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फूलपुर से बैरंग गई दो लड़कों की जोड़ी, पहले भी खारिज कर चुकी है जनता

प्रयागराज: फूलपुर से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी प्रवीण पटेल के समर्थन में सिकंदरा रौजा में सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राहुल गांधी और अखिलेश यादव पर निशाना साथा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह धरती इतिहास बनाने वाली है। एक बार फिर फूलपुर में इतिहास बनेगा। उन्होंने कहा कि अभी-अभी पता चला है कि दो लड़कों की जोड़ी बैरंग गई है। 2017 और 2019 में दो लड़कों की जोड़ी को फूलपुर की जनता खारिज कर चुकी है

सीएम ने कहा कि जो दलित, पिछड़ों और व्यापारियों की सुरक्षा के लिए खतरा बने थे। उनको मिट्टी में मिला दिया गया है। अब देश खुश है। सपा वालों को देश की नहीं अपनी राजनीति की चिंता है। उनके काले कारनामे से आप परिचित ही होंगे। उन्होंने कहा कि फूलपुर के एक मौर्या परिवार की जमीन माफिया ने कब्जा कर ली थी। भाजपा सरकार में उसकी जमीन दिलवाई गई और माफिया को मिट्टी मिला दिया गया।

दुनिया भर में भारत की साख बढ़ी है। भारत अब सुरक्षित है। पूर्व के सरकार में गरीबों का राशन सपा के गुंडे हड़पते थे। अब देश की 80 करोड़ जनता को फ्री में राशन मिल रहा है। 60 करोड लोगों को स्वास्थ्य बीमा का कार्ड बनवा दिया गया है। 12 करोड़ किसानों को सम्मान निधि दी जा रही है। 12 करोड लोगों के घरों में शौचालय बनवाए गए। 10 करोड लोगों को रसोई गैस सिलेंडर कनेक्शन दिया गया।

सरकार ने माफिया को मिट्टी मिलने का काम किया है। उन्होंने प्रवीण पटेल के लिए वोट देने की अपील की है। समर्थकों से कहा कि अगले पांच दिन में सभी को दो काम करने होंगे। रोजाना आसपास के घर-घर में जाकर लोगों को कमल खिलाने की अपील करनी होगी। लोगों से हाथ उठवाकर पूछा कि अब तक कितने लोग अयोध्या का दर्शन कर चुके हैं। लोगों ने हां में जवाब दिया। योगी ने कहा कि जो न दर्शन किए हो उनको अब यहां की विधायक चुनाव बाद राम मंदिर का दर्शन करवाएंगे।

सपा और कांग्रेस पर जमकर बरसे, कहा- इनके कारनामे तो रावण जैसे हैं

जौनपुर:  जौनपुर लोकसभा के शाहगंज स्थित नेशनल इंटर कॉलेज पट्टी नरेंद्रपुर में आयोजित जनसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इत्र, इमरती और ईमानदारी के लिए सुप्रसिद्ध जौनपुर की धारा को नमन। जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर को प्रचंड जीत दिलाने के लिए वोट करने की अपील की। इस दौरान उन्होंने कहा कि जौनपुर के इत्र की खुशबू और यहां की इमरती की मिठास और यहां के लोग इमादारी के लिए प्रसिद्ध हैं।

उन्होंने इंडी गठबंधन पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि जब भी सपा और कांग्रेस का गठजोड़ हुआ है तब- तब कोई न कोई आतंकी हमला उत्तर प्रदेश में हुआ है। लेकिन भाजपा के सरकार में कहीं गलती से पटाखा भी फूट जाता है, तो पाकिस्तान सबसे पहले बोलने लगता है इसमें कि मेरा हाथ नहीं है।

कृपाशंकर सिंह के पक्ष में वोट डालने की अपील

कृपाशंकर सिंह के लिए वोट मांगते हुए उन्होंने कहा कि कृपाशंकर बहुत ही अनुभवी हैं। इनके नाम में ही शंकर की कृपा है, ये जौनपुर को मुंबई की तरह चमकाएंगे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जननी और जन्मभूमि से बढ़कर कुछ भी नहीं है। सीएम योगी ने जनसभा के दौरान सरकार की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं को गिनाया। उन्होंने कहा ये नया भारत है, पहले किसी को छेड़ता नहीं और अगर कोई छेड़ता है तो उसे छोड़ता भी नहीं।

कांग्रेस और सपा पर जमकर बरसे सीएम योगी

विपक्ष पर हमला बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि इनके कारनामे तो रावण के जैसे हैं। कांग्रेस ने एक समय कहा था कि राम हैं ही नहीं। ये कहते हैं राम का मंदिर भारत में नहीं बनना चाहिए। सपा तो इनसे दो कदम आगे है। राम भक्तों पर तो गोली चलाई ही थी, अब इनके महासचिव कहते हैं कि राम मंदिर बेकार बना है। लेकिन देश कहता है होइहैं वही जो राम रचि राखा, होगा वही जो रामलला चाहेंगे। इस मौके पर मंत्री गिरीश चंद्र यादव, मंत्री अनिल कुमार, जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह, रमेश चंद्र मिश्र विधायक, रमेश सिंह विधायक, राम चंद्र मिश्र, अनिल तिवारी, अमरनाथ यादव आदि उपस्थित रहे।

आराध्य के दर्शन को उमड़ा सैलाब, गलियों में लगी कतार…; भीषण गर्मी में भी न रुके कदम

मथुरा: वृंदावन के ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में रविवार को जन-जन के आराध्य के दर्शन के लिए सुबह से ही श्रद्धालु उमड़ पड़े। जहां मंदिर भक्तों से खचाखच भर गया। वहीं बाहर मार्गों पर भी भीड़ लगी रही। भीड़ के बीच भीषण गर्मी में श्रद्धालुओं के पसीने छूट गए। बच्चे और महिलाएं भी परेशान हुए।

दिल्ली एनसीआर समेत देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालु ठा. श्रीबांकेबिहारी मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंचे। विद्यापीठ चौराहा से लेकर बांकेबिहारी मंदिर तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही। दाऊजी तिराहा से मंदिर के द्वार तक दर्शनार्थी कतार में लगे मंदिर तक पहुंचने का इंतजार करते देखे गए। भीड़ को नियंत्रित करने में जगह-जगह लगे पुलिसकर्मी दर्शनार्थियों को कुछ समय के बाद रोक-रोककर आगे मंदिर की ओर भेज रहे थे।

श्रद्धालु राधे-राधे की रटना और हाथ में प्रसाद लिए मंदिर पहुंचे। भीड़ के दबाव के बीच श्रद्धालुओं ने आराध्य बांकेबिहारी के दर्शन किए। हालांकि मंदिर के अंदर तैनात निजी गार्ड श्रद्धालुओं को दर्शन करते ही निकास द्वार की ओर बढ़ा रहे थे। इसके बावजूद मंदिर में पैर रखने को जगह नहीं रही। मंदिर के चौक में और मंदिर के द्वार से संकरी गलियों तक श्रद्धालुओं की भीड़ बनी रही। बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत अशोक गोस्वामी ने बताया कि रविवार को एकादशी तिथि है। इस वजह से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।

प्रयागराज में राहुल और अखिलेश की सभा में मची भगदड़, कार्यकर्ता बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुसे, कई घायल

प्रयागराज: प्रयागराज में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा में हंगामा हुआ है। जनसभा में भगदड़ मच गई है। कार्यकर्ता बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुस गए हैं। कई लोगों के घायल होने की जानकारी मिल रही है। जानकारी के अनुसार, पड़िला महादेव फाफामऊ में आयोजित इंडिया गठबंधन की रैली में सपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सभा मुखिया अखिलेश यादव को देखने के लिए भीड़ काबू हो गई।

कार्यकर्ता बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुस गए। कार्यकर्ता मंच पर चढ़ गए। इसके बाद राहुल गांधी और अखिलेश नाराज हो गए। कार्यकर्ताओं की इस हरकत से नाराज होकर दोनों नेता बिना कुछ बोले ही चले गए। दोनों नेता मंच से चले गए। दोनों नेता हेलीकॉप्टर में बैठकर यहां से रवाना हो गए।

अखिलेश को देखते ही बेकाबू हुई भीड़

प्रयागराज के फाफामऊ क्षेत्र में पड़िला में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अमरनाथ मौर्य की जनसभा में रविवार की दोपहर भगदड़ मच गई। वहां मौजूद सैकड़ों की संख्या में सपा कार्यकर्ताओं ने मंच के सामने डी की बैैरिकेटिंग तोड़ दी। वहां कई लोग घायल भी हुए। इस दौरान तमाम कार्यकर्ता मंच पर भी पहुंच गए। वहां मंच पर मौजूद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी असहज हो गए। वह चुपचाप मंच पर लगी कुर्सी में बैठ गए। इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी वहां पहुंचे। मंच के सामने भीड़ जमा होने से दोनों नेता तकरीबन 15 मिनट तक बैठे रहे। फिर आपस में बातचीत कर दोनों वहां से चलते बने।

पड़िला महादेव मंदिर के पास एक आम के बाग में सपा प्रत्याशी अमरनाथ मौर्य के समर्थन में सभा आयोजित थी। सभा स्थल पर सुबह से ही भीड़ आनी शुरू हो गई। दोपहर 1.20 बजे सबसे पहले अखिलेश यादव का हेलीकॉप्टर वहां पहुंचा। इस दौरान तमाम कार्यकर्ता पुलिस का घेरा तोड़ हैलीपैड तक पहुंचना चाह रहे थे, लेकिन बाद में पुलिस ने वहां से सभी को खदेड़ दिया। वहीं अखिलेश जब तक मंच पर पहुंचते तब तक वहां मौजूद सैकड़ों सपा समर्थकों ने मंच के पास डी पर लगी बैरिकेटिंग तोड़ दी।
सैकड़ों कार्यकर्ता मंच तक पहुंचे

अचानक सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मंच तक पहुंच गए। इस दौरान अखिलेश के साथ आए सुरक्षा कर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया। कुछ लोग जो मंच पर चढ़ गए थे, उन्हें वहां से किसी तरह उतारा गया। कार्यकर्ता डी घेरे से हटने को तैयार ही नहीं हुए। वहां सपा के साथ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कई बार हाथ जोड़कर वहां मौजूद भीड़ को पीछे हटने के लिए कहा, लेकिन कोई टस से मस नहीं हुआ। इस बीच वहां राहुल गांधी की इंट्री हुई तो कार्यकर्ता और उत्साहित हो गए।

एकनाथ शिंदे को साल 2019 में CM नहीं बनाना चाहती थीं एनसीपी और भाजपा, संजय राउत का बड़ा दावा

मुंबई:   उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद को लेकर बड़ा खुलासा किया है। राउत के दावे के मुताबिक, मौजूदा सरकार में शामिल भाजपा और एनसीपी के नेता साल 2019 में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहते थे।

कोई नेता अनुभवहीन व्यक्ति के अंदर काम नहीं करना चाहता था
राउत ने संवाददाताओं से बात करते हुए यह भी दावा किया कि अजित पवार, दिलीप वलसे पाटिल और सुनील तटकरे जैसे एनसीपी नेताओं ने मुख्यमंत्री पद के लिए शिंदे के नाम का विरोध किया था और कहा था कि वे उनके जैसे कनिष्ठ और अनुभवहीन व्यक्ति के अंदर काम नहीं करेंगे।

शिंदे मुख्यमंत्री के रूप में पसंद नहीं
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘कांग्रेस और एनसीपी का कहना था कि उनके पास कई वरिष्ठ नेता हैं। गठबंधन का नेता ऐसा होना चाहिए जो अनुभवी, वरिष्ठ हो तथा सबको साथ लेकर चल सके। वहीं, सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने महा विकास अघाड़ी के तौर पर कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाया था। लेकिन हाथ मिलाने से पहले ही देवेंद्र फडणवीस, गिरीश महाजन और सुधीर मुनगंटीवार जैसे भाजपा नेताओं ने शिवसेना से कहा था कि वे शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में पसंद नहीं करेंगे।’

ठाकरे एकनाथ शिंदे को सीएम बनाना चाहते थे
संजय राउत यहीं नई रुके उन्होंने कहा कि जब महा विकास आघाडी में शिवसेना को मुख्यमंत्री बनाने का मौका मिला, तब उद्धव ठाकरे एकनाथ शिंदे को सीएम बनाना चाहते थे। उस दौरान भाजपा ने कहा था कि वह शिंदे को गठबंधन के मुख्यमंत्री के रूप में नहीं देखना चाहती। शिंदे को विधायक दल का नेता नियुक्त किया गया था और वह मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते थे। लेकिन तब कोई भी उन्हें सीएम नहीं बनाना चाहता था।

भाजपा से संबंध तोड़ लिए थे
राज्य में 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अपनी सहयोगी भाजपा से संबंध तोड़ लिए थे। ठाकरे ने बाद में राज्य में सरकार बनाने के लिए एनसीपी (तब अविभाजित) और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। साल 2022 में, शिंदे ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया, जिसके कारण पार्टी में बंटवारा हो गया। इसके बाद शिंदे ने भाजपा के साथ सरकार बनाई।

घरेलू हिंसा के आरोप की जांच के बीच नवविवाहिता का पति देश से फरार, मदद के आरोप में सीपीओ निलंबित

नई दिल्ली:  केरल पुलिस के एक सिविल पुलिस अधिकारी को घरेलू हिंसा मामले मदद करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। आरोप है कि उन्होंने आरोपी को देश छोड़ने में मदद करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है केरल में नवविवाहिता दुल्हन और उसके परिवार ने आरोप लगाया कि 5 मई को उसकी शादी हुई। लेकिन शादी के एक हफ्ते बाद ही उसके पति और ससुराल वाले उसको दहेज के लिए परेशान करने लगे। यही नहीं उनके साथ उनके पति राहुल ने बेरहमी से हमला कर मारने का प्रयास किया।

यही नहीं महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति ने मोबाइल के चार्जिंग केबिल से उसका गला घोंटने की कोशिश की थी। मामला जब समाचार चैनलों पर प्रसारित हुआ तब यह सामने आया। वहीं दूल्हा पक्ष के लोगों ने इस आरोप से इंकार कर दिया। लेकिन पुलिस के सूत्रों ने बताया कि रविवार को कोझिकोड शहर के पंथिरनकावु पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ नागरिक पुलिस अधिकारी (सीपीओ) को आंतरिक जांच के बाद निलंबित किया गया। आरोप है कि वे राहुल पी गोपाल के साथ नियमित संपर्क में था। जबकि राहुल पर बेरहमी से हमला करने का आरोप है।

मामले की जांच के दौरान राहुल ने कुछ दिन पहले देश छोड़ दिया। उसके देश छोड़ने के बाद पुलिस को उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल से संपर्क करना पड़ा। बता दें कि इससे पहले पंथीरंकावु पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी को जांच में कुछ खामियों के लिए निलंबित किया गया था।

निकोबार द्वीपसमूह पहुंचा दक्षिण पश्चिम मानसून, जल्द केरल में देगा दस्तक

नई दिल्ली:  भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है और इसके लिए मानसून जीवनरेखा की तरह काम करता है। भारत के लिए खुशखबरी है कि दक्षिण पश्चिम मानसून निकोबार द्वीपसमूह पहुंच गया है। भारतीय मौसम विभाग ने यह जानकारी दी है। मौसम विज्ञानियों ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून रविवार को मालदीव के कुछ हिस्सों, कोमोरिन क्षेत्र और दक्षिण बंगाल की खाड़ी, निकोबार द्वीप समूह और दक्षिण अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ गया है।

31 मई तक केरल पहुंचने की उम्मीद
मानसून के 31 मई तक केरल पहुंचने की उम्मीद है। केरल में मानसून के पहुंचने की तारीखों में बीते 150 वर्षों में बहुत अंतर रहा है। साल 1918 में मानसून सबसे जल्दी 11 मई को पहुंचा था, वहीं सबसे देरी में 1972 में पहुंचा था, जब केरल में मानसून ने 18 जून को दस्तक दी थी। बीते साल केरल में मानसून 8 जून को पहुंचा था। वहीं 2022 में 29 मई को और 2021 में 3 जून को, 2020 में 1 जून को मानसून केरल पहुंचा था।

भीषण गर्मी से आम जनजीवन बेहाल
बीते महीने ही मौसम विभाग ने बताया था कि इस साल भारत में मानसूनी बारिश सामान्य से ज्यादा होगी। इसकी वजह ला नीनी के चलते बनने वाले हालात, प्रशांत महासागर के ठंडा होने के चलते इस साल अच्छी बारिश की संभावना है। इन दिनों देश के कई हिस्से भयंकर गर्मी से जूझ रहे हैं। कई इलाकों में अधिकतम तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। इससे आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित चल रहा है। इस साल दक्षिण भारत में अप्रैल में ही हीटवेव चलने लगी थी। भीषण गर्मी के चलते पावर ग्रिड पर दबाव बढ़ रहा है और साथ ही पानी के स्त्रोत भी सूख रहे हैं। ऐसे में मानसून के जल्द भारत पहुंचने से बड़ी राहत मिल सकती है। भारत की 52 प्रतिशत खेती बारिश पर निर्भर है। साथ ही जलाश्यों के रिचार्ज होने, पीने के पानी की उपलब्धता के लिए भी मानसूनी बारिश बेहद अहम है। जून और जुलाई में मानसूनी बारिश खरीफ की फसल के लिए भी जरूरी है।

पहली बार सिर्फ एक सीट पर ही प्रचार करते नजर आईं वसुंधरा, BJP ने नहीं बनाया कोई चुनावी कार्यक्रम!

नई दिल्ली:राजस्थान में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेता अलग-अलग राज्यों में लोकसभा चुनाव 2024 का प्रचार का जिम्मा संभाले हुए हैं। लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि जब प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री, भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे किसी भी राज्य में चुनावी प्रचार में नजर नहीं आ रही हैं। यहां तक की राजस्थान की एक लोकसभा सीट को छोड़कर उन्होंने प्रचार में भी कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

राजे सभी लोकसभा चुनावों में रहती थीं बेहद सक्रिय
सूत्रों का कहना है कि राजस्थान भाजपा ने पूर्व सीएम राजे का किसी भी प्रदेश की कोई भी लोकसभा सीट पर कोई दौरा कार्यक्रम नहीं बनाया है। जबकि प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री, उपाध्यक्ष, सचिव और प्रदेश प्रवक्ता तक दूसरे राज्यों में प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं। पिछले साल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जैसी सक्रियता दिखाई थी, वैसी लोकसभा चुनाव प्रचार में नहीं दिखाई दे रही है। जबकि, अब तक वसुंधरा राजे सभी लोकसभा चुनावों में बेहद सक्रिय रहती थीं। यहां तक की राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में भी वे प्रचार करती हुई नजर आती थीं।

झालावाड़ सीट पर कर रहीं प्रचार
दरअसल, राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम राजस्थान के स्टार प्रचारकों में शामिल था। लेकिन वे झालावाड़ सीट को छोड़कर प्रदेश में कहीं भी चुनाव प्रचार करते नजर नहीं आईं। इस सीट से राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह चुनावी मैदान में थे। राजस्थान में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी रोड शो और चुनावी सभा में भी वे नजर नहीं आईं। हालांकि भाजपा के स्थापना दिवस छह अप्रैल को राजे दिल्ली के केंद्रीय कार्यालय में मौजूद थीं। इस दौरान उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ मुलाकात भी की थी।

राजस्थान में दो चरणों में मतदान हुए
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि राजस्थान में लोकसभा के लिए दो चरणों में मतदान हुए हैं। पहले चरण में कुछ सीटों पर वसुंधरा राजे की सभाओं और रैलियों की चर्चा थी। कुछ प्रत्याशी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की सभा चाह रहे थे। मगर कार्यक्रम तय नहीं हो पाए। दूसरे चरण, में खुद झालावाड़ में मतदान था, इसलिए राजे वहां खुद अपने बेटे की सीट पर डटीं रहीं। हालांकि, तीसरे चरण में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र में राजे को भेजे जाने की तैयारी थी। मगर, वो भी नहीं हो पाया। वसुंधरा राजे के दौरे न होने पर अब राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है।

अब सीआईएसएफ संभालेगी संसद की सुरक्षा व्यवस्था, 3317 जवानों के ऊपर पूरी जिम्मेदारी

नई दिल्ली: भारतीय लोकतंंत्र के ‘मंदिर’ संसद की सुरक्षा अब से सीआईएसएफ करेगी। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो 1400 सीआरपीएफ कर्मचारियों की वापसी के बाद 3300 से अधिक सीआईएसएफ कर्मी सोमवार से संसद परिसर में पूर्ण आतंकवाद विरोधी और तोड़फोड़ विरोधी सुरक्षा कर्तव्यों को संभालेंगे। गौरतलब है कि सीआरपीएफ के पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (पीडीजी) ने शुक्रवार को परिसर से अपने कमांडो, प्रशासनिक और परिचालन सामान, जैसे हथियार और कमांडों को हटा दिया है।

सुबह छह बजे परिसर ससंद परिसर पहुंच जाएगी सीआईएसएफ
भारत सरकार ने पुराने और नए संसद भवनों और संबंधित संरचनाओं की सुरक्षा के लिए कुल 3,317 सीआईएसएफ कर्मियों को शामिल किया है। 13 दिसंबर को हुई सुरक्षा चूक के बाद सरकार ने सीआरपीएफ को कार्यभार संभालने का निर्देश दिया। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सीआईएसएफ की आतंकवाद विरोधी इकाई 20 मई को सुबह 6 बजे से संसद परिसर का पूरा प्रभार ले लेगी।

सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीआरपीएफ पीडीजी और दिल्ली पुलिस के जवान अब तक संसद की सुरक्षा करते थे। अब वे वापस ले लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि पीडीजी कर्मियों को काफी दुख हुआ कि अपना सर्वश्रेष्ठ देने के बावजूद उन्हें यह कर्तव्य छोड़ना पड़ा।

क्या है पूरा मामला
13 दिसंबर को लोकसभा में उस वक्त हैरान करने वाला नजारा देखने को मिला था, जब दो युवक दर्शक दीर्घा से डेस्क पर कूदे और कलर स्मॉग निकालने लगे। इस दौरान पूरे हॉल में धुंआ हो गया। वहीं, उनके साथी भी संसद के बाहर इसी तरह का प्रदर्शन करने लगे। आरोपियों ने जांचकर्ताओं को बताया था कि उनका मकसद मणिपुर हिंसा, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित करना था। इस मामले में कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ सख्त आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

कौन और किस शहर से हैं आरोपी?

  • मनोरंजन डी, मैसूर, कर्नाटक
  • सागर शर्मा, रामनगर, लखनऊ
  • नीलम, हिसार, हरियाणा
  • अमोल शिंदे, लातूर, महाराष्ट्र
  • ललित, अबतक इसके शहर का पता नहीं
  • विशाल शर्मा, हिसार, हरियाणा

तेज धूप से त्वचा को कैसे बचाएं? जानें गर्मियों में स्किन केयर का सही तरीका

नई दिल्ली: आमतौर पर मई को सबसे गर्म महीना माना जाता है। वर्तमान में तापमान सामान्य रूप से 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। कई राज्यों में लू (heatwave) का अलर्ट जारी किया गया है। तेज उमस वाली धूप और गर्मी में घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं होती क्योंकि इसका सीधा असर आपकी त्वचा पर देखने को मिलता है। गर्मियों में लोग सनबर्न, स्किन टैनिंग, रेडनेस, रैशेज और घमौरियां आदि त्वचा संबंधी समस्याओं से परेशान रहते हैं। हालांकि तेज गर्मी से त्वचा को बचाने और इस मौसम में भी दमकता निखार पाने के लिए कुछ सस्ते और घरेलू स्किन केयर टिप्स दिए जा रहे हैं, जिसे अपनाकर सनबर्न और टैनिंग से बच सकते हैं।

धूप में त्वचा को करें कवर

गर्मी में त्वचा संबंधी समस्याओं से बचने के लिए जब भी घर से बाहर निकलें तो खुद को सही से कवर करके निकलें। सनग्लास, स्कार्फ, हैट, छाता, फुल स्लीव्स कपड़े और काॅटन फैब्रिक के कपड़े पहनकर ही निकलें। ध्यान रखें कि धूप में स्किन खुली न रहें।

भीषण गर्मी में बाहर निकलने से बचें

हो सके तो दोपहर 12 बजे से 3-4 बजे तक धूप में देर तक बाहर न रहें। इस समयावधि में सूरज भीषण आग उगल रहा होता है ,जो त्वचा के लिए नुकसानदायक है।

सनस्क्रीन जरूर लगाएं

टैनिंग और सनबर्न से बचने के लिए धूप में निकलते समय सनस्क्रीन जरूर लगाएं। सनस्क्रीन सूरज की नुकसानदायक किरणों से त्वचा को सुरक्षित रखती है। लोशन को चेहरे, हाथों और गर्दन पर लगाएं।

शरीर को हाइड्रेटेड रखें

शरीर को हाइड्रेट रखकर भी त्वचा से जुड़ी समस्याओं को कम किया जा सकता है। भरपूर मात्रा में पानी पिएं। धूप और गर्मी के कारण शरीर से अधिक पसीना निकलता है, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। पानी के कारण त्वचा हेल्दी बनेगी और निखार कम नहीं होगा।

अन्य तरीके

  • सनबर्न और टैनिंग को दूर करने के लिए मॉइस्चराइजर का उपयोग करें।
  • नाइट केयर के लिए एलोवेरे जेल का इस्तेमाल करें।
  • दिन में दो बार चेहरा अच्छे से धोएं।
  • टैनिंग दूर करने के लिए टमाटर के रस को फेसमास्क की तरह लगाएं।