Thursday , October 24 2024

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‘मां के पैर छूए बिना नामांकन भरने गया’, हीराबेन मोदी को याद कर भावुक हुए प्रधानमंत्री

नई दिल्ली:  लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के बीच एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मां हीराबेन मोदी को याद करके भावुक हो गए। पिछले साल ही हीराबेन मोदी का निधन हो गया था। साक्षात्कार में पीएम मोदी ने बताया कि यह पहला लोकसभा चुनाव है, जिसमें वह अपनी मां के पैर छूए बिना नामांकन दाखिल करने गए।

पीएम मोदी ने कहा, “मेरे लिए यह पहला लोकसभा चुनाव है, जहां मैं अपनी मां के पैर छूए बिना नामांकन भरने पहुंचा। लेकिन मेरे दिमाग में एक बात आई। आज 140 करोड़ लोग और देश की करोड़ों माताएं हैं, जिन्होंने मुझे प्यार दिया है, आशीर्वाद दिया। उन्हें याद करके और वाराणसी में मां गंगा भी हैं।”

मां के बिना पीएम मोदी का पहला चुनाव
2002 के बाद से यह पहला चुनाव है, जहां पीएम मोदी अपनी मां की अनुपस्थिति में चुनाव लड़ रहे हैं। पीएम मोदी हमेशा से ही कहते आए हैं कि वह अपनी मां के त्याग और बलिदान से प्रेरित हैं। उन्होंने बताया कि उनकी मां के इसी बलिदान ने उन्हें महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाएं लाने में प्रेरित किया। पीएम मोदी ने कहा, “सवाल केवल मेरी मां का नहीं है। मेरी मां ने मुझे जन्म दिया, मुझे बड़ा किया, लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि मैंने अपनी मां के लिए कुछ नहीं किया। क्योंकि मेरी मां ने जो भी सपना देखा, मैंने वैसा कुछ भी नहीं किया।”

कांग्रेस ने मतदान प्रतिशत के आंकड़ों पर उठाए सवाल, खरगे ने INDIA गठबंधन के नेताओं को लिखा पत्र

नई दिल्ली:   कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने विपक्षी INDIA गठबंधन के नेताओं को पत्र लिखा है। इस पत्र में चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए मतदान के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं और कथित धांधली का आरोप लगाया है। पत्र में खरगे ने विपक्षी गठबंधन के नेताओं से अपील की कि वे ऐसी धांधलियों के खिलाफ आवाज उठाएं। खरगे ने लिखा ‘हमारा एकमात्र उद्देश्य संविधान की रक्षा और लोकतंत्र की संस्कृति की रक्षा करना है’।

खरगे ने विपक्षी नेताओं को लिखा पत्र
कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा ‘इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) के तौर पर यह हमारा साझा प्रयास होना चाहिए कि हम लोकतंत्र की रक्षा करें और चुनाव आयोग की निष्पक्षता को बचाएं।’ खरगे ने मतदान प्रतिशत के आंकड़ों में हुए फेरबदल पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि ‘यह अंतिम नतीजों में फेरबदल करने की कोशिश हो सकती है।’ खरगे ने कहा कि ‘हम सभी जानते हैं कि पहले दो चरणों में मतदान के रुझानों को देखते हुए पीएम मोदी और भाजपा परेशान है। पूरा देश जानता है कि यह तानाशाही सरकार सत्ता के नशे में चूर है और अपनी कुर्सी बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।’

आंकड़े जारी करने में हुई देरी पर उठे सवाल
दरअसल लोकसभा चुनाव के दो चरणों के मतदान प्रतिशत और डाटा साझा करने में हुई देरी पर विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं। पहले दो चरणों में मतदान प्रतिशत कम रहा। हालांकि चुनाव आयोग ने मतदान के कई घंटे बाद मतदान प्रतिशत के नए आंकड़े जारी किए, जिसमें मतदान प्रतिशत में 5-6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई। इस विपक्षी दलों ने सवाल उठाया कि आंकड़े जारी करने में इतनी देरी क्यों लगी? विपक्ष ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। मंगलवार को लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए मतदान हो रहा है, जिसमें 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 93 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं।

‘पुलिस ने प्रसारित किए प्रज्ज्वल के अश्लील वीडियो’, कुमारस्वामी ने डीके शिवकुमार पर लगाए गंभीर आरोप

बंगलूरू: जेडीएस नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना के अश्लील वीडियो मामले में कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पर गंभीर आरोप लगाए। कुमारस्वामी ने कहा कि इस मामले में गंदी राजनीति की जा रही है। कुमारस्वामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘जो घटना घटी, वो नहीं होनी चाहिए थी। 21 अप्रैल को पूरे राज्य में एक पैन ड्राइव प्रसारित की गई। पुलिस अधिकारियों ने भी इस पैन ड्राइव को प्रसारित किया। इसे बंगलूरू ग्रामीण, मांड्या और हासन सीटों पर जानबूझकर प्रसारित किया गया।’

कुमारस्वामी ने सरकार पर लगाए आरोप
कुमारस्वामी ने बताया ’21 अप्रैल की रात नवीन गौड़ा नाम के एक शख्स ने प्रज्ज्वल रेवन्ना के वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए। जिसके खिलाफ हासन सीट पर प्रज्ज्वल रेवन्ना के चुनाव एजेंट पूर्णचंद्र ने हासन पुलिस में 22 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई, जिसमें नवीन गौड़ा, कार्तिक गौड़ा, चेतन और पुर्ताराजू के खिलाफ आरोप लगाए गए, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई और 26 अप्रैल को रिटर्निंग अधिकारी ने बताया कि उस शिकायत को बंद कर दिया गया है।’ जेडीएस नेता ने कहा कि ‘मैं किसी का बचाव नहीं कर रहा और दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। फिर चाहे वो कोई भी हो।’

सीएम और डिप्टी सीएम पर लगाए आरोप
जेडीएस ने कहा कि ‘जब चुनाव हो रहे थे, तो कौन उन वीडियो और पैन ड्राइव को प्रसारित कर रहा था। सीएम 100 बार बोल चुके हैं कि एचडी कुमारस्वामी और जेडीएस उम्मीदवार हारेंगे। कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई, मुझे लगा कि एसआईटी मामले की निष्पक्ष जांच करेगी, लेकिन अब मुझे लगता है कि यह एसआईटी सिद्धारमैया, शिवकुमार इन्वेस्टिगेशन टीम है।’

जेडीएस नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना के अश्लील वीडियो मामले में कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने राज्य के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पर गंभीर आरोप लगाए। कुमारस्वामी ने कहा कि इस मामले में गंदी राजनीति की जा रही है। कुमारस्वामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘जो घटना घटी, वो नहीं होनी चाहिए थी। 21 अप्रैल को पूरे राज्य में एक पैन ड्राइव प्रसारित की गई। पुलिस अधिकारियों ने भी इस पैन ड्राइव को प्रसारित किया। इसे बंगलूरू ग्रामीण, मांड्या और हासन सीटों पर जानबूझकर प्रसारित किया गया।’

कुमारस्वामी ने सरकार पर लगाए आरोप
कुमारस्वामी ने बताया ’21 अप्रैल की रात नवीन गौड़ा नाम के एक शख्स ने प्रज्ज्वल रेवन्ना के वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए। जिसके खिलाफ हासन सीट पर प्रज्ज्वल रेवन्ना के चुनाव एजेंट पूर्णचंद्र ने हासन पुलिस में 22 अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई, जिसमें नवीन गौड़ा, कार्तिक गौड़ा, चेतन और पुर्ताराजू के खिलाफ आरोप लगाए गए, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई और 26 अप्रैल को रिटर्निंग अधिकारी ने बताया कि उस शिकायत को बंद कर दिया गया है।’ जेडीएस नेता ने कहा कि ‘मैं किसी का बचाव नहीं कर रहा और दोषी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। फिर चाहे वो कोई भी हो।’

सीएम और डिप्टी सीएम पर लगाए आरोप
जेडीएस ने कहा कि ‘जब चुनाव हो रहे थे, तो कौन उन वीडियो और पैन ड्राइव को प्रसारित कर रहा था। सीएम 100 बार बोल चुके हैं कि एचडी कुमारस्वामी और जेडीएस उम्मीदवार हारेंगे। कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई, मुझे लगा कि एसआईटी मामले की निष्पक्ष जांच करेगी, लेकिन अब मुझे लगता है कि यह एसआईटी सिद्धारमैया, शिवकुमार इन्वेस्टिगेशन टीम है।’

केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दिया कोई फैसला, बिना आदेश दिए उठी बेंच

नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाले में जेल में बंद दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई, लेकिन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच बिना कोई आदेश दिए उठ गई। अब सुप्रीम कोर्ट बेंच गुरुवार या फिर अगले हफ्ते केजरीवाल की याचिका पर आदेश पारित कर सकती है। केजरीवाल ने कोर्ट में अंतरिम जमानत देने की मांग की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए 3 मई को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा था कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है ताकि वे चुनाव प्रचार में शामिल हो सकें।

सिंघवी बोले- केजरीवाल के खिलाफ सबूत नहीं
केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और ईडी की तरफ से एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने दलीलें रखीं। केजरीवाल के वकील सिंघवी का कहना है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं और उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है। जांच एजेंसी के सामने पेश न होना गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता। वहीं एसवी राजू का कहना है कि गिरफ्तारी का फैसला सिर्फ जांच अधिकारियों का ही नहीं था, बल्कि एक स्पेशल जज द्वारा भी इसका फैसला लिया गया था।

‘न्यायालय यह नहीं चाहता कि वह अंतरिम जमानत मिलने पर सरकारी कामकाज करें’
शीर्ष अदालत ने मुख्यमंत्री की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा कि न्यायालय यह नहीं चाहता कि वह अंतरिम जमानत मिलने पर सरकारी कामकाज करें। अगर आपके मुवक्किल सरकारी कामकाज करते हैं तो यह हितों का टकराव होगा और हम ऐसा नहीं चाहते। सिंघवी ने पीठ को आश्वासन दिया कि अगर केजरीवाल को मामले में अंतरिम जमानत मिल जाती है तो वह आबकारी नीति घोटाले से जुड़ी कोई फाइल नहीं देखेंगे।

‘हिस्ट्रीशीट पुलिस का आंतरिक दस्तावेज, सार्वजनिक नहीं कर सकते’, अमानतुल्लाह खान को सुप्रीम कोर्ट से राहत

नई दिल्ली आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिस्ट्रीशीट पुलिस का आंतरिक दस्तावेज है और इसे सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े लोगों को खिलाफ दर्ज हिस्ट्रीशीट में छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।

क्या है मामला
दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से आप विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने विभिन्न मामलों में 18 मुकदमे दर्ज किए थे। पुलिस ने इन मामलों में जो हिस्ट्रीशीट तैयार की थी, जिसमें अमानतुल्लाह खान को बुरे चरित्र वाला बताया गया था। दिल्ली पुलिस के इस फैसले के खिलाफ अमानतुल्लाह खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। उसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हिस्ट्रीशीट को पुलिस का आंतरिक दस्तावेज बताया। अमानतुल्लाह खान के वकील ने कहा कि अधिकारियों ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से काम किया।

अमानतुल्लाह खान ने अपनी याचिका में सवाल उठाया कि दिल्ली पुलिस ने हिस्ट्रीशीट में उनके नाबालिग बेटों और पत्नी के नाम भी सार्वजनिक किए हैं। इस पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि अगर किसी पुलिस अधिकारी ने जानबूझकर अमानतुल्लाह खान के नाबालिग बेटों की पहचान हिस्ट्रीशीट में उजागर की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी राज्यों से अपराधियों के खिलाफ हिस्ट्रीशीट की नीति स्पष्ट करने का निर्देश दिया।

‘वादियों को कोर्ट में अपने मामलों पर बहस के लिए बनाए गए नियम सही’, अदालत ने खारिज की याचिका

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ताओं को व्यक्तिगत रूप से उनके मुकदमों पर बहस करने की अनुमति देने के लिए बनाए गए नियम मौलिक अधिकारों के तहत हैं। अदालत ने आगे कहा कि यह नियम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से अलग नहीं हैं। न्यायमूर्ति ए एस चंदुरकर और न्यायमूर्ति जितेंद्र जैन की पीठ में पूर्व न्यायिक अधिकारी नरेश वझे की याचिका को खारिज किया है।

याचिकाकर्ता ने की थी यह अपील
पूर्व न्यायिक अधिकारी ने अपनी याचिका में पार्टियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से कार्यवाही की प्रस्तुति और संचालन के लिए सितंबर 2015 की अधिसूचना को चुनौती दी थी। इसके जवाब में अदालत ने कहा कि इन नियमों से कानून के समक्ष समानता, भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रावधानों का उल्लंघन नहीं हो रहा। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि ये नियम न्याय प्रशासन की सुविधा के लिए किसी पक्ष द्वारा प्रस्तुतीकरण और कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने के मद्देनजर तैयार किए गए हैं। याचिकाकर्ता नरेश वझे ने अपनी याचिका में दावा किया था कि ये नियम वादियों को सुनवाई के अधिकार से दूर रखते हैं और इस तरह से यह संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।

अदालत में अपने मामले पर खुद बहस करने के लिए नियम
बता दें कि अगर कोई याचिकाकर्ता अपने मामले पर खुद बहस करना चाहता है, तो उसे पहले हाईकोर्ट के रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों वाली दो सदस्यीय समिति के सामने पेश होना पड़ता है। समिति द्वारा मामले की जांच करने और याचिकाकर्ता से बात करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाती है। रिपोर्ट में यह बताया जाता है कि याचिकाकर्ता अपने मामले पर अदालत में खुद बहस कर सकता है या नहीं। जब याचिकाकर्ता को इस योग्य समझा जाता है, तो उसे यह वचन देना होता कि वह अदालत की कार्रवाई में कोई व्यवधान नहीं डालेगा।

बसपा ने बस्ती लोकसभा सीट का प्रत्याशी बदला, दयाशंकर सिंह की जगह लवकुश पटेल को टिकट

लखनऊ: बसपा ने सोमवार को दो उम्मीदवारों के टिकट बदल दिए हैं। इसमें जौनपुर से क्षत्रिय उम्मीदवार को मैदान से हटाकर यादव पर दांव लगाया है तो बस्ती में ब्राह्मण उम्मीदवार को हटाकर कुर्मी बिरादरी को मैदान में उतार दिया है।

पार्टी ने तमाम चर्चाओं को दरकिनार कर जौनपुर संसदीय सीट पर बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी को मैदान में उतारा था। धनंजय वर्ष 2009 में बसपा के टिकट पर ही सांसद बने थे लेकिन बीच के दौर में वह पार्टी से दूर होते गए। यहां से भाजपा ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह पर दांव लगाया है। दोनों पार्टियों से क्षत्रिय उम्मीदवार होने की वजह से इस वोटबैंक में बंटवारे की आशंका जताई जा रही थी।

इसी तरह बस्ती में बसपा ने दयाशंकर मिश्र को मैदान में उतारा तो वह ब्राह्मण वोटबैंक को गोलबंद करते दिखे। उनकी इस गोलबंदी से सीधे तौर पर भाजपा प्रत्याशी हरीश द्विवेदी को नुकसान होता दिख रहा था। अब बसपा ने दयाशंकर मिश्र के स्थान पर लवकुश पटेल को मैदान में उतारा है। लवकुश पूर्व विधायक स्व. जितेंद्र कुमार चौधरी के बेटे हैं। यह परिवार सपा-कांग्रेस प्रत्याशी राम प्रसाद चौधरी का करीबी माना जाता है।

इन दोनों सीटों पर उम्मीदवारों के बदलाव का सीधा फायदा भाजपा को मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। बसपा अब तक 13 उम्मीदवारों को बदल चुकी है। इससे पहले बसपा ने वाराणसी में अतहर जमाल लारी का टिकट काट कर सैयद नियाज अली को मैदान में उतारा और सप्ताह भर बाद लारी को हरी झंडी दे दी गई। इसी तरह भदोही में इरफान बबलू का टिकट काट कर हरिशंकर सिंह को मैदान में उतारा गया।

‘सिल्क रूट की तरह गेम चेंजर होगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’, प्रधानममंत्री मोदी बोले

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) रेशम मार्ग (सिल्क रूट) की तरह एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगा। आईएमईसी के लिए पिछले साल भारत की मेजबानी में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक समझौता हुआ था।

एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने आईएमईसी को लेकर कहा, ‘खाड़ी देशों ने सकारात्मक भूमिका निभाई है। अमेरिका और यूरोप ने भी इस पर भारत का समर्थन किया है। G20 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हाथ मिलाने की तस्वीरों ने विश्व स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने कहा, जब हम वैश्विक भलाई के लिए काम करते हैं, तो कोई अगर-मगर की बात नहीं होती। आप दुनिया को अपने साथ ले सकते हैं और मेरी यही कोशिश थी। आप मुझे बताएं कि G8 और G20 का जन्म कैसे हुआ। जिन मुद्दों के लिए इनका गठन किया गया है, हमें उन मुद्दों से कभी भटकना नहीं चाहिए। मैंने हर किसी को आश्वस्त किया। कुछ लोगों के साथ मुझे निजी तौर पर बात करने की जरूरत थी। मैंने वैसा ही किया। दूसरी बात, मेरा इरादा ये था कि मैं आखिरी सत्र में प्रस्ताव नहीं लाऊंगा। मैं इसे इतनी जल्दी करूंगा कि लोग हैरान हो जाएंगे। इसलिए मैंने दूसरे दिन की घोषणा का काम पहले दिन ही पूरा कर लिया। यह मेरी रणनीति थी और वह रणनीति काम कर गई।’

बाइडन और मोहम्मद बिन सलमान के हाथ मिलाने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि उनकी दोनों नेताओं से मित्रता है। उन्होंने कहा, हमने आईएमईसी पर काम किया है, जो सिल्क रूट की तरह एक बड़ा गेम चेंजर होने जा रहा है। खाड़ी देशों की सकारात्मक और सक्रिय भूमिका थी। भारत को अच्छी भूमिका निभाने का मौका मिला। अमेरिका और यूरोप हमारे साथ थे। सभी ने सोचा कि एक ठोस और सकारात्मक परिणाम होगा। इसलिए हम उस पर मिलते थे। पीएम ने आगे कहा, इसलिए सऊदी किंग और राष्ट्रपति बाइडन को एक साथ लाने का अवसर था और मेरी दोनों के साथ अच्छी दोस्ती है।

कोरोना के कई स्वरूपों से अब एक ही टीके से होगा बचाव, वैज्ञानिकों ने खोजी ऑल इन वन वैक्सीन की तकनीक

कोरोना वायरस को मात देने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नया तरीका खोज निकाला है। अपने स्वरूप बदलने वाले इस वायरस से महज एक टीके के जरिए बचाव संभव हो सकता है। अमेरिका और यूरोप के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक नया ऑल इन वन टीका खोजा है जो ओमिक्रॉन, डेल्टा, एल्फा, गामा, एक्स सहित कोरोना के सभी स्वरूपों से बचाव कर सकता है।

सोमवार को ‘नेचर नैनोटेक्नोलॉजी’ में वैज्ञानिकों का यह शोध प्रकाशित हुआ है, जिसमें कहा है कि यह नई खोज टीका विकास के दृष्टिकोण प्रोएक्टिव वैक्सीनोलॉजी पर आधारित है। ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज विवि और अमेरिका में कैलटेक के शोधकर्ताओं ने मिलकर यह अध्ययन किया है, जिसमें कोरोना वायरस के आठ अलग-अलग स्वरूपों पर इसके प्रभाव की जांच भी की गई।

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ता रोरी हिल्स ने बताया कि उनका यह अध्ययन एक ऐसा टीका बनाने पर है, जो अगली कोरोना महामारी से बचाने में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए नए टीके में कोरोना वायरस शामिल नहीं है लेकिन फिर भी यह उस वायरस के प्रति इंसानों में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि हमें नए कोरोना वायरस की महामारी आने तक इंतजार नहीं करना चाहिए।

इन कारणों से हो सकता है अस्थमा का अटैक, डॉक्टर ने बताए बचाव के जरूरी उपाय

अस्थमा, वायुमार्ग और फेफड़ों को प्रभावित करने वाली समस्या है। भारत सहित दुनिया के कई देशों में अस्थमा रोगियों की संख्या बढ़ती हुई देखी जा रही है। एक आंकड़े के मुताबिक दुनियाभर में अस्थमा से होने वाली 46% मौतें अकेले भारत से रिपोर्ट की जा रही हैं।अस्थमा की समस्या में आपके फेफड़ों से हवा को अंदर और बाहर ले जाने वाली नलिकाएं प्रभावित हो जाती हैं। वायुमार्ग में सूजन और संकुचन के कारण दर्द होने, सांस छोड़ते समय आवाज आने जैसी समस्या हो सकती है।

अस्थमा रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने और इससे बचाव के तरीकों को लेकर शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल मई माह के पहले मंगलवार को वर्ल्ड अस्थमा डे मनाया जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन लोगों को अस्थमा की समस्या है उन्हें इसको ट्रिगर करने वाले कारकों से बचाव के लिए उपाय करते रहना चाहिए।

अस्थमा की समस्या और इसके जोखिम कारक

श्वसन रोगों के विशेषज्ञ डॉ निहाल सिंह बताते हैं, अस्थमा में सांस लेने में कठिनाई और घरघराहट की दिक्कत बनी रहती है। ये श्वसन की सामान्य कार्यप्रणाली को भी बाधित कर सकती है। प्रदूषण में वृद्धि, जीवनशैली में बदलाव और कई अन्य कारक अस्थमा अटैक का कारण बन सकते हैं। डॉ कहते हैं इसके ट्रिगर्स को समझने और उनसे बचाव को लेकर उपाय करने से अस्थमा के लक्षणों को बिगड़ने से रोकने में मदद मिल सकती है। जिन लोगों को अस्थमा की समस्या है उन्हें इसको ट्रिगर करने वाले कारकों के बारे में जानना जरूरी है।

धूल और प्रदूषकों से करें बचाव

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया एलर्जी के कारक जैसे पराग और धूल के कण, पालतू जानवरों की बाल और फफूंद जैसी चीजें शरीर में प्रतिक्रिया पैदा कर सकती हैं। इससे वायुमार्ग में सूजन और संकुचन बढ़ने का खतरा रहता है जिससे अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए समस्याएं बढ़ सकती हैं। अस्थमा के शिकार लोगों को इन चीजों से बचाव करते रहना चाहिए। बाहर जाते समय मास्क पहनना इन कारकों से बचाव का सबसे कारगर तरीका हो सकता है।