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शशि थरूर ने केंद्र पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, लेकिन अपने संसदीय क्षेत्र को लेकर ही घिर गए

तिरुवनंतपुरम:  कांग्रेस नेता शशि थरूर ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और केंद्र पर वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया है। शशि थरूर ने कहा कि भाजपा के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए उनके वादों पर भरोसा करना मुश्किल है। वहीं केंद्रीय मंत्री और तिरुवनंतपुरम सीट पर भाजपा के उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर शशि थरूर के आरोपों पर निशाना साधा है और उनके ही संसदीय क्षेत्र की समस्या बता दी।

शशि थरूर बोले- सरकार पर विश्वास नहीं करना चाहिए
तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार शशि थरूर ने कहा कि भाजपा सरकार ने बीते 10 वर्षों में अपने तीन वादे तोड़े हैं। उन्होंने केरल में एम्स बनाने का वादा किया था, लेकिन अभी तक केरल में कोई एम्स नहीं है। उन्होंने केरल में नेशनल आयुर्वेद यूनिवर्सिटी बनाने का वादा किया था, लेकिन अब उसे गुजरात में बनाया जा रहा है। भाजपा का ट्रैक रिकॉर्ड जीरो है और उनके ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए किसी को भी उन पर विश्वास नहीं करना चाहिए।

लोकसभा चुनाव की तारीखों का हुआ एलान; पश्चिम बंगाल में सात चरणों में होंगे चुनाव

कोलकाता: लोकसभा चुनाव को लेकर तमाम पार्टियों ने कमर कस ली है। चुनाव आयोग ने आज चुनावी कार्यक्रम की घोषणा की। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के अनुसार, इस बार 97 करोड़ मतदाना मतदान करेंगे। चुनाव में 55 लाख ईवीएम का इस्तेमाल होगा और 10.5 लाख मतदान केंद्रों में चुनाव आयोजित किया गया है। इसी के साथ पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान भी हो चुका है। पश्चिम बंगाल में सात चरणों में चुनाव होगा। बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 07 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को मतदान होंगे। देशभर में चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे।

लोकसभा चुनाव के लिए इस बार पश्चिम बंगाल मुख्य केंद्र बना हुआ है। दरअसल, संदेशखाली हिंसा के बाद बंगाल में बदलाव की उम्मीद की जा रही है। बता दें कि पिछली लोकसभा चुनाव में भाजपा ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस को 18 सीटें जीतकर बड़ा झटका दिया था। भाजपा सरकार को केंद्र से हटाने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां एकसाथ आई थी, लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने बिना गठबंधन अकेले चुनाव लड़ने का फैसला करते हुए सभी को चौंका दिया था। बंगाल की 42 सीटों के लिए उन्होंने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है।

भाजपा और टीएमसी के बीच हुई थी कांटे की टक्कर
पिछली बार की तरह इस बार फिर बंगाल में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा का सीधा सामना ममता बनर्जी की टीएमसी से होने वाला है। पिछली लोकसभा चुनाव में भाजपा और टीएमसी के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। जहां भाजपा ने 18 सीटें तो टीएमसी ने 22 सीटें जीतीं थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में 17 फीसदी वोट के साथ महज दो सीटें जीतने वाली भाजपा ने 2019 में 40 फीसदी वोट के साथ 18 सीटें जीतकर जबरदस्त राजनीतिक उलटफेर किया था।

कुर्मियों की झंडाबरदार मां या बेटी?…तय करेगा चुनाव, अपना दल के दोनों धड़ों की चुनौती

लखनऊ: कुर्मी जाति की झंडाबरदार के तौर पर राजनीति करने वाले अपना दल के दोनों धड़ों की नेताओं (मां कृष्णा पटेल और बेटी अनुप्रिया पटेल) के लिए लोकसभा चुनाव कई मायने में चुनौतियों से भरा होगा। 2014 के बाद अलग-अलग होकर एक ही जाति की सियासत करने वाली मां-बेटी इस बार लगातार दूसरा चुनाव एक-दूसरे के खिलाफ लड़ेंगी। ऐसे में मां-बेटी सजातीय वोटों की कसौटी पर भी रहेंगी। हालांकि, दोनों दलों के लिए सीटें अभी भले ही तय नहीं हैं, लेकिन लोस चुनाव में मां-बेटी की समाज पर पकड़ की परख तो जरूर ही होगी।

सियासी पंडितों का मानना है कि पांच साल के दौरान अपना दल के राजनीतिक तौर-तरीकों में काफी बदलाव आया है। इसलिए मां-बेटी के दलों में से किसी को कुछ फायदा होगा, तो किसी को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। वैसे भी डॉ. सोनेलाल पटेल ने जिन उद्देश्यों को लेकर अपना दल की स्थापना की थी, वे पार्टी के साथ दो भागों में बंट चुके हैं। लिहाजा बंटवारे के साथ दोनों दलों की प्राथमिकताएं भी अलग-अलग हैं।

2019 में मां-बेटी की राहें हो गईं जुदा
2014 के लोस चुनाव में अपना दल एक था, इसलिए कुर्मी समाज भी एकजुट था। 2019 से यह दो धड़ों में बंट गया। अपना दल (कमेरावादी) की कमान कृष्णा पटेल व बड़ी बेटी पल्लवी पटेल के, तो अपना दल (एस) की कमान दूसरी बेटी अनुप्रिया पटेल और दामाद आशीष पटेल के हाथों में है। 2019 के चुनाव में कृष्णा पटेल के नेतृत्व को कोई खास सफलता नहीं मिल पाई थी। अलबत्ता अपना दल (एस) ने मिर्जापुर और सोनभद्र सीट पर विजय हासिल की। कुर्मी बहुल कई सीटों पर वह भाजपा को जिताने में भी मददगार साबित हुआ था।

मोदी सरकार का बड़ा फैसला, यासीन मलिक की पार्टी पर पांच और साल रहेगा प्रतिबंध

कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन पर प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने आज एलान किया कि ‘जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट’ पांच साल की अवधि के लिए एक ‘गैरकानूनी संगठन’ होगा,केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में शामिल है।

बचपन में टीके की दो खुराक जीवनभर के लिए इन गंभीर बीमारियों से दे सकती है सुरक्षा

मीसल्स यानी खसरा बच्चों में होने वाला गंभीर संक्रामक रोग है, जिसके मामले एक बार फिर से वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ते देखे जा रहे हैं। कई देशों ने टीकाकरण को बढ़ावा देकर इस संक्रामक रोग को नियंत्रित कर लिया था हालांकि इसका वैश्विक खतरा एक बार फिर से बढ़ता देखा जा रहा है। भारत में भी खसरा से प्रभावित बच्चों की संख्या में उछाल दर्ज किया गया है। रिपोर्ट्स से पता चलता है कोरोना महामारी के दौरान बड़ी संख्या में बच्चों का वैक्सीनेशन नहीं हो पाया था, जिसकी वजह से खसरा की बीमारी एक बार फिर से बच्चों को अपना शिकार बना रही है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी बच्चों का खसरा के लिए टीकाकरण कराना जरूरी है, ये उनमें भविष्य में खसरा के अलावा भी कई गंभीर बीमारियों के खतरे को कम करने में सहायक हो सकती है। लोगों को खसरा बीमारी के बारे में जागरूक करने और टीकाकरण से इसे कैसे रोका जा सकता है इस बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 16 मार्च को खसरा टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। खसरे का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है लेकिन इस बीमारी से बचाने और गंभीर रोगों के खतरे को कम करने में वैक्सीनेशन की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

भारत में बच्चे हो रहे हैं खसरा का शिकार

खसरा मुख्यरूप से बच्चों में होने वाली संक्रामक बीमारी है, जिसके कारण गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं बढ़ सकती हैं। भारत ने पिछले एक-दो दशकों में टीकाकरण को बढ़ावा देकर इस रोग के जोखिमों को काफी कम कर दिया गया था। हालांकि हालिया रिपोर्ट्स में मध्य प्रदेश के मैहर जिले में खसरे से दो बच्चों की मौत और 15 से अधिक लोगों में संक्रमण की खबरें हैं।

साल 2017 से 2021 के बीच भारत में खसरे के मामलों में 62% की गिरावट आई, इस दौरान प्रति दस लाख जनसंख्या पर 10.4 से घटकर 4 मामले रह गए थे। हालांकि महामारी के दौरान राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान पर भी असर देखा गया जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे खसरे के टीके से चूक गए। लिहाजा देश के कई हिस्सों से पिछले दिनों बच्चों में खसरा के मामले बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं।

एमएमआर वैक्सीन का टीकाकरण

मीसल्स, मम्प्स और रूबेला (एमएमआर) वैक्सीन, बच्चों के नियमित टीकाकरण का हिस्सा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों को एमएमआर वैक्सीन के दो टीके लगाए जाने चाहिए। पहली खुराक 12 से 15 महीने की उम्र में और दूसरी खुराक 4 से 6 साल की उम्र में दी जानी चाहिए। किशोरों और वयस्कों को भी अपने एमएमआर टीकाकरण के बारे में अपडेट रहना चाहिए।

कितने असरदार हैं टीके?

अध्ययनकर्ता बताते हैं, एमएमआर टीके बहुत सुरक्षित और प्रभावी हैं। वैक्सीन की दो खुराक खसरे को रोकने में लगभग 97% प्रभावी पाई गई हैं, जबकि एक खुराक लगभग 93% तक सुरक्षा दे सकती है। 1963 में खसरा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होने से पहले, संयुक्त राज्य अमेरिका में हर साल अनुमानित 3 से 4 मिलियन (30-40 लाख) लोगों को खसरा होता था। इनमें से लगभग 400 से 500 की मृत्यु हो जाती थी। खसरे के टीकाकरण के बाद इस दिशा में काफी हद तक सुधार किया गया है।

साल में बस कुछ ही महीने मिलती है ये सब्जी, शुगर-कोलेस्ट्रॉल वालों के लिए बहुत फायदेमंद

आहार विशेषज्ञ कहते हैं, शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए भोजन में पौष्टिक चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए। विशेषतौर पर हरी सब्जियों-फलों को विशेष लाभप्रद माना जाता रहा है। वजन कंट्रोल रखने से लेकर शुगर-कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने तक के लिए इन चीजों का सेवन फायदेमंद हो सकता है। क्या आप जानते हैं,आहार में अगर आप चनों को शामिल करते हैं तो इससे सेहत को कई प्रकार से लाभ मिल सकता है, विशेषतौर पर हरे चने का सेवन करके आप अधिकतम लाभ पा सकते हैं।

हरे चने सर्दियों में कुछ महीने ही उपलब्ध होते हैं। ये कई प्रकार के पोषक तत्वों का बेहतर स्रोत है जिसकी हमारे शरीर को नियमित रूप से आवश्यकता होती है। कई राज्यों में इसे छोलिया कहा जाता है। इसका स्वाद तो अद्भुत होता ही है, पर क्या आप जानते हैं कि ये डायबिटीज-हार्ट रोगियों के लिए बहुत लाभप्रद हो सकता है।

हरे चने में होते हैं कई पोषक तत्व

काले चने की तरह, हरे चने में भी भरपूर पोषक तत्व होते हैं। हरे चने को मुख्य रूप से फलियों की श्रेणी में रखा जाता है। हरा चना फाइबर का भंडार है। हाई फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाने से भोजन के बाद परिपूर्णता बनी रहती है और फाइबर से पाचन स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। अध्ययनों में पाया गया है कि फाइबर युक्त खाद्य आपकी आंत प्रणाली को स्वस्थ रखने में तो मदद करता है साथ ही इससे शुगर को कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित रखा जा सकता है।

ब्लड शुगर होता है कंट्रोल

चने अपने, ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने वाले गुणों के लिए जाने जाते हैं, यही कारण है कि हरे चने डायबिटीज रोगियों के लिए काफी फायदेमंद हो सकते हैं। मधुमेह को प्रबंधित करने में इससे मदद मिल सकती है। चने में मौजूद फाइबर और प्रोटीन, आपके ब्लड शुगर के स्तर को भोजन के बाद बहुत तेजी से बढ़ने से रोकने में मदद करता है। इसके अलावा चने में मौजूद पोषक तत्व मधुमेह रोगियों की सेहत को ठीक रखने में मददगार हो सकते हैं।

वजन कंट्रोल रखने में सहायक

हरा चना फाइबर का भंडार माना जाता है। उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ खाने से पेट को भरा रखने में मदद मिलती है। इसके अलावा इसमें मौजूद फाइबर भोजन के बेहतर पाचन में सहायक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ हरे चने में मौजूद फाइबर और प्रोटीन की मात्रा के कारण इसे वजन को कंट्रोल रखने वाला खाद्य पदार्थ मानते हैं। वजन नियंत्रित रहने से डायबिटीज और हार्ट दोनों प्रकार की समस्याओं में लाभ मिल सकता है।

हृदय रोगियों के लिए इसके लाभ

हरे चने में मैग्नीशियम और पोटेशियम भी पाया जाता है, ये हृदय स्वास्थ्य को ठीक रखने और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में सहायक है। हरे चने में सिटोस्टेरॉल नामक एक पौधों पर आधारित तत्व भी होता है जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण में को कम करता है। रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने से हार्ट की दिक्कतों में विशेष लाभ पाया जा सकता है। आहार में चने को शामिल करके आप कई प्रकार से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

नरम और फूली रोटी बनाने का तरीका है आसान, बस अपनाएं ये विधि

भारत में कई तरह के लोग हैं जो अलग अलग तरह की डिश और रेसिपी ट्राई करते हैं। भौगोलिक आधार पर भारत में खाने की अलग अलग वैरायटी मिल जाएगी। पंजाबी से दक्षिण भारतीय खाना और गुजराती से उत्तर भारतीय खाद्य सामग्रियों की अलग अलग वैरायटी और रेसिपी है। लेकिन इनमें रोटी एक ऐसी खाद्य सामग्री है, जिसे लगभग हर भारतीय रसोई में बनाया जाता है। रोटी खाए बिना लोगों का काम नहीं चलता। कई घरों में लंच और डिनर दोनों में रोटी खाई जाती है। लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि रोटी बनाना आसान नहीं होता। लोग रोटी बनाने की विधि जानते है और रोजाना रोटी बनाते भी हैं लेकिन उनकी शिकायत रहती हैं कि उनकी रोटी नरम या फूली हुई नहीं होती। अगर बनाते समय वह नरम होती भी है तो कुछ देर रखने के बाद वह खाने लायक नहीं रहती। कई बार गूंदा हुआ आटा लोग फ्रिज में रख देते हैं, जिस कारण भी उनकी रोटी सॉफ्ट नहीं बन पाती। ऐसे में यहां आपको फ्रिज में रखे आटे से ही नरम और फूली-फूली रोटी बनाने के आसान तरीके के बारे में बताया जा रहा है। इन टिप्स से रोटी बनाते समय आपको आसानी होगी।

फ्रिज में रखे आटे की सॉफ्ट रोटी बनाने के टिप्स

गुनगुने पानी से दोबारा गूथें

अगर आटा फ्रिज में रखा था, तो उससे रोटी बनाने से पहले आटे को दोबारा गूथें। इसके लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। फ्रिज में रखने से आटे की ऊपरी सतह पर एक कड़ी लेयर बन जाती है। इस लेयर को हटाने के लिए आटे को दोबारा गूथंना होता है। पानी लगाकर ऊपर ऊपर से गूंथ लें। फ्रिज की ठंडक आटे से निकल जाने के बाद रोटी बनाएं। वह ताजे आटे की तरह की बनेगी।

तेज आंच पर न सेकें रोटी

ताजे आटे और फ्रिज में रखे आटे की रोटी बनाते समय एक बात का ध्यान रखें कि फ्रिज से आटा निकालकर रोटी बना रहें हैं और उसे दोबारा गूथने का समय नहीं हैं तो रोटी को बहुत तेज आंच पर न सेकें। ऐसा करने से रोटी कड़ी पापड़ जैसी बनती है।

फ्रिज में आटा निकालकर तुरंत रोटी न बनाएं

फ्रिज से आटा निकालकर एकदम से रोटी न बनाएं। पहले आटे को थोड़ी देर रूम टेम्परेचर पर रखें। फ्रिज से आटा निकालने पर वह ठंडा होता है, जिससे तुरंत रोटी बेलने व सेंकने पर उसका स्वाद भी अलग लगता है और नरम भी नहीं सिकती।

आटा ज्यादा पुराना न हो
सुबह गूथें आटे को फ्रिज में रखकर शाम को उससे रोटी बना सकते हैं लेकिन आटा अलग ज्यादा पुराना होगा तो खाने में उसका स्वाद भी खराब लगेगा। वह गर्मियों के लिए बासी आटा नुकसानदायक भी हो सकता है। रोटियां भी काफी कड़क बनेंगी। इसलिए ज्यादा पुराना आटा इस्तेमाल न करें।

‘योद्धा’ का दिखा दम और 80 करोड़ के पार ‘शैतान’, ऐसा रहा ‘बस्तर’-‘आर्टिकल 370’ का हाल

हर हफ्ते की तरह इस हफ्ते भी सिनेमाघर नई फिल्मों से गुलजार हुआ। एक ओर जहां पहले से ही कई फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर कायम था, वहीं दूसरी ओर दर्शकों को थिएटर में दो और नई फिल्मों का जलवा दिखा। इस शुक्रवार को सिद्धार्थ मल्होत्रा की ‘योद्धा’ और अदा शर्मा की ‘बस्तर द नक्सल स्टोरी’, दो फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज हुईं, जिसे दर्शकों की अच्छी प्रतिक्रिया भी मिली। वहीं, बीते हफ्ते रिलीज हुई अजय देवगन की ‘शैतान’ का जलवा बॉक्स ऑफिस पर अब भी बरकरार है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि किस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कितनी कमाई की।

योद्धा
सागर आंब्रे और पुष्कर ओझा द्वारा निर्देशित फिल्म ‘योद्धा’ 15 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ राशि खन्ना और दिशा पाटनी भी नजर आए। फिल्म में सिद्धार्थ सैनिक की भूमिका में है, जो हाईजैक विमान को बचाने के मिशन पर हैं। फिल्म को पहले दिन दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली। फिल्म ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर 4.25 करोड़ रुपये की कमाई की। उम्मीद है कि फिल्म को वीकएंड का फायदा मिलेगा और यह आने वाले दिनों में और अच्छी कमाई करेगी।

बस्तर द नक्सल स्टोरी
विपुल अमृतलाल शाह द्वारा निर्मित और सुदीप्तो सेन के जरिए निर्देशित अदा शर्मा की फिल्म ‘बस्तर द नक्सल स्टोरी’ का फैंस को बेसब्री से इंतजार था। फिल्म में अभिनेत्री अदा के साथ इंदिरा तिवारी भी मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म बीते दिन 15 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई। फिल्म ने पहले दिन 50 लाख रुपये पर अपना खाता खोला। फिल्म को लेकर उम्मीद है कि यह भी ‘द केरल स्टोरी’ की तरह धीमी रफ्तार आगे बढ़ती हुई कमाई करेगी। फिलहाल यह वीकएंड पर साफ होगा कि फिल्म कितना अच्छा प्रदर्शन कर रही है।

शैतान
अजय देवगन और आर माधवन की फिल्म ‘शैतान’की रिलीज को एक हफ्ते से ज्यादा का समय हो गया है। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर आठ दिन पूरे कर लिए। काले जादू के इर्द गिर्द घूमती इस फिल्म का बजट करीब 65 करोड़ रुपये है। फिल्म का निर्देशन विकास बहल ने किया है। फिल्म ने पहले दिन 14.75 करोड़ रुपये की कमाई की थी। वहीं, शुक्रवार को फिल्म ने 4.50 करोड़ रुपये का कारोबार किया। फिल्म की कमाई में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। ‘शैतान’का अब तक का कुल कलेक्शन 84.25 करोड़ रुपये हो चुका है।

सुशांत के पूर्व हाउस मैनेजर ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा, की LOC रद्द करने की मांग

दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पूर्व हाउस मैनेजर सैमुअल मिरांडा ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके खिलाफ जारी किए गए लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सीबीआई वर्तमान में राजपूत के पिता द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) की जांच कर रही है। आइए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है।

गौरतलब है कि के निधन के बाद सैमुअल मिरांडा को कानूनी जांच का सामना करना पड़ा और बाद में सितंबर 2020 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, उन्हें अक्टूबर 2020 में जमानत दे दी गई। अब उन्होंने अपने खिलाफ जारी एलओसी को रद्द करने की मांग की है

सैमुअल मिरांडा ने कथित तौर पर रिया चक्रवर्ती की मदद की थी और अपने नाम पर सुशांत सिंह राजपूत के लिए सिम कार्ड खरीदा था। अपनी याचिका में, सैमुअल मिरांडा ने तर्क दिया कि चूंकि रिया चक्रवर्ती के खिलाफ जारी एलओसी हाल ही में रद्द कर दी गई थी, इसलिए उनके साथ भी वही व्यवहार किया जाना चाहिए।

सैमुअल ने बताया कि अपनी पत्नी और परिवार के साथ छुट्टियों के लिए विदेश यात्रा करना चाहते हैं। मिरांडा का दावा है कि उनके खिलाफ एलओसी मनमाना और अनुचित है और इसमें दिमाग के उचित प्रयोग का अभाव है। जांच में उनके सहयोग को ध्यान में रखते हुए और चार साल बाद भी कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं होने पर उनका मानना है कि एलओसी को रद्द कर दिया जाना चाहिए।

मिरांडा ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एलओसी का अनिश्चितकालीन जारी होना अनुच्छेद 21 द्वारा गारंटीकृत विदेश यात्रा के उनके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने बताया कि हालांकि उनकी जमानत की शर्तें पहले से ही उन्हें एनडीपीएस अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश छोड़ने से रोकती हैं, लेकिन वह प्रस्तुत करने के लिए तैयार हैं।

खुशी कपूर और इब्राहिम अली खान ने शुरू की ‘नादानियां’ की शूटिंग! फिल्म के सेट से लीक हुई तस्वीर

अभिनेत्री खुशी कपूर ने जोया अख्तर की फिल्म ‘द आर्चीज’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। वहीं अब वे निर्देशक शाउना गौतम की आगामी फिल्म में नजर आएंगी। रिपोर्ट्स के अनुसार, फिल्म में खुशी कपूर के साथ सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान को मुख्य भूमिका के लिए चुना गया है। वहीं, खबर है कि फिल्म की शूटिंग शुरू हो चुकी है।

पुणे से लीक हुई तस्वीर
दरअसल, सोशल मीडिया पर शूटिंग की एक तस्वीर लीक हो गई है, जो तुरंत ही वायरल हो गई। फिल्म की शूटिंग पुणे में चल रही है। एक सोशल मीडिया यूजर ने इंस्टाग्राम पर तस्वीर साझा करते हुए बताया कि खुशी कपूर और इब्राहिम अली खान और ओरी फिल्म की शूटिंग के लिए पुणे के एक निजी विश्वविद्यालय में मौजूद थे। सामने आई तस्वीर में खुशी कपूर गुलाबी रंग की ड्रेस पहने नजर आईं, जिसके साथ उन्होंने डेनिम जैकेट पहना था। इस लुक में वे बेहद खूबसूरत नजर आ रही थीं।

नादानियां में इश्क फरमाएंगे दोनों
धर्मा प्रोडक्शंस के बैनर तले ‘नादानियां’ नाम की रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म का निर्माण हो रहा है, जिसमें खुशी कपूर और इब्राहिम अली खान मुख्य भूमिका में हैं। हालांकि, अभी तक इस पर आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। शाउना गौतम के निर्देशन में बन रही इस फिल्म को लेकर करण जौहर भी काफी उत्साहित हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल से इस फिल्म के मुहूर्त शॉट को भी साझा किया था। शाउना इससे पहले ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ में भी सहायक निर्देशक का काम कर चुकी हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, खुशी और इब्राहिम की इस फिल्म को सीधे ओटीटी पर रिलीज किया जाएगा। वहीं इस फिल्म में सुनील शेट्टी के भी शामिल होने की खबरें हैं।