पार्टी में शामिल हुए, उनके पास कोई पद नहीं है। वह किसी भी क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़े। मैंने स्पष्ट रूप से कहा कि जब भी मेरे उत्तराधिकारी के बारे में पूछा जाएगा तो वह पांडियन नहीं होंगे।”

पटनायक ने कहा कि पांडियन ने एक सरकारी अधिकारी के रूप में पिछले 10 सालों में कई क्षेत्रों में जबरदस्त काम किया है। जिनमें दो चक्रवात और कोरोना महामारी भी शामिल है। उन्होंने नौकरशाही छोड़ने के बाद वह बीजेडी से जुड़े और काफी व्यापक तरीके से पार्टी के लिए बेहतरीन काम किया। पांडियन भरोसेमंद और बेहद ईमानदार हैं।

ओडिशा के लोगों का किया धन्यवाद
नवीन पटनायक ने ओडिशा के लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, “मुझे बार बार आशीर्वाद देने के लिए ओडिशा के लोगों का धन्यवाद। मुझे लगता है कि हमने अच्छा काम करने की कोशिश की। हमारी सरकार और हमारी पार्टी में गर्व करने के लिए बहुत कुछ है।”

बता दें कि नवीन पटनायक साल 2000 में पहली बार ओडिशा के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद लगातार 24 वर्षों तक वे ओडिशा के सीएम के तौर पर कार्यरत रहें। सिक्किम के पवन कुमार चामलिंग के बाद नवीन पटनायक दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो 24 वर्षों तक सीएम पद पर बने रहे हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री बनने से पहले वह बीजद के अध्यक्ष और केंद्रीय इस्पात और खनन मंत्री के पद पर भी काम कर चुके हैं।

‘उद्धव शिवसेना के दो नवनिर्वाचित सांसद हमारे साथ जुड़ने को तैयार’, शिंदे के करीबी नेता का बड़ा दावा

नई दिल्ली:  लोकसभा चुनाव खत्म हो गए, लेकिन सियासी पारा चरम पर है। शिवसेना ने शनिवार को दावा किया कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना के दो नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के संपर्क में हैं।

लोकसभा सदस्यों का नाम लेने से इनकार
शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दलबदल विरोधी कानून का हवाला देते हुए दोनों लोकसभा सदस्यों का नाम लेने से इनकार कर दिया। हालांकि आगे कहा कि दोनों नेताओं के साथ जल्द ही चार और सांसद जुड़ जाएंगे और शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल होंगे।

खास समुदाय से वोट मांगने से नाराज नेता
ठाणे से नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य म्हास्के ने कहा, ‘उद्धव ठाकरे ने जिस तरह से बसों में सवार होकर आए एक खास समुदाय से वोट मांगा, उससे दोनों लोकसभा सदस्य नाखुश थे। इसलिए ठाकरे खेमे के दो लोकसभा सदस्य हमारे साथ संपर्क में हैं। उनके साथ चार और सदस्य जुड़ेंगे। इसके बाद यह सभी सदस्य मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करेंगे।’

संजय राउत के बयान पर पलटवार
म्हास्के का यह बयान ऐसे समय में आया, जब संजय राउत ने दावा किया था कि शिंदे गुट के विधायक और सांसद ठाकरे के साथ फिर से शामिल होने के इच्छुक हैं। बता दें, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने सात लोकसभा सीटें जीतीं, जबकि ठाकरे गुट ने नौ सीटें जीतीं।

प्रधानमंत्री मोदी का शपथ ग्रहण समारोह होगा यादगार, विदेशी मेहमानों के साथ कई खास मेहमान होंगे शामिल

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। प्रधानमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह कई मायनों में बेहद खास होगा। इस समारोह में जहां एक तरफ दुनियाभर के शीर्ष नेता शामिल होंगे, तो वहीं सफाईकर्मी, ट्रांसजेंडर, मजदूर भी इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे। नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में कुल 8000 मेहमान शामिल हो सकते हैं। इस शपथ ग्रहण समारोह में दुनिया के कई शीर्ष नेता शामिल हो सकते हैं। भारत के पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के नेताओं को विशिष्ट अतिथि के रूप में सादर आमंत्रित किया गया है।

इन लोगों ने निमंत्रण किया स्वीकार
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जु, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। यह भी बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के अलावा यह सभी नेता उसी शाम राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में भाग लेंगे।

मालदीव के राष्ट्रपति भी भारत आएंगे
मालदीव के मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति मुइज्जू शनिवार को नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे और इस दौरान उनके साथ उनकी सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी भारत आएंगे। हालांकि अभी तक मालदीव की सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। बुधवार को मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई भी दी थी। मुइज्जू को चीन समर्थक माना जाता है और अगर वह भारत आते हैं तो यह राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी पहली भारत यात्रा होगी। मोहम्मद मुइज्जू पिछले साल राष्ट्रपति बनने के बाद से तुर्किए और चीन का दौरा कर चुके हैं।

चुनाव में जीत के बाद जेल में बंद अमृतपाल से मिलने पहुंचे माता-पिता, मां ने बांटी मिठाई

डिब्रूगढ़:  ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल ने खडूर साहिब लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है। लोकसभा चुनाव में जीत के बाद अमृतपाल के माता-पिता असम के डिब्रूगढ़ पहुंचे, जहां सेंट्रल जेल में अमृतपाल बंद है। लोकसभा चुनाव में अमृतपाल सिंह ने बतौर निर्दलीय खडूर साहिब लोकसभा सीट से जीत दर्ज की है। अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह और माता बलविंदर कौर का डिब्रूगढ़ एयरपोर्ट पर अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर ने स्वागत किया, जो यहां बीती 5 जून से ही मौजूद हैं।

पिता बोले- लोगों ने खूब प्यार दिया
डिब्रूगढ़ पहुंचने के बाद तरसेम सिंह और बलविंदर कौर ने अपने बेटे अमृतपाल सिंह से जेल में मुलाकात की। अमृतपाल मार्च 2023 से डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। पिता तरसेम सिंह ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा ‘हम बहुत खुश हैं क्योंकि हमारे बेटे ने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। हम यहां उससे मिलने आए हैं और हम इस बात से बहुत खुश हैं कि लोगों ने उसे बहुत प्यार दिया और उसे बड़े अंतर से जीत दिलाई।’ तरसेम सिंह ने कहा कि ‘हम उससे पूछेंगे कि चुनाव में जीत के बाद उसे कैसा लग रहा है और अपनी लोकसभा के लोगों को वह क्या संदेश देना चाहता है।’

अमृतपाल की मां ने बांटी मिठाईयां
अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने जेल कर्मचारियों को मिठाई भी बांटी। कौर ने कहा कि वह उसके (अमृतपाल) लिए नए कपड़े और जूते लेकर आए हैं ताकि वह इन्हें पहनकर सांसदों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हो सके। अमृतपाल की पत्नी के साथ वकील और पंजाब के पूर्व सांसद राजदेव सिंह खालसा भी मौजूद थे। खालसा ने कहा कि अमृतपाल की रिहाई के लिए सभी जरूरी कानूनी कदम उठा लिए गए हैं। खालसा ने कहा कि लोगों ने अमृतपाल में नेतृत्व करने की क्षमता देखी है, तभी उसे वोट दिया गया।