Thursday , October 24 2024

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बड़ौत में विजय संकल्प रैली में पहुंचे जयंत और पत्नी चारू चौधरी, मंच से जमकर गरजे सीएम योगी

सीएम योगी आदित्यनाथ और रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के साथ ही चारू चौधरी आज एक साथ मंच से वोटरों को साधेंगे। दोनों ही जनसभा में पहुंच चुके हैं, जबकि सीएम योगी भी जनसभा स्थल पहुंच चुके हैं।

जनसभा स्थल पर भारी संख्या में भाजपा व रालोद कार्यकर्ता मौजूद हैं। यहां समर्थक योगी मोदी और जयंत चौधरी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए दिखे। बागपत लोकसभा सीट से रालोद प्रत्याशी राजकुमार सांगवान भी मंच पर मौजूद हैं।

जोर से पटाखा फटता है तो पाकिस्तान को देनी पड़ती है सफाई: योगी
बड़ौत में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले देश में धमाके होते रहते थे, जिसमें लोग भयभीत रहते थे और जान भी गंवानी पड़ती थी। लेकिन अब देश में कहीं भी तेज आवाज में पटाखा फटता है तो पाकिस्तान अपनी बेगुनाही की सफाई देता हुआ नजर आता है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने एनडीए के प्रत्याशी राजकुमार सांगवान के पक्ष में वोट मांगे। उन्होंने कहा कि किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह ने जिन मूल्यों और आदर्शो के लिए राजनीति की थी, वे अब धरातल पर नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का भारत रत्न देकर किसानों का सम्मान किया गया। अब किसानों को नजरअंदाज कर कोई राजनीति नहीं कर पाएगा।

राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन कर एक मंच पर आ गये हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में देश में सरिया कानून लाने की तैयारी है, जो तालिबानी शासन लागू करना चाहते हैं।

साठ वर्ष सत्ता में रहने वाले गरीबी दूर करने का नारा दे रहे: योगी
उन्होंने कहा कि साठ साल तक देश की सत्ता में रहने वाले अब गरीबी दूर करने का नारा दे रहे हैं। सपा ने अपने परिवार वालों को टिकट बांट दिये। उन्होंने कहा कि देश में धमाके होने बंद हो गये हैं।

एनडीए की यह जनसभा जनता वैदिक कालेज के मैदान पर आयोजित की गई, जिसकी तैयारियों में भाजपा व रालोद नेताओं के साथ ही पुलिस अधिकारी दिनभर जुटे रहे।

सीएम योगी ने मुरादाबाद पहुंच सर्वेश सिंह को दी श्रद्धांजलि, कहा-पूर्व सांसद का योगदान स्मृतियों में रहेगा

अमरोहा:   मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अमरोहा जनसभा करने के बाद मंगलवार दोपहर बाद मुरादाबाद के रतनूपुरा गांव पहुंचे। उन्होंने पूर्व सांसद और भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी रहे कुंवर सर्वेश सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए परिजनों से मुलाकात कर शोक जताया। कहा कि मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व सांसद कुंवर सर्वेश सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं।

उनके संघर्ष और योगदान सदैव स्मृतियों में रहेंगे। कहा कि मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी ने रहरा के प्रकाशवीर शास्त्री इंटर कॉलेज में जनसभा के दौरान कहा कि पहले चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है।यूपी के भी आठ जिले में मतदान हुआ।

पहले चरण के मतदान में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि फिर मोदी सरकार बनने वाली है। मोदी सरकार ने देश की तकदीर बदल दी है। देश के अंदर सुरक्षा का माहौल बदल दिया है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश के अंदर आतंकी वारदात होते थे। बम विस्फोट से लोग भयभीत रहते थे।

अब पाकिस्तान देता है सफाई
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर आतंकवाद का खात्मा कर दिया गया। अब देश में कही पटाखा भी फूटता है तो पाकिस्तान सफाई देता है कि उसका इसमें कोई हाथ नहीं है। कांग्रेस के समय आतंकी की घटनाएं आए दिन होती थी।

इसको कारण कांग्रेस नेताओं का आंख और कान बंद कर देना था। उन्होंने कहा कि सपा सरकार ने हमेशा अपराधियों का साथ दिया। उन्होंने अयोध्या और काशी मंदिर को तोड़ने वाले आतंकियों के मुकदमों को वापस लेने का काम किया।

गरीबों के लिए कल्याणकारी योजना
सीएम ने कहा कि आज अमरोहा लगातार विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। हाईवे और एक्सप्रेस वे कैसे होते हैं यह अमरोहावासियों से बेहतर कौन जान सकता है। अब यहां से दिल्ली की दूरी दो घंटे में तय होती है। प्रदेश और केंद्र सरकार गरीबों के लिए कल्याणकारी योजना चला रही है। कांग्रेस ने 1970 में गरीबी हटाओ का नारा दिया था। गरीबी तो नहीं हटी लेकिन एक एक परिवार को देश को लूटने की छूट मिल गई।

‘मौजूदा वैश्विक हालात में फिर बढ़ी है हार्ड पावर की अहमियत’, आर्मी चीफ बोले- आत्मनिर्भरता से बढ़ी ताकत

थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे मंगलवार को एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज के वैश्विक हालात में किसी भी देश की हार्ड पावर की अहमियत फिर से बढ़ी है। भारत की हार्ड पावर को आकार देने में आत्मनिर्भरता कैसे अहम भूमिका निभा रही है, इस पर आर्मी चीफ ने अपने विचार रखे। अपने संबोधन में थलसेना अध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने कहा कि ‘मौजूदा भू-रणनीतिक परिदृश्य में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। हाल की भू राजनीतिक गतिविधियां बताती हैं कि जहां भी राष्ट्रीय हितों को लेकर चिंताएं उभरेंगी, देश युद्ध से भी पीछे नहीं हटेंगे। इन सब बदलावों से हार्ड पावर की अहमियत फिर से साबित हुई है।’

थलसेना अध्यक्ष ने कहा कि ‘विघटनकारी प्रौद्योगिकी की असीमित क्षमता, आधुनिक युद्धों के बदलते चरित्र, सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में गहन बदलाव और मौजूदा वैश्विक भू-राजनीति के रुझान, भारतीय सेना में बदलाव के चार प्रमुख चालक हैं। भारतीय सेना का विजन एक आधुनिक, तकनीक सक्षम और आत्मनिर्भर भविष्य के लिए तैयार सेना में तब्दील होना है। जो मल्टी डोमेन ऑपरेशन स्थिति में, राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए भी युद्ध रोकने और जीतने में सक्षम हो।’

क्या है हार्ड पावर
किसी भी देश की ताकत को हार्ड पावर और सॉफ्ट पावर में बांटकर देखा जाता है। सॉफ्ट पावर में जहां बिना किसी संघर्ष और शक्ति प्रयोग के देश अपने उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं और किसी अन्य देश को प्रभावित करते हैं। वहीं हार्ड पावर में किसी भी देश की सैन्य और आर्थिक ताकत शामिल होती है। जिससे देश किसी अन्य देश पर जीत हासिल करते हैं। हार्ड पावर में मुख्यतः हथियारों, सेना और प्रतिबंध आदि का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं सॉफ्ट पावर में सांस्कृतिक गतिविधियां, अध्यात्म और योग जैसी अमूर्त चीजों के प्रभाव का इस्तेमाल किया जाता है। मौजूदा समय में रूस यूक्रेन युद्ध, इस्राइल हमास युद्ध समेत कई संघर्ष चल रहे हैं।

सीएम सिद्धारमैया ने नेहा हिरेमथ के पिता से की बात, कहा- मुझे माफ करना, आपके साथ खड़ा हूं

कांग्रेस पार्षद निरंजन हिरेमथ की हत्या के बाद मंगलवार को मंत्री एचके पाटिल नेहा के घर पहुंचे। वहां उन्होंने सीएम सिद्धारमैया की फोन पर निरंजन से बातचीत करवाई। सीएम ने कहा कि नेहा के साथ जो हुआ उसके लिए वे माफी चाहते हैं। वे उनके साथ खड़े हैं। मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि वे इस मामले की जांच सीआईडी से करवाएंगे। साथ ही मामले की पूरी सुनवाई के विशेष अदालत में होगी।

नेहा की चाकू मारकर हत्या के मार्मिक घटनाक्रम के बाद नेहा को न्याय दिलाने के लिए छात्र संगठन भी सड़कों पर उतर आए हैं। काली पट्टी बांधकर छात्र-छात्राएं नेहा के लिए न्याय और छात्राओं की सुरक्षा का वादा मांग रही हैं। नेहा हिरेमथ के कॉलेज परिसर में उसके सहपाठी द्वारा चाकू से हमला कर मारने के बाद से ही कर्नाटक में कई सारे आंदोलन शुरू हो चुके हैं।

मंगलवार को कर्नाटक नेता एचके पाटिल निरंजन हिरेमथ से मिलने पहुंचे, उन्होंने कहा कि इस घटना की वह घोर निंदा करते है। कांग्रेस पार्षद निरंजन और उसके परिवार को सांत्वना देने यहां आया हूं, मेरी पूरी सहानुभूति है। मुख्यमंत्री ने भी इस घटना पर शोक प्रकट करते हुए निरंजन को धैर्य बनाए रखने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि इस मामले में वे उनके साथ हैं। इस मामले की पूरी सुनाई विशेष अदालत में होगी, साथ ही इस मामले की छानबीन अब सीआईडी करेगी। राज्य सरकार इस मामले का सच बाहर लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी, ताकि आरोपी को उसकी इस हरकत की सजा दी जा सके।वहीं निरंजन हिरेमथ ने कहा कि जब तक मेरी बेटी को न्याय नहीं मिलता, तब तक मैं लड़ता रहूंगा। मैंने अपनी बेटी से वादा किया है कि मैं उसके हत्यारे को सजा दिलवाऊंगा।

ओडिशा के विधायक मोहम्मद मुकीम की सजा निलंबित, कोर्ट ने राज्य सरकार को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के मामले में ओडिशा के कांग्रेस विधायक मोहम्मद मुकीम की सजा निलंबित कर दी। न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ चुनोती देने वाली विधायक की याचिका पर ओडिशा सरकार को नोटिस जारी किया है। पीठ ने कहा कि दोनों पक्षों के वरिष्ठ वकील को सुनने और सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता की सजा निलंबित करने का आदेश दिया जाता है।

विजिलेंस कोर्ट ने सुनाई थी सजा
विधायक मोहम्मद मुकीम को विजिलेंस कोर्ट द्वारा 29 सितंबर 2022 को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाया गया था। विजिलेंस कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मुकीम ने मेट्रो बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर रहते हुए एक आईएएस अफसर के साथ मिलकर एक रियल एस्टेट फर्म को फायदा पहुंचाया था। उस दौरान कोर्ट ने विधायक को तीन साल की कैद और 50 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद मोहम्मद मुकीम ने हाईकोर्ट में अपील दायर की गई थी लेकिन दस अप्रैल को कोर्ट ने यह अपील खारिज की थी।

‘जहां हिंसा हुई, वहां चुनाव की अनुमति नहीं’, मुर्शिदाबाद मामले में हाईकोर्ट की अहम टिप्पणी

रामनवमी के दिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा। इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग से मौजूदा स्थिति को देखते हुए बरहामपुर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव स्थगित करने को कहा। दरअसल, मामले की एनआईए जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी। अब अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सख्त निर्देश दिए कि वह उन निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव की अनुमति नहीं देगा, जहां रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। अदालत ने कहा, ‘अगर लोग 8 घंटे शांति से किसी भी पर्व का आनंद और जश्न नहीं मना सकते, तो हम चुनाव आयोग को ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव नहीं कराने की सिफारिश करेंगे।’ अदालत ने सख्त लहजे में कहा, ‘यदि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद दो समूहों के लोग लड़ रहे हैं तो एक-दूसरे को अपने प्रतिनिधि को वोट देने का कोई हक नहीं है।’

भड़काऊ भाषण मामले में नितेश राणे और गीता जैन के खिलाफ दर्ज किया मामला, पुलिस ने हाईकोर्ट को दी जानकारी

महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि उसने भाजपा विधायकों नितेश राणे और गीता जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने जांच में पाया कि दोनों ने जनवरी में ठाणे जिले में सांप्रदायिक हिंसा के दौरान आपत्तिजनक भाषण दिए थे। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने पिछले हफ्ते संबंधित पुलिस आयुक्तों से निजी रूप से इस बात का सत्यापन करने को कहा था कि क्या दोनों नेताओं ने आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषण दिया था।

लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर ने आज अदालत को बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि इस साल जनवरी में मीरा भायंदर (ठाणे जिले में) हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरा राणे और जैन द्वारा दिए गए भाषण अपमानजनक थे। वेनेगांवकर ने कहा कि राणे पर मुंबई के मलवानी, मानखुर्द और घाटकोपर इलाकों रैलियों में नफरती भाषण देने का आरोप है। उन्होंने बताया कि जैन पर मीरा भायंदर में एक रैली में नफरती भाषण देने का आरोप है।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153ए (धर्म के आधार पर लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 504 (उकसाने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने आगे कहा कि 22 से 26 जनवरी के बीच मीरा भायंदर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में अन्य व्यक्तियों के खिलाफ 13 अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। वेनेगांवकर ने बताया कि सभी मामलों की जांच जारी है।

तीन से चार दशकों में हिमालय क्षेत्र में मौजूद ग्लेशियर झीलों का आकार बढ़ा, इसरो ने किया दावा

नई दिल्ली:   हिमालय क्षेत्र में खासतौर पर भारतीय क्षेत्र में ग्लेशियर के पिघलने से बनी झीलों के आकार में पिछले तीन से चार दशकों में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को 1984 से 2023 तक उपग्रह से ली गई तस्वीरों के आधार पर यह दावा किया है। इसरो के अनुसार पिछले 3 से 4 दशकों में लिए गए उपग्रह डेटा हिमालय के हिमाच्छादित वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

इसरो के अनुसार वर्ष 1984 से वर्ष 2023 के बीच उपग्रह से ली गई इन दीर्घकालिक तस्वीरों के अध्ययन से पता चलता है कि भारतीय क्षेत्र में इन हिमनद झीलों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं। इसरो के अनुसार 2016-17 के दौरान पहचाने गए 10 हेक्टेयर से बड़ी 2,431 झीलों में से 676 हिमनद झीलों का 1984 के बाद से उल्लेखनीय रूप से विस्तार हुआ है। विशेष रूप से, इनमें से 130 झीलें भारत के भीतर स्थित हैं, जिनमें से 65, 7 और 58 झीलें क्रमशः सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में स्थित हैं।

हिमालय के पर्वतों को अक्सर उनके व्यापक ग्लेशियरों और बर्फ के आवरण के कारण तीसरे ध्रुव के रूप में जाना जाता है। इन्हें वैश्विक जलवायु में परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। दुनिया भर में किए गए शोधों ने बार-बार इस बात की पुष्टि की है कि दुनिया में मौजूद ग्लेशियर अठारहवीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के बाद से पिघलने और घटने की अभूतपूर्व दर का अनुभव कर रहे हैं।
हिमालय क्षेत्र में खासतौर पर भारतीय क्षेत्र में ग्लेशियर के पिघलने से बनी झीलों के आकार में पिछले तीन से चार दशकों में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को 1984 से 2023 तक उपग्रह से ली गई तस्वीरों के आधार पर यह दावा किया है। इसरो के अनुसार पिछले 3 से 4 दशकों में लिए गए उपग्रह डेटा हिमालय के हिमाच्छादित वातावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

इसरो के अनुसार वर्ष 1984 से वर्ष 2023 के बीच उपग्रह से ली गई इन दीर्घकालिक तस्वीरों के अध्ययन से पता चलता है कि भारतीय क्षेत्र में इन हिमनद झीलों में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन आए हैं। इसरो के अनुसार 2016-17 के दौरान पहचाने गए 10 हेक्टेयर से बड़ी 2,431 झीलों में से 676 हिमनद झीलों का 1984 के बाद से उल्लेखनीय रूप से विस्तार हुआ है। विशेष रूप से, इनमें से 130 झीलें भारत के भीतर स्थित हैं, जिनमें से 65, 7 और 58 झीलें क्रमशः सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में स्थित हैं।

हिमालय के पर्वतों को अक्सर उनके व्यापक ग्लेशियरों और बर्फ के आवरण के कारण तीसरे ध्रुव के रूप में जाना जाता है। इन्हें वैश्विक जलवायु में परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है। दुनिया भर में किए गए शोधों ने बार-बार इस बात की पुष्टि की है कि दुनिया में मौजूद ग्लेशियर अठारहवीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत के बाद से पिघलने और घटने की अभूतपूर्व दर का अनुभव कर रहे हैं।

सेना और हथियार पर खर्च करने वाला भारत विश्व का चौथा सबसे बड़ा देश, 2023 में खर्च किए 83.6 अरब डॉलर

नई दिल्ली: दुनिया में सेनाओं और हथियारों पर खर्च करने के मामले में भारत चौथा बड़ा देश है। कुल 10 देशों ने सैन्य हथियारों पर बेतहाशा खर्च किया है। इसमें अमेरिका शीर्ष पर है। स्वीडन के स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में इस वक्त हथियारों, गोला-बारूद और दूसरे सैन्य साजो-सामान पर विभिन्न देश जितना धन खर्च कर रहे हैं, उतना इससे पहले कभी नहीं हुआ।

रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 में सैन्य खर्च 2022 के मुकाबले 6.8 फीसदी बढ़कर 24.4 खरब डॉलर पर पहुंच गया। जबकि, 2022 में यह 22.4 खरब डॉलर था। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2009 के बाद यह एक साल में सबसे बड़ी वृद्धि और लगातार नौवां साल है जब खर्च बढ़ा है। इस वृद्धि में जिन दस देशों का योगदान सबसे ज्यादा है, उनके सैन्य खर्च में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

अमेरिका शीर्ष पर तो चीन दूसरे स्थान पर
सबसे ज्यादा सैन्य खर्च करने वाले देशों में अमेरिका अब भी शीर्ष पर है। 2023 में अमेरिका ने 916 अरब डॉलर रक्षा पर खर्च किए जो दुनियाभर के कुल खर्च का 37% से भी ज्यादा है। दूसरे नंबर पर चीन है, जिसका खर्च अमेरिका से लगभग एक तिहाई है। उसने 296 अरब डॉलर खर्च किए, जो कुल खर्च का 12% है। यह 2022 से 6% ज्यादा है। इन दोनों देशों ने ही कुल खर्च में आधे का योगदान दिया।

2023 में भारत ने 83.6 अरब डॉलर खर्च किए
सैन्य खर्च के मामले में चौथा सबसे बड़ा देश भारत है जिसने 83.6 अरब डॉलर खर्च किए। 2022 के मुकाबले यह 4.2 फीसदी ज्यादा था। 2022 में जो सबसे ज्यादा खर्च करने वाले पांच देश थे, वे सभी 2023 में वैसी ही स्थिति में बने हुए हैं। इसमें तीसरे नंबर पर रूस है। इसके बाद भारत और सऊदी अरब का नंबर है। 2023 में रूस का खर्च 2022 के मुकाबले 24 फीसदी बढ़कर 109 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 2014 में जब रूस ने क्रीमिया को यूक्रेन से अलग किया था, उसके बाद से यह 57 फीसदी की वृद्धि है। रूस अपनी जीडीपी का 5.9 फीसदी सेना पर खर्च कर रहा है।

लोकसभा चुनाव से करीब नौ लाख अस्थायी नौकरियां, इन अहम क्षेत्रों में हुई भर्तियां

मुंबई: उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि देश में आम चुनावों के दौरान विभिन्न भूमिकाओं में करीब नौ लाख अस्थायी नौकरियों का सृजन हुआ है। इन नौकरियों की शुरुआत चुनावों के ऐलान से दो सप्ताह पहले हुई और चुनाव खत्म होने तक जारी रहेंगी। आम चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल को संपन्न हो चुका है। अभी छह चरण का चुनाव बाकी है।

वर्कइंडिया के सीईओ और सह-संस्थापक नीलेश डूंगरवाल के मुताबिक लोकसभा चुनावों के दौरान देशभर में पैदा होने वाली अस्थायी नौकरियों की सही संख्या चुनाव के पैमाने, मतदान केंद्रों की संख्या और चुनाव संबंधी गतिविधियों की जरूरत जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है। हालांकि, मोटा अनुमान है कि चुनावों के दौरान नौ लाख नौकरियों का सृजन हुआ है।

उन्होंने बताया कि 2019 के आम चुनावों के दौरान उनके पोर्टल पर अकाउंटिंग (80 फीसदी), डाटा एंट्री (64 फीसदी), सुरक्षा कर्मी (86 फीसदी), बैक ऑफिस (70 फीसदी), डिलीवरी, ड्राइवर, फील्ड बिक्री एवं खुदरा (65 फीसदी), लेखन (67 फीसदी) जैसी नौकरियां की मांग बढ़ी थी। वहीं, सीआईईएल के मानव संसाधन निदेशक और सीईओ आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि पिछले छह महीनों में यह अनुमान लगाया गया है कि आगामी चुनावों की तैयारी के दौरान लगभग दो लाख अस्थायी पद तैयार हुए हैं। एजेंसी

अहम क्षेत्रों में हुई भर्ती…चुनाव की तैयारी के लिए अहम क्षेत्रों में भर्ती हुई। इनमें आंकड़ा विश्लेषण, योजना, जनसंपर्क, बाजार सर्वेक्षण, मीडिया संबंध, सामग्री डिजाइन, सामग्री विपणन, सोशल मीडिया विपणन, एआई रणनीति और परियोजना प्रबंधन आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि ये नौकरियां केवल चुनावों के लिए हैं, इसलिए अस्थायी रोजगार में यह उछाल मौजूदा नौकरी बाजार की गतिशीलता को प्रभावित नहीं करेगा।