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आठ वर्ष पुराने पनामा पेपर्स मामले में 27 लोगों के खिलाफ आज से ट्रायल, इनपर हैं टैक्स चोरी के आरोप

‘पनामा पेपर्स’ के खुलासे में जिन लोगों पर कर चोरी के आरोप लगे उनमें से 27 के खिलापु मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में सोमवार यानी 8 मार्च से मुकदमा चलेगा। पनामा पेपर्स के जरिए खुलासा किया गया था कि दुनिया के कितने अमीर लोगों ने ऑफशोर अकाउंट्स (विदेशों में पैसे जमा करने के लिए उपयोग में लाए गए खाते) में अपनी संपत्ति जमा कर रखी है।

पत्रकारों के एक समूह की ओर से 2016 में किए गए इस खुलासे ने सरकारों को हिलाकर रख दिया था। इसमें कई हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों के नाम भी शामिल थे। खुलासे के बाद दुनिया भर में इससे संबंधित कई जांच शुरू की गई थी। इस मामले का ट्रायल पनामा की एक अदालत में शुरू हो रहा है। पनामा की आपराधिक अदालत में जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा शुरू हो रहा है उनमें जुर्गन मोसैक और रेमन फोंसेका मोरा का भी नाम शामिल हैं, ये कर चोरी घोटाले के केंद्र में रहे और अब निष्क्रिय हो चुके एक कानूनी फर्म के संस्थापक हैं।

उनकी कंपनी मोसैक फोंसेका की ओर से लीक हुए 11.5 मिलियन फाइलों के कारण कई अरबपति, राजनेता और यहां तक कि खेल सितारों सहित कई प्रभावशाली हस्तियां जांच के घेरे में आ गईं थीं। आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमंडुर डेविड गुनलॉगसन को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि यह पता चला कि उनके परिवार के पास ऑफशोर खाते हैं।

तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स में नाम आने के बाद आजीवन पीएम पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था। पनामा पेपर्स की चपेट में आए अन्य लोगों में पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन, फुटबॉल स्टार लियोनेल मेसी, अर्जेंटीना के तत्कालीन राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री और स्पेनिश फिल्म निर्माता पेड्रो अल्मोडोवर भी शामिल हैं।

ये फाइलें (पनामा पेपर्स से जुड़ी फाइलें) जर्मनी के एक अखबार सुएडडॉयचे साइटुंग को लीक कर दी गईं, जिसने इन्हें इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स के साथ साझा किया। घोटाले में पकड़े गए लोगों में से कई ने विदेशों में खाता रखने का कारण बताया था और कहा था कि उन्होंने कोई अवैध कार्य नहीं किया।

साल का पहला सूर्य ग्रहण आज, भारत में नहीं आएगा नजर, यूट्यूब पर लाइव देख सकेंगे

साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण सोमवार को लगने वाला है। नासा के मुताबिक, करीब 54 साल के बाद सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। इसकी अवधि चार घंटे 25 मिनट तक हो सकती है। इससे पहले इतना लंबा सूर्य ग्रहण 1970 में देखा गया था। अगली बार यह 2078 में दिखेगा। पूरे उत्तरी अमेरिका में सूर्य के सामने चंद्रमा के आने से जमीन पर जो परछाई बनेगी, वह 185 किलोमीटर चौड़ी होगी। यह छाया मेक्सिको, अमेरिका और कनाडा में पड़ेगी।

नासा के मुताबिक, यह पूर्ण सूर्य ग्रहण मेक्सिको, अमेरिका और कनाडा के अलावा कई कैरेबियाई देश जैसे कोलंबिया, वेनेजुएला में दिखेगा। इसके अलावा स्पेन, ब्रिटेन, आयरलैंड, पुर्तगाल और आइसलैंड ग्रीनलैंड, जमैका, नॉर्वे, पनामा, निकारागुआ, रूस, प्यूर्टो रिको, सेंट मार्टिन वेनेज़ुएला, बहामास, जैसे देशों में भी नजर आएगा। हालांकि, भारत में यह दिखाई नहीं देगा और इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। हालांकि, भारत में लोग नासा के यूट्यूब लाइव स्ट्रीम के जरिये इस दुर्लभ ग्रहण को देख सकते हैं।

भीषण भूकंप के बाद आए 681 झटके; आसपास सक्रिय चीनी नौसैनिक जहाजों पर पैनी नजर

ताइवान के हुवालियन शहर में तीन अप्रैल को आए 7.4 तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप के बाद भी रोज अलग-अलग तीव्रता के झटके (ऑफ्टरशॉक) महसूस किए जा रहे हैं। पिछले चार दिनों में इस स्वायत्तशासी क्षेत्र ने कुल 681 झटकों का सामना किया। तीन अप्रैल को आए भूकंप में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।

सेंट्रल वेदर एडिमिनिस्ट्रेशन (सीडब्ल्यूए) के मुताबिक, रविवार सुबह 8.12 तक ताइवान में 681 ऑफ्टरशॉक महसूस किए गए। इनमें रिक्टर पैमाने पर 6 से अधिक की तीव्रता के दो व 6.5 की तीव्रता का एक झटका शामिल है। हालांकि, एक स्थानीय समाचार एजेंसी ने रविवार को सीडब्ल्यूए के हवाले से कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। ऑफ्टरशॉक की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। पिछले चार दिनों में यहां भूकंप के दैनिक झटकों की संख्या क्रमशः 314, 167, 111 व 89 रही। एजेंसी के मुताबिक, हाल के दिनों में ताइवान में 4-5 की तीव्रता वाले भूकंप के कुल 208 झटके दर्ज किए गए।

ताइवान अपने आसपास सक्रिय छह चीनी नौसैनिक जहाजों पर रख रहा नजर
भूकंप के झटकों के बाद संवेदनशील हालात के बीच ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने कहा कि वह देश में सक्रिय छह चीनी नौसेना पोतों पर नजर बनाए हुए है। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सशस्त्र बलों ने निगरानी के साथ ही जवाब में नौसेना के जहाजों को तैनात किया है। इस दौरान किसी भी चीनी सैन्य विमान को ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार करते या ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश करते हुए नहीं देखा गया। ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कहा, हमने आसपास काम करने वाले 6 पीएलए जहाजों का सुबह 6 बजे पता चला था।

एल्फ्रेड टिनिसवुड हैं दुनिया के सबसे उम्रदराज पुरुष, देख चुके हैं दोनों विश्वयुद्ध

ब्रिटेन के रहने वाले जॉन एल्फ्रेड टिनिसवुड दुनिया के सबसे उम्रदराज पुरुष हैं। उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। टिनिसवुड का जन्म 26 अगस्त, 1912 को लिवरपूल में हुआ था। टिनिसवुड ने अपनी आंखों के सामने दो विश्व युद्ध देखे।

सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि वह द्वितीय विश्व युद्ध के समय ब्रिटिश आर्मी के पे कॉर्प्स में भी थे। टिनिसवुड ने एक साक्षात्कार में बताया कि मेरी लंबी उम्र का राज लक, संयम और हर शुक्रवार को मछली-चिप्स खाना है। स्वस्थ जीवन का सबसे बड़ा राज संयम है। उन्होंने कहा कि मैं कभी सिगरेट नहीं पीता। हालांकि, कभी कभार ही शराब पी लेता हूं, लेकिन उसकी आदत नहीं बनाता। इसके अलावा बस हफ्ते में एक बार मछली-चिप्स खाता हूं।

टिनिसवुड ने कहा, हालांकि ये सब भाग्य का खेल है। महिलाओं में सबसे ज्यादा उम्र तक जीवित रहने का रिकॉर्ड स्पेन की मारिया ब्रानयास मोरेरा के पास है, जिनकी उम्र अभी 117 वर्ष है। दुनिया का सबसे उम्रदराज शख्स होने का रिकॉर्ड जॉन एल्फ्रेड से पहले दक्षिण अमेरिका के देश वेनेजुएला के रहने वाले जुआन विसेंट पेरेज के पास था। हालांकि, इसी महीने उनकी 114 साल की उम्र में मौत हो गई। बता दें कि दुनिया के सबसे ज्यादा बुजुर्ग इंसान की लिस्ट में पेरेज के बाद दूसरे नंबर पर जापान के गिसाबूरो सोनोबे थे, जिनका 112 साल की उम्र में (31 मार्च, 2024) निधन हो गया। इस तरह ब्रिटेन के जॉन एल्फ्रेड टिनिसवुड अब दुनिया के सबसे बुजुर्ग शख्स बन चुके हैं।

ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट जज पर फूटा मस्क का गुस्सा, संविधान को धोखा देने का लगाया आरोप

दिग्गज कारोबारी एलन मस्क का ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट के एक जज पर गुस्सा फूटा है और उन्होंने जज के इस्तीफे की मांग कर दी है। दरअसल ब्राजील सुप्रीम कोर्ट के जज एलेक्जांद्रे डे मोरेस ने ब्राजील में कई सोशल मीडिया अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है और कई यूजर्स को जेल में डालने का भी आरोप है। दावा किया जा रहा है कि ये सोशल मीडिया अकाउंट्स ब्राजील की सरकार के खिलाफ झूठी खबरें फैला रहे थे। जिन अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है, उनमें कई अकाउंट्स ब्राजील के सोशल मीडिया इंफ्लुएंशर्स के हैं।

ब्राजील के जज पर फूटा एलन मस्क का गुस्सा
सोशल मीडिया पर कथित सेंसरशिप लगाने को लेकर एलन मस्क ने जज मोरेस पर तीखा हमला बोला। एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि ‘यह जज मनमाने तरीके से ब्राजील के लोगों और संविधान के साथ धोखा कर रहा है। उसे इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर उसके खिलाफ महाभियोग लाकर उसे पद से हटा देना चाहिए।’ मस्क ने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि ‘इस जज ने हम पर भारी जुर्माना लगाया है और हमारे कई कर्मचारियों को गिरफ्तार करने की धमकी दी है और ब्राजील में एक्स को बंद करने की धमकी दी है। इसके चलते हम ब्राजील में पूरा राजस्व खो सकते हैं और हो सकता है कि हमें ब्राजील में अपना ऑफिस बंद करना पड़े, लेकिन हमारे लिए लाभ से ज्यादा अहम सिद्धांत हैं।’

जेर बोलसोनारो के विरोधी माने जाते हैं जज मोरेस
एलेक्जांद्रे डे मोरेस ब्राजील में एक चर्चित नाम हैं। कुछ लोग उन्हें विवादित मानते हैं तो कुछ उन्हें लोकतंत्र का रक्षक करार देते हैं। मोरेस, ब्राजील के सुपीरियर इलेक्टोरल ट्रिब्यूनल के प्रमुख भी हैं। मोरेस के आलोचकों का आरोप है कि वह ब्राजील में बोलने की आजादी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। हाल के वर्षों में मोरेस ने सोशल मीडिया पर कई प्रमुख अकाउंट्स को बंद करने का आदेश दिया है। आरोप है कि जिन अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है

पेरिस के अपार्टमेंट में विस्फोट के बाद भीषण आग, अब तक तीन लोगों की मौत; मामले की जांच के लिए टीम गठित

पेरिस में एक आठ मंजिला अपार्टमेंट में विस्फोट के बाद आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई। यह विस्फोट रविवार शाम को हुआ। हालांकि, विस्फोट के कारणों का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है।

विस्फोट के कारणों का नहीं चला पता
यह इमारत पेरिस के एरॉन्डिसमेंट में स्थित है। प्राथमिकी जांच के अनुसार, रू डी कैरोन की सातवीं मंजिल पर आग लगने से पहले एक विस्फोट हुआ। 11वें एरॉन्डिसमेंट के डिप्टी मेयर लुक लेबन ने कहा, “पड़ोसियों को समझ नहीं आया कि यह विस्फोट कैसे हुआ, क्योंकि इमारत में गैस है ही नहीं।”

इस मामले की जांच आग या नुकसान पहुंचाने और जान से मारने के पहलु से भी की जा रही है। विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए राजधानी के दूसरे न्यायिक पुलिस जिले के जासूसों को नियुक्त किया गया है। विस्फोट के बाद आसपास के इमारतों में रहने वालों को घरों से बाहर निकाला गया। बाद में वे सुरक्षापूर्वक अपने घरों में वापस लौट आए। फिलहाल इस मामले की जांच जारी है।

बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में यह तीसरी बार है, जब फ्रांस की राजधानी में ऐसा विस्फोट हुआ है। इससे पहले 2019 में रू डी ट्रेविस में ऐसा विस्फोट हुआ था, जिसमें चार लोगों की मौत हुई थी। पिछले साल जून में 277 रू सेंट जैक्स में भी धमाका हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी।

‘गलत तथ्यों को रोकेंगे’, ट्रस्ट में हिंदू प्रार्थना न किए जाने के आरोप पर बोलीं इला गांधी

फीनिक्स सेटलमेंट ट्रस्ट ने फीनिक्स सेटलमेंट में आयोजित एक अंतरधार्मिक बैठक में जानबूझकर हिंदू प्रार्थनाओं को छोड़ दिए जाने के आरोप के बाद महात्मा गांधी की पोती इला गांधी ने कहा कि नफरत, दुश्मनी और हिंसा किसी भी धार्मिक शिक्षा का हिस्सा नहीं है। जो लोग धर्म के नाम पर इन्हें बढ़ावा देते है, वे खुरापाती दिमान के चलते गलत व्याख्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आइए विभाजन और नफरत की ताकतों का विरोध करें।

सभी धर्मग्रंथ दयालु इंसान बनाना सिखाती है- इला गांधी
सोशल मीडिया पोस्ट्स के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे सभी विश्वास और हमारे धर्मग्रंथ हमें अच्छे, दयालु और प्रेमपूर्ण इंसान बनने के लिए मार्गदर्शन करते हैं। घृणा, शत्रुता और हिंसा हमारी आवश्यक धार्मिक शिक्षाओं का हिस्सा नहीं हैं। इस तरह के कदम हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने और गांधीजी और मुझे हिंदू समुदाय से अलग करने का एक प्रयास थे।

हमें इन शरारतों को रोकना होगा- इला गांधी
इला ने साप्ताहिक पोस्ट में एक खुले पत्र के जरिए कहा कि तथ्यों को सार्वजनिक रूप से बताना जरूरी है ताकि जिस शरारत की कोशिश की जा रही, उसे अभी रोका जा सके। इला ने चार हिंदू संगठनों को निमंत्रण का हवाला देते हुए कहा, स्पष्ट करने के लिए, मैंने कई हिंदुओं को व्यक्तिगत रूप से और कई हिंदू आस्था नेताओं को सामूहिक रूप से इस समारोह में हिंदू प्रार्थना करने के लिए आमंत्रित किया था।

लंदन के पोस्ट ऑफिस में भारतीय मूल के व्यक्ति पर डकैती का आरोप, नकली बंदूक से दिया वारदात को अंजाम

लंदन पोस्ट ऑफिस में भारतीय मूल के व्यक्ति पर डकैती का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि उसने नकली बंदूक की मदद से इस पूरी वारदात को अंजाम दिया।

नकली बंदूक की मदद से डकैती को दिया अंजाम
इस बारे में स्कॉटलैंड यार्ड ने बताया कि पश्चिम लंदन के हाउंस्लो के एक डाकघर में राजविंदर नाम के भारतीय मूल के व्यक्ति ने नकली बंदूक दिखाकर कर्मचारियों को धमकाया और उसके बाद डकैती को अंजाम दिया। इसके बाद एक अप्रैल को उसे उसके घर से गिरफ्तार किया गया। मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि उसके फ्लाइंग स्क्वॉड के अधिकारियों ने जासूसों की मदद से संदिग्ध की पहचान की।

एक अप्रैल को हुई वारदात
एक अप्रैल की शाम लगभग छह बजे राजविंदर हाउंस्लो के ब्रेबजोन रोड स्थित डाकघर में दाखिल हुआ। पुलिस ने ने बताया कि उसने डकैती से पहले स्टाफ के दो सदस्यों को बंदूक दिखाकर धमकाया। डकैती के बाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और जासूसों ने काफी छानबीन के बाद संदिग्ध की पहचान की। इसके बाद पुलिस द्वारा राजविंदर की गिरफ्तारी के लिए प्लान तैयार किया गया।

घर से किया गया गिरफ्तार
चार अप्रैल को उसे उसके घर से गिरफ्तार किया गया। बयान में कहा गया है कि राजविंदर को शनिवार छह अप्रैल को उक्सब्रिज मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया। उस पर नकली बंदूक की मदद से डकैती करने का आरोप लगाया गया है। फिलहाल राजविंदर अभी पुलिस की हिरासत में है और छह मई को इसे आइलवर्थ क्राउन कोर्ट में पेश किया जाएगा।

अटल के खिलाफ प्रचार करने नहीं आए नेहरू, ऐन वक्त पर रद्द कर दी अपनी सभा, जानिए वजह

सियासत में कद्दावरों के बीच दोस्ती और पसंद कितना मायने रखती है, इसकी झलक बलरामपुर के सियासी दंगल में देखने को मिली थी। बात 1962 के लोकसभा चुनाव की है, जब कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार के लिए प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू नहीं आए। वह जनसंघ के प्रत्याशी अटल बिहारी वाजपेयी को मानते थे, इसलिए उनके विरुद्ध प्रचार करने से गुरेज कर रहे थे।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की चुनावी रैली की तैयारी परेड ग्राउंड में पूरी कर ली थी। कार्यक्रम लगभग तय था। पदाधिकारियों में गजब का उत्साह था, लेकिन ऐन वक्त पर प्रधानमंत्री नेहरू के न आने का संदेश मिला। इससे पदाधिकारियों को झटका लगा। प्रधानमंत्री तक यह संदेश गया कि जनता कांग्रेस के पक्ष में है, बस माहौल बनाने की जरूरत है। इसके बाद भी नेहरू जी खुद नहीं आए। नेहरू ने माहौल बनाने के लिए फिल्म स्टार बलराज साहनी को भेजा। उन्होंने दो दिन रुक कर व्यापक प्रचार किया, जिसका असर भी दिखा। पार्टी को 2052 मतों से ही जीत हासिल हो सकी।

नेहरू ने ही भेजा था, फिर भी पूरी नहीं हुई थी प्रत्याशी की मुराद
लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए पहली बार फिल्म एक्टर की एंट्री हुई। बात उस समय की है जब जनता दल से अटल बिहारी वाजपेयी को बलरामपुर लोकसभा सीट पर दोबारा प्रत्याशी बनाया गया था। 1957 का चुनाव जीत चुके अटल बिहारी के अंदर पिछली जीत का उत्साह था। वहीं, कांग्रेस ने भी पिछली हार का बदला लेने के लिए दो बार संसद रह चुकीं सुभद्रा जोशी को मैदान में उतार दिया।

सुभद्रा जोशी का नाम सुनकर अटल बिहारी भी चौंक गए। अटल के सहयोगी दुलीचंद्र बताते हैं कि उन्होंने कहा कि बलरामपुर की जनता सुभद्रा को इतना नहीं जानती जितना मुझे पहचानती है। मेरी जीत में कोई शक नहीं है और अटल जी चुनाव प्रचार में जुट गए। सुभद्रा पहले अंबाला और करनाल से सांसद रह चुकी थीं और पंडित जवाहरलाल नेहरू के कहने पर बलरामपुर के चुनावी मैदान में उतरने को तैयार हुई थीं। सुभद्रा चाहती थीं कि पंडित नेहरू खुद बलरामपुर आकर उनका प्रचार करें

दो रेस्टोरेंट पर पुलिस की छापेमारी, बिना लाइसेंस पिलाई जा रही थी शराब, मालिकों के खिलाफ केस दर्ज

राजधानी लखनऊ के दो रेस्टोरेंट पर पुलिस की टीमों ने रविवार देर रात छापेमारी की। इन दोनों ही जगहों पर बिना बार लाइसेंस के शराब पिलाई जा रही थी। मामले में रेस्टोरेंट के मालिकों व प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

लोकसभा चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश शासन एवं आबकारी आयुक्त के आदेशानुसार, पुलिस आयुक्त, लखनऊ एवं जिलाधिकारी के निर्देशन में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए चलाए जा रहे प्रवर्तन अभियान के तहत रविवार देर रात ऋचा सिंह, आबकारी निरीक्षक- सेक्टर 2, विवेक सिंह, आबकारी निरीक्षक- सेक्टर 5, विजय, आबकारी निरीक्षक-सेक्टर 9 मय स्टाफ द्वारा मुखबिर सूचना पर अलीगंज सेक्टर एच में स्थित अवैध मदिरा पान कराने वाले रेस्टोरेंटो पर छापेमारी की गई।

इस दौरान चिकी चिक रेस्टोरेंट तथा द ग्रिल चिल रेस्टोरेंट को बिना बार लाइसेंस के मदिरापान कराते हुए पकड़ा गया। जिस पर दोनों रेस्टोरेंटों के प्रबंधकों व मालिकों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए मौके पर मिले प्रबंधकों को जेल भेज दिया गया।

चिकी चिक रेस्टोरेंट के प्रबंधक ऋषि खन्ना पुत्र स्व. नंदकिशोर खन्ना निवासी 745 आजाद महल, सदर कैंट, लखनऊ द्वारा बताया गया कि रेस्टोरेंट के मालिक रोविंद्र सिंह पुत्र अरविंद जीत सिंह निवासी C19, सेक्टर जी, अलीगंज, लखनऊ के निर्देश पर अधिक धनार्जन के उद्देश्य से रेस्टोरेंट परिसर के भीतर मदिरापान कराया जाता है।

रेस्टोरेंट से विदेशी मदिरा की एक भरी बोतल व पांच खाली बोतल तथा बियर के 10 खाली केन बरामद किए गए। रेस्टोरेंट मालिक को मौके पर बुलाया गया किंतु वह नहीं आया। प्रबंधक ऋषि खन्ना को गिरफ्तार करते हुए आबकारी की धारा 60वीं आईपीसी की धारा 420 में मुकदमा पंजीकृत करते हुए जेल भेजा गया।