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चकबंदी विभाग में भ्रष्टाचार के विरोध में किसानों ने मांगी भीख, एकत्र धनराशि विभाग के बाबू के आगे रखी

बिजनौर जनपद चकबंदी विभाग में भ्रष्टाचार के विरोध में भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के प्रदेश युवाध्यक्ष चौधरी दिगंबर सिंह के नेतृत्व में किसानों ने बुधवार को जजी चौराहे से लेकर कलक्ट्रेट स्थित चकबंदी विभाग कार्यालय तक भीख मांगी। भ्रष्टाचार के खिलाफ स्लोगन लिखी तख्तियां गले में डाल कर और हाथों में कटोरा लेकर भीख मांगी। भीख में एकत्र हुए धनराशि किसानों ने चकबंदी विभाग कार्यालय के स्टाफ की मेज पर रख दी और अपने रुके हुए कार्यों को करने की मांग की गई।

आंदोलन किसान चकबंदी कार्यालय के बाहर ही धरना देकर बैठ गए। चौधरी दिगंबर सिंह ने कहा कि किसानों का शोषण हो रहा है। चकबंदी विभाग के अफसर भ्रष्टाचार के कारण किसानों को दुखी कर रहे हैं। किसानों पर पैसे नहीं है। इसलिए उन्हें भीख मांगने की जरूरत पड़ी है।

उन्होंने कहा कि जब तक भ्रष्टाचार में लिप्त चकबंदी विभाग के अधिकारियों को हटाया नहीं जाता और किसने की समस्याओं को दूर नहीं किया जाएगा तब तक वह शहर में भीख मांगेंगे और जिलाधिकारी अन्य अधिकारियों से भी भीख मांग कर चकबंदी विभाग के अफसर को देंगे। दिगंबर सिंह ने कहा है कि कई विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है। कार्यालयों में किसान और आम जनता का शोषण कर रहा है।

यूपी में एमएसएमई रोजगार और स्वरोजगार की संभावना वाला सबसे बड़ा प्रदेश बनकर उभरा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वित्त वर्ष समापन से पहले लोन वितरण कार्यक्रम पिछले साल की तुलना में 2 गुना है और पिछले 7 साल से तुलना करें तो 10 गुना ज्यादा लोन बांटा गया है। ये उत्तर प्रदेश की आर्थिक उन्नति का सबसे सशक्त और सटीक संकेतक हैं। इसके लिए बैंकों को भी मैं बधाई देता हूं।

विश्वकर्मा श्रम सम्मान और एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत टूल किट दिए गए हैं। प्रदेश का 11वां और उन्नाव का पहला प्लेज पार्क भी तैयार हो गया है। मुख्यमंत्री योगी एमएसएमई क्षेत्र के विस्तार हेतु 30,826 करोड़ के मेगा ऋण वितरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र प्रदेश के अंदर युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार के संभावना वाला सबसे बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है। एक जिला एक उत्पाद की योजना उत्तर प्रदेश में 2018 में लागू की थी और विश्वकर्मा सम्मान योजना 2019 में लागू की थी।

उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने एमएसएमई सेक्टर में पहली बार प्राइवेट औद्योगिक पार्कों का विकास किया जिनका आकार 10 एकड़ से 50 एकड़ तक है। उत्तर प्रदेश के बारे में जो खराब धारणा थी उसे धीरे-धीरे खत्म किया है। अपनी सामर्थ्य से हमने सभी का जवाब दे दिया है। अब हमें किसी के सामने जवाब देने की जरूरत नहीं पड़ती। हमारा काम ही हमारा जवाब दे रहा है। यूपी अनलिमिटेड पोटेंशियल का राज्य था पर कुछ लोगों ने उसे बीमारू बना दिया था।

देश का पहला राज्य है जिसने अपनी एमएसएमई यूनिट को पांच लाख रुपये तक की सुरक्षा दी है। एमएसएमई सेक्टर में अभी तक 40 लाख इकाइयों का पंजीकरण इस योजना के तहत हो चुका है अब इसे जिला उद्योगों के जरिए और तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।

अधीर रंजन चौधरी का कानून मंत्रालय को पत्र, चुने गए चुनाव आयुक्त के उम्मीदवारों के बारे में मांगी जानकारी

निर्वाचन आयोग में दो नए आयुक्तों की नियुक्ति जल्द हो सकती है। प्रधानमंत्री की अगुआई में चयन समिति की बैठक 15 मार्च को ही बुलाई गई है। माना जा रहा है कि निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के बाद ही लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होगा। यानी चुनावी कार्यक्रमों की घोषणा के लिए पांच छह दिन और इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि समिति की बैठक से पहले कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर सूची में शामिल किए गए उम्मीदवारों के दस्तावेजों और उनके बारे में जानकारी मांगी है।

विधायी विभाग के सचिव राजीव मणि को लिखे पत्र में चौधरी ने उनसे चुनाव आयुक्त पद के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों के बारे में उनके बायोडाटा के साथ जानकारी भेजने को कहा है। चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए गठित समिति में शामिल कांग्रेस नेता ने कानून मंत्रालय के अधिकारियों से केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) की नियुक्ति और सूचना आयुक्तों समेत अन्य शीर्ष अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया का पालन करने को कहा है। बता दें, अधीर रंजन चौधरी सीआईसी और सीवीसी के चयन के लिए पीएम के नेतृत्व वाली समितियों के सदस्य भी हैं।

कल होगी बैठक
बताया जा रहा है कि दो चुनाव आयुक्तों का चयन करने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त पैनल की बैठक 14 मार्च को दोपहर 12 बजे होगी।

राष्ट्रपति के पास भेजे जाएंगे नाम
ये समिति निर्वाचन आयुक्त के लिए सर्वसम्मति या बहुमत के आधार पर दो नाम तय करेगी। दोनों नाम राष्ट्रपति के पास भेजे जाएंगे। फिर राष्ट्रपति आधिकारिक तौर पर उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी करेंगे। इससे पहले अनूप चंद्र पांडेय की सेवानिवृत्ति और फिर अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग में केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ही बचे हैं। आयुक्त अनूप चंद्र पांडे 65 वर्ष की आयु पूरी करने पर 14 फरवरी को सेवानिवृत्त हो गए थे।

EC को चुनावी बॉन्ड से जुड़ी क्या जानकारी सौंपी, SBI ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर खुद बताया

नई दिल्ली: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने आदेश के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड्स से जुड़ी जानकारियां निर्वाचन आयोग को सौंप दी हैं। बैंक की चेयरमैन ने कहा कि उनकी तरफ से आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वालों के नाम के साथ-साथ कितने के बॉन्ड खरीदे गए।

बैंक की तरफ से बताया गया कि उसने चुनाव आयोग को इन चुनावी बॉन्ड के भुगतान की तारीखों की जानकारी दी है। साथ ही उन राजनीतिक दलों का नाम भी बताया गया है, जिनको इसके जरिए चंदा दिया गया। इसके साथ ही किस दानकर्ता ने कितना चंदा दिया, उसकी वैल्यू के बारे में भी जानकारी मुहैया कराई गई है।

एक अप्रैल 2019 से कितने चुनावी बॉन्ड खरीदे गए
स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एक अप्रैल 2019 से लेकर इस साल 15 फरवरी तक राजनीतिक दलों को दान के लिए 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए। इनमें से 22,030 को राजनीतिक दलों की तरफ से भुगतान के लिए दिया गया।

नहीं छोड़ पा रहे हैं सिगरेट पीना तो करें ये योगासन, धूम्रपान की लत से मिलेगा छुटकारा

ये बात तो हर कोई जानता है कि सेहत के लिए धूम्रपान नुकसानदायक है, हालांकि ये जानते हुए भी लोग सिगरेट बीड़ी पीते हैं और इसकी लत में आ जाते हैं। सिगरेट पीने से कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों के रोग, मधुमेह आदि बीमारियों से लोग ग्रसित हो जाते हैं।

बीमारियों की चपेट में आने के बाद भी सिगरेट-बीड़ी की आदत से छुटकारा पाना लोगों के लिए आसन नहीं होता। वह चाहते हुए भी धूम्रपान की लत छोड़ नहीं पाते और स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं गंभीर होती जाती हैं। धूम्रपान और सिगरेट के सेवन से होने वाले नुकसान के प्रति सचेत करने के उद्देश्य से हर साल 13 मार्च को नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। इस मौके पर लोगों को सिगरेट की आदत छुड़ाने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाता है।

अगर आप भी सिगरेट-बीड़ी या किसी तरह के धूम्रपान का सेवन करते हैं तो उसे आज से ही छोड़ने का निश्चय कर लें ताकि स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से दूर रह सकें। हालांकि अगर सिगरेट की लत छोड़ने में मुश्किल आ रही है तो कुछ नुस्खे अपना सकते हैं। साथ ही योगासनों के अभ्यास से भी धूम्रपान की लत छुड़ा सकते हैं। योग मानसिक स्थिति को मजबूत बनाता है, ध्यान केंद्रित करता है और धूम्रपान की इच्छा को भी कम करने में सहायक है। आइए जानते हैं सिगरेट-बीड़ी छोड़ने के लिए किन योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं।

कपालभाति प्राणायाम

धूम्रपान की लत छोड़ना चाहते हैं तो कपालभाति प्राणायाम की आदत बना लें। कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इससे रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र व्यवस्थित करने में मदद मिलती है। कपालभाति मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ावा देता है, जिससे धूम्रपान की इच्छा कम होने लगती है।

भुजंगासन

सिगरेट-बीड़ी के सेवन से कई बीमारियों का खतरा रहता है। इस खतरे को कम करने के लिए धूम्रपान की लत को छुड़ाने के लिए मन पर काबू पाने की जरूरत होती है। भुजंगासन का अभ्यास मन को शांत रखने में मदद करता है। इस आसन से पीठ व कमर दर्द की समस्या से भी राहत मिलती है।

बालासन

सिगरेट पीने से खुद के साथ आसपास के लोगों को भी स्वास्थ्य जोखिम रहता है। इससे कई तरह के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। प्रजनन संबंधी समस्याएं, त्वचा संबंधी बीमारियां, नर्व सिस्टम कमजोर हो सकता है। बालासन इन जोखिमों से बचाने के लिए धूम्रपान की आदत छुड़वाने में कारगर हो सकता है। इस आसन के अभ्यास से तंत्रिका तंत्र और तनाव शांत कर सकते हैं। पेट व कमर की समस्याओं से राहत पा सकते हैं। साथ ही शरीर को उर्जावान बनाए रखने में भी बालासन असरदार है।

हर आउटफिट में खूबसूरत लगती हैं कृति खरबंदा, स्टाइलिश दिखने के लिए आप भी लें टिप्स

बॉलीवुड जगत में आजकल शादी का सीजन चल रहा है। कुछ दिन पहले ही रकुल प्रीत और जैकी भगनानी ने गोवा में सात फेरे लिए थे। अब खबर आ रही है कि, ‘फुकरे’ एक्टर पुलकित सम्राट जल्द ही अपनी लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड कृति खरबंदा के साथ सात फेरे लेने के लिए तैयार हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो दोनों हरियाणा के मानेसर में एक भव्य रिसॉर्ट में शादी करेंगे। इनकी शादी की रस्में 13 मार्च से शुरू होकर 16 मार्च तक चलेंगी।

फिल्मों में अपनी अलग पहचान बनाने वालीं अभिनेत्री कृति खरबंदा का हर अंदाज लोगों को काफी पसंद आता है। लोगों को अब बेसब्री से उनके वेडिंग लुक का इंतजार है। हर कोई उन्हें दुल्हन के जोड़े में देखना चाहता है। कृति खरबंदा एक ऐसी एक्ट्रेस हैं, जो हर लुक में बेहद ही खूबसूरत लगती हैं। अगर आप भी अपना लुक बदलने का सोच रही हैं, तो कृति के लुक्स से टिप्स ले सकती हैं।

लहंगा

ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि कृति अपनी शादी में लहंगा ही पहनेंगी। उनका लहंगा लुक तो वैसे भी काफी प्यारा होता है। अपनी फिल्मों में भी अक्सर उन्हें लहंगा पहने देखा जाता है। इस पीले रंग के लहंगे में कृति बेहद प्यारी दिख रही हैं।

साड़ी

साड़ी में वो अक्सर अपना ग्लैमरस अंदाज दिखाती रहती हैं। अगर आप भी उन्हीं की तरह दिखना चाहती हैं तो डीपनेक और स्लीवलेस ब्लाउज अपने लिए बनवा सकती हैं। इसके साथ अपने बालों को खुला रखें। ताकि आपका लुक खूबसूरत दिखे।

को-ऑर्ड सेट

आजकल लड़कियों को को-ऑर्ड सेट पहनना काफी पसंद होता है। ऐसे में आप उनके लुक से टिप्स लेकर अपने लिए को-ऑर्ड सेट खरीद सकती हैं। इस तरह का को-ऑर्ड सेट आपको आसानी से बाजार में मिल जाएगा।

शरारा सूट

अगर आपको भी आरामदायक कपड़े पहनना पसंद है तो ऐसा शरारा आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। ऐसा स्लीवलेस शरारा सूट आपकी खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करता है।

स्लिट गाउन

एथनिक के साथ-साथ कृति का वेस्टर्न लुक भी काफी खूबसूरत होता है। इवेंट्स में वो इस तरह का स्लिट गाउन पहनकर जाती हैं। अगर आप भी उन्हीं की तरह ग्लैमरस दिखने का सोच रहीं हैं, तो इस तरह का स्लिट गाउन अपने लिए तैयार करा सकती हैं।

आज है नो स्मोकिंग डे, जानिए धूम्रपान से होने वाले स्वास्थ्य जोखिम और इससे बचाव के तरीके

आज धूम्रपान निषेध दिवस है। धूम्रपान और सिगरेट का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक है। सिगरेट के सेवन से हृदय, फेफडों पर नकारात्मक असर पड़ता है। कैंसर, मधुमेह, नपुंसकता और गर्भवती महिलाओं और भ्रूण को जोखिम हो सकता है। सिगरेट से होने वाले जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए और सिगरेट-बीड़ी की आदत से छुटकारा दिलाने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। आइए जानते हैं नो स्मोकिंग डे के इतिहास, थीम और स्मोकिंग से होने के नुकसान के बारे में।

नो स्मोकिंग डे का इतिहास

नो स्मोकिंग डे मार्च के दूसरे बुधवार को मनाया जाता है। इस वर्ष नो स्मोकिंग डे 13 मार्च 2024 को मनाया जा रहा है। इस दिन का इतिहास लगभग 40 साल पुराना है। 1984 में ब्रिटेन में नो स्मोकिंग के नाम से एक चैरिटी बनाई गई थी। इसका काम धूम्रपान से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को उजागर करना और धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना था। बाद में इसे नो स्मोकिंग डे के नाम से पूरी दुनिया में मार्च के दूसरे बुधवार में मनाया जाने लगा।

नो स्मोकिंग डे की थीम

हर साल सिगरेट व धूम्रपान के सेवन को रोकने के उद्देश्य से नो स्मोकिंग डे एक खास विषय पर आधारित मनाया जाता है। इस साल नो स्मोकिंग डे 2024 की थीम, ‘बच्चों को तंबाकू प्रोडक्ट्स से बचाना’ है।

सिगरेट पीने के नुकसान

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी ) के मुताबिक, सिगरेट शरीर के लगभग सभी अंगों को नुकसान पहुंचाती है। अध्ययन से पता चलता है कि धूम्रपान से दर्जनभर से अधिक बीमारियों का जोखिम बना रहता है। आइए जानते हैं सिगरेट पीने के नुकसान।

फेफड़े का कैंसर

सिगरेट के सेवन से फेफड़ों पर सबसे तेजी से असर होता है। सिगरेट फेफड़े को खराब कर देती है। इसे फेफड़ों के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। वहीं फेफड़े के कैंसर से होने वाली 10 में से लगभग 9 मौतें धूम्रपान के कारण होती हैं।

हृदय रोग का खतरा

अगर आप धूम्रपान करते हैं तो हृदय रोग और स्ट्रोक आदि से मरने की संभावना सामान्य लोगों की तुलना में तीन गुना अधिक बढ़ सकती है। इसके अलावा कई प्रकार के हृदय रोगों का खतरा कम से कम दोगुना हो जाता है।

‘इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए प्रतिभा और मेहनत की जरूरत’, बॉलीवुड राजनीति पर रणवीर का कटाक्ष

अदा शर्मा की सीरीज ‘सनफ्लावर’ के दूसरे सीजन को दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है। इस सीरीज में रणवीर शौरी ने पुलिस वाले की भूमिका निभाई थी। सीरीज को दर्शकों का खूब प्यार मिल रहा है। वही, रणवीर शौरी के किरदार को भी फैंस की खूब सराहना मिल रही है। अब हाल ही में, अभिनेता ने अपनी भूमिका से लेकर स्क्रिप्ट सेलेक्शन तक कई दिलचस्प खुलासे किए है और साथ ही बॉलीवुड की राजनीति को भी उजागर किया है।

इंटरव्यू में रणवीर ने उनके फिल्मी करियर के बारे में पूछा गया तो इसपर अभिनेता ने कहा, ‘यह सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। ‘सोन चिरैया’ मेरे करियर की मुख्य फिल्मों में से एक है। मैंने बीच में ‘मेट्रो पार्क’ और ‘टब्बर’ भी किया। ईमानदारी से कहूं तो मैं बहुत जिद्दी नहीं हूं। मैं जो भी सेलेक्शन करता हूं, वह कुछ भी अच्छा न कर पाने के भय से आती है।’

अभिनेता ने आगे कहा, ‘जब आपको बिलों का भुगतान करना होता है और आपके पास ज्यादा काम नहीं होता है, तो आप जो भी करना पड़े, कर बैठते हैं। मैं किरदार में अलग-अलग शेड्स बनाने और इसे एक जैसा नहीं बनाने के लिए लेखकों को श्रेय देना चाहूंगा।’
ओटीटी में काम करने को लेकर रणवीर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म इंडस्ट्री के लिए एक वरदान हैं क्योंकि थिएटर बहुत भरे हुए हैं और बड़े लोगों के नियंत्रण में हैं। ओटीटी अधिक लोकतांत्रिक है। जैसा कि मैंने सही कहा, मेरा जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है। लोग मुझे भूल जाते हैं या नजरअंदाज कर देते हैं। 2022 में मैंने बहुत काम किया, 2023 में फिर मेरे पास कम काम रह गया और मुझे नहीं पता कि 2024 कैसे जाएगा। यह एक रोलर कोस्टर की सवारी है।’

बॉलीवुड और बड़े स्टार्स पर कटाक्ष करते हुए रणवीर ने कहा, ‘इस इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए केवल प्रतिभा और कड़ी मेहनत की जरूरत नहीं है। किसी को यह जानना होगा कि मार्केटिंग और नेटवर्क कैसे बनाया जाए। मुझे लगता है कि मैं इसमें अच्छा नहीं हूं। मुझे नहीं पता कि राजनीति से कैसे निपटना है।’

रीना-आमिर के तलाक पर पहली बार किरण राव ने दिया बड़ा बयान, बोलीं- मेरी वजह से नहीं हुआ था अलगाव

किरण राव इन दिनों अपनी फिल्म ‘लापता लेडीज’ के लिए सुर्खियां बटोर रही हैं। इस फिल्म का निर्माण उन्होंने अपने पूर्व पति आमिर खान के साथ मिलकर किया है। ‘लापता लेडीज’ के प्रमोशन के दौरान अक्सर आमिर और किरण एक साथ देखे जा रहे है। हाल ही में किरण अपनी निजी जिंदगी के बारे में मीडिया से खुलकर बातें करती दिखीं।

मैं नहीं थी रीना-आमिर के तलाक की वजह
आमिर खान ने अपनी पहली पत्नी रीना दत्ता से साल 2002 में तलाक ले लिया था। तलाक के बाद कुछ लोगों का कहना था कि आमिर ने किरण राव की वजह से तलाक लिया। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान किरण ने कहा, ‘लोगों को लगता है कि मेरी वजह से आमिर का तलाक हुआ, लेकिन यह गलत है। मैंने और आमिर ने फिल्म ‘लगान’ की शूटिंग के दौरान एक-दूसरे को डेट करना शुरू नहीं किया था। लोग सोचते हैं कि मैं ‘लगान’ में सहायक निर्देशक थी और इसी दौरान हम करीब आए।’

साल 2004 में शुरू हुई थी हमारी कहानी
किरण ने आगे कहा, ‘शायद कोई इस बात पर यकीन नहीं करेगा, लेकिन ‘लगान’ की शूटिंग के दौरान मुश्किल से हमारी दो-तीन बार बात हुई होगी। हमने साल 2004 में पहली बार एक दूसरे के साथ बाहर जाना शुरू किया था। उन दिनों आमिर ‘मंगल पांडे’ की शूटिंग कर रहे थे।’

पुराने दिनों को याद कर भावुक हुईं स्मृति, बोलीं- पर्सनैलिटी नहीं मजबूरी में बनी तुलसी वीरानी

आज स्मृति ईरानी किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। वे अभिनेत्री से बन चुकी हैं, लेकिन लोग आज भी उन्हें उनके निभाए किरदार ‘तुलसी वीरानी’ के नाम से पहचानते हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान वे अपने पुराने दिनों को याद करती नजर आईं। उन्होंने अपने शुरूआती दिनों के संघर्ष को मीडिया से साझा किया।

पर्सनैलिटी नहीं मजबूरी में बनीं तुलसी
स्मृति ईरानी ने टेलीविजन इंडस्ट्री में एकता कपूर के हिट शो ‘क्योंकि सास भी कभी थी’ से डेब्यू किया था। उन दिनों को याद करते हुए स्मृति कहती हैं, ‘मुझे अच्छी तरह याद है मैं तब मैकडॉनल्ड्स 1800 रुपये प्रति माह कमा रही थी। उन्हीं दिनों मैं किसी काम से एकता कपूर के ऑफिस में गई थी। वहां एकता के ज्योतिष भी बैठे हुए थे। उन्होंने मुझे देखा और एकता से कहा कि इसके साथ काम करो, देखना एक दिन ये टेलीविजन इंडस्ट्री का बड़ा चेहरा बनेगी। एकता ने अपने ज्योतिष की बात मान ली और मुझे उन्होंने ‘तुलसी’ के किरदार के साइन कर लिया था।’

मैकडॉनल्ड्स में सफाईकर्मी का काम किया
स्मृति ईरानी अपनी बात जारी रखते हुए कहती हैं, ‘मैं उन दिनों एक महीने का 1800 रुपये कमाती थी और ‘तुलसी’ का किरदार निभाने के लिए मुझे एक दिन के 1800 रुपये मिलने वाले थे। मुझे इससे ज्यादा क्या चाहिए था। मैं तब मैकडॉनल्ड्स में सफाईकर्मी की नौकरी कर रही थी।’

मजदूरी से मशहूर होने का सफर
स्मृति ईरानी के लिए ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ वरदान साबित हुआ। इस सीरियल की वजह से वे घर-घर लोकप्रिय हो गईं। ‘तुलसी वीरानी’ के किरदार ने उनकी जिंदगी को बदल दिया।