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पाकिस्तान की राजनीति में आसिफा भुट्टो जरदारी की एंट्री, पिता की छोड़ी सीट से भरा नामांकन

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की छोटी बेटी आसिफा अली जरदारी ने पाकिस्तान की राजनीति में कदम रखा है। उन्होंने सिंध प्रांत की नेशनल असेंबली सीट पर उपचुनाव लड़ने के लिए अपनी उम्मीदवारी दाखिल की। उन्होंने अपनी पिता की छोड़ी सीट से नामांकन दाखिल किया है। 31 वर्षीय आसिफा पिछले कुछ समय से राजनीति में काफी सक्रिय है, लेकिन उनके पिता और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने उन्हें अबतक संसदीय राजनीति से दूर रखा था।

आसिफा ने भरा नामांकन
आसिफा ने रविवार को सिंध प्रांत के शहीद बेंजीराबाद जिले के एनए 207 निर्वाचन क्षेत्र से उपचुनाव के लिए अपना नामांकन भरा। बता दें कि आसिफ अली जरदारी ने यहां से चुनाव जीता था, लेकिन राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने यह सीट खाली कर दी।

आसिफा अली जरदारी की शक्ल उनकी मां बेनजीर भुट्टो से काफी मिलतr है, जिनकी मौत 2007 में रावलपिंडी में बम विस्फोट में हुई थी। बेनजीर भुट्टो पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री भी रह चुकी हैं। आसिफा का बड़ा भाई बिलावल भुट्टो पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में वह पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष हैं।

उपचुनाव में आसिफा की जीत लगभग तय
हाल ही में आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस्लामाबाद में राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान जरदारी के साथ आसिफा भुट्टो जरदारी भी थी, जिसे प्रथम महिला या फर्स्ट लेडी नामित किया गया। दरअसल, यह दर्जा राष्ट्रपति की पत्नी को दिया जाता है, लेकिन अपनी पत्नी, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के 2007 में मौत होने के बाद से ही आसिफ अली जरदारी विधुर हैं।

एलन मस्क का बड़ा खुलासा, डिप्रेशन दूर करने के लिए लेते हैं दवाएं; कहा- कंपनी चलाने में मिलती है मदद

अरबपति एलन मस्क अक्सर चर्चाओं में बने रहते हैं। कुछ दिनों पहले उनके द्वारा डिप्रेशन के लिए केटामाइन जैसी दवाओं के इस्तेमाल करने की खबर सुर्खियों में आई थी। तब रिपोर्ट्स में कहा गया था कि टेस्ला और स्पेसएक्स के कई बोर्ड सदस्य एलन मस्क के इन दवाओं के लेने से परेशान हैं। सदस्यों का कहना था कि ऐसी दवाओं का असर मस्क के स्वास्थ्य और व्यापार पर पड़ सकता है। हालांकि इन सब खबरों के बीच दिग्गज कारोबारी ने केटामाइन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इसके लेने से वह अच्छे से काम पर ध्यान दे पा रहे हैं।

मेरा दिमाग नकारात्मक सोचता है
टेस्ला के सीईओ ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘ऐसा समय होता है, जब मेरा दिमाग नकारात्मक सोचता है। शायद यह डिप्रेशन है। डिप्रेशन किसी गलत खबर से जुड़ा नहीं है। केटामाइन गलत सोच से बाहर निकालने में मदद करता है।’ उन्होंने आगे कहा कि एक डॉक्टर ने उन्हें दवाई दी है। वह हर दूसरे सप्ताह में एक बार दवा लेते हैं।

मस्क की सफाई
मस्क ने कहा, ‘अगर आप बहुत ज्यादा केटामाइन का इस्तेमाल करते हैं तो आप काम नहीं कर सकेंगे। मेरे पास बहुत काम है। मैं आम तौर पर 16 घंटे काम करता हूं। इसलिए मेरे सामने सच में ऐसी कोई वजह नहीं है, जहां मैं लंबे समय तक मानसिक रूप से गंभीर नहीं हो सकता।’

मैं कुछ भी लूं…
अरबपति ने इस बात पर जोर दिया कि अवसाद आनुवंशिक है। साथ ही यह कहा कि उन्हें नहीं लगता कि दवाओं का इस्तेमाल उनके सरकारी अनुबंधों या निवेशक संबंधों को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा, ‘वॉल स्ट्रीट के दृष्टिकोण से, जो मायने रखता है वह निष्पादन (execution) है। क्या आप निवेशकों के लिए मूल्य का निर्माण कर रहे हैं? तो बाकी के कार उद्योग के कुल मूल्य के बराबर टेस्ला की कीमत है। इसलिए एक निवेशक के दृष्टिकोण से अगर मैं कुछ ले रहा हूं, तो मुझे इसे लेते रहना चाहिए

अचानक भारतवंशी PM सुनक से मिलने पहुंचे बराक ओबामा, एआई समेत कई मुद्दों पर हुई बातचीत

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसा अत्याधुनिक विषय लगभग पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पहले भारतवंशी ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की अनौपचारिक बातचीत के बारे में सुनक के कार्यालय- 10 डाउनिंग स्ट्रीट की तरफ से बयान जारी किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक सुनक और ओबामा की बातचीत के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई जैसा मुद्दा भी चर्चा का विषय बना। दोनों के बीच एआई के अलावा कई और मुद्दों पर भी बातचीत हुई।

जब इंदिरा गांधी ने सोनभद्र की महिलाओं से सीखा अचार बनाना… प्रोटोकाल तोड़ तस्वीरें भी खिंचवाईं

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को देश में आपातकाल लागू करने जैसे सख्त फैसले लेने के लिए आज भी याद किया जाता है। तस्वीरों से जुड़ा वाकया आपातकाल के बाद हुए आम चुनाव का है। तब सोनभद्र मिर्जापुर का ही हिस्सा था इंदिरा गांधी ने देश में अपने खिलाफ चल रही लहर को भाप लिया था। इस कारण चुनाव में लोगों से जुड़ने का यह कोई मौका नहीं छोड़ती थीं। वर्ष 1977 के चुनाव से पहले वह प्रचार के लिए मिर्जापुर आई थीं।

पंडित कमलापति त्रिपाठी ने सोनभद्र के जमगांव में अपने करीबी बाबू गौरीशंकर सिंह के बारे में उनसे जिक्र किया। जनसंघ के बड़े नेता राजा बड़हर भी इसी क्षेत्र से थे। इंदिरा गांधी मौका भांपते हुए मिर्जापुर से कार से जमगांव के लिए निकल पड़ीं। बाबू गौरीशंकर के पुत्र राजीव कुमार सिंह उन दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि तब वह 16 वर्ष के थे। इंदिरा गांधी की एक झलक पाने के लिए लोग उमड़ पड़े थे। बड़ी संख्या में महिलाएं उनसे मिलने पहुंची थीं। पिताजी ने सभी महिलाओं को सबसे आगे कतार में खड़ा कराया।

इंदिरा जब आई तो वह प्रोटोकॉल तोड़ते हुए महिलाओं के बीच जाकर बैठ गई। सबका कुशल क्षेम पूछा और उनके साध् तस्वीरें भी खिंचवाई। इस दौरान उन्होंने बच्यों को गोद में उठाया। उसके बाद चाय पीते हुए अंदर घर के आंगन में पहुंच गईं। घर में मिर्च के अचार बनाने की तैयारी चल रही थी। आंगन महिलाओं के बीच आकर बैठ गई। उन्हें देखते ही अचार बना रहीं परिवार की महिलाएं घबरा गई। उन्हें रोकते हुए इंदिरा जी ने कि मैं भी फ्लैश घरेलू महिला और मेरे यहां भी यह सब होता है।

अखिलेश यादव की बेटी अदिति के इस अंदाज ने जीता लोगों का दिल, मां डिंपल के चुनाव प्रचार में छोड़ गईं छाप

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बेटी अदिति यादव लोकसभा चुनाव के प्रचार में पहली बार अपनी मां डिंपल यादव के साथ नजर आईं। अदिति का भी उनकी मां की तरह सादापन और गंभीर अंदाज लोगों के दिल को छू रहा है। वैसे अदितिकी फैन फॉलोइंग की बात करें तो ये भी जबरदस्त है।

लोकसभा चुनाव 2024 में डिंपल यादव मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। वे चुनाव प्रचार के लिए सोमवार को कुसमरा पहुंची तो साथ में उनकी बेटी अदिति यादव भी नजर आईं। कुसमरा में आयोजित सम्मेलन में अदिति यादव ने कोई भी वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं लिया, बल्कि वे कार्यकर्ताओं के बीच में नजर आईं। इस दौरान जब मां डिंपल यादव ने बोलना शुरू किया तो वे हर शब्द को गौर से सुनती और समझती रहीं। अदिति यादव की बात करें तो वे सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 3.66 लाख फॉलोअर्स हैं, तो वहीं एक्स पर ये संख्या 3.06 लाख है।

सैफई परिवार से मुलायम सिंह यादव ने सियासत में कदम रखा था। इसके बाद भाई शिवपाल सिंह यादव और प्रो.रामगोपाल यादव भी राजनीति में आए। फिर नंबर आया दूसरी पीढ़ी यानी बेटे अखिलेश यादव और भतीजे धर्मेंद्र यादव का। इसके बाद बहू डिंपल यादव भी राजनीति में उतर आईं।

तीसरी पीढ़ी के रूप में मुलायम सिंह के पोते तेजप्रताप यादव ने मैनपुरी से 2014 के लोकसभा उप चुनाव में जीत हासिल कर संसद की सीढ़ी चढ़ी। इसके बाद लगभग एक दशक से सैफई परिवार के किसी नए सदस्य ने सियासत में कदम नहीं रखा है। लेकिन अब सैफई परिवार का एक नया सदस्य सियासत का ककहरा सीख रहा है।

हम बात कर रहे हैं सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व सांसद डिंपल यादव की बेटी अदिति यादव की। 22 वर्ष की अदिति सोमवार को कुसमरा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में नजर आईं। वे अपनी मां डिंपल यादव के साथ ही यहां पहुंचीं थीं। यहां मां डिंपल यादव ने जब कार्यकर्ताओं को संबोधित किया तो वह बड़ गौर से एक-एक शब्द सुनती नजर आईं। वहीं कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से वार्ता के दौरान भी अदिति बारीकी से सब कुछ सीखतीं नजर आईं। ऐसे में कहीं न कहीं इसे अदिति की राजनीति में कदम रखने से पहले की तैयारी माना जा रहा है।

मंच पर नहीं कार्यकर्ताओं के बीच बनाई जगह
कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचीं अदिति यादव चाहतीं तो मंच पर मां डिंपल यादव के साथ भी बैठ सकती थीं। लेकिन उन्होंने अपनी जगह नीचे कार्यकर्ताओं के बीच बनाई। कुछ महिला कार्यकर्ताओं के बीच वे सादगी से बैठीं नजर आईं। या यूं कहें कि कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर वे उनसे जुड़ने की कोशिश करती नजर आईं। कारण चाहे जो भी हो लेकिन लोगों के बीच अदिति यादव के राजनीति में आने की चर्चाओं ने जोर जरूर पकड़ लिया है।

मेरे मुरादाबाद के पागलो…ठठरी बांध देंगे, कथा में चिरपरिचत अंदाज में आए नजर

मुरादाबाद के लोहिया एस्टेट में श्री राम बालाजी धाम बाबा नीब करौरी आश्रम ट्रस्ट और लोहिया मानव कल्याण ट्रस्ट की ओर से आयोजित चार दिवसीय श्री हनुमंत कथा एवं दिव्य दरबार चल रहा है। इसमें बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कथा सुनाने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि संसार के सात सुख हैं। पहला निरोगी काया, दूसरा ज्ञान प्राप्त हो जाना (ब्रह्म के बारे में जानना), मान-सम्मान पा लेना, धर्म-कर्म पर चलना, घर में माया, सुलक्षण नारी-सुत आज्ञाकारी और आनंद परमानंद ही सात सुख हैं।

इसके साथ ही भक्तमाल की कथा का भी वर्णन किया और कहा कि भाव दृढ़ होगा तो पत्थर में भी भगवान प्रकट हो जाएंगे। भगवान के साथ रहोगे तो मन भी भक्त बन जाएगा। उन्होंने नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करने को प्रेरित किया। बाबा बागेश्वर धाम ने कहा कि यदि आपके पास समय की कमी है तो आप जय-जय जय हनुमान गोसाईं कृपा करो गुरुदेव की कृपा करो गुरुदेव की नाई चौपाई का पाठ करने से भी कल्याण हो जाएगा।

मेरे पागलों कहकर किया संबोधित
बाबा बागेश्वर धाम हनुमंत कथा में अपने चिरपरिचत अंदाज में नजर आए। जब-जब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने ठठरी बांध देंगे कहा तो श्रद्धालुओं ने खूब ठहाके लगाए। वह बार-बार मुरादाबादवासियों को मेरे पागलों कहकर संबोधित कर रहे थे।

सनातन संवर्धन केंद्रों की स्थापना की दी जानकारी
बागेश्वर धाम सरकार के पदाधिकारियों ने जानकारी दी कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री देशभर में सनातन संवर्धन केंद्रों की स्थापना कर रहे हैं। यह ज्वाइंट भारत मुहिम के तहत हो रहा है। इसका उद्देश्य हिंदू राष्ट्र बनाने का आह्वान करना है। यह केंद्र संसाधनों पर निर्भर नहीं होंगे, बल्कि संकल्प और साधना पर आधारित होंगे। इसमें श्रद्धालुओं को 11 लोगों की टीम बनानी होगी।

प्रत्येक मंगलवार या शनिवार को निर्धारित स्थान पर बैठकर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। 108 बार राम-राम का जाप करना है। हनुमान जी की आरती करनी है। सनातनी एक हों और भारत हिंदू राष्ट्र बने, इसका आह्वान करना है। इसकी जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जातिगत तनातनी छोड़कर सनातनी बनना होगा, सवा घंटा तुम्हारा और मजबूत धर्म हमारा होगा।

बसपा के उभार ने कांग्रेस के दलित वोटों में कर दी सेंधमारी, बदल गए दोस्त और दुश्मन; राम ने साध दी राजनीति

दुविधाग्रस्त कांग्रेस के मुस्लिम वोट का ज्यादातर हिस्सा मुलायम झपट ले गए। बसपा के उभार ने कांग्रेस के दलित वोटों में सेंधमारी कर दी। अगड़ी और गैर यादव पिछड़ी जातियों का ज्यादातर वोट राम मंदिर के कारण भाजपा के साथ लामबंद हो गया।  बसपा नेता मायावती चार बार प्रदेश की मुख्यमंत्री भी बनीं। तीन बार भाजपा के सहयोग से और एक बार अपने बलबूते। बदले समीकरण में मुलायम तीन बार मुख्यमंत्री बने। एक बार उनके पुत्र अखिलेश भी सीएम बने।

बीच में कुछ वर्षों के लिए भाजपा की लोकप्रियता में कुछ गिरावट दिखाई दी, तो लोगों को लगा कि राम मंदिर का असर कम हो रहा है। पर, शायद इसकी वजह भाजपा खुद थी। इसके पीछे शायद कारण था भाजपा के तत्कालीन नेतृत्व का मंदिर मुद्दे को कभी घोषणापत्र में शामिल करना और कभी बाहर रखना। आडवाणी के सोमनाथ से अयोध्या रथयात्रा के सारथी रहे नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यही साबित हो रहा है।

बदल गए दोस्त और दुश्मन : मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद वाराणसी, काठमांडू और केदारनाथ की यात्राओं से राजनीति को हिंदुत्व पर केंद्रित करना शुरू कर दिया। खासतौर पर 2019 में सर्वोच्च न्यायालय से राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद उन्होंने जिस तरह देश की राजनीति और विदेशों के लिए देश की कूटनीति को राम के सरोकारों से भारतीयता एवं हिंदुत्व के रंगों से सराबोर किया, उसके निहितार्थ बहुत व्यापक हैं।

यही वजह रही कि गैर कांग्रेसवाद के शिल्पकार आचार्य नरेंद्र देव, डॉ. राममनोहर लोहिया, चौधरी चरण सिंह के गृह राज्य में इनके राजनीतिक विरासत पर दावा करने वाले मुलायम सिंह यादव जैसे नेता की समाजवादी पार्टी को कांग्रेस के साथ खड़ा होने को मजबूर कर दिया है। समाजवाद के नाम पर जो डॉ. लोहिया 70 के दशक में नेहरू और कांग्रेस को रोकने के लिए तत्कालीन जनसंघ से मिलकर चुनाव लड़ रहे थे, उन्हीं के चिंतन से निकलने का दावा करने वाली समाजवादी पार्टी वोटों की गणित से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीसरी बार सत्तारूढ़ होने से रोकने के लिए कांग्रेस के साथ खड़ी है।

आईएएस दीपक कुमार यूपी के नए अपर मुख्य सचिव गृह बनें, चुनाव आयोग ने लगाई मुहर

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दीपक कुमार यूपी के नए अपर मुख्य सचिव गृह बनाए गए हैं। चुनाव आयोग ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने उन सभी राज्यों में गृह सचिवों को हटा दिया था, जिनके पास सीएम कार्यालय की भी कोई जिम्मेदारी थी। इसके साथ ही यूपी में भी संजय प्रसाद से भी प्रमुख सचिव गृह का चार्ज ले लिया गया था और गृह विभाग का चार्ज स्वतः ही मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के पास चला गया था।

दीपक कुमार 1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और अभी वित्त विभाग के प्रमुख हैं। दीपक अब गृह विभाग के प्रमुख होंगे। सूत्रों के अनुसार, अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार, प्रमुख सचिव खेल आलोक कुमार और प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी अजय चौहान के नाम का पैनल चुनाव आयोग को भेजा गया था। आयोग ने सबसे वरिष्ठ अधिकारी दीपक के नाम पर मुहर लगाई।

‘भाजपा को जो समर्थन मिल रहा, उससे डीएमके की नींद उड़ी हुई है’, तमिलनाडु के सलेम में बोले पीएम मोदी

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का मिशन दक्षिण जारी है। केरल में रोड शो करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तमिलनाडु पहुंचे। तमिलनाडु के सेलम में उनका स्वागत किया गया। पीएम मोदी यहां एक सार्वजनिक सभा में शामिल हुए। इस सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक पर जमकर निशाना साधा है।

पीएम मोदी ने कहा कि ‘एनडीए को जो समर्थन मिल रहा है उसने द्रमुक की नींद उड़ा दी है।’ सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘तमिलनाडु में भाजपा को मिल रहा जनसमर्थन पूरा देश देख रहा है। एनडीए और मोदी को ये जो जनसमर्थन मिल रहा है, इसने द्रमुक सरकार की नींद उड़ा दी है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अब तमिलनाडु ये तय कर चुका है कि 19 अप्रैल को एक-एक वोट BJP को जाएगा, NDA को जाएगा।’

‘हिंदू धर्म को बनाया जा रहा निशाना’
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अभी तो चुनाव अभियान की शुरुआत हुई है, लेकिन विपक्षी गठबंधन की योजना मुंबई में हुई उनकी पहली रैली में ही खुलकर सामने आ गई है। ये कह रहे हैं कि हिंदू धर्म की जिस शक्ति में आस्था होती है, उन्हें इस शक्ति का विनाश करना है। हिंदू धर्म में शक्ति किसे कहते हैं, ये तमिलनाडु का हर व्यक्ति जानता है। INDI अलायंस के लोग बार-बार जानबूझकर हिंदू धर्म का अपमान कर रहे हैं।’

‘मोदी, नारीशक्ति की हर परेशानी के सामने ढाल बनकर खड़ा है’
प्रधानमंत्री ने कहा ‘डीएमके और कांग्रेस का विपक्षी गठबंधन किसी अन्य धर्म का अपमान नहीं करता, किसी और धर्म के खिलाफ इनकी जुबान से एक शब्द नहीं निकलता, लेकिन हिंदू धर्म को गाली देने में ये एक सेकंड नहीं लगाते। हिंदू धर्म में शक्ति का मतलब होता है मातृ शक्ति, नारी शक्ति..लेकिन विपक्षी गठबंधन की कांग्रेस और डीएमके कह रही हैं कि वे शक्ति को तबाह करेंगे। मोदी, देश की नारीशक्ति की हर परेशानी के आगे ढाल बनकर खड़ा है।’ इसके बाद पीएम मोदी ने नारी शक्ति के लिए शुरू की गईं अपनी सरकार की योजनाओं का जिक्र किया।

हेमंत सोरेन के घर भाजपा ने लगाई सेंध, भाभी सीता सोरेन के पार्टी छोड़ने से कितना पड़ेगा असर?

भाजपा ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के घर बड़ी सेंध लगाई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा की पूर्व विधायक और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन ने मंगलवार को अपनी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद भाजपा का दामन थाम लिया है। उनके भाजपा खेमे में आने से पार्टी को मजबूती मिल सकती है। विशेषकर हेमंत सोरेन आदिवासियों के जिस कथित उत्पीड़न के सहारे भाजपा को मात देने की कोशिश कर रहे हैं, सीता सोरेन के खेमा बदलने के बाद जेएमएम का दांव हल्का पड़ सकता है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने झारखंड की 14 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन पार्टी इस बार झारखंड में भी क्लीन स्वीप करने के मूड में है।

भाजपा में शामिल होते हुए सीता सोरेन ने कहा कि वे झारखंड मुक्ति मोर्चा परिवार छोड़कर भाजपा परिवार में जुड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में विकास हो रहा है। इसे देखते हुए ही उन्होंने भाजपा से जुड़ने का निर्णय किया। उन्होंने कहा कि झारखंड के लिए उनके पति ने जो सपना देखा था, वे उसे पूरा करने का काम करेंगी। उन्होंने कहा कि उनके पति उन्हें राजनीति में आगे बढ़ाना चाहते थे।

भाजपा महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि सीता सोरेन के आने के बाद पार्टी की राजनीतिक शक्ति बढ़ेगी। आदिवासी समुदाय के विकास के लिए सीता सोरेन की ताकत का इस्तेमाल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासियों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। इसका असर इन वर्गों के जीवन में आ रहे बदलाव में दिखाई दे रहा है।

सीता सोरेन ने अपने इस्तीफे में अपने परिवार की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने पति दुर्गा सोरेन की मौत के बाद अपने परिवार की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए ससुर शिबू सोरेन के लिए आगामी जीवन के लिए शुभकामनाएं दी हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा में रहते हुए भी उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार पर खनन मामलों में घोटाले होने के आरोप लगाए थे।