Thursday , October 24 2024

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टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू और नक्का की बढ़ी मुश्किलें, HC का केस रद्द करने से इनकार

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और टीडीपी नेता नक्का आनंद बाबू की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने नायडू और बाबू के खिलाफ महाराष्ट्र में 2010 में पुलिसकर्मियों पर कथित रूप से हमला करने के मामले को रद्द करने से इनकार कर दिया है।

10 मई को दिया फैसला
न्यायमूर्ति मंगेश पाटिल और न्यायमूर्ति शैलेश ब्रह्मे की खंडपीठ ने 10 मई को अपने फैसले में कहा कि कथित अपराध में नायडू और बाबू की संलिप्तता को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त सबूत है। इस बात को लेकर अदालत को कोई संदेह नहीं है।

अदालत ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख नायडू और बाबू द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले में धर्माबाद पुलिस में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई थी। बता दें, प्राथमिकी एक लोक सेवक के खिलाफ हमला करने या आपराधिक बल का उपयोग करने, खतरनाक हथियारों से नुकसान पहुंचाने, दूसरों के जीवन को खतरे में डालने वाले जल्दबाजी के कामों, शांति भंग करने और आपराधिक धमकी को भड़काने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने के आरोपों में दर्ज की गई थी।

अदालत ने कहा- पर्याप्त सबूत
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि उसे इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि इस मामले में दोनों आवेदकों (नायडू और बाबू) की संलिप्तता का खुलासा करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि प्राथमिकी में स्पष्ट रूप से नायडू पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने साथी कैदियों को उकसाया और यहां तक कि दोनों राज्यों के बीच लड़ाई होने की धमकी भी दी।

पीठ ने कहा कि गवाहों ने अपने बयानों में अपराध में नायडू और बाबू की भूमिका होने की बात कही है और चिकित्सा प्रमाणपत्रों से पता चलता है कि कई पुलिस अधिकारियों को चोटें आई थीं। इससे साफ है कि पुलिसकर्मियों पर हमला करने के साझा इरादे से अपराध को अंजाम दिया गया।

जज रह चुके भाजपा नेता अभिजीत गांगुली ने हाईकोर्ट में लगाई याचिका, हत्या के प्रयास के मुकदमे को बताया फर्जी

कलकत्ता उच्च न्यायालय में पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली जो कि तामलुक लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार भी है, उन्होंने पुलिस के खिलाफ याचिका दायर की। जिसमें उन्होंने पुलिस का उन पर हत्या के प्रयास करने का आरोप पर मुकदमा फर्जी बताया।कोलकाता के तामलुक सीट से भाजपा ने पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली को मैदान में उतारा। उन पर हाल ही में पुलिस ने धारा 307 के तहत एफआईआर दर्ज हुई है। इस मुकदमे के खिलाफ पूर्व न्यायाधीश ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने शिकायत की है कि पुलिस ने हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर अत्यधिक कार्रवाई की है।

सोमवार को उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति जय सेन गुप्ता की अदालत में याचिका दायर की। मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी। पूर्व न्यायाधीश के वकील राजदीप मजूमदार ने पुलिस पर अधिक कार्रवाई का आरोप लगाया। उनका कहना है कि उन्हें चुनाव प्रचार से रोकने के लिए यह सब किया गया था। वकील मजूमदार ने बताया कि भाजपा उम्मीदवार गांगुली के खिलाफ धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। सूत्रों की मानें तो एक शिक्षक संगठन से जुड़े होने का दावा करने वाले कुछ लोगों द्वारा उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन की एक कथित घटना तब हुई जब गांगुली चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करने गए थे।

वाईएसआर सीपी विधायक ने मतदाता को मारा थप्पड़, पीड़ित ने भी तमाचा मारा तो टूट पड़े सहयोगी

देश भर की विभिन्न लोकसभा सीटों पर आज चौथे चरण के मतदान हो रहे हैं। इस बीच आंध्र प्रदेश से विधायक की दबंगई का एक वीडियो सामने आया है। दरअसल, विधायक जी वीआईपी कल्चर का लाभ लेने के लिए मतदान के लिए लगी लाइन को नजरअंदाज करके आगे बढ़ रहे थे तभी एक मतदाता ने इस पर आपत्ति जता दी। विधायक जी आहत हो गए और उन्होंने मतदाता को थप्पड़ जड़ दिया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

जानें, वायरल वीडियो में क्या
कथित वायरल वीडियो में दिख रहे विधायक का नाम ए शिवकुमार है। वे तेनाली विधानसभा से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं। बता दें, वर्तमान में आंध्र में वाईएसआर की ही सरकार है। वीडियो में विधायक ने जैसे ही मतदाता को थप्पड़ मारा। तुरंत मतदाता ने भी एक चांटा खींच के उल्टा मार दिया। तभी विधायक के साथ खड़े सहयोगी भी मतदाता पर टूट पड़े और जमकर उसकी पिटाई की। हालांकि, आसपास के लोगों ने बीच-बचाव की खूब कोशिश की। 10 सेकंड के वायरल वीडियो में सुरक्षाकर्मियों को हस्तक्षेप करते हुए नहीं देखा गया।

टीडीपी ने कहा- पार्टी हताश हो गई है
सोशल मीडिया में विधायक की कड़ी आलोचना की जा रही है। सत्तारूढ़ दल और विपक्ष घटना पर आपस में भिड़ गए हैं। टीडीपी प्रवक्ता ज्योत्सना तिरुनागी ने बताया कि घटना से साफ समझ आता है कि सत्तारूढ़ पार्टी हताशा हो गई है। उन्हें समझ आ गया है कि वे हार रहे हैं। यह हास्यास्पद है। मतदाता का प्रतिशोध दिखाता है कि लोग अब इस बकवास को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मामले में वाईएसआरसीपी के विधायक अब्दुल हफीज खान ने कहा कि वायरल वीडियो की समीक्षा की जा रही है। सत्तारूढ़ दल को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

एनडीए और वाईएसआर सीपी के बीच मुकाबला
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों और 175 विधानसभा सीटों पर आज मतदान हो रहे हैं। वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का मुकाबला भाजपा और एन चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी के गठबंधन से है। भाजपा राज्य में टीडीपी और जनसेना एक साथ चुनाव लड़ रही हैं। सीट बंटवारे की बात करें तो भाजपा लोकसभा की छह तो विधानसभा की 10 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसके अलावा, टीडीपी ने 17 लोकसभा और 144 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। भाजपा और टीडीपी के अलावा गठबंधन में शामिल जनसेना राज्य की दो लोकसभा सीटों और 21 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को किया ढेर, AK47 और इंसास सहित अन्य हथियार बरामद

मुंबई: महाराष्ट्र में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में तीन नक्सलियों को ढेर कर दिया। घटना महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की है। पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई। सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि नक्सलियों के पेरीमिली दलम के कुछ सदस्य विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भामरागढ़ तालुका के कटरांगट्टा गांव के पास जंगल में डेरा डाले हुए हैं।

अंधाधुंध गोलीबारी का कमांडो ने दिया मुंहतोड़ जवाब
जानकारी मिलने के बाद, गढ़चिरौली पुलिस की एक विशेष लड़ाकू शाखा सी-60 कमांडो की दो इकाइयों को तुरंत इलाके की तलाशी के लिए भेजा गया। टीमें तलाशी अभियान चला रही थीं, तभी नक्सलियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी कर दी। सी-60 कमांडो ने उनका कड़ा जवाब दिया। बाद में वहां से एक पुरुष और दो महिला नक्सलियों के शव बरामद किए गए। मृतकों में से एक की पहचान पेरिमिली दलम के प्रभारी और कमांडर वासु के रूप में हुई है। घटनास्थल पर एक एके-47 राइफल, एक कार्बाइन, एक इंसास राइफल, नक्सली साहित्य सहित अन्य सामान जब्त किए गए हैं। पुलिस इलाके में नक्सल विरोधी अभियान चल रही है।

अमित शाह का दावा- वोट बैंक खोने के डर से राम मंदिर नहीं गए राहुल गांधी, बोले-BJP को ऐसा कोई भय नहीं

मुंबई:  लोकसभा चुनाव जारी हैं। आज चौथे चरण के लिए मतदान हो रहे हैं। तीन चरणों के मतदान अभी भी बाकी है। दिल्ली में सत्ता काबिज करने के लिए सभी दल एक दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं। एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह महाराष्ट्र पहुंचे। यहां उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने न सिर्फ मुद्दे का समाधान किया बल्कि राम मंदिर के निर्माण में भी मदद की। राहुल गांधी को भी मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन राहुल गांधी नहीं गए क्योंकि उन्हें अपना वोट बैंक खोने का डर था। भाजपा को ऐसा कोई डर नहीं है।

वीर सावरकर का कांग्रेस ने अपमान किया
महाराष्ट्र के धुले में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने दावा किया कि कांग्रेस ने सिर्फ तुष्टिकरण के लिए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 भी नहीं हटाया था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का भी विरोध किया। उन्होंने कांग्रेस के रूख पर उद्धव ठाकरे की राय जानने की कोशिश की। गांधी और कांग्रेस ने वीर सावरकर का अपमान किया। इस बारे में ठाकरे का क्या कहना है? इंडी गठबंधन के सहयोगी एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म का अपमान किया है। क्या उद्धव उनसे सहमत हैं?

20 बार राहुल गांधी को लॉन्च-रिलॉन्च किया गया
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस ने राहुल को करीब 20 बार “लॉन्च और रीलॉन्च” करने का प्रयास किया। क्या वे लोग चंद्रयान लॉन्च कर सकते हैं? क्या उनकी सरकार कभी पाकिस्तान को उचित जवाब दे सकती है? क्या उनकी सरकार देश में नक्सलवाद या आतंकवाद को खत्म कर सकती हैं? क्या वे भारत को समृद्ध बना सकते हैं?

CM ममता बोलीं- बंगाल की महिलाएं UP-MP की तरह नहीं, वे आत्म सम्मान के साथ रहती हैं

कोलकाता: संदेशखाली में महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं विवादों में है। इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे अत्याचार के बारे में झूठे दावे करके महिलाओं की गरिमा को चोट न पहुंचाएं। महिलाओं के आत्म सम्मान के साथ खिलवाड़ न करें। बोनगांव में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि पीएम मोदी को पता होना चाहिए कि पश्चिम बंगाल की स्थिति बीजेपी शासित राज्यों जैसी नहीं है। यह आपका उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश नहीं है। बंगाल में महिलाएं आत्म सम्मान और गरिमा के साथ रहती हैं।

यह है वीडिया वाला मामला
दरअसल, हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें भाजपा नेता को यह कहते हुए सुना जा सकता था कि संदेशखाली की पूरी घटना पहले से ही तय थी। वीडियो में दावा है कि संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार का आरोप झूठा और मनगढ़ंत है। वीडियो में दिख रहे उस भाजपा नेता की पहचान संदेशखाली 2 ब्लॉक के ‘मंडल अध्यक्ष’ गंगाधर कयाल के रूप में हुई थी। वायरल वीडियो में गंगाधर एक कमरे में कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे थे। कोई उनसे सवाल पूछ रहा है और वह जवाब दे रहे हैं। वहीं, एक अन्य वीडियो में दुष्कर्म का आरोप लगवाने वाली महिलाएं दावा कर रही हैं कि भाजपा नेताओं ने उनसे एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए थे और उन्हें थाने ले जाने के लिए मजबूर किया था। हालांकि, अमर उजाला इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

भाजपा यहां एनआरसी और सीएए लागू करना चाहती है, मैं विरोध करूंगी
बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी ने कल कहा था कि सीएए बंगाल में लागू किया जाएगा। हमें समझ नहीं आता कि किसी को नागरिकता के लिए नए सिरे से आवेदन क्यों करना पड़ रहा है। क्यों किसी को 50 साल पुराने दस्तावेज दिखाने पड़ रहे हैं सिर्फ यह साबित करने के लिए कि उसका परिवार बांग्लादेश से आया है। अगर कोई व्यक्ति बिना शर्त आवेदन करे तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा यहां एनआरसी और सीएए लागू करना चाहती है। मैं आखिरी सांस तक इसका विरोध करूंगी। मेरे शव पर ही एनआरसी लागू हो सकता है।

मानहानि मामले में केजरीवाल को ‘सुप्रीम’ राहत; ईवीएम-वीवीपैट पर फैसले की समीक्षा के लिए याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि भाजपा आईटी सेल के खिलाफ वीडियो रिट्वीट करने के मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को राहत दी है। शीर्ष अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक की मियाद को बढ़ाया है।

ईवीएम-वीवीपैट पर फैसले की समीक्षा के लिए अदालत में याचिका दायर
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर 26 अप्रैल के फैसले की समीक्षा करने की मांग की गई है। बता दें कि 26 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने ईवीएम-वीवीपैट को लेकर फैसला सुनाया था। फैसले में ईवीएम के वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी मिलान संबंधी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि किसी भी प्रणाली पर आंख मूंदकर संदेह करना किसी भी व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है। शीर्ष अदालत के फैसले पर समीक्षा की मांग करने वाली याचिका अरुण कुमार अग्रवाल ने दायर की है। अग्रवाल ने ही इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा था
ईवीएम के वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी मिलान संबंधी याचिकाओं को खारिज करते हुए पीठ ने कहा था कि ‘आंख मूंदकर किसी भी व्यवस्था पर संदेह करना उस व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है। लोकतंत्र, सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास कायम रखने के बारे में है। विश्वास और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं।’

अदालत ने दिए थे ये निर्देश
अदालत ने ये भी निर्देश दिया था कि दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवारों की लिखित मांग पर जांच हो सकती है। चुनाव नतीजे घोषित होने के सात दिनों के भीतर यह मांग की जा सकती है। जांच की मांग करने वाले उम्मीदवार को ही इसकी लागत वहन करनी होगी और अगर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप सही साबित हुआ तो चुनाव आयोग को उम्मीदवार को लागत के पैसे लौटाने होंगे।

मानहानि मामले में केजरीवाल को ‘सुप्रीम’ राहत; ईवीएम-वीवीपैट पर फैसले की समीक्षा के लिए याचिका दायर

सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि भाजपा आईटी सेल के खिलाफ वीडियो रिट्वीट करने के मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को राहत दी है। शीर्ष अदालत ने केजरीवाल के खिलाफ ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक की मियाद को बढ़ाया है।

ईवीएम-वीवीपैट पर फैसले की समीक्षा के लिए अदालत में याचिका दायर
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर 26 अप्रैल के फैसले की समीक्षा करने की मांग की गई है। बता दें कि 26 अप्रैल को शीर्ष अदालत ने ईवीएम-वीवीपैट को लेकर फैसला सुनाया था। फैसले में ईवीएम के वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी मिलान संबंधी याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि किसी भी प्रणाली पर आंख मूंदकर संदेह करना किसी भी व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है। शीर्ष अदालत के फैसले पर समीक्षा की मांग करने वाली याचिका अरुण कुमार अग्रवाल ने दायर की है। अग्रवाल ने ही इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा था
ईवीएम के वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 फीसदी मिलान संबंधी याचिकाओं को खारिज करते हुए पीठ ने कहा था कि ‘आंख मूंदकर किसी भी व्यवस्था पर संदेह करना उस व्यवस्था के प्रति शक पैदा कर सकता है। लोकतंत्र, सभी स्तंभों के बीच सद्भाव और विश्वास कायम रखने के बारे में है। विश्वास और सहयोग की संस्कृति को बढ़ावा देकर हम अपने लोकतंत्र की आवाज को मजबूत कर सकते हैं।’

अदालत ने दिए थे ये निर्देश
अदालत ने ये भी निर्देश दिया था कि दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवारों की लिखित मांग पर जांच हो सकती है। चुनाव नतीजे घोषित होने के सात दिनों के भीतर यह मांग की जा सकती है। जांच की मांग करने वाले उम्मीदवार को ही इसकी लागत वहन करनी होगी और अगर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप सही साबित हुआ तो चुनाव आयोग को उम्मीदवार को लागत के पैसे लौटाने होंगे।

एथनिक से वेस्टर्न लुक तक, कंगना रणौत का हर अंदाज होता है सबसे जुदा

लोकसभा चुनाव की धूम आजकल हर जगह दिखाई दे रही है। इस बार के चुनाव में कई सिने स्टार मैदान में उतरे हैं। इनमें बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रणौत भी शामिल हैं, जोकि हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तरफ से चुनाव लड़ रही हैंं। कंगना रणौत ऐसी अभिनेत्री हैं, जो अपने अंदाज से लोगों का दिल जीतती रहती हैं। उनका बेबाक अंदाज लोगों को काफी पसंद आता है। उन्होंने अपनी फिल्मों से लोगों को अपना दीवाना बनाया है।

अपनी एक्टिंग के साथ-साथ वो अपने लुक्स की वजह से भी काफी सुर्खियों में रहती हैं। एथनिक से लेकर वेस्टर्न आउटफिट तक में कंगना रणौत का अंदाज काफी क्लासी और ग्लैमरस रहता है। अगर आप भी शॉपिंग करने का सोच रही हैं तो कंगना के लुक्स से टिप्स ले सकती हैं। कंगना के पास हर तरह के आउटफिट का काफी प्यारा कलेक्शन है, जो आपके लिए भी बेस्ट रहेगा।

लहंगा लुक

सबसे पहले बात करते हैं कंगना के लहंगा लुक के बारे में। वो अक्सर लहंगा पहने दिखाई देती हैं और उनपर तो लहंगा जचता भी काफी है। अगर आपके घर में शादी या कोई अन्य कार्यक्रम है तो आप एक्ट्रेस के लहंगा लुक से टिप्स ले सकती हैं।

साड़ी लुक

इस गुलाबी साड़ी में कंगना बेहद खूबसूरत लग रही हैं। उनके इस लुक को लोगों ने काफी पसंद किया था। अपने इस लुक को पूरा करने के लिए एक्ट्रेस ने बालों में मेसी बन बनाते हुए गले में हैवी सा चोकर कैरी किया है। पर्ल की इस ज्वेलरी की वजह से कंगना का लुक काफी रॉयल लग रहा है।

अनारकली लुक

इस अनारकली लुक में कंगना किसी राजकुमारी से कम नहीं लग रही हैं। सफेद रंग के इस अनारकली के साथ कंगना ने खूबसूरत सी मोजरी पहनी है। कानों में झुमके, हाथ में कंगन और माथे पर बिंदी उनकी खूबसूरती में चार चांद लगा रही है।

गाउन लुक

इस रेड कलर के गाउन में कंगना काफी बोल्ड लग रही हैं। इसके साथ एक्ट्रेस ने अपने बालों को अलग तरह से स्टाइल किया है। इसके साथ ही उन्होंने इस लुक में अपने आईलाइनर से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा।

ड्रेस लुक

गोल्ड और सिल्वर रंग की इस ड्रेस में कंगना काफी ग्लैमरस लग रही हैं। इसके साथ उन्होंने हाई हील्स कैरी की हैं। हाई हील्स के साथ एक्ट्रेस ने अपने बालों को कर्ल किया हुआ है, जिस वजह से उनका लुक काफी अलग दिख रहा है।

जमसूट लुक

एक्ट्रेस का बॉस लेडी लुक काफी कमाल का होता है। वो इस तरह के जमसूट में काफी खूबसूरत लगती हैं। इस सफेद रंग के जमसूट में भी कंगना का अंदाज काफी अच्छा लग रहा है। इसके साथ उन्होंने स्लीक स्टाइल में अपने बालों को कैरी किया है।

क्या आप भी पीते हैं खाना खाने के बाद लस्सी? तो जान लें क्या हो सकते हैं नुकसान

आज की इस दौड़ती-भागती जिंदगी में लोग खुद को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन तो करते ही हैं, लेकिन साथ ही लोग अपनी पसंदीदा ड्रिंक भी पीना पसंद करते हैं। जैसे- कोई जलजीरा पीता है तो कई लोग लस्सी पीना पसंद करते हैं और वो भी खासतौर पर गर्मी के मौसम में। पर अगर आप खाना खाने के बाद लस्सी का सेवन करते हैं तो ये आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। यही नहीं, रात को सोने से पहले भी अगर आप लस्सी का सेवन करते हैं, तो ये भी आपको दिक्कत में डाल सकती है। तो चलिए जानते हैं खाना खाने के बाद लस्सी पीने के क्या नुकसान हो सकते हैं। आप आगे इस बारे में जान सकते हैं…

हो सकते हैं ये नुकसान:-

शुगर बढ़ सकती है
कई डॉक्टर मानते हैं कि अगर डायबिटीज के मरीज लस्सी का सेवन करते हैं तो इससे उनका शुगर लेवल बढ़ सकता है। ऐसे में इसका बुरा असर आपकी किडनी पर भी पड़ सकता है। इसलिए शुगर के मरीज को लस्सी पीने से बचना चाहिए।

बढ सकता है वजन
लस्सी को बनाने में फुल फैट दूध, शुगर, नमक और मसालों का इस्तेमाल होता है, जो आपके कैलोरी इनटेक पर असर डाल सकते हैं। इससे आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है। वहीं, लस्सी में प्रोटीन होने के कारण इसे पीने के बाद आपको नींद आती है, जिससे सोने के बाद शरीर के लिए इसे पचाना मुश्किल हो सकता है। इसलिए सोने से पहले लस्सी पीने से बचना चाहिए।

सर्दी-जुकाम हो सकता है
गर्मी के मौसम में लोग ठंडी लस्सी पीना बहुत पसंद करते हैं, लेकिन ये शरीर में म्यूकस बनने की प्रक्रिया को बढ़ावा देती है। इससे खांसी-जुकाम और कफ की दिक्कत हो सकती है।

त्वचा संबंधी दिक्कत
कभी भी लस्सी का बहुत ज्यादा सेवन न करें। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपको त्वचा से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, जिन लोगों को एक्जिमा जैसी दिक्कत पहले से हो, उन्हें तो लस्सी पीने से बचना चाहिए।