Thursday , October 24 2024

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3.9 रही तीव्रता, मुख्य केंद्र गुरमा; आपदा सलाहकार ने जताया ये अंदेशा

सोनभद्र:  यूपी के सोनभद्र में रविवार की दोपहर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका मुख्य केंद्र जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर चुर्क नगर पंचायत का गुरमा क्षेत्र रहा। जहां जमीनी सतह से दस किलोमीटर नीचे रिक्टर पैमाने पर 3.9 तीव्रता का भूकंप मापा गया। नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी के अनुसार, सोनभद्र जनपद में रविवार की दोपहर करीब 3 बजकर 50 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टल स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई है।

इस संबंध में आपदा सलाहकार पवन कुमार शुक्ला ने बताया कि सोनभद्र जनपद भूकंप के लिहाज से सुरक्षित जोन में है। भूकंप के झटके न तो किसी को महसूस हुए और न इससे किसी प्रकार की क्षति की सूचना है। नेशनल सेंटर फॉर सेस्मोलॉजी की ओर से इस संबंध में जानकारी साझा किए जाने पर जनपद के लोगों को भूकंप आने की जानकारी हुई।

गर्मी में मामूली कमी होते ही बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या, रविवार को 81 हजार ने किए रामलला के दर्शन

अयोध्या:नौतपा में भीषण गर्मी के चलते अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या घट गई थी। जैसे ही नौतपा का ताप कम हुआ, श्रद्धालुओं की संख्या फिर बढ़ने लगी है। रविवार को जिले का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जिससे धूप व गर्मी का असर कम रहा। इसके चलते अयोध्या में पर्यटन का माहौल नजर आया। छुट्टी का आनंद उठाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु व पर्यटक अयोध्या पहुंचे। रविवार को रामलला के दरबार में 81 हजार भक्तों ने दर्शन-पूजन किए।

नौतपा में श्रद्धालुओं की संख्या दो गुना घट गई थी। रामलला के दरबार में जहां रोजाना डेढ़ लाख श्रद्धालु दर्शन-पूजन को आ रहे थे, नौतपा में यह संख्या घटकर 50 से 60 हजार पहुंच गई थी। नौतपा का समापन रविवार को हुआ तो मौसम में भी परिवर्तन दिखा। तापमान में चार से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई।

रविवार को दिन भर श्रद्धालुओं की चहल-पहल दिखी। रामलला के दरबार में सुबह से शाम तक भक्तों की कतार लगी रही। शाम पांच बजे तक 81 हजार श्रद्धालुओं ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई थी। वहीं सरयू तट पर भी पर्यटन का माहौल नजर आया। राम की पैड़ी पिकनिट स्पॉट की तरह दिखी। गर्मी दूर भगाने के लिए लोग पैड़ी में स्नान करते नजर आए। शाम को सरयू तट पर होने वाली सरयू आरती में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही।

राममंदिर परिसर में भगवान परशुराम का मंदिर बनाने की मांग
अखिल भारतीय चाणक्य परिषद व श्री परशुराम सेवा ट्रस्ट की बैठक प्रेस क्लब सिविल लाइन में हुई। बैठक के मुख्य अतिथि परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक एवं श्री परशुराम सेवा ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित कृपा निधान तिवारी ने बताया कि राम जन्मभूमि परिसर में भगवान परशुराम मंदिर बनाने की मांग को लेकर राममंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र को ज्ञापन सौंपने का निर्णय हुआ है। भगवान राम व भगवान परशुराम का संवाद भी रामायण का एक हिस्सा है। इसलिए भगवान परशुराम का भी मंदिर राममंदिर में बनने चाहिए। बैठक में परिषद से युवाओं को जोड़ने के लिए युवा विंग का गठन करते हुए सुनील कुमार पांडेय को अध्यक्ष मनोनीत किया गया। बैठक का संचालन जिला महामंत्री लषणधर त्रिपाठी और अध्यक्षता पूर्व प्रधान उमाशंकर तिवारी ने की। बैठक में प्रयाग दत्त तिवारी, कौशल किशोर मिश्रा, केपी तिवारी, अशोक कुमार तिवारी, देवेंद्र पांडेय, इंद्रदेव प्रसाद चौबे, सुनील पांडेय ,डॉ़ दुर्गा प्रसाद तिवारी, उमा प्रसाद दुबे, शिवाकांत तिवारी सहित बड़ी संख्या में परिषद के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

31 मई की रात बिजली खपत का नया रिकॉर्ड बना; पहली बार एक दिन में 15788 मेगावॉट का उत्पादन भी हुआ

लखनऊ:प्रदेश में भीषण गर्मी की वजह से लगातार बिजली खपत का नया रिकॉर्ड बन रहा है। 31 मई की रात बिजली खपत बढ़कर 29727 मेगावाट पर पहुंच गई। वहीं प्रदेश की उत्पादन इकाइयों ने 15788 मेगावाट बिजली उत्पादन कर नया रिकॉर्ड कायम किया है। उधर, पावर काॅरपोरेशन प्रबंधन की मुश्तैदी से उपभोक्ताओं की दुश्वारियां कम हुई हैं। शनिवार को छिटपुट घटनाओं को छोड़कर तो ज्यादातर इलाकों में स्थिति सामान्य रही। प्रदेश में पारे में बढ़ोतरी के साथ ही बिजली की मांग का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है।

24 मई को बिजली की मांग 29147 मेगावाट पर पहुंच गई थी। इसके बाद से लगातार बढोत्तरी के साथ 31 मई की रात यह 29727 मेगावाट पर पहुंच गई है। ऐसी स्थिति में विभिन्न स्थानों पर आपूर्ति उपकरण जवाब देने लगे। हालांकि कुछ देर बाद मौसम में आई नरमी ने राहत दी। रात करीब तीन बजे के बाद बिजली की मांग में गिरावट हुई। शनिवार को कुछ जिलों में बादल छाए रहने की वजह से भी बिजली की मांग में कमी आई। इसी क्रम में राज्य के उत्पादन गृहों ने भी 15788 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने का नया रिकार्ड बनाया है।

मौसम में मामूली गिरावट और बिजली कर्मियों की सक्रियता बढ़ने के बाद उपभोक्ताओं की मुश्किलें कुछ हद तक कम हुई हैं। शनिवार को लोकल फाल्ट की घटनाएं भी कम हुई हैं। विभागीय अफसर भी लगातार निगरानी कर रहे हैं। जहा से भी शिकायतें मिलीं, उसका तत्काल निस्तारण कराने का दावा किया गया है।

हर कार्मिक जून माह को चुनौती के रूप में ले: गोयल
पावर काॅरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार गोयल ने शनिवार को अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जून माह में गर्मी का असर बरकरार रहने की संभावना है। ऐसी स्थिति में इस माह को चुनौती के रूप में लें। बिजली की मांग में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए सावधानी बरतें। राज्य लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) को प्रभावी बनाएं, जिससे विद्युत प्रणाली के एकीकृत संचालन को बेहतर बनाया जा सके।

उपभोक्ताओं की बात न सुनने से हुआ बवाल
उपभोक्ता परिषद का दावा है कि जिस इलाके में अवर एवं सहायक अभियंताओं ने विद्युत व्यवधान होने पर उपभोक्ताओं की बात नहीं सुनीं, उसी क्षेत्र में बवाल हुआ। यदि बिजली गुल होने पर उपभोक्ता को सही जानकारी दे दी जाए तो इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 1912 पर शिकायतों के फर्जी निस्तारण में मुख्य भूमिका अवर अभियंता और संबंधित अभियंताओं की है।

वे बिना शिकायत का निस्तारण किए ही उसे निस्तारित बता दे रहे हैं। इससे लोगों में आक्रोश है। प्रदेश में मुआवजा कानून को सख्ती से न लागू किए जाने का नतीजा है इस प्रकार की घटनाएं हो रहीं हैं। कॉल सेंटर द्वारा फोन ना उठाए जाने पर भी प्रत्येक मामले में 50 रुपया प्रतिदिन के हिसाब से उपभोक्ता को मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। इसे भी लागू किया जाना चाहिए।

अरुणाचल-सिक्किम में जश्न शुरू, थोड़ी देर में राज्यपाल से मिलेंगे दोनों राज्यों के सीएम

ईटानगर गंगटोक:  पूर्वोत्तर के दो राज्यों अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए।सिक्किम में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने भारी बहुमत के साथ जीत हसिल की। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में एक बार फिर पेमा खांडू सरकार (भाजपा) की वापसी हुई। बता दें कि दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपनी-अपनी सीट से जीत हासिल की।

सिक्किम की 32 सीटों में एसकेएम ने 31 सीटें जीतीं, जबकि एक सीट सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के खाते में गई। अरुणाचल प्रदेश की 60 सीटों पर भाजपा ने 46 सीटों पर जीत हासिल की। इसके अलावा कांग्रेस को एक, एनपीपी को पांच और अन्य को आठ सीटों पर जीत मिलीं। इस बीच, दोनों ही राज्यों में कार्यकर्ता खुशियां मना रहे हैं। दोपहर बाद दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री राज्यपाल से मिलेंगे।

41 सीटें जीत कर दूसरी बार सीएम बने थे पेमा
2019 के अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 41 सीटें जीतीं और पेमा खांडू फिर से मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस ने केवल 4 सीटें जीतीं जबकि जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और एनपीपी ने क्रमशः 7 और 5 सीटें जीतीं। इससे पहले 2014 के में हुए अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा केवल 11 सीटें जीतने में सफल रही। पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) ने 5 सीटें जीतीं। लेकिन प्रदेश में राजनीतिक उठा-पटक के बाद जुुलाई, 2016 में पेमा खांडू पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

अरुणाचल प्रदेश में भाजपा निर्विरोध हासिल की जीत
अरुणाचल प्रदेश में कोई बड़ी क्षेत्रीय राजनीतिक दल नहीं है। यहां पर भाजपा और कांग्रेस दो बड़े दल हैं और इन्हीं के बाच लड़ाई है। हालांकि, भाजपा ने राज्य की सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि कांग्रेस ने केवल 19 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। भाजपा पहले ही बोमडिला, चौखम, ह्युलियांग, ईटानगर, मुक्तो, रोइंग, सागली, ताली, तालिहा और जीरो-हापोली सहित 10 सीटें बिना किसी प्रतियोगिता के जीत चुकी है।

सिक्किम: बहुमत के साथ सीएम बने थे गोले
एसकेएम ने 2019 में 24 साल 5 महीने और 15 दिन पुरानी एसडीएफ के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग को हराया था। इस तरह से एसकेएम के प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। 2019 सिक्किम विधानसभा चुनाव में, एसकेएम ने 17 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया और प्रेम सिंह मुख्यमंत्री बने। राज्य में मौजूदा एसडीएफ 15 सीटों पर सिमट गई थी। 2014 के सिक्किम विधानसभा चुनाव में एसडीएफ ने 22 सीटें जीतीं और पवन कुमार चामलिंग लगातार पांचवीं बार सीएम बने थे।

NDA एग्जिट पोल से भी ज्यादा सीटें जीतेगी; केंद्रीय मंत्री अठावले बोले- दलित समाज ने दिया समर्थन

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में एनडीए एग्जिट पोल के अनुमान से भी ज्यादा सीटें जीतेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली NDA 543 लोकसभा सीटों में से 400 से ज्यादा सीटें जीतेगी।

‘राजस्थान, MP और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी एग्जिट पोल से ज्यादा सीटें मिलीं’

अठावले ने आगे कहा कि पिछले साल भाजपा ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भी एग्जिट पोल के अनुमान से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसलिए अभी एग्जिट पोल एनडीए को 375 बता रहे हैं, लेकिन एनडीए 400 के पार जाएगी।अठावले ने दावा किया कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने जो भी दुष्प्रचार किया एनडीए गठबंधन ने उसका माकूल जवाब दिया। यही कारण है कि दलित, बहुजन, बुद्धिस्ट और बाबा साहब को मानने वाले कांग्रेस के झांसे में नहीं आए। सभी लोगों ने सत्तारूढ़ दल को समर्थन दिया है।

एग्जिट पोल में NDA को बड़ी बहुमत

शनिवार को आए एग्जिट पोल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार सत्ता में आने का अनुमान लगाया गया है। अधिकतर एजेंसियों के सर्वे में एनडीए के लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया है।

इंडिया टुडे माय एक्सिस ने 543 लोकसभा सीट में से भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए के 361 से 401, जबकि इंडिया गठबंधन के 131 से 166 सीटें जीतने का अनुमान जताया है। वहीं एबीपी सी वोटर ने अपने सर्वे में एनडीए के लिए 353-383, जबकि इंडिया गठबंधन को 152-182 सीट दी है। वहीं टुडे चाणक्या ने अपने सर्वे में भाजपा को 335 और एनडीए के 400 सीटें जीतने का अनुमान जताया है। हालांकि इसमें 15 सीटें कम या ज्यादा बताई हैं। वहीं विपक्षी गठबंधन को 107 सीटों का अनुमान लगाया है। जिसमें 11 सीटें कम या ज्यादा हो सकती हैं। भाजपा ने इस बार लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा दिया था।

अठावले ने कहा, ‘एग्जिट पोल एनडीओ के 350 से 375 सीटें जीतने की बात कर रहे हैं। लेकिन भाजपा की अगुवाई वाला एनडीए और भी ज्यादा सीटें पाएगा। जबकि महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीट में महायुति गठबंधन 35 से 40 सीटें जीतेगी।’ अठावले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया एनडीए का सहयोगी घटक है।

महाराष्ट्र में NDA के महायुति शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी पार्टियां शामिल हैं।

महाराष्ट्र में कांटे की टक्कर लेकिन जीत NDA को मिलेगी

अठावले ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र में 18 रैलियों को संबोधित किया और सरकार के किए हुए विकास कामों से जनता को अवगत करवाया। जिस कारण एनडीए गठबंधन महाराष्ट्र में 35-40 सीटें जीतेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में एनडीए और विपक्षी गठबंधन की कांटे की टक्कर है लेकिन इसमें महायुति जीतेगी। रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने चुनाव में दिल खोलकर महायुति के प्रत्याशियों का समर्थन किया है।

पहले बेंगलुरु दौरे पर इस मशहूर जगह पहुंचे थे जोमैटो के संस्थापक, जानें किससे की थी सबसे पहले मुलाकात

जोमैटो के सह संस्थापक दीपिंदर गोयल सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं। उन्होंने अपनी कंपनी की उपलब्धियों से जुड़े पोस्ट साझा किए। पोस्ट साझा करने के साथ ही उन्होंने अपने अनुभव और रोमांच की झलक को भी दर्शाया। अपने लेटेस्ट पोस्ट में उन्होंने उद्यमी शकील हक के साथ अपनी बातचीत का जिक्र किया। बता दें कि शकील हक एंपायर चेन ऑफ रेस्तरां के संस्थापक हैं। दीपिंदर गोयल ने बंगलूरू की अपनी पहली यात्रा का भी अपने पोस्ट में जिक्र किया। उन्होंने बतया कि एंपायर ही वह पहला स्थान था, जहां वे 2015 में बंगलूरू की अपनी पहली यात्रा के दौरान रुके थे।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए दीपिंदर गोयल ने कहा, “एंपायर ही वह पहला स्थान था, जब मैं 2015 में पहली बार बंगलूरू गया, तब वहां रुका था। आज के समय में यह शहर का सबसे मशहूर खाना खाने वाले स्थानों में से एक है। ब्रेकिंग ब्रेड के लेटेस्ट एपिसोड में मैं एंपायर के संस्थापक के साथ शकील हक के साथ बैठा था। हमने सफलता के पीछे के नुस्खे के बारे में चर्चा की।”

इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर साझा करने के बाद इसे 3,14,000 यूजर्स ने देखा। पोस्ट को करीब 750 लाइक मिले। इस दौरान कई यूजर्स ने एंपायर के साथ अपनी यादें भी साझा की। एक यूजर ने कहा, “एंपायर केवल एक रेस्तरां ही नहीं, बल्कि बंगलूरू की एक संस्था है। शाकीब हक से जुनून और दृढ़ता सीखने के लिए उत्सुक हूं।”

एक अन्य यूजर ने लिखा, “आप 2016 में बंगलूरू गए थे? जोमैटो के शुरू होने के सात साल बाद? अगर यह सच है तो फिर स्टार्टअप के लिए बंगलूरू की जरूरत किसे है?” एक अन्य यूजर ने लिखा, “इन दोनों के अलावा 90 के दशक इंपीरियल अधिक मशहूर था। उनका कुश्का और कबाब कुछ अलग ही था।” जोमैटो की स्थापना 2008 में हुई थी, चीन के एंट ग्रुप द्वारा समर्पित, यह देश के सबसे प्रमुख स्टार्टअप्स में से एक है।

पीएम मोदी ने हीटवेव और चक्रवात को लेकर की चर्चा, इन अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली:मौसम विभाग ने इस साल भीषण गर्मी पड़ने की भविष्यवाणी की है। मई के माह में तापमान 50 के पार जा चुका है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में हीटवेव की स्थिति से निपटने की तैयारी और देश में शुरू हुए मानसून को लेकर बैठक रविवार दिल्ली में समीक्षा बैठक की। अधिकारियों ने मौसम विभाग की अनुमान से प्रधानमंत्री को अवगत करवाया। मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में हीटवेव बने रहने की संभावना है।प्रधानमंत्री ऑफिस ने बताया कि इस साल मानसून सामान्य या सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान है। हालांकि प्रायद्वीपों में सामान्य से कम रह सकता है।

राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में कुछ दिनों तक बनी रहेगी हीटवेव

अधिकारियों ने मौसम विभाग की अनुमान से प्रधानमंत्री को अवगत करवाया। मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश में हीटवेव बने रहने की संभावना है।

प्रधानमंत्री ऑफिस ने बताया कि इस साल मानसून सामान्य या सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान है। हालांकि प्रायद्वीपों में सामान्य से कम रह सकता है।
प्रधानमंत्री ने आग की घटनाओं से निपटने के लिए रोकथाम और पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया है।

आग की घटनाओं से निपटने और उनकी रोकथाम के लिए तैयारी के निर्देश

प्रधानमंत्री मोदी ने निर्देश देते हुए कहा कि आग और बिजली से बचने के लिए अस्पतालों और सार्वजनिक जगहों पर लगातार जांच करें। प्रधानमंत्री के सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव सहित अन्य अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे।

इन विषयों पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी आज विभिन्न विषयों पर सात बैठक कर रहे हैं। चक्रवात के बाद की स्थिति की समीक्षा के लिए पहली बैठक की। इस दौरान विशेष रूप से पूर्वोत्तर के राज्यों की स्थिति पर चर्चा की। पीएमओ ने बताया कि बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को प्रभावित राज्यों पर चक्रवात के प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई। मिजोरम, असम, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में भूस्खलन और बाढ़ के कारण मानव जीवन के नुकसान और घरों और संपत्तियों को हुए नुकसान पर भी चर्चा की गई।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार चक्रवात से प्रभावित राज्य को पूरा सहयोग देना जारी रखेगी। प्रधानमंत्री ने गृह मंत्रालय को स्थिति की निगरानी करने और बहाली के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए नियमित रूप से मामले की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया।

अरुणाचल में कांग्रेस को एकमात्र सीट से किसने दिलाई जीत? जानें कुमार वाई का सियासी सफरनामा

ईटानगर:  अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ विजय अभियान जारी रखा। राज्य की कुल 60 सीटों में से 46 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है। इसके अलावा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने पांच, कांग्रेस ने एक सीट जीत दर्ज की। अन्य के खाते में आठ सीटें आईं। कांग्रेस ने जिस एकमात्र सीट पर जीत हासिल की है, वह बामेंग विधानसभा सीट है। राज्य के पूर्व गृहमंत्री कुमार वाई को इस विधानसभा क्षेत्र से जीत मिली। उन्होंने 635 वोटों के अंतर से भाजपा प्रत्याशी दोबा लामिनो से हराया। आइए आपको बताते हैं कि आखिर कुमार वाई कौन हैं?

लगातार तीन चुनावों में बामेंग विधानसभा क्षेत्र से जीते
52 वर्षीय कुमार वाई मूल रूप से पूर्वी कमांग जिले के वाई गांव के रहने वाले हैं। कुमार वाई ने 2004, 2009 और 2014 में बामेंग विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते। हालांकि इसके बाद राज्य की राजनीति में उथल-पुथल हुई और वाई ने भाजपा का दामन थाम लिया। उन्हें तत्कालीन पेमा खांडू सरकार में गृहमंत्री का पद सौंपा गया। हालांकि, इसके ठीक दो साल बाद यानी 2019 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य की राजनीति में हलचल मच गई। कुमार वाई ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) का दामन थाम लिया। इस दौरान भाजपा के दो मंत्रियों और 12 विधायकों सहित कुल 15 नेताओं ने एक साथ पार्टी छोड़ी और एनपीपी में शामिल हो गए। 2019 के विधानसभा चुनाव में कुमार वाई एनपीपी के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन, भाजपा प्रत्याशी गोरुक पोर्डुंग से हार गए थे।

2023 में दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए
वर्ष 2023 में कुमार वाई की एक बार फिर से कांग्रेस में वापसी हुई। कांग्रेस में शामिल होते ही कुमार वाई ने अरुणाचल की पेमा खांडू सरकार और भाजपा पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश में यूएपीए की शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। इस बार यानी 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बामेंग विधानसभा क्षेत्र से फिर ताल ठोकी और भाजपा प्रत्याशी दोबा लामिनो को 635 वोटों के अंतर से हराया।

पेरिस से मुंबई आ रहे विस्तारा के विमान में बम की धमकी, एयरपोर्ट पर इमरजेंसी का एलान

नई दिल्ली:  एक जून यानी शनिवार को सातवें चरण के मतदान के साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 की मतदान प्रक्रिया संपन्न हो गई। उसके बाद शाम को अलग-अलग मीडिया चैनलों और सर्वे एजेंसियों की तरफ से एग्जिट पोल जारी किए गए। तीन सर्वे में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को 400 या उससे ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान जताया गया। लोकसभा चुनाव के चार जून को नतीजे सामने आएंगे। इस बीच, कांग्रेस नेता अजय माकन ने मतगणना प्रक्रिया को लेकर बनाए एक नए नियम पर विरोध जताया। उन्होंने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहली बार सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) की मेज पर चार जून को मतगणना प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को अनुमति नहीं दी जाएगी।

पहली बार ऐसा हो रहा
कांग्रेस नेता ने ईवीएम में कथित धांधली से भी बड़ा मुद्दा बताते हुए भारत के चुनाव आयोग से इसके समाधान का आग्रह किया। माकन ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘सहायक निर्वाचन अधिकारी (एआरओ) की मेज पर उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को मौजूद रहने की पहली बार अनुमति नहीं दी जा रही है। मैंने पहले भी नौ लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़े हैं और ये पहली बार हो रहा है। अगर यह सच है तो यह ईवीएम में कथित धांधली से भी बड़ी बात है। मैं इस मुद्दे को सभी उम्मीदवारों के लिए सामने रख रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि चुनाव आयोग के अधिकारी जल्द ही इसमें सुधार कर लेंगे।’

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दी सफाई
हालांकि, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि मतगणना प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को आरओ और एआरओ की टेबल पर रहने की अनुमति होगी। दिल्ली कार्यालय के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा, ‘यह स्पष्ट किया जाता है कि उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को आरओ/एआरओ की टेबल पर अनुमति दी जाती है।’

चुनाव आयोग (ईसीआई) ने शनिवार को कहा कि लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में एक जून को हुए मतदान में लगभग 62.36 प्रतिशत मतदान हुआ। इससे पहले छह चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई और 25 मई को मतदान हुआ था।

झांसी में दिल दहलाने वाली वारदात, पत्नी और मासूम बेटे का कत्ल कर ऑटो चालक ने की खुदकुशी

झांसी:  झांसी से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां शनिवार की रात को प्रेमनगर की पुरानी पुलिस चौकी के तलैया मोहल्ले में हुई वारदात से लोग सिहर उठे। एक ऑटो चालक ने मायके में भतीजे का जन्मदिन मनाने आई अपनी पत्नी और चार साल के बेटे की हत्या करने के बाद खुद भी आत्महत्या कर ली।

ऑटो चालक ने बेटे को मारने के बाद उसके शव को कपड़े के सहारे पंखे के कुंडे से लटका दिया था। पुलिस का कहना है कि ऑटो चालक शराब पीने का आदी था। आज भी वह शराब के नशे में ही ससुराल पहुंचा था। उस वक्त घर में मां-बेटे के अलावा कोई नहीं था। पति-पत्नी के बीच झगड़ा हुआ और उसके बाद दोनों की हत्या करके खुद ने भी रसोई में जाकर फांसी लगा ली। शहर कोतवाली के पठौरिया मोहल्ला निवासी नीलेश साहू (40) का आठ साल पहले तलैया मोहल्ला निवासी प्रियंका (35) से विवाह हुआ था। परिवार में चार साल का बेटा हिमांशु था। नीलेश ऑटो चलाता था। 29 मई को प्रियंका के भतीजे प्रियांशु के पहला जन्मदिन था।

बर्थ डे मनाने प्रियंका अपने बेटे हिमांशु के साथ 28 मई को मायके आ गई। तब से वह यहीं रह रही थी। एसएसपी राजेश एस ने बताया कि परिजनों से की गई पूछताछ के बाद जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक शनिवार शाम प्रियंका की मां कमलेश पास के मोहल्ले बल्लमपुर गई थी जबकि भाई मोनू अपनी छोटी बहन से मिलने बबीना चला गया।

घर में सिर्फ प्रियंका और उसका चार साल का बेटा हिमांशु ही था। रात को करीब सात बजे शराब के नशे में नीलेश भी वहां पहुंचा। आसपास के लोगों ने पुलिस को बताया कि इस दौरान दोनों के बीच झगड़ा हुआ। घर से तेज आवाजें आ रही थीं। कुछ देर बाद आवाज आनी बंद हो गई। रात करीब नौ बजे जब प्रियंका का भाई मोनू घर पहुंचा तब सामने वाले कमरे में प्रियंका का शव जमीन पर पड़ा था। उसके चेहरे से खून बह रहा था। उसी कमरे में मासूम हिमांशु का शव फंदे से लटका था। किचन में नीलेश का शव भी फंदे पर झूल रहा था।