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आईसीएसई की 10वीं व 12वीं का परिणाम घोषित, चंद्रयांश राय ने हासिल किए 99.8 फीसदी अंक

लखनऊ: सीआईएससीई (काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन) के रिजल्ट में एक बार फिर से राजधानी के मेधावियों ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। 10वीं में सिटी मांटेसरी स्कूल के चंद्रांश राय ने 99.8 फीसदी नंबर हासिल किए। इसी तरह 12वीं में इसी स्कूल की कनिष्का मित्तल, अर्चिता सिंह और सारिया खान ने संयुक्त रूप से 99.75 फीसदी अंक हासिल करके देश भर में नाम रोशन किया। इस बार काउंसिल ने आधिकारिक रूप से कोई मेरिट जारी नहीं की है।

लखनऊ में इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकंड्री एजूकेशन (आसीएसई)- 10वीं में 12,661 और इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (आईएससी)- 12वीं में 10,600 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। प्रदेश स्तर पर हाईस्कूल में 99.14 और 12वीं में 97.94 फीसदी परीक्षार्थी सफल हुए। राजधानी के मेधावियों ने इस बार 99 फीसदी से ज्यादा नंबर हासिल करने में नया कीर्तिमान गढ़ दिया। हाईस्कूल में काव्या बिष्ट, भार्गवी सिंह, चिन्मय कृष्णा, इशांत अग्रवाल और मो. अमान ने 99.6 फीसदी अंक हासिल किए। 10वीं में ही आर्या द्विवेदी, अर्जुन कृष्णा, उत्कर्ष सिंह, अमृत पांडेय, कृति श्रीवास्तव, आरना बाजपेयी, अनिरुद्ध शर्मा, इबा शाहीन, शिवांश आनंद, उन्नति वर्मा, याहवी मोहन और शुभ वर्मा ने 99.4 फीसदी अंक हासिल किए। इसके अलावा राजधानी में एक हजार से ज्यादा मेधावियों ने परीक्षा में 90 फीसदी से ज्यादा नंबर हासिल किए हैं।

दिल्ली समेत कई राज्य में एक भी बच्चा नहीं हुआ फेल
इस साल कई राज्य ऐसे हैं जहां काउंसिल के रिजल्ट में एक भी बच्चा फेल नहीं हुआ। हाईस्कूल की परीक्षा में ये राज्य- अंडमान निकोबार, चंडीगढ़, दिल्ली, गोवा, जम्मू एंड कश्मीर, मणिपुर और पुडुचेरी राज्य हैं। वहीं, 12वीं में अंडमान, आंध्र प्रदेश, असम, चंडीगढ़, गोवा, हरियाणा, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, दिल्ली और पुडुचेरी ऐसे राज्य हैं जहां पर कुल पास प्रतिशत 100 फीसदी रहा।

अखिलेश यादव ने भाजपा से पूछे 100 से ज्यादा सवाल, बिना जांच क्यों लगवाया अवाम को कोरोना का टीका

लखनऊ:  सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर भाजपा से सौ से ज्यादा सवाल पूछे हैं। इन्हें जनता के सच्चे सवाल बताते हुए पूछा है कि बिना जांच-परीक्षण के कोरोना का जानलेवा टीका जनता को क्यों लगवाया। राजनीतिक विरोधियों को कारागार में मारने की साजिशों को अंजाम देने का आरोप भी लगाया है। साथ ही यह भी पूछा है कि हाथरस में दलित की बेटी के बलात्कार व मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार का हक क्यों छीना।

अखिलेश ने पूछा है कि भाजपा ने अपने नेताओं से बार-बार संविधान बदलने की बात क्यों कहलवाई। पुरानी पेंशन योजना बंद करके कर्मचारियों का हक क्यों मारा। इन सवालों के जरिये सफाई कर्मियों के सीवर में मरने का मामला उठाया है तो महंगाई को लेकर भी पर भाजपा पर हमला बोला है।

अखिलेश ने कहा कि भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि उसने किसानों को एमएसपी को लेकर असत्य क्यों बोला। लघु उद्योगों के लिए कारगर कदम क्यों नहीं उठाया। बैंकों का कर्ज हड़पने वालों को विदेश क्यों भागने दिया। सीसीटीवी कैमरे के सामने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली क्यों होने दी। लेटरल इंट्री के नाम पर विभिन्न विभागों में उच्च पदों पर अपनी विचारधारा के लोग क्यों भर्ती किए।

रायबरेली-सुल्तानपुर हाईवे पर कांग्रेस कार्यालय के सामने गाड़ियों में तोड़फोड़, पार्टी ने किया विरोध

अमेठी: कांग्रेस भवन के बाहर रायबरेली सुल्तानपुर हाईवे पर रविवार की देर रात कुछ लोगों ने जमकर उत्पात मचाया। कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की और हंगामा करने के बाद भाग निकले। बीच सड़क पर हुई इस घटना के बाद कांग्रेस दफ्तर से निकले कुछ कार्यकर्ताओं ने विरोध किया। सड़क जाम करने की कोशिश भी की।

हालांकि इसकी भनक लगते ही सीओ सिटी सहित भारी पुलिस फोर्स मौके पर आ गया। पुलिस ने लोगों को समझने की कोशिश की। इस बीच वहां मौजूद कुछ लोगों ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए। मामले को तूल पकड़ता देख कांग्रेस जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंगल मौके पर पहुंचे। उन्होंने पार्टी कार्यालय से निकले लोगों को वापस कार्यालय में भेजा।

सीओ सिटी मयंक द्विवेदी ने भी लोगों को समझाया। पुलिस व कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच कार्यालय में बातचीत चल रही है। एडिशनल एसपी हरेंद्र प्रताप भी मौके पर पहुंच गए हैं। समाचार लिखे जाने तक कांग्रेस पार्टी कार्यालय में पुलिस व कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं के बीच वार्ता जारी है। एडिशनल एसपी का कहना है। कांग्रेस कार्यालय के सामने सड़क पर कुछ गाड़ियों में तोड़फोड़ हुई है। मामले की जांच की जा रही है। तहरीर आने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

देश के वैज्ञानिकों ने खोजी सस्ती तकनीक, सीरो सर्वे में मिलेगी मदद; खसरे का पता लगाएगी

आबादी में खसरे के प्रसार का पता लगाने के लिए देश के वैज्ञानिकों ने स्वदेशी तकनीक खोजी है। यह तकनीक सस्ती होने के साथ ही 99 फीसदी तक असरदार है। वैज्ञानिकों ने जीवित वायरस का उपयोग करके इसजांच तकनीक की खोज की है जो लोगों में एंटीबॉडी की पहचान करने में सक्षम है। यह तकनीक कुछ दिनों बाद देश में होने वाले राष्ट्रीय सीरो सर्वे में मददगार होगी।

जानकारी के अनुसार, पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने खसरे का पता लगाने के लिए एक स्वदेशी खसरा रोधी आईजीएम एलिसा परीक्षण विकसित किया है। इंसानों के सीरम में मौजूद एंटीबॉडी से बीमारी के फैलाव का आकलन किया जा सकता है।

एनआईवी के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि खसरे के वायरस से फॉर्मेलिन निष्क्रिय एंटीजन का उपयोग करके यह तकनीक विकसित की है जिसका इस्तेमाल मरीज की त्वचा पर दाने दिखाई देने के बाद भी की जा सकती है। उन्होंने बताया कि सरकार ने राष्ट्रीय खसरा और रूबेला उन्मूलन मिशन के तहत 2026 तक खसरा के मामले प्रति 10 लाख की आबादी पर एक से नीचे ले जाने का लक्ष्य रखा है जो मौजूदा समय में करीब चार है।

डब्ल्यूएचओ भी गंभीर
नवंबर 2023 में जारी रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने जानकारी दी है कि साल 2022 में भारत में अनुमानित 11 लाख बच्चों को खसरे के टीके की पहली खुराक नहीं मिली जिससे भारत उन 10 देशों में शामिल हो गया, जहां महामारी के बाद भी खसरे के टीकाकरण में सबसे ज्यादा अंतर है।

एक से छह हजार में उपलब्ध
बाजार में यह जांच किट एक से लेकर छह हजार रुपये तक में उपलब्ध है। आगामी दिनों में आईसीएमआर की यह किट 200 से 250 रुपये तक में मिल सकती है। दरअसल खसरा संक्रमण छोटे बच्चों के लिए गंभीर और घातक भी हो सकता है। आईसीएमआर ने जांच किट के उत्पादन को लेकर देश के निजी कंपनियों से आवेदन मांगा है। कानूनी तौर पर एमओयू होने के बाद किट के परीक्षण में एनआईवी वैज्ञानिकों की टीम सहायता करेगी। यह प्रक्रिया दो चरणों में होगी जिसकी पूरी जानकारी आईसीएमआर ने आवेदन के साथ उपलब्ध कराई है।

‘सिल्क रूट की तरह गेम चेंजर होगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’, प्रधानममंत्री मोदी बोले

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) रेशम मार्ग (सिल्क रूट) की तरह एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगा। आईएमईसी के लिए पिछले साल भारत की मेजबानी में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक समझौता हुआ था।

एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने आईएमईसी को लेकर कहा, ‘खाड़ी देशों ने सकारात्मक भूमिका निभाई है। अमेरिका और यूरोप ने भी इस पर भारत का समर्थन किया है। G20 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हाथ मिलाने की तस्वीरों ने विश्व स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने कहा, जब हम वैश्विक भलाई के लिए काम करते हैं, तो कोई अगर-मगर की बात नहीं होती।

आप दुनिया को अपने साथ ले सकते हैं और मेरी यही कोशिश थी। आप मुझे बताएं कि G8 और G20 का जन्म कैसे हुआ। जिन मुद्दों के लिए इनका गठन किया गया है, हमें उन मुद्दों से कभी भटकना नहीं चाहिए। मैंने हर किसी को आश्वस्त किया। कुछ लोगों के साथ मुझे निजी तौर पर बात करने की जरूरत थी। मैंने वैसा ही किया। दूसरी बात, मेरा इरादा ये था कि मैं आखिरी सत्र में प्रस्ताव नहीं लाऊंगा। मैं इसे इतनी जल्दी करूंगा कि लोग हैरान हो जाएंगे। इसलिए मैंने दूसरे दिन की घोषणा का काम पहले दिन ही पूरा कर लिया। यह मेरी रणनीति थी और वह रणनीति काम कर गई।’

बाइडन और मोहम्मद बिन सलमान के हाथ मिलाने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि उनकी दोनों नेताओं से मित्रता है। उन्होंने कहा, हमने आईएमईसी पर काम किया है, जो सिल्क रूट की तरह एक बड़ा गेम चेंजर होने जा रहा है। खाड़ी देशों की सकारात्मक और सक्रिय भूमिका थी। भारत को अच्छी भूमिका निभाने का मौका मिला। अमेरिका और यूरोप हमारे साथ थे। सभी ने सोचा कि एक ठोस और सकारात्मक परिणाम होगा।

इसलिए हम उस पर मिलते थे। पीएम ने आगे कहा, इसलिए सऊदी किंग और राष्ट्रपति बाइडन को एक साथ लाने का अवसर था और मेरी दोनों के साथ अच्छी दोस्ती है। पिछले साल सितंबर में नई दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान आईएमईसी के लिए भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।

कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक? कितनी मात्रा में इसकी जरूरत, जानिए सबकुछ

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आहार पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत होती है। विशेषज्ञ कहते हैं, हम जो कुछ भी खाते हैं उसका शरीर पर सीधा असर होता है। यही कारण है कि विशेषज्ञ सभी लोगों को रंग-बिरंगी सब्जियों से भरपूर आहार खाने की सलाह देते हैं। अक्सर हम सभी आहार की पौष्टिकता के लिए विटामिन्स-प्रोटीन का तो ध्यान रखते हैं पर कुछ आवश्यक पोषक तत्वों को लेकर लोगों के मन में अवैज्ञानिक धारणाएं बनी हुई हैं- कार्बोहाइड्रेट उनमें से एक है।

क्या आप जानते हैं कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जिस तरह से हमें तमाम प्रकार के विटामिन्स-प्रोटीन की आवश्यकता होती है उसी तरह से कार्बोहाइड्रेट भी हमारे लिए आवश्यक है। कार्बोहाइड्रेट को अक्सर सेहत के लिए खराब माना जाता है, खासकर जब वजन को नियंत्रित रखने की आती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आहार से इसकी मात्रा को अगर बिल्कुल कम कर दिया जाए तो इसके कई प्रकार के नुकसान भी हो सकते हैं।

शरीर के लिए जरूरी मैक्रोन्यूट्रिएंट है कार्बोहाइड्रेट

आहार विशेषज्ञ मीनल ने सोशल मीडिया पोस्ट में जिक्र किया- शरीर को अच्छे से काम करने के लिए कार्ब्स की जरूरत होती है। शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए ये बहुत आवश्यक है। कार्ब्स एक प्रकार का मैक्रोन्यूट्रिएंट है जो कई खाद्य और पेय पदार्थों में पाया जाता है। अधिकांश कार्ब्स प्राकृतिक रूप से पौधे पर आधारित खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं, जो सामान्यत: लाभकारी होते हैं। पर अगर आप प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों या ऐडेड शुगर से कार्ब्स ले रहे हैं तो इसके कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।

रोजाना कितनी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट की जरूरत?

अमेरिकी आहार गाइडलाइंस के मुताबिक आपको अपने दैनिक कैलोरी का 45%-65 प्रतिशत हिस्सा कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त करना चाहिए। यदि आप प्रतिदिन 2,000 कैलोरी लेते हैं तो 900 से 1,300 कैलोरी कार्बोहाइड्रेट से लेनी चाहिए। इसका मतलब है प्रतिदिन 225-325 ग्राम कार्ब्स हमारी सेहत के लिए जरूरी है।

कार्बोहाइड्रेट और इससे होने वाले फायदे

कार्बोहाइड्रेट कई कारणों से आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। कार्बोहाइड्रेट शरीर का मुख्य ईंधन स्रोत है, इसके मेटाबॉलिज्म प्रक्रियाओं से प्राप्त ग्लूकोज का उपयोग शरीर ऊर्जा के लिए करता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों के साथ अगर आप फाइबर को आहार का हिस्सा बनाते हैं तो ये संतुलन आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। शरीर को ऊर्जा देने के साथ पाचन और हृदय की सेहत को ठीक रखने में भी इससे लाभ पाया जा सकता है।

बालों को ‘हाइलाइट’ कराने का है मन तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना बिगड़ जाएगा लुक

आज के समय में बालों को हाइलाइट कराना हर किसी की पसंद बनता जा रहा है। चाहे पुरुष हो या महिला, हर कोई अपने बालों को अलग-अलग रंगों से हाइलाइट कराना पसंद करता है। लोग स्टाइलिश दिखने के लिए हाइलाइट का इस्तेमाल करते हैं। बालों को अलग रंग से हाइलाइट कराने पर ना सिर्फ लुक बदल जाता है, साथ ही इससे आपकी पर्सनेलिटी में भी बदलाव होता है। हाइलाइट्स की वजह से बालों में अतिरिक्त चमक भी आ जाती है।

वैसे तो जो भी हाइलाइट कराता है वो पहले इसे बारे में सही से पता करता है, लेकिन बहुत से लोगों को समझ नहीं आता कि वो किस तरह से बालों को हाइलाइट कराएं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बताएंगे, जिनका ध्यान आपको हाइलाइट कराते वक्त और कराने के बाद भी रखना है। अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो हो सकता है कि आपका लुक बिगड़ जाए।

सही से करें रंगों का चयन

बालों में हाइलाइट कराते वक्त रंग का चयन ध्यान से करें। हाइलाइट कराने से पहले अपने स्किन टोन का भी ध्यान रखें क्योंकि बालों के रंग में बदलाव की वजह से या तो आपका लुक काफी बेहतर हो जाएगा या हो सकता है कि बिगड़ जाए। ऐसे में रंग का चयन करते वक्त स्किन टोन और मौसम दोनों का ख्याल रखें।

सोच समझ कर करें जगह का चुनाव

यहां बात बालों की हो रही है, ऐसे में हाइलाइट उसी जगह कराएं, जहां आपको प्रोफेशनल आपके बालों को मैनेज करें। अगर आप किसी ऐसी-वैसी जगह पर हाइलाइट कराएंगे तो हो सकता है कि आपके बाल डैमेज हो जाएं। इसी के चलते बाल वहीं से हाइलाइट कराएं, जहां प्रोफेशनल मौजूद हों।

कई रंगों से रहें दूर

बहुत से लोग एक साथ दो-तीन रंगों से बालों को हाइलाइट कराते हैं। वैसे तो कई लोगों पर ये लुक अच्छा लगता है लेकिन फिर भी हाइलाइट कराते वक्त ध्यान रखें कि अगर आप कई रंगों का इस्तेमाल करेंगे तो इससे आपका लुक बिगड़ सकता है क्योंकि ये हर किसी पर नहीं जचता। इसके साथ ही अलग-अलग रंगों की वजह से कई केमिकल आपके बालों में जाएंगे, जिससे बाल खराब हो सकते हैं।

करना होगा अच्छे शैंपू और कंडीशनर का इस्तेमाल

ध्यान रखें कि अगर आप एक बार बालों को हाइलाइट करा लेंगे तो आपको सल्फेट वाले शैंपू से दूर रहना होगा। हाइलाइट कराने के बाद हमेशा अच्छी क्वालिटी के शैंपू और कंडीशनर का इस्तेमाल करें।

क्या बिना दवाओं के भी कोलेस्ट्रॉल को रखा जा सकता है कंट्रोल? क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ

कोलेस्ट्रॉल बढ़ने को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। कोलेस्ट्रॉल मोमयुक्त पदार्थ होता है जो रक्त वाहिकाओं में जमा होकर खून के प्रवाह को बाधित कर सकता है। जिन लोगों के रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा हुआ रहता है उनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर और जानलेवा समस्याओं का खतरा अधिक हो सकता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल, विशेष रूप से बैड कोलेस्ट्रॉल को हृदय रोगों के लिए महत्वपूर्ण जोखिम कारक माना जाता है। जिन लोगों को कोलेस्ट्रॉल की समस्या रहती है उन्हें इसे कंट्रोल में रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। क्या बिना दवाओं के प्राकृतिक तरीके से भी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है? आइए इस बारे में जानते हैं।

कोलेस्ट्रॉल को रखें नियंत्रित

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित बनाए रखने के लिए आहार और लाइफस्टाइल दोनों को ठीक रखना जरूरी है। जीवनशैली के कारक जैसे संतृप्त-ट्रांस वसा से भरपूर आहार, व्यायाम की कमी, मोटापा और धूम्रपान जैसी आदतें हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकती हैं। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने के लिए इनसे दूरी बनाकर रखना जरूरी है। इसके अलावा कुछ प्राकृतिक तरीकों की मदद से भी कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकने में मदद मिल सकती है। आइए इस बारे में जानते हैं।

आहार को ठीक रखना जरूरी

फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा से भरपूर आहार से शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा रेड मीट, फुल फैट वाले डेयरी उत्पाद और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखा जा सकता है। असंतृप्त वसा जैसे एवोकाडो, नट्स, सीड्स और वसायुक्त मछलियां न केवल कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखती हैं साथ ही इससे हृदय को स्वस्थ रखने में भी मदद मिल सकती है।

फाइबर वाली चीजों का करें सेवन

आहार में फाइबर वाली चीजों की मात्रा संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद मानी जाती है इससे कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित रहता है। घुलनशील फाइबर रक्तप्रवाह में इसके अवशोषण को कम करके बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। अपने आहार में घुलनशील फाइबर वाले खाद्य पदार्थ जैसे जई, जौ, बीन्स, फल (जैसे सेब, संतरे और जामुन) और सब्जियां (स्प्राउट्स और गाजर) शामिल करें।

वजन को कंट्रोल रखना जरूरी

अधिक वजन या मोटापा होने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। संतुलित आहार के सेवन के साथ नियमित शारीरिक गतिविधि करके वजन को कंट्रोल में रखा जा सकता है। वजन में कुछ किलोग्राम की भी कमी करने से भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए वजन को नियंत्रित रखना जरूरी है।

ये संकेत बताएंगे कि आपका पार्टनर सच में आपसे प्यार करता है या नहीं ?

आज के समय में लोगों को अपने रिश्तों पर भरोसा ही नहीं रह गया है, जिस वजह से छोटी-छोटी बातों पर कपल्स में लड़ाई-झगड़ा होना बेहद आम बात है। कई बार तो ऐसा होता है कि ये झगड़े काफी बढ़ जाते हैं, जिनकी वजह से रिश्ता टूटने तक की नौबत आ जाती है। जब कोई रिश्ता टूटता है तो उसकी वजह से सिर्फ दो लोगों को नहीं बल्कि उनके पूरे परिवार को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

ज्यादा लड़ाईयों की वजह से कई बार मन में ये सवाल आने लगते हैं कि क्या सच में मेरा पार्टनर मुझसे प्यार करता है या नहीं ? इन बातों की वजह से लोग काफी परेशान रहते हैं। अगर आप भी इन्हीं सवालों से जूझ रहे हैं, तो ये लेख आपके लिए है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताएंगे, जो ये बताएंगे कि आपका पार्टनर आपसे सच में प्यार करता है या नहीं।

बात छिपाने की आदत न हो

एक रिश्ता तभी मजबूत बनता है, जब आपका पार्टनर आपसे कोई बात न छिपाए। हर रिश्ते में ईमानदारी काफी जरूरी होती है। ऐसे में ध्यान दें कि क्या आपका पार्टनर आपसे बातें छिपाता है। अगर नहीं तो आपका पार्टनर बेस्ट है।

करता है सपोर्ट

अगर आपका पार्टनर आपके हर छोटे-बड़े फैसले में आपका साथ देता है तो इसका मतलब साफ है कि वो आपकी इज्जत करता है। इज्जत वहीं होती है, जहां प्यार होता है। प्यार करने वाला व्यक्ति हमेशा अपने पार्टनर के फैसले में उसका साथ देकर उसे सपोर्ट करेगा।

मुसीबत में हाथ नहीं छोड़ता

आज के समय में जब रिश्ते काफी कमजोर हो गए हैं, ऐसे में अगर आपका पार्टनर मुसीबत के वक्त आपका हाथ थामे रहता है, तो ये उसके बेपनाह प्यार का संकेत है। इससे ये पता लगता है कि आपके पार्टनर को आपकी परवाह है।

वादे करता है पूरे

अगर आपका पार्टनर अपनी कही हुई बातों को और वादों को याद रखता है और उन्हें पूरा करता है, इसका मतलब साफ है कि वो आपकी भावनाओं की परवाह करता है। इससे आपका रिश्ता और मजबूत होगा।

पॉप क्वीन मैडोना ने रचा इतिहास, गायिका को सुनने के लिए रियो डी जनेरियो में 16 लाख फैंस की जुटी भीड़

पॉप क्वीन मैडोना अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। कभी अपनी गायकी को लेकर तो कभी अपनी निजी जिंदगी को लेकर मैडोना चर्चा में बनी रहती हैं। इन दिनों वे अपने म्यूजिकल दौरे पर निकली हुई हैं। मैडोना इस दौरान दुनिया भर में अपने संगीत के कार्यक्रम को प्रस्तुत कर रही हैं। वहीं खबरों की मानें तो गायिका ने इस दौरे पर इतिहास रच दिया है।

रियो डी जनेरियो में रचा इतिहास
मैडोना 80 के दशक की सबसे मशहूर पॉप गायिका में से एक हैं। उन्होंने अपने करियर में अनगिनत हिट गाने दिए हैं। इन दिनों वे अपनी गायकी करियर के 40 वें साल को सेलिब्रेट करने के लिए दुनिया भर में परफॉर्म कर रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मैडोना ने अपने इस दौरे पर 16 लाख दर्शकों के सामने अपने संगीत के कार्यक्रम को पेश किया।

मुफ्त में किया कार्यक्रम
ऐसा कहा जाता है मैडोना सोलो टूरिंग के जरिए दुनिया में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली गायिका हैं। वे पिछले अक्टूबर से दुनिया भर में सैर कर रही हैं और अपने संगीतमय कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दे रही हैं। सूत्रों की मानें तो कल की रात उनके रियो डी जनेरियो दौरे की आखिरी रात थी। उन्होंने अपने प्रशंसकों के लिए यह शो मुफ्त में किया। जिसमें तकरीबन 16 लाख श्रोता शामिल हुए।

रियो डी जनेरियो को बताया जादुई जगह
मैडोना के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। उनके संगीत के करोड़ों लोग दीवाने हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो मैडोना ने एक बार अमेरिका में एक सोलो टूर के दौरान शो की टिकटों के जरिए करीब 9649 करोड़ रुपये की कमाई की थी। उन्होंने रियो में अपने शो की शुरुआत करते हुए कहा, ‘आज हम यहां दुनिया की सबसे खूबसूरत जगह पर हैं। यह एक जादुई जगह है’। इस शो के दौरान उन्होंने ‘नथिंग रियली मैटर्स’ और ‘लाइक अ वर्जिन’ जैसे गाने गाए।