Thursday , October 24 2024

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न्यायिक हिरासत के दौरान कैदी पुलिस को धोखा देकर फरार, तलोजा जेल वापस ले जाया जा रहा था

ठाणे:  महाराष्ट्र के ठाणे में न्यायिक हिरासत के दौरान एक कैदी जेल वापस ले जाते समय भाग गया। शनिवार को पुलिस अधिकारियों ने जानकारी देते हुए ये बात बताई।पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पुणे की शिरूर पुलिस ने मुजाहिद गुलजार खान सहित 3 लोगों को हिरासत में लिया था। तीनों खोपोली पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से ही जेल में बंद थे। तीनों आरोपियों को एक केस की जांच के सिलसिले में जेल से लाया गया था लेकिन तलोजा जेल वापस ले जाते समय आरोपी पुलिस हिरसात से भाग गया।

पेशाब करने का बहाना बनाकर फरार हो गया बंदी
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘शिरूर कोर्ट ने तीनों को न्यायिक हिरसात में भेजा था जिसके बाद 5 जून को तीनों को जेल वापस लाया जा रहा था। तभी आरोपी खान ने पेट में दर्द का बहाना बनाते हुए पेशाब करने के लिए कहा। जैसे ही पुलिस ने खारघर में गाड़ी रोककर उसे पेशाब करने के लिए वहा एक नाले में कूदकर भाग गया।’

पुलिस के मुताबिक एक सिपाही भी आरोपी को पकड़ने के लिए नाले में कूदा थे लेकिन वह मुजाहिद को नहीं पकड़ सका और खुद घायल हो गया।शिरूर पुलिस टीम की तरफ से खारघर पुलिस स्टेशन पर मुजाहिद खाने के खिलाफ केस दर्ज किया गया है कि तालोजा जेल ले जाते समय वह भाग गया।

क्या बंगाल भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं? दिलीप घोष के पोस्ट से गरमाया चर्चाओं का बाजार

कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं लग रहा है। दरअसल लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के नेताओं ने ही प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। अब पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद दिलीप घोष ने भी एक ऐसा पोस्ट किया है, जिसे उनकी नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। दिलीप घोष ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा ओल्ड इज गोल्ड (पुराना ही सबसे अच्छा है)।

दिलीप घोष ने खुलकर जताई नाराजगी
गौरतलब है कि दिलीप घोष ने हाल ही में कहा था कि पार्टी द्वारा पुराने नेताओं को उनके लोकसभा क्षेत्रों से हटाकर नए क्षेत्रों से चुनाव लड़ाना एक गलती थी। बंगाल में भाजपा का प्रदर्शन खराब रहा और पिछले लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा ने बंगाल में 18 सीटें जीतीं थी तो इस बार भाजपा के सांसदों का आंकड़ा घटकर 12 ही रह गया है। भाजपा को उम्मीद थी कि वह इस बार बंगाल से अच्छी तादाद में सीटें जीतेगी और पार्टी ने राज्य में 30 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था। हालांकि पार्टी अपने पिछले प्रदर्शन को भी दोहराने में नाकामयाब रही और सिर्फ 12 सीटों पर सिमटकर रह गई।

सीटें बदलने का फैसला रहा गलत
दिलीप घोष 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल की मेदिनीपुर सीट से सांसद चुने गए थे, लेकिन उन्हें इस बार मेदिनीपुर की जगह बर्धमान-दुर्गापुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया। हालांकि यह दांव उल्टा पड़ा और टीएमसी के कीर्ति आजाद के सामने दिलीप घोष को 1.38 लाख वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। दिलीप घोष ने खुलकर इस पर नाराजगी जाहिर की और इसे गलत फैसला करार दिया। इसी तरह बर्धमान -दुर्गापुर से पूर्व में जीतने वाले एसएस अहलूवालिया को आसनसोल से चुनाव मैदान में उतारा गया, उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा। आसनसोल दक्षिण सीट से चुनाव लड़ने वाली अग्निमित्रा पॉल को मेदिनीपुर से चुनाव लड़ाया गया, लेकिन ये तीनों नेता चुनाव हार गए। दिलीप घोष ने हार को लेकर बंगाल भाजपा के नेतृत्व पर सवाल उठाए। अभी बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार हैं और सुकांत ने दिलीप घोष से ही बंगाल भाजपा पद की जिम्मेदारी संभाली थी।

नवनिर्वाचित सांसदों के साथ बैठक करेंगी ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसदों के साथ बैठक करेंगी। यह बैठक आज यानी शनिवार को हो सकती है, जिसमें लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। इस बार के आम चुनाव में बंगाल में टीएमसी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और पार्टी ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की है।

मुरादाबाद में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव ने की आत्महत्या, घर पर खुद को मारी गोली.. कार्यकर्ता हैरान

मुरादाबाद: मुरादाबाद में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव ने घर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इससे उनके परिजनों में कोहराम मच गया। उनके अचानक उठाए गए इस कदम से सभी कार्यकर्ता हैरान हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंच कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है अधिकारियों के अनुसार कारणों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वह अपने मकान के दूसरे मंजिल पर सोए थे। जब सुबह वह नहीं उठे तो मामला सामने आया। फोरेंसिक टीम साक्ष्य जुटा रही है।

चुनाव से पहले जिलाध्यक्ष पद से हटाया था
मुरादाबाद से सांसद डॉ. एसटी हसन का टिकट कटने के बाद सपा में चल रही खींचतान के बीच मतदान से कुछ दिन पहले जिलाध्यक्ष डीपी यादव को पद से हटा दिया गया था। उनकी जगह पूर्व जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव को जिलाध्यक्ष बनाया गया था। उस समय सपा प्रत्याशी से दूरी बनाना डीपी यादव को पद से हटाने की वजह बताई गई।

सच साबित हो रही एनडीए को लेकर 26 साल पहले की गई मोदी की भविष्यवाणी, कहीं थीं ये बातें

नई दिल्ली: 1998 में जब राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बनाया गया था, तो उस समय देश में अल्पमत की गठबंधन सरकारों का दौर चल रहा था। दशकों से कोई भी सरकार पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई थी। सितंबर 1999 में जब अटल बिहारी वाजपेयी एनडीए के नेता और देश के प्रधानमंत्री थे, तब नरेंद्र मोदी भाजपा के सबसे युवा महासचिव थे।

मोदी ने एनके सिंह को दिए एक साक्षात्कार में एनडीए को लेकर भविष्यवाणी करते हुए कहा था कि देश के राजनीतिक इतिहास में एनडीए सबसे सफल गठबंधन साबित होगा। नरेंद्र मोदी की यह भविष्यवाणी अब सच साबित हो रही है, क्योंकि देश में लगातार तीसरी बार एनडीए गठबंधन पू्र्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहा है। एनडीए ही देश में पहला गठबंधन था, जिसकी सरकार पूरे पांच साल तक चली। हालांकि, इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए गठबंधन ने भी 10 साल सरकार चलाई। लेकिन, बाद में यह गठबंधन भंग हो गया।

राष्ट्र प्रथम की भावना से बना एनडीए
नरेंद्र मोदी ने एनके सिंह को दिए साक्षात्कार में एनडीए को ब्रॉड स्पेक्ट्रम यानी व्यापक गठबंधन बताते हुए कहा था कि एनडीए किसी को हराने, किसी का रास्ता रोकने जैसी संकुचित सोच के साथ नहीं बनाया गया है, बल्कि एनडीए का मकसद राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ देश को स्थिर शासन देना है। असल में एनके सिंह ने सवाल पूछा था कि एनडीए में शामिल दलों वैचारिक स्तर पर अलग-अलग हैं, ऐसे में कहीं यह गठबंधन देश के लोगों से वोटों की ठगी के लिए तो नहीं बना है। इसका जवाब देते हुए मोदी ने कहा, यह वास्तव में एक प्रयोग है, जो भारतीय राजनीति के इतिहास में एक आदर्श उदाहरण के रूप में दर्ज किया जाएगा।

भारतीय विश्वविद्यालयों की वैश्विक रैंकिंग 300% बढ़ी, PM ने दी बधाई; IIT बॉम्बे की रैंक में सुधार

नई दिल्ली: देश के विश्वविद्यालयों ने पिछले एक दशक में अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में 300 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के संस्थापक व सीईओ नुन्जियो क्वाक्वेरेली ने यह जानकारी सोशल मीडिया पर दी।

एक्स पर नुन्जियो के पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए कहा, पिछले दशक में हमने शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक परिवर्तनों पर ध्यान केंद्रित किया, इसके नतीजे क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में साफ दिखते हैं। छात्रों, शिक्षकों और संस्थानों को उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए बधाई। इस कार्यकाल में हम अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए और भी अधिक काम करना चाहते हैं।

वहीं, नुन्जियो क्वाक्वेरेली ने अपने पोस्ट में बताया कि पिछले एक दशक में भारतीय विश्वविद्यालयों का वैश्विक रैंकिंग में प्रतिनिधित्व 318 फीसदी बढ़ा है, जी20 देशों में यह सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है। क्वाक्वेरेली साइमंड्स (क्यूएस) की तरफ से जारी क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 से पता चला है कि भारत के शीर्ष तकनीकी संस्थान आईआईटी बॉम्बे और दिल्ली ने वैश्विक स्तर पर शीर्ष 150 विश्वविद्यालयों में स्थान हासिल किया है। आईआईटी बॉम्बे ने उल्लेखनीय रूप से अपनी रैंक में 31 रैंक की बढ़ोतरी के साथ 149 से 118 तक सुधार किया है, जबकि आईआईटी दिल्ली 47 अंक ऊपर चढ़कर विश्वस्तर पर 150वें स्थान पर पहुंच गया है।

अमेरिकी नागरिक ने मांगी भारत में शरण, कहा- US में सताएंगे, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा पक्ष

सुप्रीम कोर्ट ने भारत में शरण मांग रहे अमेरिकी नागरिक क्लाउड डेविड की याचिका पर केंद्र सरकार से उसका पक्ष पूछा है। याचिकाकर्ता ने आध्यात्मिक गुरु श्री माता आनंदमयी का अनुयायी होने का दावा किया है। याचिकाकर्ता का दावा है कि उसने पेट्रोलियम का विकल्प खोज लिया है और वह वापस अमेरिका नहीं जा सकता क्योंकि वहां उसे सताया जाएगा। उसका वीजा 13 मई, 2024 की मध्यरात्रि को समाप्त हो गया है।

जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की अवकाश पीठ ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) विक्रमजीत बनर्जी से केंद्र सरकार से निर्देश प्राप्त कर सूचित करने को कहा और मामले को 10 जून के लिए सूचीबद्ध कर दिया। पीठ ने कहा, प्रथम दृष्टया हमारा मानना है कि मामले को हाईकोर्ट में जाना चाहिए। यह एक व्यक्तिगत शिकायत है। यदि हम अनुच्छेद 32 के तहत इन याचिकाओं पर विचार करना शुरू कर देंगे तो इससे याचिकाओं की बाढ़ आ जाएगी। हम अभी मामले पर नोटिस जारी नहीं कर रहे हैं, हम इसे सोमवार को सूचीबद्ध करेंगे। सुनवाई के दौरान जस्टिस कुमार ने पूछा, आप हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? इस पर व्यक्तिगत रूप से पेश हुए याचिकाकर्ता क्लाउड डेविड ने कहा, मैंने दो वकीलों से परामर्श किया है। उन्होंने मुझे बताया कि यह एक ऐसा दावा है जिसे अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लाया जाना चाहिए।

पीठ ने पूछा, इसमें राष्ट्रीय महत्व क्या है?…याचिकाकर्ता ने कहा, मुझे लगता है कि यह राष्ट्रीय महत्व का मामला है। यह मेरे वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद आपके अद्भुत देश में रहने के मेरे अधिकार को नकारता है। अमेरिका में सभी हिंदू उसी तरह के अभियोजन से खतरे में हैं, जिसका मैं सामना कर रहा हूं। इस पर जस्टिस कुमार ने कहा, चिंता मत कीजिए, सरकार दुनिया में कहीं और अपने नागरिकों की देखभाल करने के लिए पर्याप्त मजबूत है।

विदेश व गृह मंत्रालय में पहले ही दे चुके आवेदन…याचिकाकर्ता ने पीठ को बताया कि वह विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के समक्ष आवेदन पहले ही दे चुके हैं। लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है। वे तिरुवनंतपुरम में रह रहे हैं। जस्टिस कुमार ने कहा, आप 180 दिन पहले आए हैं। शुरू से ही आपका इरादा यहीं रहने का था। याचिकाकर्ता ने कहा, यह सच नहीं है।

सरकार बनने से पहले मणिपुर फिर चर्चा में, जिरीबाम जिले तक पहुंची आंच; आगजनी के बाद कर्फ्यू

केंद्र में सरकार बनने से पहले मणिपुर एक बार फिर चर्चा में है। बृहस्पतिवार को यहां उग्रवादियों ने शख्स की हत्या कर दी जिसके बाद से ही यहां तनाव बना हुआ है। जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू है।

लोकसभा चुनाव में दोनों सीटें हासिल करने वाली कांग्रेस इस मुद्दे को गरमाने की तैयारी में हैं। दरअसल जिरीबाम जिला अब तक जातीय हिंसा से बचा हुआ था लेकिन बृहस्पतिवार को इसके भी चपेट में आ जाने से सियासत गरमा गई है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि लोकसभा के पहले सत्र में ही मणिपुर को लेकर जोरदार हंगामा देखन को मिल सकता है।

संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने का आदेश…
जिरीबाम के जिला मजिस्ट्रेट ने एसपी को घटनाओं को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की पहचान करने और सुरक्षा बलों को तैनात करने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त, सुरक्षा बलों के बीच त्वरित संचार और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए असम राइफल्स, सीआरपीएफ, मणिपुर पुलिस और भारतीय रिजर्व बटालियन को शामिल करते हुए एक संयुक्त नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।

जिरीबाम में तनावपूर्ण शांति हथियार लौटाने की मांग
संदिग्ध उग्रवादियों ने बृहस्पतिवार को 59 वर्षीय सोइबम सरत कुमार सिंह की हत्या कर दी। इसके बाद स्थानी लोग सड़कों पर उतर आए और आगजनी कर दी। कर्फ्यू के बीच भी शुक्रवार को यहां लोगों ने प्रदर्शन किया। स्थानीय लोग अब चुनाव के समय लिए गए लाइसेंसी हथियार लौटाने की मांग कर रहे हैं।

जीत से उत्साहित है विपक्षी गठबंधन
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि निश्चित ही जिरीबाम ने एक बार फिर से मणिपुर को चर्चा में ला दिया है। वह कहते हैं कि इस बार मणिपुर की दोनों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है। भाजपा और एनडीए को यहां पर हार का सामना करना पड़ा।

nकांग्रेस वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने यहीं से भारत न्याय यात्रा की शुरुआत की थी। इस बार विपक्ष इंडिया गठबंधन भी मजबूत हुआ है। निश्चित रूप से आने वाले दिनों में मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्ष केंद्र और राज्य सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगा। विश्लेषकों का मानना है कि सबसे जरूरी है दोनों समुदाय में विश्वास बहाली। बातचीत से यह संभव है।

BJP के सहयोगी नायडू के बेटे ने मुस्लिम आरक्षण का किया समर्थन, कहा- यह सरकार की जिम्मेदारी है

हैदराबाद:  भारतीय जनता पार्टी धार्मिक आधार पर आरक्षण देने के लिए तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक की सरकारों पर हमला बोलती रही है। इसी बीच, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे और पार्टी महासचिव नारा लोकेश ने आंध्र प्रदेश में मौजूदा मुस्लिम आरक्षण का समर्थन किया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी ओबीसी सूची के तहत मुस्लिम समुदाय को दिए गए चार प्रतिशत आरक्षण को बरकरार रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

समाज का एक खास वर्ग गरीबी में जी रहा
नारा लोकेश ने कहा कि अगर समाज का एक खास वर्ग गरीबी में जी रहा है तो कोई देश या राज्य तरक्की नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह वंचित समुदायों को अवसर उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को आरक्षण देने का फैसला किसी को खुश करने के लिए नहीं लिया गया है।

किसी को खुश करने के लिए नहीं लिया गया फैसला
उन्होंने कहा, ‘मुस्लिमों को चार फीसदी आरक्षण देने का फैसला इसी को देखते हुए लिया गया था, न कि किसी को खुश करने या राजनीतिक लाभ लेने के लिए।’

इसलिए भाजपा के लिए जरूरी टीडीपी
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में टीडीपी के शानदार प्रदर्शन ने एन चंद्रबाबू नायडू को किंगमेकर की भूमिका में ला खड़ा किया है। 16 सीटों के साथ नायडू ने भारतीय जनता पार्टी का समर्थन किया है। बता दें, भाजपा ने 240 लोकसभा सीटें जीतीं। हालांकि, यह आंकड़ा बहुमत से कम है। 2014 के बाद पहली बार भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए अपने सहयोगियों- मुख्य रूप से टीडीपी और जेडीयू पर निर्भर रहना पड़ेगा।

नियमित करें इन तीन योगासनों का अभ्यास, ब्रेन ट्यूमर का खतरा हो सकता है कम

ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं की एक गांठ होती है। ट्यूमर मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है और तंत्रिका तंत्र के कार्यों को प्रभावित कर सकता है। ब्रेन ट्यूमर के सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, मिर्गी आना, याददाश्त में कमी, जी मिचलाना, दृष्टि और श्रवण संबंधी समस्याएं, कमजोरी व बोलने में कठिनाई आना है।

मस्तिष्क संबंधित इस गंभीर बीमारी के बारे में सभी को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है। योग मन और तन दोनों की सेहत के लिए फायदेमंद है। ऐसे में मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए कुछ योगासन असरदार हैं। ब्रेन ट्यूमर के खतरे को कम करने के साथ ही मस्तिष्क को सेहतमंद रखने के लिए नियमित तीन योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं।

वज्रासन

हृदयगति को नियंत्रित करने के लिए वज्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। इससे स्ट्रेस हार्मोंन काॅर्टिसोल घटता है और तनाव कम हो सकता है। वज्रासन के अभ्यास से जांघों और पिंडलियों की नसें व मांपेशियां मजबूत होती हैं। वज्रासन करने से पाचन तंत्र भी दुरुस्त रहता है। पीठ व पैर के गर्द में आराम मिलता है।

अभ्यास का तरीका

वज्रासन के अभ्यास के लिएजमीन पर दोनों पैर फैलाकर सीधे बैठ जाएं। अब दोनों हाथों को कुल्हे के पास फर्श पर टिका लें। ध्यान रखें कि पूरा भार हाथों पर न आएं। पहले दायां और फिर बायां पैर मोड़कर कूल्हे के नीचे ले जाएं। दोनों जांघों और पैर के अंगूठे को आपस में सटा लें।

ताड़ासन

इस आसन के नियमित अभ्यास से शरीर की मांसपेशियां लचीली होती हैं। आसन के अभ्यास के दौरान गहरी सांस लेने की वजह से फेफड़ों में फैलाव आता है, जिससे इसकी सफाई होती है। इस आसान को करने से एकाग्रता बनी रहती है और श्वास संतुलित रहती है।

अभ्यास का तरीका

ताड़ासन करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। ध्यान रखें कि अभ्यास के दौरान कमर और गर्दन झुके नहीं। अब दोनों हाथों को ऊपर करते हुए धीरे धीरे सांस लेते हुए शरीर को खींचें। दो से चार मिनट तक इस अवस्था में रहें और फिर सांस छोड़ते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं।

भ्रमण प्राणायाम

स्वस्थ दिमाग के लिए नियमित भ्रमण प्राणायाम कर सकते हैं। इस आसन में सांस ली और छोड़ी जाती है, जिसे ब्रीदिंग तकनीक भी कहते हैं। भ्रमण प्राणायाम के अभ्यास से नकारात्मक भावनाएं जैसे क्रोध, झुंझलाहट, निराशा और चिंता से मुक्ति मिल सकती है। वहीं एकाग्रता, स्मृति और आत्म विश्वास में बढ़ावा होता है।

अभ्यास का तरीका

भ्रमण प्राणायाम करने के लिए टहलते समय शरीर को सीधा रखते हुए सांस धीरे-धीरे लें। अच्छी तरह से गहरी सांस लेते हुए सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस लेने से ज्यादा सांस छोड़ते समय आपको समय लेना है। हर 5 से 7 कदमों के बीच तक अंदर ही सांस को रोके और धीरे धीरे समय लेकर छोड़ें। इस प्रक्रिया को कम से कम 10 बार दोहराएं।

इस महीने देश की इन जगहों पर रहेगा सुहाना मौसम, घूमने के लिए करें चयन

भारत में जून-जुलाई के महीने में तापमान काफी अधिक होता है। गर्मी अपने चरम पर होती है। इस बार तो तापमान 50 डिग्री के ऊपर जा चुका है। ऐसे में जो लोग गर्मियों की छुट्टियां मनाने का इंतजार कर रहे थे, वह जरूर किसी ऐसी जगह पर जाना चाहते होंगे, जहां का तापमान कम हो और गर्मी से राहत मिल सके।

भारत विविधताओं का देश हैं, जहां मैदानी क्षेत्र हैं तो पहाड़ और समुद्री किनारे भी हैं। देश के अलग-अलग शहरों में मौसम का हाल भी अलग- अलग होता है। कहीं बहुत अधिक सर्दी तो कहीं बहुत अधिक गर्मी, वहीं कुछ जगहों पर सामान्य तापमान रहता है। ऐसे में जब दिल्ली समेत उत्तर प्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में भीषण गर्मी है तो वहीं कुछ स्थान ऐसे भी हैं, जहां पारा तुलना में कम है।

इस महीने किसी ठंडी या सुहावनी जगह की तलाश में हैं तो यहां आपको कुछ विकल्प दिए जा रहे हैं, जहां गर्मियों के मौसम में घूमते समय गर्माहट का अहसास नहीं होगा, बल्कि आनंद आ जाएगा। आइए जानते हैं जून-जुलाई में घूमने के लिए उपयुक्त जगहों के बारे में।

लेह-लद्दाख

जून के महीने में लेह-लद्दाख का मौसम ठंडा और सुकून देने वाला होता है। यहां इस महीने औसतन तापमान 15 डिग्री से कम ही रहेगा। रात के वक्त तो पारा गिरने से ठंड बढ़ जाती है और बिना कंबल ओढ़े सोना मुश्किल हो जाता है। जहां लोग 40-45 डिग्री तापमान से परेशान हैं, वहीं इतनी गर्मी में लेह लद्दाख आना अच्छा फैसला हो सकता है। यहां आप गर्मी के मौसम में ठंडक तो महसूस करेंगे ही, साथ ही आराम और सुकून से छुट्टियां भी बिता सकेंगे।

हेमकुंड

राजधानी दिल्ली समेत कई राज्य गर्मी की मार झेर रहे हैं, वहीं उत्तराखंड के कई इलाकों में ठंडक को महसूस किया जा सकता है। इस महीने उत्तराखंड के हेमकुंड के सफर पर जा सकते हैं, जहां अधिकतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस है, जबकि न्यूनतम माइनस 1 डिग्री सेल्सियस जा रहा है। भीषण गर्मी में भारत की एक ऐसी जगह का लुत्फ आप जरूर उठाना चाहेंगे जहां माइनस में तापमान रहता है।

तवांग

अरुणाचल प्रदेश में स्थित तवांग बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन हैं। यहां भी अधिकतर सर्द मौसम ही होता है। इस महीने तवांग का अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 9 डिग्री सेल्सियस है। सर्द मौसम के कारण गर्मियों में भी यहां लोग हल्के गर्म कपड़े पहने नजर आ जाते हैं। इस हिल स्टेशन पर जून के महीने में पार्टनर, परिवार या दोस्तों के साथ छुट्टियां बिताने जा सकते हैं और ठंडी हवाओं का आनंद उठा सकते हैं।

रोहतांग

हिमाचल प्रदेश में कई हिल स्टेशन हैं, जहां का मौसम इस महीने सुहाना और ठंडा होता है। इन्हीं में से एक लोकप्रिय हिल स्टेशन मनाली है। हालांकि यहां के सर्द मौसम का लुत्फ उठाने के लिए पर्यटकों की काफी भीड़ हर साल पहुंच जाती है, इसलिए मौसम के साथ ही सुकून की तालाश में हैं तो मनाली से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित रोहतांग पास जाएं। रोहतांग पास का अधिकतम तापमान लगभग 8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान माइनस 6 डिग्री तक पहुंच सकता है।