Friday , October 25 2024

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कंटेंट की जिम्मेदारी लें, चुनाव के वाद डीपफेक के खिलाफ आएगा कानून

केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डिजिटल प्लेटफॉर्म फेसबुक की मूल कंपनी मेटा, गूगल, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट सहित अन्य को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा है कि उनके प्लेटफॉर्म पर जो भी कंटेंट पब्लिश होते हैं, वे उनकी जिम्मेदारी लेना शुरू करें और समाज और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने वाली गलत सूचनाओं का मुकाबला करने के लिए तकनीकी और व्यावसायिक प्रक्रिया समाधान तैयार करें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार डीपफेक और गलत सूचनाओं से निपटने के लिए एक सुविचारित कानूनी ढांचे को चुनाव के बाद अंतिम रूप देगी।

उन्होंने कहा कि भारत जैसे जीवंत और विविधतापूर्ण लोकतंत्र में गलत सूचना वास्तव में बहुत हानिकारक हो सकती है। यह समाज के लिए, लोकतंत्र के लिए, चुनावी प्रक्रिया के लिए हानिकारक हो सकता है और यह वास्तव में हमारे भविष्य और समाज के सद्भाव को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है जिसमें सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली गलत सूचनाओं और डीपफेक के प्रति जीरो टॉलरेंस पर जोर दिया गया है। “हम सोशल मीडिया कंपनियों के साथ अपनी चर्चाओं में बहुत स्पष्ट रहे हैं। उन्होंने कई कदम उठाए हैं, वे लगातार कई कदम उठा रहे हैं और चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद, हम निश्चित रूप से बहुत अच्छी तरह से विचार-विमर्श के साथ सामने आएंगे।”

यशस्वी जायसवाल का दोहरा शतक नहीं, बल्कि कोच राहुल द्रविड़ के लिए यह था सीरीज का सबसे खास पल

भारत और इंग्लैंड के बीच जब टेस्ट सीरीज की शुरुआत हुई थी और टीम इंडिया को हैदराबाद में खेले गए पहले टेस्ट में 28 रन से हार मिली थी, तो रोहित शर्मा की कप्तानी की जमकर आलोचना हुई थी। तब बेन स्टोक्स को बेहतर कप्तान और ‘बैजबॉल’ को सबसे बेहतर रणनीति बताया गया था। हालांकि, जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ती गई और टीम इंडिया ने 4-1 से सीरीज अपने नाम की, वैसे-वैसे बैजबॉल की रणनीति फिसड्डी साबित हुई। साथ ही रोहित हीरो और बेहतर कप्तान बनकर उभरे।

 

रोहित एंड कंपनी ने बैजबॉल को ध्वस्त कर दिया। इस जीत से सबसे ज्यादा खुश टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ नजर आए और पांचवें टेस्ट के बाद उन्होंने इस युवा टीम की जमकर तारीफ की। मैच के बाद उनसे टूर्नामेंट के सबसे खास पल के बारे में भी पूछा गया। हालांकि, द्रविड़ ने यशस्वी जायसवाल के दोहरे शतक को न चुनते हुए एक ऐसे पल को चुना जिसने वाकई बीसीसीआई के प्रति फैंस के प्यार को और बढ़ा दिया था।’प्यारी टीम के साथ काम करने का मौका मिला’

मैच के बाद द्रविड़ ने कहा- मुझे एक प्यारी टीम के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है। मैं हर समय उनसे कुछ न कुछ सीख रहा हूं। रोहित के साथ काम करना शानदार रहा है। मुझे लगता है कि वह शानदार कप्तान हैं और युवा खिलाड़ी उनकी तरफ आकर्षित होते हैं जो देखना शानदार है।’ द्रविड़ ने कहा कि भारत ने सीरीज में जीत दर्ज की और टीम में कई शानदार लम्हें आए, लेकिन फैमिली इमरजेंसी से रविचंद्रन अश्विन की वापसी पूरे टूर्नामेंट का सबसे खास पल था।

उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि अश्विन ने इतना कुछ सहने के बाद जिस तरह से टीम में वापसी की (स्टैंड-आउट मोमेंट के रूप में) वह खास था। वह पारिवारिक आपातकाल के बावजूद वापस आना चाहते थे और टीम की जीत में योगदान देना चाहते थे। मुझे लगता है, मेरे लिए यह दर्शाता है कि यह टीम किस ओर बढ़ रहा है और इस टीम का चरित्र क्या है। मुझे लगता है कि यह मेरे लिए इस सीरीज का सबसे खास पल था। जिस तरह का माहौल तैयार किया गया है, उसके कोच के रूप में यह वास्तव में आपके दिल को खुश करता है।

अश्विन घर लौटे थे

अश्विन को राजकोट में तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन पारिवारिक आपात स्थिति के कारण चेन्नई जाना पड़ा था, लेकिन अनुभवी ऑफ स्पिनर तीसरे टेस्ट के चौथे दिन एक्शन में वापस आ गए थे। भारतीय टीम के दरवाजे ईशान किशन और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ियों के लिए अब बंद करने की बात हो रही है क्योंकि उन्होंने रणजी ट्रॉफी में खेलने के बीसीसीआई के फरमान की अवहेलना की थी, लेकिन द्रविड़ ने इसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘रोहित और मैं प्लेइंग-11 का चयन कर रहे हैं। कई बार मैं यह भी नहीं जानता कि कौन अनुबंधित है और कौन नहीं। इसलिए कोई भी टीम इंडिया में आने के परिदृश्य से बाहर नहीं है।’

कुलदीप को लेकर द्रविड़ का बयान

कुलदीप यादव ने रिस्ट स्पिन से कहर बरपाया और जरूरत पड़ने पर लोअर ऑर्डर में सूझबूझ वाली बल्लेबाजी भी की। कुलदीप में सुधार को देखकर द्रविड़ काफी खुश थे। उन्होंने कहा, ‘कुलदीप यादव के लिए यह मुश्किल था। वह ऐसे समय में गेंदबाजी कर रहे हैं जब दो दिग्गज (अश्विन और रविंद्र जडेजा) टीम के लिए खेल रहे हैं। वह टीम में एक्स-फैक्टर लेकर आते हैं। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर भी कड़ी मेहनत की है जो बोनस है।’

रमजान शुरू होने से पहले पाकिस्तान में बढ़ने लगे खाद्य पदार्थों के दाम, दो से तीन गुना तक बढ़ी कीमत

मुसलमानों का पवित्र महीना रमजान शुरू होने वाला है। पाकिस्तान में पहले से ही सब्जियों, दूध, चीनी, खाद्य तेल, घी, मांस, अंडे और दालों की कीमतों में दो से तीन गुना तक बढ़ोतरी देखने को मिली है। अब रमजान के लिए पाकिस्तान के लोग खुद को आवश्यक वस्तुओं की बढ़ोतरी के लिए तैयार कर रहे हैं।

रमजान के महीने में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी
कुछ भ्रष्ट व्यापारियों द्वारा जल्दी पैसा कमाने की कोशिश के कारण देश भर में सभी वस्तुओं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। इससे निम्न और मध्यम आय वाले उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रमजान महीने में कीमतों में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हाल के महीनों में सामान्य तौर पर 31.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और कई खाद्य पदार्थों की दरों में रमजान से पहले ही 60 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है।

सब्जियों और फलो के दामों में भारी वृद्धि
रमजान के कारण पाकिस्तान में प्याज की कीमत 150 पीकेआर (पाकिस्तानी रुपये) से बढ़कर अब 300 रुपये तक हो गई हैं। हालांकि, कुछ विक्रेता इसमें थोड़ी छूट देकर इसे 250 पीकेआर प्रति किलो से बेच रहे हैं। इसके अलावा फल, सब्जियों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भी वृद्धि हुई है। आलू की कीमत 50 पीकेआर से बढ़कर 80 रुपये तक हो चुकी है।

वहीं गोभी की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली। रमजान के कारण गोभी की कीमत 80-100 पीकेआर किलो से बढ़कर 150 पीकेआर हो गई है। हरी मिर्च को यहां 200 पीकेआर के बदले 320 पीकेआर प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है। शिमला मिर्च भी 400 पीकेआर प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है। हालांकि, पलक की कीमत में कोई वृद्धि नहीं हुई है।

रमजान के महीने में फलों की बिक्री बढ़ जाती है। छोटे आकार के केले की कीमत 80 पीकेआर से बढ़कर 120 पीकेआर प्रति दर्जन हो गई है। वहीं अच्छे गुणवत्ता वाले बड़े केले 200 पीकेआर प्रति दर्जन पर बेचे जा रहे हैं। सेव की कीमत भी बढ़कर 200 पीकेआर हो गई है। खरबूजे की कीमत भी बढ़कर 150-200 पीकेआर हो चुकी है।

वर्जीनिया की सीनेट में भारतवंशी पत्रकार का सम्मान, काम की सराहना करते हुए सर्वसम्मति से पारित हुआ प्रस्ताव

भारतीय-अमेरिकी पत्रकार टी विष्णुदत्त जयरामन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दरअसल, वर्जीनिया के सदन ने जयरामन के पत्रकारिता और विदेश नीति के प्रति समर्पण के लिए उनके काम की सराहना करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव भारतीय अमेरिकी सांसद सुहास सुब्रमण्यम ने चार मार्च को पेश किया था। बता दें, सुब्रमण्यम वर्जीनिया के 10वें कांग्रेस निर्वाचन क्षेत्र से अमेरिकी कांग्रेस के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार भी हैं। बाद में आठ मार्च को सदन ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया।

सीनेट में जयरामन का परिचय देते हुए सुब्रमण्यम ने पत्रकारिता और विदेश नीति के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। साथ ही उन्हें सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रतिष्ठित अशोक पुरस्कार प्राप्त करने वाले पत्रकार के रूप में संदर्भित किया। सुब्रमण्यम ने कहा कि जयरामन को 27 जनवरी को अमेरिका में तत्कालीन भारतीय राजदूत तरणजीत संधू और वर्जीनिया के लेफ्टिनेंट गवर्नर एवं सदन के अध्यक्ष विनसम सियर्स ने भारतीय प्रवासियों के लिए मीडिया कवरेज करने और अमेरिका-भारत संबंधों को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्रदान किया था।

पिछले साल मिला था पुरस्कार
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल एवं भारतीय सेना के 22वें सेनाध्यक्ष जनरल जे.जे. सिंह और भारत के पूर्व गृह एवं पर्यटन मंत्री सुबोध कांत सहाय ने जयरामन को पिछले साल सात दिसंबर को नई दिल्ली में अशोक पुरस्कार दिया था।

यहां भी कर चुके हैं काम
तमिलनाडु के चेन्नई में जन्मे जयारमन को जे. टी. विष्णु के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अमेरिका जाने से पहले नई दिल्ली में कई मीडिया हाउसों के साथ काम किया था। उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सार्वजनिक सूचना विभाग में भी काम किया और ‘यूएन इयरबुक’ और ‘यूएन क्रॉनिकल’ सहित कई प्रकाशनों में योगदान दिया।

इतने पढ़े लिखे हैं पत्रकार जयरामन
जयरामन ने चेन्नई के लोयोला कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है। उनके पास पत्रकारिता और जनसंचार में परास्नातक डिग्री है। मद्रास विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय प्रशासन और संयुक्त राष्ट्र में पीएचडी की हुई है। उनके पास न्यू जर्सी के सेटन हॉल विश्वविद्यालय से कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में परास्नातक की डिग्री भी है।

26 साल की उम्र में एडल्ट स्टार सोफिया लियोन का निधन, अपार्टमेंट में मिली थीं बेहोश

एडल्ट फिल्म स्टार सोफिया लियोन का निधन हो गया है। 26 साल की सोफिया इस महीने की शुरुआत में अपने अपार्टमेंट में बेहोश मिली थीं। सौतेले पिता माइक रोमेरो ने उनके निधन की पुष्टि की है। फिलहाल मौत का कारण सामने नहीं आया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

एडल्ट स्टार की मौत के बाद उठे सवाल
काफी समय से एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री से निधन की खबरें सामने आ रही हैं। जनवरी में थैना फील्ड्स अपने घर में मृत पाई गईं और फरवरी में 36 साल की कैग्नी लिन कार्टर ने आत्महत्या कर ली थी। अब एडल्ट फिल्म स्टार सोफिया लियोन का निधन हो गया है। सोफिया की मौत के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एडल्ट फिल्म स्टार्स कम उम्र में ही अचानक से क्यों मर रहे हैं? पिछले तीन महीने में ये तीसरा मामला है जब किसी एडल्ट स्टार की मौत हुई है।

अपार्टमेंट में मिली थीं बेहोश
सौतेले पिता ने गोफंडमी पर उनके मेमोरियल के लिए पैसे की मांग की है। उन्होंने कहा कि सोफिया एक मार्च को अपने अपार्टमेंट में बेहोश मिली थीं। फिर उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पुलिस जांच कर रही
रोमेरो ने कहा, ‘उसकी मां और परिवार की ओर से मुझे हमारी सोफिया के निधन की खबर साझा करनी पड़ रही है। सोफिया की अचानक मौत ने परिवार और दोस्तों को अंदर तक झकझोर कर रख दिया है।’ उन्होंने यह भी बताया कि मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस जांच कर रही है।

पाकिस्तान का राष्ट्रपति बनने पर जरदारी को शी जिनपिंग ने दी बधाई, कहा- हमारी दोस्ती दुनिया की पसंद

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आसिफ अली जरदारी को पाकिस्तान का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि फौलाद जैसी मित्रता इतिहास की पसंद है और विश्व में मौजूदा बदलाव के मद्देनजर इन संबंधों का रणनीतिक महत्व और बढ़ गया है। जिनपिंग ने इससे पहले शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी थी।

आसिफ अली जरदारी को जिनपिंग ने दी बधाई
बता दें कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी शनिवार को देश के 14वें राष्ट्रपति चुने गए और देश में दूसरी बार इस पद पर पहुंचने वाले पहले असैन्य व्यक्ति हैं। इससे पहले, वह 2008 से 2013 तक इस पद रहे थे। 68 वर्षीय जरदारी पीपीपी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के संयुक्त उम्मीदवार थे।

चीनी मीडिया के अनुसार, जिनपिंग ने जरदारी से कहा, “चीन और पाकिस्तान अच्छे पड़ोसी, अच्छे दोस्त, अच्छे साझेदार और अच्छे भाई हैं। दोनों देशों की फौलाद जैसी दोस्ती इतिहास की पसंद और दोनों के लिए एक अनमोल खजाना है।” उन्होंने आगे कहा, “दोनों देशों ने हाल के वर्षों में करीबी उच्च स्तरीय आदान-प्रदान बनाए रखा है, अपने मूल हितों और प्रमुख चिंताओं से जुड़े मुद्दों पर एक-दूसरे का समर्थन किया है, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के निर्माण में सार्थक परिणाम प्राप्त किए हैं और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया है।”

मोदी दूसरी मिट्टी का इंसान है, इन विकास कार्यों को चुनावी चश्मे से न देखें

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले चुनाव के समय जनता की आंख में धूल झोंकने के लिए नेता घोषणाएं कर देते थे, बाद में कोई पूछने वाला नहीं होता था। जांच करने पर पता लगता कि 30-35 साल पहले घोषणा हुई थी, पत्थर गाड़ दिए गए थे। बाद में पत्थर भी खो जाते और नेता भी खो जाते थे।

मगर आज देश देख रहा है कि मोदी दूसरी मिट्टी का इंसान है। हमने 2019 में जो शिलान्यास किए, आज उसे धरातल पर उतारा जा चुका है। 2024 में भी कोई मेहरबानी करके इन विकास कार्यों को चुनावी चश्मे से न देखे। ये विकास की मेरी अनंत यात्रा का अभियान है। मैं 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने का संकल्प लेकर तेज गति से दौड़ रहा हूं और देश को भी तेज गति से दौड़ा रहा हूं।

यूपी की पहचान रिकॉर्ड निवेश और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से हो रही
पीएम मोदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि बीते वर्षों में डबल इंजन सरकार ने यूपी में लाखों करोड़ के विकास कार्य कराए हैं। इससे न सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर बदला है बल्कि युवाओं के लिए लाखों नए अवसर बने हैं। आज यूपी की पहचान रिकॉर्ड निवेश और ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी से हो रही है।

यूपी की चर्चा एक्सप्रेस- वे, बेहतर कानून व्यवस्था से हो रही है। अयोध्या में राम मंदिर का सदियों पुराना इंतजार भी समाप्त हो गया है। बनारस, मथुरा, कुशीनगर के विकास से यूपी में पर्यटन तेजी से बढ़ा है, इसका लाभ पूरे प्रदेश को मिल रहा है। यही गारंटी 10 साल पहले दी थी, जो आज पूरी हो रही है।

तुष्टिकरण का जहर भी कमजोर पड़ रहा है
पीएम ने कहा कि यूपी जैसे-जैसे विकास की बुलंदियों को छू रहा है, तुष्टिकरण का जहर भी कमजोर पड़ रहा है। पिछले चुनाव में आजमगढ़ के लोगों ने दिखा दिया कि परिवारवादी लोग जिसे अपना गढ़ समझते थे उसे दिनेश जैसे एक नौजवान ने ढहा दिया। इसलिए परिवार वादी लोग इतने बौखलाए हुए हैं। आए दिन मोदी को गाली दे रहे हैं। कह रहे हैं कि मोदी का अपना परिवार नहीं है। वो ये भूल जाते हैं कि मोदी का परिवार देश की 140 करोड़ जनता है। आज हिंदुस्तान के हर कोने से आवाज आ रही है, हर कोई कह रहा है कि ‘मैं हूं मोदी का परिवार’।

अखिलेश यादव से मिलने पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय और अविनाश पांडेय, 17 सीटों के नामों पर हुई चर्चा

लखनऊ: लोकसभा 2024 का चुनाव कांग्रेस और सपा इंडिया गठबंधन के बैनर तले लड़ रही है। कांग्रेस को इस गठबंधन में 17 सीटें दी गई हैं। बाकी सीटों पर सपा और उसके छोटे सहयोगी चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस को मिली 17 सीटों में उम्मीदवार तय करने के लिए सपा कार्यालय में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय पहुंचे। इन दोनों ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। इसके पहले कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेसी नेताओं ने प्रत्याशी चयन को लेकर बैठक की।

बैठक से निकलकर कांग्रेस यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि दोनों दलों के नेताओं ने सभी 80 सीटों को जिताने को लेकर चर्चा की। हम साथ में चुनाव प्रचार और रणनीति के लिए भी ऐसे ही आगे मिलते रहेंगे। हमारी कोशिश होगी कि हम यूपी की सभी 80 सीटों पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी को जिताएं।

बैठक के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस के साथ आगे की रणनीति बनाने के लिए आज समन्वय समिति की बैठक हुई थी। ये बैठकें आगे भी होती रहेंगी। इस चुनाव में संविधान के रक्षक एक तरफ होंगे, जबकि भक्षक दूसरी तरफ। बैठक के बाद सपा नेता उदयवीर ने बताया कि कांग्रेस सपा समन्वय समिति की बैठक कल भी होगी। इसमें कांग्रेस को दी गईं 17 सीटों पर तैयारी के बारे में विस्तार से विचार विमर्श होगा। आज भी दोनों ओर से सुझावों का आदान-प्रदान किया गया।

कांग्रेस प्रदेश चुनाव समिति की बैठक
इसके पहले कांग्रेस मुख्यालय में प्रत्याशी चयन को लेकर बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य शामिल हुए। जिसमें प्रमुख रूप से प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी, पूर्व सांसद पी. एल.पुनिया, नेता विधानमंडल दल कांग्रेस आराधना मिश्रा मोना, विधायक वीरेंद्र चौधरी, पूर्व सांसद जफर अली नकवी, और सुप्रिया श्रीनेत्र शामिल हुईं। माना जा रहा है कि इस बैठक में प्रत्याशियों के चयन को लेकर चर्चाएं हुईं।

आठ हजार युवाओं को मिला जॉब ऑफर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चयनित युवाओं को दिए सर्टिफिकेट

लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में रविवार को कौशल महोत्सव रोजगार मेले का समापन हुआ। मुख्य अतिथि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रोजगार मेले में चयनित युवाओं को जॉब ऑफर सर्टिफिकेट दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि रोजगार से युवाओं के बेहतर भविष्य व उनके परिवार की जीवन शैली में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं को खुद के साथ माता-पिता का भी ध्यान रखना चाहिए। कार्यक्रम समापन में रक्षामंत्री के साथ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशार, मुख्य संयोजक नीरज सिंह मंच पर मौजूद रहे।

कार्यकम संयोजक नीरज सिंह ने कहा कि पिछले साल पांच हजार से अधिक युवाओं को नौकरी दी गई। इस बार आठ हजार से अधिक युवाओं को विभिन्न पदों पर जॉब ऑफर दिये गये। युवाओं को बेहतर रोजगार मिले इसके लिए केंद्र व प्रदेश सरकार सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। वह दिन दूर नहीं जब युवा नौकरी मांगने की बजाय नौकरी देने वाले बनेंगे। रोजगार मेले में लखनऊ सहित पूरे प्रदेश के युवा उमड़े।

8500 से अधिक युवाओं ने किया प्रतिभाग
अमेजॉन, एग्रो, जिओ, एसबीआई कार्ड बजाज, कैपिटल, फि्लपकार्ट एक्सिस बैंक, हुंडई मोटर, इंडिगो, डोमिनोज, लुलु इंडिया शॉपिंग मॉल, मैक्स लाइफ श्रीराम फाइनेंस, वी-मार्ट जैसी कंपनियों ने प्रतिभाग किया। एनएसडीसी के अनुसार, पहले दिन 8500 से अधिक युवाओं ने प्रतिभाग किया।

इनमें 5541 का पंजीकरण जबकि 2748 से अधिक उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया। आयोजन के लिए एमबीए, आईटीआई, डिप्लोमा होल्डर्स, ग्रेजुएट, इंटरमीडिएट और हाईस्कूल सहित विभिन्न शैक्षिक योग्यता वाले युवाओं ने पंजीकरण कराया। यह मेला पीएमकेके, पीएमकेवीवाई, अप्रेंटिसशिप और कई कौशल विकास योजनाओं से संबंधित उम्मीदवारों के लिए भी खुला रहेगा।

विप्रो व भारती एयरटेल के लिए प्लेसमेंट ड्राइव 18 व 19 को
विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए विप्रो और भारती एयरटेल जैसी नामी कंपनियों में नौकरी पाने का मौका है। विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय के प्लेसमेंट सेल की ओर से प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन होगा।

जंगलों में आग से निपटने के लिए NDRF की विशेष टीम तैनात, विदेश से प्रशिक्षण कराने की मांग

नई दिल्ली : जंगल की आग से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम ने 150 कर्मियों की पहली टुकड़ी को तैनात किया है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस क्षेत्र में विदेश से प्रशिक्षण कराने की अनुमति मांगी है। 2022 में संसदीय पैनल ने जंगल की आग पर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने बताया था कि जंगल की आग आधिकारिक तौर पर विशेष राष्ट्रीय बल द्वारा निपटने वाली आपदाओं का हिस्सा नहीं है।

जंगल की आग से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम तैयार
एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा, “जंगल की आग से निपटने के लिए टीम तैयार है। हम उन्हें सुसज्जित कर रहे हैं। 50-50 लोगों की तीन टीमें अब गुवाहटी में स्थित हमारी पहली बटालियन, विजयवाड़ा में स्थित 10वीं बटालियन और उत्तराखंड में बटालियन नंबर 15 के साथ तैनात हैं। चौथी टीम को प्रशिक्षित किया जा रहा है।” उन्होंने आगे कहा, “हम गृह मंत्रालय से अनुरोध कर रहे हैं कि उन्हें विदेश से भी प्रशिक्षित किया जाए। उनसे हम जंगल में लगी आग से निपटने के उपाय सीख सकते हैं।”

भारतीय वन सर्वेक्षण की रिपोर्ट
संसदीय पैनल ने जंगल की आग को विश्व स्तर पर एक बढ़ता खतरा बताया है। बता दें कि 2021 में नागालैंड की दजुकोउ घाटी के जंगल में लगी भीषण आग के बाद पैनल ने आग से निपटने के लिए टीम को तैनात करने की सिफारिश की थी। भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, हमारे देश में जंगलों में आग लगना एक नियमित घटना है। यह अक्सर गर्मियों के दौरान देखने को मिलती है। नवंबर 2020 से जून 2021 के बीच देश में जंगलों में आग लगने की चार लाख घटनाएं दर्ज की गई है।