Friday , October 25 2024

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पूर्व विधायक जमीरउल्लाह की सेहत के लिए हो रही दुआएं, पड़ा था मस्तिष्क आघात

अलीगढ़ से सपा के पूर्व विधायक जमीरउल्लाह खान की सेहत के लिए दुआएं हो रही हैं। उनकी सेहत में मामूली सुधार है। 27 मार्च को उन्हें मस्तिष्क आघात पड़ा था। उनका इलाज ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) दिल्ली में चल रहा है।

दिलशाद खान ने बताया कि 29 मार्च को पूर्व विधायक के स्वास्थ्य में थोड़ा सा सुधार हुआ है। अलीगढ़ से बड़ी तादाद में समर्थक एम्स पहुंचे हैं। पूर्व विधायक जमीरउल्लाह के करीबी बाबा फरीद आजाद ने बताया कि ऊपरकोट स्थित जामा मस्जिद, जमालपुर की ईदगाह, शाहजमाल की पुरानी ईदगाह, भुजपुरा, जीवनगढ़, सराय रहमान, ख्वाजा चौक सहित शहर और ग्रामीण क्षेत्रों की मस्जिदों में जुमे की नमाज के बाद जमीरउल्लाह खान की सेहत के लिए दुआएं की गईं।

मुख्तार के जनाजे का पल-पल इंतजार, गाजीपुर की सड़कों पर टिकी लोगों की निगाहें; देखें तस्वीरें

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर की सड़कों पर जहां शुक्रवार की सुबह से खामोशी सी छाई थी, वहां शाम छह बजे के बाद लोगों की भीड़ जुटने लगी। माफिया मुख्तार के जनाजे के काफिले के इंतजार में लोग राह निहार रहे हैं। पूरे जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। बांदा से कड़ी सुरक्षा के बीच शव गाजीपुर लाया जा रहा है। शव आज रात गाजीपुर पहुंच जाएगा, लिहाजा कल जिले के कालीबाग स्थित पुश्तैनी कब्रिस्तान पर मुख्तार अंसारी का शव दफनाया जाएगा।

मुख्तार की मौत के बाद से ही पूरे जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मुहम्मदाबाद में पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है। डीएम और एसपी भी सुबह से भ्रमण कर रहे हैं। शनिवार को नमाज के बाद पुश्तैनी कब्रिस्तान में माफिया को सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। इसके लिए शुक्रवार को कब्र खोद दिया गया है। वहीं सुरक्षा को लेकर पुलिस व जिला प्रशासन की टीमें सतर्क हैं।

पिता की कब्र के पास ही खोदी गई मुख्तार अंसारी की कब्र
बताया जा रहा है कि मुख्तार अंसारी की कब्र उनके पिताजी सुभानुल्लाह अंसारी के पांव के पास ही खोदी गई। कब्रिस्तान के बाहर लगे गेट और खिड़कियों से अंदर के माहौल को देखने के लिए सैकड़ों पर लोगों की भीड़ जुटी रही। इस दौरान पुलिस टीम भी तैनात रही।

माफिया की मौत के बाद गाजीपुर की सड़कों पर खामोशी… आज रात पहुंचेगा शव, कल होगा सुपुर्द-ए-खाक

पूर्वाचंल के माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर की सड़कों पर मानों खामोशी सी छा गई है। पूरे जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। बांदा से कड़ी सुरक्षा के बीच शव गाजीपुर लाया जा रहा है। शव आज रात गाजीपुर पहुंच जाएगा, लिहाजा कल जिले के कालीबाग स्थित पुश्तैनी कब्रिस्तान पर मुख्तार अंसारी का शव दफनाया जाएगा। मुख्तार की मौत के बाद से ही पूरे जिले में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मुहम्मदाबाद में पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई है। डीएम और एसपी भी भ्रमण कर रहे हैं।

पिता की कब्र के पास ही खोदी जा रही मुख्तार अंसारी की कब्र
बताया जा रहा है कि मुख्तार अंसारी की कब्र उनके पिताजी सुभानुल्लाह अंसारी के पांव के पास ही खोदी जा रही है। कब्रिस्तान के बाहर लगे गेट और खिड़कियों से अंदर के माहौल को देखने के लिए सैकड़ों लोगो की भीड़ इकट्ठा हो रही है। इस दौरान पुलिस टीम भी तैनात रही। वहीं, मोहम्मदाबाद बाजार पूरी तरह बंद है। सड़कों से लेकर गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है।

26 वाहनों का काफिला शव लेकर आ रहा गाजीपुर
परिवार को शुक्रवार शाम करीब साढ़े चार बजे शव मिला। इसके बाद 26 वाहनों का काफिला पुलिस सुरक्षा में गाजीपुर के लिए निकल हो गया है। बांदा, चित्रकूट और वाराणसी होते हुए मुख्तार का शव गाजीपुर पहुंचेगा। जेल में बंद दूसरे बेटे अब्बास अंसारी की तरफ से पेरोल की अर्जी को हाईकोर्ट ने सुनने से मना कर दिया है।

एनआईए ने तृणमूल कांग्रेस के आठ नेताओं को किया समन; पार्टी ने भाजपा पर जताया संदेह

एनआईए ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के आठ नेताओं को फिर से समन किया है। सभी को 2022 में पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में हुए विस्फोट के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। टीएमसी ने भाजपा पर साजिश रचने का आरोप लगाया है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने आठों को शनिवार सुबह 11 बजे अपने अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा है। इसकी वजह बताई गई है कि वे पहले भेजे गए समन के बाद पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे। तब उन्हें 28 मार्च को कोलकाता के पास न्यू टाउन में एनआईए कार्यालय आने को कहा गया था।

बता दें कि 3 दिसंबर, 2022 को भूपतिनगर में एक विस्फोट से फूस की छत वाला एक कच्चा घर धराशायी हो गया था। इस दौरान तीन लोगों की मौत हो गई थी। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि एनआईए के कदम के पीछे विपक्षी भाजपा का हाथ है। घोष ने दावा किया कि भाजपा ने केंद्रीय एजेंसी को पूर्ब मेदिनीपुर जिले के टीएमसी नेताओं की एक सूची मुहैया कराई है। एनआईए उनके घरों पर छापेमारी करने और उन्हें गिरफ्तार करने की योजना बना रही है।

कैसरगंज सीट पर अब भी सस्पेंस कायम, भाजपा के दो पैनलों में चार नामों पर हो रही चर्चा

कद्दावर, किलेबंदी और किरदार। अरसे तक जेहन में यही अल्फाज कैसरगंज की सियासत का खाका खींचते रहे। चुनावी मौसम के मौजूदा दौर में कैसरगंज संसदीय सीट के लिए एक ही शब्द बिल्कुल सटीक बैठता है और वह है कौतूहल। हाई प्रोफाइल क्षेत्र में सियासी अखाड़ा तैयार है। इंतजार है तो बस पहलवानों का। यहां सत्ताधारी भाजपा के साथ-साथ सपा और बसपा ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सपाई, भाजपा की लिस्ट का इंतजार कर रहे हैं। भाजपा हाईकमान ने सस्पेंस गहरा कर दिया है। बसपा को दोनों दलों के बागियों की सरगर्मी से तलाश है।

बहराइच और गोंडा दो जिलों की पांच सीटों से बना यह क्षेत्र राजनीतिक रूप से उर्वर है। तीस वर्षों से जिले की राजनीति में दखल रखने वाले पहलवान बृजभूषण शरण सिंह छह दफा सांसद रह चुके हैं। गोंडा, बलरामपुर के बाद कैसरगंज लोकसभा से वह तीसरी बार लगातार चुने गये। साल 2009 में सपा फिर 14 और 19 में भाजपा प्रत्याशी के रूप उन्होंने जीत हासिल की। मंडल के साथ-साथ प्रदेश की अधिकांश सीटों पर भाजपा उम्मीदवार तेजी पकड़ चुके हैं, लेकिन कैसरगंज में मामला फीका है। दो प्रमुख फेहरिस्तों में अधिकृत प्रत्याशियों के ऐलान में बृजभूषण का नाम न होना चर्चा में है।

महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों से घिरने के बाद बृजभूषण ने तमाम मोर्चेबंदी की, लेकिन उनके अखाड़े की सियासी पकड़ राष्ट्रीय राजधानी में लगातार ढीली पड़ती गई। लंबा सियासी तजुर्बा रखने वाले जिले के बड़े राजनेता कहते हैं कि ऐसा सस्पेंस पहले नहीं दिखा।

भाजपा के दो पैनलों में चार नामों पर चर्चा
कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवारों के रूप में तीन लोगों का नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा गया था। इसमें सांसद बृजभूषण शरण सिंह, तरबगंज विधायक प्रेमनरायन पांडेय और करनैलगंज विधायक अजय सिंह भी शामिल थे। तीनों दावेदारों के नाम पर पहले प्रदेश फिर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई। इसके बाद प्रदेश प्रभारी बैजयंत जय पांडा ने बची सीटों पर दो-दो अन्य दावेदारों की लिस्ट जुटाई। इनमें तरबगंज विधायक के साथ कटराबाजार विधायक का नाम भी रहा।

मुख्तार के वकील ने एफआईआर दर्ज करने की दी तहरीर, सीसीटीवी सुरक्षित रखने की मांग की

माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के 24 घंटे के भीतर ही उनके वकील ने बाराबंकी की एमपीएमएल कोर्ट में अर्जी देकर मुख्तार के कथन को मृत्युकालीन बताते हुए एफआईआर दर्ज करने व बांदा जेल में सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करने की अर्जी दे दी। शुक्रवार को गैंगस्टर मामले में मुख्तार अंसारी समेत उसके 12 अन्य साथियों की पेशी नियत थी। फिलहाल अदालत ने इस अर्जी पर कोई फैसला नहीं दिया है।

बाराबंकी में मुख्तार अंसारी व उसके 12 साथियों पर फर्जी कागजों से एंबुलेंस पंजीकृत कराने के आरोप में जालसाजी व गैंगस्टर के मामलों में अलग-अलग अदालतों में सुनवाई चल रही है। मुख्तार अंसारी को बांदा जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश किया जाता था। गैंगस्टर के मामले में शुक्रवार को एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष जज अपर सत्र न्यायाधीश कमलकांत श्रीवास्तव की अदालत में पेशी थी। इस दौरान मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने एक अर्जी अदालत को दी।

अर्जी में स्वर्गीय मुख्तार अंसारी को प्रार्थी बताते हुए कहा गया है कि 21 मार्च को मुख्तार अंसारी ने अदालत को एक पत्र दिया था। जिसमें मुख्तार ने 19 मार्च को बांदा जेल में विषाक्त पदार्थ खिलाए जाने की कही थी। अब रहस्यमय परिस्थियों में उसकी मौत हो गई इसलिए मुख्तार के कथन को मृत्यु कालीन मानकर वाद दर्ज किए जाने की आवश्यकता है।

अर्जी में यह भी कहा गया हैं कि बांदा जेल में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज संरक्षित किए जाए। निरीक्षण को लेकर रात में आने वाले सभी अधिकारियों का ब्योरा व फोटो संरक्षित किया जाए। एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई है। फिलहाल, अदालत ने इस अर्जी पर अभी कोई फैसला नहीं दिया है।

चार अप्रैल को सुनवाई करेगी अदालत
एमपीएमएलए कोर्ट में शुक्रवार को गैंगस्टर के मामले में सुनवाई हुई। मुख्तार के साथी जफर उर्फ चंदा को संतकबीरनगर जेल व अफरोज उर्फ चुन्नू को गाजीपुर जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश किया गया। सुनवाई करते हुए विशेष जज कमलकांत श्रीवास्तव ने सुनवाई की अगली तारीख चार अप्रैल तय की है।

मुइज्जू बोले- विदेशी राजदूत के आदेश पर काम करते थे इब्राहिम सोलिह; सैन्य ड्रोन खरीद का हो रहा विरोध

मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को अपने ही देश में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। सैन्य ड्रोन की खरीद मामले में मुइज्जू को विपक्षी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दो दिन पहले पूर्व राष्ट्रपति सोलिह ने उन्हें सलाह दी थी कि उन्हें अपनी जिद छोड़कर भारत जैसे पड़ोसियों से संबंधों को बेहतर बनाना चाहिए। ताजा घटनाक्रम में मुइज्जू ने कहा है कि उनके पूर्ववर्ती राष्ट्राध्यक्ष ‘एक विदेशी राजदूत’ के आदेश पर काम करते थे। मुइज्जू ने इब्राहिम सोलिह पर आरोप लगाने के बाद किसी देश का नाम नहीं लिया। बता दें कि मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति को चीन हितैषी माना जा रहा है।

मायावती ने मुख्तार की मौत पर जताया दुख, बोलीं- परिवार के आरोपों की उच्चस्तरीय जांच जरूरी

बसपा सुप्रीमो मायावती ने माफिया मुख्तार अंसारी की मौत पर दुख जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है जिससे कि मौत के सही तथ्य सामने आ सकें।

उन्होंने कहा कि ऐसे में उनके परिवार का दुखी होना स्वाभाविक है। कुदरत उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति दे। बता दें कि मुख्तार अंसारी ने खुद भी जेल में धीमा जहर देने की बात कही थी और अदालत को पत्र देकर इलाज कराने की गुहार लगाई थी।

अंसारी की मौत पर सियासी बवाल शुरू, BSP से लेकर AIMIM ने जहर देने के दावे की जांच की मांग की

बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता और डॉन मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। मेडिकल कॉलेज बांदा ने उसकी मौत की पुष्टि की है। पूरे यूपी में पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है। मऊ, गाजीपुर और बांदा जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, अंसारी की मौत पर सियासी बवाल मच गया है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), राष्ट्रीय जनता पार्टी (आरजेडी), कांग्रेस से लेकर एआईएमआईएम तक ने यूपी के पूर्व विधायक की मौत को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती, आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव और एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार की मौत को निंदनीय और अफसोसजनक बताया।

यह है मामला
दरअसल, दो दिन पहले जब मुख्तार की हालत बिगड़ने पर उसे जेल से मेडिकल कॉलेज लाया गया था, तभी उसके भाई अफजाल और बेटे उमर अब्बास ने मौत की आशंका जताई थी। जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए था। अफजाल ने तो यह तक कहा था कि उसके भाई को जेल में जहर दिया जा रहा है। 63 साल का अंसारी मऊ सदर से पांच बार विधायक रहा था। वहीं साल 2005 से उत्तर प्रदेश और पंजाब में सलाखों के पीछे था। उसके खिलाफ 60 से अधिक आपराधिक मामले लंबित थे।

उच्च-स्तरीय जांच जरूरी: मायावती
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा, ‘मुख्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकाएं व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जांच जरूरी है, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुखी होना स्वाभाविक है। कुदरत उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति दे।’

पाकिस्तान को फिर होना पड़ा शर्मिंदा, उसके राष्ट्रीय दिवस समारोह में नहीं शामिल हुआ कोई भारतीय अधिकारी

भारत-पाकिस्तान के बीच बिगड़े रिश्ते किसी से छिपे हुए नहीं हैं। पुलवामा हमले के बाद से यह रिश्ते और बदत्तर हो गए हैं। अब एक बार फिर पड़ोसी मुल्क को शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। दरअसल, पाकिस्तान ने इस साल अपना ‘राष्ट्रीय दिवस’ भारत में मनाने का फैसला लिया। इसी को लेकर कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि गुरुवार को नई दिल्ली में पाकिस्तान का राष्ट्रीय दिवस समारोह मनाया गया, लेकिन यहां शामिल होने के लिए भारत सरकार ने अपना कोई आधिकारिक प्रतिनिधि नहीं भेजा। कार्यक्रम के दौरान जब दोनों देशों के राष्ट्रगान बजाए गए तो पाकिस्तान के प्रभारी साद अहमद वाराइच अकेले खड़े थे।

बता दें कि, साल 2019 के बाद यह पहली बार है जब भारतीय अधिकारी समारोह में शामिल नहीं हुए। उस साल पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था, जिसके बाद भारत ने बालाकोट में जवाबी हमला कर बदला लिया था। राष्ट्रीय दिवस समारोह के अवसर पर पाकिस्तान के प्रभारी साद अहमद वाराइच ने जोर देकर कहा कि शांति और स्थिरता का लक्ष्य आपसी समझ को बढ़ाने, साझा चिंताओं पर बात करने और जम्मू- कश्मीर मुद्दे सहित लंबे समय से चले आ रहे विवादों को हल करने पर निर्भर करता है।

हमारे द्विपक्षीय संबंधों का इतिहास चुनौतीपूर्ण बना हुआ
वाराइच ने दावा किया कि पाकिस्तान ने बहुलवाद को मजबूत करने, लोकतंत्र को मजबूत करने, स्वतंत्र मीडिया को बढ़ावा देने और एक जीवंत नागरिक समाज का पोषण करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने आगे कहा, ‘भारत में पाकिस्तान के संस्थापकों ने दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध की कल्पना की थी। दुर्भाग्य से, हमारे द्विपक्षीय संबंधों का इतिहास अधिकांश समय चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘हम अतीत से बाहर निकल सकते हैं और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, संप्रभु समानता व आपसी सम्मान के आधार पर हमारे दोनों लोगों के लिए आशा का भविष्य लिख सकते हैं। शांति और स्थिरता का लक्ष्य आपसी समझ को बढ़ाकर, साझा चिंताओं को दूर करके और जम्मू-कश्मीर विवाद सहित लंबे समय से चले आ रहे विवादों को हल करके हासिल किया जा सकता है।’