Wednesday , October 23 2024

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अंतरिक्ष में 104 सैटेलाइट छोड़ने वाला PS4 पृथ्वी के वायुमंडल में लौटा; सात साल पहले किया गया था लॉन्च

बंगलूरू:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को एलान किया कि सात साल से ज्यादा समय पहले रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण करने वाले पीएसएलवी-37 रॉकेट के ऊपरी चरण यानी पीएस4 ने पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर लिया है।

साल 2017 में रचा था इतिहास
कभी बैलगाड़ी पर सैटेलाइट ले जाने वाला इसरो एक साथ 104 सैटेलाइट लांच कर दे तो इसे विश्व में अजूबा ही माना जाएगा। भारतीय वैज्ञानिकों ने साल 2017 में न सिर्फ ये अजूबा सच करके दिखा दिया था बल्कि विश्व रिकॉर्ड भी बनाया था, सर्वोत्तम स्पेस एजेंसी मानी जाने वाली नासा भी भारत की इस उपलब्धि पर दंग रह गई थी। पीएसएलवी-सी37 अपनी 39 वीं उड़ान में 104 सैटेलाइट अपने साथ लेकर गया था, इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका की सर्वाधिक 96 सैटेलाइट थीं।

वायुमंडलीय प्रभावों के कारण कक्षीय ऊंचाई में आई कमी
अब इसी को लेकर इसरो ने कहा कि उपग्रहों के निष्क्रियता के बाद ऊपरी चरण (PS4) को लगभग 470 x 494 किमी आकार की कक्षा में छोड़ दिया गया था। बाद में इसे रोजाना ट्रैक किया गया। इससे सामने आया की इसकी कक्षीय ऊंचाई धीरे-धीरे कम होती जा रही थी। मुख्य रूप से वायुमंडलीय प्रभावों के कारण इसकी ऊंचाई पर असर पड़ा था।

छह अक्तूबर को किया फिर से प्रवेश
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बताया, इस साल सितंबर से, आईएस4ओएम (सुरक्षित और सतत अंतरिक्ष संचालन प्रबंधन के लिए इसरो सिस्टम) ने अपनी नियमित गतिविधियों के हिस्से के रूप में नियमित रूप से कक्षा की निगरानी की और अक्तूबर के पहले सप्ताह में वायुमंडल में फिर से प्रवेश की भविष्यवाणी की थी। आखिरकार ऐसा ही हुआ। इसने छह अक्तूबर को फिर से प्रवेश किया। इसका प्रभाव बिंदु उत्तरी अटलांटिक महासागर में है।

इसने यह भी बताया, ‘प्रक्षेपण के आठ सालों के अंदर रॉकेट का वायुमंडल में फिर से प्रवेश अंतरराष्ट्रीय मलबा शमन दिशा-निर्देशों, विशेष रूप से अंतर-एजेंसी अंतरिक्ष मलबा समन्वय समिति (आईएडीसी) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप है, जो मिशन के बाद पृथ्वी की निचली कक्षा (एलईओ) में निष्क्रिय वस्तु के कक्षीय जीवन को 25 वर्षों तक सीमित करने की सिफारिश करता है।’

‘कांग्रेस-NCP की तरफ से घोषित CM प्रत्याशी का समर्थन करेगी शिवसेना’, उद्धव ठाकरे का एलान

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र को बचाने के लिए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे / यूबीटी) कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार / एसपी) की तरफ से सीएम के रूप में घोषित किए जाने वाले किसी भी चेहरे का समर्थन करेगी। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा कि सरकार विज्ञापनों की मदद से महाराष्ट्र में फर्जी और गलत खबरें प्रसारित करा रही है। बता दें कि इसी साल के अंत में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। चुनाव आयोग की टीम प्रदेश का दौरा कर सभी घटकों से उनकी राय ले चुकी है। विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले यानी दिसंबर महीने से पहले ही चुनाव प्रक्रिया पूरी कराई जानी है। ऐसे में राज्य की सियासी सरगर्मियां काफी तेज हैं।

देश की तीसरी सबसे बड़ी विधानसभा में सियासी समीकरण
महाराष्ट्र में इस बार सियासी मुकाबला बेहद दिलचस्प होने के आसार हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि लगभग 25 महीने पहले जून, 2022 में महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिरी थी। इसके बाद भाजपा समर्थित सरकार बनी। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो-फाड़ होने के बाद राज्य में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार के पास 202 विधायकों का समर्थन है। 102 विधायकों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। अजीत पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के 40 विधायक हैं। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 18 विधायक हैं। 14 निर्दलीय विधायकों ने भी एनडीए सरकार को समर्थन दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को पांच अन्य छोटे दलों का समर्थन भी हासिल है।

महाराष्ट्र में विपक्षी खेमा कितना मजबूत
इसके अलावा विपक्षी खेमे (महाविकास अघाड़ी- MVA) में कुल 71 विधायक हैं। विपक्ष में कांग्रेस 37 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना के 16 विधायक हैं। वरिष्ठ राजनेता शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP-SP) के 12 विधायक हैं। समाजवादी पार्टी के दो, सीपीआईएम और पीडब्लूपीआई के एक-एक विधायक हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के दो विधायक भी विपक्षी खेमे में हैं। 15 विधानसभा सीटें खाली हैं।

नतीजे अपडेट करने में देरी के कांग्रेस के दावों को आयोग ने किया खारिज; कहा- आरोप दुर्भावनापूर्ण और निराधार

नई दिल्ली: हरियाणा में मतगणना जारी है। शुरुआती रुझानों में यहां कांग्रेस आगे थी, लेकिन 10 बजते-बजते बाजी पलट गई और भाजपा ने कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया। इसके बाद कांग्रेस चुनाव आयोग पहुंच गई। वहीं, अब आयोग ने कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। चुनाव आयोग ने कहा कि कांग्रेस के आरोप “गैरजिम्मेदार, निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं। आरोपों को साबित करने के लिए कांग्रेस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है।

अपने जवाब में, चुनाव आयोग ने कहा कि वोटों की गिनती संबंधित मतगणना केंद्रों पर चुनाव संचालन नियमों के नियम 60 के अनुसार और वैधानिक और नियामक व्यवस्था का पालन करते हुए की जा रही है। इस प्रक्रिया को नामित अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है। साथ ही चुनाव आयोग ने कांग्रेस के महासचिव जयरा रमेश से कहा कहा कि नतीजों को वेबसाइट पर अपडेट करने में देरी के गलत आरोप को साबित करने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है।

चुनाव आयोग ने आगे बताया कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में पूरी मतगणना प्रक्रिया नियमों के अनुसार उम्मीदवारों, पर्यवेक्षकों और सूक्ष्म पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में चल रही है।

कांग्रेस ने क्या लगाए थे आरोप
हरियाणा में बाजी पलटने के बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि सुबह नौ बजे से 11 बजे के बीच हरियाणा के नतीजों को बेवसाइट पर अपलोड करने में देरी की गई है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि नतीजों को अपडेट करने की धीमी गति के चलते नई-नई कहानियां गढ़ी जा रही हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि हरियाणा चुनावों के सटीक आंकड़े जारी करने के निर्देश जारी किए जाएं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि लोकसभा चुनावों की तरह हरियाणा में फिर से चुनाव आयोग की वेबसाइट पर रुझानों को अपलोड करने की गति धीमी है। हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग हमारे सवालों का जवाब देगा। 10-11 राउंड के नतीजे जारी हो चुके हैं। लेकिन चुनाव आयोग की वेबसाइट पर केवल 4-5 राउंड ही अपडेट किए गए हैं। यह प्रशासन पर दबाव बनाने की एक रणनीति है। उन्होंने कहा कि निराश होने की जरूरत नहीं है। खेल खत्म नहीं हुआ है। माइंड गेम खेले जा रहे हैं। जनादेश मिलने जा रहा है। कांग्रेस सरकार बनाने जा रही है।

अंतिम संस्कार के लिए शव लाए जाने पर फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, पुलिस वाहन में की तोड़फोड़

कोलकाता:  कोलकाता में डॉक्टर रेप केस का गुस्सा नही थमा था कि पश्चिम बंगाल में एक बार फिर लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। हाल ही में, दक्षिण 24 परगना जिले में 10 साल की बच्ची का कथित तौर पर दुष्कर्म और हत्या कर दी गई थी। मंगलवार को अंतिम संस्कार के लिए जब कुलताली में बच्ची का शव लाया गया तो लोगों का गुस्सा फूट गया। हजारों की संख्या में जुटे लोगों ने सड़कों को जाम कर दिया और पुलिस वाहन में तोड़फोड़ कर दी।

क्या है मामला?
पांच अक्तूबर को कक्षा चार की छात्रा ट्यूशन पढ़ने गई थी। जब बच्ची रात आठ बजे तक घर नहीं लौटी तो परिवार ने सब जगह तलाश की। बच्ची का जब कुछ पता नहीं लगा तो पुलिस को शिकायत दी गई। बाद में उसका शव नहर से मिला। कथित तौर पर बच्ची का दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई। शव को कोलकाता के कांटापुकुर मुर्दाघर ले जाया गया और फिर कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार पोस्टमार्टम के लिए सोमवार सुबह नादिया जिले के कल्याणी के जेएनएम अस्पताल ले जाया गया।

हजारों संख्या में जुटे ग्रामीण
जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल अस्पताल से सोमवार रात लड़की का शव मिलने के बाद हजारों ग्रामीणों ने कुलताली के कृपाखली मोड़ पर विरोध-प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में मौजूद महिलाओं ने सुरक्षा की चिंता को लेकर सवाल उठाया। पुलिस के मौके पर पहुंचते ही उन्होंने ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगाने शुरू कर दिए।

पुलिस चौकी की ओर मार्च करने की कोशिश
एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने शव लेकर महिष्मारी पुलिस चौकी की ओर मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद वे कृपाखाली में एक घाट पर गए, जहां बच्ची के दाह संस्कार का इंतजाम किया जा रहा था। मगर, सड़क जाम कर रहे कुछ प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्होंने पुलिस के वाहन पर पथराव किया, जिसमें एक वरिष्ठ अधिकारी बैठे थे।

‘चीनी के कटोरे’ में आने लगी केले की खुशबू, गन्ने की अपेक्षा मिलता है अधिक मुनाफा

लखीमपुर खीरी में कभी चीनी उत्पादन के लिए मशहूर धौरहरा क्षेत्र में अब केले की खेती किसानों की पहली पसंद बनती जा रही है। गन्ने की अपेक्षा केले से किसानों को अधिक मुनाफा होता है। वहीं नकद भुगतान भी मिलता है।चीनी का कटोरा कहे जाने वाले धौरहरा क्षेत्र से अब केले की खुशबू आने लगी है। किसानों ने पिछले 10 वर्षों में परंपरागत गन्ने की खेती के साथ केले की खेती की भी शुरुआत की है।क्षेत्र के करीब 30 फीसदी किसान केले की खेती कर गन्ना किसानों से अधिक लाभ ले रहे हैं।

प्रगतिशील किसान धर्मपाल मौर्या ने बताया कि जब से जी-9 टिश्यू कल्चर केले की पौध आई है, तब से किसानों के दिन बहुर गए हैं। धौरहरा क्षेत्र का केला राजधानी दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के लोगों को काफी पसंद आ रहा है। धौरहरा क्षेत्र से प्रतिदिन करीब सौ ट्रक केला इन राज्यों में जाता है।

लागत से तीन गुना मुनाफा देती है फसल
एडीओ एग्रीकल्चर पीतांबर सिंह ने बताया कि एक एकड़ में 1250 केले के पौधे लगाए जाते हैं। फसल 15 से 20 महीने में तैयार हो जाती है। इस अवधि में किसानों को समय-समय पर खाद पानी के साथ आवश्यक दवाओं का छिड़काव करना होता है। इस फसल में किसानों की प्रति एकड़ करीब एक लाख रुपये लागत आती है। मुनाफा लगभग तीन गुना करीब तीन लाख का होता है।

इस्राइल की टिश्यू कल्चर तकनीक से तैयार होती है जी-9 किस्म की पौध
धौरहरा क्षेत्र में आने वाली केले की उन्नति प्रजाति असल में भारत और इस्राइल के कृषि समझौतों का ही नतीजा है। जलगांव, बंगलूरू और अहमदाबाद में इस्राइल के जी-9 टीसू कल्चर फॉर्मूले से तैयार पौध बड़े पैमाने पर प्रयोगशाला में तैयार कर अलग-अलग कंपनियों की मैनुफैक्चरिंग में किसानों तक पहुंचती हैं। इसके लिए किसानों को पौध की अग्रिम बुकिंग करानी होती है। प्रगतिशील किसान धर्मपाल मौर्या लखनपुरवा ने बताया कि केले की पौध 16 से 20 रुपये में किसानों को मिलती है।

उद्यान विभाग देता है 30 हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान
किसानों को केले की खेती के लिए उद्यान विभाग की ओर से प्रति एकड़ 30 हजार प्रोत्साहन राशि के रूप में मिलते हैं। जिला उद्यान अधिकारी मृत्युंजय सिंह ने बताया कि धौरहरा सहित जिले में किसानों को प्रति एकड़ अनुदान भी दिया जा रहा है।

ताजमहल देखने आ रहे हैं… तो सुबह 10 बजे के बाद आएं, आज मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू करेंगे दीदार

आगरा:  ताजमहल का दीदार मंगलवार को करना है तो सुबह 10 बजे के बाद ही आएं। मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू अपनी पत्नी के साथ ताजमहल देखने आ रहे हैं। वह सुबह 9 से 10 बजे के बीच ताजमहल देखेंगे। इस कारण ताज आम पर्यटकों के लिए सुबह 7:55 बजे ही बंद कर दिया जाएगा।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. राजकुमार पटेल ने बताया कि सुबह सूर्योदय के समय ताजमहल के गेट तय समय पर खुलेंगे। सुबह 6:15 बजे टिकटों की बिक्री बंद कर दी जाएगी ताकि 6:30 बजे तक टिकट खरीदने वाला हर पर्यटक प्रवेश कर सके। सुबह 7:55 बजे ताजमहल को खाली कराकर इसके दोनों प्रवेश द्वार बंद कर दिए जाएंगे, जो मालदीव के राष्ट्रपति के आने पर ही खुलेंगे। राष्ट्रपति के जाने के बाद ही ताजमहल के गेट और टिकट काउंटर खोले जाएंगे। ऐसे में ताजमहल का दीदार करने आएं तो सुबह 10 बजे के बाद ही आएं।

सुबह आगरा किला, सीकरी स्मारक देखें
टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा के अध्यक्ष राजीव सक्सेना ने गाइडों के साथ पर्यटकों को सलाह दी है कि सुबह मालदीव के राष्ट्रपति के कारण ताज बंद रहेगा। ऐसे में सुबह आगरा किला और एत्माद्दौला स्मारक का दौरा कर सकते हैं। जो पर्यटक फतेहपुर सीकरी जाना चाहते हैं, वह भी सुबह सीकरी देखने के बाद दोपहर में ताज आ सकते हैं।

खेरिया पर योगेंद्र उपाध्याय करेंगे स्वागत
मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू और प्रथम महिला साजिदा मोहम्मद का स्वागत आगरा में खेरिया एयरपोर्ट पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय करेंगे। राष्ट्रपति एयरपोर्ट से सीधे शिल्पग्राम पहुंचेंगे। वहां उन्हें प्रदेश की संस्कृति और धरोहर से अवगत कराने के लिए मयूर नृत्य और रास प्रदर्शित किया जाएगा। ताजमहल भ्रमण के बाद एयरफोर्स स्टेशन के खेरिया टेक्निकल एयरपोर्ट से मालदीव के लिए रवाना होंगे। कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि यह भारत और मालदीव के मैत्रीपूर्ण संबंधों को और सुदृढ़ करने का एक ऐतिहासिक पल होगा।

मेरठ में पुलिस पर पथराव… अलीगढ़ में छात्रों का प्रदर्शन; गाजियाबाद में 16 मामले दर्ज

गाजियाबाद:गाजियाबाद के डासना के देवी मंदिर के महंत और जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान से यूपी में उठा बवाल थम नहीं रहा। मेरठ के साथ अलीगढ़, आगरा, एटा व कन्नौज में सोमवार को मुस्लिम समाज के लोग सड़कों पर उतरे तो गाजियाबाद में यति के समर्थकों ने प्रदर्शन किया।

मेरठ में मुंडाली में बिना अनुमति प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। यहां भीड़ ने रोके जाने पर पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने यहां 30 नामजद और 150 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। जुलूस में शामिल युवा और बच्चे तलवार और लाठी-डंडे लहराते हुए धार्मिक और देशविरोधी नारेबाजी कर रहे थे।

अलीगढ़ में एएमयू के छात्रों में उबाल दिखा। हजारों की संख्या में छात्रों ने विरोध मार्च निकाला। यहां मखदूम नगर निवासी मो. अकबर की तहरीर पर भी नरसिंहानंद के खिलाफ जीरो एफआईआर के तहत विवादित टिप्पणी करने का मामला दर्ज किया गया। आगरा में भी उत्तर प्रदेश मुस्लिम महापंचायत ने कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला।

उधर, गाजियाबाद में बवाल के बाद दोनों पक्षों की ओर से कुल अब 16 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 16 लोगों की गिरफ्तारी की गई है। वहीं, सहारनपुर के शेखपुरा में हुए रविवार को हुए बवाल के मामले में सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर कई अन्य उपद्रवियों की पहचान हो गई है। जिन 13 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया था, उन्हें सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

गाजियाबाद में यति के समर्थकों का हंगामा
नरसिंहानंद के समर्थकों ने सोमवार को गाजियाबाद पुलिस आयुक्त के दफ्तर के बाहर हंगामा प्रदर्शन किया। उन्होंने पुलिस अफसरों से सवाल किया कि आखिर यति नरसिंहानंद कहां हैं?। इस पर अधिकारियों ने सिर्फ इतना कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं। पुलिस ने कविनगर थाने में 150 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है।

13 को महापंचायत का एलान
यति नरसिंहानंद सरस्वती फाउंडेशन की महासचिव डॉ. उदिता त्यागी ने कहा कि अगर जल्द ही महामंडलेश्वर नहीं मिलते हैं तो हिंदू संगठन 13 अक्तूबर को महापंचायत करेंगे। उनका दावा है कि पुलिस पांच अक्तूबर को बम्हेटा के पार्षद प्रमोद यादव के घर से महामंडलेश्वर को ले गई थी। इसके बाद से उनका कुछ पता नहीं चल रहा है।

टमाटर 100 के पार, आलू, प्याज, लहसुन, धनिया व खीरे ने भी बिगाड़ा आम आदमी का बजट

नई दिल्ली:  त्योहार शुरू होते ही सब्जियों और फलों के दाम आसमान छूने लगे हैं। सबसे चौंकाने वाला भाव टमाटर का है। यह अब 100 रुपये प्रति किलोग्राम के पार हो गया है। कुछ बाजारों में यह 120 रुपये तक बिक रहा है। पिछले कुछ दिनों से सब्जियों के दाम भी अचानक बढ़ने लगे हैं।

टमाटर के दाम उत्तर प्रदेश के नोएडा, लखनऊ व प्रयागराज सहित अन्य बाजारों में 100 से 120 रुपये किलो पहुंच गए हैं। मुंबई में भी यह 120 रुपये के आसपास बिक रहा है। दूसरी ओर, आलू जहां 40 रुपये किलो है, प्याज के दाम 60-70 रुपये किलो हो गए हैं। तुरई 70 रुपये और धनिया 200 रुपये किलो बिक रही है।

खुदरा व्यापारियों के अनुसार, मुख्य रूप से टमाटर, आलू और प्याज काफी महंगे हैं। हालांकि, अन्य सब्जियों में लौकी 50 रुपये किलो तो गोभी 80 रुपये किलो है। गाजर 40 रुपये, खीरा 40 रुपये और परवल 60 रुपये किलो बिक रहा है। लहसुन 350 रुपये किलो और अदरक 200 रुपये किलो है। हालांकि, दालों के दाम लंबे समय से स्थिर हैं।

बेमौसम बारिश ने बिगाड़ा बजट
बेमौसम बारिश और वायरस के हमले से नासिक के आसपास के प्रमुख कृषि क्षेत्रों में टमाटर की फसल नुकसान हुई है। इससे आपूर्ति घट गई है। इस वजह से एक हफ्ते में ही कीमत ज्यादा बढ़ गई है। नासिक के किसानों के मुताबिक, टमाटर का 20 किलोग्राम का कैरेट अब कृषि बाजारों में 1,500 रुपये से 1,600 रुपये हो गया है। इससे खुदरा कीमतें 100 रुपये से 120 रुपये प्रति किलो तक हो गई हैं।

भारत आटा व दाल की भी बढ़ सकती हैं कीमतें
अभी तक सस्ते दर पर मिल रहे भारत ब्रांड आटा, दाल और चावल भी त्योहारी सीजन में महंगे हो सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जल्द ही इनकी बिक्री शुरू होगी। 10 किलो आटे के दाम अब 300 रुपये होंगे, जो पहले 275 रुपये था। 10 किलो चावल का भाव 320 रुपये हो जाएगा जो पहले 295 रुपये था। एक किलो चना दाल की कीमत 60 से बढ़कर 70 रुपये हो जाएगी।

त्योहार शुरू होते ही सब्जियों और फलों के दाम आसमान छूने लगे हैं। सबसे चौंकाने वाला भाव टमाटर का है। यह अब 100 रुपये प्रति किलोग्राम के पार हो गया है। कुछ बाजारों में यह 120 रुपये तक बिक रहा है। पिछले कुछ दिनों से सब्जियों के दाम भी अचानक बढ़ने लगे हैं।

टमाटर के दाम उत्तर प्रदेश के नोएडा, लखनऊ व प्रयागराज सहित अन्य बाजारों में 100 से 120 रुपये किलो पहुंच गए हैं। मुंबई में भी यह 120 रुपये के आसपास बिक रहा है। दूसरी ओर, आलू जहां 40 रुपये किलो है, प्याज के दाम 60-70 रुपये किलो हो गए हैं। तुरई 70 रुपये और धनिया 200 रुपये किलो बिक रही है।

खुदरा व्यापारियों के अनुसार, मुख्य रूप से टमाटर, आलू और प्याज काफी महंगे हैं। हालांकि, अन्य सब्जियों में लौकी 50 रुपये किलो तो गोभी 80 रुपये किलो है। गाजर 40 रुपये, खीरा 40 रुपये और परवल 60 रुपये किलो बिक रहा है। लहसुन 350 रुपये किलो और अदरक 200 रुपये किलो है। हालांकि, दालों के दाम लंबे समय से स्थिर हैं।

बेमौसम बारिश ने बिगाड़ा बजट
बेमौसम बारिश और वायरस के हमले से नासिक के आसपास के प्रमुख कृषि क्षेत्रों में टमाटर की फसल नुकसान हुई है। इससे आपूर्ति घट गई है। इस वजह से एक हफ्ते में ही कीमत ज्यादा बढ़ गई है। नासिक के किसानों के मुताबिक, टमाटर का 20 किलोग्राम का कैरेट अब कृषि बाजारों में 1,500 रुपये से 1,600 रुपये हो गया है। इससे खुदरा कीमतें 100 रुपये से 120 रुपये प्रति किलो तक हो गई हैं।

भारत आटा व दाल की भी बढ़ सकती हैं कीमतें
अभी तक सस्ते दर पर मिल रहे भारत ब्रांड आटा, दाल और चावल भी त्योहारी सीजन में महंगे हो सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, जल्द ही इनकी बिक्री शुरू होगी। 10 किलो आटे के दाम अब 300 रुपये होंगे, जो पहले 275 रुपये था। 10 किलो चावल का भाव 320 रुपये हो जाएगा जो पहले 295 रुपये था। एक किलो चना दाल की कीमत 60 से बढ़कर 70 रुपये हो जाएगी।

भारतीय जलाशयों का जलस्तर पिछले साल की तुलना में बेहतर, सामान्य जल संग्रहण से 14 फीसदी की वृद्धि

नई दिल्ली:  भारत के जलाशयों का जलस्तर पिछले साल की तुलना में बेहतर रहा है। हालांकि, उत्तरी क्षेत्र में इसके स्तर में गिरावट आई है। कुल 155 जलाशयों में कुल क्षमता का 88 फीसदी पानी भरा हुआ है, जो कि सामान्य जल संग्रहण स्तर से 14 फीसदी अधिक है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के भंडारण स्तर 134.056 बीसीएम और सामान्य 10 साल के औसत भंडारण 139.114 बीसीएम की तुलना में एक उल्लेखनीय सुधार है।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के बुलेटिन में कहा गया है कि देशभर में 86 जलाशय ऐसे हैं, जिनकी पिछले वर्ष की तुलना में जल संग्रहण क्षमता का स्तर बढ़ा है और 123 जलाशय अपनी सामान्य क्षमता से अधिक जल संग्रहण कर रहे हैं। 2024 के आंकड़े पिछले वर्ष के स्तर की तुलना में 18 फीसदी अधिक हैं। यह सामान्य जल संग्रहण से 14 फीसदी वृद्धि दर्शाते हैं।

हालांकि, देशभर में जल संग्रहण स्तर अधिक होने के बाजवूद क्षेत्रीय भिन्नताएं हैं। पश्चिमी क्षेत्र ने सबसे मजबूत जल संग्रहण के आंकड़े दर्ज किए हैं। यहां कुल जल संग्रहण क्षमता का 97 फीसदी पहले ही भर चुका है। यह पिछले वर्ष के 89 फीसदी से काफी अधिक है। इस क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा शामिल हैं। केंद्र क्षेत्र जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ शामिल हैं, यहां जलाशयों में जल संग्रहण क्षमता का स्तर घटा है। पूर्वी क्षेत्र जिसमें असम, ओडिशा और बिहार जैसे राज्य शामिल हैं। यहां जल संग्रहण क्षमता का स्तर 86 फीसदी दर्ज किया गया है, जो कि पिछले वर्ष के 77 फीसदी से अधिक है।

हर्षवर्द्धन की उम्मीदवारी को लेकर शरद पवार की घोषणा से पार्टी में असंतोष, फैसला वापस लेने की मांग

मुंबई:  महाराष्ट्र में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। चुनाव से पहले ही राकांपा-एसपी के नेताओं में असंतोष फैल गया। दरअसल, हर्षवर्द्धन पाटिल की उम्मीदवारी को लेकर शरद पवार की घोषणा ने पार्टी के एक वर्ग को नाराज कर दिया। राकांपा-एसपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कहा कि अगर इस निर्णय पर दोबारा विचार नहीं किया गया पुणे जिले के इंदापुर में पार्टी रैंक को लेकर झड़प होगी। उन्होंने हर्षवर्धन की उम्मीदवारी को वापस लेने की मांग भी की। राकांपा नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के विरोधी हर्षवर्द्धन पाटिल सोमवार को भाजपा से राकांपा-एसपी में शामिल हो गए। पूर्व राज्य मंत्री को शरद पवार की उपस्थिति में राकांपा-एसपी में शामिल किया गया।

हर्षवर्द्धन पाटिल को इंदापुर से टिकट मिलने की संभावना
हर्षवर्द्धन पाटिल को उनके गृहनगर इंदापुर से टिकट मिलने की संभावना है। यह सीट फिलहाल अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के पास है। सोमवार को एक सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने पाटिल को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने लोगों से पाटिल को विधानसभा में भेजने की अपील की। पाटिल की उम्मीदवारी को लेकर शरद पवार के समर्थन से राकांपा-एसपी के स्थानीय कार्यकर्ताओं में असंतोष फैल गया। बता दें कि अभी तक किसी भी पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।

राकांपा-एसकी के स्थानीय कार्यकर्ताओं में असंतोष
राकांपा-एसपी के स्थानीय कार्यकर्ता प्रवीण माने, अप्पासाहेब जगदले, भरत साह और तीन अन्य उम्मीदवार इंदापुर से टिकट की उम्मीद कर रहे थे। उन्होंने सवाल किया कि सुप्रिया सुले के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनके कार्यों और ईमारदारी को देखने के बावजूद उन्हें नजरअंदाज क्यों किया जा रहा है? बता दें कि शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले जून में पुणे जिले के बारामती से लगातार चौथी बार चुनी गईं।

पाटिल की उम्मीदवारी की घोषणा को लेकर शरद पवार के बयान के बाद अप्पासाहेब जगदले ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि लोगों की भावनाओं को जानने के लिए वे 11 अक्तूबर को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक का आयोजन करेंगे। पाटिल का नाम लिए बिना जगदले ने उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर यह निर्णय नहीं लिया गया तो इंदापुर में पार्टी रैंक के भीतर झड़प होगी। पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग में बढ़ते असंतोष के बारे में पूछे जाने पर सुप्रिया सुले ने कहा कि जो लोग निराश हैं, उनकी चिंताओं को दूर करना उनकी (सुले) जिम्मेदारी हैं।