Thursday , October 24 2024

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संसद में नेतन्याहू को आमंत्रित करने पर विवाद, रिपब्लिकन नेता बोले- डेमोक्रेट्स नहीं चाहते तो भी बुलाएंगे

हमास और इस्राइल बीते सात महीने से जंग लड़ रहे हैं। अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस युद्ध में अमेरिका लगातार इस्राइल का साथ दे रहा है। अब यहां ही इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को संसद में बुलाने पर बहस छिड़ गई है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के रिपब्लिकन नेता ने मंगलवार को कहा कि वह इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को सांसदों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित करने के बहुत करीब हैं, भले ही सीनेट के डेमोक्रेटिक नेता इसके लिए तैयार न हों।

मंगलवार तक का समय
प्रतिनिधि सभा के स्पीकर माइक जॉनसन ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने संसद में बहुमत के नेता चक शूमर को उस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए मंगलवार तक का समय दिया है, जिसमें नेतन्याहू को एक संयुक्त बैठक को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

हम करेंगे आमंत्रित
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर वो हस्ताक्षर नहीं करते हैं तो हम नेतन्याहू को सांसदों को संबोधित करने के लिए निमत्रंण देंगे।’

इस्राइल के साथ हमारे रिश्ते दृढ़
शूमर ने इस बात की पुष्टि की कि वह जॉनसन से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं प्रतिनिधि सभा के स्पीकर से लगातार बात कर रहा हूं। जैसा कि मैंने हमेशा कहा है कि इस्राइल के साथ हमारे रिश्ते दृढ़ है। यह किसी एक प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति से आगे हैं।’ इस मुद्दे पर दोनों दलों के बीच मतभेद ने नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव से महीनों पहले इस्राइल नीति के राजनीतिकरण को रेखांकित किया, जिसमें डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडन रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दिख रहे हैं।

इस्राइल-हमास के बीच युद्धविराम समझौते की शर्तों को मिस्र ने बदला, अमेरिका-कतर में गुस्से की लहर

इस्राइल ने इस महीने की शुरुआत में एक युद्धविराम प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया था। मिस्र ने चुपचाप इस प्रस्ताव की शर्तों को बदल दिया। इस प्रस्ताव में इस्राइली बंधकों और फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के साथ अस्थाई रूप से युद्ध को समाप्त करने की बात कही गई थी। सूत्रों के अनुसार, अमेरिका और कतर का मानना है कि इस्राइल के बाद हमास ने छह मई को जिस युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, वह प्रस्ताव इस्राइल के सामने पेश हुए प्रस्ताव से बिलकुल अलग था। मिस्र के अधिकारियों द्वारा प्रस्ताव में किए गए बदलाव को पहले नहीं बताया गया था, इससे अमेरिका, कतर और इस्राइल में गुस्से की लहर फैल गई।

एक सूत्र ने कहा, “हम सब ठगे गए।” अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) के निदेशक बिल बर्न्स ने युद्धविराम समझौते के लिए अमेरिका के प्रयासों का नेतृत्व किया था। मिस्र ने जब समझौते की शर्तों को बदल दिया, तब वह उसी क्षेत्र में उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि उन्हें ऐसा लग रहा था कि उन्हें इसके बारे में कोई सूचना नहीं दी गई और उन्होंने इस्राइलियों को भी इसके बारे में नहीं बताया।

मिस्र के खुफिया अधिकारी परिवर्तन के लिए जिम्मेदार
सूत्रों ने बताया कि मिस्र के वरिष्ठ खुफिया अधिकारी अहमद अब्देल खालेक इन परिवर्तनों के लिए जिम्मेदार हैं। बता दें कि अहमद अब्देल खालेक मिस्र के खुफिया प्रमुख अब्बास कामेल के डिप्टी हैं। अब्देल खालेक ने इस समझौते को लेकर इस्राइलियों को अलग बात बताई और हमास से कुछ और कहा। सूत्रों के अनुसार, हमास की अधिकांश मांगों को समझौते में शामिल किया गया था, जिसके बारे में इस्राइलियों को नहीं बताया गया।

सभी पक्ष यही मान रहे थे कि मिस्र ने हमास के सामने उसी समझौते को रखा, जिस पर इस्राइल ने मधयस्थ देशों के सामने हस्ताक्षर किया था। ऐसा बताया गया कि अमेरिका और कतर को इसकी जानकारी थी। हालांकि, अभी तक मिस्र सरकार ने इसे लेकर कोई टिप्पणी नहीं की।

राष्ट्रपति हर्जोग ने पीएम मोदी की तारीफ की, बोले- हमास हमले की निंदा करने वाले वह पहले नेता

इस्राइल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग ने सात अक्तूबर को हुए हमास के हमले की निंदा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़े देशों में से एक है और इस्राइल सबसे छोटे देशों में से एक। फिर भी हम दोनों पूरी तरह से आधुनिक राष्ट्र हैं, जो दृढ़ लोकतांत्रितक आदर्शों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि हम आपस में बहुत कुछ साझा करते हैं।

दरअसल, दिल्ली में मंगलवार को इस्राइल राष्ट्रीय दिवस समारोह का आयोजन किया गया, जिसे इस्राइल के राष्ट्रपति हर्जोग ने वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा, भारत और इस्राइल की साझेदारी मजबूत व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों से लेकर सार्थक सांस्कृतिक, शैक्षणिक, तकनीकी और वैज्ञानिक आदान-प्रदान तक है। बेशक, हमारे साझा संबंध संकट के समय में अतिरिक्त अर्थ रखते हैं, लेकिन सात अक्तूबर को हमास द्वारा इस्राइल पर किए गए हमले में हुए नरसंहार की निंदा करने वाले विश्व नेताओं में से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले हैं। वह इतिहास के सही पक्ष पर खड़े रहे। मैं उन्हें तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। हर्जोग ने आगे कहा, ‘जैसे-जैसे आपका लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था बढ़ती है, वैश्विक नेतृत्व में आपकी भूमिका बढ़ती है और विस्तारित होती है’ प्रधानमंत्री मोदी के इस तथ्य की हम इस्राइल में सराहना और स्वागत करते हैं।

भारत स्वयं सीमा पार आतंकवाद का शिकार: क्वात्रा
इससे पहले भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा, हम इस्राइल की आजादी के एक और वर्ष को मना रहे हैं, लेकिन हमारा दिल हाल की घटनाओं के बोझ से भारी है। 7 अक्टूबर को हुए आतंकी हमलों ने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है भारत स्वयं सीमा पार आतंकवाद का शिकार है और आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति शून्य-सहिष्णुता का दृष्टिकोण रखता है, आतंक के कृत्यों के लिए कोई औचित्य नहीं हो सकता है। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं बंधकों और निर्दोष लोगों के परिवारों के साथ हैं।

भारत-फ्रांस सेनाओं का 7वां संयुक्त अभ्यास, आत्मरक्षा और मुश्किल स्थितियों में सहयोग पर किया अभ्यास

मेघालय में भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच शक्ति का 7 वां संयुक्त अभ्यास चल रहा है। अभ्यास के दौरान आत्मरक्षा के लिए पहाड़ों में जीवित रहने का अभ्यास किया जा रहा है। जनसंपर्क अधिकारी रक्षा, गुवाहाटी के अनुसार 13 से 26 मई तक संयुक्त अभ्यास आयोजित होगा। भारत-फ्रांस संयुक्त सैन्य अभ्यास शक्ति का 5 वां संस्करण 13 मई को मेघालय में उमरोई में शुरू हुआ। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य उप-पारंपरिक परिदृश्य में मल्टी डोमेन ऑपरेशंस करने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है।

उद्घाटन समारोह में भारत में फ्रांस के राजदूत थिएरी मथौ और 51 सब एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल ने प्रतिभाग किया। भारतीय दल के 90 कर्मी जिसमें राजपूत रेजिमेंट की बटालियन और अन्य सैनिक शामिल हैं। भारतीय नौ सेना और भारतीय वायु सेना के पर्यवेक्षक भी अभ्यास का हिस्सा बनेंगे। वहीं फ्रांसीसी दल में 90 13 वीं विदेशी सेना हाफ-ब्रिगेड के कर्मी शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि संयुक्त अभ्यास अर्ध शहरी और पहाड़ी इलाकों में संचालन पर फोकस रहेगा। संयुक्त प्रशिक्षण में उच्च स्तरीय शारीरिक फिटनेस, सामरिक स्तर पर संचालन के लिए अभ्यास और परिष्कृत अभ्यास और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है।

उन्होंने यह भी बताया कि निर्धारित क्षेत्र कब्जा करना, संयुक्त कमान पोस्ट की स्थापना, खुफिया और निगरानी केंद्र की स्थापना, एक हेलीपैड, लैंडिंग स्थल की सुरक्षा, छोटी टीमों का प्रवेश और निष्कासन, विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन, घेराव और तलाशी ऑपरेशन के अलावा ड्रोन और काउंटर-ड्रोन सिस्टम का उपयोग आदि का प्रशिक्षण होगा। शक्ति अभ्यास दोनों पक्षों को संयुक्त अभियान चलाने के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया जाएगा।

विमान में टर्बुलेंस से हुई मौत और घायलों को लेकर जांच जारी, एयरलाइन बोली- हम कर रहे सहयोग

लंदन से सिंगापुर जा रही सिंगापुर एयरलाइंस की फ्लाइट में खतरनाक टर्बुलेंस के कारण एक यात्री की मौत हो गई। इस टर्बुलेंस के कारण 30 अन्य लोग घायल भी हुए। इस घटना के बाद एयरलाइंस ने बुधवार को बताया कि वह जांच में अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है। टर्बुलेंस के कारण 73 वर्षीय ब्रिटिश यात्री जेफ्री किचन की उड़ान के दौरान दिल का दौरा पड़ने से जान चली गई।

बैंकॉक के सुवर्णभूमि एयरपोर्ट के महाप्रबंधक किट्टीपोंग किट्टीकाचोर्न ने इसकी जानकारी दी। 20 मई को लंदन (हीथ्रो) से सिंगापुर के लिए उड़ान भरने वाली सिंगापुर एयरलाइंस (एसआईए) की उड़ान एसक्यू 321 को प्रस्थान के लगभग 10 घंटे बाद 37,000 फीट की ऊंचाई पर इरावदी बेसिन पर अचानक गंभीर टर्बुलेंस का सामना करना पड़ा। इसके बाद पायलट ने मेडिकल आपातकाल की घोषणा की और विमान को बैंकॉक की ओर मोड़ दिया।

विमान में तीन भारतीय भी शामिल
इस घटना घायल हुए 30 यात्रियों का बैंकॉक के अस्पताल में इलाज जारी है। बोइंग 777-300 ईआर विमान 211 यात्रियों और चालक दल के 18 सदस्यों को लेकर सिंगापुर जा रहा था। इसमें तीन भारतीय भी शामिल हैं। इसके अलावा विमान में ऑस्ट्रेलिया के 56, कनाडा के 2, जर्मनी के 1, भारत के 3, इंडोनेशिया के 2, आइसलैंड के 1, आयरलैंड के 4, इस्राइल के 1, मलेशिया के 16, म्यांमार के 2, न्यूजीलैंड के 23, फिलीपींस के 5, सिंगापुर के 41, दक्षिण कोरिया के 1, स्पेन के 2, यूनाइटेड किंगडम के 47 और संयुक्त राज्य अमेरिका के 4 यात्री सवार थे।

जांच में पूरा सहयोग कर रही एयरलाइन
एसआईए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोह चून फोंग ने कहा कि एयरलाइंस इस घटना की जांच में संबंधित अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है। 22 मई को एक राहत उड़ान के माध्यम से सिंगापुर पहुंचे 131 यात्रियों और 12 चालक दल के सदस्यों का उन्होंने चांगी एयरपोर्ट पर स्वागत किया।

एयरलाइन ने पुष्टि की कि 22 मई को एक राहत उड़ान के माध्यम से सिंगापुर पहुंचे 131 यात्रियों और 12 चालक दल के सदस्यों का गोह ने चांगी हवाई अड्डे पर स्वागत किया। अन्य 79 यात्री और चालक दल के छह सदस्य भी बैंकॉक में ही हैं। गोह चून फोंग ने कहा, “एयरलाइंस की तरफ से मैं मृतक के परजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। यात्रा के दौरान यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को परेशानियों का सामना करना पड़ा, इसके लिए मैं माफी मांगता हूं। हम इस कठिन समय में हर संभव सहायता प्रदान करेंगे।”

भारतीय मूल के वैज्ञानिक प्रोफेसर कुलकर्णी को सम्मानित करेगा अमेरिका, मिलेगा प्रतिष्ठित शॉ पुरस्कार

वॉशिंगटन:  अमेरिका में भारतीय मूल के खगोलशास्त्री प्रोफेसर श्रीनिवास आर कुलकर्णी को प्रतिष्ठित शॉ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बताया गया है कि प्रोफेसर कुलकर्णी ने मिलीसेकंड पल्सर, गामा किरण विस्फोट, सुपरनोवा और अन्य खगोलीय पिंडों की खोज की है। उन्होंने इन अभूतपूर्व अन्वेषणों के लिए खगोल विज्ञान में शॉ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। श्रीनिवास आर कुलकर्णी कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में भौतिकी, गणित और खगोल विज्ञान विभाग के प्रोफेसर हैं।

इन वैज्ञानिकों को मिलेगा शॉ पुरस्कार
प्रोफेसर कुलकर्णी के अलावा अमेरिका के वैज्ञानिक स्वी ले थीन और स्टुअर्ट ऑर्किन को जीव विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में शॉ पुरस्कार दिया जाएगा। बताया गया है कि वैज्ञानिक पीटर सरनाक को गणितीय विज्ञान में शॉ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

प्रोफेसर कुलकर्णी ने की अभूतपूर्व खोज
शॉ पुरस्कार फाउंडेशन का कहा ‘प्रोफेसर कुलकर्णी ने खगोल विज्ञान में शानदार अन्वेषण किए हैं। आकाश के प्रति उनकी समझ से खगोल विज्ञान के क्षेत्र में नई क्रांति आई है। प्रोफेसर कुलकर्णी और उनके उत्तराधिकारी ज्विकी ने नेतृत्व में पालोमर ट्रांसिएंट फैक्ट्री की संकल्पना और निर्माण किया गया। बता दें पालोमर ट्रांसिएंट फैक्ट्री एक खगोलीय सर्वेक्षण था।
प्रोफेसर कुलकर्णी ने 1978 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से एमएस किया था। इसके बाद उन्होंने 1983 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से पीएचडी की। प्रोफेसर कुलकर्णी वर्ष 2006 से 2018 तक कैलटेक वैधशाला के निदेशक भी रहे।

इन्हें दिया जाता है शॉ पुरस्कार
शॉ पुरस्कार खगोल विज्ञान, जीव विज्ञान और चिकित्सा और गणितीय विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व खाजों के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वैज्ञानिकों को 1.2 मिलियन डॉलर दिए जाते हैं। 12 नवंबर को हांगकांग में इस सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा।

बस्ती में पीएम मोदी का हमला, बोले- शहजादे फिर से प्रभु श्रीराम को टेंट में भेजना चाहते हैं

बस्ती:   पीएम मोदी ने बस्ती में विशाल जनसभा को संबोधित किया। कहा, दोनों शहजादे ( अखिलेश और राहुल) मिलकर अफवाह उड़ा रहे हैं कि यूपी की 79 सीट जीत जाएंगे। अब जाना दिन में सपने देखने का क्या मतलब होता है। 4 जून को ये जनता ही इन्हें नींद से जगा देगी। तब ये ईवीएम पर ठीकरा फोड़ेंगे। इंडी गठबंधन की पार्टियों ने तुष्टीकरण की हदें पार कर दीं। देश 500 वर्षों से राम मंदिर की प्रतिक्षा कर रहा था। लेकिन, ये इंडी वालों को राम मंदिर और प्रभु श्री राम से पेरशानी है। सपा के एक बड़े नेता कहते हैं, राम मंदिर बेकार है।

ये इंडी गठबंधन वाले मंदिर पर बाबरी ताला लगाने का सपना देख रहे हैं। फिर से रामलला को टेंट में भेजना चाह रहे हैं। आप सभी को अपने वोट से इन्हें करारी चोट करनी है। इस समय कांग्रेस और सपा को अचानक संविधान की याद आ गई। इसी कांग्रेस ने देश में आपातकाल लगाया था। संविधान खत्म करने की भरपूर कोशिश की थी। पार्टी खुद का संविधान नहीं मानती है।प्रधानमंत्री मोदी ने शुरूआत ही खुद को सीधे यहां के लोगों के साथ जोड़ते हुए किया। कहा, सब भैया बहिनिन के राम-राम। पीएम ने कहा, साथियों देश में पांच चरण के चुनाव हो चुके हैं। इन चरणों ने तीसरी बार मोदी सरकार पक्की कर दी है।

इसके लिए इधर-उधर जाने की जरूरत नहीं है। इसके लिए इंडिया गठबंधन निराशा के गर्त में डूबा है कि अब उनको यह भी याद नहीं रहता कि वे दो दिन पहले क्या बोले थे और आज क्या बोल रहे हैं।
कहा, आप समझदार लोग हैं इसलिए अपनी शक्ति व्यर्थ नहीं जाने देंगे।

आप सोचिए कि कांग्रेस को पड़ने वाला वोट किसी काम का नहीं है। निरर्थक है। आपका वोट बर्बाद हो जाए यह कोई मतदाता नहीं चाहेगा। इसलिए आपका वोट उसे पड़ना चाहिए, जिसकी सरकार आप बनने देना चाहते हैं। आप खुद सच्चे दिल से बताओ कि इस चुनाव के बाद किसकी सरकार बनेगी? तो वोट बर्बाद होने देना चाहिए क्या? कभी भी पुण्य कार्य मिलता हो तो गंवाना चाहिए क्या?

प्रेमिका का दूसरे से तुड़वाया रिश्ता…निकाह के लिए खुद मुकरा, हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद युवक की हामी

रामपुर: प्रेम संबंधों के चलते प्रेमिका का रिश्ता तुड़वाकर शादी करने का वादा करने वाला युवक खुद शादी करने से मुकर गया। मामला पुलिस के समक्ष पहुंचा, दोनों पक्षों के मध्य घंटों पंचायत हुई। युवती ने युवक पक्ष पर दहेज आदि की मांग करते हुए शादी से इनकार करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया।

बाद में युवक को झुकना पड़ा और पंचायत ने तय किया कि युवक 10 माह के बाद युवती से निकाह करेगा। मामला कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से जुड़ा है। कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी एक महिला अपने कुछ संबंधियों और पुत्री को लेकर कोतवाली पहुंची।महिला ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपनी पुत्री का रिश्ता एक युवक से तय किया था। इस दौरान अजीम नगर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी उनका एक रिश्तेदार युवक उनके घर आया। उसने उनकी पुत्री से निकाह करने का दावा किया।

परिजनों का आरोप था कि उन्होंने जब युवक को बताया कि पुत्री का रिश्ता तय कर दिया है तो उसने घर पर जमकर हंगामा किया। सभी लोगों पर दबाव बनाते हुए रिश्ता खत्म करने को कहा। इसके बाद युवती पक्ष ने उक्त रिश्ते को खत्म कर दिया था।आरोप है कि युवती ने जब अजीम नगर थाना क्षेत्र निवासी युवक से निकाह करने को कहा तो वह निकाह करने से मुकरने लगा।

उन्होंने युवक पर निकाह में कार आदि दहेज में मांगने का भी आरोप लगाया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक व उसके परिवार के लोगों को भी कोतवाली बुला लिया। दोनों पक्षों की आपसी वार्ता होती रही। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप भी लगाए और युवती ने हंगामा भी किया। आखिर में तय हुआ कि युवक 10 माह के पश्चात युवती से मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार निकाह करेगा।

अखिलेश की जनसभा में फिर हुआ हंगामा, कार्यकर्ताओं ने फाड़े पर्दे; पुलिस ने लिया एक्शन तो फेंके पत्थर

आजमगढ़:  आजमगढ़ जनपद में एक बार फिर अखिलेश की जनसभा में कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। जिसके कारण कार्यक्रम स्थल पर भगदड़ मच गई। कार्यकर्ताओं ने वहां लगे पर्दों को फाड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने जब उन पर लाठियां बरसाईं तो उन्होंने पुलिस पर पत्थर भी फेंके। किसी तरह से मामला शांत हुआ।

लोकसभा चुनाव को लेकर आजमगढ़ लोकसभा के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने के लिए बुधवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव गोपालपुर और सदर विधानसभा में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। सबसे पहले वह गोपालपुर विधानसभा के बिलरियागंज स्थित बघैला ताल में जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे। जहां कार्यकर्ताओं का जोश इतना बढ़ गया कि उन्होंने बैरिकेडिंग को तोड़कर मंच की तरफ बढ़ने का प्रयास किया। जिससे वहां पर भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। पुलिस ने किसी तरह से मामले को संभाला।

इसके बाद अखिलेश सदर विधानसभा के भदुली में जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे। यहां भी कार्यकर्ताओं के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल पर लगे पर्दों को फाड़ दिया। जिसके बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठियां भांजी। इसके बाद कार्यकर्ता वहां से भागते हुए पुलिस पर पत्थर चलाने लगे। अखिलेश ने मंच से ही कार्यकर्ताओं को शांत कराया।

अवैध बार के खिलाफ कार्रवाई शुरू; फडणवीस का कांग्रेस पर वार, कहा- हर चीज में राजनीति…

पुणे:  पुणे पोर्शे कांड ने पूरे देश में खलबली मचा दी है। नाबालिग रईसजादे ने शराब के नशे में दो इंजीनियरों की जिंदगी को लग्जरी पोर्शे कार से रौंद डाला। इस मामले पर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के जमानत देने के आदेश और नाबालिग को शराब देने पर सवाल खड़े हो गए हैं। हालांकि, इन सबके बीच पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने अवैध पब और बार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।

अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई शुरू
पीएमसी ने कोरेगांव क्षेत्र में पब और बार के अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की। उप अभियंता योगेंद्र सोनवणे ने कहा, ‘हमने अब तक दो पबों के खिलाफ कार्रवाई की है और आगे की कार्रवाई चल रही है। पुणे में अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई हो रही है। आज हम पांच अवैध बार और पब के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’

घटना को राजनीतिक रंग देने की बहुत ओछी कोशिश
वहीं घटना को राजनीतिक रंग देने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने, ‘ये इस घटना को राजनीतिक रंग देने की बहुत ओछी कोशिश है, क्योंकि पुणे की घटना में पुलिस ने तुरंत एक्शन ले लिया। हमने इस मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड द्वारा दिए गए फैसले पर भी आश्चर्य जताया है, लेकिन पुलिस ने इसके खिलाफ अपील दायर की। नाबालिग को शराब देने वालों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है और कार देने वाले पिता को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। राहुल गांधी द्वारा हर चीज में वोट की राजनीति लाने का प्रयास बहुत गलत है। मैं इसकी निंदा करता हूं।’

हर चीज पर होगी कार्रवाई
पुणे कार दुर्घटना मामले के आरोपी के परिवार का अंडरवर्ल्ड से संबंध होने पर फडणवीस ने कहा, ‘जो भी कनेक्शन है, पूरी जांच की जाएगी। हर चीज पर कार्रवाई की जाएगी।’