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‘अगर ECP ने आंतरिक चुनावों को मंजूरी दी, तो SIC में विलय करेगी PTI’, इमरान की पार्टी के नेता का दावा

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के एक नेता ने कहा कि अगर चुनाव आयोग उनकी पार्टी के आंतरिक चुनाव को मान्यता देता है और चुनाव चिह्न क्रिकेट बैट को वापस लौटाता है, तो पार्टी सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) के साथ विलय कर लेगी। एक मीडिया रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।

‘डॉन न्यूज’ के साथ एक इंटरव्यू में पीटीआई नेता असद कैसर ने कहा, “अगर पार्टी को हालिया संगठनात्मक चुनाव के बाद अपना क्रिकेट बैट का चुनाव चिह्न वापस मिल जाता है तो दोनों पार्टियों का विलय हो जाएगा और पीटीआई बनी रहेगी।” एसआईसी पाकिस्तान में इस्लामी राजनीतिक और बरेलवी धार्मिक दलों का संगठन है। आठ फरवरी को हुए आम चुनाव में पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों ने 90 से ज्यादा सीट पर जीत दर्ज की। बाद में ये निर्दलीय सदस्य एसआईसी में शामिल हो गए।

यह पूछे जाने पर कि क्या एसआईसी में विलय के बाद पीटीआई बनी रहेगी, उन्होंने कहा, हां, हम बने रहेंगे लेकिन हम इसके साथ विलय भी करेंगे। उन्होंने बताया कि अगर पार्टी को हाल के अंदरूनी चुनावों के बाद अपना चुनाव चिह्न वापस मिल जाता है, तो एसआईसी का हिस्सा होने के बजाय दोनों पार्टियों का विलय हो जाएगा और पीटीआई बनी रहेगी।

सपा से किसका होगा टिकट, जल्द हो सकती है घोषणा, लखनऊ में मंथन के बीच दो नेताओं में नोकझोंक

मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट के टिकट पर समाजवादी पार्टी शुक्रवार को लखनऊ में फिर मंथन हुआ। देर शाम तक या फिर कल टिकट घोषित होने की उम्मीद है। टिकट पर मंथन करने के लिए दावेदार लखनऊ में हैं। मेरठ-हापुड़ लोकसभा से सपा के सिंबल पर चुनाव कौन लड़ेगा, इसे लेकर बैठक हो चुकी है।

इससे पहले मंगलवार को भी टिकट को लेकर सपाइयों में मंथन हुआ था। पूर्व और वर्तमान विधायक व पदाधिकारियों समेत 11 लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव से मिले थे। दावेदार ज्यादा हैं, इसलिए टिकट फाइनल नहीं हो सका। अब फिर से टिकट पर मंथन किया गया है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिस तरह से टिकट को लेकर खींचतान है, उससे कोई नया भी बाजी मार सकता है।फिलहाल मेरठ से सपा के टिकट की दौड़ में किठौर विधायक शाहिद मंजूर, शहर विधायक रफीक अंसारी, सरधना विधायक अतुल प्रधान, पूर्व विधायक योगेश वर्मा, पूर्व सांसद हरीश पाल के बेटे नीरज पाल, जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी, अमरोहा से सपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े मुखिया गुर्जर, आकिल मुर्तजा के नाम प्रमुखता में चल रहे हैं। इनके समर्थक सोशल मीडिया पर अपने-अपने नेता का टिकट फाइनल होने का दावा भी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ फोटो भी पोस्ट कर रहे हैं।

पहले उम्मीद थी कि 13 या 14 मार्च को टिकट फाइनल हो जाएगा, लेकिन दावेदार ज्यादा होने और उनमें आपसी खींचतान के कारण टिकट को लेकर अभी असमंजस की स्थिति है। अब सपा पदाधिकारी 15 मार्च की शाम या 16 मार्च को टिकट फाइनल होने का दावा कर रहे हैं। सपा के टिकट पर सभी की निगाहें लगी हुईं हैं।

बैठक में भी योगेश वर्मा और अतुल प्रधान की कलह आई सामने
पार्टी सूत्रों का कहना है कि लखनऊ में जब टिकट को लेकर मंथन चल रहा था तो इस दौरान अतुल प्रधान और योगेश वर्मा के बीच आपसी कलह सामने आई।

श्याम किशोर ने दिया इस्तीफा, बसपा में शामिल, इस सीट से लड़ सकते हैं चुनाव

लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी निवासी अवध क्षेत्र की कार्य समिति के सदस्य श्याम किशोर अवस्थी ने भाजपा से इस्तीफा देकर बसपा का दामन थाम लिया है। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, बसपा धौरहरा से उन्हें प्रत्याशी घोषित कर सकती है। दरअसल, बसपा को इस सीट के लिए ब्राह्मण चेहरे की ही तलाश है।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह को भेजे त्यागपत्र में श्याम किशोर अवस्थी ने बताया है कि वह स्वेच्छा से भारतीय जनता पार्टी के सभी दायित्वों और जिम्मेदारियों का त्याग कर रहे हैं। त्यागपत्र भेजे जाने की सूचना मिलने के बाद भाजपा खेमे में हड़कंप मचा हुआ है।

बताया गया कि वह एक सांसद के करीबी थे, लेकिन अनबन होने के बाद उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और बसपा की सदस्यता ले ली है। बसपा जिलाध्यक्ष हेमराज वर्मा ने कहा कि श्यामकिशोर का बसपा में स्वागत है। उधर, भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह का कहना है कि उन्हें इस्तीफे की जानकारी नहीं है। श्यामकिशोर के इस्तीफे से राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

अखिलेश यादव बोले- महंगाई से जनता की जेब ढीली हो रही, भाजपा के खजाने भर रहे हैं

लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इलेक्शन बॉन्ड को लेकर चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी पर कहा कि जनता की महंगाई और भ्रष्टाचार से जेब ढीली हो रही है और इलेक्शन बॉन्ड से भाजपा के खजाने भर रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा ने बोला था कि न खाऊंगा न खाने दूंगा लेकिन ये नहीं कहा था कि डकारुंगा नहीं। उन्होंने कहा कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों की समस्याओं का समाधान तभी होगा जब केंद्र से भाजपा जैसी खाऊ पार्टी हटेगी। प्राइवेट कंपनियों का सारा लाभ भाजपा इलेक्टोरल बॉन्ड से ले रही है।

अखिलेश यादव ने कहा कि राजनीतिक दबाव के कारण ही व्यापारी मुनाफाखोरी के लिए दाम बढ़ाते हैं और जनता महंगाई से परेशान होती है। भाजपा के लोग कारोबारियों, ठेकेदारों और दुकानदारों से सबसे ज्यादा पैसा वसूलते हैं क्योंकि वो कहते हैं कि इलेक्टोरल बांड का पैसा तो पार्टी के खाते में चला जाता है।

उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार की भाजपाई गारंटी है। ये जनता के शोषण की भाजपाई गारंटी है। ये युवाओं के भविष्य को मारने की भाजपाई गारंटी है। इलेक्टोरल बांड अर्थव्यवस्था और बैंकिंग सिस्टम को भ्रष्ट बनाने की भाजपाई गारंटी है।

ट्रांसपोर्ट एजेंसी के पूर्व कर्मियों ने लीक किया था सिपाही भर्ती का पेपर, अब तक 396 आरोपी गिरफ्तार

सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने वाले गैंग के तीन लोगों को एसटीएफ ने गाजियाबाद से बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। तीनों पेपर लाने वाली ट्रांसपोर्ट कंपनी के पूर्व कर्मचारी हैं, जिन्होंने मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा के साथ मिलकर वेयरहाउस से पेपर की फोटो खींची थी और इसे लाखों रुपए लेकर बेचा था। एसटीएफ आरोपी राजीव की अभी तलाश कर रही है।

डीजीपी प्रशांत कुमार और एडीजी कानून व्यवस्था एवं एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि प्रयागराज के अभिषेक कुमार शुक्ला, मिर्जापुर के शिवम गिरि और भदोही के रोहित कुमार पाण्डेय अहमदाबाद की टीसीआई एक्सप्रेस कंपनी के पूर्व कर्मचारी हैं।

उन्होंने वेयरहाउस में रखे पेपर के बक्से का कब्जा खोलकर आईफोन से फोटो ली थी। राजीव नयन ने बक्सा खोलने में माहिर पटना निवासी डॉ. शुभम मंडल को बुलाया था जिसे एसटीएफ हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। वहीं राजीव नयन मिश्रा ने अपने साथी रवि अत्री के साथ पेपर को विक्रम पहल, मोनू ढाकला, विक्रम दहिया, महेन्द्र शर्मा, गौरव चौधरी, मोनू पंडित, सतीश धनकड (नेचर वेली रिसोर्ट का मालिक), नीटू, धीरज उर्फ गोल्डी (वालीबुड रेस्टोरेंट सोनीपत हरियाणा का मालिक) आदि को दिया था।

राजीव नयन पहले भी कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक कर चुका है। उसा नाम हाल ही में आयोजित आरओ/ एआरओ परीक्षा का पेपर लीक करने में भी आया है। डीजीपी ने बताया कि सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में अब तक 396 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें से 54 को एसटीएफ ने पकड़ा है।

‘CM को ऐसा महसूस हुआ होगा कि उन्हे धक्का लगा’, ममता बनर्जी पर दिए बयान से पलटे डॉक्टर, दी सफाई

 कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सिर और नाक पर आई चोट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामला उस समय बिगड़ गया, जब गुरुवार को सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने यह दावा किया कि बंगाल सीएम को किसी ने पीछे से धक्का दिया था। हालांकि, बढ़ते विवाद को देखते हुए अब एसएसकेएम अस्पताल के निदेशक मणिमय बंदोपाध्याय ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि उनके कहने का यह मतलब था कि मुख्यमंत्री को ऐसा महसूस हुआ होगा कि उन्हे धक्का लगा है।

बंदोपाध्याय ने कहा, ‘मुख्यमंत्री को ऐसा महसूस हुआ होगा कि उन्हे पीछे से धक्का लगा, जिससे वह गिर गईं। हमारा काम इलाज करना है और हमने ऐसा ही किया। उन्होंने कहा, ‘कल शाम मैंने जो कहा उसे गलत तरीके से लिया गया।’

कल घर में गिर गई थीं सीएम
अस्पताल के निदेशक मणिमोय बंद्योपाध्याय ने बताया था कि शाम करीब साढ़े सात बजे सूचना मिली की मुख्यमंत्री गिर गई हैं। उन्हें सिर पर चोट आई है। माथे और नाक पर चोट आई है। उनके माथे से खून बह रहा था। माथे पर तीन और नाक पर एक टांका लगाया गया। उनका ईसीजी और सीटी स्कैन भी किया गया। डॉक्टर ने बताया था कि उन्हें अस्पताल में रहने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने घर जाने की इच्छा जताई। सीएम घर पर निगरानी में रहेंगी। डॉक्टरों की टीम उनकी देखभाल करेगी।

एनटीके पार्टी की याचिका पर सख्त हुई शीर्ष अदालत, निर्वाचन आयोग से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल ‘नाम तमिलर काची’ (NTK) की एक याचिका पर शुक्रवार को निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा। बता दें, याचिका में गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर ‘मुक्त’ चुनाव चिह्न के आवंटन को चुनौती दी गई है।

हाईकोर्ट से मिल चुका है झटका
इस मामले में हाईकोर्ट पहले ही निर्वाचन आयोग के मानदंड को उचित ठहरा चुका है। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ राजनीतिक दल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को भी नोटिस
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई कर रही थी। अदालत ने निर्वाचन आयोग से जवाब मांगने के साथ ही एक अन्य गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को भी नोटिस जारी किया, जिसे वह चुनाव चिह्न दिया गया था, जो पहले ‘नाम तमिलर काची’ (एनटीके) के पास था।

यह है मामला
हाईकोर्ट ने गत एक मार्च को एनटीके की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को निर्वाचन आयोग द्वारा ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर ‘मुक्त’ चुनाव चिह्न का आवंटन किए जाने को चुनौती दी गई थी।

दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता ‘नाम तमिलर काची’ की इस दलील को खारिज कर दिया था कि इस आशय से संबंधित चुनाव चिह्न आदेश मनमाना और असंवैधानिक था।याचिकाकर्ता आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक अन्य राजनीतिक दल को ‘मुक्त’ चुनाव चिह्न ‘गन्ना किसान’ के आवंटन से व्यथित था।

होली की छुट्टियों के बाद होगी सुनवाई
याचिका पर नोटिस जारी करते हुए सीजेआई ने कहा कि अपील पर होली की छुट्टियों के बाद सुनवाई की जाएगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह चुनाव चिह्न आदेश के पैराग्राफ 10बी (बी) की योजना की पड़ताल करेगी जो ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर दलों और उम्मीदवारों को ‘मुक्त’ चिह्न देने से संबंधित है।

भाजपा का मिशन दक्षिण भारत, केरल-तमिलनाडु पहुंचे पीएम मोदी; तेलंगाना में करेंगे चुनाव प्रचार

लोकसभा चुनाव को अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं और दक्षिण में अपनी पकड़ तेज करने के लिए भाजपा प्रचार में लग गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केरल, तेलंगाना और तमिलनाडु में पार्टी के अभियानों की अगुवाई कर रहे हैं। बता दें कि भाजपा को अभी तक दक्षिण में बड़ी बढ़त नहीं मिल पाई है।

तमिलनाडु में पहली बार बिना गठबंधन की भाजपा
तमिलनाडु में इस साल पहली बार भाजपा बिना किसी गठबंधन के है। दरअसल, भाजपा के राज्य प्रमुख के. अन्नामलाई को लेकर विवाद के बीच पिछले साल अन्नाद्रमुक ने भाजपा के नेतृत्व वाली एनडी से गठबंधन तोड़ लिया था। पीएम मोदी ने आज कन्याकुमारी में प्रचार किया। यहां भाजपा की मजबूत उपस्थिति है। लोकसभा चुनाव से पहले ही पार्टी यहां पीएमके और अभिनेता विजयकांत की डीएमडीके को लुभाने की कोशिश में लगी हुई है। तमिलनाडु में भाजपा लगातार वंशवाद की राजनीति और भ्रष्टाचार को लेकर डीएमके पर निशाना साध रही है।

पीएम मोदी केरल पहुंचें
पीएम मोदी केरल के पथानामथिट्टा पहुंच चुके हैं। यहां उन्होंने एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित किया। इस बैठक में करीब एक लाख लोग शामिल हुए। बैठक में एनडीए के लोकसभा सांसद वी मुरलीधरन, अनिल के एंटनी, शोभा सुरेंद्रन और बैजू कलासाला भी शामिल हुए। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के. करुणाकरन की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल भी इस बैठक में मौजूद रहेंगी। बता दें कि पद्मजा वेणुगोपाल ने हाल ही में कांग्रेस से नाता तोड़ लिया है।

तेलंगाना में भी होगा प्रचार
पीएम मोदी आज तेलंगाना में भी प्रचार करेंगे। वह आज शाम मल्काजगिरी में एक रोड शो में शामिल होंगे। इस दौरान उनके साथ पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार एटाला राजेंदर और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी शामिल होंगे। रोड शो के कारण पुलिस ने आम लोगों के लिए ट्रैफिक एडवायजरी जारी की है। रोड शो खत्म होने तक कुछ इलाके जनता के लिए प्रतिबंधित रहेंगे। पीएम मोदी राजभवन में रात गुजारने के बाद कल नगरकुरनूल में एक बैठक में शामिल होंगे। रविवार को प्रधानमंत्री चिलकलुरिपेटा में भाजपा-टीडीपी और जनसेना की संयुक्त बैठक में शामिल होंगे।

‘भारत का सबसे बड़ा घोटाला है चुनावी बॉन्ड’, अब सरकार पर बरसे जयराम

इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर विपक्ष पूरी तरह से सरकार पर हमलावर हो गया है। एक तरफ राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल इस मामले में एसआईटी गठित करने की बात कह रहे हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने चुनावी बॉन्ड को स्वतंत्र भारत का सबसे बड़ा घोटाला बताया है। साथ ही जयराम रमेश ने कहा है कि चुनाव आयोग द्वारा साझा किया गया डेटा अधूरा है।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के खिलाफ नहीं है, लेकिन चुनाव प्रक्रिया में वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल चाहती है ताकि मतदाता ये सुनिश्चित कर सके कि उनका वोट सही तरीके से डाला गया है। जयराम रमेश महाराष्ट्र के पालघर जिले के वाडा में एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पिछले साल से मुख्या चुनाव आयुक्त से मिलने का समय मांग रही है, लेकिन अभी तक उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया है।

‘चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों में अधूरी जानकारी’

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने सवाल किया ‘आखिर चुनाव आयोग विपक्षी दलों से मिलने से क्यों डरता है।’ चुनाव आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों का हवाला देते हुए रमेश ने कहा कि इसमें अधूरा विवरण दिया गया है। जयराम रमेश ने कहा कि सूची में चार श्रेणियां हैं। पहली श्रेणी उनकी जिन्होंने चुनावी बॉन्ड खरीदे और सरकारी अनुबंध प्राप्त किए। दूसरी श्रेणी में वो हैं जिन्होंने जांच एजेंसियों की धमकी के कारण बॉन्ड खरीदे। तीसरी श्रेणी में वो लोग हैं जिन्होंने अनुबंध पाने के लिए रिश्वत के रूप में बॉन्ड खरीदे। चौथी श्रेणी में वो लोग हैं, जिन्होंने मुखौटा कंपनियों के माध्यम से खरीदारी की। उन्होंने कहा कि ‘ये आज़ाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। हमारे पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है, हम जनता की अदालत में जाएंगे।’

चुनावी बॉन्ड पर स्टेट बैंक के आंकड़े

पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने यह टिप्पणी चुनाव आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर चुनावी बॉन्ड पर डेटा डालने के एक दिन बाद की। स्टील टाइकून लक्ष्मी मित्तल से लेकर अरबपति सुनील भारती मित्तल की एयरटेल, अनिल अग्रवाल की वेदांता, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एक कम प्रसिद्ध कंपनी – फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज चुनावी बांड के प्रमुख खरीदारों में से थे।

क्षेत्रीय सियासी दलों को ₹ 5221 करोड़; तृणमूल, वाईएसआर कांग्रेस, बीजद और DMK के नाम भी शामिल

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट के सख्त फरमान के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और निर्वाचन आयोग (ECI) ने राजनीतिक दलों को मिले चंदे का विवरण सार्वजनिक किया। इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से मिले करोड़ों रुपये का चंदा अब तक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं था। हालांकि, एक मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पारित सख्त आदेश के बाद एसबीआई ने बॉन्ड खरीदने वाले लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं। एसबीआई ने अपनी सूचना निर्वाचन आयोग को मुहैया कराई। इसके बाद आयोग ने 14 मार्च की रात लगभग आठ बजे 700 पन्नों से अधिक का डेटा अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया। इसमें एक दस्तावेज बताता है कि बॉन्ड किसने और कितने मूल्य का खरीदा। दूसरे डॉक्यूमेंट में बॉन्ड भुनाने वाली पार्टियों का विवरण दर्ज है।

सभी पार्टियों को मिलाकर भी भाजपा की तुलना में 839 करोड़ रुपये कम
आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को अप्रैल, 2019 से जनवरी, 2024 के बीच करोड़ों रुपये का चंदा मिला है। इसी अवधि में अकेले भाजपा को 6,060.51 करोड़ रुपये मिले। यानी देश के सभी क्षेत्रीय दलों को मिलाने के बाद भी भाजपा को 839 करोड़ रुपये अधिक चंदा मिला। भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) सरीखे राष्ट्रीय दलों को भी करोड़ों रुपये मिले। हालांकि, चौंकाने वाली बात रही कि बसपा, सीपीआई-एम और एनपीपी जैसी राष्ट्रीय पार्टियों को बॉन्ड के जरिए एक भी रुपये का दान / चंदा नहीं मिला।

बंगाल से तमिलनाडु तक चार राज्यों में सत्तारूढ़ पार्टियों को करोड़ों रुपये चंदा मिला
जिन क्षेत्रीय सियासी दलों को 5221 करोड़ रुपये मिले हैं, इनमें पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC), आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी- वाईएसआर कांग्रेस, दशकों से ओडिशा की सत्ता पर काबिज बीजू जनता दल (बीजद) और लगभग पांच साल पहले तमिलनाडु में सरकार बनाने वाली द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नाम भी शामिल हैं।