Thursday , October 24 2024

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राहुल के जातिगत आरक्षण खत्म करने के आरोपों पर बिफरे अमित शाह-मोहन भागवत, बोले- ये गुमराह करने की कोशिश

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जातिगत आरक्षण को लेकर दिए बयान पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि राहुल लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने यह लगाया आरोप
गौरतलब है, राहुल गांधी ने शनिवार को एक्स पर कहा था, ‘भाजपा नेताओं और नरेंद्र मोदी के करीबियों के बयानों से अब साफ हो गया है कि उनका उद्देश्य है संविधान बदल कर देश का लोकतंत्र तबाह कर देना और दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों का आरक्षण छीन कर देश चलाने में उनकी भागीदारी खत्म करना। लेकिन संविधान और आरक्षण की रक्षा के लिए कांग्रेस चट्टान की तरह भाजपा की राह में खड़ी है। जब तक कांग्रेस है वंचितों से उनका आरक्षण दुनिया की कोई ताकत नहीं छीन सकती।’

अमित शाह का पलटवार
अमित शाह ने पलटवार कर कहा, ‘राहुल गांधी निराधार झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। इस देश में 10 साल से भाजपा की सरकार चल रही है और दो बार पूर्ण बहुमत प्राप्त कर चुकी है। अगर भाजपा की मंशा आरक्षण को खत्म करने की होती तो अब तक हो चुकी होती। नरेंद्र मोदी ने पूरे देश के दलित, पिछड़े, आदिवासी भाई-बहनों को ये गारंटी दी है कि जब तक भाजपा है तब तक आरक्षण को कोई छू नहीं सकता।

शाह ने आगे कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने हमेशा एससी/एसटी और ओबीसी के आरक्षण पर हमला किया है। कर्नाटक में उनकी सरकार आई और चार प्रतिशत अल्पसंख्यक आरक्षण बनाया, किसका कोटा काट दिया गया? ओबीसी (आरक्षण) में कटौती की गई। आंध्र प्रदेश में उनकी सरकार आई, वहां भी उन्होंने पांच प्रतिशत अल्पसंख्यक आरक्षण किया। किसका कोटा काट दिया गया? ओबीसी (आरक्षण) में कटौती की गई। कांग्रेस ने हमेशा पिछड़े समाज का विरोध किया और आदिवासियों को न्याय दिलाने का काम कभी नहीं किया।’

कुछ लोग फर्जी वीडियो वायरल कर रहे: मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि संघ परिवार ने कुछ समूहों को दिए गए आरक्षण का कभी विरोध नहीं किया। संघ शुरू से ही संविधान के अनुसार सभी आरक्षणों का समर्थन करता रहा है। लेकिन कुछ लोग फर्जी वीडियो वायरल कर रहे हैं।

कर्नाटक में गरजे पीएम मोदी, कांग्रेस पर लगाया छत्रपति शिवाजी और रानी चिनम्मा का अपमान करने का आरोप

 बंगलूरू: तीसरे चरण के मतदान के शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के बेलगावी में चुनाव प्रचार किया। इस दौरान उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देशहित से इतना दूर हो चुकी है कि उसे देश की उपलब्धियां अच्छी नहीं लगती। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को भारत की उपलब्धियों पर शर्म आती है। हुबली हत्याकांड को लेकर भी पीएम मोदी ने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस पर कटाक्ष किया है। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर छत्रपति शिवाजी महाराज और रानी चिनम्मा का अपमान करने का आरोप भी लगाया है।

रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत जब मजबूत होता है तो हर भारतीय खुश होता है लेकिन कांग्रेस देशहित से इतना दूर हो चुकी है कि उसे देश की उपलब्धियां अच्छी नहीं लगती है। भारत की हर सफलता पर उन्हें शर्म आने लगी है। उन्होंने ईवीएम के बहाने पूरी दुनिया में भारत को बदनाम करने की कोशिश की।”

कांग्रेस पर पीएम मोदी ने साधा निशाना
पीएम मोदी ने बताया कि कांग्रेस मानसिक रूप से अंग्रेजों की गुलामी में ही जी रही थी। उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में भाजपा, एनडीए सरकार ने देश के नागरिकों की इज ऑफ लिविंग के लिए बहुत काम किया है। इसका बड़ा उदाहरण भारतीय न्याय संहिता है, कांग्रेस मानसिक रूप से अंग्रेजों की गुलामी में ही जी रही थी। अब भारत में न्याय संहिता में दंड को नहीं बल्कि न्याय देने को प्राथमिकता दी गई है।”

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस के शहजादे का कहना है कि भारत के राजा, महाराजा अत्याचारी थे। वे गरीबों की जमीन छीन लेते थे। कांग्रेस के शहजादे ने छत्रपति शिवाजी महाराज, रानी चिनम्मा का अपमान किया है। कांग्रेस के शहजादे का बयान सोच-समझकर वोट बैंक की राजनीति करने के लिए, तुष्टीकरण के लिए दिया गया बयान है।”

उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस के शहजादे को राजा, महाराजाओं का योगदान याद नहीं आता। वोट बैंक के लिए वे राजा, महाराजा के खिलाफ बोलते हैं लेकिन नवाबों, बादशाहों, सुल्तानों के खिलाफ उनमें एक शब्द बोलने की ताकत नहीं है। कांग्रेस की तुष्टीकरण की मानसिकता अब खुलकर देश के सामने आ रही है।”

हुबली हत्याकांड पर पीएम मोदी ने कांग्रेस को घेरा
हुबली में कांग्रेस पार्षद की बेटी की हत्या मामले में पीएम मोदी ने प्रतिक्रिया दी है। इस मामले में भी उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी को घेरा है। पीएम मोदी ने कहा, “हुबली में कॉलेज कैंपस में जो हुआ उसने देश में भूचाल ला दिया है, उस बेटी का परिवार कार्रवाई की मांग करता रहा लेकिन कांग्रेस की सरकार तुष्टीकरण के दबाव को ही प्राथमिकता देती है।”

भारत ने फिर दिखाई दरियादिली, पाकिस्तान की 19 साल की बेटी को दी नई जिंदगी; पढ़ें दिल छू लेने वाली कहानी

चेन्नई: पाकिस्तान और भारत के बीच के बिगड़े संबंध किसी से छिपे हुए नहीं है। पाकिस्तान हमेशा ही भारत के खिलाफ जगह उगलता रहता है, लेकिन फिर भी भारत दरियादिली दिखाने से पीछे नहीं हटता। ऐसा ही उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला। कराची की 19 साल की बेटी का भारत में सफल हृदय प्रत्यारोपण हुआ है। पाकिस्तानी लड़की को नया जीवन मिलने की दिल को छू लेने वाली कहानी इस बात की ओर ध्यान दिलाती है कि पड़ोसी देश में लोगों के सामने आने वाली किसी भी चुनौती के लिए सीमाओं को कैसे आसान बनाया जा सकता है।

चेन्नई में हुआ हृदय प्रत्यारोपण
कराची की रहने वाली आयशा रशन का चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर में हृदय प्रत्यारोपण सर्जरी हुई। इस साल 31 जनवरी को लड़की का हृदय प्रत्यारोपण हुआ। सभी प्रक्रियाओं के बाद उसे इस महीने छुट्टी दे दी गई।

14 साल की उम्र में आई थी भारत, फिर…
इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट एंड लंग ट्रांसप्लांट एंड मैकेनिकल सर्कुलेटरी सपोर्ट के कार्डियक साइंसेज डायरेक्टर के चेयरमैन डॉ. केआर बालाकृष्णन ने कहा कि आयशा पहली बार साल 2019 में उनके पास आई थी। तब उसकी उम्र 14 साल थी। उसे दिल से जुड़ी एक गंभीर बीमारी थी। उसकी वजह से वह बहुत बीमार हो गई थी और उसे दिल का दौरा पड़ा था। डॉ. बालाकृष्णन ने कहा, ‘दिल का दौरा पड़ने के बाद उसे सीपीआर देना पड़ा था। सांस आने पर उसे ईसीएमओ मशीन पर रखा था। हमने उस समय एक आर्टिफिशियल हृदय पंप लगाया था। अंततः वह ठीक हो गई और अपने देश वापस चली गई थी।’

उन्होंने आगे बताया कि कुछ ही सालों में वह फिर से बीमार हो गई। इसका एक वाल्व लीक होने लगा। उसके दिल के दाहिने हिस्से ने काम करना बंद सा कर दिया था। हालत इतनी खराब हो गई थी कि पाकिस्तान में उसका इलाज करना बहुत मुश्किल हो गया। वहीं, उसके भारत आने के लिए वीजा हासिल करने में बहुत मुश्किल हुई।

बालाकृष्णन ने कहा कि लड़की की मां एक सिंगल मदद है। उनके पास कोई पैसा या संसाधन नहीं था। हमें बार-बार अस्पताल में भर्ती होने सहित पूरे खर्चों का ध्यान रखना पड़ा। उन्होंने बताया कि 19 साल की आयशा की मदद के लिए चेन्नई का एक एनजीओ एश्वर्या ट्रस्ट सामने आया। वहीं प्रत्यारोपण मरीजों ने धन जुटाकर मदद की।

दिल्ली के बुजुर्ग का मिला दिल
डॉक्टर बालाकृष्ण ने बताया कि दिल्ली के एक ब्रेन डेड बुजुर्ग से हृदय मिलने के बाद ट्रांसप्लांट किया गया। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि कोई पैसा नहीं था। इलाज के लिए 30 से 40 लाख रुपये की जरूरत थी। उन्होंने आगे कहा कि अस्पताल प्राइवेट है। इसलिए हमें ट्रस्ट के माध्यम से, अपने स्वयं के संसाधनों और प्रत्यारोपण मरीजों के माध्यम से धन जुटाना पड़ा।इसलिए यह एक बड़ी चुनौती थी।

कोलकाता में टीएमसी के दो गुटों के बीच टकराव, पथराव में एक की मौत; भाजपा की महिला नेता पर हमला

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल में कोलकाता के बागुईआटी क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के दो गुटों के बीच आपसी झड़प में एक कार्यकर्ता की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि अर्जुनपुर पश्चिमपारा में शनिवार की रात में झड़प हुई। इस झड़प के दौरान दोनों गुटों के बीच पथराव भी हुआ। इस पथराव में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान संजीव दास उर्फ पोटला के तौर पर की गई है। पुलिस ने बताया कि संजय दास के खिलाफ आर्म्स एक्ट से जुड़े 11 मामले दर्ज थे।

इस घटना में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया कि फिलहाल मामले की जांच जारी है। मृतक के परिवार ने आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे स्थानीय पार्षद के लिए काम करने वाले टीएमसी कार्यकर्ताओं का हाथ है। उन्होंने दावा किया कि मृतक को रॉड से पीटा गया है।

एक अन्य घटना में भाजपा की एक महिला नेता ने दक्षिण कोलकाता के आनंनदपुर में टीएमसी कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। भाजपा नेता ने दावा किया कि उनपर धारदार हथियार से हमला किया गया है। उन्होंने बताया कि हमला तब हुआ जब वह पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी बैनर और पोस्टर लगा रही थी। बता दें कि कोलकाता में एक जून को मतदान होने वाला है।

‘अगर उन्होंने अपराध किया है तो कानून के तहत के कार्रवाई हो’, पूर्व CM कुमारस्वामी की टिप्पणी

हासन सासंद और जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना विवादों में बने हुए हैं। अश्लील टेप मामले में उनका नाम सामने आया है। इस पर जेडीएस के वरिष्ठ नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि अगर उन्होंने कानून के तहत अपराध किया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मैं जांच के तथ्यों के सामने आने का इंतजार कर रहा हूं। गौरतलब है कि प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बड़े बेटे एचडी रेवन्ना के बेटे हैं। रेवन्ना हासन लोकसभा सीट से भाजपा-जद(एस) गठबंधन के उम्मीदवार हैं।

अगर वे विदेश गए तो उन्हें वापस लाने की जिम्मेदारी जांच दल की
कुमारस्वामी ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एसआईटी जांच का आदेश दिया है। चाहे मैं हूं या फिर देवेगौड़ा हमने हमेशा महिलाओं के प्रति सम्मानपूर्वक व्यवहार किया है। जब भी कोई महिला अपनी पीड़ा लेकर हमारे पास आई है तो हमने हमेशा कार्रवाई की है। जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही मैं इसमें कोई प्रतिक्रिया दूंगा। प्रज्वल के विदेश जाने वाले सवाल पर कुमारस्वामी ने कहा कि मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। एसआईटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं तो अधिकारी काम कर रहे हैं। अगर वह विदेश में हैं तो उन्हें वापस लाना अधिकारियों का काम है।

एसआईटी जांच का स्वागत: पूर्व पीएम
मामले में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि मैं विशेष जांच दल के गठन के फैसले पर राज्य सरकार को दोषी नहीं ठहराउंगा। हम देखेंगे और तय करेंगे कि प्रज्वल रेवन्ना के मुद्दे पर क्या कार्रवाई की जानी चाहिए। फिलहाल मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि मैं एसआईटी जांच का स्वागत करता हूं।

भाजपा ने बनाई दूरी
एसआईटी जांच के आदेश के बाद भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता एस प्रकाश ने कहा कि एक पार्टी के तौर पर इस वीडियो से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। न ही जांच दल गठित करने के फैसले पर हमने कोई कोई टिप्पणी की है। भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता नरेंद्र रंगरप्पा से जब इन अश्लील वीडियो पर प्रतिक्रिया देने के लिए कहा गया, तो उन्होंने भी इस पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

आज लखनऊ आएंगे राजनाथ सिंह, कल करेंगे नामांकन, बदली रहेगी शहर की ट्रैफिक व्यवस्था

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज लखनऊ पहुंचेंगे। महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने बताया कि वे रात्रि 10:00 बजे अमौसी एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहां से वे कालिदास मार्ग स्थित आवास जाएंगे। सोमवार को सुबह 10 बजे पार्टी मुख्यालय पहुंचेंगे। 12:00 बजे वे कलेक्ट्रेट पहुंच कर नामांकन दाखिल करेंगे। सोमवार को पांच कालिदास मार्ग से हजरतगंज स्थित पार्टी मुख्यालय होते हुए कलेक्ट्रेट तक नामांकन जुलूस निकलेगा। इसे देखते हुए कई मार्गों पर यातायात बदला रहेगा।

ट्रैफिक में इस तरह होगा बदलाव
– चारबाग की तरफ से बड़ी गाड़ियां व बसें केकेसी से होकर कैंटोनमेंट की तरफ जाएंगी।
– बापू भवन चौराहे से कोई भी वाहन हजरतगंज की तरफ नहीं जा सकेगा। इसे सिसेंडी होते हुए डीएसओ चौराहा की तरफ या लालबाग होकर निकाला जाएगा। हजरतगंज से भी कोई भी वाहन बापू भवन की तरफ नहीं जा सकेगा।

– डालीगंज पुल तिराहा से कोई भी सामान्य वाहन सीडीआरआई से स्वास्थ्य भवन चौराहे की तरफ नहीं आ सकेगा। ट्रैफिक को डालीगंज पुल क्रॉस करके इक्का तांगा (नदवा) बंधे से होकर गुजारा जाएगा।
– सिकंदराबाद चौराहे से सामान्य यातायात हजरतगंज की तरफ नहीं आ सकेगा। वाहन फार्च्युन होटल चौराहे से होकर गंतव्य को जा सकेंगे।
– बसें 1090 चौराहा से चिरैया झील की तरफ से कैसरबाग बस अड्डे की तरफ नहीं जा सकेंगी। बसें बंदरिया बाग से कैंटोनमेंट होते हुए गंतव्य को जा सकेंगी।
– सुभाष व परिवर्तन चौराहे से सामान्य यातायात केडी सिंह बाबू स्टेडियम होते हुए हजरतगंज नहीं जा सकेगा। यातायात को एसबीआई कट हनुमान सेतु-चिरैया झील चौराहा होते हुए गुजारा जाएगा।
– सीएमओ कार्यालय चौराहे से कोई भी सामान्य यातायात चकबस्त चौराहे की तरफ नहीं जा सकेगा। यातायात कैसरबाग बस अड्डा चौराहा, अशोकलाट चौराहा अथवा रेजीडेंसी तिराहा, डालीबाग चौराहा होते हुए गंतव्य को जा सकेगा।
– सफेद बारादरी से कोई भी सामान्य यातायात चकबस्त चौराहा की तरफ नहीं जा सकेगा। अशोक लाट होते हुए जाना होगा।
– अशोक लाट चौराहे से कोई भी सामान्य यातायात परिवर्तन/सुभाष चौराहे की तरफ नहीं जा सकेगा। यह यातायात बांसमंडी, बर्लिंगटन व रायल होटल चौराहे से होकर गुजरेगा।

प्रज्वल रेवन्ना अश्लील वीडियो मामले में सरकार का एसआईटी बनाने का फैसला, सिद्धारमैया ने दी जानकारी

बंगलूरू: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ‘कहा कि प्रज्वल रेवन्ना के अश्लील वीडियो मामले में सरकार ने विशेष जांच दल बनाने का फैसला किया है। हासन जिले में अश्लील वीडियो क्लिप प्रसारित हो रही हैं, जिनमें ऐसा प्रतीत हो रहा है कि महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया गया है। इसको लेकर महिला आयोग की अध्यक्ष ने सरकार को पत्र लिखा था और एसआईटी बनाने की मांग की थी। यह फैसला उनके अनुरोध के जवाब में लिया गया है।

कौन हैं प्रज्वल रेवन्ना
प्रज्वल भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते हैं। वह कर्नाटक के पूर्व लोकस निर्माण विभाग मंत्री एचडी रेवन्ना के बेटे हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी उनके चाचा हैं। वह हासन से फिर से चुनावी मैदान में हैं। यह सीट उन्होंने पिछले आम चुनाव के दौरान जीती थी।

‘सिल्क रूट की तरह गेम चेंजर होगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा’, प्रधानममंत्री मोदी बोले

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) रेशम मार्ग (सिल्क रूट) की तरह एक बड़ा गेम चेंजर साबित होगा। आईएमईसी के लिए पिछले साल भारत की मेजबानी में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक समझौता हुआ था।

एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने आईएमईसी को लेकर कहा, ‘खाड़ी देशों ने सकारात्मक भूमिका निभाई है। अमेरिका और यूरोप ने भी इस पर भारत का समर्थन किया है। G20 में सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हाथ मिलाने की तस्वीरों ने विश्व स्तर पर सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने कहा, जब हम वैश्विक भलाई के लिए काम करते हैं, तो कोई अगर-मगर की बात नहीं होती। आप दुनिया को अपने साथ ले सकते हैं और मेरी यही कोशिश थी। आप मुझे बताएं कि G8 और G20 का जन्म कैसे हुआ। जिन मुद्दों के लिए इनका गठन किया गया है, हमें उन मुद्दों से कभी भटकना नहीं चाहिए। मैंने हर किसी को आश्वस्त किया। कुछ लोगों के साथ मुझे निजी तौर पर बात करने की जरूरत थी। मैंने वैसा ही किया। दूसरी बात, मेरा इरादा ये था कि मैं आखिरी सत्र में प्रस्ताव नहीं लाऊंगा। मैं इसे इतनी जल्दी करूंगा कि लोग हैरान हो जाएंगे। इसलिए मैंने दूसरे दिन की घोषणा का काम पहले दिन ही पूरा कर लिया। यह मेरी रणनीति थी और वह रणनीति काम कर गई।’

बाइडन और मोहम्मद बिन सलमान के हाथ मिलाने के सवाल पर पीएम मोदी ने कहा कि उनकी दोनों नेताओं से मित्रता है। उन्होंने कहा, हमने आईएमईसी पर काम किया है, जो सिल्क रूट की तरह एक बड़ा गेम चेंजर होने जा रहा है। खाड़ी देशों की सकारात्मक और सक्रिय भूमिका थी। भारत को अच्छी भूमिका निभाने का मौका मिला। अमेरिका और यूरोप हमारे साथ थे। सभी ने सोचा कि एक ठोस और सकारात्मक परिणाम होगा। इसलिए हम उस पर मिलते थे। पीएम ने आगे कहा, इसलिए सऊदी किंग और राष्ट्रपति बाइडन को एक साथ लाने का अवसर था और मेरी दोनों के साथ अच्छी दोस्ती है।

दुनिया में तेजी से बढ़ रही भुखमरी, महिलाएं-बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित, ये हैं मुख्य कारण

नई दिल्ली:  59 देशों के करीब 28.2 करोड़ लोगों ने 2023 में भीषण भूख का सामना किया। यह संख्या 2022 के मुकाबले 2.4 करोड़ अधिक है। ग्लोबल रिपोर्ट ऑन फूड क्राइसिस के अनुसार, भूखे रहने वालों में बच्चे और महिलाएं सबसे अधिक हैं। 32 देशों में पांच साल से कम उम्र के 3.6 करोड़ से अधिक बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में 2.4 करोड़ से अधिक लोगों को खाद्य सामग्री की भारी कमी से जूझना पड़ा। इसके चलते गाजा पट्टी और सूडान में खाद्य सुरक्षा के बिगड़े हालात थे। 2023 में कुपोषण की स्थिति बदतर हुई। इसके दो कारण थे, पहला-देशों के बीच युद्ध व दूसरा-प्राकृतिक आपदाओं के कारण बढ़ा विस्थापन।

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के मुख्य अर्थशास्त्री मैक्सिमो टोरेरो ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भूख का एक पैमाना तय किया है, जिसमें पांच देशों के 7,05,000 लोग पांचवे चरण में हैं, जिसे उच्च स्तर माना जाता है।

20 देशों में हिंसक संघर्ष मुख्य वजह,13.5 करोड़ प्रभावित
रिपोर्ट के अनुसार, 20 देशों में भूख की मुख्य वजह हिंसक संघर्ष था। इन देशों में लगभग 13 करोड़ 50 लाख लोगों ने गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना किया। सूडान में हालात सबसे अधिक गंभीर रहे। यहां 2022 की तुलना में 86 लाख से अधिक लोगों को उच्च स्तर की गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा।

चरम मौसमी घटनाएं भूख का दूसरा बड़ा कारण
भूख का दूसरा बड़ा कारण चरम मौसमी घटनाएं थीं। 18 देशों में मौसम संबंधी आपदाओं के कारण 7.7 करोड़ से अधिक लोगों को उच्च स्तर की गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ा, जबकि 2022 में 12 देशों में 5.7 करोड़ लोगों को इस स्थिति का सामना करना पड़ा था। 2023 में जलवायु संबंधी आपदाएं बढ़ने की वजह रिकॉर्ड स्तर की गर्मी भी रही। इसके अतिरिक्त खाद्य असुरक्षा का कारण भारी बाढ़, तूफान, सूखा, जंगल की आग, कीटों का हमला और बीमारी का प्रकोप भी रहा।

नये कॉलेज में हो रहा है दाखिला तो बच्चे को पहले से सिखा दें ये जरूरी बातें

10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा परिणाम आने के बाद बच्चे जीवन के एक नए सफर पर निकलने को तैयार हैं। यह सफर स्कूल से कॉलेज लाइफ का है। 12वीं के बाद बच्चे अपना करियर तय करते हुए उस के मुताबिक विषय चुनते हैं। विषय और करियर को ध्यान में रखते हुए कॉलेज का चयन किया जाता है और दाखिले की प्रक्रिया होती है। इस बार अगर आपका बच्चा भी स्कूल छोड़ कॉलेज जाने की उम्र में है तो बतौर अभिभावक उनके करियर और भविष्य को लेकर आपकी चिंता भी लाजमी है।

स्कूल के जीवन और कॉलेज लाइफ में काफी फर्क होता है। स्कूल में शिक्षकों की देखरेख और माता पिता की निगरानी में रहने वाला बच्चा अब उम्र में तो बढ़ता ही है, साथ ही ऐसे परिवेश में जाता है, जहां वह लगभग स्वतंत्र होने लगता है। यहां से बच्चे के निजी विचार पनपने शुरू होते हैं। स्कूल बस की जगह अब बच्चा अपनी बाइक-स्कूटी या कार खुद चलाकर कॉलेज जाने की राह पर आ गया होता है।

पढ़ाई के साथ ही कई अन्य गतिविधियों में शामिल होता है। ये सब उसके लिए नया अनुभव होता है, जिसे वह सकारात्मक या नकारात्मक दोनों तरीके से ले सकता है। ऐसे में माता पिता को अपने बच्चे को कॉलेज भेजने से पहले कुछ जरूरी बातें बता देनी चाहिए, ताकि बच्चा कालेज लाइफ में भटक न जाए, बल्कि अपने लक्ष्य को पाने के साथ ही समाज में रहने और आत्मनिर्भर बनने की ट्रेनिंग भी शुरू कर सके। इस लेख में पहली बार कॉलेज जाने की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए कुछ सलाह और सुझाव दिए जा रहे हैं, जो हर माता पिता को ही अपने बच्चों को सिखाने व समझाने होंगे।

स्कूल और कॉलेज का अंतर

स्कूल से कॉलेज में जाना बच्चों के लिए महत्वपूर्ण दौर होता है। यह वह समय है जब बच्चा नियमों और अनुशासित जीवन से बिल्कुल अलग ऐसी जगह पर होता है, जहां वह खुद के नियम बनाता है और उसे जीता है। कॉलेज बच्चों को स्वतंत्रता देता है, जिस के वह लंबे इंतजार में होते हैं। ऐसे में इस स्वतंत्रता को बच्चा गलत तरीके से न अपनाने लगे, इसलिए उन्हें कॉलेज और स्कूल का अंतर पहले से समझाते हुए करियर को लेकर इसकी गंभीरता के बारे में भी बताएं।

केवल शिक्षा पर ध्यान केंद्रित न करें

भले ही पढ़ाई महत्वपूर्ण है और स्कूल से कहीं ज्यादा कॉलेज में आकर गंभीर हो जाती है लेकिन पूरी तरह के शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करके दूसरी चीजों को अनदेखा करना सही नहीं। बच्चे को पढ़ाई के साथ ही अच्छे दोस्तों के साथ वक्त बिताना, प्रोफेसर से संवाद, कैंटीन का अनुभव लेने के लिए भी प्रेरित करें।

पैसों की कद्र

कॉलेज जाने से पहले बच्चों को आर्थिक व्यवस्था को भी समझ लेना चाहिए। हर कॉलेज जाने बच्चे को पता होना चाहिए कि समझदारी से पॉकेट मनी को कैसे खर्च करना है। पैसों की कदर करना सिखाएं। उन्हें बताएं कि तय पॉकेट मनी में उन्हें अपने कॉलेज का खर्च उठाना है। पढ़ाई, कैंटीन और दोस्तों के बीच पैसों को कितना और कैसे खर्च करना है, ये सिखाएं।

खाना बनाना सिखाएं

काॅलेज लाइफ में आने का मतलब है बच्चे का आत्मनिर्भर होना। ऐसे में बच्चे को जीवन जीने के लिए जिन चीजों की जरूरत होती है, उसे बिना माता पिता की मदद के अकेले करना भी आना चाहिए। जैसे पानी गर्म करना, खाना बनाना आदि। काॅलेज में आकर पढ़ाई का स्तर भी बढ़ जाता है। कई बार बच्चे घर से दूर हाॅस्टल या पीजी में रहने के लिए चले जाते हैं। ऐसे में बच्चे को भूख लगने पर खुद के लिए खाना बनाना आना चाहिए।