Thursday , October 24 2024

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ताजमहल में चार पर्यटकों की बिगड़ी तबीयत, गश खाकर गिरने से एक बच्चे के सिर में आईं चोटें

आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में भीषण गर्मी में ताजमहल पर बुधवार को चार सैलानियों की तबीयत अचानक खराब हो गई। मेहमानखाने में फोटो शूट कराते समय गर्मी से बेहाल होकर एक बच्चा गिर गया, जिससे उसके सिर में चोटें आई। उसे तत्काल प्राथमिक उपचार दिया गया। बुधवार को दोपहर भीषण गर्मी के कारण ताजमहल का दीदार करने आए चार सैलानियों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की में आई हेल्प यू की टीम ने बीमारों को व्हील चेयर से पूर्वी गेट स्थित डिस्पेंसरी भेजा, जहां प्राथमिक उपचार के बाद सभी अपने होटल चले गए।

बुधवार दोपहर के समय तापमान अधिक होने से संगमरमर दहक रहे थे, इन पर पैदल चलते समय सैलानी बेहोश होकर गिर गए। कासगंज से एक परिवार के साथ ताज घूमने आया 3 साल का इब्राहिम मेहमानखाने के पास गिर गया, जिससे उसके सिर में चोटें आई। वहां तैनात सीआईएसएफ के जवान ने व्हील चेयर से बच्चे को डिस्पेंसरी पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद परिवार वापस लौटे। 11 वर्षीय राजेश शिवादास गोवा, सरितमा प्रजापति आजमगढ़, इंद्रा देवी बरेली और एस लवानियां पुणे की महिला पर्यटक की गर्मी से तबीयत खराब हो गई।

गला दबाकर की गई प्रवेश की हत्या, फंदे पर लटकाने से हुई मुनेश की मौत, जांच में उलझी पुलिस

अमरोहा:  हसनपुर में दंपती की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पत्नी प्रवेश की गला दबाकर हत्या की गई थी, जबकि पति मुनेश की फंदे पर लटकाने से मौत हुई है। पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया। वीडियोग्राफी भी कराई गई है। शुरुआत में दुष्कर्म की आशंका जताई जा रही थी, पोस्टमार्टम में ये भी स्पष्ट हो गया है कि महिला के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है। मंगलवार की दोपहर फत्तेहपुर खादर निवासी बहन के घर गए मुनेश और उसकी पत्नी प्रवेश वापस घर नहीं लौटे। बुधवार की सुबह उनके शव अपने ही खेत में पड़े मिले। पुलिस ने छानबीन के बाद दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराया।

मृतक मुनेश के शव का पोस्टमार्टम डॉ. उमर फारूक, डॉ. मुमताज अंसारी और डॉ. रमा शंकर ने किया। प्रवेश के शव के पोस्टमार्टम में डॉ. पल्लवी गंगवार शामिल हुईं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में वही आया पुलिस जिसका शक जता रही थी। अपर पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम में मुनेश की फंदे पर लटकने से मौत हुई है।

जबकि उसकी पत्नी प्रवेश की गला दबाकर हत्या की गई। इतना ही नहीं प्रवेश ने मरने से पहले संघर्ष किया था। जिसके चलते उसकी हाथों की चूड़ी टूट गई थीं। इसके अलावा प्रवेश या मुनेश के शरीर पर किसी तरह के कोई निशान नहीं मिले हैं। फिलहाल देर रात पति-पत्नी के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

मुनेश और प्रवेश के बीच हुई थी मारपीट
मुनेश और उसकी पत्नी प्रवेश की मौत के मामले में पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। फोरेंसिक टीम की जांच में सामने आया है कि प्रवेश और मुनेश के बीच मारपीट हुई थी। क्योंकि प्रवेश के हाथों की चूड़ी टूट गई थीं। जबकि प्रवेश की टूटी चूड़ी मुनेश के हाथ में लगी। जिस कारण मुनेश चूड़ी लगने से चोटिल हो गया था।

सात साल बाद पुष्य नक्षत्र में होगी गंगा सप्तमी की पूजा, बन रहा खास योग; जानें- पूजन विधि

गंगा सप्तमी 14 मई को मनाई जाएगी। इस बार इस तिथि पर सात साल बाद पुष्य नक्षत्र और प्रवर्धमान योग बन रहा है। इस दिन विभिन्न घाटों पर मां गंगा की पूजा और आरती होगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान और पूजन से सात जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है और अमृत फल की प्राप्ति होती है। भगवान शिव की नगरी में मां गंगा की विशेष पूजा फलदायी होती है।

वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन मां गंगा स्वर्गलोक से भगवान शिवजी की जटाओं से धरती पर अवतरित हुई थीं। मां गंगा को समस्त नदियों में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। ज्योतिषविद विमल जैन के अनुसार इस बार गंगा सप्तमी का पर्व 14 मई को मनाई जाएगी। वैशाख शुक्ल पक्ष की तिथि 13 मई को रात में 2:51 बजे से लगेगी, जो अगले दिन 14 मई को भोर में 4:20 बजे तक रहेगी। आचार्य दैवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि इस बार सात साल बाद गंगा सप्तमी पर पुष्य नक्षत्र और प्रवर्धमान योग बन रहा है, जो काफी फलदायी है।

ऐसे करें मां गंगा की पूजा
ब्रह्म मुहूर्त में अपने इष्ट देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए। दाहिने हाथ में जल, पुष्प, फल, गंध व कुश लेकर गंगा सप्तमी व्रत का संकल्प लेना चाहिए। मां गंगा को धूप, दीप, पुष्प आदि नैवेद्य आदि अर्पित कर पूजा करनी चाहिए। गंगा उत्पत्ति की कथा का श्रवण करना चाहिए। श्रीगंगा स्तुति और श्रीगंगा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। दान-पुण्य भी करना चाहिए।

शिवलिंग पर गंगाजल के साथ चढ़ाएं पांच बेलपत्र
गंगा सप्तमी के दिन लोटे में गंगाजल भरकर उसमें पांच बेलपत्र डालें। शिवलिंग पर एक धारा से यह जल अर्पित करें। ओम नमः शिवाय का जाप करते रहें। चंदन, पुष्प, प्रयात अक्षत, दक्षिणा आदि अर्पित करें। हिंदू धर्म में गंगा को मां का रूप माना गया है। मृत्यु के बाद मानव की अस्थि कलश इसमें विसर्जित करने से जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है।

सैम पित्रोदा के बयान पर सीएम योगी का हमला, बोले- ये निंदनीय है कांग्रेस माफी मांगे

लखनऊ:  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सैम पित्रोदा के नस्ली बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ये कांग्रेस के बुद्घिदाता हैं। कांग्रेस ने देश को 1947 में बांटा। इसके बाद वो जाति, धर्म और भाषा के नाम पर देश को बांटते रहे हैं। कांग्रेस को इस बयान के लिए देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए।

हालांकि, सैम पित्रोदा के बयान के बाद कांग्रेस ने खुद को इससे अलग कर लिया और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा ले लिया। बता दें कि बुधवार को सैम पित्रोदा का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह देश के अलग-अलग हिस्सों के लोगों की तुलना विदेशियों से कर रहे हैं। पूर्व के लोगों को उन्होंने चीनी, दक्षिण के निवासियों को अफ्रीकी और पश्चिम के लोगों को अरब जैसा दिखने वाला बताया।

माता-पिता के शवों के पास रातभर सिसकती रही मासूम, जिसने भी देखा दर्दनाक मंजर उसकी भर आईं आंखें

अमरोहा: हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव अल्लीपुर मिलक में दंपती के शव मिले हैं। महिला की गला दबाकर हत्या कर दी गई, जबकि पति का शव फंदे से लटका मिला। दंपती के शव के पास रातभर बेटी सिसकती रही। सिसकते-सिसकते उसे कब नींद आ गई यह पता नहीं चला। सुबह ग्रामीणों ने उसे मचान पर सोते हुए से उठाया। मुनेश के पिता भगवत सिंह का कहना है कि मंगलवार की देर रात मुनेश अपनी पत्नी और बेटी के साथ फत्तेहपुर से अपने घर नहीं पहुंचा। वह सीधे ही खेत पर पहुंच गया।

वह घर की बजाय खेत पर ही क्यों पहुंचा? इसका कारण समझ नहीं आया है। रात में किसी समय मुनेश की पत्नी प्रवेश की हत्या हुई होगी। इसके बाद मुनेश की भी जान चल गई। मुनेश का शव उसी मचान पर लटक रहा था, जिस पर उसकी छह वर्षीय बेटी दिवांशी सो रही थी। जबकि मात्र दस मीटर की दूरी पर ही मुनेश की पत्नी का शव पड़ा था। माता-पिता के शव के पास रातभर छह वर्षीय बेटी सिसकती रही। ना वह रोई और ना ही उसने गांव जाने का प्रयास किया। घटना आसपास के गांवों में कौतूहल का विषय बनी हुई है।

दस दिन पहले हरियाणा से मजदूरी करके लौटा था मुनेश

कोतवाली क्षेत्र के गांव अल्लीपुर मिलक निवासी मुनेश सिंह परिवार के साथ मजदूरी करता था। बताते हैं कि करीब दस दिन पहले ही वह पत्नी एवं बच्चों के साथ हरियाणा में मजदूरी करने के बाद गांव लौटा था। आठ दिन पहले गांव अल्लीपुर मिलक में ही उसके साढ़ू के घर एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। कोतवाली क्षेत्र के गांव अल्लीपुर मिलक में जिस खेत में पति-पत्नी के शव मिले। उस खेत में मैंथा की फसल है। यह खेत मुनेश ने अपने ममेरे भाई से बटाई पर ले रखा था। फसल को छुट्टा पशुओं से बचाने के लिए खेत के चारों ओर लोहे के तारों से तारकशी कर रखी थी।

लोहे के तारों में मिला महिला के बालों का गुच्छा
शव के पास ही लोहे के कांटेदार तारों में महिला के बालों का गुच्छा उलझा मिला। जिसे फोरेंसिक टीम ने साक्ष्य के रूप अपने पास रखा है। इसके अलावा महिला के गले की हसली और मुनेश का मोबाइल भी वहीं से बरामद हुआ है। घटनास्थल को देखकर ऐसा लग रहा है कि जैसे महिला की हत्या से पहले उसके साथ मारपीट की गई है।

खेतों पर चारा लेने गए देवर-भाभी की करंट से मौत, शव को सड़क पर रख लगाया जाम, किया हंगामा

अलीगढ़:अलीगढ़ में थाना महुआ खेड़ा अंतर्गत कमालपुर बाईपास पर कोंछोड़ गांव के खेत में पशुओं के लिए चारा लेने गए देवर-भाभी की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई। परिजन और ग्रामीणों ने महिला के शव को सड़क पर रखकर जमकर हंगामा किया और जाम लगाया।

कोंछोड़ के खेतों पर देवर धर्मेंद्र पुत्र चंद्रपाल सिंह और उसकी भाभी नीतू पत्नी वेद प्रकाश चारा लेने गए थे। खेत पर जानवरों को भगाने के लिए तारों में करंट प्रवाहित कर रखा था। दोनों करंट की चपेट में आ गए, जिससे उनकी मौत हो गई। कमालपुर चौराहे पर महिला के शव को रखकर परिजनों व ग्रामीणों ने सड़क पर जाम लगाया। ग्रामीणों ने पीड़ित के परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।

अखिलेश बोले- भाजपा की सरकार आई तो हमारी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी भी बनेंगे अग्निवीर

बहराइच:  पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बृहस्पतिवार दोपहर सपा प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे। उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जनता ने पहले, दूसरे और तीसरे चरण के मतदान में भाजपा को काफी पीछे कर दिया है। चौथे और पांचवें चरण के मतदान में आप लोग मतदान कर इनके मंसूबों को रोकने का काम करें।

शहर के गेंद घर मैदान में बृहस्पतिवार को सपा मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जनसभा आयोजित हुई। पूर्व मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से दोपहर 12:15 बजे पुलिस लाइन पहुंचे। इसके बाद वह चार पहिया वाहन से शहर के गेंद घर मैदान पहुंचे। पूर्व मुख्यमंत्री का सपा पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने फूल मालाओं से स्वागत किया। अखिलेश भैया जिंदाबाद के नारे लगाए। बहराइच, कैसरगंज और गोंडा के प्रत्याशियों के समर्थन में उन्होंने सभा को 12.40 बजे संबोधित करना शुरू किया।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा पूरे ब्रह्मांड की सबसे बड़ी झूठी पार्टी है। जबकि वह विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनने का दावा करती है लेकिन विकास के नाम पर काफी पीछे है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने डबल इंजन की सरकार में किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया लेकिन किसानों की कमाई को बिचौलियों के हाथ में सौंप दिया।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 4 साल के लिए अग्निवीर योजना शुरु की है। इससे युवाओं में नाराजगी है। अगर भारतीय जनता पार्टी की फिर सरकार बनी तो हमारी और आपकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को भी अग्निवीर योजना में शामिल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां मौजूद भीड़ बता रही है कि आने वाले चौथे और पांचवें चरण में गठबंधन प्रत्याशियों को बहुमत मिलेगा।

अखिलेश यादव ने कहा कि पहले, द्वितीय और तृतीय चरण के चुनाव में जनता ने भाजपा के झूठ की हवा निकालते हुए उनके मंसूबों को पर पानी फेर दिया है। पूर्व सीएम ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में विकास का कोई जिक्र नहीं किया जा रहा सिर्फ हिंदू और मुस्लिम में लड़ाया जा रहा है। इस दौरान सभी प्रत्याशी और काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

इंजन हुआ खराब
अखिलेश यादव ने कहा कि अभी वह बहराइच के पुलिस लाइन में हेलीकॉप्टर से उतरे। उसके बाद वहां से गेंद घर के लिए रवाना हुए रास्ते में उन्होंने देखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बोर्ड लगा हुआ है जिसमें डबल इंजन की सरकार का स्लोगन ही गायब है। उन्होंने कहा कि पोस्टर से ही साबित हो रहा है कि जनता इनके साथ नहीं है।

संदेशखाली स्टिंग वीडियो मामले में चुनाव आयोग जाएगी टीएमसी, शुभेंदु अधिकारी पर लगे हैं आरोप

कोलकाता:  संदेशखाली के स्टिंग वीडियो मामले में टीएमसी भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत करने की तैयारी कर रही है। संदेशखाली के स्टिंग वीडियो में एक नेता ने कथित तौर पर स्वीकार किया कि संदेशखाली की साजिश शुभेंदु अधिकारी ने रची थी और महिलाओं से दुष्कर्म के आरोप मनगढ़ंत थे। उल्लेखनीय है कि हाल ही में एक कथित वीडियो सामने आया है, जिसमें संदेशखाली में भाजपा मंडल अध्यक्ष गंगाधर कायल होने का दावा करने वाले व्यक्ति ने बताया कि संदेशखाली की पूरी साजिश के पीछे पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी शामिल हैं।

शुभेंदु अधिकारी पर लगे आरोप
एक मीडिया चैनल द्वारा यह स्टिंग ऑपरेशन किया गया था। इस वीडियो में कायल को कहते हुए सुना जा सकता है कि संदेशखाली में यौन उत्पीड़न की शिकायतें शुभेंदु अधिकारी के कहने पर दर्ज की गईं। वीडियो के सामने आने के बाद टीएमसी भाजपा पर हमलावर है। वहीं बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का आरोप है कि स्टिंग ऑपरेशन फर्जी है और इसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद से बनाया गया है। सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि संदेशखाली का स्टिंग वीडियो साजिश के तहत जारी किया गया है, उन्होंने चुनाव के समय इस वीडियो के सामने आने पर सवाल उठाए। सुकांत मजूमदार ने कहा कि यह वीडियो संदेशखाली की सच्चाई दबाने के लिए टीएमसी नेताओं ने ही जारी किया है। इस वक्त स्टिंग क्यों किया गया, जब चुनाव चल रहे हैं? लोग राजनीतिक रूप से परिपक्व हैं और उन्हें बेवकूफ बनाना आसान नहीं हैं।

संदेशखाली मामले की जांच सीबीआई कर रही
उल्लेखनीय है कि संदेशखाली में टीएमसी नेता शाहजहां शेख और अन्य टीएमसी नेताओं के खिलाफ कई महिलाओं का यौन शोषण करने और स्थानीय लोगों की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने के आरोप लगे थे। इस मामले को लेकर बंगाल की राजनीति में काफी हंगामा हुआ। भाजपा ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और आखिरकार फरार चल रहा टीएमसी नेता शाहजहां शेख गिरफ्तार हुआ। शाहजहां शेख ईडी टीम पर हमले का भी आरोपी है। संदेशखाली मामले की जांच फिलहाल सीबीआई द्वारा की जा रही है।

प्रशांत भूषण ने पासपोर्ट कानून के प्रावधान की संवैधानिक वैधता को दी चुनौती, कोर्ट ने टाली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वकील प्रशांत भूषण की एक याचिका पर सुनवाई गर्मियों की छुट्टियों के बाद तक के लिए टाल दी है। इस याचिका में प्रशांत भूषण ने पासपोर्ट कानून के प्रावधान को चुनौती दी है। प्रशांत भूषण के वकील जयंत भूषण के उपलब्ध न होने के चलते जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइंया की पीठ ने याचिका पर सुनवाई गर्मियों की छुट्टियों के बाद तक के लिए टाल दी।

क्या है मामला
प्रशांत भूषण ने पासपोर्ट कानून के प्रावधान के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में प्रावधान में संशोधन की मांग की गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने जनवरी 2016 में प्रशांत भूषण की याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। याचिका में पासपोर्ट कानून, 1967 की धारा 6(2)(एफ) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि किसी अपराध के आरोपी को पासपोर्ट जारी नहीं किया जा सकता। साल 1993 में एक नोटिफिकेशन के जरिए इसमें थोड़ा बदलाव किया गया और बदलाव के तहत आरोपी को अदालत से एनओसी जारी करने पर एक साल के लिए पासपोर्ट जारी किया जा सकता है।

दरअसल प्रशांत भूषण ने एक धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके तहत उन्हें गाजियाबाद स्थित पासपोर्ट के रीजनल सेंटर से सिर्फ एक साल के लिए पासपोर्ट जारी हो रहा था। ऐसे में प्रशांत भूषण ने इस प्रावधान को चुनौती देने का फैसला किया। याचिका में कहा गया है कि कानून का प्रावधान गंभीर और अगंभीर अपराध में अंतर नहीं करता और दोनों मामलों में समान प्रतिबंध लगाता है और यह संविधान से मिले समानता के अधिकार का उल्लंघन है।

राज्यपाल बोस ने 100 लोगों को दिखाया राजभवन का CCTV फुटेज; जानें पूरा मामला

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस पर एक महिला द्वारा छेड़छाड़ का आरोप लगाए जाने पर विवाद गहराता जा रहा है। मामले में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। इस बीच, बोस ने गुरुवार को महिला के कथित उत्पीड़न के मामले में करीब 100 लोगों को दो मई के परिसर के सीसीटीवी फुटेज दिखाए।

राजभवन के भूतल पर मौजूद हॉल में लोगों को दो मई की दो सीसीटीवी कैमरों का फुटेज दिखाया गया है। बताया जा रहा कि राजभवन के मुख्य गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज दिखाए जा रहे थे और स्क्रीनिंग चल रही थी।

गौरतलब है कि राजभवन में संविदा पर नियुक्त महिला कर्मचारी ने राजभवन में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी। महिला की शिकायत के आधार पर कोलकाता पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एसईटी का गठन किया है। बोस ने बुधवार को कहा था कि वे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग कोलकाता पुलिस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नहीं दिखाएंगे।

पुलिस पर ‘सरकारी शिकंजे’ का आरोप
खबर के मुताबिक पुलिस ने राजभवन के कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन पहले दिन कोई पेश नहीं हुआ। राज्यपाल ने भी कथित तौर पर कर्मचारियों को निर्देश दिया था कि इस मामले में पुलिस का सहयोग नहीं करना है। बुधवार को राजभवन से जारी बयान में आरोप लगाया गया था कि पुलिस मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देशों के तहत काम कर रही है। ऐसे में वह संबंधित सीसीटीवी फुटेज इन दोनों को छोड़कर 100 लोगों को दिखाने के लिए तैयार है।