Thursday , October 24 2024

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रामलला के दर्शन करने आए दो श्रद्धालुओं की मौत, दो दिन में हुईं तीन घटनाएं, ट्रस्ट ने की ये अपील

भीषण गर्मी व प्रचंड धूप अब जानलेवा साबित हो रही है। दिन का तापमान 43 डिग्री तक पहुंच गया है। सोमवार को रामलला का दर्शन करने आए दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई। पहली घटना सुबह 11 बजे की है। दर्शन करने आई महिला श्रद्धालु राम जन्मभूमि परिसर में प्रसाद काउंटर के पास गिर कर बेहोश हो गई। सुरक्षाकर्मियों ने महिला को श्रीराम अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।

वहीं दूसरी घटना में दर्शन मार्ग पर एक 70 वर्षीय वृद्ध बेहोश हो गए। सुरक्षाकर्मियों ने इन्हें भी श्रीराम अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। राम जन्मभूमि थाना प्रभारी देवेंद्र पांडेय ने बताया कि महिला श्रद्धालु की उम्र 50 वर्ष बताई जा रही है। उसकी पहचान नहीं हो पाई है, उसके साथ कोई नहीं था। जबकि वृद्ध श्रद्धालु की पहचान वनवारी लाल निवासी राजस्थान के रूप में हुई है। परिजनों के कहने पर उनका शव बिना पीएम कराए ही सौंप दिया गया है। दो दिन में तीन श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।

ट्रस्ट की अपील-खाली पेट दर्शन करने न आएं
वहीं ट्रस्ट की ओर से भी श्रद्धालुओं से अपील की जा रही है कि खाली पेट दर्शन करने न आएं। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि दर्शनपथ पर लगे ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से श्रद्धालुओं को गर्मी से बचने की सलाह दी जा रही है। ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं को तेज धूप से बचाने के लिए दर्शन पथ पर कारपेट बिछाई गई है साथ ही जर्मन हैंगर लगाए हैं। दर्शन पथ पर कई स्थानों पर पेयजल की भी व्यवस्था की गई है। वृद्ध श्रद्धालुओं के लिए व्हील चेयर भी नि:शुल्क दिए जाते हैं।

लंदन की टिफिन सर्विस में दिखी मुंबई के डब्बेवालों जैसी व्यवस्था, आनंद महिंद्रा ने साझा किया वीडियो

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में डब्बावाला काफी मशहूर है। लंबे समय से मुंबई के विभिन्न इलाकों में खाना पहुंचाने का काम कर रहे ये अब इस शहर का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। इन डब्बेवालों के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा के संस्थापक आनंद महिंद्रा ने एक दिलचस्प वीडियो साझा किया। उनके पोस्ट में एक ट्विस्ट है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए बताया कि लंदन की एक कंपनी डब्बे में खाना भरकर बेच रही है। वीडियो के साथ आनंद महिंद्रा ने इसे उल्टा साम्राज्यवाद बताया है।

वीडियो साझा करते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा के संस्थापक ने अपने पोस्ट में लिखा, “उल्टा साम्राज्यवाद का बेहतर और स्वादिष्ट सबूत और कुछ नहीं है।” उनके इस वीडियो में लंदन की एक कंपनी को मुंबई के डब्बेवालों की प्रणाली अपनाते हुए देखा गया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ लोग डब्बे में खाना भरकर उसे साइकिल जैसे वाहन में रखकर विभिन्न इलाकों में पहुंचा रहे हैं।

यूजर्स ने दी प्रतिक्रिया
बता दें कि इस वीडियो को 28 अप्रैल को शेयर किया गया था। वीडियो को पोस्ट करने के बाद से इसे चार लाख से ज्यादा दर्शकों ने देखा है। इस वीडियो पर नौ हजार लाइक्स और कई सारे कमेंट्स भी किए गए हैं।

इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए एक यूजर ने कहा, “डब्बावाला एक कारण से केस स्टडी बन गया है।” एक दूसरे यूजर ने लिखा, “मुंबई के डब्बेवालों का सिस्टम अलग है। वे विभिन्न लोगों के घर से उनके खाने का डब्बा उठाते हैं और उनके दफ्तरों तक पहुंचाते हैं। यह कुछ फुड डिलीवरी एप जैसा है, जहां एक ही खाना विभिन्न लोगों को पहुंचाया जाता है।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “पश्चिम के लोग अभी तक लंच बॉक्स के आदी नहीं हुए हैं।”

केंट आरओ सिस्टम्स के CMD महेश गुप्ता बोले- चुनौतियों को अवसर बनाएं तो जरूर मिलेगी सफलता

वॉटर प्यूरीफायर बनाने वाली कंपनी केंट आरओ सिस्टम्स एक जाना-पहचाना नाम है। आज इसके पोर्टफोलियो में वॉटर सॉफ्टनर, किचन अप्लायंसेस, एयर प्यूरीफायर, वैक्यूम क्लीनर, हेल्दी कुकवेयर और होम एंड हाइजीन समेत कई उत्पाद हैं। करीब 1,200 करोड़ रुपये की कंपनी देश के साथ विदेश में भी अपने उत्पाद बेचती है। कंपनी के संस्थापक एवं सीएमडी डॉ. महेश गुप्ता से कालीचरण की बातचीत…

20,000 रुपये से शुरू हुई केंट आज करीब 1,200 करोड़ की कंपनी हो गई है। इस पड़ाव तक पहुंचने में चुनौतियां क्या आईं?
इस सफर में मुश्किलें तो आईं, लेकिन हमने उन्हें अवसर के रूप में देखा। पानी खराब था, यह मेरे लिए सबसे बड़ा अवसर था। अगर पानी खराब ही नहीं होता तो मैं इस बिजनेस में नहीं होता। दूसरा…पानी को शुद्ध बनाकर लोगों तक कैसे पहुंचाया जाए, इस पर अध्ययन ही नहीं हुआ। यह हमारे लिए एक और अवसर था। अगर मार्केट बहुत प्रतिस्पर्धी होता है, जहां चार-पांच कंपनियां पहले से हों तो वहां जगह बनाने में काफी समय लगता है। लेकिन, इस बिजनेस में ऐसा नहीं था और हमें खाली मैदान मिला। एक वातावरण मिला, जिसमें हम रिसर्च कर पाए। नई चीजें लेकर आए। इससे लोगों में कंपनी के प्रति भरोसा पैदा हुआ, जो कायम है।

कंपनी पहले वॉटर प्यूरीफायर बनाती थी। अब पोर्टफोलियो में कई उत्पाद हैं। आगे विस्तार की क्या योजनाएं हैं?
हमने जो भी उत्पाद बनाए, उसमें इनोवेशन व गुणवत्ता का ध्यान रखा गया। हार्ड पानी की समस्या थी, हम सॉफ्टनर लेकर आए। किचन अप्लायंसेस लेकर आए। वेजिटेबल क्लीनर लाए। हमारा मकसद लोगों को स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर उत्पाद मुहैया कराना था न कि सिर्फ लाभ कमाना। जहां तक विस्तार की बात है तो मेरा मानना है कि लोगों को वो सुविधाएं दी जाए, जो उन्हें नहीं मिलती है। हम अपने उत्पाद उनके सामने पेश करते रहेंगे। उन्हें पसंद आया तो हम भी विस्तार करते रहेंगे।

यूनिसेफ की रिपोर्ट, अफगानिस्तान की स्थिति नाजुक, बीमारी से जूझ रहे 2.37 करोड़ लोग, मानवीय मदद की जरूरत

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने अपनी एक रिपोर्ट के जारी करते हुए कि अफगानिस्तान में 12.3 मिलियन बच्चों के साथ-साथ 23.7 मिलियन लोगों को भी मदद की आवश्यकता है। इस साल में अब तक खसरे के 14,570 मामले सामने आ चुके है, जिसमें से 71 मौतें हो चुकी हैं।

अफगानिस्तान के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में जलवायु परिवर्तन, आर्थिक मंदी और बेरोजगारी के कारण लंबे समय से गरीबी बढ़ती जा रही है। बता दें कि यूनिसेफ ने मार्च में देश की मानवीय स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है, जिसमें अफगानिस्तान को मानवीय सहायता की आवश्यकता पर बात की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान 12.3 मिलियन बच्चों के साथ-साथ 23.7 मिलियन लोगों को मानवीय मदद की आवश्यकता है। स्थिति यहां तक बिगड़ी हुई है कि इस साल की शुरूआत से अब तक लगभग 71 मौतें दर्ज हुई हैं, वहीं 14,570 खसरे के मामले सामने आए हैं। बीमारों में 11,000 से अधिक बच्चे हैं, जिनकी उम्र 5 वर्ष से कम है। वहीं 6000 से अधिक महिलाएं इसका शिकार हुई हैं।

यूनिसेफ ने अपने मानवीय साझेदारों से अफगानिस्तान में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का आग्रह किया। रिपोर्ट के अनुसार 1.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर की सहायता से अफगानिस्तान के केवल 35 प्रतिशत बच्चों को ही सुरक्षित किया गया है।

बता दें कि सेव द चिल्ड्रन ने हाल ही में अफगानिस्तान के बच्चों की स्थिति पर चिंता व्यकत की है। अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन ने कहा कि पाकिस्तान से लौटने वाले 2,50,000 अफगान बच्चों को भोजन और आश्रय की कमी का सामना करना पड़ रहा है। 27 अप्रैल को विश्व खाद्य कार्यक्रम में बताया गया कि हर महीने छह मिलियन लोगों को भोजन के साथ-साथ नगद दिया जा रहा है।

दुबई में तैयार हो रहा दुनिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा, जानिए क्या-क्या होंगी खूबियां

दुबई में दुनिया के सबसे बड्डे हवाई अड्डे का काम शुरू हो चुका है। यह अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा वर्तमान में दुबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग पांच गुना बड़ा होगा। यही नहीं इसमें पांच रनवे की सुविधा भी होगी। इसके नए यात्री टर्मिनल को मंजूरी मिल चुकी है।

रविवार को यूएई के पीएम एचएच शेख मोहम्मद ने एक्स पर एक पोस्ट की। जिसमें उन्होंने बताया कि अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए यात्री टर्मिनल के डिजाइन को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही दुबई में 128 बिलियन की लागत से भवन का निर्माण शुरू कर दिया गया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा, जो कि वर्तमान हवाई अड्डे का पांच गुना होगा।

गले कुछ सालों में दुबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का सभी परिचालन अल मकतूम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वे “दुबई दक्षिण में हवाई अड्डे के आसपास” एक पूरे शहर का निर्माण कर रहे हैं। जो रसद और हवाई परिवहन क्षेत्रों में दुनिया की अग्रणी कंपनियों की मेजबानी करेगा। इसके अलावा दस लाख लोगों के लिए आवास की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए नई परियोजना तैयार कर रहे हैं। नई परियोजना हमारे बच्चों और उनके बच्चों के लिए निरंतर और स्थिर विकास सुनिश्चित करेगी। दुबई दुनिया का हवाई अड्डा, इसका बंदरगाह, इसका शहरी केंद्र और इसका नया वैश्विक केंद्र होगा।

वित्त मंत्रालय नहीं तो उप-प्रधानमंत्री बनाकर की भरपाई, नवाज के खास को शहबाज सरकार ने ऐसे किया खुश

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विदेश मंत्री इशाक डार को पाकिस्तान का उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो यह पहले से ही तय था कि उन्हें उप प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। पिछली दो सरकारों में डार के पास वित्त मंत्रालय का जिम्मा था लेकिन इस सरकार में उन्हें वित्त मंत्रालय नहीं दिया गया, जिस वजह से रविवार को उप प्रधानमंत्री बनाकर उनकी साख को बरकरार रखा गया।

नवाज शरीफ के चहेते हैं डार
बता दें, डार कश्मीरी मूल के नागरिक हैं। वे पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ नेता हैं। वह पार्टी प्रमुख और तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के विश्वासपात्र भी माने जाते हैं। पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज अपने विश्वासपात्र को सरकार में एक महत्वपूर्ण पद पर रखना चाहते थे, जिससे वित्त विभाग के नुकसान की भरपाई की जा सके। नवाज शरीफ और डार की नजदीकी का कारण सिर्फ राजनीतिक ही नहीं बल्कि पारिवारिक भी है। दरअसल, डार का बड़ा बेटा शरीफ का दमाद है। डार वर्तमान में प्रधानमंत्री शहबाज के साथ विश्व आर्थिक मंच की विशेष बैठक के लिए सऊदी अरब में हैं।

गठबंधन सरकार के गठन के समय ही तय हो गई थी नियुक्ति
पार्टी के अंदरूनी सूत्र ने दावा किया है कि डार को उप प्रधानमंत्री बनाने का कदम पूर्व नियोजित था। गठबंधन सरकार के गठन के दौरान ही यह तय हो गया था कि डार उप प्रधानमंत्री बनेंगे। हालांकि, दिलचस्प ये रहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने भी डार की नियुक्ति पर कोई सवाल नहीं खड़ा किया। पीपीपी के सूचना सचिव फैसल करीम कुंडी ने कहा कि उनकी पार्टी को उप प्रधानमंत्री के रूप में डार की नियुक्ति पर कोई आपत्ति नहीं है। डार को उपप्रधानमंत्री नियुक्त करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है।

इमरान खान की पार्टी ने जताया विरोध
इस बीच, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इस नियुक्ति पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि शहबाज शरीफ परिवार के भीतर ही प्रमुख राष्ट्रीय पद बांट रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के सूचना मामलों के विशेष सहायक बैरिस्टर मुहम्मद अली सैफ ने कहा कि संविधान में डिप्टी पीएम के पद का प्रावधान नहीं है। उन्होंने सरकार की निंदा करते हुए कहा कि लोगों के मुद्दों को हल करने के बजाय सरकार बड़े-बड़े पद देने में जुटी हुई है।

पहली कोरोना वैक्सीन तैयार करने वाले वैज्ञानिक पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप, चीन की संसद से किए गए बर्खास्त

चीन के जिस वैज्ञानिक ने कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 में COVID-19 वैक्सीन को तैयार किया था, उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर संसद से बर्खास्त कर दिया गया है। चीन के नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप की सहायक कंपनी चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप (सीएनबीजी) के अध्यक्ष यांग श्याओमिंग पर भ्रष्टाचार और कानून के उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं। इस वजह से नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) से उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई है। एनपीसी द्वारा इसे लेकर बयान जारी करते हुए कहा गया है कि यांग के खिलाफ पहले से ही पार्टी की अनुशासनात्मक समिति द्वारा जांच की जा रही थी।

चीन में चल रहा भ्रष्टाचार विरोधी अभियान
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा बीते कुछ वर्षों से पूरे देश में भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया जा रहा है और इस बीच यांग की बर्खास्तगी चीन के हेल्थ सेक्टर पर की गई सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार इस कार्रवाई का उद्देश्य स्वास्थ्य के क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना है। कार्रवाई के दौरान बीते वर्षों में चीन के कई अस्पतालों के प्रमुखों को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा सिनोफार्म के एक अन्य पूर्व वरिष्ठ अधिकारी झोउ बिन को भी जांच के दायरे में रखा गया है।

यांग ने ईजाद की थी पहली कोरोना वैक्सीन
62 वर्षीय यांग श्याओमिंग एक अनुभवी शोधकर्ता हैं, जिन्होंने उस टीम का नेतृत्व किया जिसने चीन की पहली कोरोनावायरस वैक्सीन बीबीआईबीपी-कोर्व को विकसित किया था। बाद में इस वैक्सीन के सामान्य उपयोग को मंजूरी दी गई थी। कोरोनावायरस का पहला मामला मार्च 2020 में चीन के वुहान शहर से सामने आया था और बाद में दुनिया भर में फैल गया था। इसके बाद इस बीमारी से दुनियाभर में कई लोगों की मौत हो गई थी। यांग की टीम द्वारा विकसित की गई कोविड-19 वैक्सीन को दिसंबर 2020 में सामान्य उपयोग के लिए मंजूरी दी गई थी।

स्कॉटलैंड के पहले मुस्लिम प्रथम मंत्री हमजा यूसुफ का इस्तीफा, पार्टी में हलचल; उत्तराधिकारी की तलाश तेज

मार्च 2023 में स्कॉटलैंड के पहले मुस्लिम प्रथम मंत्री के रूप में पदभार संभालने वाले पाकिस्तानी मूल के हमजा यूसुफ ने स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) के नेतृत्व वाली सरकार से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि पार्टी के अंदरखाने कई दिनों से उथल-पुथल चल रही थी। 39 वर्षीय यूसुफ ने बढ़ते नीतिगत मतभेदों के बीच पिछले सप्ताह स्कॉटिश ग्रीन पार्टी (एसजीपी) के साथ गठबंधन भी समाप्त कर दिया था। इस तरह से अल्पमत वाली एसएनपी सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।

मैं किसी के साथ सौदा नहीं कर सकता- हमजा यूसुफ
इससे पहले एसएनपी की सहयोगी एसजीपी ने विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर दो अविश्वास प्रस्तावों का समर्थन किया था। पहला अविश्वास प्रस्ताव यूसुफ के नेतृत्व को लेकर था जबकि दूसरा प्रस्ताव स्कॉटिश सरकार के संबंध में था। इसे लेकर हमजा यूसुफ का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर उनके पास भी विकल्प मौजूद था लेकिन उन्होंने वह रास्ता नहीं चुना। हमजा ने कहा कि मैं केवल सत्ता में रहने के लिए अपने मूल्यों और सिद्धांतों का व्यापार कर किसी के साथ सौदा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा काफी सोचने के बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि देश के लिए सबसे अच्छा क्या है।

मुझे जो अवसर मिला, उसके लिए आभारी हूं- हमजा यूसुफ
एडिनबर्ग के ब्यूट हाउस में दिए गए अपने भाषण में यूसुफ ने कहा कि मुझे दुख है कि मंत्री के रूप में मेरा कार्यकाल समाप्त हो रहा है, लेकिन नेतृत्व का जो अवसर मुझे मिला उसके लिए मैं बहुत आभारी हूं। उन्होंने अपने भाषण में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, लंदन के मेयर सादिक खान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब मैं छोटा था, तो मेरे जैसे दिखने वाले लोग राजनीति में प्रभावशाली पदों पर नहीं थे। अब हम ऐसे ब्रिटेन में रहते हैं जहां एक ब्रिटिश हिंदू प्रधानमंत्री और एक मुस्लिम मेयर भी हैं। यूसुफ ने कहा अब हम एक उत्तराधिकारी को कमान सौंपने की तैयारी करेंगे और मुझे पूरा यकीन है कि वह बेहतरीन काम करेंगे।

उत्तराधिकारी की तलाश जारी
यूसुफ अपने पद पर तब तक बने रहेंगे जब तक कि स्कॉटिश संसद में उनके स्थान पर प्रथम मंत्री का चयन नहीं हो जाता। यह स्कॉटिश नेशनल पार्टी (एसएनपी) के लिए उथल-पुथल का समय है। उधर विपक्षी दलों ने भी उनके इस्तीफे का स्वागत किया।

कनाडाई PM की मौजूदगी में खालिस्तान समर्थक नारेबाजी का भारत ने किया सख्त विरोध; उप उच्चायुक्त को किया तलब

नई दिल्ली : कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के सामने खालिस्तान समर्थित नारेबाजी पर भारत द्वारा सख्त विरोध दर्ज किया गया है। इसे लेकर भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा कनाडा के उप उच्चायुक्त को तलब किया गया है।

भारत ने किया सख्त विरोध
आयोजन में खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी को जारी रखने की अनुमति दिए जाने पर भारत सरकार की तरफ से गहरी चिंता जताई गई और इसका कड़ा विरोध किया गया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह दर्शाता है कि कनाडा में अलगाववाद, उग्रवाद और हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह भी कहा गया कि इस तरह की अभिव्यक्तियां एक तरफ भारत और कनाडा के बीच संबंधों को प्रभावित करती हैं, तो दूसरी तरफ कनाडा में हिंसा और अपराध के माहौल को भी बढ़ावा देती हैं।

पीएम ट्रूडो के सामने लगाए थे खालिस्तान समर्थित नारे
बता दें कि कनाडा के टोरंटो में खालसा दिवस मनाया गया, जिसमें काफी संख्या में सिख समुदाय के लोग एकत्र हुए थे। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ने कहा कि आपके अधिकारों की रक्षा के लिए हम मौजूद हैं। इस बीच लोगों ने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाने शुरू कर दिए थे।

भारत और कनाडा के संबंधों में खटास
भारत और कनाडा के बीच संबंध उस वक्त से खराब होने शुरू हुआ थे, जब कनाडा में हुए एक हमले का जिम्मेदार भारत को ठहराया। 18 जून 2023 को भारत द्वारा नामित आतंकवादी हरदीप सिंह को ब्रिटिश कोलंबिया में मार दिया गया था। पीएम ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि इसमें भारत सरकार का हाथ है, हालांकि भारत ने इस आरोप को खारिज कर दिया था। इसके बाद से दोनों देशों के संबंध में खटास आ गई थी।

रेलवे स्टेशनों पर खुले में रखा सामान बेचा तो खैर नहीं, पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई

वाराणसी: गर्मी को देखते हुए आईआरसीटीसी ने खाने की गुणवत्ता पर ध्यान देने को कहा है। रेलवे स्टेशन स्थितं खानपान स्टालों पर खुले में रखा सामान की बिक्री पर रोक लगा दी है। कैंट, काशी, सिटी स्टेशन और बनारस स्टेशन पर खानपान निरीक्षक समेत आईआरसीटीसी के पर्यवेक्षकों ने खानपान स्टाल संचालकों को हिदायत दी है कि खुले में कोई भी सामान बिक्री के लिए नहीं रखना है। अगर शिकायत मिली को कार्रवाई की जाएगी।

गर्मी के समय में लंबी दूरी की ट्रेनों की खाने की गुणवत्ता खराब हो जा रही है और वेंडर वही खाना यात्रियों को परोस रहे हैं। कई स्टेशनों पर आईआरसीटीसी के जरिये ऑनलाइन खाने का पैकेट भी कोच में चढ़ाया जाता है। ऑर्डर पर ट्रेन स्टेशन पहुंचने से पहले ही खाना बनकर तैयार रहता है। यदि ट्रेन लेट हुई तो फिर वही पैकेट बंद खाना यात्रियों को दो से चार घंटे बाद मिलता है। ऐसे में कई बार खाना खराब भी निकलता है। वहीं, कैटरिंग कंपनियों के वेंडर बिना मेडिकल के भी ट्रेनों में चढ़ जाते हैं।

कैंट रेलवे स्टेशन खानपान स्टालों पर सुबह का खाना शाम तक यात्रियों को बेचा जाता है। बासी सामान की शिकायत यात्री दर्ज कराते हैं। आईआरसीटीसी के सीआरएम अजीत सिन्हा ने बताया कि गर्मी को देखते हुए स्टाल संचालकों को सावधानी बरतने को कहा गया है। यात्रियों की शिकायत पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।