Thursday , October 24 2024

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आरोपी के ब्लड सैंपल में हेरफेर के एंगल की हो रही जांच, समिति राज्य सरकार को सौंपेगी रिपोर्ट

नई दिल्ली:  पुणे कार दुर्घटना में शामिल किशोर के रक्त के नमूनों में हेराफेरी की शिकायत हुई थी। इस शिकायत की जांच कर तीन सदस्यीय समिति कर रही है। समिति बुधवार को महाराष्ट्र सरकार को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। बता दें कि 19 मई की सुबह पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक कार ने एक मोटर साइकिल को टक्कर मार दी। आरोप है कि 17 वर्षीय किशोर तेज रफ्तार से कार चला रहा था। टक्कर से 20 वर्षीय दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई थी। पुलिस का कहना है कार चला रहा किशोर बिल्डर विशाल अग्रवाल का बेटा है, जो कि कार चलाते वक्त नशे में था।

किशोर उस वक्त नशे में था या नही इसके लिए उसके रक्त के नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजे गए। लेकिन सोमवार को पुलिस ने दावा किया कि पुणे के ससून जनरल अस्पताल में किशोर के रक्त के नमूनों को फेंककर और उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति के नमूने रखे गए थे। इन नमूनों में शराब का कोई निशान नहीं था। बता दें कि महाराष्ट्र चिकित्सा शिक्षा (एमएमई) विभाग ने सोमवार को मुंबई स्थित ग्रांट्स मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. पल्लवी सापले की अध्यक्षता में समिति का गठन किया।

डॉ. सापले ने एक बयान में कहा कि रिपोर्ट तैयार की जा रही है और इसे सिर्फ राज्य सरकार को सौंपा जाएगा। इस समय रिपोर्ट के विवरण का खुलासा नहीं किया जा सकता है। एमएमई विभाग के आयुक्त राजीव निवतकर ने कहा, “समिति रिपोर्ट आज ही राज्य सरकार को सौंपेगी। पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में सरकारी अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अजय टावरे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और स्टाफ सदस्य अतुल घाटकांबले को भी गिरफ्तार किया है।

महाराष्ट्र के पालघर में मालगाड़ी के पटरी से उतरने से कैंसिल हुईं कई ट्रेनें, कई का रूट बदला

मुंबई:  महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के नजदीक एक मालगाड़ी मंगलवार की शाम को पटरी से उतर गई थी। इसके चलते पश्चिमी रेलवे की कई ट्रेनें कैंसिल हुई हैं और कई ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया है। फिलहाल घटनास्थल पर पुनर्निर्माण का काम चल रहा है। पश्चिमी रेलवे ने बुधवार को बताया कि मालगाड़ी के पटरी से उतरने के चलते 41 ट्रेनें कैंसिल की गई हैं और 28 ट्रेनें आंशिक रूप से कैंसिल हुई हैं। 12 ट्रेनों का रूट बदला गया है और 22 ट्रेनों के समय में बदलाव हुआ है।

शाम तक ट्रेनों का संचालन सामान्य होने की उम्मीद
रेलवे के अनुसार, मुंबई की लोकल ट्रेन की सेवा भी प्रभावित हुई है और पालघर आने वाली ट्रेनों को भी रोका गया है। हालांकि शाम तक ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू होने की उम्मीद है। एक मालगाड़ी की सात बोगियां मंगलवार की शाम करीब पांच बजे पालघर के नजदीक पटरी से उतर गई थी। इसके चलते गुजरात से मुंबई आने वाली ट्रेनें बुरी तरह प्रभावित हुईं। हालांकि हादसे में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। 43 बोगियों वाली मालगाड़ी, जो कि विशाखापत्तनम से गुजरात जा रही थी, वह मंगलवार की शाम पालघर के नजदीक हादसे का शिकार हो गई। ट्रेन में लोहा भरा था और बोगियों के पटरी से उतरने के बाद लोहा रेलवे ट्रैक पर बिखर गया।

हादसे से रेलवे ट्रैक को हुआ था भारी नुकसान
हादसे की वजह से रेलवे ट्रैक को भारी नुकसान हुआ है। पश्चिमी रेलवे के मुख्य पीआरओ अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि पटरी से उतरी बोगियों और गार्ड वैन को रेलवे ट्रैक से हटा लिया गया है और फिलहाल पटरियों को फिर से बिछाने का काम हो रहा है। मंगलवार रात को ही एक लाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया था। करीब 250 मजदूर लगातार काम करके हालात को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। रेलवे के शीर्ष अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और पुनर्निर्माण कार्य पर नजर रखे हुए हैं।

पूरा प्रदेश बिजली कटौती की चपेट में, उपभोक्ता परेशान, बिजली कर्मी बोले, अधिक लोड होने से आ रही समस्या

लखनऊ:  प्रदेश में मंगलवार को 29261 मेगावाट बिजली आपूर्ति के साथ नया रिकॉर्ड बन गया है, लेकिन विभिन्न जिलों में कटौती का दौर जारी है। इसे लेकर कई जगह विवाद की नौबत तक आ रही है। शहरी इलाके में रात्रिकालीन स्थानीय फॉल्ट से उपभोक्ता परेशान हैं। बिजली कर्मियों का कहना है कि अधिक लोड होने की वजह से यह समस्या आ रही है।

प्रदेश में 24 मई को 29147 मेगावाट आपूर्ति का रिकॉर्ड बना था, लेकिन मंगलवार को पीक ऑवर में मांग 29261 मेगावाट पर पहुंच गई। इसके निरंतर बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में पावर काॅरपोरेशन के अध्यक्ष डाॅ. आशीष कुमार गोयल नें प्रदेश के सभी प्रबंध निदेशकों एवं मुख्य अभियंताओं को निर्देशित किया कि गर्मी से परेशान जनता को उनकी मांग के अनुसार बिजली उपलब्ध कराएं। उन्होंने मध्यांचल, पश्चिमांचल, दक्षिणांचल, पूर्वांचल एवं केस्को के अधिकारियों से क्षेत्रवार जानकारी ली। निर्देश दिया कि ओवरलोडिग, क्षतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को लेकर अलर्ट रहें।

हर जिले में कटौती से मचा बवाल
राजधानी लखनऊ में रात्रिकालीन कटौती की वजह से लगातार बवाल हो रहा है। विभागीय अधिकारी इसे लोकल फाॅल्ट का नाम दे रहे हैं। इसी तरह जौनपुर, रायबरेली, देवरिया, औरैया, इटावा, बांदा, बुलंदशहर सहित अन्य जिलों में भी उपभोक्ताओं के सड़क पर उतरने की सूचना है। उपभोक्ताओं का तर्क है कि वे भार के अनुसार बिजली बिल भुगतान कर रहे हैं। इसके बाद भी उमसभरी गर्मी में बिजली न मिलने से बेहाल हैं।

घटिया बंच कंडक्टर से बढ़ी मुसीबत
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया कि यूपीएसएलडीसी के कागजों में शहरी एवं ग्रामीण इलाके में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया गया है, जबकि हकीकत है कि ज्यादातर जिलों में बिजली गुल है। इसकी प्रमुख वजह पिछले दो साल में 89596 किलोमीटर में लगे घटिया किस्म के बंच कंडक्टर हैं। इनकी गुणवत्ता अच्छी हो तो बिजली चोरी और विद्युत दुर्घटना पर अंकुश लग सकता है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है कि हर दिन स्थानीय फाल्ट के मामले में 20 से 25 प्रतिशत केस बंच कंडक्टर के हैं। दूसरी तरफ जिन स्थानों पर पुराने बंच कंडक्टर लगे हैं, वहां इस तरह की घटनाएं नहीं हो रही हैं। परिषद अध्यक्ष ने अंडरग्राउंड केबिल की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाया है।

हर दिन बढ़ रही मांग
अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर ने कहा कि हर दिन मांग बढ़ रही है। ऐसे में अभियंताओं को पहले से ज्यादा सजग रहने की जरूरत है। 27 मई को पूरे दिन में 64.20 करोड़ यूनिट की विद्युत आपूर्ति की गई है, जो नया कीर्तिमान है। 18 मई को एक दिन की आपूर्ति 58.80 करोड़ यूनिट थी। गर्मी में विद्युत आपूर्ति के क्षेत्र में दिन प्रतिदिन मांग बढ़ेगी। ऐसे में ऊर्जा निगम प्रबंधन के नेतृत्व में उत्पादन निगम, ट्रांसमिशन एवं वितरण निगमों में समस्त अभियंताओं को एकजुट होकर तत्परता दिखानी होगी।

‘सिल्क रूट की तरह गेम चेंजर होगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’, प्रधानमंत्री मोदी बोले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) रेशम मार्ग (सिल्क रूट) की तरह एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगा। आईएमईसी के लिए पिछले साल भारत की मेजबानी में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक समझौता हुआ था।

एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने आईएमईसी को लेकर कहा, ‘खाड़ी देशों ने सकारात्मक भूमिका निभाई है। अमेरिका और यूरोप ने भी इस पर भारत का समर्थन किया है। G20 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हाथ मिलाने की तस्वीरों ने विश्व स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने कहा, जब हम वैश्विक भलाई के लिए काम करते हैं, तो कोई अगर-मगर की बात नहीं होती। आप दुनिया को अपने साथ ले सकते हैं और मेरी यही कोशिश थी।

आप मुझे बताएं कि G8 और G20 का जन्म कैसे हुआ। जिन मुद्दों के लिए इनका गठन किया गया है, हमें उन मुद्दों से कभी भटकना नहीं चाहिए। मैंने हर किसी को आश्वस्त किया। कुछ लोगों के साथ मुझे निजी तौर पर बात करने की जरूरत थी। मैंने वैसा ही किया। दूसरी बात, मेरा इरादा ये था कि मैं आखिरी सत्र में प्रस्ताव नहीं लाऊंगा। मैं इसे इतनी जल्दी करूंगा कि लोग हैरान हो जाएंगे। इसलिए मैंने दूसरे दिन की घोषणा का काम पहले दिन ही पूरा कर लिया। यह मेरी रणनीति थी और वह रणनीति काम कर गई।’

बाइडन और मोहम्मद बिन सलमान के हाथ मिलाने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि उनकी दोनों नेताओं से मित्रता है। उन्होंने कहा, हमने आईएमईसी पर काम किया है, जो सिल्क रूट की तरह एक बड़ा गेम चेंजर होने जा रहा है। खाड़ी देशों की सकारात्मक और सक्रिय भूमिका थी। भारत को अच्छी भूमिका निभाने का मौका मिला। अमेरिका और यूरोप हमारे साथ थे। सभी ने सोचा कि एक ठोस और सकारात्मक परिणाम होगा। इसलिए हम उस पर मिलते थे। पीएम ने आगे कहा, इसलिए सऊदी किंग और राष्ट्रपति बाइडन को एक साथ लाने का अवसर था और मेरी दोनों के साथ अच्छी दोस्ती है।

कंपनी के एक और निदेशक को पुलिस ने किया गिरफ्तार, FIR में नहीं था नाम

मुंबई:  महाराष्ट्र के डोंबिवली में पिछले हफ्ते कैमिकल फैक्टरी विस्फोट मामले में पुलिस ने कंपनी के एक और निदेशक को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में अबतक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पिछले हफ्ते 23 मई को अमुदान कैमिकल फैक्टरी में बॉयलर फटने से हुए विस्फोट का प्रभाव इतना खतरनाक था, कि इससे घरों की खिड़कियों के शीशे टूट गए और आसपास के सड़कों और बिजली के खंभों को भी नुकसान पहुंचा। इस घटना के बाद पुलिस ने अमुदान कैमिकल फैक्टरी के निदेशक 38 वर्षीय मलय मेहता को गिरफ्तार किया था।

मंगलवार को पुलिस ने केमिकल फैक्टरी के एक अन्य निदेशक 35 वर्षीय स्नेहा मेहता को गिरफ्तार किया। दरअसल, स्नेहा, मलय की पत्नी है। स्नेहा से पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को उसे अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। हालांकि, एफआईआर में स्नेहा का नाम शामिल था।

अधिकारी ने बताया कि हादसे के बाद एक जांच दल ने मुंबई में स्थित मेहता के आवास की तलाशी ली। वहां से उन्हें कुछ दस्तावेज मिले, जो कि जांच के लिए महत्वपूर्ण हैं। महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने मंगलवार को कहा कि घटना की जांच के लिए उद्योग, श्रम और पर्यावरण विभागों के प्रमुख सचीवों की तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। उन्हें तीन सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है। राज्य के श्रम मंत्री सुरेश खड़े ने बताया कि नई दिल्ली की एक विशेषज्ञ टीम भी विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए जांच करेगी। इस हादसे में लापता श्रमिकों को ढूंढने का प्रयास जारी है।

बंगाल से लौटे चुनाव अधिकारियों ने बताई चुनौतियों से भरी कहानी, शौचालय तक करने पड़े साफ

कोलकाता:  देशभर में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। चुनाव आयोग लगातार आम नागरिकों को वोट डालने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इसके लिए वह नए-नए पैंतरे आजमा रहा है। हालांकि, इन सबके बीच मतदान अधिकारियों का साहस काबिल-ए-तारीफ है। दरअसल, पश्चिम बंगाल में चुनाव कराने के दौरान मतदान अधिकारियों को ऐसे मतदाताओं का सामना करना पड़ा, जो मृत लोगों की जगह वोट डालने पहुंच गए थे। इतना ही नहीं, स्कूलों के अंधेरे गलियारों में जाने, बांध की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेने से लेकर उपेक्षित शौचालयों को साफ करने तक कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

कहा जा सकता है कि यह लोकतंत्र को एक अटूट प्रतिबद्धता के साथ बनाए रखने का प्रयास है, जिसे चुनाव अधिकारी अपने रास्ते में आने वाली कई बाधाओं के बावजूद हासिल करने का प्रयास करते हैं। यह अधिकारी कठिन चुनौतियों के बावजूद यह सुनिश्चित करते हैं कि देश में संसदीय चुनाव कराने की एक विशाल और जटिल प्रक्रिया सफलतापूर्वक समाप्त हो।

अधिकारियों ने साझा कीं कहानियां
देश में लोकसभा चुनाव के सात चरणों में से छह चरण समाप्त हो चुके हैं। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने पश्चिम बंगाल में कुछ मतदान अधिकारियों से बात की जो अपने गढ़ लौट आए। अधिकारियों ने अपनी दिलचस्प कहानियां साझा कीं।

सुंदर दृश्य का उठाया लुत्फ
दुर्गापुर के एक स्कूल शिक्षक अरूप करमाकर उन लोगों में से एक हैं, जिनकी चुनाव में ड्यूटी पड़ी थी। उन्होंने चुनाव के दौरान हुए अपने अनुभव के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘मेरी ड्यूटी आसनसोल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बाराबनी विधानसभा क्षेत्र के एक स्कूल में बने केंद्र पर थी। मतदान केंद्र पर पहुंचने पर मैं और पूरी टीम हैरान रह गई थी। आसपास की पहाड़ियों और मैथन बांध के चारों ओर एक विशाल जलाशय से घिरा दृश्य बेहद खूबसूरत था। हमें किसी भी राजनीतिक पार्टी के समर्थकों या कार्यकर्ताओं की ओर से कोई परेशानी नहीं हुई।’

मतदान के दिन सुबह उन्होंने जलाशय के पानी में डुबकी भी लगाई। करमाकर ने देखा कि शाम को स्कूल के बगल में एक खेत में लगभग 50 गायों का झुंड इकट्ठा हो गया था। यह गाय इस जगह को अपना नियमित आश्रय मानती थीं। हालांकि, झुंड सुबह गायब हो गया था। उन्होंने कहा कि सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन इस बीच एक मृत शख्स वोट डालने आ गया। इससे स्थिती थोड़ी गंभीर हो गई।

वोट डालने मृत शख्स पहुंचा
करमाकर ने बताया, ‘एक व्यक्ति मतदान केंद्र आया और दावा किया कि उसका नाम मृतकों की सूची में है, लेकिन वह जिंदा है और वोट डालना चाहता है। इस पर पहले हम सभी चौंक गए फिर बूथ पर मौजूद सभी राजनीतिक दलों के पोलिंग एजेंटों ने पुष्टि की कि वह व्यक्ति सच में वही है, जो उसने होने का दावा किया था। उसके पास अपनी पहचान साबित करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज थे और सत्यापन के बाद उसे मतदान करने की अनुमति दी गई।’

भीषण गर्मी में शरीर को ठंडक पहुंचाएंगे ये पांच प्रकार के रायते, बनाकर खाने के साथ जरूर परोसें

अगर गर्मी के इस मौसम में अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना है, तो खाने पर ध्यान देना बेहद ही जरूरी हो जाता है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि जो लोग गर्मी के मौसम में ज्यादा तला-भुना खाना खाते हैं, उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि इस मौसम में लोग काफी हल्का खाना पसंद करते हैं।

कहा जाता है कि गर्मी में दही का सेवन ज्यादा करना चाहिए, क्योंकि दही में पाए जाने वाले तत्व शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं। ऐसे में इस मौसम में आपको बाजारों में भी लस्सी बिकती हुई मिल जाएगी। घर में खाने के लिए भी लोग दही जमाकर रखते हैं। आप चाहें तो दही का सेवन रायते के रूप में भी कर सकते हैं। वैसे तो ज्यादातर लोग बूंदी का रायता बनाते हैं, लेकिन अगर आप कुछ अलग तरह का रायता बनाने का सोच रहे हैं, तो ये लेख आपके लिए है। यहां हम आपको 5 तरह के रायते बनाना बता रहे हैं।

प्याज-टमाटर का रायता

गर्मी के इस मौसम में लू से बचने के लिए प्याज खाने की सलाह दी जाती है। ऐसे में आप प्याज, टमाटर और खीरे का रायता बनाकर अपने परिवारवालों को परोस सकते हैं। इसे अगर ठंडा करके परोसेंगे तो इसका स्वाद और बढ़ जाएगा।

चुकंदर का रायता

चुकंदर खाने से शरीर में खून की कमी दूर होती है, लेकिन इसका स्वाद ऐसा होता है कि ज्यादातर बच्चे इसे खाना पसंद नहीं करते। ऐसे में आप बच्चों को चुकंदर का रायता बनाकर खिला सकते हैं।

सेब का रायता

गर्मियों के मौसम में आपको बाजार में सेब मिल जाएंगे। ऐसे में आप अपने घर के बच्चों के लिए स्वादिष्ट और पौष्टिक सेब का रायता बना सकते हैं। ध्यान रखें कि रायता बनाने के बाद इसे फ्रिज में रख दें, वरना इसका स्वाद बदल जाएगा।

अनानास का रायता

अनानास में कई ऐसे तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए काफी लाभदायक है। ऐसे में आप चाहें तो अनानास का खट्टा-मीठा रायता खाने के लिए तैयार कर सकते हैं। इसको एक बार खाने के बाद लोग दोबारा जरूर मागेंगे।

अनार का रायता

इस मौसम में आपको बाजार में अनार आसानी से मिल जाएंगे। ये खाने में काफी स्वादिष्ट होता है। इसे बनाने के बाद रायते को सजाने के लिए अनार के दाने जरूर डालें। अनार का रायता बच्चों को काफी पसंद आता है।

शरीर में न होने पाए पानी की कमी, लू से बचाने के अलावा भी इसके कई फायदे

डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से नुकसानदायक हो सकती है। यही कारण है कि सभी लोगों को रोजाना कम से कम 3-4 लीटर पानी पीते रहने की सलाह दी जाती है। विशेषतौर पर गर्मी के दिनों में कम पानी पीने के कारण डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) हो सकता है। इस स्थिति में आपको चक्कर आने, लो ब्लड प्रेशर, बेहोशी के साथ कई और तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा डिहाइड्रेशन की स्थिति आपके हृदय के लिए भी समस्याएं बढ़ाने वाली मानी जाती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं तो आपके दिल को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। यानी कि शरीर को हाइड्रेटेड रखकर हृदय स्वास्थ्य को भी ठीक रखा जा सकता है। वहीं हल्का निर्जलीकरण भी आपके रक्त वाहिकाओं को प्रभावित कर सकता है, उन्हें कम लोचदार बनाता है। ये स्थिति हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाली हो सकती है।

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए पानी पीते रहना जरूरी

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हमारे हृदय को ठीक तरीके से काम करते रहने के लिए शरीर में पानी की मात्रा पर्याप्त होना आवश्यक माना जाता है। पानी की कमी होने से ब्लड प्रेशर लो हो सकता है जिसके कारण आपकी हृदय गति असामान्य हो सकती है। हृदय गति के बढ़ने या असामान्य होने की स्थिति सेहत के लिए नुकसानदायक मानी जाती है। हालांकि डॉक्टर्स ने पाया कि पर्याप्त पानी पीने के बाद ये समस्याएं आसानी से ठीक भी होने लगती हैं।

स्वस्थ रहते हैं जोड़

पानी पीते रहना, आपके जोड़ों के कार्य को व्यवस्थित रखने के लिए भी जरूरी है। हड्डियों के कार्टिलेज के लिए पानी पीते रहना जरूरी होता है। कार्टिलेज ही सभी प्रकार के शॉक को अवशोषित कर हड्डियों को होने वाले किसी भी तरह के नुकसान से बचाता है। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहते हैं उनमें गाउट की समस्या का जोखिम भी कम होता है। पानी, आपके शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करती है जो जोड़ों में सूजन का कारण बन सकते हैं।

शरीर का तापमान रहता है नियंत्रित

पसीने का उत्पादन करके कोशिकाएं आपके शरीर को ठंडा करती हैं। इसलिए व्यायाम के लिए निकलने से एक घंटे पहले भरपूर मात्रा में पानी पिएं। अपने वर्कआउट के दौरान भी हर 15 मिनट में कुछ घूंट पानी पीते रहें । ऐसा करके आप शरीर से पसीने के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं जिससे शरीर के ताप में संतुलन बना रहता है। पानी कम पीने वाले लोगों को अक्सर व्यायाम के दौरान या बाद में बेहोशी हो सकती है।

भाई-बहन के बीच हमेशा बना रहेगा स्नेह, मजबूत रिश्ते के लिए रखें इन बातों का ध्यान

भाई-बहन के बीच का रिश्ता प्यार की मजबूत डोर से बंधा होता है। एक साथ बड़े होना, परेशानियों में पड़ना, साथ में निपटना, एक-दूसरे की शरारतों में साथ देना, पढ़ाई-लिखाई करना और हर मुश्किल में एक-दूसरे के लिए खड़े रहना ही तो इस रिश्ते की नींव है। लेकिन अक्सर इस प्यार भरे रिश्ते में शादी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बाद दूरियां बढ़ने के साथ ही तकरार होने लगती है। शादी के बाद लड़की के जीवन में नए रिश्ते जुड़ते हैं। उन रिश्तों को जानने और निभाने में भाई-बहन के रिश्ते में दूरी आ जाती है। कई बार परिवार की विचारधारा भी रिश्तों में दूरियां बढ़ा देती है। कभी-कभी परिवार का पक्ष लेने या उन्हें सही ठहराने की वजह से भी दोनों के बीच तनाव बढ़ जाता है। दरअसल, यह तकरार कभी स्थायी नहीं होती। रिश्तों की मजबूती के लिए दोनों पक्षों को अपनी-अपनी तरफ से समझदारी दिखानी चाहिए।

सामंजस्य जरूरी

कोई भी परिवार तब पूरा माना जाता है, जब उसमें माता-पिता के अलावा भाई-बहन भी हों। बचपन की मौज-मस्ती के लिए हमउम्र भाई-बहन का होना बहुत जरूरी है। बचपन में भाई-बहन के बीच प्यार बना रहता है। वहीं दोनों में जितना प्रेम होता है, उतने ही झगड़े भी होते हैं। बात-बात में मजाक उड़ाना और शिकायतें करना तो आम बात है। लेकिन ज्यादातर भाई-बहनों में आपसी स्नेह उनकी शादियों से पहले तक ही होता है। उसके बाद किसी न किसी बात पर बात बिगड़ ही जाती है। वहीं, मजाक में कही गई बात भी दिल पर लग जाती है। ऐसे में रिश्तों में प्यार और सही तालमेल बनाए रखने के लिए दोनों को कोशिशें करते रहना चाहिए।

भाभी का अहम रोल

सामान्यतः घरों में बहन की शादी के बाद जीजा जी से नया रिश्ता जुड़ता है, तो भाई की शादी के बाद भाभी से। भाई का सीधा संबंध जीजा जी से बहुत नजदीकी का नहीं होता। इसलिए इन दोनों के बीच शायद ही कभी तनाव के हालात बनते हों। लेकिन भाई की शादी के बाद भाभी के घर आने पर ननद से रिश्ता बहुत मायने रखता है। असल में, भाभी जब नए घर में आती है तो उसके सबसे ज्यादा नजदीक ननद ही होती है, फिर चाहे वह छोटी हो या बड़ी।

यह संबंध बेहद नाजुक होता है, इसलिए इसे प्यार और अपनेपन से संभालना जरूरी है। भाई और बहन के रिश्ते में तकरार होने से रोकने में भाभी अहम भूमिका निभाती है। वहीं, सास के बाद भाभी ही ननद की ससुराल में मां का फर्ज निभाती है। बहन की ससुराल में किसी संकट की स्थिति में भाई-भाभी की भूमिका कैसी रही, इस पर उसके पीहर का सम्मान भी निर्भर करता है।

संवादहीनता न हो

देखा गया है कि भाई या बहन की शादी के बाद जो नए रिश्ते बनते हैं, उनमें सबसे ज्यादा कमजोर पड़ता है भाई-बहन का रिश्ता। इसे सरसरी तौर पर स्वीकार न किया जाए, पर इस सच को नकारा नहीं जा सकता। बचपन से ही लंबा साथ रहने के बाद भी यह रिश्ता शादी के बाद सगे-संबंधियों जैसा होकर रह जाता है। रक्षाबंधन और अन्य पर्व पर ही इस रिश्ते की अहमियत को याद किया जाता है और यह बहनों के पीहर आने का एक बहाना भी होता है।

कई बार भाई-बहनों के बीच खिंचाव जैसे हालात बनने का कारण यह भी होता है कि किसी भी मामले में दोनों एक-दूसरे से कुछ ज्यादा ही उम्मीद कर बैठते हैं। जब वह पूरी नहीं होती तो संबंध बिगड़ते हैं। इसलिए जरूरी है कि भाई-बहन के बीच कभी भी संवादहीनता की स्थिति न बने। दोनों बचपन की तरह आपस में खुलकर बात करें और हर उस मामले में अपना पक्ष रखें, जो भविष्य में कभी तनाव का कारण बन सकता है।

तोहफे देकर बढ़ाएं प्यार

उपहार किसे पसंद नहीं आते। जब भी कभी मौका मिले, एक-दूसरे को उसका पसंदीदा उपहार जरूर दें। उपहार का चुनाव करते समय यह जरूर ध्यान रखें कि चीज ऐसी हो, जो कि काम भी आ सके। भाई-बहन का रिश्ता जीवन भर हरा-भरा रहे और उसमें खुशियों के फूल खिलें, इसके लिए दोनों को ही अपनी-अपनी तरफ से सकारात्मक प्रयास करते रहने चाहिए। किसी एक के झुकने से बात नहीं बनेगी। एक बहन के लिए माता-पिता के बाद भाई और भाभी का घर ही उसका पीहर होता है। यदि पीहर के दरवाजों को खुला रखना हो तो वहां रिश्तों की दस्तक की आवाज हमेशा आती रहनी चाहिए।

नागा चैतन्य ने ‘थंडेल’ को बताया प्रेरणादायक कहानी, किरदार तैयार करने में लगाए नौ महीने

दक्षिण भारतीय अभिनेता नागा चैतन्य अपनी आने वाली फिल्म ‘थंडेल’ की तैयारी में काफी व्यस्त हैं। वो लगातार इस फिल्म को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। ‘थंडेल’ में नागा के साथ साई पल्लवी भी मुख्य भूमिका में दिखाई देंगी। फिल्म पर तेजी के साथ काम किया जा रहा है। इसी बीच, नागा चैतन्य ने फिल्म के बारे में कुछ बातें साझा की है।

‘थंडेल’ की कहानी प्रेरणादायक है
हाल ही में, मीडिया से बातचीत करते हुए नागा ने कहा कि ‘थंडेल’ की कहानी प्रेरणादायक है। उन्होंने इसे अपने अब तक के करियर की सबसे बड़ी फिल्म भी करार दिया। नागा ने कहा कि विजुअल फिल्मों में दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाने की क्षमता होती हैं और इसीलिए इनका निर्माण सही तरीके से होना चाहिए।

किरदार तैयार करने में लगे नौ महीने
‘थंडेल’ की कहानी सच्ची घटना पर आधारित है। इसका निर्देशन चंदू मोंदेती कर रहे हैं। नागा ने बताया कि उन्होंने अपने किरदार को तैयार करने में लगभग नौ महीने काम किया था। बता दें कि गीता आर्ट्स द्वारा फिल्म का निर्माण किया जा रहा है, जिसे संगीतकार देवी श्री प्रसाद ने अपनी धुनों से सजाया है।

फिल्म में दिखेगी मछुआरों की कहानी
‘थंडेल’ की कहानी साल 2018 में हुई घटना पर आधारित है, जिसमें आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम के कुछ मछुआरे गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। मालूम हो कि नागा चैतन्य ने खुद उन मछुआरों से मुलाकात की थी और उस परेशान कर देने वाली घटना को लेकर उनके अनुभव भी जाने थे।