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एग्जिट पोल की चर्चा में शामिल नहीं होंगे कांग्रेस के प्रवक्ता; पार्टी सूत्रों ने दी बड़ी जानकारी

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने बड़ा फैसला लिया है। सातवें चरण में मतदान समाप्त होने के बाद अलग-अलग टीवी चैनलों, सोशल और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर होने वाले एग्जिट पोल डिबेट में कांग्रेस पार्टी अपने प्रवक्ताओं को नहीं भेजेगी। पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। पार्टी सूत्रों ने एक जून को होने वाले अंतिम दौर के मतदान से ठीक पहले बताया कि कांग्रेस पार्टी ने चुनावी नतीजों से पहले एग्जिट पोल का हिस्सा न बनने का फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि ऐसी बहसों से कोई सार्थक नतीजे सामने नहीं आते। पार्टी सूत्रों का कहना है कि चार जून को होने वाली मतगणना के बाद देश की जनता का जनादेश सामने आएगा। पार्टी इसे स्वीकार करेगी।

इन राज्यों में होने हैं चुनाव; 542 सीटों पर मतगणना चार जून को
गौरतलब है कि सातवें और अंतिम चरण के लोकसभा चुनाव में आठ राज्यों और केंद्र शासित राज्यों की 57 सीटों पर वोटिंग होगी। इसमें उत्तर प्रदेश की 13 सीटों, बिहार की आठ, ओडिशा की छह, झारखंड की तीन, हिमाचल प्रदेश की चार, पश्चिम बंगाल की नौ और चंडीगढ़ की एक सीट शामिल हैं। बता दें कि गुजरात की एक सीट पर निर्विरोध भाजपा प्रत्याशी का निर्वाचन हो चुका है। ऐसे में मतदान समाप्त होने के बाद चार जून को 542 लोकसभा सीटों और कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आएंगे। पूर्वोत्तर के दो राज्यों में विधानसभा चुनाव की मतगणना दो जून को ही होगी।

अलग-अलग चरणों में अब तक कितनी वोटिंग हुई
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में 66.14%, दूसरे चरण में 66.71% और तीसरे चरण में 65.68% वोटिंग दर्ज की गई। 2019 के मुकाबले तीन चरणों में इस बार कम वोटिंग हुई थी। हालांकि, चौथे दौर में 96 सीटों पर 69.16 मतदान हुआ जबकि 2019 में इन सीटों पर 69.12% वोटिंग हुई थी। पांचवें दौर में सभी आठ राज्यों में 62.20 फीसदी मतदान हुआ। छठे चरण में 63.36 फीसदी मतदान हुआ है।

मतदान से पहले बंगाल में हुई हिंसा, आईएसएफ समर्थकों ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर बम फेंका, पांच घायल

कोलकाता:  लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले बंगाल में हिंसा हुई है। दरअसल इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के समर्थकों ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर बम फेंक दिया। जिसके विस्फोट से पांच टीएमसी कार्यकर्ता घायल हो गए हैं। घटना दक्षिण 24 परगना जिले के भानगोर इलाके की है। बंगाल पुलिस ने शुक्रवार की इसकी जानकारी दी। हालांकि भानगोर से आईएसएफ विधायक नावेद सिद्दीकी ने आरोपों से इनकार किया है। नावेद सिद्दीकी ने उल्टा टीएमसी कार्यकर्ताओं पर आईएसएफ समर्थकों पर बम से हमला करने का आरोप लगाया। आईएसएफ विधायक ने कहा कि हमले में खुद टीएमसी के कार्यकर्ता घायल हो गए।

आईएसएफ ने आरोपों से किया इनकार
भानगोर विधानसभा, जादवपुर लोकसभा सीट के तहत आती है और यहां अंतिम चरण के तहत 1 जून को मतदान होना है। घटना गुरुवार रात की है, जब टीएमसी कार्यकर्ता कथित तौर पर चुनाव प्रचार के बाद अपने घर लौट रहे थे। उसी दौरान उन पर हमला हुआ। घायलों को कोलकाता के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बंगाल सरकार के मंत्री अरूप बिस्वास, जादवपुर से टीएमसी उम्मीदवार सयानी घोष और पार्टी के विधायक शौकत मोल्ला ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की।

आईएसएफ नेता सिद्दीकी ने आरोपों को यह कहकर खारिज कर दिया कि भानगोर में हार के डर से टीएमसी ने साजिश रची है और उनकी कोशिश है कि इसका आरोप हम पर लगाया जाए। कल शौकत मोल्ला के समर्थकों ने आईएसएफ कार्यकर्ताओं पर बम फेंका। वहीं चुनाव आयोग ने भी टीएमसी नेता शौकत मोल्ला को मतदान के दिन अपने विधानसभा क्षेत्र कैनिंग पूर्व से बाहर न जाने का आदेश दिया है।

बंगाल की राजनीति में नई पार्टी है आईएसएफ
आईएसएफ पार्टी की स्थापना साल 2021 में अब्बास सिद्दीकी ने की थी। वहीं अब्बास सिद्दीकी के छोटे भाई नौशाद सिद्दीकी आईएसएफ के चेयरमैन हैं। अब्बास सिद्दीकी अली अकबर के बेटे हैं। अली अकबर फुरफुरा शरीफ छठो हुजूर के नाम से प्रसिद्ध पीर जुल्फिकार अली के बेटे हैं। यही वजह है कि बंगाल में सिद्दीकी परिवार की काफी इज्जत है। बंगाल का सिद्दीकी परिवार कभी टीएमसी समर्थक था, लेकिन अपनी पार्टी बनाने के बाद से आईएसएफ का टीएमसी के साथ तनातनी का रिश्ता बन गया है। आईएसएफ बंगाल में टीएमसी और भाजपा दोनों का विरोध करती है। पार्टी विधायक नौशाद सिद्दीकी को सीएम ममता बनर्जी का आलोचक माना जाता है।

क्या राफेल के डर से चीन ने शिगात्से में तैनात किए J-20 जेट? पूर्व IAF चीफ ने किया था खुलासा

क्या भारत के राफेल फाइटर जेट के डर से चीन ने अपने कब्जे वाले शिगात्से एयर बेस पर एडवांस जे-20 फाइटर जेट्स की तैनाती की है? हाल ही में भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने खुलासा किया था कि जब भारत में पहला राफेल आया था, तो चीन ने जवाब में अपने चार जे-20 लड़ाकू विमान तैनात किए थे। वहीं, जब भारत के पास चार राफेल हो गए थे, तो चीन ने 20 जे-20 फाइटर जेट तैनात कर दिए थे। यानी कि प्रत्येक राफेल का मुकाबला करने के लिए बीजिंग ने पांच जे-20 फाइटर जेट की तैनाती की थी। फिलहाल चीन ने होतान और शिगात्से एयर बेस पर जे-20 स्टील्थ फाइटर जेट की तैनाती कर रखी है।

एक राफेल के मुकाबले में पांच जे-20
19 मई को एक खास बातचीत में भारतीय वायु सेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने राफेल लड़ाकू विमानों के रणनीतिक महत्व पर जोर देते हुए उन्हें भारतीय वायुसेना की ‘इन्वेंट्री का सबसे मजबूत हथियार’ बताया था। उन्होंने कहा था कि कैसे जब भारत में पहला राफेल आया था, तो चीन ने प्रतिक्रिया में अपने चार जे-20 लड़ाकू विमानों को एलएसी पर तैनात किया था। वहीं जैसे ही राफेल की संख्या चार हो गई, तो चीन ने 20 जे-20 तक तैनात कर दिए थे। प्रत्येक राफेल का मुकाबला करने के लिए चीन ने पांच जे-20 तैनात कर दिए थे। पूर्व भारतीय वायु सेना प्रमुख ने भारतीय वायु सेना की उच्च स्तर की तैयारियों का संकेत देते हुए टिप्पणी की थी, “जे-20 को चीन का सबसे उन्नत लड़ाकू विमान माना जाता है, यह राफेल की क्षमताओं का सीधा जवाब था। चीनी जानते थे कि हम क्या कर सकते हैं।”

9 दिन बाद ही चीन ने की जे-20 की तैनाती
वहीं, पूर्व भारतीय वायु सेना प्रमुख के खुलासे के ठीक 9 दिन बाद ही चीन ने 27 मई, 2024 को 12,400 फीट पर शिगात्से एयरबेस में छह जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी। शिगात्से एयरबेस पश्चिम बंगाल के हाशिमारा से 290 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है, जहां भारत ने एक स्क्वाड्रन (16 राफेल) को तैनात किया है। वहीं, गंगटोक से इसकी दूरी 233 किमी है। पूर्वी क्षेत्र में हाशिमारा, चबुआ और तेजपुर स्थित सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों के अलावा पाकिस्तान के साथ सटे पश्चिमी मोर्चे अंबाला में राफेल का दूसरा स्क्वाड्रन तैनात है। खास बात यह है कि पांचवी पीढ़ी का ट्विन-इंजन स्टील्थ फाइटर जेट जे-20 को 2017 में पेश किया गया था, लेकिन शिगात्से इसका स्थाई ठिकाना नहीं है। शिगात्से में जे-10 लड़ाकू विमान और केजे-500 अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल विमान का बेस है।

एसपी बघेल बोले, काशी का मतदाता बुद्धिजीवी, वह बिफोर मोदी, आफ्टर मोदी का फर्क समझता है

वाराणसी:  पुलिस की नौकरी से केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय करने वाले एसपी बघेल कहते हैं कि काशी का मतदाता बुद्धिजीवी है, वह बिफोर मोदी, आफ्टर मोदी का फर्क समझता है। वह जानता है कि काशी में 72 हजार करोड़ रुपये लगे हैं तो विकास भी दिखाई दे रहा है और उसका फायदा शहर और शहर के लोगों को हुआ है।

काशी में प्रचार करने आए हैं, कैसा अनुभव रहा आपका?
बहुत अच्छा अनुभव है। यहां का मतदाता बुद्धिजीवी बहुत है। वे अच्छा-बुरा सबकुछ समझते हैं। वो संकल्प पत्र भी समझते हैं, जीडीपी क्या है समझते हैं, विकास कार्यों को समझते हैं। 72 हजार करोड़ यहां पर लगा है, वह दिख रहा है वह उसको बताते हैं। बिफोर मोदी और आफ्टर मोदी का फर्क समझते हैं।

मैं यहां मतदाताओं से मिलता हूं तो वह कहते हैं कि आपके यहां सांसद का चुनाव होता है, हम तो प्रधानमंत्री चुन रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि मोदीजी गोद के बच्चे हैं और राहुल गांधी पेट के बच्चे हैं तो हम गोद के स्वस्थ बच्चे को क्यों छोड़ दें। योजनाओं का लाभ भरपूर मिल रहा है। यहां लड़ाई जीत की है ही नहीं यहां तो टिकट पक्की थी, जीत पक्की थी, लड़ाई तो बड़े अंतर से जीतने की है।

आप कह रहे हैं कि टिकट पक्की थी, जीत पक्की थी, फिर इतने मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और राज्यमंत्री प्रचार में क्यों लगा दिए?
ये इसलिए है कि जब हमारे घर के मुखिया चुनाव लड़ रहे हैं तो हम सभी लोग कुछ योगदान दे सकते हैं तो देना चाहिए। दूसरी बात हम लोग यहां रिकॉर्ड बनाने की कोशिश में हैं कि 2014 और 2019 से बड़ी जीत हमारे नेता की दर्ज हो।

वाराणसी लोकसभा मंडल में पूर्वांचल की 12 लोकसभा सीटें हैं। आपको क्या लगता है मोदीजी के यहां चुनाव लड़ने से कितना असर पड़ेगा बाकी सीटों पर?
मोदीजी वाराणसी से लड़ते हैं तो उसका फर्क आसपास की सीटों पर साफ दिखाई देता है। जैसे योगीजी गोरखपुर से लड़ते हैं, तो उसका फर्क पड़ता है।

अब एक दूसरी चीज देखिए कि अपना किला, पारंपरिक सीट अमेठी से राहुल गांधी जब लड़े और वह किला गिरा तो पास की दीवार यानि की रायबरेली की सीट में दरारें आ गईं तो सोनिया गांधी चुनाव की जगह राज्यसभा चलीं गईं। तो कहा गया कि स्वास्थ्य ठीक नहीं तो राज्यसभा कोई बीमारों का सदन नहीं है।

यहीं दूसरी बात कहूंगा कि मेरी तरह अगर सोनिया गांधी होती जो रोज क्षेत्र में जातीं तो स्वास्थ्य वाली बात कहतीं, उनका साल का औसत देखे तो एक साल में दो बार रायबरेली जातीं थीं। मैं क्षेत्र में कोई शादी, ब्याह सुख दुख में मतदाता को अकेले नहीं छोड़ता। लोग यहां तक कहते हैं कि मैं भैंस के मरने पर भी जाता हूं।

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के लिए प्रचार थमा, सातवें दौर में 13 सीटों पर मतदान कल; तैयारी पूरी

लखनऊ:  लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम और सातवें चरण के लिए प्रचार अभियान बृहस्पतिवार को थम गया। इस चरण में यूपी की 13 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। इसके साथ ही 18वीं लोकसभा के लिए प्रचार अभियान पूरा हो गया।

सातवें चरण में यूपी की महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज के लिए एक जून को मतदान होगा। इसके साथ ही दुद्धी (अजजा) विधानसभा उप चुनाव के लिए भी वोट पड़ेंगे। इन्हीं लोकसभा सीटों में से पूर्वांचल की आठ सीटों पर भी मतदान होगा। वाराणसी सीट पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 में पूर्वांचल की इन आठ में से छह सीटों पर भाजपा व दो सीटों पर बसपा को जीत मिली थी। मतगणना 4 जून को होगी।

इसके पहले सातवें चरण की सीटों पर जीत के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ताबड़तोड़ जनसभाएं की। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी जोर लगाया। गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चंदौली में भाजपा के लिए वोट मांगा। चंदौली रक्षा मंत्री का गृह जनपद भी है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि सातवें चरण की इन सभी सीटों के लिए 144 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इनमें 134 पुरुष और 10 महिला प्रत्याशी हैं। चुनाव प्रचार की अवधि समाप्त होने के बाद इन निर्वाचन क्षेत्रों में सभी राजनीतिक दलों के बाहरी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की मौजूदगी प्रतिबंधित हो गई है। मतदान के दिन मतदेय स्थलों (पोलिंग बूथ) के अंदर मोबाइल फोन, स्मार्ट फोन, वायरलेस सेट आदि ले जाने पर रोक लगाई गई है।

सातवें चरण के लिए आज रवाना होंगी पोलिंग पार्टियां, दी जाएगी मेडिकल किट

लखनऊ:   उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि लोकसभा चुनाव के सातवें चरण की 13 सीटों और दुद्धी (अजजा) विधानसभा उप चुनाव के लिए शुक्रवार को पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी। सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को समय से पोलिंग पार्टियों को रवाना करने के निर्देश दिए गए हैं। रिणवा ने बताया कि सातवें चरण में महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव (अजा), घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर व राबर्ट्सगंज (अजा) लोकसभा क्षेत्रों में वोट पड़ेंगे। सभी मतदान कर्मिकों को हीट स्ट्रोक से बचने के लिए मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाएगी।

बड़ों के साथ बच्चे भी पसंद करते हैं आम का खट्टा-मीठा अचार, जानें इसे बनाने की आसान विधि

आम फलों का राजा होता है लेकिन ये साल भर बाजार में नहीं दिखता। सिर्फ गर्मी के मौसम में ही आप बिना केमिकल वाले आम का सेवन कर सकते हैं। यही वजह है कि इस मौसम में लोग आम का अचार डालकर साल भर के लिए स्टोर करके रखते हैं। अगर सही तरह से आम का अचार डाला जाए तो यह सालों साल खराब नहीं होता है।

इसी के चलते आज हम आपको आम का अचार बनाने की ऐसी विधि बताएंगे जो खाने में खट्टा मीठा लगता है। इसे बड़ों से लेकर बच्चों तक काफी चाव से खाते हैं। ये अचार बच्चे अपने टिफिन में भी ले जाना पसंद करते हैं। अगर आप अच्छी तरह से आम का खट्टा मीठा अचार बनाकर रखेंगे तो यह भी लंबे समय तक टिका रहेगा। चलिए बिना देर करे आपको खट्टे मीठे अचार की रेसिपी बताते हैं। ताकि आप भी घर पर स्वादिष्ट आम का खट्टा मीठा अचार बना सकें।

खट्टा-मीठा अचार बनाने की रेसिपी

कच्चे आम: 1 किलो
नमक: 100 ग्राम
हल्दी पाउडर: 2 बड़े चम्मच
सौंफ: 2 बड़े चम्मच
मेथी दाना: 2 बड़े चम्मच
सरसों के दाने: 2 बड़े चम्मच
लाल मिर्च पाउडर: 2 बड़े चम्मच
हींग: 1/2 छोटा चम्मच
गुड़: 250 ग्राम (कद्दूकस किया हुआ)
सरसों का तेल: 250 मिली

विधि

आम का खट्टा मीठा अचार बनाने के लिए सबसे पहले कच्चे आम को धोकर सुखा लें। फिर उन्हें छोटे टुकड़ों में काट लें और इसकी गुठली हटा दें। अब कटे हुए आम के टुकड़ों में नमक और हल्दी डालकर अच्छी तरह मिलाएं। इन्हें 4-5 घंटे के लिए ढक कर रख दें ताकि आम का पानी निकल जाए।

अब एक पैन में सौंफ, मेथी दाना और सरसों दाना को हल्का सा भून लें। ठंडा करने के बाद इसे दरदरा पीस लें। ध्यान रखें कि आपको इसका पाउडर नहीं बनाना है। इसी पैन में कलौंजी और हींग को भी हल्का सा भून लें। इसके बाद एक कढ़ाई में गुड़ और थोड़ा सा पानी मिलाकर धीमी आंच पर गुड़ पिघलाएं। गुड़ को पिघलाकर इसकी चाशनी बना लें। एक अन्य कढ़ाई में सरसों का तेल गरम करें। जब तेल धुआं देने लगे तो गैस बंद करके उसे ठंडा होने दें।

अब आम के टुकड़ों में भुने हुए मसाले, लाल मिर्च पाउडर और हींग डालकर अच्छी तरह मिलाएं। इसमें गुड़ की चाशनी डालकर फिर से अच्छी तरह मिलाएं। जब सब चीजें अच्छी तरह के मिक्स हो जाएं तो आखिर में इसमें सरसों का तेल डालें। आम का खट्टा-मीठा अचार तैयार है। अब बस आपको इसमें 5-6 दिन तेज धूप लगानी है। हर दिन इसे हिलाकर मिक्स करें। ताकि मसाले आम में अच्छी तरह से मिल जाएं।

फेफड़े के साथ-साथ इन अंगों के लिए भी खतरनाक है धूम्रपान, तुरंत छोड़ दें ये आदत

दुनियाभर में तेजी से बढ़ती कई गंभीर और क्रोनिक बीमारियों के लिए लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी को प्रमुख कारण माना जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, श्वसन से लेकर कैंसर जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए धूम्रपान प्रमुख कारक हो सकता है। अध्ययनों में पाया गया है कि जो लोग धम्रपान करते हैं उनमें हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर और अस्थमा-ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर श्वसन समस्याओं का खतरा अधिक देखा जाता है।

तंबाकू के हानिकारक दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके सेवन को कम करने के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 31 मई को वर्ल्ड नो टोबैको डे मनाया जाता है। हालिया अध्ययनों में पाया गया है कि युवाओं, विशेषतौर पर युवा महिलाओं में धूम्रपान के मामले अधिक देखे जा रहे हैं। अगर धूम्रपान को नियंत्रित न किया गया तो इसके कारण होने वाली बीमारियां स्वास्थ्य क्षेत्र पर बड़े दबाव का कारण बन सकती हैं।

धूम्रपान के कारण होने वाली गंभीर समस्याएं

विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, धूम्रपान संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, इससे हर साल लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है और स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों पर भारी बोझ पड़ता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आमतौर पर धूम्रपान को फेफड़ों और श्वसन से संबंधित समस्याओं के कारक के तौर पर जाना जाता है, पर असल में सेहत के लिए ये कई और भी प्रकार से नुकसानदायक है। आइए धूम्रपान के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में जानते हैं।

हृदय रोगों के हो सकते हैं शिकार

तम्बाकू के धुएं में मौजूद रसायन रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनियों का सख्त होना) होने का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में हृदय में रक्त का प्रवाह और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम होने लगती है। हृदय में रक्त का प्रवाह बाधित होने के कारण दिल का दौरा, एनजाइना (सीने में दर्द) और हार्ट फेलियर जैसी गंभीर और जानलेवा समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। हृदय रोग, दुनियाभर में मृत्यु के प्रमुख कारकों में से एक हैं।

स्ट्रोक का खतरा

धूम्रपान से रक्तचाप बढ़ता है और रक्त के थक्के बनने की आशंका भी बढ़ जाती है, जिससे हृदय के साथ-साथ मस्तिष्क में भी रक्त का प्रवाह अवरुद्ध होने लगता है। मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति बाधित होने से स्ट्रोक का जोखिम हो सकता है। इस स्थिति में लकवा मारने, बोलने में कठिनाई, संज्ञानात्मक हानि और गंभीर मामलों में मृत्यु भी हो सकती है। स्ट्रोक को जानलेवा स्वास्थ्य स्थितियों में से एक माना जाता है।

प्रतिरक्षा प्रणाली में कमजोरी

धूम्रपान की आदत इम्युनिटी सिस्टम के लिए भी हानिकारक है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि जो लोग नियमित धूम्रपान करते हैं उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता समय के साथ कमजोर होती जाती है जिसके कारण संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ने लगता है। धूम्रपान की स्थिति में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण का ठीक तरीके से मुकाबला नहीं कर पाती है।

क्या आपका बॉयफ्रेंड करना चाहता है ब्रेकअप, इन तरीकों से लगाएं पता

दो लोग एक दूसरे को पसंद करते हैं, आकर्षित होते हैं या प्यार करने लगते हैं तो एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में आ जाते हैं। लेकिन जैसा संबंध उनका रिलेशनशिप के शुरुआती दिनों में होता है, वैसा वक्त के साथ नहीं रहता। कई बार इस कारण ब्रेकअप की नौबत आ जाती है।

रिलेशनशिप में भावनाओं का बदलना सामान्य बात है लेकिन साथी अपने पार्टनर की भावनाएं नहीं समझ पाता और एकतरफा रिश्ता खींचता रहता है। कई बार तो पार्टनर ब्रेकअप का संकेत दे रहा होता है और साथी संकेतों को समझने में कमजोर पड़ जाता है और अचानक रिश्तों में आई दूरी से विचलित हो जाते हैं। ऐसे में पार्टनर की व्यक्तिगत भावनाओं को समझते हुए रिश्ते में सुधार लाया जा सकता है, ताकि अगर पार्टनर ब्रेकअप करना चाह रहा है तो उसके मन को परिवर्तित किया जा सके, या ब्रेकअप के लिए अपने आप को तैयार किया जा सके। इस लेख में कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं, जिससे ये पता लगाया जा सकता है कि रिलेशनशिप को लेकर साथी क्या सोचता है, क्या वह आपसे ब्रेकअप करना चाहता है?

बातचीत में कमी

व्यस्त जीवनशैली में वक्त न मिलना सामान्य बात है लेकिन इस बीच अपने प्यार के लिए समय निकालकर बातचीत करना स्वस्थ रिश्ते की पहचान होता है। लेकिन जब कपल के बीच बातचीत कम हो जाए, पार्टनर आपसे कम बात करने लगे या बातचीत में सकारात्मकता की कमी हो तो समझ जाएं कि रिश्ते में कुछ परेशानी है।

संवाद में बदलाव

अगर आपके पार्टनर के बात करने का लहजा बदल जाए, जैसे वह आपकी बात को सुनने में रूचि न रखे या रूखेपन, चिड़चिड़े होकर या असभ्य तरीके से बात करें तो समझ जाएं कि अब वह इस रिश्ते में रूचि नहीं रखता और न ही उसे आपकी परवाह है।

मिलने में रुचि नहीं

जो कपल एक दूसरे को पसंद करते हैं या प्यार करते हैं, वह एक दूसरे के साथ वक्त बिताना चाहते हैं। भले ही उनके पास वक्त की कमी हो लेकिन वह भविष्य में एक दूसरे के साथ रहने की योजना बनाते हैं या कहीं घूमने की प्लानिंग करते हैं। हालांकि अगर पार्टनर रिश्ता खत्म करना चाहता है तो वह आपको अवॉयड करने लगता है। वह आपसे मिल न पाने या कहीं बाहर न जाने के बहाने बनाने लगता है।

मानसिक और शारीरिक दूरी

कपल एक दूसरे के साथ मानसिक रूप से तो जुड़े होते ही हैं लेकिन प्यार में एक दूसरे का स्पर्श करना भी सामान्य होता है। एक दूसरे का हाथ थामकर चलना, गले लगाना कपल के बीच के प्यार को जाहिर करता है, लेकिन जब पार्टनर आपसे दूरी बनाने लगे और इन तरीकों से प्यार को जाहिर करना बंद कर दे तो समझ जाएं कि वह आपसे दूर जाना चाहता है।

कब रिलीज होगा कल्कि 2898 एडी का ट्रेलर? इस तारीख को लेकर अटकलें तेज

प्रभास की फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ बड़े पर्दे पर 27 जून को दस्तक देने वाली है। नाग अश्विन के निर्देशन में बनी इस फिल्म का इंतजार लोगों को लंबे समय है। फिलहाल, इस फिल्म का जोर शोर से प्रचार शुरू कर दिया गया है। हाल ही में हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में फिल्म की रोबोट कार बुज्जी से लोगों का परिचय कराया गया था। इसके अलावा निर्माताओं ने बुज्जी और प्रभास के किरदार भैरव को लेकर दो एपिसोड की एक एनिमेटेड सीरीज भी बनाई है।

प्राइम वीडियो पर देख सकेंगे एनिमेटेड सीरीज
यह सीरीज कल यानी 31 मई से प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम की जा सकेगी। हाल ही में इसका ट्रेलर भी जारी किया गया, जिसे दर्शकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। इसे रिलीज करने के पीछे निर्माताओं का मकसद दोनों किरदारों की विस्तृत जानकारी दर्शकों तक पहुंचाना है। साथ ही, निर्माता इस सीरीज के जरिए बच्चों और परिवारिक दर्शकों तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश में भी हैं।

इस तारीख को रिलीज हो सकता है ट्रेलर
इस बीच फिल्म के ट्रेलर को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म का ट्रेलर 7 जून को लॉन्च किया जा सकता है। हालांकि, इसको लेकर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

फिल्म में ये सितारे आएंगे
कल्कि 2898 ए़डी को 600 करोड़ के भारी भरकम बजट में बनाया गया है। फिल्म में अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण, कमल हासन भी अहम भूमिका में हैं। वैजयंती मूवीज ने इस फिल्म को निर्माण किया है। वहीं, इसे संतोष नारायणन ने अपनी धुनों से सजाया है।