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सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी पर क्या सोचते है दिल्ली वाले? ईडी कार्रवाई पर कहीं ये बड़ी बात

नई दिल्ली:   दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गुरुवार रात नई दिल्ली स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। सीएम को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें गुरुवार देर रात ईडी के दफ़्तर ले जाया गया है। इस बीच लोकसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी के प्रमुख की गिरफ्तारी को लेकर मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है।

धरना प्रदर्शन से दूरी बनाने की अपील
आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी का कहना है कि, ‘दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है। उनके समर्थन में जगह जगह दिल्ली में धरना प्रदर्शन हो रहा है। बड़ी संख्या में मुस्लिम भाई भी टोपी लगाकर प्रदर्शन में शामिल हो रहे है। मेरी मुस्लिम भाइयों से अपील है कि ऐसे धरना प्रदर्शन से दूरी बनाए रखे। शराब को महजबी इस्लाम ने हराम करार दिया है। किसी तरह के उसके इस्तेमाल,लेन देन और खरीद फरोख्त को या ऐसे काम करने वाले लोगों को इस्लाम मजहब ने हराम और नाजायज करार दिया है। मैं सभी मुस्लिम भाईयों से अपील करता हूं कि वे ऐसे विरोध प्रदर्शन में भाग न ले और ऐसे कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखे। ये धरना प्रदर्शन राजनीति के लिए है। इनमें शामिल होने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है।’

केजरीवाल ने कोरोना के समय काफी मदद की
ऑटो चालक गिरधारी यादव का कहना है कि, ‘क्या सही है या क्या गलत है ये पकड़ने वाले जाने। लेकिन केजरीवाल ने कोरोना के समय हम लोगों की बहुत मदद की। आज हम लोग दिल्ली में रह पा रहे है। इसमें बहुत हद तक अरविंद केजरीवाल की योजनाओं के साथ बिजली पानी फ्री मिल रहा है। हालांकि हमसे भाजपा वाले कहते है कि ये योजनाएं मोदी जी की है तो भी बढ़िया और अगर आप पार्टी वाले कहते तो भी अच्छा। हम तो दिनभर ऑटो चलाते है और दो वक्त के खाने का बंदोबस्त करते है।’

क्या डिसमिस होंगे सीएम अरविंद केजरीवाल? दिल्ली में संवैधानिक संकट के बीच गृह मंत्रालय पर नजर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ा है। इसके चलते दिल्ली में अब संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है। दिल्ली में चार मुख्यमंत्रियों के साथ काम कर चुके पूर्व विधानसभा सचिव एवं संविधान विशेषज्ञ एसके शर्मा बताते हैं, देखिये, इस मामले में संविधान चुप है। जेल से सरकार नहीं चला करती। संविधान में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि सरकार का मुखिया जेल में चला जाए और वहीं से सरकार चलती रहे। देश में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है।

ऐसे कई कामकाज होते हैं, जिनके लिए मुख्यमंत्री की उपस्थिति अनिवार्य होती है। अगर मौजूदा स्थिति में केजरीवाल, मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ते हैं तो सरकार के पास उन्हें डिसमिस करने का ही विकल्प बचता है। यह सारी प्रक्रिया केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा पूरी की जाती है।

पहले कभी ऐसा मामला सामने नहीं आया…
बतौर एसके शर्मा, हम कह सकते हैं कि इस तरह के संवैधानिक संकट के दौर में अब केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास ही दिल्ली के ताले की चाबी है। संविधान विशेषज्ञ एसके शर्मा ने बताया, ये तय है कि दिल्ली सरकार, जेल से नहीं चलेगी। जैसा कि दिल्ली सरकार के मंत्री यह दावा करते रहे हैं कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे। वे ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे। शर्मा का कहना है, इस तरह के मामले में संविधान मौन है। देश में पहले कभी ऐसा मामला सामने नहीं आया है कि मुख्यमंत्री जेल में हो और सरकार चलती रहे। सरकार में कई तरह के कामकाज होते हैं।

निवेश में यूपी ने पकड़ी रफ्तार, पर चुनौतियां भी बरकरार; इंटरनेशनल ट्रेड एक्सपो में छाया ब्रांड

लखनऊ:  यूपी में दुनिया के 25 से ज्यादा देशों के उद्योगपतियों ने निवेश किया है जो प्रदेश की बदली छवि और अनुकूल माहौल का नतीजा है। निवेश बढ़ने से प्रदेश की तस्वीर बदल रही है, लेकिन अभी भी चुनौतियां कम नहीं हैं। स्किल डेवलेपमेंट और बड़े उद्योगों पर आधारित एमएसएमई उद्यमों को बढ़ावा देने की दरकार है।

गुजरात और महाराष्ट्र जैसे विकसित राज्यों के बड़े निवेशकों ने भी यूपी में भारी मात्रा में निवेश किया है। एक तरफ सात वर्ष में आया ये बदलाव दिख रहा है वहीं कुछ चुनौतियां भी सामने हैं, जिनसे निपटना जरूरी होगा। निवेशक पैसा वहीं लगाते हैं, जहां सुरक्षा व मुनाफे की गारंटी हो। यूपी में संसाधन पहले भी थे लेकिन उनकी क्षमताओं को पहचान कर अवसरों में तब्दील करने की सराहना अब ग्लोबल प्लेटफार्म पर हो रही है। बाजार विशेषज्ञ राजीव सिंह के मुताबिक निवेशक निवेश से पहले चार चीजें देखते हैं। दूरदर्शी नेतृत्व, संसाधन, अच्छा बुनियादी ढांचा और व्यापार करने में आसानी। ये सारी चीजें हमारे यहां मिलीं तो उत्तर प्रदेश कारोबारियों की प्राथमिकताओं में शुमार हो गया है।

इंटरनेशनल ट्रेड एक्सपो में छाया ब्रांड यूपी
जापान, इस्राइल, चीन, अमेरिका, फ्रांस, सिंगापुर, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, रूस व यूएई में होने वाले इंटरनेशनल ट्रैवल व ट्रेड एक्सपो में ‘ब्रांड यूपी’ आक्रामक रूप से छाया। अब 28 देशों के 50 शहरों में वृहद अभियान चलाने की तैयारी है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश को ब्रांड यूपी तथा मोस्ट फेवरिट टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर देश-दुनिया में प्रोजेक्ट करने के लिए जो मास्टर प्लान तैयार किया गया है, उसमें इंटरनेशनल ट्रेड शो, ट्रैवल फेयर्स व एक्सपो की प्रमुख भूमिका है।

क्या केजरीवाल की गिरफ्तारी से AAP को मिलेगा सियासी फायदा, मामले में विपक्षी नेताओं की बैठक आज

आखिरकार वही हुआ जिसकी आशंका गुरुवार की देर शाम अचानक शुरू हुई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी के साथ सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि देश की राजनीति में सियासी तूफान मच गया। अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के साथ सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी का क्या अंजाम होगा।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो आम आदमी पार्टी अरविंद केजरीवाल की इस गिरफ्तारी को देश के अलग-अलग राज्यों की जनता के बीच में लेकर जाती है और अगर जनता उसे सहमत होती है तो गिरफ्तारी का सियासी माइलेज मिल सकता है। अगर पार्टी ऐसा करने में फेल होती है तो आम आदमी पार्टी को बड़ा सियासी नुकसान भी हो सकता है। हालांकि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के साथ ही विपक्षी दलों के नेताओं ने एकजुट होना शुरू कर दिया है। शुक्रवार दोपहर को विपक्षी नेताओं के महत्वपूर्ण बैठक भी होने वाली है।

मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के साथ सबसे बड़ी चर्चा सियासत में इस बात की हो रही है अगर अरविंद केजरीवाल जेल जाते हैं तो आने वाले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी की क्या स्थिति होगी। राजनीतिक जानकार हरिओम चौधरी कहते हैं कि बुधवार की रात को बनी परिस्थितियां सियासी लिहाज से आम आदमी पार्टी के लिए बहुत मुफीद तो बिल्कुल नहीं है। क्योंकि आम आदमी पार्टी के कई प्रमुख नेता पहले से ही जेल में हैं। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से उनकी पार्टी किसी ऐसी रणनीतियों पर असर पड़ना स्वाभाविक है। हालांकि यह स्थिति आम आदमी पार्टी के लिए राजनीतिक माइलेज वाली भी हो सकती है। सियासी जानकारो का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर उनकी पार्टी जनता के बीच में कितनी मजबूती से बात रखती है यह बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।

दोबारा इस्तेमाल हो सकने वाले लॉन्च व्हीकल ‘पुष्पक’ का सफल परीक्षण, जानें इससे क्या फायदा

इसरो को आज बड़ी सफलता मिली। दरअसल इसरो की रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक (लॉन्च व्हीकल को दोबारा इस्तेमाल करने की तकनीक) का परीक्षण सफल रहा है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में शुक्रवार की सुबह करीब 7.10 बजे इसरो का रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल पुष्पक सफलतापूर्वक ऑटोमैटिक तरीके से रनवे पर लैंड हुआ। रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल की सफल लैंडिंग पर इसरो ने बयान जारी कर बताया कि रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक के मामले में इसरो ने बड़ी कामयाबी हासिल की है।

रीयूजेबल लॉन्चिंग व्हीकल के पहले दो परीक्षण भी रहे थे सफल
इसरो इससे पहले भी दो बार रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल की सफल लैंडिंग करा चुका है। बीते साल इसरो ने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल के परीक्षण के दौरान आरएलवी को वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से करीब साढ़े चार किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया। परीक्षण के दौरान आरएलवी ने सफलतापूर्वक रनवे पर लैंड किया। आरएलवी ने ब्रेक पैराशूट, लैंडिंग गियर ब्रेक और नोज व्हील स्टीयरिंग सिस्टम की मदद से सफल लैंडिंग की। रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल की सफल लैंडिंग से इसरो द्वारा विकसित की गई तकनीक जैसे नेवीगेशन, कंट्रोल सिस्टम, लैंडिंग गियर और डिक्लेयरेशन सिस्टम की सफलता पर भी मुहर लग गई है।

पहले के परीक्षणों के आधार पर इसरो ने इस बार आरएलवी के एयरफ्रेम स्ट्रक्चर और लैंडिंग गियर को पहले की तुलना में और ज्यादा मजबूत बनाया ताकि लॉन्च व्हीकल लैंडिंग के वक्त ज्यादा भार को भी वहन कर सकें। रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल पुष्पक मिशन को विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर ने लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर और इसरो की इर्सियल सिस्टम्स यूनिट के साथ मिलकर पूरा किया गया। साथ ही वायुसेना ने भी इसमें सहयोग किया। रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक इसरो की सबसे चुनौतीपूर्ण तकनीक में से एक है। इस तकनीक की मदद से इसरो के अंतरिक्ष अभियानों की लागत कम होगी। रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल टेस्टिंग फ्लाइट का पहला परीक्षण 23 मई 2016 को श्रीहरिकोटा में किया गया था।

कपड़ों पर लग जाए होली का रंग तो अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, आसानी से दाग होंगे साफ

इस वर्ष होली 25 मार्च 2024 को मनाई जा रही है। होली रंगों का पर्व है, जिसमें लोग अपने दोस्तों, करीबियों और आस पड़ोस के लोगों के चेहरे गुलाल अबीर लगाकर एक दूसरे के गले लगते हैं। होली की शुभकामनाएं देते हैं और मुंह मीठा करते हैं। होली में बड़े भी बच्चे बन जाते हैं, जब रंगों से रंगे चेहरे के साथ नजर आते हैं। इको फ्रेंडली और प्राकृतिक रंगों के साथ ही बाजार में केमिकल युक्त रंग भी मौजूद हैं। बहुत से लोग होली के मौके पर ऐसे रंगों का उपयोग करते हैं, जिसे छुड़ाने में मेहनत मशक्कत करनी पड़ती है।

कई बार रंग चेहरे व त्वचा के अलावा कपड़ों में लग जाता है, जिससे आप का अच्छा व नया पोशाक खराब हो सकता है। कॉलेज, दफ्तर या दोस्तों के साथ होली पार्टी में आप अच्छे कपड़े तो पहनना चाहते हैं लेकिन कपड़ों में रंग के दाग लगने के डर से पुराने कपड़ों को पहनने का विकल्प तलाशते हैं। लेकिन यहां आपको कुछ आसान नुस्खे बताए जा रहे हैं, जिससे कपड़ों में लगे रंग के जिद्दी दाग को आसानी से छुड़ाया जा सकता है और कपड़े नए जैसे दिखेंगे।

नींबू

होली पर अगर कपड़ों में छोटे-मोटे रंगों के दाग लग जाए तो उसे निकालने के लिए नींबू के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं। नींबू का रस कपड़े में दाग वाली जगह पर अच्छी तरह से लगा दें। इसके बाद कपड़े को गर्म पानी से धो लें। काफी हद तक रंग निकल जाता है। हालांकि पक्के रंग को निकालने के लिए नींबू के रस का नुस्खा काम नहीं आता। इसलिए ये तरीका हल्के और छोटे मोटे दाग छुड़ाने में ही उपयोग में लाएं।

अल्कोहल से छुड़ाएं रंग

अगर कपड़े पर ज्यादा गहरा या पक्का रंग लग गया हो तो उसे छुड़ाने के लिए अल्कोहल का इस्तेमाल कर सकते हैं। कपड़े को पानी में अच्छी तरह से धुले लें। फिर एक बाउल में एल्कोहल और पानी की कुछ बूंदें मिला लें। अब इस घोल को रंग लगे हुए हिस्से पर लगाकर हल्के हाथ से रगड़े।

व्हाइट विनेगर से छुड़ाएं दाग

गुलाल के दाग को साफ करने के लिए व्हाइट विनेगर का उपयोग कर सकती हैं। सबसे पहले कपड़े को अच्छे से साफ कर लें। अब एक जग पानी में विनेगर मिलाएं। इस घोल को अच्छे से मिक्स कर लें। कपड़ा फैलाकर उसपर घोल डालकर कुछ समय के लिए छोड़ दें। अब कपड़े को रगड़ते हुए साफ पानी से धो लें।

बेकिंग सोडा

दाग -धब्बों को आसानी से छुड़ाने के लिए बेकिंग सोडा असरदार तरीका हो सकता है। इसके लिए एक बाल्टी गर्म पानी में थोड़ा बेकिंग सोडा मिलाएं। फिर रंग लगे कपड़े को डालकर एक या दो घंटे के लिए छोड़ दें। बाद में पानी से कपड़े को निकालकर साबुन से रगड़कर साफ कर लें।

बालों को ‘हाइलाइट’ कराने का है मन तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान, वरना बिगड़ जाएगा लुक

आज के समय में बालों को हाइलाइट कराना हर किसी की पसंद बनता जा रहा है। चाहे पुरुष हो या महिला, हर कोई अपने बालों को अलग-अलग रंगों से हाइलाइट कराना पसंद करता है। लोग स्टाइलिश दिखने के लिए हाइलाइट का इस्तेमाल करते हैं। बालों को अलग रंग से हाइलाइट कराने पर ना सिर्फ लुक बदल जाता है, साथ ही इससे आपकी पर्सनेलिटी में भी बदलाव होता है। हाइलाइट्स की वजह से बालों में अतिरिक्त चमक भी आ जाती है।

वैसे तो जो भी हाइलाइट कराता है वो पहले इसे बारे में सही से पता करता है, लेकिन बहुत से लोगों को समझ नहीं आता कि वो किस तरह से बालों को हाइलाइट कराएं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसी बातों के बारे में बताएंगे, जिनका ध्यान आपको हाइलाइट कराते वक्त और कराने के बाद भी रखना है। अगर आप इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो हो सकता है कि आपका लुक बिगड़ जाए।

सही से करें रंगों का चयन

बालों में हाइलाइट कराते वक्त रंग का चयन ध्यान से करें। हाइलाइट कराने से पहले अपने स्किन टोन का भी ध्यान रखें क्योंकि बालों के रंग में बदलाव की वजह से या तो आपका लुक काफी बेहतर हो जाएगा या हो सकता है कि बिगड़ जाए। ऐसे में रंग का चयन करते वक्त स्किन टोन और मौसम दोनों का ख्याल रखें।

सोच समझ कर करें जगह का चुनाव

यहां बात बालों की हो रही है, ऐसे में हाइलाइट उसी जगह कराएं, जहां आपको प्रोफेशनल आपके बालों को मैनेज करें। अगर आप किसी ऐसी-वैसी जगह पर हाइलाइट कराएंगे तो हो सकता है कि आपके बाल डैमेज हो जाएं। इसी के चलते बाल वहीं से हाइलाइट कराएं, जहां प्रोफेशनल मौजूद हों।

कई रंगों से रहें दूर

बहुत से लोग एक साथ दो-तीन रंगों से बालों को हाइलाइट कराते हैं। वैसे तो कई लोगों पर ये लुक अच्छा लगता है लेकिन फिर भी हाइलाइट कराते वक्त ध्यान रखें कि अगर आप कई रंगों का इस्तेमाल करेंगे तो इससे आपका लुक बिगड़ सकता है क्योंकि ये हर किसी पर नहीं जचता। इसके साथ ही अलग-अलग रंगों की वजह से कई केमिकल आपके बालों में जाएंगे, जिससे बाल खराब हो सकते हैं।

होली की खरीदारी के लिए इन बाजारों को जरूर घूम आएं, 20 रुपये में मिल जाएगा बहुत सा सामान

होली आने वाली है। ये सुनकर ही उत्सुकता बढ़ गई होगी। 25 मार्च 2024 को होली है और त्योहार की तैयारियां लगभग हर जगह शुरू हो गई है। होली के मौके पर घर की साफ, सफाई, सजावट की जाती है। साथ ही तरह-तरह के पकवान बनते हैं। इस दौरान होली मिलन होता है, जिसमें लोग एक दूसरे के घर जाते हैं। इस मौके पर सभी खासकर बच्चे नए-नए और सुंदर कपड़े पहनते हैं।

अब ऐसे में होली में बहुत सारे सामान की जरूरत होती है, जिसकी खरीदारी कुछ दिन पहले से शुरू हो जाती है। हालांकि होली की खरीदारी का बोझ जेब पर बहुत अधिक न पड़े, ऐसे में सस्ता सामान घर ले आएं। अगर आप होली के लिए घर के सजावट का सामान, नए कपड़े आदि की खरीदारी करना चाहते हैं तो दिल्ली की कुछ सस्ती बाजारों की ओर रुख कर सकते हैं। यहां आपको दिल्ली की सबसे सस्ती बाजों के बारे में बताया जा रहा है।

सरोजनी मार्केट

दिल्ली की सबसे मशहूर बाजारों में सरोजनी नगर मार्केट का नाम शामिल है। सरोजनी नगर बाजार में कपड़े बहुत ही सस्ते दामों में मिल जाते हैं। इसके अलावा यहां घर की सजावट का सामान, सोफा कवर, बेडशीट, फुटवियर आदि भी कम पैसों में बिकते हैं, जिसे छुट-पुट पैसों में खरीदा जा सकता है।

पहाड़गंज की बाजार

थोक में सामान खरीदने के लिए दिल्ली के पहाड़गंज बाजार को घूम आएं। यहां आपको यूनिक और सस्ता सामान आसानी से मिल जाएगा। दिल्ली रेलवे स्टेशन के सामने ही पहाड़गंज मार्केट सजती है, जो रोज ही खुलती है। ध्यान रखें कि यहां आपको मोलभाव करना पड़ सकता है।

चांदनी चौक

दिल्ली के चांदनी चौक में एथनिक कपड़ों का शानदार और सस्ता कलेक्शन मिल जाएगा। चांदनी चौक में साड़ी, सूट, लहंगा, लड़कों के लिए कुर्ता पायजामा समेत ज्वेलरी, फुटवियर आदि खरीदने के लिए जा सकते हैं। इसके अलावा सजावट का सामान और घर गृहस्थी से जुड़ा सामान भी यहां से कम दाम में खरीद सकते हैं।

दिल्ली हाट

राजधानी में दिल्ली हाट नाम का मशहूर साप्ताहिक विलेज मार्केट है, जहां आप होली की खरीदारी के लिए जा सकते हैं। दिल्ली हाट में घर की सजावट के लिए हैंडीक्राफ्ट सामान कम दाम में मिल सकता है। लेटेस्ट और ट्रेंडी सामान बजट में खरीदने के लिए दिल्ली हाट की ओर रुख करें।

होली के दिन लड़कों को भी रखना चाहिए स्किन का ध्यान, रंग खेलने से पहले अपनाएं ये तरीके

शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसे होली का त्योहार पसंद न हो। इस त्योहार में लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे के गले लगते हैं, और होली की बधाई देते हैं। आज भी बहुत सी जगहों पर पक्के रंग से होली खेली जाती है। लड़कियां और महिलाएं तो घर पर रहकर होली खेलती हैं, लेकिन पुरुष और लड़के हमेशा अपने दोस्तों के साथ मिलकर होली खेलने के लिए घर से बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में रंग खेलते वक्त उनका अपनी त्वचा का ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है।

ज्यादातर लड़कों को तो ये पता ही नहीं होता कि आखिर वो किस तरह से होली के रंगों से अपनी त्वचा का बचाव कर सकते हैं। अगर आप रंग खेलने से पहले ही कुछ टिप्स अपनाकर अपनी त्वचा को इसके लिए तैयार कर लेंगे तो आपको किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। तो चलिए इन तरीकों के बारे में आपको बताते हैं।

त्वचा पर लगाएं नारियल का तेल

होली में घर के बाहर निकलने से पहले अपने शरीर पर नारियल का तेल जरूर लगाएं। इससे आपकी त्वचा में नमी बरकरार रहेगी और स्किन पर रंग ज्यादा नहीं चढ़ेगा। अगर आपकी त्वचा ड्राई होगी, तो रंग का हानिकारक प्रभाव त्वचा पर पड़ सकता है। ऐसे में अपने पूरे शरीर पर नारियल का तेल लगाएं।

सनस्क्रीन है जरूरी

घर के बाहर होली खेलने जा रहे हैं, तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें। अगर आप सनस्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करेंगे तो धूप में होली खेलने से आपकी त्वचा काली पड़ सकती है।

बालों और दाढ़ी की मालिश जरूरी

होली खेलने से पहले अपने बालों और दाढ़ी में सही तेल मालिश जरूर करें। ऐसा करने से रंग आपके बालों और दाढ़ी पर चढ़ेगा नही। अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो बालों और दाढ़ी में इंफेक्शन का खतरा रहेगा।

त्वचा को रगड़ें नहीं

रंग खेलने के बाद कभी भी त्वचा को रगड़ें नहीं। ऐसा करने से आपकी त्वचा पर रेशैज हो सकते हैं। इसके साथ ही तेज रगड़ने की वजह से त्वचा पर जलन की समस्या भी उत्पन्न हो सकती है।

साउथ की इन फिल्मों को किया गया सबसे ज्यादा रीमेक, लिस्ट के नाम कर देंगे हैरान

सुपरहिट फिल्मों को अलग-अलग भाषाओं में फिर से बनाने की प्रथा काफी पहले से चली आ रही है। बॉलीवुड के साथ साउथ इंडस्ट्री में भी अच्छी फिल्मों का रीमेक किया जाता है। आज हम आपको कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर इतनी जबर्दस्त सफलता हासिल की कि उन्हें आगे चल कर कई भाषाओं रीमेक किया गया। आइए जानते हैं इन मूवीज के बारे में…

नुवोस्तानानते नेनोदंताना- 8 रीमेक
फिल्म ‘नुवोस्तानानते नेनोदंताना’ तेलुगु भाषा में काफी सफल रही थी। फिल्म को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला था। फिल्मी की शानदार कहानी की वजह से इसे दूसरी भाषाओं में भी बाद में बनाया गया। अब तक इस फिल्म को अलग-अलग भाषाओं में कुल आठ बार रीमेक किया जा चुका है। इस फिल्म को हिंदी भाषा में रमैया वस्तावैया के नाम से बनाया गया था, जिसमें गिरीश तौरानी अहम भूमिका में थे।

दृश्यम- 6 रीमेक
मोहनलाल मलयालम सिनेमा के बड़े सितारों में से एक हैं। अब तक वे कई सुपरहिट फिल्मों में नजर आ चुके हैं। फिल्म दृश्यम उनकी सबसे सफल फिल्मों में से एक है। साल 2013 में रिलीज हुई इस फिल्म से मोहनलाल की लोकप्रियता में जबर्दस्त इजाफा देखने को मिला था। उनकी यह फिल्म टिकट खिड़की पर इतनी सफल रही कि इसे आगे चल अलग-अलग भाषाओं में इसे रीमेक किया जा चुका है। हिंदी में अजय देवगन इसी नाम से बनी फिल्म में दिख चुके हैं।

चार्ली चैपलिन- 6 रीमेक
तमिल भाषा की फिल्म चार्ली चैपलीन भी इस लिस्ट में शामिल है। इस फिल्म को कुल छह बार अलग-अलग भाषाओं में रीमेक किया जा चुका है। सलमान खान, अनिल कपूर, फरदीन खान अभिनीत फिल्म नो एंट्री भी इसी फिल्म का हिंदी रूपांतरण है। इसके अलावा इस फिल्म को तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, मराठी, बंगाली भाषा में भी बनाया जा चुका है।

बॉडीगार्ड- 5 रीमेक
फिल्म बॉडीगार्ड मलयालम भाषा में जबर्दस्त हिट साबित हुई थी। फिल्म की सफलता को भुनाने के लिए इसे अलग-अलग भाषाओं में भी बनाया जा चुका है। सलमान खान की बॉडीगार्ड भी इसी फिल्म का रीमेक है। इसे हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और बंगाली में रीमेक किया जा चुका है।