Thursday , October 24 2024

Editor

अंडमान एक्सप्रेस ट्रेन से 11 शव लाए गए मथुरा जंक्शन, घरों में मची चीख पुकार; हर आंख दिखी नम

मथुरा:  तीर्थनगरी मथुरा से करीब 20 लोग वैष्णों देवी की यात्रा के लिए जम्मू गए थे। इनकी बस दो दिन पहले गुरुवार की दोपहर 12 बजे पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर अखनूर के टूंगी मोड़ पहुंची। यहां से जम्मू से शिवखौड़ी धाम जाते समय हादसा हो गया। बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे में कई लोगों की मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं।

शनिवार को 11 शव अंडमान एक्सप्रेस ट्रेन से मथुरा जंक्शन पहुंचे। यहां से संबंधित गांव ले जाए गए। खबर मिली तो मृतकों के घरों में लोगों का जमावड़ा हो गया। घरवालों का रो रोकर बुरा हाल है। गांव के लोग परेशान परिजन को ढांढस बंधाते रहे।

ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर एक नया वाद दाखिल, नौ जुलाई को होगी अगली सुनवाई

वाराणसी:  ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर एक नया वाद दाखिल किया गया है। यह वाद पत्रकार सौरभ सिंह सोमवंशी, कौशांबी के सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार सिंह, इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता राणा प्रताप सिंह और सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट रीना एन सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन हितेश अग्रवाल की अदालत में दाखिल किया। अदालत ने वाद को सुनवाई योग्य पाते हुए अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन चतुर्थ युगल शंभू के यहां इसे स्थानांतरित कर दिया।

अदालत ने सभी पक्षकारों को आपत्ति दाखिल करने के लिए नोटिस जारी कर और वाद बिंदु तय करने के लिए नौ जुलाई की तिथि तय की है। वाद में काशी विश्वनाथ, शिव परिवार, नंदी व ज्ञानवापी तीर्थ को फिर से प्राप्त करने के साथ ही उसे मुसलमानों के कब्जे से मुक्त कराने की मांग की गई है। इसके अलावा ज्ञानवापी से मस्जिद को हटाकर फिर से हिंदुओं को वापस करने की मांग की गई है। ताकि, आरती और भगवान का शृंगार सुचारू रूप से हो सके।

वाद में कहा गया है कि मस्जिद के अंदर कुएं में गंगा का जल लगातार विद्यमान है, जिसका जिक्र स्कंद पुराण में भी किया गया है। ज्ञानवापी से जुड़े इस नए वाद में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी व श्री काशी विश्वनाथ मंदिर बोर्ड ट्रस्ट को प्रतिवादी बनाया गया है। जबकि, भगवान श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, भगवान श्री काशी विश्वनाथ स्थान, भगवान श्री नंदीश्वर विश्व वैदिक संस्थान न्यास, श्री संपूर्ण न्यास परिवार, ज्ञानकुंड स्थान ज्ञानवापी की तरफ से वाद दाखिल किया गया है।

30 साल में 20 दिन पारा पहुंचा था 45 पार, अबकी हफ्ते में तीन बार; 140 साल का टूटा रिकॉर्ड

वाराणसी:  काशी में इन दिनों आसमान से आग बरस रही है। इससे पहले भी काशी का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार जा चुका है। यह जरूर है कि तब ऐसी स्थिति कभी-कभी ही हुआ करती थी। बीएचयू के डिपार्टमेंट ऑफ जियोफिजिक्स के प्रो. राजीव भाटला के अनुसार, वर्ष 1981 से 2010 के बीच 30 सालों में सिर्फ 20 दिन ऐसे रहे जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार रहा। इस बीच 355 दिन तापमान 40 डिग्री सेल्सियस रहा। 1131 दिन तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा।

जबकि, 3323 दिन तापमान 30 डिग्री सेके साथ ही स्थानीय स्तर पर हरियाली व पौधों से दूरी और एसी से निकटता है।

1884 में 47 डिग्री सेल्सियस पार पहुंचा ल्सियस से ज्यादा रहा। बीएचयू के पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान में इस तरह की बढ़ोतरी की अहम वजह ग्लोबल वार्मिंग था तापमान

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार वर्ष 1884 में अधिक

.

म तापमान 47.2 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि गत मंगलवार को यह रिकॉर्ड टूट गया था। गत मंगलवार को 47.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था। वहीं, बाबतपुर स्थित मौसम विज्ञान कार्यालय से बताया गया कि उनके पास मौजूद रिकॉर्ड के अनुसार बृहस्पतिवार को सर्वाधिक तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

365 दिन में 97 हजार पेड़ काटे गए
जिले में तापमान में बढ़ोतरी की एक अहम वजह पर्यावरण संरक्षण के प्रति घोर उदासीनता भी है। वन विभाग के अनुसार गत एक वर्ष में निर्माण कार्यों सहित विकास परियोजनाओं के लिए 97 हजार पेड़ काटे गए। परमानंदपुर, शिवपुर की 104 वर्षीय कलावती देवी से बेतहाशा बढ़ रहे तापमान को लेकर शुक्रवार को बात की गई। उन्होंने कहा कि गर्मी पहले भी बेतहाशा पड़ती थी। मगर, पेड़ों की संख्या इतनी अधिक थी कि रात सुकूनदायक होती थी। देखते ही देखते ही शहर का दायरा इतना ज्यादा बढ़ गया, इतने पक्के मकान बन गए और सड़कें इतनी चौड़ी हो गईं कि पेड़ कहीं नजर ही नहीं आते हैं।

सेंट्रल लाइब्रेरी में चार गुना हुई भीड़, 85 लोगों के हॉल में बैठ रहे 150; AC के चलते जमा हुए छात्र

वाराणसी: भीषण गर्मी के बीच छह लाख से अधिक पुस्तकों वाले बीएचयू के सयाजी राव गायकवाड़ सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्र-छात्राओं की संख्या अचानक बढ़ गई है। 750 की क्षमता वाले सेंट्रल लाइब्रेरी में सामान्य दिनों में जहां 1500 से 1600 छात्र-छात्राएं बैठते थे, वहीं इन दिनों चार गुना से भी अधिक विद्यार्थी पहुंच रहे हैं। इससे पानी की खपत चार गुना (करीब 24000 लीटर) और बिजली खर्च 25 फीसदी तक बढ़ गया है। स्थिति यह है कि लाइब्रेरी तक पहुंचने में दिक्कत आ रही है। तेज धूप और उमस के बीच लंबी लाइन लग रही है। बताया जा रहा है कि एसी और ठंडे पानी के चक्कर में ज्यादा छात्र आ रहे हैं।

सेंट्रल लाइब्रेरी में शुक्रवार को 6000 छात्र-छात्राएं पहुंचे। सुबह छह बजे ही प्रवेश के लिए लंबी कतार लग गई। मुख्य प्रवेश द्वार से एंट्री गेट तक छात्र-छात्राओं का जमावड़ा रहा। वहां स्थान पाने और पहले अंदर पहुंचने की होड़ लगी रही। दरअसल, छात्र-छात्राओं के लिए छह वाटर कूलर लगे हैं। छात्र संख्या बढ़ने से उन पर प्रति छात्र चार से साढ़े चार लीटर के हिसाब से कुल लगभग 24000 लीटर पानी की खपत हो रही है। जबकि सामान्य दिनों में यह 4000 से 4500 लीटर ही रहती है। इसी तरह गर्मी में एसी, कूलर और पंखे आदि का उपयोग बढ़ने से बिजली की

खपत भी लगभग 25 फीसदी बढ़ गई है।
उप पुस्तकालयाध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि इस समय लाइब्रेरी पर छात्र-छात्राओं की संख्या का दबाव चार गुना से भी अधिक हो गया है। विद्यार्थियों को पढ़ने में कोई परेशानी न हो, इसलिए बिजली-पानी की सभी सुविधाएं निर्बाध रूप से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

4000 विद्यार्थी हुए वापस
क्षमता से चार गुना से भी अधिक विद्यार्थियों के प्रवेश के बाद बड़ी संख्या में विद्यार्थी सीट के अभाव में वापस भी हो जाते हैं। शुक्रवार को लगभग चार हजार विद्यार्थी लाइब्रेरी से वापस लौट गए।

हॉस्टल खाली करा रहा विश्वविद्यालय, सता रही गर्मी
विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों में कक्षाएं समाप्त होने के बाद छात्र-छात्राओं से हॉस्टल खाली कराए जा रहे हैं। इस दौरान हॉस्टलों की मरम्मत और रंग-रोगन का काम होता है। हॉस्टल से बाहर निकलने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी एकमात्र सबसे बेहतर विकल्प के रूप में दिखता है। इसलिए ज्यादातर छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए लाइब्रेरी को सबसे उपयुक्त स्थान के रूप में पाते हैं, जहां एसी में बैठकर वे दिनभर पढ़ाई करते है। यही वजह है कि मई-जून में ही लाइब्रेरी में संख्या ज्यादा बढ़ती है।भीषण गर्मी के बीच छह लाख से अधिक पुस्तकों वाले बीएचयू के सयाजी राव गायकवाड़ सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्र-छात्राओं की संख्या अचानक बढ़ गई है।

750 की क्षमता वाले सेंट्रल लाइब्रेरी में सामान्य दिनों में जहां 1500 से 1600 छात्र-छात्राएं बैठते थे, वहीं इन दिनों चार गुना से भी अधिक विद्यार्थी पहुंच रहे हैं। इससे पानी की खपत चार गुना (करीब 24000 लीटर) और बिजली खर्च 25 फीसदी तक बढ़ गया है। स्थिति यह है कि लाइब्रेरी तक पहुंचने में दिक्कत आ रही है। तेज धूप और उमस के बीच लंबी लाइन लग रही है। बताया जा रहा है कि एसी और ठंडे पानी के चक्कर में ज्यादा छात्र आ रहे हैं।

सेंट्रल लाइब्रेरी में शुक्रवार को 6000 छात्र-छात्राएं पहुंचे। सुबह छह बजे ही प्रवेश के लिए लंबी कतार लग गई। मुख्य प्रवेश द्वार से एंट्री गेट तक छात्र-छात्राओं का जमावड़ा रहा। वहां स्थान पाने और पहले अंदर पहुंचने की होड़ लगी रही। दरअसल, छात्र-छात्राओं के लिए छह वाटर कूलर लगे हैं। छात्र संख्या बढ़ने से उन पर प्रति छात्र चार से साढ़े चार लीटर के हिसाब से कुल लगभग 24000 लीटर पानी की खपत हो रही है। जबकि सामान्य दिनों में यह 4000 से 4500 लीटर ही रहती है। इसी तरह गर्मी में एसी, कूलर और पंखे आदि का उपयोग बढ़ने से बिजली की

खपत भी लगभग 25 फीसदी बढ़ गई है।
उप पुस्तकालयाध्यक्ष राजेश सिंह ने कहा कि इस समय लाइब्रेरी पर छात्र-छात्राओं की संख्या का दबाव चार गुना से भी अधिक हो गया है। विद्यार्थियों को पढ़ने में कोई परेशानी न हो, इसलिए बिजली-पानी की सभी सुविधाएं निर्बाध रूप से उपलब्ध कराई जा रही हैं।

4000 विद्यार्थी हुए वापस
क्षमता से चार गुना से भी अधिक विद्यार्थियों के प्रवेश के बाद बड़ी संख्या में विद्यार्थी सीट के अभाव में वापस भी हो जाते हैं। शुक्रवार को लगभग चार हजार विद्यार्थी लाइब्रेरी से वापस लौट गए।

हॉस्टल खाली करा रहा विश्वविद्यालय, सता रही गर्मी
विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों में कक्षाएं समाप्त होने के बाद छात्र-छात्राओं से हॉस्टल खाली कराए जा रहे हैं। इस दौरान हॉस्टलों की मरम्मत और रंग-रोगन का काम होता है। हॉस्टल से बाहर निकलने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी एकमात्र सबसे बेहतर विकल्प के रूप में दिखता है। इसलिए ज्यादातर छात्र-छात्राएं पढ़ने के लिए लाइब्रेरी को सबसे उपयुक्त स्थान के रूप में पाते हैं, जहां एसी में बैठकर वे दिनभर पढ़ाई करते है। यही वजह है कि मई-जून में ही लाइब्रेरी में संख्या ज्यादा बढ़ती है।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद मामले में हाईकोर्ट ने सुरक्षित किया फैसला, चार जून को होगी अगली सुनवाई

प्रयागराज: श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह मामले में चार जून को सुनवाई होगी। सिविल वादों की पोषणीयता पर शुक्रवार को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित किया था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष की ओर से दी गई अर्जी में कहा गया कि उनकी बहस अभी पूरी नहीं हुई है। इस पर अदालत ने फैसला सुरक्षित किए जाने के बाद चार जून को फिर से सुनवाई के लिए मामले को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मामले में दाखिल सिविल वादों की पोषणीयता पर चल रही सुनवाई शुक्रवार को पूरी हो गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन की अदालत मामले की सुनवाई कर रही थी।

फिरोजाबाद में भीषण सड़क हादसा, रोडवेज बस ने कार और ऑटो को रौंदा; पांच की मौत… आठ घायल

फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में शनिवार को रोडवेज बस ने आगे चल रही कार और ऑटो को रौंद दिया। बस की टक्कर लगते ही लोग चीखने चिल्लाने लगे। ऑटो में बैठे मासूम सहित तीन की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो की मौत सरकारी ट्रॉमा सेंटर में उपचार के दौरान हो गई। आठ घायलों को सरकारी ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया। गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को आगरा रेफर कर दिया।

हादसा रजावली थाना क्षेत्र में एटा-टूंडला मार्ग पर हुआ। दोपहर करीब 12:30 बजे एटा से आगरा की ओर जा रही एटा डिपो की रोडवेज बस (संख्या यूपी82एटी 3633) ने आगे चल रही ब्रीजा कार में सबसे पहले टक्कर मारी। जिससे कार की टक्कर आगे चल रहे ऑटो से हुई। इससे ऑटो पलट गया।

टक्कर की तेज धमाके जैसी की आवाज सुन लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई। चालक बस लेकर फरार हो गया। जिसे पचोखरा पुलिस ने पकड़ लिया। वहीं बस की टक्कर से ऑटो सवार चिलासनी निवासी अनिल (28), सत्यनगर टापा खुर्द निवासी सपना (30), ऑटो चालक चिलासनी निवासी मोनू (24) की मौके पर ही मौत हो गई।

वहीं तजापुर निवासी रेनू (26), रेनू का पुत्र कार्तिक (04 ) की सरकारी ट्रॉमा सेंटर में उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया है। घटना की सूचना पर एसपी सिटी सर्वेश मिश्र, सीओ टूंडला अनिवेश सिंह के अलावा नारखी, पचोखरा और रजावली थाने का फोर्स मौके पर पहुंच गया। एसपी सिटी सर्वेश मिश्र ने बताया कि रोडवेज बस की टक्कर से ऑटो सवार तीन लोगों की मौके पर जबकि दो लोगों की उपचार के दौरान मौत हुई है। रोडवेज बस को चालक सहित पकड़ा गया है। मामले में कार्रवाई की जा रही है।

ये लोग हुए घायल
हादसे में अलीगढ़ क्वारसी सिलखोरा निवासी बॉबी, मृतक रेनू का छह माह का पुत्र, चिलासनी निवासी रविंद्र, घिरोर निवासी रेशमा के अलावा कार सवार मध्य प्रदेश मुरैना के कौथर निवासी बालट्टर, शशि, हिमांशु व नेहा घायल हुए हैं। सभी को सरकारी ट्रॉमा सेंटर भेज दिया। जहां से सभी को आगरा रेफर कर दिया गया।

तीखे विरोध के बाद बेसिक स्कूलों में होने वाले समर कैंप हुए स्थगित, पांच से 12 जून तक होना था आयोजन

लखनऊ:  प्रदेश में बेसिक विद्यालयों में विश्व पर्यावरण दिवस पर पांच से 12 जून तक आयोजित किए जाने वाले समर कैंप को शिक्षक संगठनों के विरोध में स्थगित कर दिया गया है। हालांकि विभाग ने इसका कारण प्रदेश में अत्यधिक गर्मी व हीट वेव बताया है।

विभाग की ओर से शिक्षा मंत्रालय के पत्र का हवाला देते हुए 24 मई को पत्र जारी कर गर्मी की छुट्टियों में पांच से 11 जून तक परिषदीय विद्यालयों में समर कैंप आयोजित करने का निर्देश दिया। इसमें विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से शिक्षकों द्वारा बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाना था। हालांकि इस आदेश के आने के साथ ही विभिन्न शिक्षक संगठनों ने इसका तीखा विरोध शुरू कर दिया था।

शिक्षक संगठनों ने इस मामले में मुख्यमंत्री, बेसिक शिक्षा मंत्री समेत महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र भेजकर अपना विरोध दर्ज कराया था। उन्होंने कहा था कि एक तरफ तो प्रदेश में भीषण गर्मी है, साथ ही शिक्षक गर्मी की छुट्टियों में परिवार के साथ बाहर गए हुए हैं। ऐसे में यह आदेश अव्यवहारिक है। इसे निरस्त करने की मांग शिक्षक संगठनों ने की थी।

इसके बाद भी 31 मई को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने संशोधित आदेश जारी कर समर कैंप पांच से 12 जून तक सुबह 7 से 9 बजे तक समर कैंप कराने को कहा। हालांकि एक जून शनिवार को सभी बीएसए, बीईओ को जारी निर्देश में अधिक गर्मी/ हीट वेव के कारण समर कैंप का आयोजन अगले आदेश तक स्थगित करने की सूचना दी है। इस निर्णय से शिक्षकों ने राहत की सांस ली है। हालांकि अभी माध्यमिक के शिक्षकों को इससे राहत नहीं मिली है। वहां से पांच से समर कैंप का आयोजन होना है।

आरोपी नाबालिग की मां भी गिरफ्तार; जांच के लिए बेटे की जगह अपना ब्लड सैंपल देने का आरोप

मुंबई:  महाराष्ट्र में पुणे पोर्श मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। नाबालिग आरोपी के पिता और दादा के बाद अब उसकी मां को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इसकी जानकारी दी। दरअसल, इस मामले में नाबालिग के खून के नमूने को उसकी मां के खून के नमूने से बदल दिया गया था। जांच के लिए बेटे की जगह अपना ब्लड सैंपल देने के आरोप में मां को गिरफ्तार किया गया है। खून के नमूने बदलने के आरोप में दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है। बता दें कि दो दिन पहले पुलिस ने अदालत में बताया कि नाबालिग आरोपी के खून के नमूने को एक महिला के खून के नमूने से बदल दिया गया था। गिरफ्तारी के बाद नाबालिग की मां को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया

क्या था पूरा मामला
पुणे शहर में 18-19 मई की दरम्यानी रात को करीब तीन करोड़ रुपये की पोर्श कार को तेज गति से दौड़ाने के चक्कर में 17 साल के लड़के ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। गाड़ी की टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक अपना संतुलन खोकर काफी दूर तक सड़क पर घिसटते चली गई, जिससे उस पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। मौके पर मौजूद लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद आरोपी नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी। कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था। बाद में विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी थी। इसके बाद उसे 5 जून तक एक निरीक्षण गृह भेज दिया गया था। इसके अलावा इस मामले में अबतक नाबलिग के पिता और दादा को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।

ससून अस्पताल में लिया गया था नाबालिग के खून का नमूना
पुलिस में जांच में पता चला है कि आरोपी डॉक्टरों ने ससून अस्पताल में नाबालिग के खून के नमूने को उसकी मां के खून के नमूने से बदल दिया था। साथ ही कार में सवार अन्य दो लोगों के खून के नमूने भी उनके भाई और पिता के खून के नमूनों से बदल दिए गए थे। मेडिकल एजुकेशन विभाग की तीन सदस्यों की टीम ने इस मामले में एक जांच रिपोर्ट तैयार की है, जिसे सरकार को सौंप दिया गया है। 19 मई को नाबालिग कथित तौर पर तेज गति से पोर्श कार से एक बाइक को टक्कर मार दी थी।

इस टक्कर से बाइक सवार एक युवक और युवती की मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त नाबालिग शराब के नशे में था। हादसे के वक्त कार में चार लोग सवार थे, जिनमें कार का ड्राइवर नाबालिग और उसके दो दोस्त शामिल थे। आरोप है कि हादसे के वक्त नाबालिग ही कार चला रहा था।

प्रज्ज्वल रेवन्ना की मां भवानी की बढ़ीं मुश्किलें, एसआईटी पूछताछ के लिए पहुंची

नई दिल्ली:  कर्नाटक यौन उत्पीड़न मामले में गिरफ्तार जेडीएस सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना की मुश्किलें भी बढ़ने वाली हैं। दरअसल यौन उत्पीड़न मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी आज भवानी रेवन्ना से पूछताछ के लिए उनके होलेनरसीपुर स्थित आवास पहुंची। एसआईटी ने प्रज्ज्वल रेवन्ना मामले में पूछताछ के लिए भवानी रेवन्ना को नोटिस जारी किया था। नोटिस के तहत 1 जून को भवानी से पूछताछ की बात कही गई थी।

कोर्ट ने खारिज कर दी थी अग्रिम जमानत याचिका
एसआईटी के नोटिस के खिलाफ भवानी रेवन्ना ने स्थानीय कोर्ट में अपील की, लेकिन कोर्ट ने भवानी रेवन्ना की याचिका खारिज कर दी। प्रज्ज्वल रेवन्ना के अश्लील वीडियो के मामले में उसके पिता एचडी रेवन्ना भी गिरफ्तार हो चुके हैं और फिलहाल जमानत पर हैं। प्रज्ज्वल रेवन्ना पर एक महिला को अगवा करने और कथित तौर पर उसका यौन शोषण करने का आरोप है।

इसी मामले में भवानी भी आरोपी हैं। भवानी रेवन्ना ने एसआईटी द्वारा संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए बंगलूरू की अदालत में याचिका दायर कर गिरफ्तारी से राहत देने की अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया महिला को अगवा करने और में भवानी रेवन्ना का हाथ था।

महिला का अपहरण करने के मामले में एसआईटी भवानी रेवन्ना और एचडी रेवन्ना समेत सात लोगों से पूछताछ कर रही है। इस मामले में एसआईटी ने आईपीसी की धारा 364 ए के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें दोषी पाए जाने पर उम्रकैद हो सकती है। भवानी रेवन्ना की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए एसआईटी ने कोर्ट में बताया था कि अपने बेटे प्रज्ज्वल को बचाने के लिए ही महिला के अपहरण की पूरी योजना भवानी रेवन्ना ने बनाई थी।

कन्याकुमारी:  देश में सातवें और आखिरी चरण के लोकसभा चुनाव की वोटिंग आज यानी एक जून को हो रही है। इस चरण के मतदान की प्रचार अवधि खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कन्याकुमारी पहुंच गए थे।

आज शाम तक ध्यानमग्न रहेंगे पीएम मोदी

अब वह समंदर में बनी विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यानमग्न थे। अब उनका ध्यान पूरा हो गया है। उनका एक और वीडियो सामने आया है। वीडियो में पीएम मोदी भगवा कुर्ता और गमछे में दिख रहे हैं। उनके हाथों में माला है। इस ध्यान मंडपम की खास बात यह है कि यह वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद ने देश भ्रमण के बाद तीन दिनों तक ध्यान किया था। यहीं उन्होंने विकसित भारत का सपना देखा था। ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर देवी पार्वती ने एक पैर पर खड़े होकर साधना की थी।

उगते हुए सूरज को जल चढ़ाया

भाजपा ने एक वीडियो सोशल मीडिया मंच पर साझा किया है। देखा जा सकता है कि पीएम मोदी ने सबसे पहले उगते हुए सूरज को जल चढ़ाया। उसके बाद हाथ जोड़कर प्रार्थना की और माला का जाप किया।

दक्षिण भारत की पारंपरिक पोशाक में दिखे थे मोदी

पीएम मोदी गुरुवार को कन्याकुमारी पहुंचे थे। प्रधानमंत्री धोती पहने दक्षिण भारत की पारंपरिक पोशाक में दिखे। उन्होंने ऑफ-व्हाइट रंग का शॉल ओढ़ रखा था। कन्याकुमारी पहुंचने के बाद भगवती अम्मन मंदिर में प्रार्थना और पूजा-अर्चना की। बता दें, आम चुनाव का प्रचार थमने के बाद पीएम मोदी हर बार आध्यात्मिक यात्रा पर जाते हैं और 2019 के चुनाव प्रचार के बाद वे केदारनाथ गए थे और साल 2014 में वे शिवाजी महाराज से संबंधित प्रतापगढ़ गए थे।

यहीं उन्हें भारत माता के हुए थे दर्शन

भारत दर्शन के दौरान विवेकानंद ने आम लोगों की तकलीफ, दर्द, गरीबी, आत्म सम्मान और शिक्षा की कमी को नजदीक से जाना था। समुद्र तट से करीब 500 मीटर दूर स्थित चट्टान पर विवेकानंद 24 दिसंबर 1892 को तैर कर पहुंचे थे। 25 से 27 दिसंबर तक उन्होंने इसी चट्टान पर ध्यान किया था। उन्होंने यहां भारत के भविष्य के लिए विकसित भारत का सपना देखा था। यह वही जगह है, जहां उन्हें भारत माता के दर्शन हुए थे। इसी स्थान पर उन्होंने अपना बाकी जीवन लोगों को समर्पित करने का सपना देखा था। विवेकानंद शिला पर विवेकानंद स्मारक बनाने के लिए भी लंबा संघर्ष चला है। इसमें एकनाथ रानाडे ने बड़ी भूमिका निभाई थी।

पीएम मोदी ने गुरुवार को पंजाब के होशियारपुर में रैली के साथ अपने चुनाव प्रचार का समापन किया। अब सातवें और आखिरी चरण के लिए 1 जून को मतदान हो रहा है। भाजपा को एक बार फिर सत्ता में लाने के लिए पीएम मोदी ने धुआंधार प्रचार किया। प्रधानमंत्री मोदी ने 16 मार्च को कन्याकुमारी से ही अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत की थी। बीते 75 दिनों में प्रधानमंत्री ने 183 चुनावी कार्यक्रमों में शिरकत की। इनमें चुनावी रैलियां-रोड शो शामिल हैं। इनके अलावा पीएम मोदी ने विभिन्न मीडिया संस्थानों को 80 के करीब इंटरव्यू भी दिए, जिनमें सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों पर चर्चा की। साथ ही विपक्षी पार्टियों को विभिन्न मुद्दों जैसे धर्म के आधार पर आरक्षण, सीएए, अयोध्या के राम मंदिर और अनुच्छेद 370 के मुद्दों पर घेरा।

कन्याकुमारी कई मायनों में भारत के लिए खास है। यहीं पर भारत की पूर्वी और पश्चिमी तटीय रेख मिलती है। कन्याकुमारी में ही अरब सागर, हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी का मिलन होता है। कन्याकुमारी जाकर एक तरह से पीएम मोदी ने राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया है।

इस भौगोलिक इलाके का एक महत्व यह भी है कि कन्याकुमारी का यह स्थान भारत का सबसे दक्षिणी छोर है। इसके अलावा इसी स्थान पर भारत की पूर्वी और पश्चिमी तट की रेखाएं मिलती हैं। यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर का मिलन बिंदु भी है। जानकारों की राय में कन्याकुमारी जाकर पीएम मोदी राष्ट्रीय एकता का संकेत दे रहे हैं।