Thursday , October 24 2024

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डीजीपी ने दिया निर्देश, मानसिक रूप से परेशान और नशेड़ी पुलिसकर्मियों को शस्त्र देकर न कराएं ड्यूटी

अस्वस्थ या नशे के आदी किसी पुलिसकर्मी से अगर स्कॉर्ट या गार्ड ड्यूटी कराई गई तो डिप्टी एसपी, पुलिस लाइंस और प्रतिसार निरीक्षक (आरआई) जिम्मेदार होंगे। डीजीपी प्रशांत कुमार ने इस बाबत मातहतों को आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र गार्ड ड्यूटी अत्यंत महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील होती है। इसमें कोई भी लापरवाही घातक हो सकती है।

डीजीपी द्वारा जारी निर्देश में कहा गया कि बीते दिनों कुछ ऐसे प्रकरण सामने आए हैं, जहां महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील स्थलों पर लगाई गयी सुरक्षा गार्ड/स्कॉर्ट ड्यूटी में तैनात कर्मियों की अनुशासनहीनता एवं असंतुलित व्यवहार से अप्रिय स्थिति उत्पन्न हुई। ऐसी घटनाओं से पुलिस की छवि धूमिल होती है। वहीं रक्षक के भक्षक हो जाने से जनता में असुरक्षा की भावना पनपती है।

उन्होंने निर्देश दिया कि मानसिक रूप से परेशान किसी भी पुलिसकर्मी को अन्य पुलिसकर्मियों के साथ शस्त्र सहित ड्यूटी न लगाई जाए तथा बंदियों के साथ भी ड्यूटी लगाने में सतर्कता बरती जाए।

ड्यूटी पर लगाने से पहले आरआई द्वारा गार्ड/स्कॉर्ट की संख्या, उनकी मानसिक स्थिति, व्यक्तिगत एवं सामूहिक समस्या आदि पता कर ली जाए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि ड्यूटी करने वाला पुलिसकर्मी नशे का आदी न हो। यदि कोई कर्मी अस्वस्थ या किसी अन्य कारण से परेशान है तो उसे ड्यूटी से हटाकर उसकी समस्या का निराकरण कराया जाए।

पीलीभीत में पीएम मोदी की चुनावी सभा में नहीं आए सांसद वरुण गांधी… और न ही किसी ने जिक्र किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पीलीभीत में चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने तुष्टीकरण की राजनीति को लेकर सपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने तराई की सियासी जमीन से सिख मतदाताओं को भी साधने का प्रयास किया। पीलीभीत में पीएम मोदी ने पहली बार चुनावी सभा की, लेकिन जिले के सांसद वरुण गांधी नहीं आए। और न ही किसी की जुबान पर उनका जिक्र आया। भाजपा के पोस्टर-बैनर से भी वरुण गांधी गायब रहे।

प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैली के मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, राज्यमंत्री संजय गंगवार, बरेली के सांसद संतोष गंगवार, प्रत्याशी छत्रपाल सिंह गंगवार और पीलीभीत के प्रत्याशी जितिन प्रसाद मौजूद रहे। बता दें कि पीलीभीत से भाजपा ने वरुण गांधी की जगह जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। जितिन प्रसाद शाहजहांपुर के रहने वाले हैं और यूपी सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं।

पीलीभीत की जनता के नाम लिखा था पत्र
मेनका गांधी और वरुण गांधी की कर्मस्थली रही पीलीभीत में 35 वर्ष में यह पहला मौका है, जब इन दोनों में कोई भी मैदान में नहीं है। भाजपा ने वरुण गांधी की जगह प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री जितिन प्रसाद पर दांव लगाया है। हालांकि टिकट कटने के बाद सांसद वरुण गांधी ने अपने लोकसभा क्षेत्र की जनता के लिए भावुक खुला पत्र लिखा था। इसमें मां का हाथ पकड़े तीन साल के बच्चे की अपनी कहानी से अपना नाता भी पीलीभीत की जनता से मजबूत किया। इसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान में वरुण गांधी पीलीभीत आएंगे, लेकिन अब तक उन्होंने भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी है।

समर्थक बोले- पार्टी के नाम से ही जीत
प्रधानमंत्री के जाने के बाद बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र से आए बिलासी राम और उनके साथी कार्यक्रम स्थल परिसर में पेड़ के पास बैठे थे। पूछने पर बताया कि मोदी तो उनके मन में बसे हैं। सांसद वरुण गांधी के न आने के सवाल पर उनका कहना था कि पार्टी जिसे चाह रही है, वही उनका उम्मीदवार है। कहना था कि पार्टी के नाम से ही जीत हो रही है।

पीलीभीत में पीएम मोदी की चुनावी सभा में नहीं आए सांसद वरुण गांधी… और न ही किसी ने जिक्र किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पीलीभीत में चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने तुष्टीकरण की राजनीति को लेकर सपा और कांग्रेस पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने तराई की सियासी जमीन से सिख मतदाताओं को भी साधने का प्रयास किया। पीलीभीत में पीएम मोदी ने पहली बार चुनावी सभा की, लेकिन जिले के सांसद वरुण गांधी नहीं आए। और न ही किसी की जुबान पर उनका जिक्र आया। भाजपा के पोस्टर-बैनर से भी वरुण गांधी गायब रहे।

प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैली के मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, राज्यमंत्री संजय गंगवार, बरेली के सांसद संतोष गंगवार, प्रत्याशी छत्रपाल सिंह गंगवार और पीलीभीत के प्रत्याशी जितिन प्रसाद मौजूद रहे। बता दें कि पीलीभीत से भाजपा ने वरुण गांधी की जगह जितिन प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। जितिन प्रसाद शाहजहांपुर के रहने वाले हैं और यूपी सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री हैं।

पीलीभीत की जनता के नाम लिखा था पत्र
मेनका गांधी और वरुण गांधी की कर्मस्थली रही पीलीभीत में 35 वर्ष में यह पहला मौका है, जब इन दोनों में कोई भी मैदान में नहीं है। भाजपा ने वरुण गांधी की जगह प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री जितिन प्रसाद पर दांव लगाया है। हालांकि टिकट कटने के बाद सांसद वरुण गांधी ने अपने लोकसभा क्षेत्र की जनता के लिए भावुक खुला पत्र लिखा था। इसमें मां का हाथ पकड़े तीन साल के बच्चे की अपनी कहानी से अपना नाता भी पीलीभीत की जनता से मजबूत किया। इसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे थे कि भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान में वरुण गांधी पीलीभीत आएंगे, लेकिन अब तक उन्होंने भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी है।

समर्थक बोले- पार्टी के नाम से ही जीत
प्रधानमंत्री के जाने के बाद बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र से आए बिलासी राम और उनके साथी कार्यक्रम स्थल परिसर में पेड़ के पास बैठे थे। पूछने पर बताया कि मोदी तो उनके मन में बसे हैं। सांसद वरुण गांधी के न आने के सवाल पर उनका कहना था कि पार्टी जिसे चाह रही है, वही उनका उम्मीदवार है। कहना था कि पार्टी के नाम से ही जीत हो रही है।

मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने के लिए बेटे अब्बास को मिली इजाजत, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई ये शर्त

सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को अपने पिता की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ने की इजाजत दे दी है। मुख्तार अंसारी की कब्र पर 10 अप्रैल को फातिहा पढ़ा जाएगा, जिसमें उसका बेटा अब्बास अंसारी भी शामिल होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि अब्बास अंसारी को पुलिस हिरासत में कासगंज जेल से उसके गाजीपुर स्थित घर ले जाया जाएगा। पुलिस हिरासत में ही अब्बास अंसारी को 13 अप्रैल को वापस कासगंज जेल लाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि अब्बास अंसारी को लेकर पुलिस की टीम आज ही शाम पांच बजे से पहले गाजीपुर के लिए रवाना हो जाए। कोर्ट ने 11 अप्रैल और 12 अप्रैल को अब्बास अंसारी को अपने परिजनों से मिलने की इजाजत दी है। कोर्ट ने अब्बास अंसारी को निर्देश दिया कि इस दौरान वह मीडिया से बात नहीं करेंगे। अब्बास अंसारी कासगंज की पचलाना जिला जेल में बंद है और जेल में होने की वजह से वह अपने पिता मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल नहीं हो सका था। ऐसे में अब्बास अंसारी ने पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इजाजत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अब अब्बास को इजाजत दे दी है।

मुख्तार अंसारी की कब्र पर फातिहा पढ़ने के लिए बेटे अब्बास को मिली इजाजत, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई ये शर्त

सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को अपने पिता की कब्र पर जाकर फातिहा पढ़ने की इजाजत दे दी है। मुख्तार अंसारी की कब्र पर 10 अप्रैल को फातिहा पढ़ा जाएगा, जिसमें उसका बेटा अब्बास अंसारी भी शामिल होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि अब्बास अंसारी को पुलिस हिरासत में कासगंज जेल से उसके गाजीपुर स्थित घर ले जाया जाएगा। पुलिस हिरासत में ही अब्बास अंसारी को 13 अप्रैल को वापस कासगंज जेल लाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा है कि अब्बास अंसारी को लेकर पुलिस की टीम आज ही शाम पांच बजे से पहले गाजीपुर के लिए रवाना हो जाए। कोर्ट ने 11 अप्रैल और 12 अप्रैल को अब्बास अंसारी को अपने परिजनों से मिलने की इजाजत दी है। कोर्ट ने अब्बास अंसारी को निर्देश दिया कि इस दौरान वह मीडिया से बात नहीं करेंगे। अब्बास अंसारी कासगंज की पचलाना जिला जेल में बंद है और जेल में होने की वजह से वह अपने पिता मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल नहीं हो सका था। ऐसे में अब्बास अंसारी ने पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इजाजत मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अब अब्बास को इजाजत दे दी है।

बीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ी, मार्च में हुई थी गिरफ्तारी

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की एमएलसी के. कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी है। उन्हें 15 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट के समक्ष ईडी ने बताया कि बीआरएस एमएलसी के. कविता पर गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है। के. कविता ने अदालत को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच (के.कविता ने इसे मीडिया ट्रायल कहा) उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है और उनकी निजता पर हमला किया है।

कविता ने कहा, “मैं एक पीड़िता हूं। मेरी व्यक्तिगत और राजनीतिक प्रतिष्ठा को निशाना बनाया जा रहा है। मेरे मोबाइल फोन को सभी टेलीविजन चैनलों में प्रदर्शित किया गया, जो कि मेरी निजता पर हमला है। उन्होंने आगे कहा, मैं केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही हूं। मैंने बैंक खाते का विवरण भी दिया। मैंने अपना मोबाइल फोन भी ईडी को दिया, जिसपर एजेंसी ने दावा किया कि मैंने अपना मोबाइल फोन तोड़ दिया है।” अदालत से बाहर निकलने के दौरान बीआरएस नेता ने कहा कि यह मामला राजनीतिक है। यह विपक्षी पार्टियों को निशाना बनाने वाला मामला है। यह मामला केवल बयानों पर आधारित है।

बता दें कि बीआरएस एमएलसी और तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को ईडी ने 15 मार्च को हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद ईडी की टीम के कविता को हैदराबाद से दिल्ली लेकर आई, जहां उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने के. कविता को 23 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा था।

क्या हैं के. कविता पर आरोप
ईडी का दावा है कि के कविता ने आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर कथित तौर पर साजिश रची। जिसके तहत दिल्ली शराब नीति में फायदा पाने के लिए आप नेताओं को करीब 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। के कविता को कथित दक्षिण लॉबी का हिस्सा बताया जा रहा है। दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी अब तक देशभर में 245 ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है और मनीष सिसोदिया, संजय सिन्हा और विजय नायर समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

बीआरएस नेता के. कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ी, मार्च में हुई थी गिरफ्तारी

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की एमएलसी के. कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी है। उन्हें 15 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट के समक्ष ईडी ने बताया कि बीआरएस एमएलसी के. कविता पर गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास और सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप है। के. कविता ने अदालत को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच (के.कविता ने इसे मीडिया ट्रायल कहा) उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है और उनकी निजता पर हमला किया है।

कविता ने कहा, “मैं एक पीड़िता हूं। मेरी व्यक्तिगत और राजनीतिक प्रतिष्ठा को निशाना बनाया जा रहा है। मेरे मोबाइल फोन को सभी टेलीविजन चैनलों में प्रदर्शित किया गया, जो कि मेरी निजता पर हमला है। उन्होंने आगे कहा, मैं केंद्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग कर रही हूं। मैंने बैंक खाते का विवरण भी दिया। मैंने अपना मोबाइल फोन भी ईडी को दिया, जिसपर एजेंसी ने दावा किया कि मैंने अपना मोबाइल फोन तोड़ दिया है।” अदालत से बाहर निकलने के दौरान बीआरएस नेता ने कहा कि यह मामला राजनीतिक है। यह विपक्षी पार्टियों को निशाना बनाने वाला मामला है। यह मामला केवल बयानों पर आधारित है।

बता दें कि बीआरएस एमएलसी और तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को ईडी ने 15 मार्च को हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद ईडी की टीम के कविता को हैदराबाद से दिल्ली लेकर आई, जहां उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने के. कविता को 23 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजा था।

क्या हैं के. कविता पर आरोप
ईडी का दावा है कि के कविता ने आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर कथित तौर पर साजिश रची। जिसके तहत दिल्ली शराब नीति में फायदा पाने के लिए आप नेताओं को करीब 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। के कविता को कथित दक्षिण लॉबी का हिस्सा बताया जा रहा है। दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी अब तक देशभर में 245 ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है और मनीष सिसोदिया, संजय सिन्हा और विजय नायर समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

‘मेरा बेटा अनिल चुनाव हारना चाहिए’, एके एंटनी बोले- कांग्रेस ही मेरा धर्म है

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि वह चाहते हैं कि उनका बेटा अनिल एंटनी चुनाव हार जाए और उसके सामने चुनाव लड़ रहा कांग्रेस उम्मीदवार जीत जाए। मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एके एंटनी ने कहा कि उनका बेटा, अनिल के एंटनी, जो पतनमतिट्टा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहा है, वह चुनाव नहीं जीतना चाहिए।

‘भाजपा हर दिन नीचे जा रही’
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि अनिल एंटनी को हार मिले और उनके प्रतिद्वंदी और कांग्रेस उम्मीदवार एंटो एंटनी जीतने चाहिए। एके एंटनी ने कांग्रेस नेताओं के बच्चों के भाजपा में शामिल होने को भी गलत बताया और कहा कि ‘कांग्रेस ही मेरा धर्म है।’ एके एंटनी ने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी लगातार मोदी, भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लड़ रहे हैं। विपक्षी गठबंधन हर दिन आगे बढ़ रहा है और भाजपा नीचे जा रही है। मुझे लगता है कि हमारे पास सरकार बनाने का मौका है।’

अनिल एंटनी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी बीते साल अप्रैल में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। अनिल एंटनी केरल कांग्रेस के डिजिटल मीडिया प्रभारी समेत पार्टी के सोशल मीडिया और डिजिटल कम्युनिकेशंस सेल के विभिन्न पदों पर काम चुके थे, लेकिन जनवरी में पीएम मोदी पर बनी एक विवादित डॉक्युमेंट्री पर बयान देकर वह भी विवादों में आ गए और आखिरकार कांग्रेस से मनमुटाव होने के चलते उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ले ली थी। लोकसभा चुनाव में अनिल एंटनी पतनमतिट्टा सीट से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं।

‘मेरा बेटा अनिल चुनाव हारना चाहिए’, एके एंटनी बोले- कांग्रेस ही मेरा धर्म है

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि वह चाहते हैं कि उनका बेटा अनिल एंटनी चुनाव हार जाए और उसके सामने चुनाव लड़ रहा कांग्रेस उम्मीदवार जीत जाए। मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एके एंटनी ने कहा कि उनका बेटा, अनिल के एंटनी, जो पतनमतिट्टा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहा है, वह चुनाव नहीं जीतना चाहिए।

‘भाजपा हर दिन नीचे जा रही’
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि अनिल एंटनी को हार मिले और उनके प्रतिद्वंदी और कांग्रेस उम्मीदवार एंटो एंटनी जीतने चाहिए। एके एंटनी ने कांग्रेस नेताओं के बच्चों के भाजपा में शामिल होने को भी गलत बताया और कहा कि ‘कांग्रेस ही मेरा धर्म है।’ एके एंटनी ने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी लगातार मोदी, भाजपा और आरएसएस के खिलाफ लड़ रहे हैं। विपक्षी गठबंधन हर दिन आगे बढ़ रहा है और भाजपा नीचे जा रही है। मुझे लगता है कि हमारे पास सरकार बनाने का मौका है।’

अनिल एंटनी ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली थी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी बीते साल अप्रैल में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। अनिल एंटनी केरल कांग्रेस के डिजिटल मीडिया प्रभारी समेत पार्टी के सोशल मीडिया और डिजिटल कम्युनिकेशंस सेल के विभिन्न पदों पर काम चुके थे, लेकिन जनवरी में पीएम मोदी पर बनी एक विवादित डॉक्युमेंट्री पर बयान देकर वह भी विवादों में आ गए और आखिरकार कांग्रेस से मनमुटाव होने के चलते उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ले ली थी। लोकसभा चुनाव में अनिल एंटनी पतनमतिट्टा सीट से भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं।

‘मेरे लिए अल्पसंख्यक समुदाय की तरक्की अहम, वोट नहीं’, जानिए असम के मुख्यमंत्री ने क्यों कही ये बात

असम सीएम हिमंत बिस्व सरमा का कहना है कि बहुविवाह, बाल विवाह जैसे विषय लोकसभा चुनाव में मुद्दे नहीं हैं। सीएम ने कहा कि वह इन विषयों को सामाजिक बदलाव के लिए उठा रहे हैं। सरमा ने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य की 14 सीटों में से सिर्फ तीन पर मुकाबला होगा, बाकी सीटों पर भाजपा एकतरफा अंदाज में जीत दर्ज करेगी।

अल्पसंख्यक समुदाय की तरक्की अहम, वोट नहीं
जोरहाट में तीताबोर में एक इंटरव्यू में असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘मैं हमेशा से कहता हूं कि वोट लेना अलग चीज है। हम अल्पसंख्यक समुदाय के लिए असली विकास चाहते हैं। अब वे मुझे वोट करते हैं या नहीं, इस बात का कोई मतलब नहीं है।’ असम सीएम ने कहा कि ‘उनके लिए मायने ये रखता है कि अल्पसंख्यक समुदाय समृद्ध बने। अगर अल्पसंख्यक समुदाय में बहुविवाह का चलन नहीं रुकेगा तो समुदाय कैसे समृद्ध होगा? अगर बाल विवाह जारी रहेगा तो समुदाय कैसे तरक्की करेगा?’ हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि ‘अगर लड़कियों को समान अधिकार नहीं मिलेंगे और उन्हें शिक्षा नहीं दी जाएगी तो मिंया समुदाय कैसे तरक्की करेगा? असम में बंगाली बोलने वाले मुसलमानों को मियां कहा जाता है।’

‘मुस्लिम बहुल इलाकों में वोट नहीं मांगूंगा, मुद्दों पर बात करूंगा’
सीएम ने कहा कि ‘मदरसा शिक्षा बंद होनी चाहिए और छात्रों को सामान्य शिक्षा दी जानी चाहिए।’ सीएम ने कहा कि ‘मैं असम के मुस्लिम बहुल इलाकों में जाऊंगा, लेकिन मैं वोट की अपील नहीं करूंगा। मैं सिर्फ इन मुद्दों पर बात करूंगा। सरमा ने कहा कि चुनाव तो हैं, लेकिन ये मुद्दे चुनाव से भी बड़े हैं और मैं चुनावी राजनीति की मदद से लक्ष्यों को हासिल करने की कोशिश करूंगा।’ सरमा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में तीन सीटों पर ही मुकाबला हो सकता है और बाकी 11 सीटों पर उन्हें एकतरफा तरीके से जीत मिलेगी। हालांकि सीएम ने उन तीन सीटों के बारे में नहीं बताया। सीएम ने कहा कि असम में विपक्षी गठबंधन का अस्तित्व नहीं है और असल मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और एआईयूडीएफ में ही होगा।