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तीन छात्राओं की तालाब में डूबने से मौत, गांव में मचा कोहराम, सरायइनायत इलाके में हुआ हादसा

प्रयागराज: सरायइनायत थाना क्षेत्र के सहसों पुलिस चौकी अंतर्गत मनिकापुर गांव का मजरा बाबूराही का पूरा गांव में तीन छात्राओं की तालाब में डूबने से मौत हो गई। इस घटना से पूरे गांव में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मौके पर पहुंची पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मंगलवार की दोपहर में काजल बिन्द (12), पुत्री पवन बिन्द ,निधि बिन्द (12) पुत्री सुरेश बिन्द एवं रानी बिन्द (13) पुत्री जोगिंदर बिन्द समीप मे कसेरूआ कला गांव स्थित पोखरा तालाब पर नहाने गई हुई थी।

वह अचानक नहाते समय डूबने लगीं। वहां पर पास में खेल रहे दो बच्चों ने शोर मचाते हुए में जाकर इसकी सूचना दी। जब तक गांव के लोग पहुंचे तब तक तीनों छात्राओं की सांसे थम चुकी थीं। आनन फानन में लोगों ने तीनों छात्रों को तालाब से बाहर निकाल कर समीप के चिकित्सालय में दिखाया जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुंचे चौकी प्रभारी शिव प्रताप सिंह सहित अन्य सिपाहियों ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। तीनो छात्राओं की मौत से गांव में कोहराम मचा हुआ है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

टीएमसी ने कहा- ममता सरकार की नीतियों पर जनता को भरोसा, सड़कों पर कार्यकर्ताओं का जश्न

कोलकाता: लोकसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। भाजपा समर्थित एनडीए ने रुझानों में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। हालांकि, विपक्षी गठबंधन ने इस बार एनडीए को कड़ी टक्कर दी है। इस बीच, पश्चिम बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस ने 42 में से 30 सीटों पर बढ़त बना रखी है। रुझानों के बीच टीएमसी ने कहा कि यह नतीजे ममता सरकार की जन-समर्थक नीतियों में लोगों के विश्वास और भाजपा के खिलाफ निराशा के माहौल को दर्शाता है।

एग्जिट पोल भाजपा समर्थक मीडिया का दिखावा
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार, दोपहर 12:30 बजे तक कई दौर की मतगणना के बाद टीएमसी 31 सीटों पर आगे थी। वहीं, भाजपा 10 और कांग्रेस एक सीट पर आगे थी। टीएमसी प्रवक्ता शांतनु सेन ने कहा कि राज्य की जनता ने जनादेश से बंगाल विरोधी ताकतों को हरा दिया है। नतीजों से साफ होता है कि एग्जिट पोल भाजपा समर्थक मीडिया का दिखावा था। बता दें, 2019 लोकसभा चुनावों में टीएमसी ने 22 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने 18 और कांग्रेस ने दो सीटें जीती थीं। रुझानों के चलते टीएमसी कार्यकर्ताओं में उत्साह है।

प्रदेश के विभिन्न इलाकों में जश्न
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ता जय बांग्ला, टीएमसी जिंदाबाद और भाजपा हाय-हाय के नारे लगा रहे हैं। टीएमसी समर्थक जादवपुर, कोलकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर, डायमंड हार्बर, बैरकपुर, आसनसोल, दुर्गापुर-बर्धमान सहित अन्य शहरों में सड़कों पर जश्न मना रहे हैं। अधिकतर लोगों ने टीएमसी सुप्रीमो की तस्वीरें और पार्टी के प्रतीक के कटआउट लिए हुए थे।

भाजपा के अहंकार के खिलाफ लोगों ने मतदान किया
जादवपुर में एक टीएमसी कार्यकर्ता ने कहा कि जश्न अभी शुरू हुआ है। बाहरी लोगों के दखल और पीएम मोदी की टिप्पणियों को मतदाताओं ने नकार दिया है। लोगों ने दीदी और अभिषेक बनर्जी को वोट दिया है। शांतनु ने राष्ट्रीय स्तर के रुझानों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि लोगों ने भाजपा के अहंकार और कुशासन के खिलाफ मतदान किया है। परिणामों से साफ होता है कि भाजपा नैतिक रूप से और राजनीतिक रूप से भी पराजित हुई है।

‘PM मोदी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें’, रुझानों में BJP को बहुमत न मिलने पर कांग्रेस का वार

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के नवीनतम रुझानों में भाजपा के बहुमत के आंकड़े से नीचे आने के बाद कांग्रेस ने कटाक्ष किया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चौंकाने वाली राजनीतिक रूप से एक नौतिक हार है। उन्होंने पीएम मोदी से इस्तीफा देने के लिए भी कहा। बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन बहुमत के आंकड़े से दूर है।

जयराम रमेश का भाजपा पर कटाक्ष
शनिवार को जारी एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की थी कि पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। इसी के साथ भाजपा नीत एनडीए भारी बहुमत से सरकार बनाएगी। चुनाव के नवीनतम रुझानों को देखते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिक्रिया दी।

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “एग्जिट पोल क्या थे, इसका पर्दाफाश हो चुका है। 543 सीटों के रुझान उपलब्ध हैं। निम्नलिखित चीजें स्पष्ट हो चुकी है- यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए चौंकाने वाली राजनीतिक रूप से एक नौतिक हार है। यह भी स्पष्ट हो गया कि उन्होंने जो एग्जिट पोल जारी किए थे, वे पूरी तरह से बेनकाब हो गए हैं।” कांग्रेस नेता पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “अपने आप को अभूतपूर्व होने का दिखावा करते थे। अब साबित हो गया है कि निवर्तमान प्रधानमंत्री भूतपूर्व होने वाले हैं। नैतिक जिम्मेदारी लें और इस्तीफा दें। यही इस चुनाव का संदेश है।”

मंगलवार को वोटो की गिनती की शुरुआती रुझानों में भाजपा नीत एनडीए के लिए निराशाजनक नतीजे सामने आए। भाजपा अपने ही गढ़ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में हारती दिख रही है। हालांकि, 290 सीटों के साथ भाजपा के सरकार बनाने की उम्मीद है। केरल, ओडिशा और तेलंगाना में भारी जीत के वाबजूद पार्टी बहुमत के आंकड़ों से नीचे गिरती दिख रही है।

मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में बड़ा झटका, अदालत ने कहा- जमानत याचिका पर अभी सुनवाई नहीं

 नई दिल्लीआम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि इस मामले में सिसोदिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका को खारिज किया था।

शीर्ष अदालत ने क्या कहा?
शीर्ष अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई के आरोप पत्र दाखिल करने के बाद सिसोदिया फिर से जमानत के लिए याचिका दायर कर सकते हैं। न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और संदीप मेहता की पीठ के समक्ष ईडी और सीबीआई के ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां 3 जुलाई तक आरोप पत्र दाखिल करेंगीं।

सिसोदिया ने वकील ने की जमानत की मांग
अदालत में सिसोदिया की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से जमानत की मांग करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी नेता 15 महीनों से हिरासत में हैं और इस मामले में अभी तक ट्रायल भी नहीं हुआ है। हालांकि, अदालत ने कहा कि सिसोदिया की जमानत याचिका पर अभी सुनवाई नहीं हो सकती।

क्या है कि दिल्ली का आबकारी नीति मामला?
17 नवंबर 2021 को दिल्ली सरकार ने राज्य में नई आबकारी नीति लागू की। इसके तहत राजधानी में 32 जोन बनाए गए और हर जोन में ज्यादा से ज्यादा 27 दुकानें खुलनी थीं। इस तरह से कुल मिलाकर 849 दुकानें खुलनी थीं। नई आबकारी नीति में दिल्ली की सभी शराब की दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। इसके पहले दिल्ली में शराब की 60 प्रतिशत दुकानें सरकारी और 40 प्रतिशत प्राइवेट थीं। नई नीति लागू होने के बाद 100 प्रतिशत प्राइवेट हो गईं। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे 3,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा।

मोहब्बत के नाम पर पड़े इंडी गठबंधन को वोट, यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का साक्षात्कार

कांग्रेस को मिली सीटों से पार्टी के कार्यकर्ता और नेता उत्साहित हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि उनको जो वोट मिले हैं वो देश के लोगों ने मुहब्बत के नाम पर दिए हैं। दिन में जैसे जैसे परिणाम आते थे पार्टी के मुख्यालय पर ढोल नगाड़े बजते रहे। इस दौरान भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी. वी ने अमर उजाला डॉट कॉम से बात की। श्रीनिवास कहते हैं कि देश के लोगों ने जो वोट दिए हैं वो जनता का जनादेश है। बाकी भाजपा ने जैसा बोया था वैसा ही काटा है। वह कहते हैं कि अभी सियासत में बड़ी तस्वीर दिखने वाली है। पेश हैं श्रीनिवास से हुई बातचीत के अंश।

सवाल: जो परिणाम आ रहे हैं वो आपकी और पार्टी कितने उम्मीदों पर कितने खरे हैं।
जवाब: पूरा खरा है। जो राहुल गांधी ने बोला था वही हुआ है। देश के लोगों ने मोहब्बत के नाम पर वोट दिया है। भाजपा ने जो देश के जो हालात बनाए वो सबके सामने है।

सवाल: एक्जिट पोल के अनुमान गलत साबित होते दिख रहे हैं। हालांकि सरकार बनाने वाले नम्बर एनडीए के पास दिख रहे हैं।
जवाब: मैं पहले ही कह रहा था कि नतीजे अनुमानों से अलग होंगे। जो अब दिख रहे हैं। नम्बर की सियासत आप आगे देखते जाइए।

सवाल: लेकिन आंकड़े अभी भी आपके पक्ष में उस तरह नहीं हैं जिससे सरकार बन सके।
जवाब: आप इंतजार करो। जितने नम्बर हमारे पास आ रहे हैं वो परिवर्तन के लिए पर्याप्त है। बहुत कम मार्जिन है।

सवाल: भाजपा ने चार सौ पार की बात कही थी। लेकिन अब जो नम्बर दिख रहे हैं वो बहुत कम हैं।
जवाब: चार सौ पार ये चंडीगढ़ मेयर चुनाव के परिणामों के तर्ज पर कर रहे थे। लेकिन जनता ने एक्सपोज कर दिया। अब सब नम्बर हमारे और आपके सामने हैं।

सवाल: किन मुद्दों पर आपको लगता है कांग्रेस और गठबंधन को वोट मिले।
जवाब: जनता के मुद्दों पर। हम उन मुद्दों के साथ जनता के बीच में गए जो उनके वास्तविक मुद्दे थे। लोगों ने मुहब्बत के नाम पर जमकर वोटिंग की।

सवाल: अपने कहा कि परिवर्तन होगा और सरकार आप बनाएंगे। लेकिन अभी नम्बर नहीं दिख रहे हैं आपके पास। फिर किस तरह के परिवर्तन की बात कर रहे हैं। क्या और दल भी आपके संपर्क में हैं। या आपकी पार्टी या गठबंधन संपर्क कर रहे हैं।
जवाब: सियासत में सब संभव है। शाम तक पूरे परिणाम आने के बाद पार्टी की बैठके होंगी। उसके बाद सियासी तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी।

कैसे कांग्रेस के लिए लकी अध्यक्ष साबित हुए खरगे,अपनी इस रणनीति से बदली पार्टी की किस्मत!

लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी ने जबरदस्त वापसी की है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने सबसे खराब चुनावी प्रदर्शन के दौर से उभरते हुए पार्टी ने अपना अच्छा प्रदर्शन किया है। पार्टी के इस प्रदर्शन के पीछे कई अहम कारण बताए जा रहे हैं। इनमें अध्यक्ष पद में बदलाव और मल्लिकार्जुन खड़गे की समझौतावादी नीतियां प्रमुख है।

आमतौर पर कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद गांधी परिवार के सदस्यों के पास ही रहता हैं। सोनिया गांधी वर्षों तक पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष रही है। इसके बाद राहुल गांधी ने इस पद को संभाला। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी की कमान सोनिया गांधी के पास थी। जबकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इन दोनों चुनावों में कांग्रेस तिहाई का आंकड़ा नहीं छू पाई थी। 2014 के चुनावों में कांग्रेस को जहां 44 सीटें मिली थी, जबकि साल 2019 में पार्टी को महज 52 सीटें मिली थी।

लगातार दो लोकसभा और कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिलती करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी के भीतर और बाहर विरोध के स्वर भी बुलंद हो रहे है। इसक बीच भाजपा और अन्य विरोधी दल भी कांग्रेस पर एक ही खानदान का वर्चस्व होने और परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते रहे। इसी बीच कांग्रेस ने अध्यक्ष पद किसी और नेता को देने की रणनीति अपनाई। 2022 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव कराया गया। इसमें मल्लिकार्जुन खरगे को पार्टी को कमान मिली।

दरअसल, खरगे कांग्रेस पार्टी का एक प्रमुख दलित चेहरा होने के साथ ही कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता भी है। आमतौर पर खरगे की पहचान समझौतावादी नेता के तौर पर होती हैं। वे आम सहमति के साथ सभी को लेकर चलने की कोशिश करते है। फिर चाहे वह कांग्रेस का अंदरुनी मामला हो या फिर इंडिया गठबंधन से जुड़ा को मुद्दा हो। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में उनके इस रुख से कांग्रेस को काफी फायदा हुआ है। खड़गे की अगुवाई में ही कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के साथ सीट शेयरिंग का समझौता किया। कांग्रेस को कई प्रदेशों में समझौतावादी रुख अपनाना पड़ा। इसी का असर भी इन चुनावों में देखने को मिला। जो कांग्रेस साल 2014 और 2019 के चुनावों के मुकाबले इस बार बेहतर प्रदर्शन करते हुए नजर आ रही है।

‘पूरे देश की निगाहें इस विशेष सीट पर’, माधवी लता ने जताया हैदराबाद क्षेत्र से जीत का भरोसा

हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की भाजपा उम्मीदवार माधवी लता ने बताया कि पूरा देश लोकसभा चुनाव 2024 के इस विशेष सीट के नतीजे का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह काफी ज्यादा उत्सुक हैं। बता दें कि हैदराबाद सीट से माधवी लता का मुकाबला एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ था।

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों से पहले मीडिया से बात करते हुए भाजपा उम्मीदवार माधवी लता ने कहा, “मैं बहुत ज्यादा उत्सुक हूं। पूरे देशभर में जिन्होंने भी भाजपा को वोट दिया, वे सभी खासकर इस विशेष सीट के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं। हम जीतेंगे और हैदराबाद की लोकसभा सीट पर न्याय लाएंगे।”

मुकाबला माधवी लता और असदुद्दीन ओवैसी के बीच
हैदराबाद की सीट पर यह मुकाबला एक लंबे समय के आरएसएस कार्यकर्ता बनाम एक प्रमुख मुस्लिम नेता के बीच है। बता दें कि ओवैसी 2004 से ही हैदराबाद सीट से जीत हासिल कर रहे हैं। पिछली लोकसभा चुनाव में उन्होंने तीन लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थीं। देश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योगदानों पर बात करते हुए भाजपा उम्मीदवार ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि पीएम मोदी ने दो कार्यकालों में देश के लिए जबरदस्त काम किए। उन्होंने केवल काम नहीं किया, बल्कि लोगों के दिलों में मोदी का परिवार एक खुबसूरत ऑटोग्राफ भी छोड़ा।”

लोकसभा चुनाव 2024 में 400 से अधिक सीटें जीतने का भरोसा जताते हुए माधवी लता ने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि पूरा देश आज 400 पार के लिए प्रार्थना कर रहा होगा। इन आशीर्वाद के साथ ही हम हैदराबाद सीट जीतेंगे और देश में सकारात्कमता की आंधी आएगी।” एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी हैदराबाद में पार्टी कार्यालय में पहुंचे, क्योंकि पार्टी के काउंटिंग एजेंटों को दूसरे काउंटिंग केंद्रों पर भेज दिया गया है। तेलंगाना की सभी 17 सीटों पर 13 मई को मतदान हुआ था। राज्य में कुल 65.67 फीसदी मतदान हुए। लोकसभा चुनाव 2019 में बीआरएस ने 17 में से नौ सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को चार और कांग्रेस को तीन सीटों पर जीत मिली थीं।

चुनाव परिणाम के बाद हिंसा होने की आशंका, हर जगह सुरक्षा कड़ी

चुनाव परिणाम के बाद हिंसा होने की आशंका बढ़ गई है। विपक्षी दलों के बयानों से इस बात की आशंका पैदा हो गई है कि यदि अंतिम चुनाव परिणामों में विपक्ष की हार होती है तो विपक्षी दल सड़कों पर उतर सकते हैं। विपक्षी दलों ने अपने समर्थकों को भारी संख्या में मतगणना केंद्रों पर इकट्ठा होने के लिए कहा है। विपक्ष पहले ही ईवीएम में गड़बड़ी और जिलाधिकारियों के माध्यम से चुनाव परिणाम प्रभावित कराने की आशंका जताई है, इस बात की संभावना हो सकती है कि यदि चुनाव परिणाम विपक्ष के विपरीत आए तो उनके समर्थक अलग-अलग जगहों पर हिंसक प्रदर्शन कर सकते हैं। विपक्ष की इन बयानबाजियों के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने हर स्तर पर सुरक्षा बढ़ाने का दावा किया है।

दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा केंद्रों पर जवानों की तैनाती बढ़ा दी है। हर मतगणना केंद्र पर जवान आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी ने मतगणना के बाद किसी हिंसा की आशंका से इनकार नहीं किया है। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश के सभी मतगणना केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गए हैं। किसी हिंसा की आशंका को समाप्त करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों से असामाजिक तत्त्वों को एहतियातन हिरासत में ले लिया गया है।

पश्चिम बंगाल अपनी चुनावी हिंसा को लेकर कुख्यात रहा है। इस बार भी पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा चुनावी हिंसा देखने को मिली थी। इसे देखते हुए चुनाव आयोग ने मतगणना के समाप्त होने के बाद भी पश्चिम बंगाल में अगले 15 दिनों तक के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने के आदेश दे दिये हैं। राज्य में अर्धसैनिक बलों के जवान अलग-अलग क्षेत्रों में 19 जून तक तैनात रहेंगे।

बिहार में पप्पू यादव जैसे कुछ नेताओं ने लोकतंत्र को बचाने के लिए अंतिम लड़ाई लड़ने जैसे शब्दों का उपयोग किया है और अपने समर्थकों से मतगणना केंद्रों पर लोकतंत्र को बचाने के लिए उपस्थित रहने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि इस तरह के बयानों से उनके समर्थक उपद्रव करने की ओर बढ़ सकते हैं। इसे देखते हुए बिहार में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

हिंसा हुई तो कांग्रेस जिम्मेदार- भाजपा नेता
भाजपा नेता अभिषेक वर्मा ने अमर उजाला से कहा कि कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र को अपमानित करने का काम किया है। इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर देश के लोकतंत्र का अपमान किया था। कांग्रेस आज तक उसका खामियाजा भुगत रही है। यदि आज के चुनाव परिणामों में अपनी हार होने के बाद कांग्रेस के समर्थक किसी तरह की हिंसा करते हैं तो इसके लिए कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता जिम्मेदार होंगे।

गर्मियों में पेट फूलने और गैस की हो सकती है दिक्कत, इन चीजों का कम कर दें सेवन

गर्मियों में पाचन से संबंधित समस्याओं का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। भोजन के रखरखाव में गड़बड़ी, बैक्टीरिया-वायरस से दूषित आहार का सेवन करने से फूड पॉइजनिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा गर्मी के दिनों में निर्जलीकरण का भी जोखिम रहता है जिसके कारण भोजन के पाचन पर नकारात्मक असर हो सकता है। ये स्थितियां अपच-गैस और पेट फूलने जैसी दिक्कतें बढ़ा सकती हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, गर्मी के दिनों में खान-पान को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है। इन दिनों में ज्यादा तेल मसाले, तली हुई चीजों के सेवन से बचाव करना जरूरी है। आइए जानते हैं कि आपको गर्मियों में किन चीजों से परहेज करना चाहिए जिससे पेट फूलने और गैस जैसी पाचन स्वास्थ्य की समस्याओं से बचाव किया जा सके?

पेट की समस्याओं का जोखिम

दिल्ली स्थित अस्पताल में गैस्ट्रोलॉजिस्ट डॉ रिजवान खान बताते हैं, पेट में दर्द और सूजन का सबसे आम कारण आंतों में अत्यधिक गैस बनना है। अगर आपको खाने के बाद अक्सर पेट फूला हुआ महसूस होता है, तो यह पाचन संबंधी समस्या का संकेत है। कुछ प्रकार की अंतर्निहित बीमारियों के कारण इसका जोखिम देखा जाता रहा है। इसके अलावा आहार के चयन में गड़बड़ी और पाचन में कठिन चीजों का सेवन करने के कारण गैस और पेट फूलने की दिक्कत हो सकती है। आइए जानते हैं कि गैस-पेट फूलने की समस्या से बचे रहने के लिए किन चीजों से बचाव करना चाहिए।

राजमा-बीन्स से बढ़ सकती हैं दिक्कतें

गर्मियों में राजमा, बीन्स, छोले जैसी पाचन में कठिन चीजों के अधिक सेवन से बचना चाहिए। इनका पाचन तो कठिन होता ही है साथ ही ये गैस पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ हैं। आमतौर पर दालें और बीन्स प्रोटीन से भरपूर होते हैं लेकिन इनका पाचन कठिन होने के कारण गैस बनने लगती है, जो पेट में सूजन का कारण बन सकती है। गर्मी के दिनों में ज्यादा तली-भुनी चीजों के सेवन से भी बचना चाहिए।

क्रूसिफेरस सब्जियां बढ़ा सकती हैं समस्या

ब्रोकली एक क्रूसिफेरस सब्जी है, जिसका गर्मी के दिनों में सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए। इसमें रैफिनोज नामक शर्करा होती है जिसे पचाना कठिन होता है। इससे गैस और पेट फूलने की समस्या हो सकती है। रात में ब्रोकली खाने से अपच भी हो सकती है जिसके कारण रात की नींद के भी बाधित होने का खतरा रहता है।

लहसुन और प्याज के नुकसान

लहसुन को इसके कई पोषण गुणों और इससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों के कारण सुपरफूड माना जाता है। हालांकि, लहसुन में फ्रुक्टेन नामक तत्व भी होते हैं जो पेट फूलने और गैस का कारण बन सकते हैं। इससे एसिड रिफ्लक्स का खतरा भी हो सकता है। इसी तरह से प्याज में भी फ्रुक्टेन की मात्रा होती है जो एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है जो गैस और सूजन का कारण बन सकता है। अगर आपको पेट फूलने की समस्या है, तो रात के खाने में प्याज खाने से बचें।

नूतन ने मां की फिल्म से किया था डेब्यू, मिस इंडिया का खिताब जीता, संजीव कुमार से अफेयर की उड़ी थी अफवाह

अपनी अदाकारी से पहचान बनाने वाली अभिनेत्रियां तो बहुत सी हैं, लेकिन अगर यह कहा जाए कि उन सभी में से नूतन एकदम अलग है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। नूतन का जन्म आज ही के दिन साल 1936 में हुआ था। अब वो इस दुनिया में नहीं है, लेकिन शानकार कलाकार के तौर पर उनकी शख्सियत आज भी कायम हैं। उनके काम को पसंद करने वाले आज भी कम नहीं हुए हैं।

नूतन अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी थीं। अभिनेत्री काजोल की मां और दिग्गज अभिनेत्री तनुजा, नूतन की छोटी बहन हैं। मां-बेटी की बात चल पड़ी है तो आपको बता देते हैं कि नूतन केवल 14 साल की थीं, जब उन्होंने ‘हमारी बेटी’ फिल्म से अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। इस फिल्म का निर्देशन नूतन की मां शोभना ने ही किया था। ‘छलिया’, ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’, ‘पेइंग गेस्ट’, ‘अनाड़ी’, ‘कर्मा’, ‘मेरी जंग’ और ‘सौदागर’ नूतन के करियर अहम फिल्मों में शामिल हैं। उन्होंने करीब 70 फिल्मों में अभिनय किया था।

साल 1959 में नूतन ने रजनीश बहल से शादी की थीं, जो इंडियन नेवी में लेफ्टिनेंट कमांडर थे। नूतन ने एक बेटे को जन्म दिया था। उनका नाम मोहनीश हैं। ये वही मोहनीश हैं, जिन्हें आपने ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म में देखा होगा। नूतन ने ‘मिस इंडिया’ का भी खिताब जीता था और इस मुकाम को हासिल करने वाली वो पहली एक्ट्रेस थीं। नूतन किरदार की मांग के हिसाब से आत्मविश्वास के साथ बोल्ड कपड़े भी पहना करती थीं। उदाहरण के लिए साल 1958 में आई फिल्म ‘दिल्ली का ठग’ में नूतन स्विमसूट पहने नजर आई थीं। उन्होंने इस फिल्म में डाइविंग चैंपियन की भूमिका निभाई थी।

नूतन के बारे में कहा जाता है कि वो फिल्म के सेट अक्सर खामोश ही रहती थीं। उन्हें कभी-कभार ही किसी से बातचीत करते हुए देखा जाता था, मगर एक फिल्म की शूटिंग के दौरान उनके और एक बड़े अभिनेता के बीच कुछ ऐसा होने लगा था, जिससे बात इस हद तक पहुंच गई थी कि नूतन को अपना हाथ उठाना पड़ गया था। दरअसल, बात उस दौर की है, जब ‘देवी’ फिल्म की शूटिंग चल रही थी। इस दौरान नूतन की दोस्ती संजीव कपूर से हो गई थी। दोनों की नजदीकियों को देख अफेयर की अफवाह से खबरों का बाजार गरम हो गया था। फिर एक दिन नूतन ने एक मैग्जीन में इस तरह की खबर पढ़ ली। पता चला कि संजीव कुमार ने ही अफेयर की बात फैला रखी है, हालांकि, यह गलतफहमी थी, लेकिन इतना जानते ही नूतन आग बबूला हो उठी थीं और उन्होंने संजीव कुमार को तमाचा जड़ा दिया था।

नूतन को उनके काम के लिए कई बार सम्मानित किया गया था। उन्हें पांच बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। कहा जाता है कि तीस साल तक किसी अभिनेत्री को इतने फिल्मफेयर अवॉर्ड नहीं मिले थे। नूतन को पद्मश्री से भी नवाजा गया था। साल 1991 के फरवरी महीने में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। उन्हें ब्रेस्ट कैंसर था, जिसके बारे में साल 1990 में पता चला था।