Friday , October 25 2024

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धार्मिक नारों को लेकर कार सवार तीन युवकों से मारपीट, बाइक सवार दो लोगों ने की अभद्रता; मामला दर्ज

देश में एक बार फिर धार्मिक नारों को लेकर दो समुदायों में जमकर बहसबाजी हुई। बहस इतनी बढ़ गई की हाथापाई होने लगी, हाथापाई में दो लोग घायल हो गए। मामले की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को दोपहर बंगलूरू में दो समुदाय के बीच धार्मिक नारों को लेकर लड़ाई हो गई है। जहां तीन लोग दोपहर में तीन लोग कार में सवार हो कर बाइक की सेल का पता करने जा रहे थे। उनकी कार पर झंडा भी लगा हुआ था। रास्ते पर वे धार्मिक नारे लगाते हुए जा रहे थे।

इसी बीच रास्ते में दो बाइक सवार लोगों ने आकर उनको रोका। धार्मिक नारे लगाने को मना किया। यह पूछने पर कि उन्हें इससे क्या समस्या है बाइक सवारों ने कहा कि उनके धर्म के नारे लगाओ। इसके अलावा बाइक सवार ने उन तीन लड़कों के साथ से झंडा भी छीनने लगे। तीनों लड़कों ने गुस्से में आकर उन पर चिल्लाना शुरू कर दिया। और उनको पीटने के मकसद से कार से बाहर निकले, तो दोनों बाइकसवार भाग खड़े हुए। उनके जाने के बाद तीनों कार में बैठ गए। तभी पीछे बाइकसवार लड़कों ने पैदल आकर दोनों पर डंडे से हमला कर दिया। इसी बीच दो अन्य लोग भी उनके साथ आ गए और तीनों कार में बैठे लड़कों पर वार कर दिया। दोनों समुदाय के लोगों बीच जमकर मारपीट हुई।

मारपीट के दौरान कार में बैठे तीन में से दो लोगों को गंभीर चोटें आई, एक की नाक पर चोट लगी और दूसरे के सिर पर। झगड़े की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई, पुलिस को देख चारों हमलावर भाग खड़े हुए। पुलिस तीनों कार सवार को थाने लेकर पहुंची, तीनों की शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने हमलावरों को ढूंढना शुरू कर दिया। वहीं घायल दोनों लड़कों को अस्पताल पहुंचाया।

पुलिस ने उनमें से दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा दो अन्य संदिग्ध नाबालिगों को भी हिरासत में लिया है। पुलिस उपायुक्त लक्ष्मी प्रसाद ने बताया कि आईपीसी की धारा 295 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 298 (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 324 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मस्क की PM से मुलाकात 22 अप्रैल को, अरबों डॉलर का निवेश; सरकार ने FDI सीमा बढ़ाकर 100% की

ई-वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क सोमवार 22 अप्रैल को भारत दौरे पर रहेंगे और इस दौरान वह यहां दो से तीन अरब डॉलर के निवेश की घोषणा कर सकते हैं। इसके जरिये यहां एक फैक्टरी निर्माण किया जाएगा। इस दौरे में सोमवार को ही मस्क की मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होनी है। हालांकि मस्क के भारत दौरे और इस दौरान होने वाली गतिविधियों को लेकर कोई विस्तृत आधिकारिक जानकारी नहीं साझा की जा रहा है।

मस्क ने सोशल मीडिया पर यह बताया है कि वह भारत आने वाले हैं और वहां पीएम मोदी से मिलेंगे। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन निर्माता देश है लेकिन ई वाहन उद्योग यहां अब भी शैशव काल में ही है। 2023 में देश में कुल वाहन बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी सिर्फ दो फीसदी थी लेकिन सरकार 2023 तक इस हिस्सेदारी को 30 फीसदी तक ले जाने की योजना बना रही है। मस्क के दौरे से जुड़े सूत्रों ने बताया कि टेस्ला के मालिक भारत में अपने निवेश की राशि का खुलासा भले ही करें लेकिन यह निवेश कब तक होगा और देश के किस राज्य में होगा इसका खुलासा शायद अभी न किया जाए।

ई-वाहनों पर आयात शुल्क घटाने की कर रहे मांग
मस्क लंबे समय से भारत में ई वाहनों पर भारी-भरकम आयात शुल्क कम करने की मांग कर रहे हैं। भारत सरकार ने इस वर्ष मार्च में ईवाहन के कुछ मॉडलों पर आयात शुल्क 100 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करने की घोषणा की है बशर्ते कार निर्माता भारत में फैक्टरी लगाने के लिए कम से कम 50 करोड़ डॉलर का निवेश करें।

मस्क के दौरे से पहले स्पेस क्षेत्र में 100% एफडीआई नियम अधिसूचित
टेस्ला के मालिक एलन मस्क के 22 अप्रैल को भारत दौरे से पहले ही वित्त मंत्रालय ने सेटेलाइट संबंधी गतिविधियों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई की सीमा बढ़ाकर 100% कर दी है। नियमों में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने स्पेस क्षेत्र में कुछ गतिविधियों के लिए ऑटोमेटिक रूट के जरिये एफडीआई सीमा 100 फीसदी तक बढ़ाने को मंजूरी दी थी। इन गतिविधियों में सेटेलाइट से जुड़े कलपुर्जे और अन्य सिस्टम का विनिर्माण शामिल हैं। निवेश करने वाली कंपनी को भारतीय स्पेस विभाग के समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों का पालन भी करना होगा। सेटेलाइट मैन्युफैक्चरिंग, सेटेलाइट डेटा उत्पाद और ग्राउंड व यूजर सेगमेंट के लिए 75 फीसदी निवेश की मंजूरी है।

केंद्र ने कोर्ट में पूर्व पीएम राव और मनमोहन सिंह की तारीफ की, कहा- लाइसेंस राज से मुक्ति दिलाई

केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में पूर्व पीएम नरसिम्हा राव और उनके तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ की। उसने सन् 1991 में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत करने के लिए राव और सिंह की सराहना की। अदालत में सरकार ने कहा कि इस कदम से प्रभावी रूप लाइसेंस राज का युग समाप्त हो गया।

नौ न्यायाधीशों की पीठ ने की सुनवाई
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ को सूचित किया कि राव और सिंह द्वारा पेश किए गए आर्थिक सुधारों ने कंपनी कानून और व्यापार व्यवहार अधिनियम एमआरटीपी सहित कई कानूनों को उदार बनाया है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि अगले तीन दशकों में बाद की सरकारों ने उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1951 में संशोधन की आवश्यकता नहीं समझी।

आईडीआरए अछूता रहा
दरअसल, तुषार मेहता पीठ के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। पीठ ने आईडीआरए- 1951 की आलोचना करते हुए इसे पुरातनपंथी और ‘लाइसेंस राज’ युग बताया। इस पर मेहता ने जोर देकर कहा कि आर्थिक सुधारों के जरिए लाई गई बदलाव की बयार के बावजूद आईडीआरए अछूता रहा, जिससे केंद्र का विभिन्न उद्योगों पर नियंत्रण बरकरार रहा। हालांकि, समय बीतने के साथ, केंद्र सरकार ने उनमें से अधिकांश को रेगुलेट करना छोड़ दिया। उन्होंने कहा, लेकिन केंद्र की तरफ से उद्योगों पर नियंत्रण छोड़ने का मतलब यह नहीं है कि उसके पास उन्हें रेगुलेट करने की शक्ति नहीं है।

तीन परिवर्तनकारी आर्थिक सुधार पेश किए
सन 1991 में विदेशी मुद्रा भंडार संकट का सामना करते हुए नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार ने तीन परिवर्तनकारी आर्थिक सुधार पेश किए, जो निम्न हैं।

  • वैश्वीकरण
  • उदारीकरण
  • निजीकरण

कोविड में मिली थी मदद
राष्ट्रीय हित में और कोविड-19 महामारी जैसे हालातों में केंद्र की तरफ से इस नियामक नियंत्रण को बरकरार रखा गया था। मेहता ने कहा कि अगर केंद्र सरकार के पास औद्योगिक अल्कोहल को रेगुलेट करने और इसके अधिकांश हिस्से को कोविड के दौरान हैंड सैनिटाइजर बनाने के लिए उपयोग करने का निर्देश देने की शक्ति नहीं होती तो संकट खड़ा हो जाता है।। उन्होंने कहा कि केंद्र उद्योगों पर अपनी रेगुलेट करने की शक्ति बरकरार रखता है, हालांकि वह इसका प्रयोग नहीं कर सकता है। यह उन स्थितियों से उत्पन्न होने वाली अप्रत्याशित जरूरतों को पूरा करने के लिए जो अभी विचार के दायरे में नहीं हैं।

फ्लिपकार्ट, टाटा और बिग बास्केट के खिलाफ शिकायत; मतदान के दिन भी काम कराने को लेकर EC पहुंचा मामला

नई दिल्ली : 19 अप्रैल को मतदान के दिन डिलीवरी बॉय से काम कराने को लेकर ई-कॉमर्स कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। चुनाव आयुक्त ने मामले पर जवाब मांगा है। ई-कामर्स कंपनियों के मतदान के लिए भी गारंटी के डिलीवरी के वादों ने उनको चुनाव आयोग के निर्देशों के उल्लंघन के मामलों में फंसा दिया है। दरअसल चुनाव आयोग की ओर से मतदान के दिन मतदान के लिए सभी कर्मचारियों को सवैतनिक अवकाश देने के निर्देश को सख्ती से पालन करने का कहा गया था। लेकिन बुधवार को तमिलनाडु राज्य चुनाव आयुक्त बी कोठी निर्मलसामी के समक्ष एक शिकायत दर्ज की गई।

जिसमें बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा चुनाव के दिन 19 अप्रैल को छुट्टी की घोषणा होने के बाद भी फ्लिपकार्ट, बिगबास्केट ऑर्डर की गारंटी के साथ डिलीवरी का वादा कर रहे हैं। जबकि तमिलनाडु के श्रम कल्याण और कौशल विकास विभाग ने मतदाने प्रतिशत बढ़ाने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाने के लिए दुकानों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और औघोगिक प्रतिष्ठानों और आईटी कंपनियों के सभी कर्मचारियों का सवैतनिक अवकाश घोषित किया है।

उन्होंने दलील दी कि निर्देश के बावजूद फ्लिपकार्ट और बिग बास्केट जैसे ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफार्म 19 अप्रैल को डिलीवरी की गारंटी कैसे दे रहे हैं। यह कर्मचारियों के अधिकारों का हनन भी है साथ ही आदेश का उल्लंघन भी। शिकायतकर्ता ने मतदान के दिन गारंटीकृत डिलीवरी के ई-कॉमर्स के दावों की जांच करने और सभी श्रमिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है।

चुनाव के दिन सवैतनिक अवकाश के हैं निर्देश
चुनावी प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए अधिनियम 1881 की धारा 25 के तहत आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। यह अवकाश सवैतनिक अवकाश होगा। यह आदेश सभी दुकानों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और औघोगिक प्रतिष्ठानों और आईटी कंपनियों के सभी कर्मचारियों के लिए है।

पहननी है चिकनकारी कुर्ती तो इस तरह से पूरा करें अपना लुक, देखकर लोग करेंगे तारीफ

जब भी गर्मी का मौसम आता है, तो लड़कियों को अपने कपड़ों की चिंता सबसे पहले सताती है। वो इस मौसम में ऐसे कपड़े पहनना चाहती हैं, जो पहनने में आरामदायक तो हों, लेकिन इससे उनके स्टाइल पर किसी तरह का प्रभाव न पड़े। ऐसे में वो इस तरह के ही कपड़ों का चयन करती हैं, तो कंफर्टेबल होने के साथ खूबसूरत भी दिखें। ऐसे कपड़ों में चिकनकारी कुर्ती को सबसे खास माना जाता है।

चिकनकारी कुर्ती देखने में काफी क्लासी लगती है, और ये पहनने में काफी आरामदायक होती है। ऐसे में हर उम्र की महिला और लड़कियां चिकनकारी कुर्ती पहनना पसंद करती हैं। अगर आपको भी चिकनकारी कुर्ती पहनना पसंद है, लेकिन आपको समझ नहीं आता, कि इसे कैसे स्टाइल करें, तो ये लेख आपके लिए है। इस लेख में हम आपको चिकनकारी कुर्ती को सही से स्टाइल करने का तरीका बताएंगे, ताकि गर्मी के मौसम में भी आपका लुक सबसे खूबसूरत दिखे।

प्लाजो के संग पहनें

वैसे तो ज्यादातर लड़कियां चिकनकारी कुर्ता जींस के साथ ही कैरी करती हैं, लेकिन अगर आप ऐसा कुर्ता पहन रहीं हैं, तो उसके साथ प्लाजो पहनें। शिफॉन फैब्रिक का प्लाजो आपके लुक को खूबसूरत बनाएगा।

हील्स लगेगी खूबसूरत

आप चाहें तो अपने लुक को पूरा करने के लिए हील्स कैरी कर सकती हैं। चिकनकारी कुर्ते के साथ हील्स काफी स्टाइलिश लुक देगी। अगर आपको हील्स नहीं पसंद तो कोल्हापुरी चप्पल भी इसके साथ कमाल की लगेगी।

कानों में झुमके

एथनिक के साथ हमेशा झुमके प्यारे ही लगते हैं, लेकिन अगर बात करें चिकनकारी कुर्ते की, तो उसके साथ आप इस तरह के ईयररिंग्स भी कैरी कर सकती हैं। ऐसे ईयररिंग्स देखने में भी काफी खूबसूरत लगते हैं। अगर आपके बाल लंबे हैं, तो ये आप पर काफी जचेंगे।

खुले बाल

चिकनकारी कुर्ते के साथ अपने बालों को अलग आप खुला रखेंगी, तो आपका लुक कमाल का लगेगा। इसीलिए अपने बालों को खुला ही रखें, ताकि आपका लुक देखने में स्टाइलिश भी लगे।

आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व धरोहर दिवस? जानें कैसे होता है स्मारकों का चयन

हर साल 18 अप्रैल के दिन विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। इस खास दिन को मनाने का लक्ष्य सिर्फ ये है कि दुनियाभर में मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता फैलाई जाए। यही वजह है कि कई जगह इस दिन को ‘स्मारकों और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोगों को ये एहसास कराने की कोशिश की जाती है, कि ऐतिहासिक स्थल हमारे लिए कितने अहम हैं। इस दिन दुनियाभर के लोग ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों की यात्रा करके, सम्मेलन आयोजित करके, राउंड टेबल और समाचार पत्रों में लेखों के जरिये लोगों तक अपना जागरूकता संदेश पहुंचाते हैं।

क्यों मनाया जाता है विश्व धरोहर दिवस ?

विश्व धरोहर दिवस की शुरुआत 1982 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (आईसीओएमओएस) ने की थी। पहला विश्व धरोहर दिवस ट्यूनीशिया में मनाया गया था। इसके बाद 1983 में इसे ‘संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन’ (यूनेस्को) की मंजूरी मिली। 1983 के बाद से हर साल अलग-अलग थीम के साथ विश्व धरोहर दिवस दुनियाभर में मनाया जाता है।

ऐसे होता है स्थल का चयन

अगर यूनेस्को किसी स्मारक या स्थल को धरोहर घोषित करता है तो उसके बाद उस जगह का नाम विश्व में काफी मशहूर हो जाता है। जिस वजह से वहां विदेशी पर्यटकों का आवागमन भी काफी बढ़ जाता है, जिसका लाभ सीधा देश की अर्थव्यवस्था को मिलता है। विश्व धरोहर घोषित होने के बाद उस जगह का खास ध्यान रखा जाता है और उसकी सुरक्षा भी बढ़ा दी जाती है। यदि ये स्मारक ऐसे देश में है, जिसकी आर्थिक स्थिति सही नहीं है, तो यूनेस्को ही स्मारक की देखभाल और सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाता है।

अंतरराष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद और विश्व संरक्षण संघ ये दो संगठन है, जो इस बात का आकलन करते हैं, कि स्थल विश्व धरोहर बनने लायक है या नहीं। साल में एक बार इस विषय के लिए समिति बैठती है और जगहों का चयन करती है। जगह का चयन करने के बाद दोनों संगठन इसकी सिफारिश विश्व धरोहर समिति से करते हैं। फिर ये फैसला लिया जाता है कि जगह को विश्व धरोहर बनाना है या नहीं।

विश्व विरासत दिवस पर जानें दुनिया की सबसे प्रसिद्ध धरोहरों के बारे में

प्रत्येक वर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। 1982 में यूनेस्को द्वारा शुरू किया गया था। इस दिन का मुख्य उद्देश्य विश्व के महत्वपूर्ण स्मारकों और स्थलों के प्रमोशन और संरक्षण को बढ़ावा देना है। विश्व धरोहर दिवस के माध्यम से, लोगों को धरोहर की महत्वता, सांस्कृतिक विविधता, और ऐतिहासिक महत्व को महसूस कराया जाता है। इस दिन के अनुसार, विभिन्न आयोजनों, सेमिनार और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिनमें लोगों को धरोहरों के महत्व पर जागरूक किया जाता है। इसके साथ ही, यह दिन विशेष रूप से धरोहर संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित करने का भी मौका प्रदान करता है। विश्व धरोहर दिवस के मौके पर दुनिया की सबसे प्रसिद्ध विरासत के बारे में जानिए।

गीज़ा के पिरामिड, मिस्र

मिस्र पिरामिडों के लिए मशहूर है। यहां 138 पिरामिड हैं, हालांकि गीजा का ‘ग्रेट पिरामिड’ विश्व के सात अजूबों में से एक है। दुनिया के सात अजूबों में से एकमात्र इस स्मारक को लेकर यह दावा दिया जाता है कि इसे चांद से भी देखा जा सकता है। यह पिरामिड दुनिया की सबसे ऊंची बनावट है, जिसकी लंबाई 481 फुट है।

माचू पिच्चू, पेरू

दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में स्थित माचू पिच्चू दुनिया के सात अजूबों में से है। इसी रहस्यमयी शहर भी कहा जाता है। माचू पिच्चू इंका सभ्यता से संबंधित एक ऐतिहासिक स्थल है। यह एक पर्वत श्रृंखला पर स्थित है। माचू पिच्चू को लोग ‘इंकाओं का खोया हुआ शहर’ भी कहते हैं। इसके अलावा पेरू का एक ऐतिहासिक देवालय भी कहा जाता है। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया है।

चीन की विशाल दीवार

द ग्रेट वॉल ऑफ चाइना, यानी चीन की विशाल दीवार दुनिया के सात अजूबों में शामिल है। यह दुनिया की सबसे लंबी दीवार है। इस दीवार के निर्माण में ईंट, पत्थर, लकड़ी और धातुओं का इस्तेमाल हुआ है। इसे दुनिया की सबसे पुरानी मिट्टी और पत्थर की बनी दीवार भी कहा जाता है। एक राजकीय सर्वेक्षण के मुताबिक, ‘चीन की दीवार’ की कुल लंबाई 21,196 किलोमीटर है।

ताजमहल, भारत

भारत के आगरा शहर में बना ताजमहल भी सात अजूबों में से एक होने के साथ ही विश्व धरोहरों की सूची में शामिल है। ताजमहल मुगल वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पसंदीदा पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल का निर्माण कराया था। बाद में इस सफेद पत्थरों से बने महल में शाहजहां और उनकी पत्नी मुमताज को साथ में दफनाया गया था।

क्राइस्ट द रिडीमर

रियो डी जेनेरियो में क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा स्थित है, जो विश्व धरोहर होने के सात ही दुनिया के सात अजूबों में से एक है। इस प्रतिमा की ऊंचाई 30 मीटर है। क्राइस्ट द रिडीमर स्टैच्यू को ईसाई धर्म का एक वैश्विक प्रतीक माना जाता है। इस प्रतिमा की वजह से ही रियो डी जेनेरियो शहर का पर्यटन उद्योग भी चलता है।

पेट्रा, जॉर्डन

जॉर्डन का ‘पेट्रा’ शहर अपनी विचित्र वास्तुकला के लिए मशहूर है। पेट्रा की गिनती दुनिया के सात अजूबों में होती है। पेट्रा में तरह तरह की इमारत है जो लाल बलुआ पत्थर से बनी हैं। यहा पर बनी इमारतों, दीवारों पर बेहतरीन नक्काशी की गई है। पेट्रा में 138 फुट ऊंचा मंदिर बना है, इसके अलावा सुंदर नहरें, पानी के तालाब हैं।

रोम का कोलोसियम

इटली के रोम शहर में कोलोसियम स्थित है, जिसे फ्लावियन एलिप्टिकल एंफ़ीथियेटर कहा जाता है। इस अद्भुत विशाल अखाड़े का निर्माण रोम के सम्राटों ने कराया था। यूनेस्को ने कोलोसियम को विश्व धरोहर का दर्जा दिया तो वहीं सात अजूबों में भी यह जगह शामिल है।

सलमान खान को मारना नहीं था आरोपियों का मकसद, क्राइम ब्रांच ने किया शूटरों की असली मंशा का खुलासा

बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के आवास के बाहर 14 अप्रैल को गोलीबारी की घटना सामने आई। इसके बाद से ही अभिनेता की सुरक्षा के चाक-चौबंद किए गए हैं। बीते दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, सलमान खान से मिलने पहुंचे थे। कथित तौर पर घटना की जिम्मेदारी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल ने ली है। वहीं अब मामले की जांच कर रहे मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस पर बड़ा खुलासा किया है।

क्राइम ब्रांच का बड़ा दावा
मुंबई क्राइम ब्रांच का कहना है, ‘आरोपियों ने सलमान खान के पनवेल स्थित फार्महाउस की भी रेकी की थी। उनका इरादा सिर्फ उन्हें डराना था न कि उनकी हत्या करना। बिहार में दोनों आरोपियों के परिजनों के बयान दर्ज किए गए हैं। हरियाणा और दूसरे राज्यों से करीब 7 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है, कार्रवाई लगातार जारी है।’

पुलिस अधिकारियों का खुलासा
16 अप्रैल को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया था कि दो लोगों ने घटना को अंजाम देने से पहले अभिनेता के घर के आसपास तीन बार रेकी की थी। दोनों आरोपियों की पहचान बिहार के रहने वाले विक्की गुप्ता (24 वर्ष) और सागर पाल (21 वर्ष) के रूप में हुई है। रविवार सुबह बांद्रा इलाके के गैलेक्सी अपार्टमेंट में अभिनेता के घर के बाहर गोलीबारी की घटना के बाद से ही दोनों फरार चल रहे थे। पुलिस ने अपने बयान में कहा कि आरोपियों को सोमवार देर रात गुजरात के कच्छ जिले के माता नो मध गांव से पकड़ा गया।

पांच राउंड हुई थी फायरिंग
14 अप्रैल को आरोपियों ने पांच राउंड गोलियां चलाईं, जिसमें से एक दीवार पर और दूसरी सलमान खान के घर की गैलरी में लगी। घटना की जांच के दौरान गोलीबारी की जिम्मेदारी लेने वाला एक फेसबुक पोस्ट भी सामने आया था। पुलिस के मुताबिक, यह पोस्ट कथित तौर पर जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई ने अपलोड किया था। इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अनमोल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

माइकल डगलस का खुलासा, एंटमैन एंड द वैस्प क्वांटमैनिया में अपने किरदार की चाहते थे खतरनाक मौत

माइकल डगलस हॉलीवुड के दिग्गज कलाकारों में से एक हैं। अपनी अदाकारी से वे वैश्विक स्तर पर काफी ज्यादा लोकप्रिय हैं। वे मार्वल की साल 2023 में आई फिल्म एंटमैन एंड द वैस्प क्वांटमैनिया में नजर आए थे। इस फिल्म में डॉ. हैंक पाइम की भूमिका में उन्हें काफी पसंद किया गया था। हाल ही में अभिनेता ने इस फिल्म में अपने किरदार को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वे फिल्म में अपने किरदार की मौत का एक गंभीर दृश्य चाहते थे और इसके लिए उन्होंने अनुरोध भी किया था।

डगलस का बड़ा खुलासा
एक बातचीत में अभिनेता ने कहा कि फिल्म के तीसरे भाग से पहले उन्होंने अपने चरित्र को मारने का अनुरोध किया था। डगलस ने कहा, “वास्तव में मैंने तीसरी फिल्म के ऐसा किया था। मैंने कहा था कि मैं स्पेशल इफेक्ट्स के साथ मौत चाहता हूं। कोई शानदार तरीका होना चाहिए, जहां मैं चींटी के आकार में सिकुड़ जाऊं और मुझमें विस्फोट हो जाए। कुछ भी हो जाए, लेकिन मैं उन सभी इफेक्ट्स का उपयोग करना चाहता हूं।

पेटन रीड ने किया था निर्देशन
एंट-मैन एंड द वास्प: क्वांटमैनिया का निर्देशन पेटन रीड ने किया गया था। वहीं, इसे जेफ लवनेस ने लिखा था। फिल्म में पॉल रुड, इवांगेलिन लिली, जोनाथन मेजर्स, कैथरीन न्यूटन, डेविड डस्टमालचियन, कैटी ओ’ब्रायन, विलियम जैक्सन हार्पर, बिल मरे, कोरी स्टोल और मिशेल फिफर ने अभिनय किया था।

2015 में पहली बार इस भूमिका में दिखे थे डगलस
डगलस ने 2015 की फिल्म एंट-मैन में हैंक पाइम की भूमिका की शुरुआत की और 2018 की एंट-मैन एंड द वास्प और 2019 की एवेंजर्स: एंडगेम में इसे फिर से निभाया। हैंक पाइम के रूप में उन्हें आखिरी बार साल 2023 की एंट-मैन एंड द वास्प: क्वांटमैनिया में देखा गया था।

जब पांच सितारा होटल के बाहर खाने के लिए गिड़गिड़ाईं विद्या, किस्सा जानकर रह जाएंगे हैरान

विद्या बालन हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की प्रतिभाशाली अभिनेत्रियों में से एक हैं। अब तक कई सुपरहिट फिल्मों में वे अपनी अदाकारी से लोगों के दिल जीत चुकी हैं। उनकी फिल्म दो और दो प्यार जल्द ही रिलीज होने वाली है। इस फिल्म का निर्देशन शीर्षा गुहा ठाकुरता ने किया है। फिल्म में इलियाना डिक्रूज और प्रतीक गांधी भी नजर आने वाले हैं। इस फिल्म के सिनेमाघरों में दस्तक देने से पहले आज हम आपको विद्या से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा बताने जा रहे हैं।

फिल्मों में जबर्दस्त एक्टिंग करने वाली विद्या रियल लाइफ में भी अपनी एक्टिंग का जौहर दिखा चुकी हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि बिस्किट के अतिरिक्त पैकेट पाने की शर्त की वजह से वे एक बार पांच सितारा होटल के बाहर भिखारी बनने का नाटक कर गिड़गिड़ा चुकी हैं। इस बात का खुलासा विद्या ने खुद एक साक्षात्कार के दौरान किया था।

उन्होंने बताया था कि हमारा एक आईएमजी ग्रुप हुआ करता था जो हर साल संगीत कार्यक्रम आयोजित करता रहता थे। यह तीन दिनों का उत्सव हुआ करता था। मैं उसमें वॉलिंटियर के रूप में काम किया करती थी। हम प्रोग्राम को आयोजित करने में मदद करते थे और इसके खत्म होने के बाद नरिमन प्वाइंट पर टहलने के लिए जाया करते थे। इस बातचीत में उन्होंने बताया था कि एक बार उन्हें एक चुनौती देते हुए कहा गया कि एक पांच सितारा होटल के कॉफी शॉप का दरवाजा खटखटाकर उन्हें खाने के लिए कुछ मांगना है। अभिनेत्री ने आगे बताया कि वे अभिनेत्री थीं तो उन्होंने तुरंत अभिनय शुरू कर दिया।

विद्या ने बताया कि मैंने बहुत बार दरवाजा खटखटाया और कहती रही कि मैंने कल से कुछ नहीं खाया है। हालांकि, इसके बाद भी वे लोग दूसरी ओर देखने लगे। अभिनेत्री ने बताया कि इसके बाद उनका दोस्त शर्मिंदा हो गया और उन्हें वापस बुला लिया। उन्होंने बताया कि वे ऐसा करके यह शर्त जीत गई थीं। ऐसा उन्होंने एक बिस्किट का पैकट जीतने के लिए किया था।