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भाजपा ने रायबरेली सीट पर घोषित किया उम्मीदवार, दिनेश सिंह को दिया टिकट

रायबरेली: भाजपा ने गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली रायबरेली सीट पर उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। इस सीट पर पार्टी ने दिनेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है। दिनेश सिंह शुक्रवार को भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं के साथ नामांकन दाखिल करेंगे। बीते कुछ समय से कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा इस सीट पर वरुण गांधी को उतारकर कांग्रेस उम्मीदवार के सामने चुनौती खड़ी कर सकती है पर अब सब स्पष्ट हो गया है।

कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस इस सीट पर प्रियंका गांधी को मैदान में उतार सकती है। हालांकि, इसकी संभावना कम ही नजर आ रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना था कि भाजपा कांग्रेस उम्मीदवार को देखकर ही अपना प्रत्याशी घोषित करेगी पर भाजपा ने पहले ही प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है।

रायबरेली में पांचवे चरण में मतदान होना है। कल नामांकन का अंतिम दिन है। ऐसे में कहा जा रहा है कि देर शाम तक कांग्रेस प्रत्याशी की भी घोषणा हो सकती है। रायबरेली से दलित उम्मीदवार होने के भविष्य के फायदे भी बताए गए हैं। इस संबंध में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि जल्द ही सस्पेंस खत्म हो जाएगा। अभी दोनों सीट पर उम्मीदवार के नाम की अधिकृत सूचना नहीं मिली है। जो भी उम्मीदवार होगा, पार्टीका हर कार्यकर्ता उसके साथ रहेगा।

कैसरगंज सीट से बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कटा, भाजपा ने उनके बेटे करण पर जताया भरोसा

यूपी की चर्चित लोकसभा सीट कैसरगंज पर भाजपा के उम्मीदवार को लेकर बना सस्पेंस खत्म हो गया है। इस सीट से मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह चुनाव नहीं लड़ेंगे। भाजपा ने उनके छोटे बेटे करण भूषण को टिकट दिया है। इसका एलान कर दिया गया है।

इसके पहले, टिकट का आश्वासन मिलने के बाद करण भूषण ने अपने पिता व वर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह से आशीर्वाद लिया और उनके पैर छुए। आशीर्वाद लेने के दौरान बृजभूषण ने अपने समर्थकों से करण भूषण सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने की बात बताई और क्षेत्र में प्रचार करने की बात कही। करण भूषण शुक्रवार सुबह 11.00 बजे नामांकन दाखिल करेंगे।

कैसरगंज सीट पर बृजभूषण की मजबूत पकड़ है। ऐसे में पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा उनके किसी परिजन को टिकट दे सकती है। बृजभूषण खुद भी चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन महिला पहलवानों द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने से उनकी उम्मीदवारी खतरे में पड़ गई।

बीते दिनों सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने बयान दिया था कि कैसरगंज का नाम हिन्दुस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में महक रहा है। जहां तक टिकट की बात है तो हमारे क्षेत्र में कार्यकर्ता चैतन्य हैं, पार्टी चुप है। बरात सजी है, लेकिन दूल्हा गायब है। लेकिन मेरा दावा है कि यदि भाजपा हाईकमान एक घंटा पहले भी घोषित कर देगी तो बड़ी जीत के साथ दिल्ली पहुंचेंगे। उन्होंने कहा था कि प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व यहां के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का ख्याल जरूर रखेगा। भाजपा ने उन्हें तो नहीं लेकिन उनके बेटे को टिकट दे दिया।

कैसरगंज सीट पर नामांकन के लिए अंतिम तारीख 3 मई है। इस सीट में पांचवें चरण में मतदान होगा। पांचवें चरण में यूपी में मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा में मतदान होगा।

संदेशखाली मामले में हाईकोर्ट ने CBI जांच से जताई संतुष्टि, राज्य सरकार को सहयोग देने का निर्देश

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की घटना को लेकर खूब हंगामा हुआ था। कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली में महिलाओं पर हुए अत्याचार और जमीन कब्जाने के आरोपों की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। अब सीबीआई ने जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंप दी, जिस पर अदालत ने संतोष व्यक्त किया है।

एनएचआरसी को पक्षकार बनाने की अनुमति
प्रधान न्यायाधीश टी एस शिवागन्नम ने न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य के साथ सीबीआई की रिपोर्ट की समीक्षा की। इस दौरान अदालत ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को इस मामले में एक पक्ष के रूप में शामिल करने की अनुमति दे दी। वहीं, जानकारी को गोपनीय रखने की एजेंसी के अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया।

10 अप्रैल को दिए थे निर्देश
कलकत्ता हाईकोर्ट ने 10 अप्रैल को कोर्ट की निगरानी में संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध, जमीन कब्जाने जैसे आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। साथ ही दो मई को प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। इससे पहले, हाईकोर्ट ने संदेशखाली की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई थी। कहा था कि यह मामला बेहद शर्मनाक है। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करे। कोर्ट ने कहा था कि संदेशखाली मामले में जिला प्रशासन और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को मछली पालन के लिए कृषि भूमि को अवैध रूप से बदलने के संबंध में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, पीठ ने एनएचआरसी को मामले में पक्ष के रूप में शामिल होने की अनुमति दी। अदालत संदेशखाली में हुई घटनाओं के संबंध में स्वत: संज्ञान याचिका और अन्य जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

सीबीआई ने यह मांग की
वहीं, सीबीआई के वकील ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी को अपने समर्पित पोर्टल के माध्यम से संदेशखाली में अवैध भूमि कब्जाने से संबंधित लगभग 900 शिकायतें मिली हैं। उन्होंने तर्क दिया कि मूल भूमि रिपोर्ट तक पहुंचने में राज्य सरकार के सहयोग के बिना मामले में जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाना मुश्किल होगा। उन्होंने अदालत से राज्य के अधिकारियों को सहयोग के लिए निर्देश देने की मांग की।

सीबीआई के वकील की दलील सुनने के बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह सीबीआई को सभी आवश्यक सहयोग दें ताकि वह मामले में अपनी जांच को आगे बढ़ा सकें। अदालत ने कहा कि अगर कर्मचारियों की कमी है तो सक्षम प्राधिकार इस उद्देश्य के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती करेंगे और वे सीबीआई के साथ मिलकर काम करेंगे। वहीं, राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह एक सप्ताह के भीतर सीबीआई अधिकारियों द्वारा मांगे सभी दस्तावेज सरकार को सौंप दे।

अगली सुनवाई इस दिन
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 13 जून तय की है। साथ ही सीबीआई को आगे की प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। यह देखते हुए कि राज्य ने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक विशेष अनुमति याचिका दायर की थी, खंडपीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने कहा है कि अपील के लंबित रहने को चल रही जांच में किसी भी विराम के आधार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। पीठ ने निर्देश दिया कि इस अदालत द्वारा जारी आदेशों का ईमानदारी से पालन किया जाना चाहिए।

याचिकाकर्ताओं ने रखी यह दलील
याचिकाकर्ता और वकील प्रियंका टिबरेवाल ने दलील दी कि यौन उत्पीड़न की कुछ पीड़िताएं डर के कारण सच बोलने में संकोच कर रही थीं। इससे पहले उन्होंने कई सारी शिकायतें अदालत के सामने रखी थीं, जिनमें यौन हिंसा, भूमि हड़पने, हमले और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप शामिल थे।

पादरी की मौत मामले में हाईकोर्ट ने कहा- ‘जाओ फांसी लगा लो’, ऐसा कहना आत्महत्या के लिए उकसाना नहीं

कर्नाटक हाईकोर्ट ने चर्च के पादरी की मौत के मामले में अहम टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि केवल ऐसा कहना कि ‘जाओ फांसी लगा लो’, आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रयास नहीं माना जा सकता। अदालत में जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने विवादास्पद बयानों से जुड़े मामलों में आत्महत्या के लिए उकसाने की मंशा से जुड़े जटिल सवाल पर स्पष्ट किया कि जाओ फांसी लगा लो जैसा बयान फांसी के लिए उकसाने की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

गुस्से और हताशा में कहा- ‘जाओ फांसी लगा लो’; लेकिन…
तटीय कर्नाटक के इस मामले में याचिकाकर्ता पर आरोप है कि उसने उसकी पत्नी के साथ कथित संबंधों को लेकर पादरी से आक्रामक बहस की। खबर के मुताबिक पादरी के साथ आक्रामक बहस के दौरान उसने आवेश में पादरी से पीछा छुड़ाने के लिए ‘जाओ फांसी लगा लो’ जैसे कथन का इस्तेमाल कर डाला। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि पादरी ने केवल उनके मुवक्किल के कहने पर ही आत्महत्या जैसा कदम उठाया। ऐसा नहीं माना जा सकता। वकील ने अदालत से कहा कि ‘जाओ फांसी लगा लो’ जैसे कथन का इस्तेमाल बीवी के अफेयर की जानकारी मिलने पर गुस्से और हताशा के कारण हुआ।

बचाव पक्ष के वकील का विरोध कर क्या बोले पादरी के वकील
बचाव पक्ष ने अदालत में कहा कि पादरी इस बात से डरा हुआ था कि उसके प्रेम-प्रसंग की बात सार्वजनिक होते ही उसकी प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल जाएगी। इस कारण उसने मौत को गले लगाने जैसा खौफनाक कदम उठाया। न कि केवल उनके मुवक्किल के ‘जाओ फांसी लगा लो’ कहने पर। बचाव पक्ष का कड़ा विरोध करते हुए पादरी के वकील ने कहा कि उन्हें अफेयर का भंडाफोड़ कर बदनाम करने की धमकी भी दी गई। इस कारण उनके मुवक्किल को आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा।

कांग्रेस की स्पीकर से निलंबित विधायक को अयोग्य ठहराने की मांग, पार्टी उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार का आरोप

कांग्रेस ने असम विधानसभा से अपने निलंबित विधायक शर्मन अली अहमद को अयोग्य ठहराने की मांग करते हुए अधिकारियों को 167 पन्नों की एक शिकायत सौंपी है। पार्टी ने उनपर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार करने का आरोप लगाया है। बता दें कि यह दूसरी बार है, जब कांग्रेस ने शर्मन अली अहमद को अयोग्य ठहराने के लिए स्पीकर बिस्वजीत दैमारी से संपर्क किया।

विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता और धुबरी लोकसभा सीट से उम्मीदवार रकीबुल हुसैन ने कहा, “अहमद सीधे तौर पर पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ चीजें अपलोड की है। यह स्पष्ट तौर पर नियम का उल्लंघन है। हम स्पीकर से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।”

रकीबुल हुसैन ने एआईसीसी महासचिव और असम के प्रभारी, पृथ्वीराज साठे और अन्य नेताओं के साथ मिलकर विधानसभा सचिव दुलाल पेगु को शिकायत सौंपी। दरअसल, स्पीकर बिस्वजीत दैमारी शहर से बाहर थे।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “हमने स्पीकर से फोन पर बात की। उन्होंने हमें दुलाल पेगु को शिकायत सौंपने के लिए कहा। स्पीकर ने पेगु को इस मामले में तुरंत अपडेट देने के लिए भी कहा।” पृथ्वीराज साठे ने बताया कि 167 पन्नों की शिकायत दी गई है, उनमें ऐसे भी दस्तावेज हैं, जिनमें बताया गया है कि जब कभी विधायकों ने पार्टी व्हिप का अनादर किया तब उन्हें 24 घंटे के भीतर विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

अब स्पीकर की जिम्मेदारी है कि वह विधायक के खिलाफ कार्रवाई कर एक उदाहरण स्थापित करें। कांग्रेस ने स्पीकर से पहली बार 26 अप्रैल 2022 में पार्टी विधायक को अयोग्य ठहराने की मांग की थी। अहमद को 2021 में पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।

सरकार ने राज्यों से मांगी मदद, 1 जुलाई से लागू होने वाले नए आपराधिक कानूनों के लिए पुलिस को दें प्रशिक्षण

1 जुलाई से भारत देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू होने वाले हैं। गृह मंत्रालय ने पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिलाने के लिए सभी राज्यों से मदद मांगी है। ताकि सभी तक इसकी जानकारी पहुंच सके। देश के कानून में कुछ बदलाव किए हैं, 1 जुलाई को तीन नए कानून गृह मंत्रालय लागू कर रहा है। नए कानून हैं भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हैं, जो कि औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। इन नए कानूनों का उद्देश्य देश के नागरिकों को त्वरित न्याय देना है। साथ ही न्यायिक और अदालत प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करना है। नए कानून औपनिवेशिक विरासत से न्याय प्रणाली की दिशा में बदलाव है। भारत सरकार का प्रयास है कि आम जनता कि सभी रैंक के पुलिस और जेल अधिकारियों तक पहुंच बनाई जा सके।

गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक संदेश भेजा है। जिसमें यह कहा है कि कानून और न्याय में आसानी लाने के लिए आधुनिक समय और समसामयिक प्रौद्योगिकियों के साथ नए प्रावधानों के साथ आपराधिक कानूनों में शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य सहजता का युग लाना है। यह भी कहा कि देश में सकारात्मक बदलाव के बारे में उन्हें बताया जाए। नए प्रावधानों की बुनियादी जानकारी दी जाए। ताकि उन्हें ईमानदारी और आत्मविश्वास के साथ लागू किया जा सके। गृह मंत्रालय ने कहा कि पुलिस और जेल अधीक्षकों को नए कानून को लेकर प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) नए आपराधिक कानूनों के लिए पुलिस और जेल कर्मियों के प्रशिक्षण के मॉड्यूल भी तैयार किए हैं। इसके लिए इंटीग्रेटिड गवर्नमेंट ऑनलाइन ट्रेनिंग (आईजीओटी) पोर्टल को तैयार किया गया है। जिसके जरिए पुलिस और जेल कर्मचारियों को विस्तृत जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण मॉड्यूल को बीपीआर एंड डी ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे हैं। ताकि पुलिस प्रशिक्षण संस्थानो में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हो सकें। गृह मंत्रालय ने यह निर्देश दिए कि सभी को गहनता के साथ प्रशिक्षण दिया जाए ताकि देश के हर व्यक्ति को न्याय मिल सके।

मुश्किलें बढ़ने पर प्रज्ज्वल रेवन्ना के समर्थन में आए भाई सूरज, कहा- परिवार को कमजोर करने की साजिश

कर्नाटक में यौन शोषण के आरोप झेल रहे पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और जेडीएस नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। इस पर प्रज्ज्वल रेवन्ना के भाई और जेडीएस एमएलसी सूरज रेवन्ना ने प्रतिक्रिया दी है। सूरज रेवन्ना का कहना है कि यह केवल उनके परिवार को कमजोर करने की साजिश है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें प्रज्ज्वल के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सूरज रेवन्ना ने कहा कि उनके भाई और पिता एवं विधायक एचडी रेवन्ना को राजनीतिक तौर पर कमजोर करने की साजिश है। बता दें कि एचडी रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के बेटे, जबकि प्रज्ज्वल उनके (एचडी देवगौड़ा) पोते हैं।

सूरज रेवन्ना ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मामले को जांच के लिए सौंप दिया गया है। जो भी साबित होता, उसे पहले साबित होने देते हैं। इस पर मैं प्रतिक्रिया कैसे दे सकता हूं? मैरे पास प्रज्ज्वल रेवन्ना को लेकर कोई जानकारी नहीं है।” अपने पिता एचडी रेवन्ना पर दर्ज एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए सूरज रेवन्ना ने कहा, “एक हजार और एफआईआर लगाने दीजिए। जो साबित करना है वह आखिरकार साबित हो ही जएगा। हमारे जिले के लोग जानते हैं कि रेवन्ना क्या है। मुझे इसपर प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है।”

जेडीएस एमएलसी ने आगे कहा, “अगर आप हासन के की राजनीति की बारे में जनना चाहते हैं तो वहां रेवन्ना के अलावा कोई प्रतिस्पर्धी नहीं है। वहां उनके जैसी राजनीति करने वाला कोई नहीं है। उन्हें कमजोर करने के लिए यह साजिश रची जा रही है।”

यह है मामला
बता दें कि 33 वर्ष के प्रज्ज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा के पोते और विधायक व पूर्व मंत्री एचडी रेवन्ना के बेटे हैं। उनके खिलाफ कई महिलाओं के साथ यौन शोषण के आरोप लगाए गए हैं और कई इससे जुड़े कई वीडियो वायरल हो गए हैं। राज्य सरकार ने इस मामले में एसआईटी का गठन किया है। प्रज्ज्वल कर्नाटक की हासन लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां 26 अप्रैल को मतदान हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जैसे ही सांसद से जुड़े वीडियो सामने आने लगे, वह वोटिंग खत्म होने के बाद वह देश छोड़कर भाग गए।

बाहुबली क्राउन ऑफ ब्लड का ट्रेलर जारी, एसएस राजामौली के शो की रिलीज डेट का भी खुलासा

फिल्म निर्माता और निर्देशक एसएस राजामौली की बहुप्रतीक्षित एनिमेटेड वेब सीरीज ‘बाहुबली: क्राउन ऑफ ब्लड’ का धमाकेदार ट्रेलर आखिरकार रिलीज हो गया है। फैंस को इसका बेसब्री से इंतजार था। साथ ही सीरीज की रिलीज की तारीख से भी पर्दा उठ चुका है। यह रोमांचक घोषणा खुद निर्देशक एसएस राजामौली ने की है। उन्होंने इससे पहले सीरीज का टीजर जारी कर फैंस का उत्साह बढ़ाया था। अब उन्होंने इस उत्सुकता को चरम पर पहुंचा दिया है। ‘बाहुबली’ फिल्म के कलाकारों और निर्माता ने इस एनिमेडेड सीरीज को लेकर अपना उत्साह भी जाहिर किया।

‘बाहुबली’ भारत में सबसे अधिक पसंद की जाने वाली फैंटसी फ्रेंचाइजी में से एक है। यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि एक ब्रह्मांड है। बाहुबली की दुनिया में कई अनसुनी, अनदेखी और अनदेखी घटनाएं होती हैं। डिज्नी प्लस हॉटस्टार ने हॉटस्टार स्पेशल्स की फिल्म फ्रेंचाइजी ‘बाहुबली: क्राउन ऑफ ब्लड’ के प्रीक्वल की घोषणा की है, यह एक ऐसी कहानी है, जहां बाहुबली और भल्लालदेव महिष्मती के महान साम्राज्य और उसके सबसे बड़े खतरे, रहस्यमयी सरदार के खिलाफ सिंहासन की रक्षा के लिए रक्तदेव के रूप में हाथ मिलाएंगे। ग्राफिक इंडिया और अर्का मीडियावर्क्स प्रोडक्शन द्वारा निर्मित, बाहुबली: क्राउन ऑफ ब्लड दूरदर्शी एस.एस. राजामौली, शरद देवराजन और शोबू यारलागड्डा द्वारा निर्मित है। जीवन जे. कांग और नवीन जॉन द्वारा निर्देशित और निर्मित है। महाकाव्य गाथा दर्शकों को एक एनिमेटेड दुनिया में ले जाने का वादा करती है। बाहुबली में महाकाव्य साहसिक, भाईचारे, विश्वासघात, संघर्ष और वीरता की एक अनकही कहानी का अनुभव होगा। पावर-पैक एक्शन सीरीज 17 मई, 2024 से डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर स्ट्रीम होने के लिए तैयार है।

सफल बाहुबली फ्रेंचाइजी में बाहुबली की भूमिका निभाने वाले अभिनेता प्रभास ने कहा, ‘यह एक रोमांचक समय है कि बाहुबली और भल्लालदेव बाहुबली की यात्रा के इस अनदेखे अध्याय में एक साथ आने जा रहे हैं। बाहुबली: क्राउन ऑफ ब्लड एक अध्याय है, जो फिल्म फ्रेंचाइजी में कहानी से पहले घटित होता है। यह बहू और भल्ला के जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह अद्भुत है कि एस.एस. राजामौली, शरद देवराजन, डिज्नी प्लस हॉटस्टार, अर्का मीडियावर्क्स और ग्राफिक इंडिया इस कहानी को इस एनिमेटेड प्रारूप के माध्यम से दुनिया के सामने ला रहे हैं। मैं बाहुबली की यात्रा के इस नए अध्याय को देखने के लिए इंतजार नहीं कर सकता।’

बाहुबली: क्राउन ऑफ ब्लड के निर्माता और निर्माता एस.एस. राजामौली ने कहा, ‘बाहुबली की दुनिया बहुत विशाल है और फिल्म फ्रेंचाइजी इसका सटीक परिचय थी। हालांकि तलाशने के लिए और भी बहुत कुछ है और यहीं पर बाहुबली: क्राउन ऑफ ब्लड तस्वीर में आती है। यह कहानी पहली बार बाहुबली और भल्लालदेव के जीवन में कई अज्ञात मोड़ों को उजागर करेगी और लंबे समय से भुलाए गए एक काले रहस्य को उजागर करेगी, क्योंकि दोनों भाइयों को माहिष्मती को बचाना होगा। हम बाहुबली के प्रशंसकों के लिए इस नए अध्याय को पेश करके और इस कहानी को एनिमेटेड प्रारूप में लाकर बेहद खुश हैं, जो बाहुबली की दुनिया में एक नया, रोमांचक रूप लाता है। अर्का मीडियावर्क्स और मुझे शरद देवराजन, डिज्नी प्लस हॉटस्टार और ग्राफिक इंडिया के साथ सहयोग करके खुशी हो रही है, क्योंकि हम बच्चों से परे व्यापक दर्शकों के लिए भारतीय एनीमेशन को नया आकार दे रहे हैं।’

हंसल मेहता की सीरीज ‘गांधी’ में ‘हैरी पॉटर’ के अभिनेता की एंट्री, ये विदेशी कलाकार भी आएंगे नजर

हंसल मेहता की बहुप्रतीक्षित सीरीज ‘गांधी’ में मशहूर हॉलीवुड फिल्म ‘हैरी पॉटर’ के अभिनेता टॉम फेल्टन की एंट्री हो चुकी है। गुरुवार को फिल्म निर्माताओं ने इसकी आधिकारिक घोषणा की है। अभिनेता टॉम फेल्टन ‘हैरी पॉटर’ जैसी फिल्म में अपने अभिनय से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मशहूर हुए। ‘हैरी पॉटर’ फिल्म जे. के. रोलिंग की बेस्ट सेलिंग किताब की सीरीज पर आधारित है। भारत में भी ‘हैरी पॉटर’ के प्रशंसकों की बड़ी तादाद है। खासकर बच्चों में इस फिल्म को लेकर काफी उत्साह है।

ये अंतर्राष्ट्रीय कलाकार होंगे सीरीज का हिस्सा

हंसल मेहता ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर यह जानकारी साझा की। मेहता ने पोस्ट कर लिखा, ‘हमारी शूटिंग चल रही है। अंतर्राष्ट्रीय कलाकार टॉम फेल्टन, लिब्बी माई, मौली राइट, राल्फ एडेनियि, जेम्स मरे, लिंडन अलेक्जेंडर, जोनो डेविस, साइमन लेनन आदि के साथ काम कर के मैं बेहद रोमांचित हूं।’

रामचंद्र गुहा कि किताबों पर आधारित है सीरीज

इस सीरीज में ‘स्कैम 1992’ के अभिनेता प्रतीक गांधी महात्मा गांधी की भूमिका में नजर आएंगे। वहीं, भामिनी ओझा कस्तूरबा गांधी का किरदार निभाएंगी। यह किताब रामचंद्र गुहा की दो किताबों ‘गांधी बिफोर इंडिया’ और ‘गांधी: द इयर्स दैट चेंज्ड द वर्ल्ड’ पर आधारित है।

विदेश में भी हुई ‘गांधी’ की शूटिंग

‘गांधी’ सीरीज का निर्माण अंतर्राष्ट्रीय हो रहा है। सीरीज को भारत के कई स्थानों सहित विदेश के कई जगहों पर फिल्माया जा रहा है। सिद्धार्थ बसु ऐतिहासिक, तथ्यात्मक और रचनात्मक सलाहकार के रूप में इस परियोजना से जुड़े हुए हैं।

जनवरी में दिखाई थी शूटिंग की झलक

हंसल मेहता ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से शूटिंग की कुछ तस्वीरें भी साझा की थी। ये तस्वीरें उन्होंने इसी साल जनवरी में प्रशंसकों के साथ साझा की थी। एक तस्वीर में निर्माता कैमरे के साथ दिख रहे थे। बाकी तस्वीरों में शूटिंग के दौरान के दृश्य दिखाई पड़ रहे थे। सीरीज बनने की घोषणा के बाद से ही प्रशंसकों में इसे लेकर काफी उत्साह बना हुआ है।

200 वर्षों में करोड़ों लोगों को बीमारियों से बचाया, वैज्ञानिकों की अपील- गलत सूचनाओं पर भरोसा न करें

नई दिल्ली: विभिन्न टीकों की बदौलत बीते 200 साल में करोड़ों बच्चे और वयस्क बीमारियों से बचे हैं। भारत में हर साल नवजात शिशु और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण होता है, जिसका कवरेज साल 2023 में 81 फीसदी पहुंचा। लोगों के भरोसे से यह भी मुमकिन रहा कि भारत में कोरोना का टीकाकरण पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा 220 करोड़ रहा। एस्ट्राजेनेका के बयान के बाद कोरोना टीका को लेकर लोगों में घबराहट पर देश के वैज्ञानिक और डॉक्टरों ने टीके के दुष्प्रभावों के प्रति निश्चिंत रहने की बात कही है।

पहली खुराक के बाद जोखिम, दूसरी-तीसरी के बाद बहुत कम
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पूर्व संक्रामक रोग विभागाध्यक्ष डॉ. रमन आर गंगाखेड़कर का कहना है कि जिन्होंने कोरोना का टीका लिया है उन्हें किसी भी तरह का जोखिम नहीं है। सभी टीकों पर वैज्ञानिक परीक्षण हुए हैं। अगर किसी को टीके का दुष्प्रभाव होता है तो उसका जोखिम सबसे ज्यादा पहली खुराक के दौरान होता है। दूसरी या तीसरी खुराक में यह जोखिम बहुत कम होता है, क्योंकि तब तक शरीर को उस वायरस की आदत लग चुकी होती है। परीक्षण के दौरान ही टीके के सीमित दुष्प्रभावों के बारे में पता था। अब तीन साल बाद लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

चिकित्सा में जब भी दुष्प्रभावों की बात आती है तो सिर्फ टीके के बारे में चर्चा नहीं होनी चाहिए। किसी भी व्यक्ति या मरीज में टीका और दवा या फिर किसी इलाज का दुष्प्रभाव हो सकता है। यह लाभ बनाम जोखिम पर चर्चा आज कोई नई नहीं है। यह हमेशा से बहस का मुद्दा भी रहा है। हमेशा से लाभ ज्यादा हैं, दुष्प्रभाव कम। यदि किसी व्यक्ति को जोखिम से ज्यादा लाभ हो रहा है तो उस दवा या टीके का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। -डॉ. अरुण गुप्ता, दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष और बाल रोग विशेषज्ञ

अगर हम इस बात पर भरोसा करें कि कोरोना का टीका लगने की वजह से देश में हार्टअटैक बढ़ गया है तो लोगों को यह भी समझना चाहिए कि हार्टअटैक कोई नया नहीं है। कोरोना हमारे यहां 2020 में आया है, लेकिन हार्टअटैक के मामले सालों से है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) का आंकड़ा है कि 2019 में 28 हजार लोगों की हार्टअटैक से मौत हुई। यह आंकड़ा 2020 में 28,680 और 2021 में 28,449 रहा। -डॉ. समीरन पांडा, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पूर्व संक्रामक रोग विभागाध्यक्ष

जिन्हें कोविशील्ड टीका लगा, वे चिंतित न हों
डॉ. चंद्रकांत लहरिया का कहना है कि जिन लोगों ने कोविशील्ड की दो या फिर तीन खुराक ली हैं उन्हें चिंतित होने की जरूरत नहीं है। तरह-तरह की खबरों पर यकीन कर लोगों को लग रहा है कि कोरोना टीका की वजह से भारत में दिल के दौरे की घटनाएं बढ़ी हैं, जबकि वैज्ञानिक तथ्यों के आधार पर कहें तो ऐसी आशंका बहुत कम है। भारत में स्वतंत्र वैज्ञानिक अध्ययन में टीका और दिल के दौरे के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है। टीका से जुड़े कोई भी दुष्प्रभाव कुछ मिनट या दिन में पता चल जाते हैं। देश में अभी कोरोना काबू में है और टीकाकरण नहीं हो रहा है।