Wednesday , October 23 2024

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हाथ-पैर बांधकर चंबल में रखा…दी यातनाएं, अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचकर लौटा युवक

आगरा:  उत्तर प्रदेश के आगरा में एक युवक अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बचकर घर लौटा। उसने जो दास्तां सुनाई, उसे सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। किसी तरह पुलिस की मदद से वह घर पहुंच पाया। युवक के लौटने से घर में खुशी की माहौल है।फतेहाबाद थाना क्षेत्र के पूंठपुरा कल्याणपुर निवासी सर्वेश कुमार (38) का 26 सितंबर को अपहरण हो गया था। बुधवार को वह पुलिस की मदद से घर लौटा। उसने आपबीती बताई तो लोगों के होश उड़ गए। उसने बताया कि वह शौच के लिए गया था। वहां कार में कुछ युवक बैठे थे।

वह नजदीक पहुंचा तो कार से टक्कर मार दी। वह गिर गया तो बदमाश उसके हाथ-पैर बांधकर गाड़ी में डाल ले गए। उसे चंबल के बीहड़ में रखा गया था। वहां उसे कई तरह की यातनाएं दीं। बुधवार को वह किसी तरह मुक्त होकर उनके चंगुल से भाग निकला।

अपहरणकर्ताओं ने उसका पीछा किया। काफी भागने के बाद मध्या प्रदेश की सीमा पर धौलपुर पुलिस गशत करते मिलते गई। पुलिस को देखकर अपहरणकर्ता भाग गए। उसने पुलिस को सारी बात बताई। पुलिस ने उसकी मदद की। एएसआई गिरवर सिंह ने फतेहाबाद थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने पर युवक को उसके सुपुर्द कर किया।

अंबियापुर स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर मिला फायर सेफ्टी सिलिंडर, जांच में जुटी जीआरपी और आरपीएफ

कानपुर:  कानपुर देहात में दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर अंबियापुर रेलवे स्टेशन के पास डाउन लाइन पर खंभा नंबर 1070/ 18 के पास ट्रैक पर फायर सिलिंडर पड़ा मिला है। सुबह छह बजकर 13 मिनट पर इटावा से सहारनपुर के लिए जा रही मालगाड़ी के चालक ने ट्रैक पर सिलिंडर पड़ा देखा, तो सूचना स्टेशन मास्टर महेंद्र प्रताप को दी।

इसके बाद मौके पर पहुंचे प्वाइंट मैन रामचंद्र व आरपीएफ के सिपाही सचिन कुमार ने सिलिंडर को उठाकर स्टेशन में रखा है। जीआरपी, आरपीएफ ने पहुंच कर जांच की। जीआरपी प्रभारी रजनीश राय ने बताया कि सुबह के समय डाउन ट्रैक से गुजरी किसी ट्रेन से सिलिंडर गिरने का अनुमान है। मामले की जांच की जा रही है।

ताज की सुरक्षा में सेंध, पीएसी के गेट… कंटीले तारों को लांघ गए कुछ लोग; पूछताछ में हकीकत आई सामने

आगरा:  उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित ताजमहल के पीछे यमुना नदी की तलहटी में मंगलवार को तीन सैलानी ट्राइपॉड और कैमरों के साथ पहुंच गए। यहां पीएसी का कैंप लगा है। यमुना नदी की तलहटी में जाने के लिए गेट पर पुलिस का ताला लगा है। नदी किनारों पर तारों की फेंसिंग है। ऐसे में सैलानियों के वहां पहुंचने से सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं।

मंगलवार सुबह सूर्योदय के दौरान ताज को कैमरे में कैद करने के लिए पहुंचे सैलानियों में दो विदेशी थे। एक ग्रुप के साथ महताब बाग पहुंचे गाइड ने इसका वीडियो और फोटो क्लिक करके सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। गाइड ने पुलिस से शिकायत भी की।
पूछताछ में पर्यटकों ने बताया कि वह मुंबई से आए हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। एडीए व्यू पॉइंट से आगे टिकट लेकर ही पर्यटक जा सकते हैं। महताब बाग की बाउंड्री के आगे फेंसिंग है और गेट पर ताला लगा हुआ है।

विदेशियों को शू कवर, छात्रों को मिले नहीं

ताजमहल के मुख्य गुंबद पर विदेशी पर्यटक शू कवर के साथ दिखे तो स्कूली बच्चों का ग्रुप शू कवर के बिना ही नजर आया। यूपी स्टेट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान ने बताया कि विदेशी पर्यटकों को शू कवर दिए जा रहे हैं तो भारतीय पर्यटकों को भी दिए जाएं।
भीड़ के कारण कई बच्चे मकबरे तक जूते पहनकर चले जाते हैं, ऐसे में सभी सैलानियों को मुख्य गुंबद पर शू कवर के साथ ही प्रवेश दिया जाए।

जहां पेट दर्द दूर करने आए थे बापू, वहां का पानी कर रहा बीमार; 1000 लोग हुए दिव्यांग

आगरा:  आगरा के एत्माद्दौला स्मारक से सटी बगीची के कुएं का पानी पीकर अपना पेट दर्द ठीक करने के लिए महात्मा गांधी आए थे। बापू 95 साल पहले यमुना नदी के किनारे बसी इस बगीची में रुके थे।11 दिन तक वह यमुना किनारे की बगीची में रहे। पेट दर्द ठीक होने के बाद ही गए। आज उस आगरा में भूगर्भ जल लोगों को बीमार कर रहा है। पानी में फ्लोराइड की ज्यादा मात्रा होने से पट्टी पचगईं, पचगाई खेड़ा और ग्वालियर रोड के गांवों में भूगर्भ जल पीने से लोगों की हड्डियां टेढ़ी हो रही हैं।

गांधी स्मारक में लगी पट्टिका में दर्ज है कि 11 से 21 सितंबर 1929 तक महात्मा गांधी यमुना पार बृजमोहन दास मेहरा की बगीची में कस्तूरबा गांधी, आचार्य कृपलानी, मीरा बहन और प्रभावती के साथ प्रवास के लिए आए थे। वह पेट दर्द से पीड़ित थे और उन्हें बताया गया था कि इस बगीची के कुएं के मीठे पानी से पेट दर्द दूर हो जाता है।

बापू यहां सिर्फ दो दिन के लिए आए थे, पर बगीची, कुआं और यमुना का किनारा उन्हें ऐसा भाया कि 11 दिन तक रुके। वर्ष 1948 में बृजमोहन दास मेहरा ने अपने पिता राम कृष्ण दास मेहरा की स्मृति में बगीची को महात्मा गांधी स्मारक ट्रस्ट को दान कर दिया।

पानी से बापू ठीक, अब लोग दिव्यांग हुए
यमुना किनारे बसे आगरा में भूगर्भ जल को रिचार्ज नहीं करने और अति दोहन से कई मुश्किल आ गईं। जिस आगरा में बापू स्वास्थ्य लाभ के लिए आए, वहां अब पचगाई खेड़ा, पट्टी पचगईं सहित 8 गांवों में फ्लोराइडयुक्त पानी से 1000 लोग दिव्यांग हो गए। 10 हजार से अधिक युवा बीमार हैं। फ्लोराइड की ज्यादा मात्रा के कारण तीन ब्लॉक में भूगर्भ जल पीने योग्य नहीं है। इनमें सैंया, एत्मादपुर और खंदौली है।

हाईकोर्ट में लगाई है शुद्ध पानी के लिए गुहार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पट्टी पचगईं निवासी गिरीश चंद्र शर्मा ने याचिका दायर की हुई है। उनकी याचिका में कहा गया है कि पट्टी पचगईं, पचगाई खेड़ा, देवरी, गढ़ी देवरी, नगला, रोहता, रोहता की गढ़ी, अस्तल और नगला भर्ती में करीब 25 हजार आबादी है।इनमें 1000 बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं दिव्यांग हैं। फ्लोराइडयुक्त पानी से इनके हाथ, पैर की हड्डियां टेढ़ी-मेढ़ी हो गई हैं। इन आठ गांवों में 10 बार टीटीएसपी, पाइपलाइन और ओवरहेड योजनाएं बनीं लेकिन फेल हो गईं।

‘हम लोगों से शादी करने या भिक्षु बनने को…’, HC के महिलाओं को सन्यासी बनाने के सवाल पर ईशा फाउंडेशन

चेन्नई:  आध्यात्मिक नेता सद्गुरु जग्गी वासुदेव की अगुवाई वाला मशहूर ईशा फाउंडेशन एक बड़े विवाद में फंस गया है। फाउंडेशन पर एक रिटायर्ड प्रोफेसर ने आरोप लगाया है कि उनकी दो बेटियों को जबरन आश्रम में रखा गया था। यह मामला अदालत तक पहुंच गया है। मद्रास हाईकोर्ट ने हाल ही में ईशा फाउंडेशन को फटकार लगाई थी और पूछा था कि वह महिलाओं को मोह माया से दूर बैरागियों की तरह रहने के लिए प्रेरित क्यों करते हैं, जबकि खुद उनकी बेटी शादीशुदा है। हालांकि, अब फाउंडेशन ने सफाई दी है। उसका कहना है कि हम किसी से शादी करने या भिझु बनने के लिए नहीं कहते हैं। यह एक व्यक्तिगत पसंद है।

‘ये व्यक्तिगत विकल्प हैं’
ईशा फाउंडेशन ने कहा, ‘ईशा फाउंडेशन की स्थापना सद्गुरु ने लोगों को योग और आध्यात्मिकता प्रदान करने के लिए की थी। हमारा मानना है कि वयस्क व्यक्ति को अपना रास्ता चुनने की स्वतंत्रता और बुद्धि है। हम लोगों से शादी करने या साधु बनने के लिए नहीं कहते क्योंकि ये व्यक्तिगत विकल्प हैं। ईशा योग केंद्र में हजारों ऐसे लोग रहते हैं जो साधु नहीं हैं और कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने ब्रह्मचर्य या साधुत्व अपनाया है।’

भिक्षुओं ने खुद को न्यायालय के समक्ष पेश किया
उसने कहा कि इसके बावजूद याचिकाकर्ता चाहता था कि भिक्षुओं को न्यायालय के समक्ष पेश किया जाए। भिक्षुओं ने खुद को न्यायालय के समक्ष पेश किया हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे अपनी इच्छा से ईशा योग केंद्र में रह रहे हैं। अब जबकि मामला न्यायालय के संज्ञान में आ गया है, हमें उम्मीद है कि सत्य की जीत होगी और सभी अनावश्यक विवादों का अंत होगा।

हमारे परिसर में घुसने की कोशिश की थी: फाउंडेशन
उसने आगे कहा कि इससे पहले, इसी याचिकाकर्ता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर ईशा फाउंडेशन द्वारा बनाए जा रहे श्मशान घाट के बारे में तथ्यों की जांच करने के लिए एक तथ्य खोज समिति होने के झूठे बहाने से हमारे परिसर में घुसने की कोशिश की थी और फिर ईशा योग केंद्र के लोगों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराई थी। इनके खिलाफ, मद्रास के हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर रोक लगा दी है। इसके अलावा, फाउंडेशन के खिलाफ कोई अन्य आपराधिक मामला नहीं है। जो कोई भी फाउंडेशन के खिलाफ गलत जानकारी फैलाने में लिप्त है, उसके खिलाफ देश के कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा।

अमित शाह से मिले अजित पवार; MVA का दावा- चुनाव में हो रही देरी, महायुति को हराएंगे

मुंबई : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में बैठकों का दौर जारी है। एक और महायुति से उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता अमित शाह से मुंबई मुलाकात की तो दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में भी सीटों के बंटवारे को लकर मंथन हो रहा है। दोनों ही दल जल्द से जल्द सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। हालांकों, बैठक में क्या बात हुई, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।

इस बीच महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला ने दावा किया कि एमवीए आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ महायुति को हराएगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि चुनाव में देरी हो रही है। सीट बंटवारे पर बातचीत सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है। विपक्षी गठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा। एमवीए (उद्धव ठाकरे की शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी) घटकों के बीच कोई मतभेद नहीं है। मणि भवन में महात्मा गांधी की 155वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद चेन्निथला ने कहा कि हम महायुति (शिवसेना, भाजपा और एनसीपी) को हराएंगे। सवाल यह है कि चुनाव कब होंगे?

शाह-पवार की बैठक इसलिए अहम
बता दें कि अमित शाह और अजित पवार की बैठक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ गठबंधन में मौजूदगी और उनकी पार्टी की ओर से कुछ भाजपा नेताओं के मुस्लिम विरोधी प्रचार का विरोध करने को लेकर उपजे मतभेद की पृष्ठभूमि में हुई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता भी राकांपा को लेकर नुक्ताचीनी करते रहे हैं।

सीटों के बंटवारे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया
महायुति के तीनों सहयोगी दलों ने 228 सदस्यीय विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया है, जिसके अगले महीने होने की उम्मीद है।

‘भाजपा को राकांपा से नुकसान हुआ’
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पिछले हफ्ते स्वीकार किया था कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को अपने नए सहयोगी राकांपा से शिवसेना की तुलना में कम वोट मिले थे।

गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने पर फोकस
अजित पवार ने इससे पहले कहा था कि महायुति के सहयोगी दल एकजुट रहेंगे और वह विधानसभा चुनाव में गठबंधन की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे। इससे पहले अमित शाह ने मंगलवार को मुंबई में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

दुनिया जीतने निकलीं नौसेना की दो जांबाज महिला अधिकारी, 21600 समुद्री मील की करेंगी यात्रा

पणजी:  भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों ने दुनिया पर फतह हासिल करने के लिए कमर कस ली है। भारतीय नौसेना की दो महिला अफसरों लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और रूपा अलीगिरिसामी को पूरे विश्व के एकल नौकायन अभियान के प्रशिक्षण के लिए चुना गया है। यह महिला अधिकारी नाव पर बैठकर दुनिया का चक्कर लगाने के लिए आज रवाना हुईं।

आठ महीने में 21,600 समुद्री मील की यात्रा का लक्ष्य
यह अभियान कितना खतरनाक और चुनौतियों से भरा होगा, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आठ महीने में 21,600 समुद्री मील की यात्रा महिला अधिकारी तय करेंगी। इनकी नाव केप लीउविन, केप हॉर्न और केप ऑफ गुड होप के आसपास के खतरनाक जल मार्ग से होकर जाएगी।

अगले साल पूरी होगी यात्रा
भारतीय नौसेना की दो महिला अफसरों को पिछले साल नवंबर से 17 मीटर के पोत पर प्रशिक्षण दिया जा रहा था। प्रशिक्षण अभियान के तहत उन्होंने अब तक 38,000 समुद्री मील का नौकायन पूरा किया था। अब आखिरकार दोनों अधिकारी असली यात्रा पर निकल गई हैं। इनके अगले साल मई में गोवा लौटने की उम्मीद है।

तारिणी से रवाना
इस ऐतिहासिक यात्रा को पणजी के पास नौसेना महासागर नौकायन नोड ‘आईएनएस मंडोवी’ से रवाना किया गया तथा दोनों अधिकारी भारतीय नौसेना नौकायन पोत (आईएनएसवी) तारिणी पर सवार हुए।नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने दक्षिणी नौसेना कमान के प्रमुख वाइस एडमिरल वी श्रीनिवास और अन्य की उपस्थिति में यात्रा को हरी झंडी दिखाई।

‘हम सभी के लिए एक गर्व का पल’
एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने पत्रकारों से कहा, ‘यह हम सभी के लिए एक गर्व का पल है। भारतीय नौसेना की दो जांबाज अधिकारी कठिन परिस्थितियों से लड़ने के लिए कौशल, साहस की भावना, निडरता और ध्यान तथा क्षमता का प्रदर्शन करेंगी। वहीं, भारतीय नौसेना उनके साहसिक कार्य पर नजर रखेगी। आज यात्रा शुरू करने के लिए हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।’

जेलों में ‘जाति आधारित भेदभाव’ मामले को लेकर खफा सुप्रीम कोर्ट, कल आ सकता है ऐतिहासिक फैसला

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को एक ‘जाति आधारित भेदभाव’ से जुड़ी याचिका पर अपना एतिहासिक फैसला सुनाने वाली है। सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि देश के कुछ राज्यों के जेल मैनुअल जाति आधारित भेदभाव को बढ़ावा देते हैं। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश बल्कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु समेत 17 राज्यों से जेल के अंदर जातिगत भेदभाव और जेलों में कैदियों को जाति के आधार पर काम दिए जाने पर जवाब मांगा था।

सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई 3 अक्टूबर की वाद सूची के अनुसार मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ इस याचिका पर फैसला सुनाएगी। सर्वोच्च न्यायालय ने इस साल जनवरी में इस याचिका पर केंद्र और उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों से जवाब मांगा था। हालांकि छह महीने बीतने के बाद भी केवल उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने ही अपना जवाब कोर्ट में दाखिल किया है।

यूपी सरकार को लगी थी कड़ी फटकार
बता दें कि पिछली सुनवाई में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकीलों की कड़ी फटकार लगाई थी। उत्तर प्रदेश सरकार के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि यूपी की जेलों में कैदियों के साथ कोई जातिगत भेदभाव नहीं होता है। डीवाई चंद्रचूड़ ने उत्तर प्रदेश की जेल नियमावली के कुछ प्रावधान पढ़कर खफा हो गए थे। इस पर उन्होंने कहा था कि, नियम 158 में मैला ढोने के कर्तव्य का जिक्र है। यह मैला ढोने का कर्तव्य क्या है? इसमें मैला ढोने वालों की जाति का उल्लेख है। इसका क्या मतलब है।

जेलों में हो रहा है भेदभाव
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा था कि, इन राज्यों की जेल संहिता जेलों के अंदर काम के आवंटन में भेदभाव करती हैं और कैदियों की जाति के आधार पर उन्हें रखने की जगह तय होती है। याचिका में केरल जेल नियमों का हवाला देते हुए कहा गया कि वे आदतन और फिर से दोषी ठहराए गए दोषियों के बीच अंतर करते हैं। जिसमें कहा गया है कि जो लोग आदतन लुटेरे, घर तोड़ने वाले, डकैत या चोर हैं, उन्हें वर्गीकृत किया जाना चाहिए और अन्य दोषियों से अलग किया जाना चाहिए।

‘महात्मा गांधी के जीवन ने साहस, ताकत और उम्मीद दी’, मुडा घोटाले को लेकर बोले CM सिद्धारमैया

कोलकाता:  कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा कि महात्मा गांधी के जीवन और विचारों ने उन्हें ‘मौजूदा संघर्ष’ में साहस, ताकत और उम्मीद दी है। बता दें, सीएम के खिलाफ मुडा घोटाला मामले में लोकायुक्त पुलिस और ईडी की जांच चल रही है।

सीएम और उप मुख्यमंत्री ने निकाला मार्च
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती पर सीएम सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने यहां विधान सौध के परिसर में गांधी भवन से गांधी प्रतिमा तक मार्च निकाला।

क्या बोले सीएम?
कर्नाटक मुख्यमंत्री ने मामले का जिक्र बिना किए कहा, ‘सच्चाई की असली परीक्षा का सामना करने के मेरे मौजूदा संघर्ष में बापू के जीवन और विचारों ने मुझे साहस, शक्ति और उम्मीद दी है। देश के सभी लोगों को गांधी जयंती की शुभकामनाएं।’

महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की
गांधी जयंती के अवसर पर सिद्धारमैया और शिवकुमार ने महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। महात्मा गांधी के दर्शन के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित कार्यक्रम में सफेद पोशाक पहने सिद्धारमैया और शिवकुमार के साथ कानून मंत्री एच के पाटिल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर सहित अन्य मंत्री भी शामिल हुए।

उखरूल में स्वच्छता अभियान के दौरान दो गुटों में झड़प, गोलीबारी में कई घायल, इलाके में निषेधाज्ञा लागूV

मणिपुर:मणिपुर के उखरूल में बुधवार को स्वच्छता अभियान के दौरान दो गुट आपस में भिड़ गए। अस दौरान दोनों गुटें के बीच गोलीबारी हुई, जिसके बाद वहां निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। दोनों गुट नागा समुदाय से थे, लेकिन अलग-अलग गांव से थे। गोलीबारी में कुछ लोग घायल भी हुए हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए असम राइफल्स को तैनात किया गया है।

प्रतिबंध को लेकर उखरुल उप-मंडल मजिस्ट्रेट डी. कामेई ने पुलिस अधीक्षक के पत्र का हवाला दिया। पत्र में थवाईजाओ हुंगपुंग युवा छात्र संगठन (टीएचवाईएसओ) के सामाजिक कार्य में अनहोनी की आशंका जताई गई थी। इसके अलावा इसमें हुनफुन ग्राम प्राधिकरण की ओर से हुनफुन क्षेत्र में इसे लेकर आपत्ति जताए जाने की बात भी कही गई थी।

आदेश के अनुसार, हुनफुन और हंगपुंग गांवों के बीच भूमि विवाद के संबंध में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा होने की संभावना है। इससे दोनों गांवों के बीच शांति भंग हो सकती है। ऐसी घटनाओं से मानव जीवन और संपत्तियों को खतरा हो सकता है। इसलिए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 के तहत कानून-व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति की उनके संबंधित आवासों के बाहर आवाजाही और किसी भी अन्य गतिविधि पर रोक लगाने का आदेश जारी किया जाता है। निषेधाज्ञा दो अक्तूबर को सुबह साढ़े नौ बजे से अगले आदेश तक जारी रहेगा।

मणिपुर में बंद के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित
मणिपुर के पांच इंफाल घाटी जिलों में दो युवकों के अपहरण को लेकर मेइतेई समूह संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) द्वारा बुलाए गए बंद के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। इस दौरान दुकानें और अन्यवाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद थे। पूर्वी-पश्चिमी इंफाल, थौबल और बिष्णुपुर और काकचिन में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। थौबल में मंगलवार से बंद था, महिलाओं ने राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को अवरुद्ध कर दिया था। पूर्वी इंफाल जिले के खुरांग और लामलोंग में बंद को सख्ती से लागू किया गया था।