Thursday , October 24 2024

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बाह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले- आप महात्मा गांधी की मुराद को पूरा कर रहे हैं

आगरा में तीसरे चरण में होने वाले मतदान को लेकर सियासी पारा गर्माया हुआ है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बाह के जरार में जनसभा संबोधित करने पहुंच गए हैं। रक्षा मंत्री जैसे ही मंच पर पहुंचे तो फतेहपुर सीकरी प्रत्याशी राजकुमार चाहर और पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह ने बुकें भेंटकर स्वागत किया।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आपके बीच राजकुमार चाहर के लिए आया हूं। राजकुमार चाहर मेरे बहुत प्रिय लोगों में हैं। इनकी क्षमता और प्रतिभा से पार्टी प्रभावित हुई, इसलिए किसान मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व दिया। कई ऐसे दायित्व का निर्वहन मैं कर चुका हूं, इसलिए समय देना थोड़ा मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि ये धरती है अटल जी की, उनका विशेष आशीर्वाद मुझ पर रहा है। भारत ही नहीं वे दुनिया की बहुत ही सम्मानियत शख्सियत थे। आज उनके क्षेत्र में मैं यहां खड़े होकर बोल रहा हूं।

लालगंज से नीलम, दरोगा और आजमगढ़ से दिनेश व धर्मेंद्र ने किया नामांकन, पुलिस और प्रशासन रहा अलर्ट

आजमगढ़:  चुनावों में ऐसा कम ही होता है कि बड़े दल एक साथ एक ही दिन नामांकन के लिए उतर जाएं। वह भी मौका जब लोकसभा चुनाव का हो। बुधवार को लालगंज और आजमगढ़ लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी व समाजवादी पार्टी के चारो प्रत्याशियों ने अपना-अपना नामांकन दाखिल किया। सभी ने जमकर शक्ति प्रदर्शन भी किया। उधर, पुलिस व प्रशासन भी सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए हुए थे।

कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को नामांकन का घमासान रहा। टिकट की घोषणा में हुए विलंब और दलों की रणनीति का इत्तफाक कुछ ऐसा बैठा है कि भाजपा व सपा एक ही दिन नामांकन करने पहुंचे। आजमगढ़ लोकसभा सीट पर नामांकन के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ व समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव नामांकन करने पहुंचे। वहीं लालगंज लोकसभा सीट पर

भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी नीलम सोनकर व समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी दरोगा सरोज भी नामांकन करने पहुंचे। सभी प्रत्याशी अपने-अपने समर्थकों के साथ ही नामांकन करने जिला मुख्यालय आए थे। सभी दलों के रणनीतिकारों ने इस मौके को शक्ति प्रदर्शन के लिए मुफीद बनाया। पार्टियों के इस शक्ति प्रदर्शन के दौरान होने वाली गहमागहमी को सकुशल पार कराना प्रशासन के लिए भी चुनौती पूर्ण रहा।

अमेठी में हलचल तेज, राहुल गांधी के न लड़ने पर सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि भी आ सकते हैं मैदान में

अमेठी:  अमेठी से कांग्रेस उम्मीदवार की घोषणा जल्द ही हो सकती है। जिले में कांग्रेस कैंप में हलचल तेज हो गई है। सोनिया गांधी के सांसद प्रतिनिधि और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव किशोरी लाल शर्मा अमेठी पहुंच गए हैं। उम्मीद की जा रही है कि प्रत्याशी के नाम का एलान आज ही हो जाएगा।

बैठकों का दौर शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव न लड़ने की स्थिति में किशोरी लाल शर्मा भी इस सीट से उम्मीदवार हो सकते हैं। हालांकि, कांग्रेस के कार्यकर्ता राहुल गांधी को चुनाव लड़ाने की मांग कर रहे हैं।भाजपा की तरफ से पिछली बार की विजेता सांसद स्मृति ईरानी इस बार भी मैदान में हैं और राहुल गांधी पर जोरदार हमले भी कर रही हैं। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी की सीट रायबरेली से चुनाव लड़ सकते हैं।

दोनों ही सीटों पर पांचवे चरण में मतदान होना है जिसके लिए नामांकन की अंतिम तारीख 3 मई है।इससे पहले, अमेठी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी को लेकर निर्णय न होने से कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का धैर्य जवाब दे गया। दावेदार के नाम को लेकर चल रही उलझन के बीच मंगलवार की शाम को कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। कांग्रेसी ‘अमेठी मांगे गांधी परिवार, राहुल गांधी या प्रियंका गांधी’ का नारा लगा रहे थे। धरना दे रहे लोगों में कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल, प्रदेश महासचिव योगेंद्र मिश्र सहित अन्य कांग्रेसी शामिल रहे।

‘मोदी के परिवार का हिस्सा होना अपराधियों के लिए सुरक्षा की गारंटी’, प्रज्ज्वल को लेकर राहुल गांधी

कर्नाटक के राजनीति गलियारे में भूचाल आ गया है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और जेडीएस नेता प्रज्ज्वल रेवन्ना से जुड़े कई अश्लील वीडियो सामने आए हैं। इसी को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। अब प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। साथ ही पूछा कि क्या मोदी के ‘राजनीतिक परिवार’ का हिस्सा होना अपराधियों के लिए सुरक्षा की गारंटी है?

क्या है विवाद?
प्रज्ज्वल रेवन्ना वर्तमान में कर्नाटक की हासन से सांसद है। इस सीट पर उन्होंने 2019 में पहली बार जीत हासिल की थी। इससे पहले साल 2004 से 2019 तक एचडी देवेगौड़ा ने इस सीट से लगातार हासिल की थी। फिलहाल रेवन्ना हासन लोकसभा क्षेत्र से एनडीए के उम्मीदवार हैं। उनसे जुड़े अश्लील वीडियो 26 अप्रैल को हासन में हुए चुनाव से दो दिन पहले सामने आया था। 25 अप्रैल को महिला आयोग की अध्यक्ष ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से आपत्तिजनक वीडियो की एसआईटी जांच का आदेश देने का अनुरोध किया था। इसके बाद सरकार ने एसआईटी जांच का आदेश दिया था।

जेडीएस ने प्रज्ज्वल से दूरी बनाई
वहीं, पुलिस ने रविवार को प्रज्ज्वल रेवन्ना और उनके पिता एचडी रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न और आपराधिक धमकी के आरोपों के आधार पर मामला दर्ज किया है। प्रज्ज्वल पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा के पोते और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के भतीजे हैं। बढ़ते विवाद को देखकर भाजपा की सहयोगी जेडीएस ने प्रज्ज्वल से दूरी बना ली है। पार्टी ने प्रज्ज्वल को निलंबित कर दिया है।

‘किसी को बचाने का सवाल ही नहीं’, अमित शाह के बयान पर कर्नाटक के गृह मंत्री का पलटवार

कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने बुधवार को अपने एक बयान में कहा कि ‘कथित यौन उत्पीड़न मामले में किसी को बचाने का सवाल ही नहीं है।’ उन्होंने कहा कि कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है। दरअसल अमित शाह ने मंगलवार को कहा था कि यौन उत्पीड़न मामले में कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की? अमित शाह के इसी बयान पर जी परमेश्वर ने प्रतिक्रिया दी है।

एसआईटी कर रही जांच
पूर्व प्रधानमंत्री के पोते और विधायक एचडी रेवन्ना के बेटे प्रज्वल रेवन्ना पर महिलाओं के अश्लील वीडियो बनाने के मामले में शामिल होने का आरोप है। प्रज्वल मौजूदा लोकसभा चुनाव में कर्नाटक की हासन सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां बीते शुक्रवार को मतदान हुआ। कर्नाटक के गृह मंत्री ने बताया कि प्रज्वल रेवन्ना मामले की जांच के लिए बीती 28 अप्रैल को ही एसआईटी का गठन कर दिया गया था। एसआईटी ने मंगलवार को प्रज्वल रेवन्ना और उनके पिता एचडी रेवन्ना को नोटिस जारी किया है। यौन उत्पीड़न के मामले में जो शिकायत दर्ज हुई है, उसमें प्रज्वल रेवन्ना के साथ ही उनके पिता एचडी रेवन्ना का भी नाम है।

गृह मंत्री बोले- छोड़ेंगे नहीं
एसआईटी के नोटिस में प्रज्वल और एचडी रेवन्ना को एसआईटी के सामने पेश होने का आदेश दिया गया है। कर्नाटक के गृह मंत्री ने कहा कि ‘अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जांच चल रही है और सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया गया है। 24 घंटे के भीतर दोनों को एसआईटी के सामने पेश होना होगा, अगर दोनों पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।’ जी परमेश्वर ने कहा कि ‘हम कुछ नहीं कर रहे हैं, ये कहना गलत है। किसी को बचाने का सवाल ही नहीं है। कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है। इस मामले से कई लोगों का जीवन जुड़ा है, ऐसे में इस पर मनमाने तरीके से कार्रवाई नहीं की जा सकती।’

कर्नाटक CM का आरोप- देवेगौड़ा ने पोते को भगाया, PM को चिट्ठी लिख की पासपोर्ट रद्द करने की मांग

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने पोते को विदेश भगाने के लिए योजना बनाई है। प्रज्वल पर सेक्स स्कैंडल का आरोप लगा है, जिसकी जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर प्रज्वल का पासपोर्ट रद्द करने की मांग भी की है।

हासन से सांसद प्रज्वल रेवन्ना जो कि एक सेक्स स्कैंडल के प्रमुख आरोपी भी हैं, उनके जांच के दौरान विदेश जाने के बाद से कई सारी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। 26 अप्रैल को राज्य में पहले चरण का मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद वह विदेश भाग गए, कुछ लोगों का कहना है कि वे जर्मनी भाग गए हैं। इस पर हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने निशानसा साधते हुए कहा कि “विदेश यात्रा के लिए पासपोर्ट और वीज़ा कौन देता है? क्या वह केंद्र की जानकारी के बिना जा सकते है? यह पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ही थे जिन्होंने योजना बनाकर उन्हे विदेश भेजा।

दरअसल गृहमंत्री अमित शाह ने पिछली चुनावी रैली में आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने उन्हें भागने की इजाजत दी थी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना करते हुए पूछा कि अगर भाजपा “मातृ शक्ति” (महिला शक्ति) की समर्थक थी तो उनकी पार्टी ने अपने गठबंधन सहयोगी उम्मीदवार को टिकट क्यों दिया? जबकि भाजपा को पहले से ही इस वीडियो की जानकारी थी। फिर भी भाजपा ने इस पार्टी के साथ गठबंधन क्यों किया?

उन्होंने कहा कि डीके शिवकुमार का नाम भी इस मामले में घसीटा जा रहा है, जबकि उनका भी इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले जांच चल रही है, सब सच जल्द ही बाहर आ जाएग। उन्होंने कहा कि जांच पारदर्शी होगी और उनकी पार्टी एसआईटी जांच में हस्तक्षेप नहीं करेगी।

‘सिल्क रूट की तरह गेम चेंजर होगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’, प्रधानममंत्री मोदी बोले

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) रेशम मार्ग (सिल्क रूट) की तरह एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगा। आईएमईसी के लिए पिछले साल भारत की मेजबानी में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक समझौता हुआ था।

एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने आईएमईसी को लेकर कहा, ‘खाड़ी देशों ने सकारात्मक भूमिका निभाई है। अमेरिका और यूरोप ने भी इस पर भारत का समर्थन किया है। G20 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हाथ मिलाने की तस्वीरों ने विश्व स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने कहा, जब हम वैश्विक भलाई के लिए काम करते हैं, तो कोई अगर-मगर की बात नहीं होती। आप दुनिया को अपने साथ ले सकते हैं और मेरी यही कोशिश थी।

आप मुझे बताएं कि G8 और G20 का जन्म कैसे हुआ। जिन मुद्दों के लिए इनका गठन किया गया है, हमें उन मुद्दों से कभी भटकना नहीं चाहिए। मैंने हर किसी को आश्वस्त किया। कुछ लोगों के साथ मुझे निजी तौर पर बात करने की जरूरत थी। मैंने वैसा ही किया। दूसरी बात, मेरा इरादा ये था कि मैं आखिरी सत्र में प्रस्ताव नहीं लाऊंगा। मैं इसे इतनी जल्दी करूंगा कि लोग हैरान हो जाएंगे। इसलिए मैंने दूसरे दिन की घोषणा का काम पहले दिन ही पूरा कर लिया। यह मेरी रणनीति थी और वह रणनीति काम कर गई।’

बाइडन और मोहम्मद बिन सलमान के हाथ मिलाने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि उनकी दोनों नेताओं से मित्रता है। उन्होंने कहा, हमने आईएमईसी पर काम किया है, जो सिल्क रूट की तरह एक बड़ा गेम चेंजर होने जा रहा है। खाड़ी देशों की सकारात्मक और सक्रिय भूमिका थी। भारत को अच्छी भूमिका निभाने का मौका मिला। अमेरिका और यूरोप हमारे साथ थे।

सभी ने सोचा कि एक ठोस और सकारात्मक परिणाम होगा। इसलिए हम उस पर मिलते थे। पीएम ने आगे कहा, इसलिए सऊदी किंग और राष्ट्रपति बाइडन को एक साथ लाने का अवसर था और मेरी दोनों के साथ अच्छी दोस्ती है।पिछले साल सितंबर में नई दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान आईएमईसी के लिए भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।

कैंसर कारक इस रसायन के उपयोग पर लगा प्रतिबंध, शोधकर्ता बोले- लिवर कैंसर का बढ़ रहा था खतरा

हमारे दैनिक जीवन में प्रयोग में लाई जाने वाली कई चीजों के इस्तेमाल को गंभीर रोगों का कारक पाया गया है। अध्ययनों के मुताबिक बच्चों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डाइपर से लेकर, सनस्क्रीन और कुछ प्रकार की क्रीम में ऐसे हानिकारक तत्व हो सकते हैं जिनसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा रहता है। इसी तरह के मामले में वैज्ञानिकों ने बताया कि कुछ पेंट स्ट्रिपर में मेथिलीन क्लोराइड जैसे हानिकारक तत्व पाए गए हैं जिनके संपर्क को कैंसर के खतरे का कारण पाया गया है। अमेरिका की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) ने मंगलवार को मेथिलीन क्लोराइड के उपयोग को प्रंतिबंधित कर दिया है।

मेथिलीन क्लोराइड को पेंट स्ट्रिपर उत्पादों के रूप में कई देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है। अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि इससे लिवर कैंसर और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है। ईपीए ने कहा कि इस रसायन पर लगे प्रतिबंध से पेंट का काम करने वाले लोगों की जान बचाने में मदद मिलेगी।

हानिकारक तत्वों पर प्रतिबंध

गौरतलब है कि राष्ट्रपति जो बिडेन के प्रशासन द्वारा टॉक्सिक सब्सटांस कंट्रोल एक्ट के तहत मेथिलीन क्लोराइड पर प्रतिबंध लगाने की बात की गई थी। इससे पहले पिछले महीने ही क्लोरीन ब्लीच, ब्रेक पैड और अन्य उत्पादों में उपयोग किए जाने वाले एस्बेस्टस पर भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एस्बेस्टस के संपर्क में आने के कारण हर साल हजारों अमेरिकियों की मौत हो जाती थी।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

ईपीए के प्रशासक माइकल रेगन ने एक बयान में कहा, “मेथिलीन क्लोराइड के संपर्क ने देशभर में लंबे समय से कई परिवारों को तबाह कर दिया है, जिनमें कुछ ऐसे भी शामिल हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को काम पर जाते देखा और वो कभी घर नहीं आए। उन्होंने कहा, नया नियम असुरक्षित मेथिलीन क्लोराइड को समाप्त करता है साथ ही यह सुनिश्चित करता है कि इस खतरनाक रसायन से देश में किसी भी नागरिक को नुकसान न हो।

1 मई को ही क्यों मनाते हैं मजदूर दिवस? जानिए इस दिन का इतिहास और इस वर्ष की थीम

दुनियाभर में मई माह में मजदूर दिवस मनाया जाता है। श्रमिकों के लिए एक दिन समर्पित करने का बड़ा कारण है। मजदूर दिवस मनाने का महत्व विभिन्न देशों में अलग-अलग हो सकता है लेकिन यह एक संदेश देता है कि मजदूरों का योगदान समाज में महत्वपूर्ण है और उन्हें सम्मान व न्याय मिलना चाहिए।

मजदूर समाज की आधारभूत ढांचे को सुनिश्चित करते हैं। वे श्रम करके उत्पादन का संचालन करते हैं, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास संभव होता है। श्रमिकों का समाज में योगदान न केवल आर्थिक रूप से है, बल्कि उनके अधिकारों और सामाजिक स्थिति के मामले में भी महत्वपूर्ण है। श्रमिकों के सम्मान के साथ ही उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से इस दिन को मनाए जाने की शुरुआत हुई।

आइए जानते हैं कि मजदूरों के लिए यह दिन कब और कैसे समर्पित किया गया? पहली बार मजदूर दिवस मनाने की आवश्यकता क्यों महसूस की गई और इस दिन का इतिहास, महत्व व थीम क्या है।

मजदूर दिवस का इतिहास

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है। मजदूर दिवस पहली बार 1889 में मनाने का फैसला लिया गया। हालांकि इसकी शुरुआत 1886 से ही हो गई थी। इसे मनाने की आवाज अमेरिका के शिकागो शहर में बुलंद हुई, जब मजदूर सड़क पर उतर आए ।

क्यों मनाते हैं मजदूर दिवस?

1886 से पहले अमेरिका में आंदोलन शुरू हुआ, जिसमें मजदूरों ने अपने हक के लिए आवाज उठाते हुए हड़ताल शुरू की। आंदोलन की वजह मजदूरों की कार्य अवधि थी। उन दिनों मजदूर एक दिन में 15-15 घंटे कार्य करते थे। आंदोलन के दौरान पुलिस में मजदूरों पर गोलियां चलाईं, जिसमें कई श्रमिकों की जान चली गई और कई घायल हो गए।

मजदूरों की कार्य अवधि कम करने की मांग

घटना के तीन साल बाद 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें तय किया गया कि हर मजदूर की प्रतिदिन का कार्य अवधि 8 घंटे ही होगी। वहीं एक मई को मजदूर दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया। बाद में अमेरिकी मजदूरों की तरह ही दूसरे देशों में भी श्रमिकों के लिए 8 घंटे काम करने का नियम लागू कर दिया गया।

भारत में मजदूर दिवस

1 मई 1889 में अमेरिका के मजदूर दिवस मनाने के प्रस्ताव के 34 साल बाद भारत में मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत हुई। देश में मजदूर अत्याचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठी तो 1 मई 1923 में पहली बार चेन्नई में मजदूर दिवस मनाया गया। लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में मजदूर दिवस मनाने का ऐलान किया गया।

मजदूर दिवस की थीम

हर साल मजदूर दिवस की एक विशेष थीम निर्धारित होती है। मजदूर दिवस 2023 की थीम ‘सकारात्मक सुरक्षा और हेल्थ कल्चर के निर्माण के लिए मिलकर कार्य करना। इस वर्ष मजदूर दिवस 2024 का फोकस जलवायु परिवर्तन के बीच कार्यस्थल सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने पर है।

चेहरे की चमक बरकरार रखने में मदद करता है ये खास पेस्ट, जानें इसके फायदे

आज के समय में आपको बाजार में हर तरह के स्किन केयर प्रोडक्ट आसानी से मिल जाएंगे। इन प्रोडक्ट्स का जमकर प्रचार-प्रसार भी होता है। ऐसे में ज्यादातर महिलाएं और लड़कियां टीवी पर आने वाले एड को देखकर स्किन केयर प्रोडक्ट खरीदती हैं। कई बार तो वो अपने स्किन टाइप का भी ध्यान नहीं रखतीं, जिस वजह से स्किन केयर प्रोडक्ट त्वचा को लाभ पहुंचाने की बजाए नुकसान पहुंचाने लगता है।

ऐसे में अगर आप चाहते हैं, कि आपकी त्वचा इस भीषण गर्मी में भी खिली-खिली रहे तो इसके लिए केमिकल वाले प्रोडक्ट इस्तेमाल करने की बजाय आप दादी-नानी के नुस्खे अपना सकते हैं। आपने अक्सर अपने बड़ों को कहते सुना होगा कि बेसन और दही चेहरे के लिए काफी लाभदायक है। ऐसे में हम आपको इस लेख में दही और बेसन के इस्तेमाल का तरीका और इससे होने वाले लाभ के बारे में बताएंगे।

ऐसे करें इस्तेमाल

दही और बेसन चेहरे पर इस्तेमाल करना काफी आसान है। इसके लिए सबसे पहले एक कटोरी में दो चम्मच बेसन लेकर उसमें थोड़ा सा दही मिलाएं। अब इसे अच्छी तरह से मिक्स करके पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को अपने चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगाएं। जब ये हल्का सूख जाए तो अपने चेहरे को गीला करें और स्क्रब करते हुे इसे साफ कर लें। अब आखिर में ठंडे पानी से चेहरा साफ कर लें। ये पैक आपकी त्वचा की कई परेशानियों को दूर करने में मददगार है।

दाग-धब्बे करता है दूर

बेसन में पाए जाने वाले तत्व त्वचा को अंदर तक साफ करते हैं। इसके अलावा दही में जो तत्व पाए जाते हैं, उससे त्वचा की रंगत में निखार आता है। ऐसे में बेसन और दही आपकी त्वचा से दाग और धब्बे दूर करने का काम करता है।

टैनिंग करे दूर

गर्मी के मौसम में हर किसी से लिए टैनिंग सबसे बड़ी समस्या होती है। इसी के चलते इस मौसम में आप बेसन और दही की मदद से टैनिंग की परेशानी को दूर कर सकते हैं। इस पैक के इस्तेमाल से सनबर्न की परेशानी भी खत्म हो जाती है।

झुर्रियों से मिलेगा छुटकारा

इस पैक को अगर आप नियमित रूप से इस्तेमाल करेंगे तो ये त्वचा में कसाव लेकर आएगा, जिसकी वजह से कम उम्र में चेहरे पर आने वाली झुर्रियों से छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही इस पैक की वजह से आपकी स्किन टोन भी सुधरेगी।

नमी रहेगी बरकरार

दही त्वचा में नमी बरकरार रखने का काम करता है। अगर आपकी त्वचा काफी रूखी-सूखी है तो आप बेसन और दही का पैक अपने चेहरे पर लगा सकते हैं। इस पैक से आपकी त्वचा हाइड्रेट रहती है।