Friday , October 25 2024

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सपा में बार-बार टिकट बदलने को लेकर जयंत चौधरी ने ली चुटकी, कहा- ‘कुछ घंटों के लिए ही मिलता है’

समाजवादी पार्टी ने मेरठ से फिर प्रत्याशी बदल दिया है। अब सुनीता वर्मा को टिकट दिया गया है। आज वह नामांकन दाखिल करेंगी। योगेश वर्मा लखनऊ सिंबल लेने के लिए पहुंचे।वहीं अतुल प्रधान ने टिकट काटे जाने पर इस्तीफे की पेशकश कर दी है। सुनीता वर्मा ने आज कलक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन किया। उधर सपा में बार-बार टिकट बदलने को लेकर रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पार्टी का नाम लिए बिना तंज कसा है।

 

जयंत चौधरी ने एक्स पर ली चुटकी, बोले-विपक्ष में कुछ घंटों के लिए ही मिलता है टिकट
वहीं बार बार प्रत्याशियों के बदले जाने और उनका टिकट काटे जाने को लेकर जयंत चौधरी ने एक्स पर चुटकी ली है। उन्होंने एक पोस्ट करते हुए लिखा कि विपक्ष में किस्मत वालों को ही कुछ घंटों के लिए लोक सभा प्रत्याशी का टिकट मिलता है! और जिनका टिकट नहीं कटा, उनका नसीब…

गौरतलब है कि अतुल प्रधान ने पर्चा दाखिल कर दिया था लेकिन सपा में घमासान नहीं थमा। वहीं दावेदार लखनऊ में डटे हुए थे। बुधवार रात से ही यह चर्चा थी कि नया एलान हो सकता है। भानु प्रताप सिंह, रफीक अंसारी में डटे हुए थे। सपा में टिकट को लेकर खींचतान जारी रही और फिर गुरुवार को सुनीता वर्मा के नाम का एलान कर दिया गया। भानु प्रताप का टिकट काटकर अतुल प्रधान को सोमवार रात टिकट हुआ था।

मैनपुरी से चुनाव लड़ने पर भाजपा नेता अपर्णा यादव ने तोड़ी चुप्पी… राहुल-प्रियंका पर भी रहीं हमलावर

भाजपा नेता अपर्णा यादव ने सपा के गढ़ मैनपुरी सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता जो कहेंगे मैं वही करूंगी। कांग्रेस पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि महिला अस्मिता व महिला सम्मान को चोट पहुंचाना भाजपा की पुरानी संस्कृति है। भाजपा महिलाओं का सम्मान करती है और उनका सशक्तिकरण करती है। महिलाओं का अपमान करना कांग्रेस के डीएनए में है।

भाजपा के प्रदेश कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने हेमा मालिनी पर रणदीप सुरजेवाला की टिप्पणी की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने चुनाव आयोग से अपील की है कि इनकी टिप्पणी का संज्ञान लेते हुए सुरजेवाला के खिलाफ पर कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई नेता इस तरह के बयान देते आए हैं।

अपर्णा ने कहा सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना रनौत पर गलत टिप्पणी की है। कांग्रेस आईटी सेल से जुड़े लोगों पर भी महिलाओं के प्रति अपमानजनक व्यवहार के उदाहरण सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता पहले महिलाओं का अपमान करते हैं और बाद में माफी मांगते है। उनका यह रवैया कांग्रेस क दोहरा चरित्र को दर्शाता है। कहा कि देश की मातृशक्ति इसका जवाब 2024 के लोकसभा चुनाव में देगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी के मंच से लड़की हूं लड़ सकती हूं का नारा दिया गया था लेकिन उन्हीं के कार्यक्रमों में महिला अस्मिता को चोट भी पहुंचाई गई। ये महिला उत्थान के लिए नहीं खबर में बने रहने के लिए काम करते हैं।

कांग्रेस अमेठी-रायबरेली में भी हारेगी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के बारे में उन्होंने कहा कि ये लोग हमेशा झूठ और लोगों को गुमराह करने की बात करते हैं। इनका सच अब उजागर हो रहा है। ये लोग लड़ने की स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा अमेठी और रायबरेली में भी हारेगी।

सोनिया गांधी, अश्विनी वैष्णव समेत 14 ने राज्यसभा सांसद के तौर पर ली शपथ; जानें सूची में कौन-कौन

कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने आज राजस्थान से राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ लीं। इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा उनसे मिलने पहुंचे। सोनिया गांधी के अलावा केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव और 14 अन्य नेताओं ने राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ ली है। नए संसद भवन में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इन सभी नेताओं को शपथ दिलाई। जहां एक तरफ सोनिया गांधी ने राजस्थान से तो वहीं अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा से राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ ली।

कांग्रेस नेता अजय माकन ने कर्नाटक से, भाजपा नेता आरपीएन सिंह उत्तर प्रदेश से, भाजपा सदस्य समिक भट्टाचार्य ने पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ ली है। वाईएसआरसीपी के गोला बाबू, मेधा रघुनाथ रेड्डी, येरुम वेंकट सुब्बा रेड्डी ने आंध्र प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्यों के रूप में शपथ ली है। शपथ समारोह के बाद इन सभी ने राज्यसभा के अध्यक्ष के साथ तस्वीर भी खिंचवाईं।

पहली बार राज्यसभा सांसद बनीं सोनिया गांधी
बता दें कि सोनिया गांधी ने पहली बार राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ ली है। बता दें कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी राज्यसभा के लिए राजस्थान से निर्विरोध चुनी गई थीं। लंबे अरसे बाद ऐसा हुआ जब नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य राज्यसभा सांसद के तौर पर शपथ लिया है।

सोनिया गांधी के सियासी सफर पर बात करें तो 1999 से वह लगातार लोकसभा चुनाव जीतती रही हैं और इसकी सदस्य बनी हुई हैं। 1999 में सोनिया उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचीं। इसके बाद 2004 में उनके बेटे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी राजनीति में कदम रखा। राहुल अमेठी सीट से चुनाव मैदान में उतरे और सोनिया रायबरेली सीट से चुनाव मैदान में उतरीं। रायबरेली वही सीट थी जहां से कभी सोनिया की सास इंदिरा गांधी चुनाव लड़ा करती थीं। 2004, 2009, 2014 और 2019 में लगातार चार बार रायबरेली सीट से सोनिया लड़ीं और जीतीं। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले सोनिया राज्यसभा जा रही हैं। इससे यह तय हो गया है कि 57 साल बाद नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य राज्यसभा जाएगा।

सोनिया से पहले नेहरू-गांधी परिवार के सिर्फ दो सदस्य ही राज्यसभा सदस्य रहें
सोनिया गांधी से पहले नेहरू-गांधी परिवार के सिर्फ दो सदस्य ही राज्यसभा सदस्य रहे हैं। दोनों ही महिलाएं थीं। इनमें से एक पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी, जबकि दूसरी उमा नेहरू थी। दरअसल, उमा नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के चचेरे भाई की पत्नी थी। उमा का कार्यकाल 1962-1963 में रहा था। वहीं, 1964 में इंदिरा गांधी राज्यसभा पहुंची। इंदिरा गांधी 1964 से 1967 तक राज्यसभा सदस्य रहीं। दोनों नेताओं ने राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था। इंदिरा जब पहली बार प्रधानमंत्री बनीं, उस वक्त वह राज्यसभा की ही सदस्य थीं। 1967 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने रायबरेली सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता छोड़ दी।

गौरव वल्लभ के कांग्रेस छोड़ने के लिए BJP ने राहुल को बताया जिम्मेदार, कहा- उनकी विचारधारा पंक्चर हुई

कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ के पार्टी छोड़ने के बाद भाजपा ने राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा का मानना है कि राहुल गांधी अपने विचारों को समझाने में असफल हो रहे हैं, जिस वजह से कांग्रेस नेताओं का पार्टी से मोहभंग हो रहा है। गौरव वल्लभ ने पार्टी छोड़ने से पहले कहा कि वह सनातन धर्म के खिलाफ नारेबाजी के लिए तैयार नहीं थे।गौरव वल्लभ ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा। उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा, “पार्टी जिस तरह से दिशाहीन चल रही है, इससे वह सहज महसूस नहीं कर रहे थे।”

भाजपा नेता ने राहुल गांधी को ठहराया जिम्मेदार
गौरव वल्लभ के इस्तीफे के बाद भाजपा कार्यालय में पार्टी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि वल्लभ की यह सोच मूल रूप से कांग्रेस नेता एके एंटनी की चिंता थी। 2014 में कांग्रेस की हार के बाद एंटनी ने एक ही धर्म के पक्ष में झुकाव को लेकर कांग्रेस को चेतावनी दी थी।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने 2014 में कांग्रेस की हार के बाद एक समिति की अध्यक्षता की थी। उन्होंने इस दौरान निष्कर्ष निकाला था कि कंग्रेस के हार का कारण एक ही धर्म के पक्ष में अधिक झुकाव था। वह यह कहना चाह रहे थे कि कांग्रेस को मुसलमनों के प्रति ज्यादा झुकाव है। एके एंटनी खुद एक अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं।”

राहुल गांधी की राजनीतिक-आर्थिक विचारधारा पंक्चर हो रही: सुधांशु त्रिवेदी
यह बात स्पष्ट है कि एक के बाद एक कांग्रेस नेताओं का पार्टी से मोहभंग हो रहा है, क्योंकि राहुल गांधी जो देश को समझाने की कोशिश कर रहे हैं उसे वह खुद ही नहीं समझ पा रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वल्लभ का पार्टी से इस्तीफा देना यह दर्शाता ह कि राहुल गांधी की राजनीतिक और आर्थिक विचारधारा पंक्चर हो गई है।

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने क्यों मांगी माफी? बोलीं- सॉरी, वो शब्द मुंह से निकल गया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को उत्तर बंगाल से लोकसभा का प्रचार शुरू करते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीति, एक देश एक राजनीतिक दल बनाना है। इस दौरान उन्होंने कुछ ऐसा भी कहा दिया, जिसके लिए उन्हें तुरंत माफी भी मांगनी पड़ी। दरअसल, रैली के दौरान ममता के मुंह से भाजपा के लिए अपशब्द निकल गया था, जिसके लिए उन्होंने सॉरी भी कहा।

ममता ने क्यों मांगी माफी? बोलीं- सॉरी, वो शब्द मेरे मुंह से निकल गया
ममता अपने संबोधन के दौरान कह रही थीं, ”राशन दुकान में राशन जाएगा, तो उसमें भी प्रधानमंत्री की छवि लगेगी। और भाजपा का लोगो रहेगा।” इसके बाद उन्होंने कहा, ”स*** भले ही मुझे खाने को नहीं मिले, मैं मर जाऊंगी। मैं कह देती हूं, मैं वहां नहीं जाऊंगी।” फिर वे कुछ समय के लिए रूकीं, फिर कहा, ”सॉरी, आय विड्रॉ माय वर्ड, गुस्से में मेरे मुंह से निकल गया।”

भाजपा एजेंसियों के जरिए वोट करा रही: ममता बनर्जी
सत्तारूढ़ पार्टी पर भड़कते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा केवल एजेंसियों के जरिए वोट करा रही है। उन्होंने आगे कहा कि वह एजेंसी के सामने नहीं झुकेंगी। वह गुरुवार को उत्तर बंगाल के कूचबिहार के माथाभांगा में गुमानीर हाट हाई स्कूल मैदान में आयोजित रैली में को संबोधित करने हुए टीएमसी प्रमुख ने कहा, पहले कितने राजनीतिक नेता कूचबिहार आते थे। जबसे तृणमूल कांग्रेस की सरकार बंगाल में बनी, तबसे यहां पर रजनीतिक लोग आने लगे। ममता ने कहा कि वह उत्तर बंगाल के बारे में सोचने वाली पहली व्यक्ति थीं।

सोने की तस्करी के आरोपी को सऊदी अरब से लाया गया भारत, इंटरपोल ने जारी किया था रेड नोटिस

सोने की तस्करी के मामले में एक आरोपी को सऊदी अरब से भारत लाया गया है। सीबीआई के प्रयासों से आरोपी को भारत लाया गया। आरोपी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड नोटिस भी जारी किया हुआ था। एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने साल 2020 में सोने की तस्करी का मामला दर्ज किया था। इस मामले में शौकत अली आरोपी है, जिसे भारत लाया गया है।

सऊदी अरब से जयपुर लाया गया था करोड़ों रुपये का सोना
दरअसल जुलाई 2020 को सऊदी अरब से जयपुर में करीब 18.5 किलोग्राम सोने की तस्करी की गई थी। इस मामले की जांच एनआईए कर रही है। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में 18 लोगों को आरोपी बनाया था, जिसमें शौकत अली भी शामिल था। शौकत अली भारत में सोने की तस्करी के मामले में वांछित था और लंबे समय से सऊदी अरब में रह रहा था।

इंटरपोल ने आरोपी के खिलाफ जारी किया था रेड नोटिस
सीबीआई ने आरोपी शौकत अली के खिलाफ 13 सितंबर 2021 को रेड नोटिस जारी कराया। इसके बाद यह रेड नोटिस इंटरपोल के सभी सदस्य देशों को भेजा गया, ताकि अगर आरोपी उनके देश में है तो उसे वहीं से गिरफ्तार किया जा सके। इंटरपोल का नोटिस मिलने के बाद सऊदी अरब की पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सीबीआई के ग्लोबल ऑपरेशंस सेंटर की मदद से सीबीआई ने सऊदी अरब की नेशनल सेंट्रल ब्यूरो एजेंसी से समन्वय किया और आरोपी को भारत लाया गया।

SDPI का हाथ थामने पर बढ़ा विवाद तो कांग्रेस ने दी सफाई, कहा- हमने कोई समर्थन स्वीकार नहीं किया

केरल के वायनाड से नामांकन दाखिल करने के साथ ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी विवादों से घिरते जा रहे हैं। भाजपा नेता आरोप लगा रहे थे कि कांग्रेस ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का समर्थन स्वीकार कर लिया है। हालांकि, अब सबसे पुरानी पार्टी ने साफ कर दिया कि उसने एसडीपीआई का समर्थन स्वीकार नहीं किया है। वहीं, उसने यूडीएफ का समर्थन करने के लिए मतदाताओं का स्वागत किया है। बता दें, केरल में लोकसभा चुनाव 26 अप्रैल को होंगे।

प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छा से मतदान कर सकता है
विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने पत्रकारों से कहा, ‘कांग्रेस बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक सांप्रदायिकता का विरोध करती है। इन परिस्थितियों में डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा यूडीएफ को दी जाने वाली सहायता को देखा जा रहा है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार मतदान कर सकता है। हम चाहते हैं कि हर कोई यूडीएफ को वोट दे, लेकिन संगठनों के मामले में हमारा यही रुख है।’

यह है मामला
गौरतलब है, प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने सोमवार को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को समर्थन देने की घोषणा की थी। हालांकि, उस समय सतीशन ने कहा था कि यूडीएफ एसडीपीआई के साथ किसी समझौते पर नहीं पहुंचा है। कई पार्टियां यूडीएफ को समर्थन दे रही हैं, लेकिन उसने एसडीपीआई के साथ कोई चर्चा नहीं की है और न ही कोई समझौता हुआ है।

स्मृति ईरानी ने घेरा था
अमेठी लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को हराने वाले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने इस पर हैरानी जताई थी कि उन्होंने (राहुल गांधी) कथित तौर पर प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का समर्थन स्वीकार कर लिया था। उन्होंने कहा था कि उसका समर्थन स्वीकार करके राहुल ने नामांकन दाखिल करने के दौरान ली गई संविधान की शपथ का भी उल्लंघन किया है।

राहुल गांधी के रोड शो से गायब रहे कांग्रेस और IUML के झंडे, केरल CM ने आरोप लगा कह दी यह बात

केरल के वायनाड लोकसभा सीट पर सियासी हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कल वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल कर लिया है। नामांकन दाखिल करने से पहले उन्होंने वायनाड में रोड शो किया था। इसी रोड शो को लेकर अब केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने निशाना साधा है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि रोड शो के दौरान कांग्रेस अपना या इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) का झंडा नहीं दिखा सकी क्योंकि वह भाजपा से डरी हुई थी।

आईयूएमएल के वोट तो चाहती है…
विजयन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के रुख से संकेत मिलता है कि वह इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के वोट तो चाहती है, लेकिन उनका झंडा नहीं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि कांग्रेस उस स्तर तक गिर गई है, जहां वह सांप्रदायिक ताकतों से डरती है।

26 अप्रैल को होगा चुनाव
बता दें कि राहुल गांधी वायनाड लोकसभा सीट से भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की नेता एनी राजा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। केरल में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 26 अप्रैल को होगा।

यह है मामला
वायनाड लोकसभा सीट पर हमेशा ही सबकी निगाह होती है। इस बार कांग्रेस पार्टी पर सवाल इसलिए खड़े हो गए हैं क्योंकि साल 2019 में जब इस निर्वाचन क्षेत्र में रोड शो हुआ था तब आईयूएमएल के झंडे कांग्रेस से ज्यादा दिखाई दे रहे थे। जबकि इस बार न तो कांग्रेस और न ही आईयूएमएल के झंडे दिखाई दिए।

अमित शाह ने किया था हमला
विजयन ने कहा कि इस बार झंडे इसलिए नहीं दिखाई दिए क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने आईयूएमएल के झंडों को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष किया था। साल 2019 में जब चुनावी अभियान चरम पर थे, तब वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने कांग्रेस नेता के रोड शो के दौरान आईयूएमएल के हरे झंडे होने पर कहा था कि क्षेत्र में एक जुलूस के दौरान यह समझना मुश्किल था कि यह भारत था या पाकिस्तान।

राहुल गांधी के रोड शो से गायब रहे कांग्रेस और IUML के झंडे, केरल CM ने आरोप लगा कह दी यह बात

केरल के वायनाड लोकसभा सीट पर सियासी हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कल वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल कर लिया है। नामांकन दाखिल करने से पहले उन्होंने वायनाड में रोड शो किया था। इसी रोड शो को लेकर अब केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने निशाना साधा है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि रोड शो के दौरान कांग्रेस अपना या इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) का झंडा नहीं दिखा सकी क्योंकि वह भाजपा से डरी हुई थी।

आईयूएमएल के वोट तो चाहती है…
विजयन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के रुख से संकेत मिलता है कि वह इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के वोट तो चाहती है, लेकिन उनका झंडा नहीं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि कांग्रेस उस स्तर तक गिर गई है, जहां वह सांप्रदायिक ताकतों से डरती है।

26 अप्रैल को होगा चुनाव
बता दें कि राहुल गांधी वायनाड लोकसभा सीट से भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की नेता एनी राजा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। केरल में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 26 अप्रैल को होगा।

यह है मामला
वायनाड लोकसभा सीट पर हमेशा ही सबकी निगाह होती है। इस बार कांग्रेस पार्टी पर सवाल इसलिए खड़े हो गए हैं क्योंकि साल 2019 में जब इस निर्वाचन क्षेत्र में रोड शो हुआ था तब आईयूएमएल के झंडे कांग्रेस से ज्यादा दिखाई दे रहे थे। जबकि इस बार न तो कांग्रेस और न ही आईयूएमएल के झंडे दिखाई दिए।

अमित शाह ने किया था हमला
विजयन ने कहा कि इस बार झंडे इसलिए नहीं दिखाई दिए क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने आईयूएमएल के झंडों को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष किया था। साल 2019 में जब चुनावी अभियान चरम पर थे, तब वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने कांग्रेस नेता के रोड शो के दौरान आईयूएमएल के हरे झंडे होने पर कहा था कि क्षेत्र में एक जुलूस के दौरान यह समझना मुश्किल था कि यह भारत था या पाकिस्तान।

राहुल गांधी के रोड शो से गायब रहे कांग्रेस और IUML के झंडे, केरल CM ने आरोप लगा कह दी यह बात

केरल के वायनाड लोकसभा सीट पर सियासी हलचल शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कल वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल कर लिया है। नामांकन दाखिल करने से पहले उन्होंने वायनाड में रोड शो किया था। इसी रोड शो को लेकर अब केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने निशाना साधा है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि रोड शो के दौरान कांग्रेस अपना या इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) का झंडा नहीं दिखा सकी क्योंकि वह भाजपा से डरी हुई थी।

आईयूएमएल के वोट तो चाहती है…
विजयन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के रुख से संकेत मिलता है कि वह इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के वोट तो चाहती है, लेकिन उनका झंडा नहीं। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि कांग्रेस उस स्तर तक गिर गई है, जहां वह सांप्रदायिक ताकतों से डरती है।

26 अप्रैल को होगा चुनाव
बता दें कि राहुल गांधी वायनाड लोकसभा सीट से भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की नेता एनी राजा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। केरल में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 26 अप्रैल को होगा।

यह है मामला
वायनाड लोकसभा सीट पर हमेशा ही सबकी निगाह होती है। इस बार कांग्रेस पार्टी पर सवाल इसलिए खड़े हो गए हैं क्योंकि साल 2019 में जब इस निर्वाचन क्षेत्र में रोड शो हुआ था तब आईयूएमएल के झंडे कांग्रेस से ज्यादा दिखाई दे रहे थे। जबकि इस बार न तो कांग्रेस और न ही आईयूएमएल के झंडे दिखाई दिए।

अमित शाह ने किया था हमला
विजयन ने कहा कि इस बार झंडे इसलिए नहीं दिखाई दिए क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने आईयूएमएल के झंडों को लेकर कांग्रेस पर कटाक्ष किया था। साल 2019 में जब चुनावी अभियान चरम पर थे, तब वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने कांग्रेस नेता के रोड शो के दौरान आईयूएमएल के हरे झंडे होने पर कहा था कि क्षेत्र में एक जुलूस के दौरान यह समझना मुश्किल था कि यह भारत था या पाकिस्तान।