Friday , October 25 2024

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उतार-चढ़ाव के बाद हरे निशान पर क्लोजिंग; सेंसेक्स 351 अंक चढ़ा, निफ्टी 22500 के पार

वीकली एक्सपायरी के दिन गुरुवार को शेयर बाजार में जबरदश्त एक्शन दिखा। उतार-चढ़ाव के बाद बेंचमार्क इंडेक्स नई ऊंचाइयों पर बंद हुए। हफ्ते के चौथे कारोबारी दिन सेंसेक्स पहली बार 350.81 (0.47%) अंकों की मजबूती के साथ 74,227.63 के लेवल पर बंद हुआ। वहीं दूसरी ओर, निफ्टी 80.00 (0.36%) अंक मजबूत होकर नई ऊंचाई पर बंद हुआ। गुरुवार के कारोबारी सत्र के दौरान वेदांता के शेयरों में चार प्रतिशत का उछाल दिखा वहीं डाबर के शेयर पांच प्रतिशत तक टूट गए।

निफ्टी बैंक, ऑटो और वित्तीय सेवाओं के शेयर हरे निशान पर बंद हुए
व्यापक बाजार की बात करें तो निफ्टी नेक्स्ट फिफ्टी और निफ्टी मिड कैप फिफ्टी में मामूली गिरावट को छोड़ दें तो बाकी सभी इंडेक्स हरे निशान पर बंद हुए। इंडिया VIX 1.34% (0.15) घटकर 11.22 पर आ गया। निफ्टी के अलग-अलग सेक्टर की बात करें तो निफ्टी बैंक, ऑटो और वित्तीय सेवाओं के शेयर हरे निशान पर बंद हुए। निफ्टी आईटी, निफ्टी प्राइवेट बैंक और निफ्टी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स भी बढ़त के साथ बंद हुए। दूसरी ओर, निफ्टी एफएमसीजी, मीडिया, मेटल, फार्मा, पीएसयू बैंक में गिरावट दिखी। निफ्टी रियल्टी, हेल्थकेयर और निफ्टी ऑयल एंड गैस भी लाल निशान पर बंद हुआ।

ताइवान में भूकंप के बाद दो भारतीय लापता, एक हजार से अधिक घायल, 70 लोग इमारतों में ही फंसे

ताइवान में 25 वर्षों में आए सबसे भीषण भूकंप में बुधवार को 9 लोगों की मौत हो गई और 1000 से ज्यादा घायल हो गए। दो भारतीयों के लापता होने की खबर है, जिनमें एक महिला भी है। भूकंप निगरानी एजेंसी ने कहा, भूकंप की तीव्रता 7.2 थी जबकि अमेरिकी सर्वेक्षण ने इसे 7.4 बताया। इसके चलते 70 लोग विभिन्न जगहों पर फंस गए। इसका केंद्र हुलिएन में जमीन से 35 किमी नीचे था।

भूकंप के केंद्र के पास, हुलिएन के पहाड़ी क्षेत्र स्थित कम आबादी वाले पूर्वी काउंटी में सरकारी एजेंसी ने खतरनाक कोणों पर झुकी हुई इमारतों की कई तस्वीरें दिखाईं। इस दौरान 2.3 करोड़ की आबादी वाले देश में इमारतें झुक गईं, विद्यार्थियों को स्कूल से निकाल कर खेल के मैदान में ले जाया गया। झटकों के चलते भूस्खलन की 24 घटनाएं हुईं तथा 35 सड़कें, पुल और सुरंगे क्षतिग्रस्त हो गईं।

ताइवान के साथ खड़ा है भारत: पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने ताइवान में आए भूकंप से लोगों की मौत पर शोक जताया और कहा कि भारत दुख की इस घड़ी में ताइवान के लोगों के साथ खड़ा है। सोशल मीडिया में उन्होंने कहा, आज ताइवान में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत दुखी हूं।

ताइवान के बाद अब जापान में भूकंप के तेज झटके; 6.3 की तीव्रता से कांपी धरती

ताइवान में मची तबाही के एक दिन बाद गुरुवार को जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई। फिलहाल किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। इससे पहले ताइवान में 25 वर्षों में आए सबसे भीषण भूकंप में बुधवार को 9 लोगों की मौत हो गई थी और 1000 से ज्यादा घायल हो गए थे। इस दौरान दो भारतीयों के लापता होने की खबर है, जिनमें एक महिला है। भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.2 थी, जबकि अमेरिकी सर्वेक्षण ने इसे 7.4 बताया। इसके चलते 70 लोग विभिन्न जगहों पर फंस गए। इसका केंद्र हुलिएन में जमीन से 35 किमी नीचे था।

भूकंप के केंद्र के पास, हुलिएन के पहाड़ी क्षेत्र स्थित कम आबादी वाले पूर्वी काउंटी में सरकारी एजेंसी ने खतरनाक कोणों पर झुकी हुई इमारतों की कई तस्वीरें दिखाईं। इस दौरान 2.3 करोड़ की आबादी वाले देश में इमारतें झुक गईं, विद्यार्थियों को स्कूल से निकाल कर खेल के मैदान में ले जाया गया। झटकों के चलते भूस्खलन की 24 घटनाएं हुईं तथा 35 सड़कें, पुल और सुरंगे क्षतिग्रस्त हो गईं।

ताइवान के साथ खड़ा है भारत: पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने ताइवान में आए भूकंप से लोगों की मौत पर शोक जताया और कहा कि भारत दुख की इस घड़ी में ताइवान के लोगों के साथ खड़ा है। सोशल मीडिया में उन्होंने कहा, आज ताइवान में भूकंप के कारण हुए जानमाल के नुकसान से बहुत दुखी हूं।

क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

इमरान खान की रिहाई को लेकर होने वाली पीटीआई की रैली रद्द, पार्टी ने बताई वजह

इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ इस्लामाबाद में 6 अप्रैल को एक विशाल रैली का आयोजन करने वाली थी। अब खबर आई है कि पार्टी ने अपनी ये रैली रद्द कर दी है। पार्टी ने रैली रद्द करने की वजह धार्मिक बताई है। पीटीआई के चेयरमैन बैरिस्टर गौहर अली खान ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि रैली के समय लैलत उल कद्र का दिन पड़ रहा है, जिसकी वजह से पार्टी ने रैली रद्द करने का फैसला किया है। लैलत उल कद्र की रात का रमजान के महीने में विशेष धार्मिक महत्व है।

हाईकोर्ट ने दी थी रैली की मंजूरी
बैरिस्टर गौहर अली खान ने अपने समर्थकों से अपील की कि वे इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की रिहाई के लिए दुआ करें। पीटीआई ने इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर विशाल रैली आयोजित करने का एलान किया था। इमरान खान को बीते साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था। पीटीआई ने इस रैली के लिए इस्लामाबाद हाईकोर्ट से मंजूरी भी ले ली थी। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने भी प्रशासन को पीटीआई की रैली के लिए इंतजाम करने का निर्देश दिया था।

तोशाखाना मामले में राहत मिलने के बाद पीटीआई ने रद्द की रैली
हाईकोर्ट ने कहा था कि पीटीआई को रैली करने का अधिकार है और किसी भी पार्टी से उसका ये अधिकार नहीं छीना जा सकता। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी की तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में 14 साल की जेल की सजा को बर्खास्त कर दिया था। हाईकोर्ट के इस आदेश के दो दिन बाद ही पीटीआई ने इस्लामाबाद में होने वाली अपनी रैली रद्द कर दी।

राष्ट्रपति जरदारी से मिले सेना प्रमुख, सेना के खिलाफ राजनीतिक दलों के आरोपों को बताया निराधार

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने राजनीतिक दलों और उनके व्यक्तियों द्वारा सेना के खिलाफ लगाए गए निराधार आरोपों पर चिंता व्यक्त की है। बुधवार को जब सेना के प्रमुख (सीओएएस) जनरल असीम मुनीर ने राष्ट्रपति से मुलाकात की तब उन्होंने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर निशाना साधा।

इस बैठक में सेना प्रमुख ने जरदारी को 14वें राष्ट्रपति के तौर पर नियुक्ति के लिए बधाई दी है। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, राष्ट्रपति जरदारी ने राजनीतिक दलों और उनके कुछ व्यक्तियों द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों पर चिंता जताई है। उन्होंने ऐसे तत्वों से निपटने के लिए संकल्प लिया है।

दरअसल, जरदारी स्पष्ट रूप से अप्रैल 2022 में सत्ता से बेदखल होने पर इमरान खान और उनकी पार्टी द्वारा पाकिस्तानी पर लगातार हमले का जिक्र कर रहे थे। इस बैठक में सीओएएस ने राष्ट्रपति को आतंकवाद के खिलाफ सेना के अभियानों से अवगत कराया। उन्होंने राष्ट्रपति को विशेष तौर पर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान क्षेत्र में विकास पहल में सेना के योगदान के बारे में भी बताया।

राष्ट्रपति जरदारी ने कहा कि देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में सेना का योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कुछ प्रभावित क्षेत्रों के सामाजिक उत्थान के लिए सेना के प्रयासों की भी सराहना की है। जरदारी ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की दृढ़ प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

एक महीने मजार में छिपी रही साफिया मलिक, पुलिस ने बरेली से पकड़ा; दो दिन में विदेश जाने वाली थी

फर्जी शपथ पत्र लगाकर जमीन कब्जाने की आरोपी साफिया मलिक पत्नी अब्दुल मलिक को पुलिस ने बरेली से गिरफ्तार कर लिया है। साफिया बरेली में सात दिन से अपने मामा के घर रह रही थी। बनभूलपुरा में जिस जमीन को लेकर बवाल हुआ, उसकी मुख्य आरोपित साफिया है। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश करने के बाद हल्द्वानी जेल भेज दिया है।

आठ फरवरी को बनभूलपुरा में सरकारी नजूल भूमि से अतिक्रमण हटाने पर बवाल हुआ था। उपद्रव में पांच लोगों की मौत हो गई थी। जिस जमीन पर अब्दुल मलिक अपना दावा कर रहा था। निगम की जांच में वह गलत साबित हुआ था। 22 फरवरी को नगर निगम के सहायक आयुक्त गणेश भट्ट ने अब्दुल मलिक, उसकी पत्नी साफिया, अख्तरी बेगम, नबी रजा खां, गौस रजा खां और अब्दुल लतीफ के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में प्राथमिकी कराई थी। इन पर मृत व्यक्ति के दस्तावेज लगाकर फर्जी तरीके से जमीन कब्जाने व उसे खुर्द-बुर्द करने का आरोप है। मुकदमा दर्ज होने के बाद कोतवाली के एसएसआई महेंद्र प्रसाद को मामले की विवेचना सौंपी गई।

उधर साफिया मलिक ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी। उधर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि साफिया बरेली के बिहारीपुर में अपने मामा के घर में छिपी है। मंगलवार को पुलिस व एसओजी ने साफिया को ग्राम बिहारीपुर जिला बरेली उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी टीम में एसएसआई महेंद्र प्रसाद, एसओजी प्रभारी, संजीत राठौर, हेड कांस्टेबल ललित कुमार, कांस्टेबल महबूब अली व राजेश्वरी नेगी शामिल रहे।

एक महीने बरेली की मजार में छुपी रही साफिया
पुलिस साफिया की खोज में दिल्ली, मुंबई, हरियाणा व बिहार तक गई। वह बरेली की एक मजार में एक महीने तक छिपी रही। पुष्ट सूत्रों के अनुसार साफिया सात दिन पहले अपने मामा के घर बरेली आ गई थी।

विदेश भागने की तैयारी में थी साफिया
साफिया मामा के घर से विदेश भागने की फिराक में थी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि साफिया ने पूछताछ में बताया है कि वह दो दिन में विदेश जाने वाली थी। उसने वीजा के लिए आवेदन किया था। पुलिस ने साफिया के लिए लुक आउट नोटिस जारी नहीं किया था।

पनाह देने वाले राडार पर
जिन लोगों ने साफिया को पनाह दी, वह पुलिस की राडार पर आ चुके हैं। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा का कहना है कि साफिया को पकड़ने के लिए टीम गठित की थी। कहा कि जिन लोगों ने उसे पनाह दी, उन्हें भी चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद कार्रवाई होगी। सूत्र बताते हैं कि साफिया बरेली में एक वकील के घर में भी रुकी थी।

‘दिल्लीवासियों को किसी तरह की तकलीफ नहीं होनी चाहिए’; सुनीता ने जारी किया वीडियो

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने उनका जेल से भेजा हुआ संदेश पढ़कर सुनाया। सुनीता ने जेल से भेजा गया पत्र पढ़ते हुए कहा कि आपके केजरीवाल ने जेल से सभी विधायकों के लिए संदेश भेजा।

सुनीता ने बताया कि सीएम केजरीवाल ने कहा, मैं जेल में हूं इस वजह से मेरे किसी दिल्लीवासी को किसी तरह की तकलीफ नहीं होनी चाहिए। सभी विधायक हर दिन अपनी विधानसभा में जाएं और इलाकों का दौरा करें। लोगों की समस्याओं का हल करें। मैं केवल सरकारी विभागों से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने की बात नहीं कर रहा, हमें लोगों की बाकी समस्याएं भी दूर करनी हैं। दिल्ली की दो करोड़ जनता मेरा परिवार है। उन्होंने कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।’

उधर, जेल से बाहर आने के बाद आप सांसद संजय सिंह अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल से मुख्यमंत्री आवास पर मिलने पहुंचे। जहां उन्होंने मुलाकात की। आप सांसद की रिहाई पर खुशी जताते हुए सुनीता ने कहा है कि जल्द ही सीएम अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को भी न्याय मिलेगा।

181 दिन बाद तिहाड़ जेल से रिहा हुए संजय सिंह
राज्यसभा सांसद संजय सिंह तिहाड़ जेल से 181 दिन बाद बाहर आ गए। उन्हें बुधवार रात साढ़े आठ बजे रिहा किया गया। शाम को अदालत का आदेश जेल प्रशासन को प्राप्त हुआ और करीब एक घंटे की कागजी कार्रवाई के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। इस दौरान जेल के बाहर आप कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी रही। ढोल बजाते हुए लोगों ने काफी देर तक नारे लगाए।

‘तस्वीरें लेने हेलीकॉप्टर से गए’, सीएम एकनाथ शिंदे का उद्धव ठाकरे पर तंज

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को एक जनसभा के दौरान पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला। सीएम शिंदे ने कहा कि खेती करके हेलीकॉप्टर में यात्रा करना ज्यादा अच्छा है न कि सिर्फ तस्वीरें लेने के लिए हेलीकॉप्टर में घूमना। शिंदे महाराष्ट्र के हिंगोली में पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे थे, इसी दौरान सीएम ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा शिंदे ने कहा कि ‘हेलीकॉप्टर में यात्रा करने और खेती करने के लिए मेरी आलोचना की जा रही है। अगर एक किसान का बेटा मुख्यमंत्री बन गया है तो इसमें इतना दर्द क्यों हो रहा है? खेती करने के लिए हेलीकॉप्टर में घूमना ज्यादा अच्छा है न कि तस्वीरें लेने के लिए।’

रामपुर में लगातार बढ़े मतदाता, 3.76 से 17.31 लाख पहुंचा आंकड़ा, पहले सांसद बने थे अबुल कलाम आजाद

लोकसभा चुनाव के 72 साल के इतिहास में रामपुर सीट पर वोटरों की संख्या साल-दर-साल बढ़ती रही। इस सीट पर 1952 में हुए आजाद के बाद पहले लोकसभा चुनाव में 3.76 लाख वोटर थे, अब यहां वोटरों का आंकड़ा 17.31 लाख तक पहुंच गया है। 1952 के चुनाव से वर्तमान में 2024 लोकसभा चुनाव तक 13.55 लाख मतदाताओं का इजाफा हुआ है। रामपुर में 1952 में लोकसभा का चुनाव हुआ। पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में 3,76,635 वोटरों ने लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लिया।

पहले चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ने सफलता पाई। उन्होंने अपने निकटतम प्रत्याशी को हराकर देश की सबसे बड़ी पंचायत का सफर ही नहीं तय किया, बल्कि केंद्र सरकार में पहले शिक्षा मंत्री भी बने। इसके बाद हुए चुनावों में वोटरों की संख्या लगातार बढ़ती चली गई। हालांकि 2009 लोकसभा चुनाव में 2,66,054 वोटर घट गए। 2014 के चुनाव में वोटरों की संख्या फिर बढ़ गई। 2014 में वोटरों की संख्या बढ़कर 16.16 लाख तक पहुंच गई।

इसके बाद वोटरों की संख्या बढ़ती चली गई। मौजूदा चुनाव में वोटरों की संख्या 17.31 लाख तक पहुंच गई है। अब जिले में 17.31 लाख वोटर अपने सांसद का चुनाव करेंगे।
किस चुनाव में कितने मतदाता

चुनाव वोटर विजेता
1952   3,76,635   मौलाना अबुल कलाम आजाद
1957   4,03,446   रजा सैयद मेहंदी
1962   4,21,922   रजा सैयद मेहंदी
1967    4,99,114   जुल्फिकार अली खां
1971   5,52,912   जुल्फिकार अली खां
1977   6,33,744   राजेंद्र शर्मा
1980   7,00,181   जुल्फिकार अली खां
1984   7,52,171   जुल्फिकार अली खां
1989   9,72,113   जुल्फिकार अली खां
1991   9,79,613   राजेंद्र शर्मा
1996   12,86,323   बेगम नूरबानो
1998   13,13,581   मुख्तार अब्बास नकवी
1999   13,22,470   बेगम नूरबानो
2004   14,20,598   जयाप्रदा
2009   11,54,544   जयाप्रदा
2014   16,16,984   डा.नैपाल सिंह
2019   16,58,551   आजम खां

पुराने समीकरण पर ही सपा लगा सकती है दांव, बसपा ने किया खेला तो कई का बिगड़ेगा समीकरण

श्रावस्ती लोकसभा सीट पर सपा पुराने समीकरण पर ही दांव लगा सकती है। यहां से विगत चुनाव में बसपा ने सपा के साथ मिलकर जीत दर्ज की थी। ऐसे में इस बार सपा हर कदम बड़े संतुलन से आगे बढ़ा रही है। इस बीच यदि बसपा ने खेला किया तो कई दिग्गजों का समीकरण बिगड़ सकता है। यही कारण है कि सभी की नजर हाथी पर ही टिक गई है।

वर्ष 2008 के परिसीमन के बाद जिले की दो व बलरामपुर की तीन विधानसभा क्षेत्रों को शामिल कर वजूद में आई श्रावस्ती लोकसभा के लिए यह चौथा आम चुनाव है। यहां से सबसे पहले 2009 में कांग्रेस के डॉ. विनय कुमार पांडेय ने जीत का स्वाद चखा, जिन्हें 2014 के मोदी लहर में भाजपा के दद्दन मिश्र ने करारी शिकस्त दी। तब इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. विनय कुमार पांडेय 20,006 मत के साथ पांचवें स्थान पर पहुंच गए।

सपा प्रत्याशी रहे बाहुबली अतीक अहमद 26,0051 मत पाकर दूसरे व बसपा के लालजी वर्मा 1,94,890 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। तब सपा के साथ पीईसीपी के रिजवान जहीर ने खेला कर दिया था। रिजवान को तब 1,01,817 मत मिले थे। वहीं 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से बसपा प्रत्याशी रहे राम शिरोमणि वर्मा ने भाजपा के दद्दन मिश्र को 5320 मतों से हराया था। इसमें सपा-बसपा के परंपरागत वोट के साथ ही कुर्मी, यादव व मुस्लिम वोटों का गुणा गणित भी था। ऐसे में इसी समीकरण के सहारे सपा अपनी चुनावी वैतरणी पार लगाने की जुगत में है।