Wednesday , October 23 2024

Editor

जॉन जे. हॉपफील्ड और जेफ्री ई. हिंटन को भौतिकी का नोबेल; इस अविष्कार के लिए मिला सम्मान

साल 2024 के नोबेल पुरस्कारों के तहत भौतिकी क्षेत्र के लिए अवॉर्ड का एलान मंगलवार को कर दिया गया। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने जॉन जे. हॉपफील्ड और जेफ्री ई. हिंटन को भौतिकी का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया। इन्हें कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क के साथ मशीन लर्निंग को सक्षम करने वाली मूलभूत खोजों और आविष्कारों के लिए यह पुरस्कार देने का फैसला किया गया है।

इससे पहले सोमवार को फिजियोलॉजी या मेडिसिन क्षेत्र के लिए इस सम्मान के विजेताओं के नाम का एलान किया गया था। इस साल अमेरिका के विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया। दोनों को माइक्रो आरएनए की खोज के लिए यह सम्मान दिया गया।

इस श्रेणी में 2023 का नोबेल किसे मिला था?
इससे पहले इस श्रेणी में पिछले साल यानी 2023 का नोबेल प्राइज संयुक्त रूप से पियरे ऑगस्टिनी, फेरेंस क्राउसज और एनी एल’हुलियर को दिया गया था। इलेक्ट्रॉन्स पर अध्ययन के लिए यह सम्मान दिया गया था। अवॉर्ड उन प्रायोगिक तरीकों के लिए दिया गया था, जिसमें पदार्थ में इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता के अध्ययन के लिए प्रकाश के एटोसेकंड पल्स उत्पन्न किए गए। एनी हुलियर फिजिक्स के इस क्षेत्र में नोबेल जीतने वाली पांचवीं महिला बनी थीं।

2022 में इन्हें मिला था सम्मान
2022 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से अलेन अस्पेक्ट, जॉन एफ क्लाउसर और एंटन जिलिंगर को दिया गया था। अलेन अस्पेक्ट फ्रांस के भौतिक विज्ञानी हैं, जबकि जॉन एफ क्लाउसर अमेरिका और एंटन जिलिंगर ऑस्ट्रिया के वैज्ञानिक हैं। इन वैज्ञानिको के प्रयोगों ने क्वांटम सूचना के आधार पर नई तकनीक का रास्ता साफ किया था।

इन वैज्ञानिकों को मिला था 2021 का भौतिका का नोबेल पुरस्कार
पिछले साल स्यूकुरो मानेबे, क्लॉस होसेलमैन और जियोर्जियो पेरिसी को भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह पुरस्कार जटिल भौतिक प्रणालियों को लेकर हमारी समझ में विकसित करने के लिए दिया गया था। स्यूकुरो मानेबे और क्लॉस होसेलमैन ने यह पुरस्कार ‘धरती की जलवायु की भौतिक मॉडलिंग’ और ‘ग्लोबल वार्मिंग की भविष्यवाणी’ को मजबूत करने के लिए जीता था। वहीं पेरिसी को ‘परमाणु से ग्रहों के पैमाने तक ‘भौतिक प्रणालियों में उतार-चढ़ाव की क्रिया के खोज के लिए’ नोबल से सम्मानित किया गया था।

माउंट धौलागिरी पर फिसलने से पांच रूसी पर्वतारोहियों की मौत, बेस कैंप से टूट गया था संपर्क

नेपाल की 7,000 मीटर की अधिक ऊंचाई वाले माउंट धौलागिरी में फिसलने से पांच रूसी पर्वतारोहियों की मौत हो गई। हेली एवरेस्ट के उपाध्यक्ष मिंगमा शेरपा के मुताबिक, इन पर्वतारोहियों ने शरद ऋतु के दौरान दुनिया की इस सातवीं सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई शुरू थी। मिंगमा खुद भी पर्वतारोही हैं और वह लापता पर्वतारोहियों के लिए शुरू किए गए खोज अभियान का हिस्सा थे।

मृतकों की पहचान अलेक्जेंडर दुशेयको, ओलेग क्रुग्लोव, व्लादिमीर चिस्तिकोव, मिखाइल नोसेंको और दिमित्री शापिलेवोई के रूप में हुई है। चोटी पर चढ़ते समय इन पर्वतारोहियों का सुबह छह बजे बेस कैंप से संपर्क टूट गया था।शेरपा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि ये सभी पर्वतारोही एक ही रस्सी की मदद से 8,167 मीटर ऊंची चोटी की ओर जा रहे थे, तभी वे लापता हो गए। इसके बाद हेलिकॉप्टर ने उन्हें 7,700 मीटर की ऊंचाई पर मृत पाया।

नेपाल के पर्यटन विभाग के निदेशक राकेश गुरुंग ने बताया कि खराब मौसम के चलते सोमवार को बचाव कार्य नहीं किया जा सका। उन्होंने बताया कि एक अन्य रूसी पर्वतारोही को हेलिकॉप्टर के जरिए बेस कैंप से बचाया गया। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उंचाई वाले इलाके से इन मृतक पर्वतारोहियों को कब और कैसे नीचे लाया जाएगा।

बांग्लादेश में इस बार फीका रहेगा दुर्गा पूजा उत्सव, हिंदुओं पर हुए हमलों का विरोध करेंगे आयोजक

बांग्लादेश में इस बार दुर्गा पूजा उत्सव फीका रहेगा। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने और सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदुओं पर हुए हमलों का दुर्गा पूजा महोत्सव के आयोजक विरोध करेंगे। आयोजकों का कहना है कि हमलों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए इस साल हम साधारण तरीके से दुर्गा पूजा मनाएंगे।

उनका कहना है कि देश में हुई हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल के बाद हिंदुओं को अपने अस्तित्व को लेकर डर है। इसके चलते दुर्गा पूजा महोसव की जीवंतता फीकी पड़ गई है। इसके चलते लोग पारंपरिक उत्सव का आयोजन करने को लेकर खासे मायूस हैं। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (बीएचबीसीओपी) के प्रेसीडियम सदस्य रंजन कर्माकर का कहना है कि इस बार सिर्फ हम दुर्गा पूजा का आयोजन करेंगे। दुर्गा पूजा उत्सव नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह हिंदू समुदाय के विरोध का एक रूप है, क्योंकि आयोजकों को धमकियों और फिरौती कॉल का सामना करना पड़ रहा था। इसके साथ ही अगस्त से हिंदुओं पर लगातार हुए हमलों के बाद हम किसी भी प्रकार के उत्सव में भाग लेने की मानसिकता में नहीं हैं।

बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद के अध्यक्ष बासुदेब धर ने कहा कि सरकार ने उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया है। लेकिन हिंदुओं ने दुर्गा पूजा अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से परहेज करके त्योहार को संयमित तरीके से मनाने का फैसला लिया है। हमने सभी पूजा आयोजकों से शांतिपूर्वक विरोध बैनर लगाने के लिए कहा है। इसमें हमारी प्रमुख मांगें अल्पसंख्यक उत्पीड़न के मामलों में न्याय सुनिश्चित करने के लिए एक निष्पक्ष जांच पैनल स्थापित करने और अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम का निर्माण की मांग शामिल होगी।

एक अन्य दुर्गा पूजा के आयोजक ने दावा किया कि कई पूजा समितियों को गुमनाम धमकी भरे पत्र मिले हैं। इसमें आयोजकों से दुर्गा पूजा उत्सवों के लिए फिरौती की मांग की गई है। जो कि बांग्लादेशी 3.5 लाख टका है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह एक सुरक्षित माहौल है जहां हम शांतिपूर्वक दुर्गा पूजा समारोह आयोजित कर सकते हैं? यह कोई अकेली घटना नहीं है बल्कि इस साल यह एक आम बात बन गई है।

महाकुंभ में शामिल हो सकते हैं 50 करोड़ श्रद्धालु, पर्यटन मंत्री बोले- 10 दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे सारे काम

लखनऊ: पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन महाकुंभ अगले साल प्रयागराज में होगा। 2019 में हुए अर्ध कुंभ में 24 करोड़ श्रद्धालु आए थे। इस बार जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में 50 करोड़ श्रद्धालु आएंगे। तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। विभिन्न योजनाओं के तहत श्रद्धालुओं की सुविधा के काम हो रहे हैं। दो दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तैयारियों की समीक्षा की है। 10 दिसंबर तक सारे काम पूरे होंगे। प्रधानमंत्री मोदी भी 10 दिसंबर के बाद कभी भी आ सकते हैं। पर्यटन मंत्री मंगलवार को लोकभवन में मीडिया को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग पूरे विश्व में कुंभ का प्रचार करेगा। हर राज्य व उसकी राजधानी में, यूपी के सभी मंडल पर आयोजन होंगे। सभी अकादमियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। पूरे प्रदेश में रोड शो, बाल कुंभ, कवि कुंभ, भक्ति कुंभ और कला संस्कृति कुंभ का आयोजन होगा। फोटो प्रतियोगिता और प्रदर्शनी का भी आयोजन होगा। उप शास्त्रीय गायन, वादन होगा। पेंटिंग और छायांकन प्रदर्शनी भी होगी।

भारतीय नाट्य अकादमी नाट्य प्रस्तुति का आयोजन करेगा। लोक जनजाति संस्थान प्रस्तुति देगा। रंगोली बनाएगा। पुरातत्व निदेशालय कुंभ पर ओपन क्विज कराएगा। मंडल स्तर कार्यक्रम में पर्यटन, धर्मार्थ कार्य, सूचना विभाग और शैक्षिक संस्थान को जोड़ेंगे। आयोजन में कलाकार भी शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि मंगलवार से कार्यक्रम प्रारंभ हो रहे हैं। जीपीओ पार्क से अभिनंदन रोड शो निकलेगा। शाम 6 बजे 1090 मरीन ड्राइव पर समापन होगा। नेपाल, मॉरीशस, इंडोनेशिया, श्रीलंका कंबोडिया, गुयाना, दक्षिण अफ्रीका, त्रिनाड़ी, फिजी, सूरी नाम, थाईलैंड और सिंगापुर समेत आधा दर्जन देशों में रोड शो होंगे।

मानदेय मांगा तो मिली नौकरी से निकालने की धमकी, मेडिकल कॉलेज में कर्मचारियों का प्रदर्शन

बदायूं:  बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज में तीन महीने से मानदेय न मिलने से परेशान 250 आउटसोर्स कर्मचारियों ने मंगलवार को प्रदर्शन कर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी। प्राचार्य ने उनको नौकरी से निकालने की धमकी दी तो कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए हंगामा कर दिया। सूचना पर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। बाद में प्राचार्य बैकफुट पर आ गए और उन्होंने ठेकेदार से फोन पर बात कर मानदेय दिलाने को कहा, तब कर्मचारी शांत हुए।

मेडिकल कॉलेज के करीब 250 आउटसोर्स कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से मानदेय नहीं मिला है। इसके लिए वह कई बार प्राचार्य से कह चुके हैं। हर बार प्राचार्य आश्वासन दे देते हैं। अब दीपावली का त्योहार करीब है। ऐसे में भी मानदेय मिलने की कोई सुगबुगाहट न देखकर कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया। कर्मचारियों ने जमकर प्रदर्शन किया और प्राचार्य के धमकाने पर तीखी नोकझोंक भी हुई। कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया।

प्रदर्शन करने पर मिली धमकी
मंगलवार सुबह ड्यूटी पहुंचे कर्मचारी एकत्र होकर मेडिकल कॉलेज परिसर में धरने पर बैठ गए। हड़ताल करने की चेतावनी देने लगे थे। कर्मचारियों ने कहा कि तीन माह से मानदेय नहीं मिला है। परिवार का भरण पोषण कैसे करें। बिना पैसे के कैसे त्योहार मनाएंगे। प्रदर्शन करने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। कर्मचारियों ने प्राचार्य पर भी गंभीर आरोप लगाए। प्राचार्य के खिलाफ एसएसपी को शिकायती पत्र भी दिया गया है।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ अरूण कुमार ने बताया कि कर्मचारियों को तीन माह से मानदेय नहीं मिला है। इसके लिए उन्होंने ठेकेदार से बात की। उन्हें चार्ज लिए अभी 10 दिन ही हुए हैं। ठेकेदार से बात कर हर माह वेतन दिलाने का प्रयास करेंगे। प्राचार्य ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि शासन से बात कर दीपावली से पहले मानदेय दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इसके बाद कर्मचारियों ने प्रदर्शन खत्म किया।

बढ़ सकता है लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे का टोल शुल्क, चुकाने पड़ सकते हैं अब इतने रुपये

लखनऊ:  लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे का टोल शुल्क बढ़ सकता है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने टोल संग्रह के लिए नए सिरे से कंपनियों से आवेदन मांगे हैं। इसके अंतर्गत न्यूनतम 471.65 करोड़ रुपये का टोल संग्रह देना होगा। इसमें हर वर्ष 10 फीसदी की वृद्धि होगी।

लखनऊ से आगरा के बीच 302 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे दिसंबर 2016 में शुरू किया गया था। जनवरी 2018 से टोल शुल्क लगना शुरू हुआ। इस एक्सप्रेसवे पर दो मुख्य टोल प्लाजा और 15 रैंप प्लाजा हैं। साथ ही बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए एक जंक्शन है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे अधिनियम के तहत वाहनों से टोल शुल्क लिया जाता है।

टोल शुल्क वसूलने के लिए एजेंसियों को समय-समय पर बदला जाता है। इसी प्रक्रिया के अंतर्गत लखनऊ-आगरा टोल शुल्क वसूलने के लिए नई एजेंसी का चयन किया जा रहा है। चुनी गई एजेंसी को अधिकतम ढाई वर्ष तक टोल संग्रह का काम दिया जाएगा।सालाना टोल संग्रह न्यूनतम 471.65 करोड़ रुपये रखा गया है। जिस एजेंसी का चयन किया जाएगा, उसे टोल संग्रह के अतिरिक्त 10 एडवांस श्रेणी की एंबुलेंस, 10 पेट्रोल वाहन और 10 पेट्रोलिंग व सेफ्टी वाहनों का रखरखाव करना होगा।

आगरा फोर्ट से पाकिस्तान के बॉर्डर तक शुरू हुई स्पेशल ट्रेन, लखनऊ इंटरसिटी हुई निरस्त

आगरा: रेलवे ने दिवाली पर स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है। गाड़ी संख्या (04813-04814) भगत की कोठी (राजस्थान में पाक बॉर्डर से पहले का स्टेशन) से दानापुर स्पेशल ट्रेन 9 नौ अक्तूबर से 13 नवंबर तक प्रत्येक बुधवार को संचालित होगी।

वहीं, 10 अक्तूबर से प्रत्येक बृहस्पतिवार को दानापुर से भगत की कोठी के लिए संचालित रहेगी। गाड़ी भगत की कोठी, जोधपुर, गोतन, मेरठ रोड, मकराना, फुलेरा, जयपुर, गांधी नगर, दौसा, बांदीकुई, भरतपुर, अछनेरा, आगरा फोर्ट, टूंडला, इटावा, कानपुर, फतेहपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, दीनदयाल जंक्शन, बक्सर, आरा होकर दानापुर (बिहार) पहुंचेगी। इसमें चार स्लीपर कोच, 14 सामान्य कोच और दो एसएलआर कोच होंगे।

दिसंबर में निरस्त रहेगी लखनऊ इंटरसिटी
आगरा। कोहरे के सीजन के कारण रेलवे ने आगरा-लखनऊ इंटरसिटी के फेरों में कमी की है। आगरा फोर्ट-लखनऊ इंटरसिटी (अप व डाउन) में एक दिसंबर से 23 फरवरी तक शनिवार और रविवार को निरस्त रहेगी। आगरा कैंट-होशियारपुर एक्सप्रेस दो दिसंबर से 28 फरवरी तक सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को निरस्त रहेगी। इसी तरह होशियार-आगरा कैंट 28 फरवरी से मंगलवार, बृहस्पतिवार व शनिवार को निरस्त रहेगी।

पूर्व जिला पंचायत सदस्य के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर, बीडीए ने की ध्वस्तीकरण की कार्रवाई

बरेली: बरेली में पूर्व जिला पंचायत सदस्य के अवैध निर्माण पर बीडीए (बरेली विकास प्राधिकरण) ने बुलडोजर चलाया है। आरोपी पूर्व जिला पंचायत सदस्य ने चार अक्तूबर को बीडीए की टीम को बंधक बनाकर मारपीट व गालीगलौज की थी। इस प्रकरण में कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद विकास प्राधिकरण ने यह कार्रवाई की है।

बदायूं रोड पर अवैध निर्माण रोकने पहुंचे बीडीए के दो सुपरवाइजरों को पूर्व जिला पंचायत सदस्य राजकुमार सिंह ने अपने बेटे व छह साथियों के साथ मिलकर बंधक बना लिया था। आरोप था कि कई बार अवैध निर्माण को रोकने का नोटिस भेजने के बाद भी नहीं रुका और आरोपी लगभग 50 बीघा जमीन पर लगातार निर्माण कराता रहा।

बंधक बनाकर की थी मारपीट
बीते शुक्रवार को भी बारादरी थाना क्षेत्र के संजय नगर निवासी बीडीए के सुपरवाइजर ओमप्रकाश अपने साथी बच्चन के साथ मौके पर पहुंचे थे, जहां आरोपियों ने बंधक बनाकर मारपीट की। मामले में बलवा, सरकारी काम में बाधा और लोक सेवक को बंधक बनाने की रिपोर्ट दर्ज की गई।

इस प्रकरण में सोमवार को बीडीए ने आरोपी राजकुमार के अवैध निर्माण को भी ध्वस्त कर दिया है। आरोपी एक हजार वर्ग मीटर की जमीन पर नौ मीटर ऊंची दीवार खड़ी कर चुका था। हालांकि आरोपी राजकुमार का कहना है कि वह कॉलोनाइजर नहीं व्यापारी है। वह अपने प्लॉट की दीवार का निर्माण करा रहा था।

पहले भी दिया जा चुका था नोटिस
बीडीए ने राजकुमार सिंह अवैध निर्माण के खिलाफ 18 जून 2022 को भी नोटिस जारी किया था। सुनवाई के लिए 30 जून व सात सितंबर की तिथि नियत की गई थी। दोनों ही तारीखों पर आरोपी अनुपस्थित रहा। इसके बाद निर्माण को ध्वस्त कराने का आदेश बीडीए की ओर से दिया गया। इस पर सुपरवाइजर बच्चन वर्मा की ओर से रिपोर्ट लगाई गई है कि बार-बार जाने पर भी निर्माण स्थल पर राजकुमार सिंह नहीं मिला तो दरवाजे पर नोटिस चस्पा कर दिया गया था। सोमवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई।

तेजाब से झुलसी छात्रा ने तोड़ा दम, बेटी की चीख सुन अब भी सदमे में परिजन, हिरासत में आरोपी

अमरोहा:  तेजाब से झुलसी आठवीं की छात्रा की मेरठ में इलाज के दौरान मौत हो गई है। स्थानीय पुलिस द्वारा मेरठ में उसका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। छात्रा की मौत से परिजनों में सदमे में है। उधर, नामजद पिता-पुत्र को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। शाम तक छात्रा का शव गांव पहुंचने की संभावना है।

रहरा थानाक्षेत्र के गांव में रविवार की रात किसान अपने परिवार के सदस्यों के साथ घर में सोए हुए थे। रात में करीब तीन बजे उनकी बेटी लघुशंका के लिए उठी थी। तभी किसी ने घर के दरवाजे पर आवाज लगाई। जैसे ही छात्रा ने दरवाजे की खिड़की खोली, तभी गांव के पिता-पुत्र ने उसे पकड़ लिया।

इसके बाद उसे जंगल में ले जाकर जमकर पीटा। बाद में उसके शरीर पर तेजाब डाल दिया था। घटना में छात्रा बुरी तरह झुलस गई थी। कुछ देर बाद छात्रा घर पहुंची और परिजनों को आपबीती बताई थी। छात्रा को झुलसी हालत में देखकर परिजन घबरा गए थे।

पुलिस को बगैर सूचना दिए परिजनों ने उसका मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराने का प्रयास किया। लेकिन मामले में पुलिस कार्रवाई नहीं होने की वजह से मेरठ में उसे भर्ती नहीं किया गया था। तेजाब के हमले में छात्रा 60 फीसदी झुलस गई थी। सोमवार की दोपहर परिजनों ने थाने पहुंचकर घटना की जानकारी दी।

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस हरकत में आई। झुलसी छात्रा को सीएचसी में प्राथमिक उपचार करने के बाद फिर मेरठ ले जाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां सोमवार की मध्य रात्रि उपचार के दौरान छात्रा ने दम तोड़ दिया। मौत की सूचना से परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई।

इस मामले में छात्रा के भाई ने पुरानी रंजिश के चलते गांव के ही रहने वाले पिता-पुत्र के खिलाफ तहरीर दी थी। जिसके आधार पर पुलिस ने पिता-पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। सीओ दीप कुमार पंत का कहना है कि झुलसी छात्रा की उपचार के दौरान मेरठ में मौत हो गई है। मेरठ में ही पोस्टमार्टम कराने के बाद शव गांव ले जाया जाएगा।

अंतरिक्ष में 104 सैटेलाइट छोड़ने वाला PS4 पृथ्वी के वायुमंडल में लौटा; सात साल पहले किया गया था लॉन्च

बंगलूरू:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को एलान किया कि सात साल से ज्यादा समय पहले रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण करने वाले पीएसएलवी-37 रॉकेट के ऊपरी चरण यानी पीएस4 ने पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर लिया है।

साल 2017 में रचा था इतिहास
कभी बैलगाड़ी पर सैटेलाइट ले जाने वाला इसरो एक साथ 104 सैटेलाइट लांच कर दे तो इसे विश्व में अजूबा ही माना जाएगा। भारतीय वैज्ञानिकों ने साल 2017 में न सिर्फ ये अजूबा सच करके दिखा दिया था बल्कि विश्व रिकॉर्ड भी बनाया था, सर्वोत्तम स्पेस एजेंसी मानी जाने वाली नासा भी भारत की इस उपलब्धि पर दंग रह गई थी। पीएसएलवी-सी37 अपनी 39 वीं उड़ान में 104 सैटेलाइट अपने साथ लेकर गया था, इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका की सर्वाधिक 96 सैटेलाइट थीं।

वायुमंडलीय प्रभावों के कारण कक्षीय ऊंचाई में आई कमी
अब इसी को लेकर इसरो ने कहा कि उपग्रहों के निष्क्रियता के बाद ऊपरी चरण (PS4) को लगभग 470 x 494 किमी आकार की कक्षा में छोड़ दिया गया था। बाद में इसे रोजाना ट्रैक किया गया। इससे सामने आया की इसकी कक्षीय ऊंचाई धीरे-धीरे कम होती जा रही थी। मुख्य रूप से वायुमंडलीय प्रभावों के कारण इसकी ऊंचाई पर असर पड़ा था।

छह अक्तूबर को किया फिर से प्रवेश
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बताया, इस साल सितंबर से, आईएस4ओएम (सुरक्षित और सतत अंतरिक्ष संचालन प्रबंधन के लिए इसरो सिस्टम) ने अपनी नियमित गतिविधियों के हिस्से के रूप में नियमित रूप से कक्षा की निगरानी की और अक्तूबर के पहले सप्ताह में वायुमंडल में फिर से प्रवेश की भविष्यवाणी की थी। आखिरकार ऐसा ही हुआ। इसने छह अक्तूबर को फिर से प्रवेश किया। इसका प्रभाव बिंदु उत्तरी अटलांटिक महासागर में है।

इसने यह भी बताया, ‘प्रक्षेपण के आठ सालों के अंदर रॉकेट का वायुमंडल में फिर से प्रवेश अंतरराष्ट्रीय मलबा शमन दिशा-निर्देशों, विशेष रूप से अंतर-एजेंसी अंतरिक्ष मलबा समन्वय समिति (आईएडीसी) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जो मिशन के बाद पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में निष्क्रिय वस्तु के कक्षीय जीवन को 25 वर्षों तक सीमित करने की सिफारिश करता है।’