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ओडिशा में हो सकती है बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, मछुआरों पर तट पर लौटने की सलाह

नई दिल्ली:  भारत मौसम विभाग ने ओडिशा के कई जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के कारण मौसम में भारी बदलाव आ सकता है। मछुआरों को वापस तट पर लौटने की चेतावनी दी गई है। भारत मौसम विभाग ने सूचना जारी की कि उत्तर तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट पर बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है।

24 मई की सुबह तक दबाव में बदल जाएगा। उन्होंने कहा “बंगाल की दक्षिण-पश्चिमी खाड़ी पर चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव के तहत, एक कम दबाव का क्षेत्र बना है।आईएमडी ने 24 मई से बालासोर जिले के अलग-अलग स्थानों में 7 सेमी से 11 सेमी तक भारी वर्षा और अन्य उत्तरी ओडिशा जिलों में मध्यम वर्षा की संभावना जताई है।

मछुआरों को लौटने की सलाह
मौसम विभाग ने मछुआरों को चेतावनी दी कि वे 23 और 24 मई को समुद्र में न जाएं। उन्होंने कहा कि समुद्र की स्थिति बहुत खराब होने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि समुद्र में गए मछुआरे 23 मई तक तट पर लौट आएं।

हवा का रुख भी बदला
आईएमडी ने कहा कि 22 मई को दक्षिण बंगाल की खाड़ी में हवा की गति 35-45 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 55 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। जो कि यह धीरे-धीरे बढ़कर मध्य और निकटवर्ती दक्षिण खाड़ी में 40-50 किमी प्रति घंटे से लेकर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंच जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि 24 मई की सुबह से 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ उत्तरी बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों तक फैल जाएगा। साथ ही 25 मई तक उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी और आसपास के उत्तर-पश्चिम और पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैल जाएगा।

प्रशासन को किया सतर्क
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) ने सभी जिला कलेक्टरों को लिखे पत्र में कहा कि 24 और 25 मई के दौरान उत्तरी ओडिशा के जिलों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। उन्होंने जिला कलेक्टरों से जिला प्रशासन को सतर्क रखने और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है।

प्रज्ज्वल का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग पर केंद्र ने नहीं दिया कोई जवाब, गृह मंत्री का आरोप

बंगलूरू: कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बुधवार को कहा कि अश्लील वीडियो मामले में केंद्र सरकार से प्रज्ज्वल रेवन्ना का राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने की मांग की थी, लेकिन अभी तक केंद्र ने उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र की जिम्मेदारी है कि तय कानून के तहत मदद करे और राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करे। राज्य सरकार ने प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ शारीरिक शोषण के मामलों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। इसी एसआईटी टीम ने केंद्र सरकार को प्रज्ज्वल का राजनियक पासपोर्ट रद्द करने की अपील की थी।

गृह मंत्री ने केंद्र पर लगाए आरोप
जी परमेश्वर ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी पीएम मोदी को इस संबंध में पत्र लिखा है। कोर्ट ने प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। ऐसे में राजनयिक पासपोर्ट को रद्द करना केंद्र की जिम्मेदारी है। 33 वर्षीय प्रज्ज्वल रेवन्ना पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं और हासन लोकसभा सीट से सांसद हैं। प्रज्ज्वल पर कई महिलाओं का शारीरिक शोषण करने और उनकी अश्लील वीडियो बनाने के आरोप हैं। मामले का खुलासा होते ही प्रज्ज्वल रेवन्ना 27 अप्रैल को जर्मनी के लिए रवाना हो गए थे। माना जा रहा है कि प्रज्ज्वल अभी भी जर्मनी में ही हैं। एसआईटी की अपील पर इंटरपोल की तरफ से प्रज्ज्वल के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी हो चुका है।

राज्य सरकार से नहीं हुई कोई लापरवाही
कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने कहा है कि हसन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना द्वारा महिलाओं के कथित यौन शोषण से संबंधित मामलों से निपटने में राज्य सरकार की ओर से कोई लापरवाही नहीं हुई है और विशेष जांच दल सभी पहलुओं की जांच कर रहा है। परमेश्वर ने कर्नाटक में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होने के विपक्षी दलों के आरोपों को भी खारिज कर दिया और राज्य पुलिस का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने (पुलिस ने) अच्छा काम किया है।

ममता सरकार को झटका, 2010 के बाद जारी किए गए ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को कलकत्ता हाईकर्ट से बुधवार को एक और झटका लगा है। हाईकोर्ट ने तृणमूल सरकार द्वारा जारी राज्य के सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए हैं। कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि फैसला सुनाए जाने के बाद रद्द किए गए प्रमाणपत्र का इस्तेमाल किसी भी रोजगार प्रक्रिया में नहीं किया जा सकता है।

हाईकोर्ट के इस आदेश के परिणामस्वरूप करीब पांच लाख ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए गए। हालांकि, साथ ही हाईकोर्ट ने कहा, इस प्रमाणपत्र के जिन उपयोगकर्ताओं को पहले ही मौका मिल चुका है, उन पर इस फैसले का असर नहीं होगा। हालांकि, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को विशेष रूप से तृणमूल सरकार का उल्लेख नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि 2010 के बाद जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए जाएंगे। संयोग से तृणमूल कांग्रेस 2011 से राज्य में सत्ता में आई है। नतीजतन, अदालत का आदेश केवल तृणमूल के समय में जारी ओबीसी प्रमाण पत्र पर प्रभावी होगा।

कलकत्ता हाई कोर्ट का कहना है कि 2010 के बाद जितने भी ओबीसी सर्टिफिकेट बनाए गए हैं, वे कानून के मुताबिक ठीक से नहीं बनाए गए हैं। इसलिए उस प्रमाणपत्र को रद्द किया जाना चाहिए, लेकिन साथ ही हाईकोर्ट ने कहा है कि इस निर्देश का उन लोगों पर कोई असर नहीं होगा जो पहले ही इस सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी पा चुके हैं या नौकरी पाने की प्रक्रिया में हैं। अन्य लोग अब उस प्रमाणपत्र का उपयोग रोजगार प्रक्रिया में नहीं कर सकेंगे।

भाजपा-कांग्रेस पर ECI सख्त, नड्डा-खरगे को भेजा नोटिस; चुनाव प्रचार में मर्यादा बनाए रखने को कहा

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बीच राजनीतिक दलों के नेताओं की बयानबाजी का सिलसिला भी जारी है। चुनाव आयोग द्वारा लगातार ऐसे मामलों पर कार्रवाई भी की जा रही है। इस बीच चुनाव आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को निर्देश दिए हैं। दोनों नेताओं से कहा गया है कि अपने स्टार प्रचारकों को कोई भी बयान देते समय सावधानी बरतने और मर्यादा बनाए रखने के निर्देश दें।

चुनाव आयोग ने दिए सख्त निर्देश
चुनाव आयोग द्वारा चुनाव प्रचार के गिरते स्तर को देखते हुए ये आदेश दिए गए हैं। आयोग ने जाति, समुदाय, भाषा और धर्म के आधार पर प्रचार करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथों लिया। आयोग ने भाजपा को निर्देश दिए हैं कि पार्टी के नेता अपने भाषणों के दौरान धार्मिक और सांप्रदायिक बयानबाजी न करें। यह भी कहा गया है कि समाज को बांटने वाले बयानों से बचें।

‘रक्षा बलों को लेकर राजनीति न करें कांग्रेस नेता’
चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेताओं से कहा है कि आधारहीन बयानबाजी न करें। मुख्य रूप से संविधान को खत्म करने और अग्निवीर योजना खत्म करने वाले बयान न देने के आदेश दिए गए हैं। कांग्रेस प्रचारकों और उम्मीदवारों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि वे रक्षा बलों पर राजनीति न करें। साथ ही रक्षा बलों की सामाजिक और आर्थिक संरचना को लेकर विभाजनकारी भाषण न देने का आदेश दिया है।

खोखला हो रहा दुनिया का सबसे बड़ा डूम्सडे ग्लेशियर, पूरा पिघलने पर 2 फुट बढ़ जाएगा समुद्री जलस्तर

नई दिल्ली:  दुनिया का सबसे बड़ा डूम्सडे ग्लेशियर अंदर ही अंदर खोखला हो रहा है यानी तेजी से पिघल रहा है। इसके पूरी तरह पिघलने से समुद्र का जलस्तर करीब दो फुट तक बढ़ जाएगा, जो मानवता के लिए प्रलयंकारी साबित होगा। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का यह अध्ययन नेशनल अकेडमी ऑफ साइंस की शोध पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इसके मुताबिक डूम्सडे ग्लेशियर जिसे थ्वाइट्स ग्लेशियर भी कहते हैं, के नीचे अंदर ही अंदर कई मील तक समुद्री जल भर चुका है।

यह गर्म नमकीन समुद्री जल इस ग्लेशियर को पहले के अनुमानों से कहीं ज्यादा तेजी से पिघला रहा है।शोधकर्ताओं के मुताबिक, ग्लेशियर का एक्स-रे करने के लिए अंतरिक्ष से रडार डाटा का उपयोग किया गया, जिसमें सामने आया फ्लोरिडा के आकार वाला यह ग्लेशियर असल में 1940 से पिघलना शुरू हुआ और इसके बाद कभी पूरी तरह से मूल आकार में नहीं लौट पाया।

जलवायु परिवर्तन का असर…
शोध में सामने आया कि पिछले कुछ वर्षों में समुद्री बर्फ के लगातार कम होने के पीछे जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ा कारण है। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे के शोधकर्ताओं ने सैटेलाइट डाटा का विश्लेषण करते हुए पाया कि जलवायु परिवर्तन से पृथ्वी के गर्म होने का असर समुद्रों के तापमान पर भी पड़ रहा है। समुद्रों के गर्म होते खारे पानी से ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने और टूटने का खतरा बढ़ता जा रहा है।

तटीय इलाकों के लिए प्रलयंकारी
डूम्सडे ग्लेशियर पूरी तरह पिघनले पर समुद्री जलस्तर 2 फीट तक बढ़ जाएगा। इसके अलावा यह पश्चिम अंटार्कटिका में आसपास की बर्फ की चादर के लिए एक प्राकृतिक बांध के रूप में भी काम करता है। इसके पिघलते ही बर्फ की पूरी चादर भी पिघलने लगेगी, जो दुनिया के तटीय इलाकों के लिए प्रलयंकारी साबित होगा, क्योंकि इससे समुद्र जलस्तर 10 फीट तक बढ़ सकता है। शोध से जुड़े कोलोराडो यूनिवर्सिटी के अध्येता डॉ. टेड स्कैम्बॉस कहते हैं, हर दिन समुद्री लहरें ज्वार-भाटे की नियमित प्रक्रिया के तहत ग्लेशियर को ऊपर धकेल रही हैं, जिससे ग्राउंडिंग लाइन बढ़ती जा रही है। ग्लेशियर के पिघलने की गणनाओं में कभी इस कारण को शामिल ही नहीं किया गया था। इससे ग्लेशियर के पिघलने को लेकर ज्यादा सटीक अनुमान लगाने में मदद मिलेगी।

2.8 फीसदी की दर से बढ़ रही भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था, 2027-28 तक होगी एक लाख करोड़ डॉलर

नई दिल्ली:  घरेलू डिजिटल अर्थव्यवस्था हर साल 2.8 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही है। 2027-28 तक इसका आकार बढ़कर एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए समर्पित इंडिया एआई मिशन का मूल्य भी इस अवधि तक 10,000 करोड़ रुपये से दोगुना होकर 20,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। उन्होंने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से डिजिटल अर्थव्यवस्था सालाना 2.8 फीसदी की दर से बढ़ रही है। हम पहले से ही दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था हैं।

चंद्रशेखर ने कहा, पीएम मोदी ने युवा भारतीयों को आगे लाकर उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया। प्रतिभाशाली उद्यमी बनाया, जिनका आज दुनिया सम्मान करती है। उन्होंने कहा, सरकार को पहले 2026-27 तक डिजिटल अर्थव्यवस्था के एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन, कई वजहों से इस लक्ष्य को एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है।

भारतीय मूल के पहले अंतरिक्ष पर्यटक गोपीचंद ने स्पेसशिप पर दिखाया तिरंगा, वीडियो में ऐसे जताई खुशी

भारतीय मूल के पायलट गोपीचंद थोटाकुरा समेत छह लोगों ने रविवार को अंतरिक्ष की सैर की। ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन के न्यू शेपर्ड रॉकेट और कैप्सूल (एनएस-25) ने सभी छह अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अमेरिका के पश्चिमी टेक्सास से स्थानीय समय के अनुसार रविवार सुबह 9.36 बजे उड़ान भरी। इसी के साथ भारतीय मूल के पायलट गोपीचंद थोटाकुरा ने ब्लू ओरिजिन के एनएस -25 मिशन के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय पर्यटक बनकर इतिहास रच दिया। ब्लू ओरिजिन ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में थोटाकुरा अंतरिक्ष में एक छोटा भारतीय झंडा दिखाते हुए दिख रहे थे।

छह लोगों की इस टीम में अमेरिका के पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुने गए 90 वर्षीय एड ड्विट भी शामिल थे। उन्होंने 60 साल बाद अंतरिक्ष की उड़ान भरी। बता दें कि अमेरिकी वायुसेना में कैप्टन रहे एड ड्विट का अंतरिक्ष यात्री के रूप में 1961 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने चुनाव किया था, लेकिन किसी कारण से वह 1963 में अमेरिकी उड़ान में नहीं जा सके थे।

अंतरिक्ष यात्रियों में गोपी थोटाकुरा और एड ड्विट के अलावा उद्यमी मेसन एंजेल, फ्रांसीसी शराब कंपनी मोंट-ब्लैंक के संस्थापक सिल्वेन चिरोन, सॉफ्टवेयर इंजीनियर और उद्यमी केनेथ एल हेस और सेवानिवृत्त लेखाकार कैरोल स्कॉलर शामिल थे।

कौन हैं गोपीचंद थोटाकुरा
आंध्र प्रदेश में जन्मे गोपीचंद थोटाकुरा ने अंतरिक्ष की यात्रा कर इतिहास रच दिया है। वह 1984 में भारतीय सेना के विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। इसी के साथ वह पहले भारतीय अंतरिक्ष पर्यटक भी बन गए। गोपी एक पायलट और एविएटर हैं। गोपी अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जेट पायलट के रूप में काम कर चुके हैं। आंध्र प्रदेश में जन्मे थोटाकुरा एम्ब्री-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं।

300 किमी के अंदर हैं ये हिल स्टेशन, कुछ घंटों में घूमकर आ सकते हैं वापस

लोगों को घूमने का शौक तो होता है लेकिन कामकाज और व्यस्तता के कारण घूमने के लिए वक्त नहीं मिल पाता है। अगर आपके पास भी वक्त की कमी है तो ऐसी जगहों का चयन करें, जो आपके शहर से करीब में हो ताकि सफर में समय कम लगे और घूमने के लिए भी बहुत अधिक छुट्टियों की जरूरत न पड़े। अगर आप दिल्ली एनसीआर या आसपास के रहने वाले हैं तो महज 300 किलोमीटर के अंदर आने वाले खूबसूरत और सस्ते हिल स्टेशनों की सैर करने जा सकते हैं, जिसका सफर लगभग 5 घंटे में तय किया जा सकता है। इस लेख के जरिए जानिए दिल्ली के बेहद नजदीक स्थित हिल स्टेशनों के बारे में।

लैंसडाउन

गर्मियों में करीब के हिल स्टेशनों की तलाश में हैं तो मौसम का भी ध्यान रखें। दिल्ली से चार घंटे की दूरी पर लैंसडाउन हिल स्टेशन है। 250 किमी दूर इस हिल स्टेशन के लिए सुबह तड़के या देर रात सफर पर निकल सकते हैं। यहां टिप एंड टॉप, भुल्ला झील, दरवान सिंह रेजिमेंटल म्यूजियम घूमने के अलावा प्रकृति की सुंदरता का करीब से लुत्फ उठाने के लिए बोटिंग और सफारी का अनुभव ले सकते हैं।

नाहन

हिमाचल प्रदेश का खूबसूरत हिल स्टेशन नाहन दिल्ली से 254 किमी दूर स्थित है। यहां गर्मियों में मौसम ठंडा रहता है और अधिक भीड़ भाड़ न होने के कारण सुकून भरी छुट्टियां बिताने के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। नाहन हिल स्टेशन में रेणुका झील, सुकेती फॉसिल पार्क, जैतक किला, चूड़धार चोटी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। ट्रैकिंग और बोटिंग के लिए इस हिल स्टेशन पर आ सकते हैं।

पारवाणू

हिमाचल प्रदेश में छोटा सा खूबसूरत शहर है, जिसका नाम पारवाणू है। यह हिल स्टेशन दिल्ली से 260 किमी दूर है। परवाणू हिमालय की ऊंची-नीची चोटियों से घिरा है। यहां मां काली का मंदिर, मोरनी हिल्स, गोरखा फोर्ट घूमने जा सकते हैं, साथ ही ट्रैकिंग के लिए टिंबर ट्रेल परफेक्ट जगह है।

देहरादून

दिल्ली से 255 किमी दूर देहरादून चारों तरफ से शिवालिक की पहाड़ियों से घिरा है। देहरादून की खूबसूरत जगहों में टपकेश्वर महादेव मंदिर, फाॅरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (एफआरआई), इंडियन मिलिट्री एकेडमी, रॉबर्स केव, सहस्त्रधारा आदि स्थित है।

रिश्ते में पार्टनर कर रहा आपका इस्तेमाल, इन बातों से करें पहचान

कई बार आप किसी रिश्ते में तो होते हैं लेकिन आपको खुशी या सुकून नहीं मिलता। अक्सर आपको लगता है कि आप तो पार्टनर को प्यार करते हैं लेकिन वह आपसे उतना प्यार नहीं करता। कई सारे रिलेशनशिप तो एकतरफा प्यार पर टिके होते हैं। इस तरह के रिश्ते में दोनों शख्स एक दूसरे से प्यार नहीं करते, सिर्फ एक ही अपने प्यार से उस रिश्ते को चला रहा होता है। सवाल यह है कि दूसरा पार्टनर अपने साथी को प्यार ही नहीं करता, तो रिश्ते में क्यों होता है? इसका जवाब आसान है, उन्हें आपकी जरूरत है। वह सिर्फ अपनी जरूरत या अपने काम निकालने के लिए प्यार करने वाले पार्टनर के साथ होते हैं। अगर आपको लगता है कि रिलेशनशिप में भी सिर्फ आप ही प्यार करते हैं और आपका पार्टनर शायद आपका इस्तेमाल कर रहा है तो इन तरीकों से इस शक की पुष्टि कर सकते हैं।

इन बातों से पहचानें रिश्ते में पार्टनर कर रहा इस्तेमाल

आप करते हैं भुगतान

अगर आप और आपका पार्टनर शॉपिंग पर, या कहीं घूमने फिरने जाते हैं और हर बार आप ही होने वाले खर्च का भुगतान करते हैं तो समझ लीजिए कि आपका साथी आपके आर्थिक सुविधाओं का फायदा उठा रहा है। ये बात लड़के और लड़की दोनों के लिए लागू होती है।

काम का साथी

सिर्फ काम पड़ने पर आपका पार्टनर आपको याद करें और अन्य मौकों पर व्यस्त रहने की बात करें तो समझ जाएं कि वह सिर्फ आपका इस्तेमाल कर रहा है। दिनभर निकल जाता है लेकिन वह आपका हाल चाल तक नहीं लेते या फिर हर बार आप ही कन्वर्सेशन शुरू करते हैं और वह सिर्फ काम होने पर ही पहले मैसेज या कॉल करें तो इस रिश्ते के बारे में आपको फिर सोचने की जरूरत है।

बातचीत

जब आपका पार्टनर आपसे बात करने में रुचि न लें तो भी रिश्ते में कुछ गड़बड़ होने के संकेत मिलते हैं। हो सकता है कि आपका पार्टनर रिजर्व टाइप का हो, उसे ज्यादा बात करने में रुचि न हो लेकिन अगर वह आपसे प्यार करते होंगे तो भले ही बोले कम लेकिन आपकी बातों को जरूर गंभीरता से सुनते हैं। वह आपसे बात करे न करें लेकिन आपकी बात सुनते तक नहीं तो मान लीजिए कि ये रिश्ता एकतरफा है।

भावनात्मक जरूरत

रिलेशनशिप का मतलब केवल घूमना फिरना नहीं होता, बल्कि एक दूसरे के साथ भावनात्मक तौर पर जुड़ना होता है। अगर आपका पार्टनर आपकी भावनाओं को नहीं समझता, जब आपको सबसे ज्यादा जरूरत अपने पार्टनर की हो लेकिन वह हर बार किसी न किसी वजह से आपके साथ नहीं होते तो समझ लीजिए कि उन्हें आपकी फिक्र नहीं है।

जिंदगी की हर कठिनाइयों का सामना करने के लिए तैयार रहेगा आपका बच्चा, करें ये काम

हर अभिभावक अपने बच्चे को अक्लमंद और होशियार बनाने की ख्वाहिश रखते हैं। मानसिक तौर पर मजबूत बच्चा पढ़ाई से लेकर हर काम में अव्वल रहता है। अगर बच्चा होशियार होगा तो जिंदगी में आने वाली हर कठिनाई का सामना आसानी से कर पाएगा। ऐसे में मां-बाप को बच्चे की परवरिश ऐसी करनी चाहिए जो उन्हें मेंटली शार्प बनाने में मदद करे। इसमें बच्चे को शारीरिक तौर पर मजबूत बनाने से लेकर, अपने काम स्वयं करने के लिए प्रोत्साहित करना, आत्मविश्वास बढ़ाना। बच्चे को व्यायाम कराएं। स्वस्थ शरीर दिमाग को तेज बनाने में मदद करता है। फिजिकल एक्सरसाइज से मेंटल और फिजिकल ग्रोथ होती है। बच्चों के अंदर स्किल्स डेवलप करने और उन्हें होशियार बनाने के लिए कुछ तरीके अपना सकते हैं।

बच्चे को तेज और बुद्धिमान बनाने के टिप्स

भावनाएं व्यक्त करना सिखाएं

अगर बच्चे को होशियार बनाना चाहते हैं तो उन्हें खुलकर बात करने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चा जब अपनी भावनाओं को पहचान कर उसे सही तरीके से व्यक्त करना सीख जाता है, तो वह आधी परेशानियों को खुद ही दूर करने में कामयाब हो सकता है। इसके अलावा बच्चे को भावनाएं कंट्रोल करना भी सिखाएं। गुस्सा आने पर क्या करें।

परेशानियां हल करना सिखाएं

बच्चे को अपनी परेशानियां हल करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें बताएं कि जब समस्या आए तो उससे भागे नहीं, बल्कि ये सोचिए कि बाधाओं से पार कैसे आना है। बच्चे में प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स विकसित करेंगे तो वह तेज बनेंगे।

नकारात्मकता से रखें दूर

जीवन के हर पड़ाव पर किसी न किसी तरह की नकारात्मकता का सामना आपके बच्चे को करना पड़ सकता है। बच्चे में आशावादी सोच विकसित करें और नकारात्मकता से दूर करने वाले संसाधन दें, ताकि वह हर उतार-चढ़ाव को बखूबी संभाल पाएं।

घर के कामों में लगाएं

परिवार के कामों में उनकी सक्रियता बढ़ाएं। बच्चे को बोर्ड गेम खिलाएं या आउटडोर खेलों में उनकी रुचि जागृत करें ताकि वह मेंटली शार्प बन सकें।

प्रतिस्पर्धा के लिए प्रोत्साहन

बच्चे को मानसिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए हमेशा प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करें। प्रतिस्पर्धा बच्चे को नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रोत्साहित करती है। इससे बच्चे में आत्मविश्वास भी बढ़ता है।