Wednesday , October 23 2024

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केबीसी के सेट पर पहुंचे आमिर खान, खुद को बताया ‘बिगबी’ का सबसे बड़ा ‘प्रशंसक’, सबूत भी पेश किया

आमिर खान केबीसी के हाल के एपिसोड में शामिल हुए। आमिर खान ने इस शो में दावा किया कि वो सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के सबसे बड़े प्रशंसक हैं। अभिनेता आमिर खान ने अपने आप को अमिताभ बच्चन का सबसे बड़ा प्रशंसक बताया है। इसका आमिर ने सबूत भी पेश किया है। आइए आपको बताते हैं क्या है ये पूरा मामला।

आमिर खान ने किया सबसे बड़ा प्रशंसक होने का दावा
केबीसी मेकर्स ने सोशल मीडिया पर शो का प्रोमो शेयर किया है। इस प्रोमो वीडियो में आमिर खान अमिताभ बच्चन से पूछते हैं, ‘मेरे पास आपके लिए एक सवाल है। आपको आपकी शादी की तारीख याद है?’ इस पर अमिताभ बच्चन ने जवाब दिया, ‘तीन जून 1973’। इस पर आमिर खान ने जवाब दिया, कोई सबूत तो दीजिए’। इस सवाल ने अमिताभ बच्चन को कुछ समय के लिए चुप होने पर मजबूर कर दिया। इस पर आमिर खान कहते हैं, मेरे पास एक सबूत है। आपकी शादी का कार्ड। मैंने आपको सबूत दिया है कि मैं आपका सबसे बड़ा प्रशंसक हूं। इस जवाब पर आमिर खान, अमिताभ बच्चन और वहां मौजूद दर्शक हंसने लगते हैं।

अमिताभ बच्चन को सरप्राइज देने पहुंचे आमिर खान
कुछ समय पहले जारी प्रोमो वीडियो में बताया गया था कि आमिर खान और जुनैद खान अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर उनसे मिलने केबीसी के सेट पर जाने वाले हैं। इस वीडियो में आमिर और जुनैद अपनी वैनिटी से निकलकर सेट की तरफ जाते हैं और कहते हैं, ‘श्श्श्श… अमित जी को पता नहीं चलना चाहिए कि हम लोग आज शो पर हैं। बोलना नहीं हां।

पटाखा फैक्टरी विस्फोट में मृतकों की संख्या हुई छह, सितारा ने दम तोड़ा; जानें अब तक का अपडेट

बरेली: बरेली के सिरौली थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव में अवैध पटाखा फैक्टरी में हुए विस्फोट से मरने वालों की संख्या छह हो गई है। घायल सितारा ने बृहस्पतिवार को दम तोड़ दिया। जिला अस्पताल में उसका उपचार चल रहा था। इसके अलावा रात में निकहत उर्फ नीना की मौत हुई थी। पांच मृतकों में निकहत भी शामिल थी, लेकिन शव क्षत-विक्षत होने के कारण उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई। अब उसकी भी शिनाख्त करा ली गई है।

सिरौली कस्बा के मोहल्ला कौवा टोला निवासी नासिर शाह गांव कल्याणपुर में अपने ससुर रहमान शाह के घर में अवैध रूप से पटाखा फैक्टरी चलवा रहा था, जबकि उसके नाम लाइसेंस सिरौली कस्बे का था। वहां 10 दिन पहले धमाका हुआ था। इस मामले में रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर वह अपने भाई नाजिम साह के साथ कल्याणपुर में अवैध रूप से पटाखा बनाने और भंडारण करने लगा था।

विस्फोट से पांच घर हो गए थे जमींदोज
बुधवार शाम को अवैध पटाखा फैक्टरी में जोरदार धमाका हो गया था। इससे पांच घर जमींदोज हो गए थे। मलबे में दबने से रहमान के बेटे वाहिद की पत्नी तबस्सुम (44) व पड़ोसी रुखसार की पत्नी रुखसाना (28) की मौत हो गई। मलबे से एक अन्य अज्ञात महिला का शव मिला था। इसकी शिनाख्त निकहत उर्फ नीना के तौर पर हुई।

तबस्सुम के दो बेटे हसन (4) व शहजान (5) के शव देर रात मलबा हटाने के बाद निकाले गए। गंभीर घायल सितारा समेत चार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बृहस्पतिवार को सितारा ने भी दम तोड़ दिया। इससे मरने की संख्या अब छह हो गई है। घायल रहमान, छोटी और फातिमा का उपचार चल रहा है।

पॉलिटेक्निक की सम-सेमेस्टर और वार्षिक परीक्षाओं के परिणाम घोषित, शुभम वर्मा को प्रथम स्थान

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा परिषद द्वारा जून में आयोजित सम-सेमेस्टर, वार्षिक और विशेष बैक पेपर परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। ये परीक्षाएं 22 जून से 26 जुलाई के बीच प्रदेश के 188 परीक्षा केंद्रों पर शुचितापूर्ण एवं व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराई गईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल के निर्देशानुसार इस बार पहली बार डिजिटल मूल्यांकन की व्यवस्था लागू की गई, जिसमें प्रदेश के 150 राजकीय एवं अनुदानित पॉलिटेक्निक संस्थानों ने भाग लिया।

प्राविधिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने परीक्षा परिणाम घोषित करने की जानकारी दी। सेमेस्टर परीक्षा में कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 60.06% रहा, जबकि वार्षिक परीक्षा का उत्तीर्ण प्रतिशत 41.24% रहा। सेमेस्टर परीक्षा में 28.3% छात्र और 42% छात्राएं सफल हुईं।

सचिव अजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि सेमेस्टर परीक्षा, जून 2024 में सावित्री बाईफुले राजकीय पॉलिटेक्निक, आजमगढ़ के छात्र शुभम वर्मा ने 86.13 प्रतिशत अंक प्राप्त कर पहला स्थान हासिल किया। एम्बीशन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, वाराणसी के आकाश कुमार मौर्या ने 85.74 प्रतिशत अंकों के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि इसी संस्थान के अजय कुमार ने 84.95 प्रतिशत अंक प्राप्त कर तीसरा स्थान पाया।

सागर कॉलेज ऑफ फार्मेसी, फिरोजाबाद की छात्रा इकरा खान ने 82.96 प्रतिशत अंकों के साथ वार्षिक परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया। राजकीय महिला पॉलिटेक्निक प्रयागराज की अंजली यादव ने दूसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस एंड रिसर्च, उन्नाव की मरियम फातिमा ने 82.26 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। परिषद द्वारा मेरिट सूची में शीर्ष 10 स्थानों पर आने वाले छात्र-छात्राओं को मेडल और नकद पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है।

200 पेज की चार्जशीट में 11 लोगों को बनाया आरोपी और 676 गवाह, सुनवाई 4 अक्तूबर को

हाथरस:  हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग में मची भगदड़ में हुई 121 लोगों की मौत के मामले में पुलिस ने 1 अक्टूबर को चार्ज शीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। 3200 पेज की इस चार्जशीट में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसका संज्ञान लेने और सुनवाई के लिए 4 अक्तूबर की तारीख नियत की गई है। 10 आरोपियों की न्यायालय में पेशी भी हुई।

घटना के बाद पुलिस ने पुलिस मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी,मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह,संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार और दलवीर सिंह को गिरफ्तार किया था। इनमें महिला मंजू देवी और मंजू यादव की हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत स्वीकृत हो चुकी है। इनमें जमानत का सत्यापन नहीं होने और आदेश कोर्ट में नहीं पहुंचने के कारण अभी वह रिहा नहीं हो पाई है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजीव कुमार त्रिपाठी के न्यायालय में 10 आरोपियों की शाम करीब 4:00 बजे पेशी हुई।

इस तरह हुआ था हादसा
गत 2 जुलाई को सिकंदराराऊ के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार हरि भोले बाबा उर्फ सूरजपाल के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। उनका काफिला निकालने के लिए सेवादरों ने भीड़ को रोक दिया था, इस दौरान उनकी चरण रज लेने की होड़ में लोग गिरते गए। इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

इनके खिलाफ दर्ज हुआ था मामला
इस हादसे में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर सहित अन्य सेवादारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, प्राणघातक हमला करने, गंभीर चोट पहुचाने, लोगों को बंधक बनाने, निषेध्याज्ञा का उल्लंघन करने और साक्ष्य छिपाने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। इन पर यह भी आरोप था कि सत्संग में 80 हजार लोगों के जुटने की शर्त का उल्लंघन कर ढाई लाख लोगों की भीड़ जुटाई। यातायात प्रबंधन में भी मदद नहीं की।

डॉक्टर्स के काम बंद से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित; TMC छात्रसंघ समर्थकों ने राज्यपाल को दिखाए काले झंडे

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में विरोध प्रदर्शन अभी भी शांत नहीं हुआ है। मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए जूनियर डॉक्टरों ने एक बार फिर राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। डॉक्टरों ने एक बार फिर काम बंद कर दिया। सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं गुरुवार को लगातार तीसरे दिन भी प्रभावित रहीं।

यह दूसरी बार ऐसा हो रहा है कि डॉक्टरों ने अपनी मांग को लेकर काम बंद रखने का फैसला किया है। बता दें कि नौ अगस्त को महिला डॉक्टर का शव मिलने के बाद जूनियर डॉक्टरों ने 42 दिनों तक काम बंद रखा था। हालांकि, वे 21 सितंबर को अपनी ड्यूटी पर वापस लौट गए थे। राज्य सरकार पर मांगों को पूरा न करने का आरोप लगाते हुए डॉक्टरों ने एक बार फिर मंगलवार से काम बंद कर दिए।

प्रदर्शन कर रहे एक डॉक्टर ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार ने अभी तक हमारी मांगों को लेकर हमें बातचीत के लिए नहीं बुलाया।” डॉक्टरों ने इस मामले में सीबीआई जांच की गति पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सीबीआई की जांच हद से ज्यादा धीमी थी और वे इससे निराश हुए हैं। पीड़ित को न्याय दिलाने की बात करते हुए उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की।

क्या है पूरा मामला?
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना नौ अगस्त की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। आठ अगस्त को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। घटना के दूसरे दिन सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ। घटनास्थल से मृतक का मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया।

पोस्टमॉर्टम की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी। जूनियर महिला डॉक्टर का शव गद्दे पर पड़ा हुआ था और गद्दे पर खून के धब्बे मिले। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि मृतक महिला डॉक्टर के मुंह और दोनों आंखों पर था। गुप्तांगों पर खून के निशान और चेहरे पर नाखून के निशान पाए गए। होठ, गर्दन, पेट, बाएं टखने और दाहिने हाथ की उंगली पर चोट के निशान थे।

राज्यपाल को टीएमसीपी कार्यकर्ताओं ने दिखाए काले झंडे
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस गुरुवार को कलकत्ता यूनिवर्सिटी मेंएक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचें। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस की छात्र इकाई ने उन्हें काले झंडे दिखाए। तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) समर्थकों ने बताया कि वे यूनिवर्सिटी अधिकारियों द्वारा पुरस्कार समारोह आयोजित करने के निर्णय के अनियमित तरीके का विरोध कर रहे थे। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कॉलेज स्ट्रीट में यूनिवर्सिटी परिसर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे। टीएमसीपी समर्थकों ने राज्यपाल आनंद बोस के खिलाफ नारे भी लगाए।

आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म-हत्या पीड़िता की प्रतिमा पर बवाल; TMC नेता बोले- कला के नाम पर ऐसा..

कोलकाता:  कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ हुई भयावह घटना को लेकर आज भी देशभर में गुस्सा है। जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद न्याय की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टर लगातार सड़कों पर हैं। हालांकि, इस बीच अस्पताल के पास पीड़िता डॉक्टर की प्रतिमा लगाने पर विवाद खड़ा हो गया है। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने भी प्रशिक्षु डॉक्टर की प्रतिमा लगाने को लेकर डॉक्टरों की आलोचना की।

कहा लगाई गई प्रतिमा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रतिमा को ‘क्राई ऑफ द आवर’ (Cry of the Hour) नाम दिया गया है। कलाकार असित सैन ने बताया कि प्रतिमा में पीड़िता के जीवन के अंतिम पलों में हुई पीड़ा और भयावह को दिखाया गया है। बता दें, प्रतिमा में एक महिला को रोते हुए दिखाया है। यह आरजी कर के प्रधानाचार्य के कार्यालय के पास स्थापित की गई है।

अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने कहा, ‘यह पीड़िता की प्रतिमा नही हैं, लेकिन उस दर्द और भयावह का प्रतीक है जिससे वह गुजरी है। साथ ही यह उस विरोध प्रदर्शन का प्रतीक है, जो वहां चल रहा है।’

सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
हालांकि, प्रतिमा लगाए जाने की खबर सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गई। इस कदम की कई लोगों ने आलोचना की। इसे अपमानजनक और परेशान करने वाला कदम बताया। एक यूजर ने एक्स पर कहा, ‘क्या आप चाहते हैं कि उनकी प्रतिमा लगाई जाए? उनकी पीड़ा भरे चेहरे के अलावा किसी कुछ भी करें। यह जो भी हो, यह बेहद परेशान करने वाला है।’

वहीं, एक ने कहा, ‘यह कितना असंवेदनशील है, मैं इस पर कुछ बोलने लायक नहीं बचा। मुझे उम्मीद है कि इस घृणित मूर्ति को हटा दिया जाएगा।’एक और यूजर ने गुस्से में कहा, ‘इस देश के डॉक्टर इतने उदासीन हैं। आपने दुष्कर्म पीड़िता की ऐसी प्रतिमा क्यों बनाई?’

क्या बोले टीएमसी नेता?
इतना ही नहीं, तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने भी प्रशिक्षु डॉक्टर की प्रतिमा लगाने को लेकर डॉक्टरों की आलोचना की और कहा कि यह शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों के खिलाफ है, जिसमें पीड़िता के नाम और पहचान का खुलासा किया जाना मना है। उन्होंने कहा, ‘कोई जिम्मेदार व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता। कला के नाम पर भी नहीं। विरोध प्रदर्शन होंगे और न्याय की मांग होगी। लेकिन दर्द में लड़की के चेहरे के साथ प्रतिमा सही नहीं है। पीड़ितों की तस्वीरों या प्रतिमा का उपयोग नहीं करने के दिशानिर्देश हैं।’

बसों में ‘शिवनेरी सुंदरी’ को लेकर कांग्रेस के विरोध पर MSRTC का बयान; कहा- यात्रियों की मदद…

मुंबई: महाराष्ट्र में पुणे से मुंबई के बीच चलने वाली इलेक्ट्रिक शिवनेरी लग्जरी बसों में एयर होस्टेस की तरह सुंदरी परिचारिकाओं को शामिल करने पर महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने सफाई पेश की। इस मामले में कांग्रेस ने एमएसआरटीसी को घेरते हुए सरकार को जर्जर बसों और बस स्टेशनों के सुधार पर ध्यान देने की अपील की थी। इसके एक दिन बाद ही एमएसआरटीसी के चेयरमैन भरत गोगावले ने प्रतिक्रिया दी।

भरत गोगावले ने कहा, “यात्रियों को हवाई यात्रा जैसा आतिथ्य प्रदान करने के लिए के लिए मुंबई-पुणे मार्ग पर चलने वाली एसटी की ई-शिवनेरी बसों में ‘शिवनेरी सुंदरी’ को तैनात किया जाएगा। ये यात्रियों को टिकट पर बिना अधिशुल्क के उन्हें गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदान करेंगी।”

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के नए अध्यक्ष भरत गोगावले ने मंगलवार को शिवनेरी ब्रांड नाम से दो प्रमुख शहरों के बीच चलने वाली वातानुकूलित बसों में सुंदरियां योजना शुरू करने की घोषणा की थी। एमएसआरटीसी ने कहा कि 200 किलोमीटर लंबे व्यस्त मार्ग पर यात्रा करने वाले यात्रियों को हवाई यात्रा जैसा आतिथ्य प्रदान करने के लिए यह फैसला लिया गया है। भरत गोगावले का एमएसआरटीसी प्रमुख के रूप में पहला निर्णय शिवनेरी में सुंदरी को नियुक्त करना है। इसे लेकर महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने एमएसआरटीसी के कदम पर सरकार की आलोचना की।

13 महीने बाद मिली छत्तीसगढ़ के व्यवसायी को जमानत; महादेव सट्टेबाजी एप मामले में हुए थे गिरफ्तार

नई दिल्ली:  छत्तीसगढ़ के व्यवसायी सुनील दम्मानी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उन्हें शीर्ष अदालत ने गुरुवार को जमानत दे दी। बता दें, दम्मानी को प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल अगस्त में अवैध जुआ महादेव एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।

जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत: कारोबारी के वकील
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ से जेल में बंद व्यवसायी के वकील ने हाल ही में आग्रह किया था कि जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है। इसी याचिका पर आज सुनवाई हुई। अदालत ने कहा कि दम्मानी ने आरोपों की गंभीरता को समझे बिना ऐसा किया।

इन शर्तों के साथ दी गई जमानत
पीठ ने कहा कि दम्मानी पिछले साल 23 अगस्त से हिरासत में हैं। इसलिए उसे जमानत देने से इनकार करने वाले छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि गुण-दोष के आधार पर कुछ कहे बिना हमारा विचार है कि अपीलकर्ता को जमानत की शर्तों के साथ जमानत पर रिहा किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘यदि किसी अन्य जांच में दम्मानी की आवश्यकता न हो तो अपीलकर्ता को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया जाता है, बशर्ते कि वह संबंधित जिले में ईडी कार्यालय में हर 15 दिन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। वह निचली अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं।’

13 महीने से अधिक समय से जेल में
सुनवाई शुरू होने पर दम्मानी के वकील विकास पाहवा ने कहा था कि उनके मुवक्किल 13 महीने से अधिक समय से जेल में हैं। मुख्य आरोपी जांच में शामिल नहीं हुआ है और मामले में मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अधिवक्ता जोहेब हुसैन ने कहा कि इस मामले में 45 आरोपी हैं। कारोबारी पर अपराध से अर्जित धन को 5,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि अवैध तरीके से विदेश भेजने का आरोप है।

पुलिस हिरासत में मौत का मामला, हाईकोर्ट का न्यायिक जांच रिपोर्ट 18 नवंबर तक पेश करने का निर्देश

मुंबई:  बॉम्बे उच्च न्यायालय ने बदलापुर में अक्षय शिंदे की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में न्यायिक जांच की रिपोर्ट 18 नवंबर तक पेश करने का निर्देश दिया है। अक्षय शिंदे बदलापुर के स्कूल में बच्चियों के यौन शोषण का आरोपी था। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने मामले से जुड़े सारे सबूत इकट्ठा करने और उनकी फोरेंसिक विशेषज्ञों से जांच कराने का भी निर्देश दिया।

अक्षय शिंदे के पिता की याचिका पर सुनवाई कर रहा है हाईकोर्ट
कानून के अनुसार, पुलिस हिरासत में होने वाली हर मौत की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा की जानी चाहिए। मामले की सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल बीरेंद्र सराफ ने कहा कि सभी दस्तावेज जांच के लिए भेज दिए गए हैं। कोर्ट ने अक्षय शिंदे के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश जारी किए। अक्षय शिंदे के पिता ने पुलिस पर उनके बेटे का फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है और इसकी कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। अभी सीआईडी मामले की जांच कर रही है।

एनकाउंटर में ढेर हुआ था अक्षय शिंदे
24 वर्षीय अक्षय शिंदे पर ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप हैं। 23 सितंबर को जब उसे एक मामले की जांच के सिलसिले में नवी मुंबई की तलोजा जेल से बदलापुर वापस लाया जा रहा था। पुलिस के अनुसार, तभी अक्षय ने एक पुलिस अधिकारी की पिस्टल छीनकर गोलीबारी की। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में अक्षय की मौत हो गई थी। यह घटना ठाणे में मुंब्रा बाईपास के पास हुई।

सुनवाई के दौरान अदालत ने उठाए क्या-क्या सवाल
सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि सभी साक्ष्य एकत्र किए जाएं, संरक्षित किए जाएं और फोरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा जांच की जाए। शव सबसे मूक तथा ईमानदार गवाह होता है। अदालत ने कहा कि घटना में दो अलग-अलग बन्दूकों से गोलियां चलाई गई थीं। दो अलग-अलग बन्दूकों के खाली खोल मिले हैं। हर बन्दूक की फायरिंग पिन अलग-अलग होती है। यह इस बात का निर्णायक प्रमाण हो सकता है कि किस बन्दूक में कौन सी फायरिंग पिन होगी।’अदालत ने कहा, ‘हम इस बात को निर्णायक रूप से दर्शाने वाली रिपोर्ट देखना चाहते हैं।’

ये है गुजरात के दिव्य दुर्गा माता मंदिर, नवरात्रि में करें दर्शन

गुजरात सिर्फ व्यवसाय या पर्यटन स्थलों के लिए ही नहीं, तीर्थ स्थानों के लिए भी काफी मशहूर है। यहां द्वारकाधीश मंदिर से लेकर कालिका माता मंदिर जैसे शक्तिपीठ स्थित हैं, जहां हर साल हजारों-लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। सिर्फ देश ही नहीं विदेशों से भी हर साल हजारों सैलानी गुजरात पहुंचते हैं। गुजरात अपनी संस्कृति के लिए भी जाना जाता है। खासतौर पर यहां नवरात्रि बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। इस बार 3 अक्तूबर से शारदीय नवरात्रि शुरू होने जा रही है। इस दौरान पूरा देश ही रंग-बिरंगी सजावट में सराबोर और भक्ति के रंग में नजर आता है, लेकिन गुजरात की बात ही और है। अगर आप भी नवरात्रि में गुजरात जा रहे हैं तो हम आपको यहां स्थित कुछ ऐसे देवी मंदिरों के बारे में बताते हैं, जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए।

उनाई माता मंदिर

गुजरात के नवसारी जिले में स्थित उनाई माता मंदिर गुजरात के प्राचीन और प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। उनाई माता मंदिर के महत्व के बारे में बात करें तो यहां गर्म जल कुंड हैं, जिनका धार्मिक और औषधीय महत्व है। हर साल यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। खासतौर पर नवरात्रि के दौरान यहां की रौनक देखते ही बनती है।

खोडियार माता मंदिर

खोडियार माता मंदिर गुजरात के भावनगर के पास स्थित है, जो काफी चर्चित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां जाने से हर मनोकामना पूरी होती है। ये मंदिर 200 साल पुराना है और इसे पूरे गुजरात में शक्ति का केंद्र माना गया है। यहां का वातावरण बिलकुल अलग होता है और नवरात्रि के दौरान यहां कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह गुजरात के प्रमुख मंदिरों में से एक है।

आशापुरा माता मंदिर

यह मंदिर गुजरात के कच्छ में स्थित है और इस राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। इस मंदिर में स्थित देवी मां को ‘आशा पूरी करने वाली’ माना गया है, इसलिए इसका नाम आशापुरा माता मंदिर है। यह मंदिर अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए भी प्रख्यात है। अगर आप नवरात्रि के दौरान गुजरात जा रहे हैं तो इस मंदिर में जाना ना भूलें।

गुजरात में तीन शक्तिपीठ हैं

गुजरात में 1-2 नहीं बल्कि तीन शक्तिपीठ स्थित हैं। इनमें बहुचरा जी, आबू पर्वत के निकट स्तित अम्बा जी और पावागढ़ पर्वत के ऊपर विराजमान कालिका देवी हैं।

बहुचरा माता मंदिर

बहुचरा मां शक्तिपीठ गुजरात के मेहसाणा क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी हैं। हर साल अनेक भक्तगण अपनी मनोकामना लेकर बहुचरा माता मंदिर पहुंचते हैं। बहुचरा मां सिंध के हिंगलाज माता का स्वरूप भी मानी जाती हैं। मान्यता है कि बहुचरा देवी को धातु का चकोर पत्र चढ़ाया जाए, जिस पर शरीर का कोई अंग उत्क्रीर्णित हो तो शरीर के जिस अंग में कष्ट है या रोग है तो उससे मुक्ति मिलती है।